गुजरात के बिलकीस बानो मामले के 11 दोषियों में से एक के रिश्तेदार ने शनिवार को बताया कि दोषी उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा 21 जनवरी की शाम को आत्मसमर्पण कर देगा.
शीर्ष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए उन दोषियों की अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी, जिन्होंने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी.
दोषियों में से एक शैलेश भट्ट के एक रिश्तेदार ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह (भट्ट) रविवार शाम को गोधरा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करेगा.
बिलकीस बानो मामले में दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को 11 लोगों को दो सप्ताह के भीतर जेल वापस जाने का आदेश दिया था.
पांच दोषियों ने बाद में शीर्ष अदालत का रुख कर खराब स्वास्थ्य, आसन्न सर्जरी, बेटे की शादी और फसल की कटाई सहित विभिन्न आधारों पर आत्मसमर्पण करने के लिए और अधिक समय मांगा था, लेकिन न्यायालय ने शुक्रवार को उनके आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिए कि याचिका में दिये गये कारणों में कोई दम नहीं है.
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