चीन और रूस भले ही अमेरिका को गाहे-बगाहे आंख दिखाते हों, लेकिन अब भी अमेरिका को ही 'दुनिया का बॉस' माना जाता है. आज भी वहां होने वाले फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है. उसी अमेरिका में अगर किसी एक समुदाय को सुपर पावर कहा जा सकता है तो वो है- भारतीय समुदाय. प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में अमेरिका जिस तरह से पलक-पांवड़े बिछा रहा है, उसके पीछे इस समुदाय की सॉफ्ट पावर एक बड़ी वजह है. अमेरिका में प्रेसिडेंट जो बाइडेन के एडमिनिस्ट्रेशन को ही देख लें. उनके एडमिनिस्ट्रेशन में 130 से ज्यादा भारतवंशी अहम पदों पर तैनात हैं.
दरअसल, अमेरिका में भारतीय मूल की आबादी तकरीबन सभी 50 राज्यों में फैली है लेकिन सबसे ज्यादा भारतीय कैलिफोर्निया (20%), न्यू जर्सी (11%), टेक्सास (9%), न्यूयॉर्क (7%) और इलिनोइस (7%) में हैं. पूरे अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की आबादी भी 41 लाख से अधिक है. इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयरर्स (Indian Council of World Affairs) के मुताबिक अमेरिका में सबसे शिक्षित समुदाय भारतीय ही है. उनमें से 79% लोग 25 साल की उम्र तक ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर लेते हैं, जबकि आम अमेरिकियों में यह प्रतिशत महत 31 है. प्रवासी और भारतीय मूल के लोगों की सालाना औसत आय करीब 89 हजार डॉलर है, जबकि अमेरिकी नागरिकों की सालाना आय करीब 50 हजार डॉलर ही है. अब ग्राफिक्स के जरिए कुछ और आंकड़ों पर निगाह डाल लेते हैं, जो अमेरिका में भारतीयों की अहमियत को और साफ कर देगा.

अमेरिका को आम तौर पर पूंजीवादी देश माना जाता है...यहां की बड़ी-बड़ी कंपनियों के अधिकारियों की पहुंच सीधे राष्ट्रपति तक होती है. इस मोर्चे पर भी भारतीयों का कोई सानी नहीं. कुछ नामों पर गौर करते हैं.

इसके अलावा राजनीतिक तौर पर भी भारतीय मूल के लोगों की धमक किसी भी दूसरे प्रवासी समुदाय से कम नहीं है. वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के अलावा पिछले अमेरिकी चुनाव में, वाशिंगटन की प्रमिला जयपाल, कैलिफोर्निया से रो खन्ना और इलिनोइस के राजा कृष्णमूर्ति चुने गए थे. निक्की हेली और विवेक रामास्वामी ने साल 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी दावेदारी ठोक दी है. अमेरिका में 2 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को एक अलग स्तर पर ले जाते हैं. इसके अलावा हॉलीवुड में भी कई भारतीय मूल के लोगों की धमक है. मसलन- प्रियंका चोपड़ा, पद्मा लक्ष्मी, फ़्रीडा पिंटो, कुणाल नय्यर, मीरा नायर और मधुर जाफ़री. इसके साथ ही अमेरिका में कई हिंदी रेडियो स्टेशन मौजूद हैं. जिनमें आरबीसी रेडियो, ईजी 96 रेडियो, रेडियो हमसफ़र, देसी जंक्शन, रेडियो सलाम नमस्ते, फनएशिया रेडियो प्रमुख हैं. यहां भारतीयों की बढ़ती अहमियत ऐसे भी समझी जा सकती है कि बीते साल बाइडेन ने व्हाइट हाउस में दिवाली के पर्व को मनाया.
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