Wednesday, 31 January 2024

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ एक्शन, तत्काल कैंप लगाकर अभियान चलाने की तैयारी

छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान निर्णायक चरण में पहुंच गया है, जब से राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार आई है. तत्काल कैंप उन इलाकों में लगाए जा रहे हैं जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता हैं. पिछले एक महीने में लगभग दर्जन भर शिविर स्थापित किए गए हैं और इससे नक्सली परेशान हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोज नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, जिसके चलते फोर्स हमेशा मूवमेंट पर रहती है. तत्काल शिविर स्थापित किए जा रहे हैं और कभी-कभी सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी की जाती है, जिसके कारण ऐसे हमले हो रहे हैं. जिस कैम्प पर 30 जनवरी को हमला हुआ था, वो हमले के चंद घंटे पहले ही स्थापित किया गया था.

जानकारी के मुताबिक़ पिछले एक महीने में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के गढ़- पाडिया, मुलेर, सुकमा जिले के सलातोंग, बीजापुर जिले के मुरकराजबेड़ा और दुलेड़ में कई कैंप बनाए हैं. कावरगांव, चिंतागुफा के अलावा डुमरीपालनार, पालनार, मुतावेंडी में भी कैंप लगाये गये हैं.

एक अधिकारी ने बताया कि जब टेकेलगुडेम में ऐसा एक शिविर स्थापित किया जा रहा था, जब सुरक्षा बल आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित करने की कोशिश कर रही थी, तभी एक दल पर नक्सलियों ने हमला कर दिया. उनके मुताबिक इस इलाके में हिडमा का यह दूसरा हमला है. पिछले साल 3 अप्रैल 2023 को सुरक्षा बलों के यहां घुसने पर 23 जवान शहीद हो गए थे.

दिलचस्प बात यह है कि सिलगिर गांव में जहां हमला हुआ, उससे कुछ ही किलोमीटर दूर कई ग्रामीण ऐसे शिविरों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. अकेले बस्तर में इन सुरक्षा शिविरों की स्थापना के खिलाफ 23 बार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक़ टेकेलगुडेम पिछले चार दशकों से नक्सल प्रभावित रहा है और इसीलिए इस क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा था.

एक अधिकारी ने बताया कि यहां से चार किमी दूर पूर्व नक्सली कमांडर हिडमा का गांव है. इस वजह से टेकेलगुडेम समेत आसपास के कई गांवों में सड़क, बिजली, स्कूल और अस्पताल नहीं हैं. नक्सली अपने दबाव में अधिकतर ग्रामीणों को संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर करते रहे हैं. बच्चों को बचपन से ही नक्सलवाद का पाठ पढ़ाया जाता है, भ्रमित किया जाता है और संगठन में भर्ती कर लिया जाता है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में इस बात पर जोर देते रहे हैं कि अगले तीन वर्षों में भारत में नक्सली खतरा खत्म हो जाएगा. सुरक्षा बल उनसे प्रेरणा लेते हुए सावधानीपूर्वक जमीन पर अभियान की योजना बना रहे हैं. विशेष फोकस उन इलाक़ों में किया जा रहा है जहां सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) का दबदबा है.

डीकेएसजेडसी में पहाड़ी इलाके और घने जंगल का एक विशाल क्षेत्र शामिल है जो बड़ी संख्या में केंद्रीय समिति के सदस्यों को आश्रय देता है. केंद्रीय समिति के लगभग 80 प्रतिशत सदस्य दंडकारण्य क्षेत्र में तैनात हैं, जो माओवादियों के लिए प्रशासनिक रूप से एक कार्यात्मक रूप से कॉम्पैक्ट क्षेत्र बन गया है.

माना जा रहा है कि  देश के अन्य हिस्सों में हार झेलने के बाद सरकार ने इस क्षेत्र को माओवादियों के आखिरी गढ़ के रूप में भी चिन्हित किया है. पिछले हफ्ते 16 जनवरी को 400 से ज्यादा नक्सलियों ने धर्मावरम कैंप पर हमला किया था और एक हजार बैरल से ज्यादा ग्रेनेड लॉन्चर से फायरिंग कर सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाने की कोशिश की थी.



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भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाने वालों को विदेश मंत्री की खरी-खरी, कहा- सवाल होंगे तो भारत जवाब देगा

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने एक इंटरव्यू में भारतीय लोकतंत्र  (India's Democracy)पर सवाल उठाने वाले देशों को करारा जवाब दिया है. एस जयशंकर ने कहा, "देश में लोकतंत्र की स्थिति पर हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. दुनिया में लोग कुछ ना कुछ तो कहेंगे. हमें हर समय सुनने की जरूरत नहीं है. कभी-कभी जवाब देने का समय भी होता है. सवाल होंगे, तो भारत जवाब देगा."

बता दें कि कनाडा, मालदीव और पाकिस्तान ने अलग-अलग मामलों में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. भारत ने हर मौके पर इसका जवाब दिया है. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को NDTV के साथ खास बातचीत में भारत की विदेश नीति पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, "इंटरनेशनल रिलेशन एक तरह की राजनीति ही है. देशों के बीच पॉलिटिक्स है. आज ग्लोबलाइज दुनिया (वैश्विक दुनिया) में हमारी पॉलिटिक्स देश के बाहर भी जाती है. कई बार हमारे खुद के लोग भी इसे बाहर ले जाते हैं. हमारे बारे में ऐसी चीजें कही गई हैं, जो तथ्यों के तौर पर पूरी तरह गलत हैं. लेकिन ये भी झेलना पड़ता है."

भारत के लोकतंत्र की आलोचना करने वाले देशों को लेकर एस जयशंकर ने कहा, "जब उनको लगता है कि भारत में चुनाव के नतीजे वैसे नहीं आए, जैसा वो चाहते हैं तो वो चुनाव प्रक्रिया की आलोचना करते हैं. चुनाव आयोग और कोर्ट को गलत ठहराते हैं. वोटिंग रेट पर सवाल खड़े करते हैं. मतलब अगर आपने कमियां निकालने का मन बना लिया है, तो आप तर्क खोज ही लेंगे."

विदेश मंत्री ने कहा, "आप नागरिकता की बात कीजिए. क्राइटेरिया ऑफ सिटिजनशिप की बात कीजिए. पश्चिमी देश कहते हैं कि धर्म और स्टेट अलग अलग होने चाहिए. उनके यहां बाइबल पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं. हम संविधान की शपथ लेते हैं... ऐसे देश चाहे जो कहे... अगर सवाल होंगे तो भारत उसका जवाब भी देगा."

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Tuesday, 30 January 2024

कर्नाटक: सावरकर के बोर्ड पर उत्तर कन्नड़ में बवाल, आपस में भिड़े BJP वर्कर्स और पंचायत सदस्य

कर्नाटक के मांड्या में दक्षिणपंथी झंडे को लेकर हुए विवाद के बाद उत्तर कन्नड़ जिले में एक और विवाद छिड़ गया है. भटकल के टेंगिनागुंडी में विनायक दामोदर सावरकर (वीडी सावरकर) के नाम वाले एक बोर्ड को हटाने को लेकर मंगलवार को विरोध- प्रदर्शन हुआ. स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं और पंचायत सदस्यों की पंचायत अधिकारियों के साथ तीखी बहस हो गई.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया कि वीडी सावरकर के नाम का बोर्ड पंचायत की मंजूरी से लगाया गया था. उन्होंने दक्षिणपंथी झंडे वाले ध्वजस्तंभ को हटाने का विरोध किया. वहीं, अधिकारियों ने दावा किया कि वीडी सावरकर के नाम का बोर्ड लगाने के लिए ग्राम पंचायत से कोई परमिशन नहीं मांगी गई थी.

एक ग्रामीण ने कहा, "ऐसा मत सोचो कि हम चुप बैठे हैं. हमारे पास अनुमति है. क्या यह पाकिस्तान का झंडा है, जो हमने लगाया है? आपको इसे गिराने का आदेश किसने दिया?" 

पूरे मामले पर जिला पंचायत प्रमुख ने पंचायत के तहत आने वाले क्षेत्र में बनी ऐसी सभी संरचनाओं के लिए नोटिस जारी करने का फैसला लिया है. जिला पंचायत प्रमुख ने कहा कि संरचनाओं के लिए स्थानीय प्रशासन या स्थानीय तालुकों से परमिशन लेनी होगी. अगर 15 दिनों के अंदर जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किए गए, तो संरचनाओं को ढहा दिया जाएगा.

जिला परिषद के प्रमुख ईश्वर कुमार ने कहा, "हमने उस पंचायत में ऐसी सभी संरचनाओं को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है. अगर उनके पास स्थानीय प्रशासन या स्थानीय तालुकों का परमिशन लेटर है, तो उन पर विचार किया जाएगा. ऐसा नहीं होने पर परमिशन के दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा."

पिछले हफ्ते मांड्या जिले के केरागोडु गांव में एक स्थानीय धार्मिक संगठन के फहराए गए भगवा हनुमान ध्वज को उपद्रवियों ने उतार दिया था, जिसके कारण आसपास के इलाकों में भारी विवाद हो गया था. जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की गई, जिसके बाद झंडा हटा दिया गया.

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Monday, 29 January 2024

बेरोजगार पति ने पहले तकिए से मुंह दबाकर की SDM की हत्या, फिर वॉशिंग मशीन में 'धोए' सबूत

मध्य प्रदेश में महिला सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) की हत्या के मामला का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, SDM की हत्या उसके पति ने की है. आरोपी कई महीनों से बेरोजगार था. वह इस बात से नाराज था कि उसकी एसडीएम पत्नी निशा नापित ने अपनी सर्विस बुक, बीमा और बैंक खाते में उन्हें नॉमिनी नहीं बनाया था. आरोपी ने न सिर्फ अपनी पत्नी की तकिए से मुंह दबाकर हत्या की, बल्कि हत्या के सबूत भी मिटाने की कोशिश की. आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.

पुलिस के मुताबिक, डिंडौरी जिले के शहपुरा में पदस्थ महिला SDM निशा नापित की हत्या उसके पति मनीष शर्मा ने की. उसने तकिए से मुंह दबाकर पत्नी को मार डाला. सबूत को छिपाने के लिए पति ने घटना के बाद कपड़ों को वाशिंग मशीन में धो दिया था. पुलिस ने वॉशिंग मशीन से तकिए का कवर और बेडशीट बरामद कर लिया है. पुलिस को मिले सबूत के आधार पर पति मनीष शर्मा (45) के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

निशा नापित की बहन ने मनीष शर्मा पर जताया था शक
निशा नापित की बहन नीलिमा नापित ने मनीष शर्मा पर हत्या का आरोप लगाया था. नीलिमा ने दावा किया था कि मनीष शर्मा पैसों के लिए उसकी बहन को प्रताड़ित करता था. नीलिमा नापित ने बताया, "मनीष शर्मा पैसों के लिए मेरी बहन निशा को परेशान करता था. मेरी बहन को कोई बीमारी नहीं थी. मनीष ने कुछ गलत किया है. उसने घरेलू सहायिका को भी निशा के कमरे में नहीं घुसने दिया." शक के आधार पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की और 24 घंटे के अंदर मामले का खुलासा किया.

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मैट्रिमोनी साइट पर मुलाकात, 2020 में हुई शादी
निशा नापित और मनीष शर्मा एक मैट्रिमोनी साइट पर मिले थे. 2020 में उनकी शादी हुई. निशा नापित की बहन ने दावा किया कि परिवार शादी का हिस्सा नहीं था, क्योंकि उसने हमें इसके बारे में बहुत बाद में बताया था. पुलिस के मुताबिक, दोनों की शादीशुदा जिंदगी ठीक नहीं चल रही थी. मनीष शर्मा अपनी SDM पत्नी के सर्विस बुक और सारे बैंक अकाउंट्स में खुद को नॉमिनी बनाना चाहता था. निशा नापित ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.

रविवार दोपहर को हुई हत्या
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही मनीष शर्मा अपनी पत्नी से मिलने SDM आवास पर आया था. इसी दौरान उसने पत्नी की हत्या कर दी. रविवार को वह शाम करीब 4 बजे निशा नापित को अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उनकी मौत की खबर मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची.

जब पुलिस ने मनीष शर्मा से उनकी पत्नी की अचानक मौत के बारे में पूछा तो उसने झूठी कहानी गढ़ी. आरोपी ने बताया कि उसकी पत्नी किडनी की बीमारी से पीड़ित थी. आरोपी ने दावा कि उसकी पत्नी ने शनिवार को कोई व्रत रखा था. रात में उसे उल्टी हुई, जिसके बाद उसे कुछ दवा दी गई. अगले दिन वह सोकर नहीं उठी.

पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर रत्नेश द्विवेदी ने बताया कि निशा नापित को जब अस्पताल लाया गया था, उससे चार-पांच घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी.

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पुलिस को बताई झूठी कहानी
पुलिस को गुमराह करने के लिए SDM निशा के पति मनीष शर्मा ने कहा, "मैं रविवार को जल्दी सोकर नहीं उठा. रविवार को कोई काम रहता नहीं, इसलिए निशा भी सोती रही. 10 बजे काम वाली बाई आई, तो मैं घूमने चला गया. फिर दोपहर 2 बजे के आसपास जब वह नहीं जागी, तो मैंने सोचा अब उठा देता हूं. वह नहीं जागीं, तो सीपीआर दिया. कोई फायदा नहीं होने पर मैंने डॉक्टर को कॉल किया. डॉक्टर ने अस्पताल ले आने को कहा था. अस्पताल में उन्होंने सीपीआर दिया. डॉक्टरों को निशा नापित के नाक और मुंह से खून निकला हुआ मिला. इसके तुरंत बाद पुलिस ने मनीष शर्मा को गिरफ्तार किया.

जांच टीम के लिए इनाम का ऐलान
डीआईजी मुकेश श्रीवास्तव ने 24 घंटे में मामला सुलझाने के लिए जांच टीम की तारीफ की है. उन्होंने जांच टीम के लिए 20000 रुपये के इनाम का ऐलान किया है.

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Sunday, 28 January 2024

राहुल गांधी ने बंगाल से देशभर में अन्याय के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने की अपील की

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' में मतभेदों के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को बंगाल और बंगालियों से देश में व्याप्त अन्याय के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने का आह्वान किया. गांधी ने यह बयान उत्तर बंगाल में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान दिया. गांधी का यह बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की इस घोषणा के बाद आया है कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी.

गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपने स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, 'बंगाल एक विशेष स्थान रखता है. इसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वैचारिक लड़ाई का नेतृत्व किया था. यह बंगाल और बंगालियों का कर्तव्य है कि वे नफरत के खिलाफ लड़ने का एक रास्ता दिखाएं और वर्तमान परिस्थितियों में एकता को बढ़ावा दें और नफरत को रोकें.''

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप इस मौके पर नहीं खड़े हुए, तो लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे. यह किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है, यह बंगाल द्वारा रास्ता दिखाने और इस लड़ाई में नेतृत्व करने को लेकर है.''

गांधी ने हालांकि सीधे तौर पर किसी भी राजनीतिक दल का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन उनकी टिप्पणी पर टीएमसी और अन्य राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं आयीं. टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, ‘‘हां, वह सही हैं कि बंगाल ऐतिहासिक रूप से निर्णायक आंदोलनों में सबसे आगे रहा है, खासकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ. ममता बनर्जी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोक दिया और विपक्षी गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. हालांकि, वह बंगाल कांग्रेस नेतृत्व था, जिसने राज्य में भाजपा के साथ समझौता किया.''

वहीं, भाजपा की पश्विम बंगाल इकाई के प्रवक्ता ने गांधी की टिप्पणी को विभाजनकारी बताते हुए उसकी आलोचना की और कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि राहुल गांधी कैसे इस तरह की टिप्पणी कर सकते हैं, जो क्षेत्रवाद की ओर इशारा करती है. यह एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता से अप्रत्याशित है.''

गांधी का बयान कांग्रेस नेतृत्व द्वारा ममता बनर्जी को मनाने के प्रयासों के बीच आया है, जिन्हें वे विपक्षी गठबंधन का 'महत्वपूर्ण स्तंभ' मानते हैं. कांग्रेस नेतृत्व ने हाल ही में राज्य में गतिरोध सुलझाने का एक रास्ता खोज लेने का विश्वास जताया था.

गांधी सिलीगुड़ी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, जहां यात्रा रात के लिए रुकेगी. गांधी ने केंद्र की भाजपा सरकार की गरीबों और युवाओं के हितों पर कॉर्पोरेट हितों को कथित तौर पर प्राथमिकता देते हुए नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए आलोचना की.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देशभर में नफरत और हिंसा फैलाने तथा गरीबों और युवाओं के हितों को नजरअंदाज करके बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए एक अल्पकालिक भर्ती योजना, अग्निवीर (अग्निपथ) योजना शुरू करके उन युवाओं का मखौल उड़ाया है, जो सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते थे.'

उन्होंने कहा, 'देशभर में नफरत और हिंसा फैलायी जा रही है. इससे कोई फायदा नहीं होगा. नफरत फैलाने के बजाय, हमें प्यार का प्रसार करने और अपने युवाओं को न्याय दिलाने की दिशा में काम करना होगा. केंद्र सरकार केवल बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है, गरीबों और युवाओं के लिए नहीं.''

भाजपा और आरएसएस पर नफरत और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए, गांधी ने यात्रा के सार को रेखांकित करते हुए कहा, 'यात्रा के साथ 'न्याय' शब्द जोड़ा गया है, क्योंकि पूरे देश में अन्याय व्याप्त है.'

उन्होंने कहा, 'हम एक ऐसे भारत की आकांक्षा रखते हैं, जहां अत्यंत गरीब भी बड़े सपने देख सके और अपनी आकांक्षाओं को साकार कर सके. हम एक ऐसा भारत चाहते हैं, जहां कड़ी मेहनत का सम्मान किया जाए. हालांकि, आज, भारतीय युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं.''

सोमवार को दोपहर में बिहार में प्रवेश करने से पहले यात्रा उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर के लिए रवाना होगी. यात्रा ने बुधवार को असम से बंगाल में प्रवेश किया था और दो दिन के अवकाश से पहले कूच बिहार जिले से होकर गुजरी थी.

यात्रा 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है. यह यात्रा 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होने से पहले 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी.



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Saturday, 27 January 2024

नीतीश के अगले कदम पर INDIA और NDA की नजर, कांग्रेस ने कहा- 'BJP कर रही तोड़फोड़ की राजनीति'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलकर NDA में जाने के संकेत और जद (यू) द्वारा ‘इंडिया' के टूटने की कगार पर पहुंचने का दावा किये जाने के बीच विपक्षी गठबंधन पर संकट के गहरे बादल मंडरा रहे हैं. आसन्न संकट की एक तरह से पुष्टि करते हुए कांग्रेस (Congress) ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसके गठबंधन में तोड़फोड़ के प्रयास में लगी है. कांग्रेस ने हालांकि विश्वास जताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी और जनता दल(यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने क्या कहा?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नीतीश कुमार की ‘इंडिया' गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान है तथा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से कुमार और बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी टीएमसी राज्य में लोकसभा चुनाव ‘‘अकेले'' लड़ेगी, और अगर कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने का फैसला करते हैं, तो यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए बनाये गए विपक्षी मोर्चे के लिए एक और बड़ा झटका होगा.

घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत तौर मेरा मानना है कि  नजारा बेहतर हो सकता था. गठबंधन में कोई फूट नहीं है. भाजपा गठबंधन को भले ही बहुत अधिक न हो किंतु कम ही सही, नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रही है.''

उम्मीद है जल्दीबाजी में नहीं उठाएंगे कोई कदम: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 

कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि जो लोग देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने की इरादा रखते हैं, वे निश्चित रूप से जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' को एकजुट रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. जद(यू) के ‘इंडिया' गठबंधन से बाहर जाने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में खरगे ने कहा, ‘‘क्या वे बाहर जा रहे हैं? मुझे अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. मैंने उनके नेतृत्व को एक पत्र लिखा है और उनसे बात करने की कोशिश की है. मैं स्पष्ट रूप से नहीं जानता कि उनके मन में क्या है.''

केसी त्यागी ने कहा गठबंधन टूटने के कगार पर है 

जद (यू) महासचिव त्यागी ने शनिवार को दावा किया कि ‘इंडिया' गठबंधन टूटने की कगार पर है. त्यागी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' भी टूटने की कगार है. पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार में ‘इंडिया' में शामिल दलों का गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है. इस बीच उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस से खुले दिल से काम करने को कहा है.'' उन्होंने कहा कि जद (यू) अध्यक्ष कुमार जिस लक्ष्य और इरादे के साथ गैर-कांग्रेसी दलों को कांग्रेस के साथ लाने में सफल रहे थे, उसका अब कोई औचित्य नहीं रह गया है. त्यागी ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ‘इंडिया' गठबंधन में शामिल दल काफी सशक्त भाजपा से कैसे लड़ सकते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने नीतीश कुमार से बात करने का किया प्रयास

कांग्रेस नेता रमेश ने कहा, ‘‘खरगे ने नीतीश कुमार से बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी...कभी बिहार के मुख्यमंत्री व्यस्त हैं तो कभी खरगे जी व्यस्त हैं. उनके (नीतीश) यहां से फोन आया कि वह जनसभा में हैं, बात करेंगे.'' रमेश ने यह भी कहा कि खरगे पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी से संपर्क कर चुके हैं और उन्हें पत्र भी लिख चुके हैं.उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे.

जयराम रमेश ने कहा कि, 'नीतीश कुमार जी के निमंत्रण पर 23 जून को विपक्षी दलों की (पटना में) बैठक हुई थी...दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जहां गठबंधन को 'इंडिया' नाम दिया गया...बेंगलुरु बैठक में नीतीश जी की भूमिका महत्वपूर्ण थी...मुंबई में हुई बैठक में भी बिहार के मुख्यमंत्री का योगदान महत्वपूर्ण था.' रमेश ने कहा कि 'इंडिया' की बैठकों में नीतीश का भाजपा के खिलाफ कड़ा रुख रहा था.

क्या कर रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार?

पिछले तीन साल से भी कम समय में दूसरी बार पाला बदलने की ओर बढ़ रहे बिहार के मुख्यमंत्री कुमार की ओर सभी की निगाहें टिक गई हैं. लेकिन वह महागठबंधन के घटक दलों की अपील को नजरंदाज करते हुए इस उठा-पठक पर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं और हमेशा की तरह अपने काम में व्यस्त हैं. मुख्यमंत्री कुमार ने शनिवार को दिन की शुरुआत शहर के पशु चिकित्सा कॉलेज मैदान में कई नये अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर की. इसके बाद उन्होंने एक प्रसिद्ध मंदिर के सौंदर्यीकरण परियोजना के उद्घाटन के लिए बक्सर का दौरा किया. यह कार्यक्रम पर्यटन विभाग का था और यह विभाग उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास है लेकिन वह इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे.

भाजपा सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि जब तक कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक ‘‘कोई भी औपचारिक घोषणा'' नहीं की जायेगी.

बिहार में बीजेपी की हुई बैठक

भाजपा की बिहार इकाई के नेताओं ने राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को पटना में बैठक की. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अलग से पटना में पार्टी की बैठक की और कांग्रेस ने पूर्णिया में अपने विधायकों की बैठक बुलाई. इस बीच बिहार में तेजी से हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिहार में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' और पार्टी से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. बघेल अन्य दलों से बात करने और पार्टी के भीतर स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को ही पटना जा रहे हैं.

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Friday, 26 January 2024

हरियाणा : कुर्ते की वजह से कांग्रेस MLA को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में जाने से रोका, पूर्व CM ने हिरासत से छुड़ाया

हरियाणा कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा को फरीदाबाद में एक गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने से रोक दिया गया. वजह थी उनका पहना हुआ कुर्ता, जिस पर उन्होंने जन मुद्दों को उकेरा हुआ था. जब विधायक ने कार्यक्रम स्थल की ओर जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें गेट पर रोक दिया. इसका वीडियो कांग्रेस विधायक ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है. साथ ही उन्होंने लिखा कि एक विधायक को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत का झंडा नहीं फहराने दिया गया.

नीरज शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "मुझे 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस मनाने नहीं दिया जा रहा. मैं एक विधायक हूं और एक विधायक को भारत का झंडा नहीं फहराने दिया जा रहा. यही है 'सबका साथ और सबका विकास'. क्या हम सच में आजाद हैं?"

विधायक सेक्टर 12 के जिला स्तर समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने एक कुर्ता पहना हुआ था, जिस पर NIT-86 विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे प्रिंट थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें समारोह स्थल तक नहीं जाने दिया. उन्होंने खुद को विधायक बताया और पुलिस को निमंत्रण पत्र भी दिखाया, लेकिन फिर भी उन्हें जाने नहीं दिया गया.

विधायक शर्मा ने कहा कि उनके कपड़ों पर 'जय सियाराम' और स्वास्तिक (हिंदू धार्मिक चिह्न) भी प्रिंट था. उन्होंने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि "जब-जब भाजपा सरकार डरती है, तब-तब पुलिस को आगे करती है."

फरीदाबाद के बाद वह पानीपत में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में पहुंच गए. लेकिन उन्हें वहां भी अंदर नहीं जाने दिया गया और पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया. बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पानीपत रेस्ट हाउस पहुंचे और उन्हें हिरासत से छुड़वाया.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विधायक का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "NIT फरीदाबाद के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम का सरकारी निमंत्रण भेजकर उसमें शामिल नहीं होने देना और सरकार के इशारे पर गैर कानूनी रूप से पानीपत रेस्ट हाउस में हिरासत में रखना शर्मनाक, निंदनीय व तानाशाही की सारी सीमाओं को पार करने वाली हरकत है. BJP-JJP सरकार गणतंत्र दिवस के इस पवित्र दिन भी संविधान और प्रजातंत्र का गला घोंटने से बाज नहीं आ रही है."



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Thursday, 25 January 2024

भारत सैन्य ताकत, महिला शक्ति के भव्य प्रदर्शन के साथ 75वें गणतंत्र दिवस का मनाएगा जश्न

नई दिल्ली: देश कर्तव्य पथ पर शुक्रवार को 90 मिनट की परेड के दौरान अपनी बढ़ती सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के भव्य प्रदर्शन के साथ 75वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनायेगा. देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर केंद्रित इस भव्य समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे.  

सशस्त्र बलों की परेड में मिसाइल, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-2 पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया जायेगा. पहली बार, तीनों सेवाओं का महिला दस्ता देश के इस सबसे बड़े समारोह में शामिल होगा. 

पहली बार एक और ऐतिहासिक घटना में, लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा हथियार का पता लगाने वाले ‘स्वाति' रडार और पिनाका रॉकेट प्रणाली का परेड में नेतृत्व करेंगी. लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा पिछले साल आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुई 10 महिला अधिकारियों में से हैं.

परेड की शुरुआत पारंपरिक सैन्य बैंड के बजाय पहली बार 100 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा शंख, नादस्वरम, नागाडा जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाने से होगी. भारतीय वायु सेना के ‘फ्लाई-पास्ट' के दौरान लगभग 15 महिला पायलट भी ‘नारी शक्ति' का प्रतिनिधित्व करेंगी. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की टुकड़ियों में भी केवल महिला कर्मी शामिल होंगी. 

गणतंत्र दिवस परेड सुबह दस बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और लगभग 90 मिनट तक चलेगी. समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘राष्ट्रीय समर स्मारक' पर जाने से होगी, जहां वह शहीद हुए नायकों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके फ्रांसीसी समकक्ष मैक्रों ‘पारंपरिक बग्गी' में पहुंचेंगे. यह प्रथा 40 साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू हो रही है. 

राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद राष्ट्रगान के साथ ही स्वदेशी बंदूक प्रणाली ‘105-एमएम इंडियन फील्ड गन' से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. मंत्रालय के अनुसार ‘105 हेलीकॉप्टर यूनिट' के चार एमआई-17 चार हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर फूलों की वर्षा करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू के सलामी लेने के साथ परेड शुरू होगी. 

परेड की कमान दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार संभालेंगे. कर्तव्य पथ फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के संयुक्त बैंड और मार्चिंग दस्ते के मार्च पास्ट का गवाह बनेगा. 

एक बहुउद्देश्यीय टैंकर परिवहन विमान और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल के दो राफेल लड़ाकू विमान सलामी मंच से आगे बढ़ते समय टुकड़ियों के ऊपर से उड़ान भरेंगे. ‘मैकेनाइज्ड कॉलम' का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय सेना की टुकड़ी 61 कैवेलरी की होगी जिसका नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत करेंगे. 

टैंक टी-90 भीष्म, नाग मिसाइल प्रणाली, पैदल सेना का लड़ाकू वाहन, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली ‘स्वाति', ड्रोन जैमर प्रणाली और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रमुख आकर्षणों में से एक होगी. भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की टुकड़ी में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल होंगे और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर करेंगी.  

स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल अतिरिक्त अधिकारियों के रूप में मार्च पास्ट करेंगी.  समारोह का समापन भारतीय वायुसेना के 46 विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ होगा. वायुसेना के बेड़े में 29 लड़ाकू विमान, सात परिवहन विमान, नौ हेलीकॉप्टर और एक हेरिटेज विमान शामिल होंगे। पहली बार स्वदेश निर्मित तेजस विमान चार विमानों के समूह में उड़ान भरेगा।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 260 से अधिक महिला कर्मी मोटरसाइकिल प्रदर्शन के दौरान साहसी करतब दिखाकर देश की ‘नारी शक्ति' का प्रदर्शन करेंगी.  परेड के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 16 और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की नौ झांकियां शामिल होंगी. 

जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी उनमें अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं. 

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तृणमूल के साथ सीट बंटवारे पर गतिरोध का मिलकर समाधान निकाल लेंगे: जयराम रमेश

सिलीगुड़ी: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि तृणमूल कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर उपजे गतिरोध का समाधान निकाल लिया जाएगा. इससे एक दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी. उनके इस बयान को ‘इंडिया' गठबंधन और कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.

रमेश ने बागडोगरा हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ममता बनर्जी के बिना ‘इंडिया' गठबंधन के बारे में सोच भी नहीं सकती, क्योंकि वह देश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ (भाजपा) लड़ाई में अपरिहार्य हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें बंगाल और भारत में भाजपा को हराना है तो ममता बनर्जी की बहुत जरूरत है. हमारी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के मन में ममता जी के प्रति बहुत सम्मान है.''

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी और टीएमसी के बिना कोई भी ‘इंडिया' गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकता.'' पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने के ममता बनर्जी के बयान पर रमेश ने कहा कि कांग्रेस सीट-बंटवारे के गतिरोध के समाधान को लेकर आशान्वित है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीट बंटवारे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन हम चाहते हैं कि यह गतिरोध खत्म हो और हम इसका समाधान ढूंढ लेंगे.'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ने बनर्जी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. यह यात्रा बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल में दाखिल हुई.

रमेश के अनुसार, ‘‘हमने यात्रा में शामिल होने के लिए ममता जी को दो बार निमंत्रण भेजा था. हम सभी चाहते हैं कि वह यात्रा का हिस्सा बनें क्योंकि हमारा उद्देश्य एक ही है कि देश में व्याप्त अन्याय के खिलाफ लड़ा जाए.''

रमेश की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी ने सवाल किया कि जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी नियमित रूप से ममता बनर्जी का अपमान कर रहे थे तो कांग्रेस आलाकमान चुप क्यों था?

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘वे अब नुकसान की भरपाई करने की मुद्रा में हैं. लेकिन पहले उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि जब अधीर चौधरी नियमित रूप से टीएमसी को लेकर अपमानजनक बातें करते थे तो वे चुप क्यों थे? ममता बनर्जी ने ‘इंडिया' गठबंधन के बारे में कुछ प्रस्ताव दिए थे, लेकिन उनमें से किसी को भी स्वीकार नहीं किया गया.''

घोष ने यह भी कहा कि देश में भाजपा को हराने के लिए ‘इंडिया' गठबंधन की बहुत जरूरत है, कांग्रेस ने राज्य में गठबंधन के सिद्धांतों का पालन नहीं किया. उनका कहना था, ‘‘हमने कभी भी कांग्रेस नेतृत्व के बारे में बुरा नहीं कहा और हम कांग्रेस की ओर से इसी तरह के संकेत का इंतजार करते रहे. लेकिन उनके पास कुछ और योजनाएं थीं.''

सूत्रों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर टीएमसी ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को दो सीटों की पेशकश की, जिससे दोनों पार्टियों के बीच कड़वाहट पैदा हुई. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने 22 सीटें हासिल कीं, कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं और भाजपा को 18 सीटें मिलीं. पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं.



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Wednesday, 24 January 2024

जरूरी है कि पार्टियां ऐसी चर्चा में शामिल हो जो विभाजित करने के बजाय प्रेरित करे : सीईसी कुमार

नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक दल भारत के जीवंत लोकतंत्र की धुरी हैं और यह जरूरी है कि वे ऐसी चर्चाओं में शामिल हों जो विभाजित करने के बजाय प्रेरित करें. कुमार ने यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों के विश्वास और भरोसे को कम करने के लिए गलत सूचना, ‘डीपफेक' और कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि चुनावों की सुचिता को बनाए रखने के लिए झूठे आख्यानों का त्वरित और मजबूती से जवाब दिया जाएगा.

‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस' की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कुमार ने मतदान करने के प्रति शहरी और युवाओं की उदासीनता का भी जिक्र किया और उम्मीद जताई कि इस साल, युवा मतदान करने के लिए बाहर आएंगे और अपने साथियों को प्रेरित करके एक शानदार उदाहरण पेश करेंगे.

चुनाव आयोग की स्थापना भारत के गणतंत्र बनने से एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुई थी. गत 14 साल से 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है. कुमार ने कहा, ‘‘ राजनीतिक दल हमारे जीवंत लोकतंत्र की धुरी हैं. आयोग का राजनीतिक दलों के साथ संबंध तीन स्तंभों पूर्ण प्रकटीकरण, पूर्ण भागीदारी और सुनिश्चित जवाबदेही पर आधारित करता है .''

कुमार ने कहा कि चूंकि देश लोकसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, इसलिए चुनाव आयोग उनसे निरंतर समर्थन की अपील करता है और उन्हें हमारे पूर्ण सहयोग का आश्वासन देता है.

सीईसी ने कहा, ‘‘ नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा देना लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आकार देने और हमारे युवा मतदाताओं को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह जरूरी है कि राजनीतिक दल ऐसी चर्चाओं में शामिल हों जो विभाजन के बजाय प्रेरणा दें, जो व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा दें.''

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव आयोग के सबसे बड़े हितधारक हैं और उन्हें नैतिक यात्रा सुनिश्चित करने में इसके सबसे अच्छे भागीदार बनना चाहिए. कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ‘युवाओं और शहरी उदासीनता जो हम हाल ही में देख रहे हैं' को कम करने के लिए युवा पीढ़ी से जुड़ना चाहता है.



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Tuesday, 23 January 2024

संसद की सुरक्षा में चूक: पुलिस ने कहा- आरोपी ‘कुछ बड़ा कर’ प्रसिद्धि पाना चाहते थे

नई दिल्ली:  संसद सुरक्षा चूक मामले की 40 से ज्यादा दिन से जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि छह आरोपी प्रसिद्धि पाने के वास्ते 'कुछ बड़ा' करने के लिए 'स्व-वित्त पोषित और स्व-प्रेरित' थे. पुलिस ने कहा कि आरोपियों का यह भी मानना था कि वे कोई 'गंभीर अपराध' नहीं कर रहे हैं और गिरफ्तार होने पर भी उन्हें छोड़ दिया जाएगा.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मनोरंजन डी के मास्टरमाइंड होने का संदेह है और उसने ही सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ‘भगत सिंह फैन क्लब' पेज बनाया था जिसका इस्तेमाल 'समान विचारधारा वाले' लोगों को प्रसिद्धि के लिए 'कुछ बड़ा' करने के वास्ते उकसाने के लिए किया गया.

अधिकारी ने कहा, ''आरोपी पिछले चार साल से एक-दूसरे को जानते थे लेकिन संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश को एक साल पहले रचा गया था.” हालांकि, फैन क्लब पेज में हर कोई संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने जैसा कुछ भी गैरकानूनी हरकत करने के विचार से सहमत नहीं था. पुलिस ने कहा कि नतीजतन 13 दिसंबर की घटना से पहले कई अन्य सदस्यों ने समूह छोड़ दिया.

वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा, “चूंकि मनोरंजन की पहुंच मैसूरु के भाजपा सांसद तक थी, इसलिए उसने संसद में घुसने और स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जैसा काम दोहराने का फैसला किया, जो ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली की केंद्रीय विधानसभा में किया गया था.” अधिकारी ने कहा, “उनके पास व्यक्तिगत बैठकें करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया और सिग्नल ऐप के माध्यम से संपर्क में रहने का फैसला किया.”

उन्होंने कहा, 'पैसे की कमी के कारण, वे 13 दिसंबर 2023 को अपराध करने से पहले गुरुग्राम में विक्की शर्मा के आवास पर रुके थे.' विक्की शर्मा भी फेसबुक पर फैन क्लब का हिस्सा था और पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया.

जांच के दौरान संसद की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले मनोरंजन और सागर शर्मा ने जांचकर्ताओं को बताया कि पुराने संसद भवन की तुलना में नए संसद भवन में कम सुरक्षाकर्मी थे.

मनोरंजन ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने मानसून सत्र के दौरान पुराने भवन की टोह ली थी. संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन पिछले साल 13 दिसंबर को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंज डी सदन में कूद गए थे और कैन से पीले रंग का धुआं फैला दिया तथा नारे लगाए लेकिन सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया.

इसी वक्त संसद परिसर के बाहर दो अन्य लोगों-अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद ने कैन से धुआं फैलाया तथा ‘तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाए. दो अन्य लोगों-ललित झा और महेश कुमावत ने घटना के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. उन्होंने राजस्थान में स्वयं और अन्य चार आरोपियों के मोबाइल फोन कथित तौर पर नष्ट कर दिए थे.

सभी छह आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) तथा आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया है.
 



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Monday, 22 January 2024

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम: प्रमुख विपक्षी नेता रहे दूर, कई ने दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली: कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के कई घटक दलों के प्रमुख नेता अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए, हालांकि इनमें से कुछ दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर रामलला की तस्वीर साझा करते हुए लोगों को शुभकामनाएं दीं तथा ‘जय सियाराम' का उद्घोष किया.

अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई जिसके साक्षी देश-विदेश में लाखों रामभक्त बने. इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे अलौकिक क्षण बताते हुए ‘सियावर रामचंद्र की जय' और ‘जय श्रीराम' का उद्घोष किया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में शामिल रहे जिन्हें निमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का फैसला किया.

कांग्रेस नेतृत्व ने भगवान राम में अपनी आस्था व्यक्त करने के साथ ही यह कहते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम है. कार्यक्रम में शामिल होने वाले कुछ कांग्रेस नेताओं में हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह रहे.

उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन असम में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में दर्शन करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाद वह धरने पर बैठ गए. राहुल गांधी ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा.

अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरद्वारे जैसे विभिन्न उपासना स्थलों पर गयीं तथा सर्वधर्म रैली की अगुवाई करते हुए धार्मिक सद्भाव के लिए सांकेतिक यात्रा की.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ‘इंडिया' गठबंधन के कई प्रमुख नेता भले ही शामिल न हुए हों, लेकिन इसके कुछ घटक दलों के नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दीं. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स' पर रामलला की मूर्ति की तस्वीर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्रतिष्ठापन के इस पवित्र अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. जय सियाराम.''

आप ने दिल्ली के कई इलाकों में सुंदरकांड के पाठ और कुछ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सियाराम उस पावन हृदय में बसते हैं, जो रीति-नीति-मर्यादा का मान करता है.

सपा प्रमुख ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स' पर अपने संदेश में कहा, ‘‘उस पावन हृदय में बसते हैं ‘सियाराम', जो करता रीति-नीति-मर्यादा का मान.'' इसी पोस्‍ट में यादव ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें जय श्रीराम के नारों से गूंजती भगवान राम की झांकी है.

अखिलेश द्वारा साझा किए गए छोटे एनिमेटेड वीडियो में राम, लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या पहुंचते हुए दिखाई देते हैं. उन्होंने असम में मंदिर के दर्शन करने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अनुमति न मिलने की घटना की भी परोक्ष रूप से आलोचना की.

सपा प्रमुख ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘किसी को भी भगवान के दर्शन करने से रोकने से बड़ा अधर्म और क्या हो सकता है.'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रामलला की तस्वीर साझा करते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘सियावर रामचंद्र की जय.''

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रामलला के विराजमान होने को धर्म, संस्कार और संस्कृति की जीत करार दिया तथा कहा कि वह जल्द अयोध्या पहुंचकर दर्शन करने की अभिलाषी हैं. प्रियंका ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘‘आज हम सभी देशवासियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है, आज सदियों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम अपने घर अयोध्या में विराजमान हुए हैं. ये हमारे धर्म, संस्कार और संस्कृति की जीत है. ये साधु-संतों के सदियों के संघर्ष और इस देश की जनता के इस अटूट धैर्य, “कि कानून न्याय देगा” की जीत है.''

उन्होंने कहा, ‘‘मनोकामना है कि शीघ्र ही मैं सपरिवार अयोध्या धाम पहुंचकर प्रभु श्रीराम के दर्शन करूं. प्रभु श्रीराम सबके हैं और हम सभी इस राष्ट्र को उन्नत बनाने के लिए प्रभु श्रीराम के विचारों को आत्मसात करें. जय सियाराम !''



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Sunday, 21 January 2024

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने 1972 में बड़े पैमाने पर निष्कासन और संघर्षों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था में दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की है. युगांडा ने 15 से 20 जनवरी तक गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी की. मुसेवेनी ने पूर्व सैन्य शासक ईदी अमीन द्वारा की गई गलतियों के बारे में बात की, जिन्होंने युगांडा में बसे एशियाई मूल के लोगों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जिनमें से अधिकांश भारतीय मूल के थे.

युगांडा को 1964 में काहिरा में आयोजित गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दूसरे शिखर सम्मेलन में संगठन का सदस्य बनाया गया था और देश पर 1971 से 1979 तक युगांडा के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में अमीन का शासन था.

एनएएम सम्मेलन में मुसेवेनी ने कहा, ‘‘एनएएम देशों ने भी युगांडा की तरह गलतियां कीं. तब हमारे पास ईदी अमीन नाम का एक व्यक्ति था.''

मुसेवेनी ने कहा, 'बहुत ही कम समय में, उन्होंने हमारे एशियाई लोगों विशेषकर भारत और पाकिस्तान मूल के लोगों को निष्कासित कर दिया.' उन्होंने कहा, ‘‘ आपके पास एक एनएएम देश का नेता था जो अपनी ही अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहा था.''

मुसेवेनी ने कहा कि भारतीय मूल के लोगों ने चीनी, होटल और इस्पात उत्पादन में निवेश किया था. राष्ट्रपति ने कहा कि युगांडा छोड़ने के लिए मजबूर होने के बाद देश में रह रहे एशियाई लोगों का एक बड़ा और समृद्ध समुदाय दुनिया भर में खुद को बिखरा हुआ पाया व कई लोगों ने अपना वह व्यवसाय खो दिया जिसके लिए उन्होंने सालों तक मेहनत की थी.

राष्ट्रपति ने उस अवधि के दौरान आर्थिक वृद्धि और विकास के अवसर से चूक जाने को लेकर खेद व्यक्त किया. उन्होंने अमीन द्वारा पैदा की गई समस्याओं को दूर करने के लिए युगांडा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की.

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सरकार में आए, तो हमने अपने एशियाई नागरिकों और गैर-नागरिकों की संपत्तियां वापस कर दीं जो अमीन ने उनसे ले ली थीं.''

राष्ट्रपति ने कहा कि 1980 और 1990 के दशक में देश लौटने के बाद से भारतीय उपमहाद्वीप के एशियाई लोग एक बार फिर देश की अर्थव्यवस्था का आधार बन गए हैं.

मुसेवनी कहा, ‘‘मैं लोगों से पूछ रहा था कि हमारे लौटे भारतीयों ने कितनी फैक्टरी बनाई हैं. उन्होंने मुझे उन 900 फैक्टरी के बारे में बताया जो उन्होंने वापस आने के बाद बनाई थीं.'' शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने एनएएम के गठन में भारत की भूमिका को स्वीकार किया.

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Saturday, 20 January 2024

बिहार : नीतीश ने राजद के तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शनिवार रात अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए अपने सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिए हैं. अलग-अलग कारणों से सुर्खियों में रहे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, अभी तक गन्ना उद्योग और राजस्व एवं भूमि संसाधन विभाग संभालने वाले आलोक मेहता को राज्य का नया शिक्षा मंत्री बनाया गया. 

राजस्व और भूमि संसाधन विभाग ललित कुमार यादव को सौंपा गया है, जो जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की अपनी मौजूदा जिम्मेदारी को भी संभालते रहेंगे. 

विभिन्न मुद्दों पर विवादास्पद बयान देने के अलावा चंद्रशेखर का शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. के. पाठक के साथ कथित रूप से मनमुटाव था

एक दिन पहले ही नीतीश से मिले थे लालू 

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने राजद और जेडीयू में दरार की खबरों के बीच शुक्रवार को नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस दौरान लालू प्रसाद के बेटे एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे. बैठक के बाद लौटते वक्‍त तेजस्वी यादव ने कहा कि दरार की अफवाहें ‘‘जमीनी हकीकत'' से अलग हैं. साथ ही उन्‍होंने कहा,  ‘‘आखिर इस बात को लेकर इतनी उत्सुकता क्यों है कि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा कब अंतिम रूप ले सकता है? क्या भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने इसे अपने खेमे में सुलझा लिया है?''

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बिलकीस बानो मामले में एक दोषी के रिश्तेदार ने कहा: दोषी रविवार को आत्मसमर्पण करेगा

गुजरात के बिलकीस बानो मामले के 11 दोषियों में से एक के रिश्तेदार ने शनिवार को बताया कि दोषी उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा 21 जनवरी की शाम को आत्मसमर्पण कर देगा.

शीर्ष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए उन दोषियों की अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी, जिन्होंने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी.

दाहोद के सिंगवाड तालुका के सिंगवाड और रंधिकपुर गांवों के दोषियों को रविवार को पंचमहल जिले की गोधरा उपजेल में आत्मसमर्पण करना होगा.

दोषियों में से एक शैलेश भट्ट के एक रिश्तेदार ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह (भट्ट) रविवार शाम को गोधरा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करेगा.

बिलकीस बानो मामले में दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को 11 लोगों को दो सप्ताह के भीतर जेल वापस जाने का आदेश दिया था.

पांच दोषियों ने बाद में शीर्ष अदालत का रुख कर खराब स्वास्थ्य, आसन्न सर्जरी, बेटे की शादी और फसल की कटाई सहित विभिन्न आधारों पर आत्मसमर्पण करने के लिए और अधिक समय मांगा था, लेकिन न्यायालय ने शुक्रवार को उनके आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिए कि याचिका में दिये गये कारणों में कोई दम नहीं है.

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फूलों की सजावट और विशेष रोशनी से जगमगा उठा भव्य राम मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बस 2 दिन बाकी

अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए केवल दो दिन शेष रहने के मद्देनजर अयोध्या स्थित राम मंदिर को भव्य आयोजन के लिए पुष्पों और विशेष रोशनी से सजाया गया है. अयोध्यावासियों का कहना है कि अयोध्या नगरी राममय हो रही है. मंदिर न्यास के सूत्रों ने बताया कि सजावट के लिए फूलों के समृद्ध भंडार का उपयोग किया गया है और 22 जनवरी को होने वाले समारोह के मद्देनजर मंदिर को सजाने के लिए फूलों के विशेष डिजाइन तैयार किए गए हैं.

एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ये सभी असली फूल हैं और सर्दी के मौसम के कारण ये अपेक्षाकृत लंबे समय तक ताजा रहते हैं इसलिए वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक ताजा रहेंगे. इन फूलों की सुगंध और सुंदरता ने मंदिर की दिव्यता को और बढ़ा दिया है.

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सजावट दीया की 'थीम' पर आधारित
उन्होंने कहा कि फूलों से सजावट और रोशनी के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई हैं और वे न्यास अधिकारियों के मार्गदर्शन में मिलकर काम कर रही हैं.  सूत्र ने कहा कि बाहर के हिस्से में रोशनी की सजावट दीया की 'थीम' पर आधारित है ताकि इसे पारंपरिक रूप दिया जा सके और मंदिर के अलंकृत तत्वों को उजागर किया जा सके.

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 एक सूत्र ने कहा कि गर्भ गृह के अंदर पारंपरिक दीये का इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिर के भीतर हल्की रोशनी वास्तुशिल्प तत्वों को उजागर करेगी जबकि बाहरी रोशनी शाम के बाद ही चालू की जाएगी.

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अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भगवान राम की नई मूर्ति बृहस्पतिवार की दोपहर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रखी गई. मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को ट्रक से यहां लाया गया था.

22 जनवरी को मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई अन्य गणमान्य अतिथि 22 जनवरी को मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल होंगे. मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने संवाददाताओं से कहा था कि मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से और निकास दक्षिण दिशा से होगा. संपूर्ण मंदिर अधिरचना अंततः तीन मंजिला होगी.

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मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़ेंगे. पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा.

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राम मंदिर उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन  की तैयारियां जोर-शोर पर हैं. सात दिनों तक चलने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आज पांचवां दिन है. कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई और इसका समापन 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ होगा. पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन किया था, अब रामलला स्थायी रूप से मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं, हालांकि गर्भगृह तक वह पहले ही पहुंच चुके हैं. अयोध्या में आज होना वाला कार्यक्रम बहुत ही खास है.

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प्रभु श्रीराम के स्वागत के लिए अयोध्या तैयार
इस दौरान पीएम मोदी खुद अयोध्या में मौजूद रहेंगे. इस भव्य राम मंदिर समारोह के लिए मंदिर ट्रस्ट ने 7,000 से अधिक प्रतिष्ठित लोगों को न्योता भेजा है. इनमें सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं. मंदिर में भव्य समारोह के लिए अयोध्या शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है, जो अपने प्रभु श्री राम के स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठी है. बता दें कि पीएम मोदी राम मंदिर उद्घाटन समारोह में मुख्य यजमान होंगे. 

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Friday, 19 January 2024

समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की

समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की शुक्रवार को औपचारिक घोषणा की और सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) के जरिये गठबंधन की घोषणा की. यादव ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''राष्ट्रीय लोक दल और सपा के गठबंधन की सभी को बधाई. जीत के लिए सभी एकजुट हो जाएं, जुट जाएं.''

‘एक्स' पर अखिलेश के ट्वीट को दोबारा पोस्ट करते हुए जयंत चौधरी ने 'एक्स' पर लिखा, ''राष्ट्रीय, संवैधानिक मूल्यों के रक्षा के लिए सदैव तत्पर, हमारे गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं से उम्मीद है, अपने क्षेत्र के विकास और ख़ुशहाली के लिए कदम मिलाकर आगे बढ़ें.''

जयंत चौधरी ने इसके साथ ही अपने पोस्ट के साथ तस्वीरें भी डाली जिसमें वह और अखिलेश यादव हाथ मिलाते हुए दिख रहे हैं.

रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने ‘पीटीआई-भाषा' से बात करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है. उन्होंने कहा, 'रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी.'

दुबे से जब यह पूछा गया कि रालोद किन सीटों पर चुनाव लड़ेगा तो उन्होंने इस संबंध में विस्तार से कुछ नहीं बताया.

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Thursday, 18 January 2024

'रामायण' में भगवान राम का किरदार निभाने में कितनी मददगार रही अरुण गोविल की मुस्कुराहट?

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है. इसे लेकर देश भर में तैयारी चल रही है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) यजमान बनकर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Consecration)करेंगे. इस कार्यक्रम के लिए जानी-मानी हस्तियों समेत 6000 से ज्यादा लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. रामायण (Ramayan)सीरियल में राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) से एनडीटीवी ने इस कार्यक्रम से पहले बात की. 

भगवान राम का चरित्र निभाने में कैसे मिली मदद?

रामायण (Ramayan)सीरियल के राम अरुण गोविल ने बताया कि उन्हें रामायण में भगवान राम का चरित्र निभाने में कैसे उनकी मुस्कुराहट से मदद मिली. अरुण गोविल ने कहा, "शुटिंग शुरू होने वाली थी.. हमारा मेकअप वैगरह सब हो गया... मैंने जब अपने आपको आइने में देखा तो अरुण गोविल नाम भगवान नहीं... इंसान दिख रहा था... मैंने कहा कि नहीं जो पावनता जो चाहिए मृदुलता चाहिए वो नहीं है इस चेहरे पर... इस बीच मुझे राजश्री के राजकुमार बड़जात्या की एक बात याद आई. उन्होंने कहा था कि अरुण जी आपकी स्माइल बहुत अच्छी है... इसका कहीं अच्छी तरह से इस्तेमाल कीजिएगा..." 

गोविल आगे बताते हैं, "मुझे नहीं पता कि मुझे वो बात कैसे याद आई उस वक्त... मैंने वो स्माइल ट्राई की और वो बहुत शानदार रहा... रामायण में वो स्माइल बहुत जगह है... लेकिन अलग स्माइल है.. वो सीरियस सीन्स में भी स्माइल इस्तेमाल हुई है.. लेकिन हर जगह अलग है... जो सीता जी के साथ रोमांटिक सीन हैं.. उसमें भी वो स्माइल है.. मां के साथ भी है... लेकिन हर जगह अलग स्माइल है... और अलग मैसेज पहुंचाती है... तो स्माइल ने बहुत बड़ा रोल अदा किया है..."

ऑडियंस के सवालों के दिए जवाब
इंटरव्यू के दौरान अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया ने ऑडियंस के सवालों के भी जवाब दिए. एक लड़की ने अरुण गोविल से शाहरुख खान की फिल्म 'बाज़ीगर' के मशहूर डायलॉग "कभी-कभी कुछ जीतने के लिए कुछ हारना पड़ता है, और हारकर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं" को अपने अंदाज में बोलने की अपील की. 

राम के साथ हार-जीत नहीं होती
इसके जवाब में अरुण गोविल कहते हैं- "ये डायलॉग फिल्म में बहुत अच्छा लगा था. वास्तव में ये सच भी है. लेकिन राम के साथ ऐसा नहीं है कि कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है. वहां जीत-हार नहीं होती. वहां केवल नाम होता है. बाज़ीगर शब्द तो भगवान राम के साथ या किसी भी परमात्मा के साथ बोलना शोभा नहीं देता." 

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Exclusive: प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की मूर्ति की पहली तस्वीर आई सामने

अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) लगभग बनकर तैयार है. बरसों इंतजार के बाद श्रीरामलला राम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं. 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन और प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) का कार्यक्रम है. इस बीच भगवान राम की मूर्ति की पहली झलक सामने आ गयी है. गुरुवार रात रामलला की मूर्ति कि पहली झलक सामने आयी. मूर्ति को गर्भ गृह में रखा गया है. 

प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी से ही अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. 17 जनवरी (बुधवार) को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर कल लाया गया था और उसे आज गर्भगृह में पहुंचाया गया है. पहले इस रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर भ्रमण कराने का प्लान था, लेकिन मूर्ति का वजन होने के कारण इसकी जगह रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई.

22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे होगी प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 दिग्गज शामिल होंगे. इनमें 4000 संत भी शामिल होंगे. 

अरुण योगीराज ने बनाया है मूर्ति

मैसूर के अरुण योगीराज ने भगवान राम की इस मूर्ति को बनाया है. अरुण योगीराज देश में सबसे अधिक चर्चित मूर्तिकारों में से एक हैं. योगीराज अरुण अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी में मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. अरुण अपने पिता और दादा के कार्यों से प्रभावित होकर मूर्ति कला के इस क्षेत्र में कदम रखा था. उनके पूर्वज मैसूर के राजा के समय से मूर्ति कला के क्षेत्र में कार्यरत थे. अरुण एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र में नौकरी की थी लेकिन वापस मूर्तिकला के क्षेत्र में लौट आए.

अरुण योगीराज देश में कई बड़ी हस्तियों और देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई है. इनमें इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे लगी सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी शामिल है. उन्होंने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति से लेकर मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी बनाया है.

7 दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 7 दिन तक चलेगा. 
16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत हुई.
17 जनवरी को 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचा. रामलला की मूर्ति गर्भगृह में लाई गई. 
18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे.
19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी. नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा.
20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और 'अन्नाधिवास' अनुष्ठान होगा.
21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा.
22 जनवरी की सुबह की पूजा के बाद दोपहर में 'मृगशिरा नक्षत्र' में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा.

अयोध्या में चल रहे बड़े प्रोजेक्ट्स

अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बन रहा, बल्कि पूरी अयोध्या ही बदल रही है. यहां 30,923 करोड़ रुपये के 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. 37 डिपार्टमेंट इन प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे हैं. UP हाउसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड ने 1200 एकड़ में न्यू अयोध्या टाउनशिप डेवलप करने का प्लान बनाया है. यहां स्टेट गेस्ट हाउस, रेसिडेंशियल अपार्टमेंट के अलावा होटल्स भी बनेंगे. सीवेज सिस्टम डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट, नए पावर स्टेशंस के साथ ही अंडरग्राउंड केबलिंग का काम भी हो रहा है.

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प्रभु राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल को असल जिंदगी में कैसे देखती हैं 'रामायण' की सीता?

अयोध्या में बरसों इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं. अब 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Consecration)का कार्यक्रम है. इस अनुष्ठान के लिए जानी-मानी हस्तियों समेत 6000 से ज्यादा लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. रामायण (Ramayan)सीरियल में राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil), सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिला है. NDTV ने इस मौके पर टीवी के राम-सीता यानी अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया से खास बातचीत की. इस दौरान टीवी की सीता यानी दीपिका चिखलिया ने बताया कि राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल असल जिंदगी में कैसे हैं?

दीपिका चिखलिया कहती हैं, "रामायण सीरियल की शूटिंग के दौरान हमारी रामानंद सागर के साथ बहुत बातचीत होती थी.. उन्होंने मुझे बताया कि मुझे सीता के चरित्र के लिए क्यों चुना गया. लेकिन अरुण गोविल के लिए उनका डिस्क्रिप्शन अलग था. अरुण गोविल जी के बारे में रामानंद सागर हमेशा कहते थे कि उनका बॉडी स्ट्रक्चर अच्छा है... कंधे से लेकर कमर तक वो बिल्कुल राम के चरित्र के लिए परफेक्ट बैठते हैं. जब वो वनवास के कपड़े पहनते थे.. तो बहुत खूबसूरत लगते थे... उनकी एक नेचुरल बॉडी थी... ये मैंने सुना है..." 

चिखलिया बताती हैं, "मेरा मानना है कि अरुण जी एक बहुत अच्छे कलाकार हैं... जब लोग पूछते हैं कि आप राम को कैसे याद करती हैं, तो मैं अरुण जी को याद करती हूं... उन्होंने राम की भूमिका बहुत शानदार तरीके से अदा की."

वहीं, मंदिर के निर्माण पर दीपिका चिखलिया ने कहा, "संस्कृति में हमारी जो विरासत चलती आई है, सनातनियों के लिए यह सबसे अहम माइल स्टोन रहेगा. यह एक पहला कदम है... सभी सनातनियों के लिए कि हम आपके साथ हैं.. सरकार ने जो पहल की है और वीएचपी ने जो पहल की हैं हमारे देशवासियों के लिए बड़ी बात है..."

उन्होंने आगे कहा, "1991 के चुनाव में मैं कहती थी कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा... आप मुझे बताइए... ये जो सवाल हम पूछते थे... उसका जवाब हमें मिल गया है कि राम जी का जन्म अयोध्या में हुआ है... उनका विशाल और भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है... "



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रामायण के ऑडिशन में फेल हो गए थे अरुण गोविल, बताया आखिर कैसे मिला प्रभु श्रीराम का किरदार

अयोध्या में बरसों इंतजार के बाद राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) बनकर तैयार है. लंबे समय तक श्रीरामलला टेंट में रहें. फिर कांच और लकड़ी से बने अस्थाई मंदिर में शिफ्ट हुए. अब 22 जनवरी को भगवान श्रीराम अपनी भव्यता और दिव्यता के साथ मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) यजमान बनकर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Consecration)करेंगे. इस अनुष्ठान के लिए जानी-मानी हस्तियों समेत 6000 से ज्यादा लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. रामायण (Ramayan)सीरियल में राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil), सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिला है. NDTV ने इस मौके पर टीवी के राम-सीता यानी अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया से खास बातचीत की. इस दौरान अरुण गोविल ने रामायण सीरियल का ऑफर मिलने से लेकर लोगों के उनको साक्षात भगवान मानने के अनुभव शेयर किए हैं.

अरुण गोविल ने कहा, "सीरियल रामायण का ऑफर मिलने के बाद से ही मैं राम की भूमिका ही निभाना चाहता था. जब मेरा ऑडिशन हुआ था, तब मुझे सिलेक्ट नहीं किया गया था. मुझसे बहुत दिन तक कहा जाता रहा कि आप भरत का रोल प्ले कर लीजिए या लक्ष्मण का रोल प्ले कर लीजिए. लेकिन मैंने साफ कह दिया था कि मुझे कोई और रोल नहीं करना है. मुझे प्रभु श्रीराम का चरित्र करना था. अगर मैं उसके योग्य नहीं हूं तो कोई बात नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि भाग्य ने पहले ही मुझे राम के चरित्र के लिए चुन लिया था."

अरुण गोविल बताते हैं, "शायद कहीं न कहीं मैं प्रभु श्रीराम से जुड़ा हुआ था. जब मैं छोटा था, तो उठते-बैठते मेरे मुंह से 'हे राम' निकलता था. ये दुख में नहीं निकलता था, 'हे राम' मैं खुशी में भी बोलता था. खेलते समय भी बोलता था. उठते-बैठते समय भी मेरे मुंह से 'हे राम' निकलता था. मुझे लगता है कि शायद बचपन से मेरा श्रीराम के प्रति जुड़ाव रहा है. इसी जुड़ाव ने मुझे राम का चरित्र करने पर जोर दिया."

अयोध्या में राम मंदिर बनने पर अरुण गोविल ने कहा, "राम का मंदिर तो अयोध्या में बनना ही था. आज पूरा देश पूरा विश्व राममय हो गया है. हर तरफ राम का यूफोरिया है. राम मंदिर बनाने की सरकार की पहल बहुत अच्छी है." बता दें कि कोई भावना जब सभी पर प्रबल तरीके से हावी हो जाती है, तो उसे 'यूफोरिया' कहते हैं.

रामायण के बाद मैं और निखर गया
अरुण गोविल कहते हैं, "शायद राम के कुछ गुण मेरे अंदर थें. जिससे मुझे उनका चरित्र अच्छे से निभाने में मदद मिली. मुझे लगता है कि रामायण के बाद ये गुण मुझमें और ज्यादा निखर गए होंगे. कई दफा लोगों को कहते सुना है कि 'हमारे लिए राम आप ही हैं'. कई बार हमसे बड़े उम्र के लोग हमारे पैर छूते हैं. बहुत अजीब लगता था. लेकिन समझ में आता था कि ये लोग हमारे पैर नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम के पैर छू रहे हैं. ये अपनी श्रद्धा को नमन कर रहे हैं. लोगों से हमें जो आदर, जो प्यार, जो दुलार और प्रशंसा मिलती है, उससे मन को बेहद खुशी और शांति मिलती है. एक कलाकार को और क्या ही चाहिए."

राम का किरदार अच्छे से निभाने में 'मुस्कुराहट' से मिली मदद
इस दौरान अरुण गोविल ने बताया कि उन्हें रामायण में भगवान राम का चरित्र निभाने में कैसे उनकी मुस्कुराहट से मदद मिली. अरुण गोविल ने कहा, "शुटिंग शुरू होने वाली थी.. हमारा मेकअप वैगरह सब हो गया... मैंने जब अपने आपको आइने में देखा तो अरुण गोविल नाम भगवान नहीं... इंसान दिख रहा था... मैंने कहा कि नहीं जो पावनता जो चाहिए मृदुलता चाहिए वो नहीं है इस चेहरे पर... इस बीच मुझे राजश्री के राजकुमार बड़जात्या की एक बात याद आई. उन्होंने कहा था कि अरुण जी आपकी स्माइल बहुत अच्छी है... इसका कहीं अच्छी तरह से इस्तेमाल कीजिएगा..." 

गोविल आगे बताते हैं, "मुझे नहीं पता कि मुझे वो बात कैसे याद आई उस वक्त... मैंने वो स्माइल ट्राई की और वो बहुत शानदार रहा... रामायण में वो स्माइल बहुत जगह है... लेकिन अलग स्माइल है.. वो सीरियस सीन्स में भी स्माइल इस्तेमाल हुई है.. लेकिन हर जगह अलग है... जो सीता जी के साथ रोमांटिक सीन हैं.. उसमें भी वो स्माइल है.. मां के साथ भी है... लेकिन हर जगह अलग स्माइल है... और अलग मैसेज पहुंचाती है... तो स्माइल ने बहुत बड़ा रोल अदा किया है..."

ऑडियंस के सवालों के दिए जवाब
इंटरव्यू के दौरान अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया ने ऑडियंस के सवालों के भी जवाब दिए. एक लड़की ने अरुण गोविल से शाहरुख खान की फिल्म 'बाज़ीगर' के मशहूर डायलॉग "कभी-कभी कुछ जीतने के लिए कुछ हारना पड़ता है, और हारकर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं" को अपने अंदाज में बोलने की अपील की. 

राम के साथ हार-जीत नहीं होती
इसके जवाब में अरुण गोविल कहते हैं- "ये डायलॉग फिल्म में बहुत अच्छा लगा था. वास्तव में ये सच भी है. लेकिन राम के साथ ऐसा नहीं है कि कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है. वहां जीत-हार नहीं होती. वहां केवल नाम होता है. बाज़ीगर शब्द तो भगवान राम के साथ या किसी भी परमात्मा के साथ बोलना शोभा नहीं देता." 

ऑडियंस में शामिल एक दूसरी लड़की ने दीपिका चिखलिया से शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म 'ओम शांति ओम' के डायलॉग "एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू..." को अपने अंदाज में बोलने की गुजारिश की.

मेरे जीवन में रामजी हैं-दीपिका चिखलिया
इसपर दीपिका चिखलिया ने कहा, "मैं रमेश बाबू से कभी बात नहीं करूंगी, क्योंकि मेरे जीवन में रामजी हैं. इसलिए ये बात सरासर गलत हो जाएगी. सिंदूर की कीमत तो रामजी को बहुत पता है, तभी तो वो लंका से सीताजी को लेकर आए थे."


 



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Wednesday, 17 January 2024

केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति के अपहरण की कोशिश? कार में जबरन घुसा शख्स, FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के लखनऊ एयरपोर्ट (Lucknow Airport) के समीप एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Niranjan Jyoti) के ड्राइवर ने एक अज्ञात शख्स पर केंद्रीय राज्य मंत्री के अपहरण की कोशिश करने का केस दर्ज करवाया है. साध्वी निरंजन ज्योति के ड्राइवर की तहरीर में दावा किया गया है कि जब वो मंत्री को रिसीव करने एयरपोर्ट जा रहा था, तभी एक शख्स मंत्री को किडनैप करने की कोशिश के तहत कार में घुस गया.

गाड़ी में मंत्री साध्वी मौजूद नहीं थीं. सुरक्षाकर्मियों ने गाड़ी लेकर भाग रहे किडनैपर को पकड़ लिया. ड्राइवर की तहरीर पर आरोपी युवक को हिरासत में लिया गया है. पुलिस पूछताछ कर रही है. घटना मंगलवार सुबह की है. जानकारी के अनुसार साध्वी निरंजन ज्योति दिल्ली से लखनऊ फ्लाइट से आ रही थीं.

सुबह उनके ड्राइवर निरंजन ज्योति को रिसीव करने जा रहे थे. उसी समय  बंथरा थाना क्षेत्र में न्यू प्रधान ढाबा के पास ड्राइवर ने चाय पीने के लिए गाड़ी रोक दी. इसी दौरान युवक वहां पहुंचा और गाड़ी में बैठे गनर को धक्का देकर बाहर गिरा दिया और गाड़ी लेकर भागने का प्रयास करने लगा. तभी सुरक्षाकर्मियों ने घेरकर गाड़ी रोक ली और युवक को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. बंथरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मंत्री के अपहरण के प्रयास की कोशिश करने में केस दर्ज किया है. 

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पन्नू की धमकी के बाद CM भगवंत मान ने कहा- ‘पंजाब विरोधी’ ताकतों को सफल नहीं होने देंगे

चंडीगढ़: भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किये गये गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी को धमकी दिये जाने के एक दिन बाद बुधवार को मान ने कहा कि वह राज्य की शांति और समृद्धि के संरक्षक हैं और इस तरह की धमकी के हथकंडे उन्हें काम करने से नहीं रोक सकते.

युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के लिए आयोजित कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री मान ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पंजाब विरोधी ताकतों के प्रति लागू की गई कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति और विदेश में सुरक्षित पनाहगाहों से देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों को वापस लाकर दंडित करने के प्रयासों की वजह से ऐसी धमकी मिलना स्वभाविक है.

उन्होंने कहा कि ये लोग राज्य में कड़े प्रयासों से स्थापित शांति को भंग करना चाहते हैं लेकिन उनकी सरकार ऐसी ताकतों को उनके नापाक मंसूबों को अंजाम नहीं देने देगी. मान ने कहा, ‘‘ऐसे पंजाब विरोधी रुख के साजिशकर्ताओं ने विदेशों में शरण ले रखी है, लेकिन हम उन्हें वापस लाने और उनके पापों की सजा देने की कोशिश कर रहे हैं.''

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब को भीतर और बाहर दोनों तरफ से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन वे ऐसी धमकियों के आगे न झुककर उनका बहादुरी से सामना करेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे खूंखार अपराधियों को सुरक्षित पनाहगाह देने वाले देशों को भी विश्व शांति के व्यापक हित में इन अपराधियों को वापस भेज देना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार को भी ऐसे खूंखार राष्ट्र-विरोधी अपराधियों को देश में वापस लाकर उन्हें देश के कानून के अनुसार दंडित करने के लिए कदम उठाना चाहिए. खालिस्तानी आंतकवादी पन्नू ने पंजाब के अपराधी सरगनाओं को प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस' से जुड़ने और गणतंत्र दिवस परेड में शीर्ष नेताओं को शामिल होने से रोकने की अपील की थी.

पन्नू को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था और सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. मान ने राज्य के कर्ज को लेकर उनकी सरकार को निशाना बनाए जाने पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने पूर्व क्रिकेटर को ‘भगोड़ा' करार देते हुए कहा कि जब उन्हें बिजली मंत्री का प्रभार दिया गया तो वह अपना कर्तव्य निभाने से भाग गए.
 



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Tuesday, 16 January 2024

‘स्टार्टअप इंडिया’ प्रधानमंत्री के लिए प्रचार पाने का साधन बना: मल्लिकार्जुन खरगे

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के लिए ‘स्टार्टअप इंडिया' प्रचार पाने का एक साधन बन गया है और नरेन्द्र मोदी सरकार ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस' का ढोल पीट रही है जबकि यह अपेक्षित नतीजे देने में विफल रहा है. खरगे ने यह भी पूछा कि सरकार ने देश के मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में से 97.5 फीसदी को कर लाभ क्यों नहीं दिए.

कांग्रेस प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, “मोदी सरकार ढोल पीट रही है और हमसे राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाने के लिए कह रही है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2016 में ‘स्टार्टअप इंडिया' की शुरुआत किए जाने के बाद से ही हमारे स्टार्टअप उद्यमियों, सर्जनात्मक लोगों और हमारे बेरोज़गार युवाओं को निराशाजनक स्थिति में पहुंचा दिया गया.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन सवाल पूछना चाहती है -- “ भाजपा ने 2019 के अपने घोषणापत्र में ‘स्टार्टअप सीड फंड' के लिए 20,000 करोड़ रुपये का वादा किया. उसका क्या हुआ? सच्चाई: उन्होंने इसके लिए मात्र 525.27 करोड़ रुपये मंजूर किए और यह भी 2021-22 से शुरू होने वाली चार साल की अवधि के लिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, “क्या यह सच है कि सिर्फ बीते दो साल में स्टार्टअप में काम करने वाले एक लाख लोगों ने अपनी नौकारियां गंवा दी हैं? हम उन पर कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभाव की गिनती तक नहीं कर रहे हैं. इसमें हैरत की बात नहीं है कि स्टार्टअप का वित्तपोषण पांच साल में सबसे कम है.”

उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार ने देश के मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में से 97.5 फीसदी को कर लाभ क्यों नहीं दिए. खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार ने लगभग हर बजट में वादा करने के बावजूद सिर्फ 2,975 स्टार्टअप को किसी तरह का कर लाभ दिया.

उन्होंने कहा, “ ‘स्टार्टअप इंडिया' प्रधानमंत्री के लिए प्रचार हासिल करने का साधन बन गया है और यह अपेक्षित परिणाम नहीं दे सका है.” खरगे ने पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें कहा गया, “मोदी सरकार का स्टार्टअप इंडिया ‘नॉन-स्टार्टर' बना हुआ है.”

प्रधानमंत्री मोदी ने 16 जनवरी 2016 को ‘स्टार्टअप इंडिया' पहल की शुरुआत की थी. इसका मकसद नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत ‘इकोसिस्टम' खड़ा करना और देश में स्टार्टअप ‘इकोसिस्टम' में निवेश को बढ़ावा देना था. मोदी ने 16 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस घोषित किया था.



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दिल्ली के जैतपुर इलाके में डकैती के बाद बुजुर्ग महिला की हत्या, पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

राजधानी दिल्ली के जैतपुर इलाके में मंगलवार की सुबह में डकैती के बाद एक 80 साल की बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई. पुलिस ने हत्या के आरोप में 2 लोगों को पकड़ा है, जिसमें एक नाबालिग है. दक्षिण पूर्वी दिल्ली के डीसीपी राजेश देव के मुताबिक मंगलवार सुबह करीब 8.45 बजे महिला की हत्या की सूचना मिली थी. कॉल मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.

क्राइम टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. सीसीटीवी स्कैन किए गए और लोगों से पूछताछ की गई. मृतक महिला के बेटे सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी 80 साल की मां शकुंतला घर में अकेली रहती थीं. वो अपने परिवार के साथ सौरभ विहार में अलग रहते हैं. वो रोजाना अपनी मां से मिलने उन्हें खाना और चाय देने आते थे.

उसने बताया कि हमेशा की तरह, 16 जनवरी 2024 को सुबह लगभग 8.30 बजे वो अपनी मां से मिलने आए. जब उसकी मां ने उसके बार-बार बुलाने पर कोई जवाब नहीं दिया, तो उसने खिड़की से देखा कि उसकी मां अपने बिस्तर पर बेहोश पड़ी थी और पीछे की खिड़की की कुंडी खुली हुई थी. वो खिड़की से घर में दाखिल हुए और देखा कि उसके मुंह से खून निकल रहा था और उसकी सोने की अंगूठी और सोने की चूड़ियां गायब थीं.

इधर पुलिस ने जांच शुरू की तो एक सीसीटीवी फुटेज में 2 लोगों को पिछली रात घटना स्थल के पास संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा गया. एक संदिग्ध की पहचान सौरभ विहार के रहने वाले मयंक के तौर पर हुई, उसने जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि वारदात में उसके साथ 16 साल का एक नाबालिग भी था.

पुलिस ने नाबालिग को भी पकड़ा लिया, उसकी निशानदेही पर लूटे गए गहने बरामद किए गए. आरोपी मयंक के पिता नोएडा में एक एनजीओ में काम करते हैं.



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छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने दिया पार्टी से इस्तीफा

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हुपेंडी ने कहा कि उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के रूखे व्यवहार से परेशान होकर इस्तीफा दिया है. हुपेंडी ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है तथा उनके साथ राज्य के कुछ अन्य पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ दी है.

उन्होंने बताया, ''मैंने और मेरे साथ छह-सात अन्य पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.'' हुपेंडी ने कहा, ''मैं सरकारी नौकरी में था. मैं समाज के लिए कुछ करना चाहता था इसलिए मैं आम आदमी पार्टी में शामिल हो गया. यह पार्टी मुझे बेहतर लगी तथा दिल्ली में जो काम कर रहे थे, उससे मैं प्रभावित था.''

उन्होंने कहा, ''राज्य में पार्टी का संगठन कमजोर था लेकिन मैं इसमें आया और मैंने अच्छा काम किया जिससे संगठन बढ़ा. जब यहां 2023 में विधानसभा चुनाव हुए तब हम लोगों ने 90 सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. लेकिन पार्टी पूरी सीट पर नहीं लड़ी. हम कहते रह गए. मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं तो कम से कम मुझे बता देते कि पार्टी सभी सीट पर क्यों चुनाव नहीं लड़ रही है. जब हम शीर्ष नेतृत्व को फोन करते थे तब वे फोन उठाते नहीं थे. चुनाव में प्रत्याशियों को टिकट दे दिए गए थे लेकिन कोई सहयोग नहीं मिल रहा था. इससे कार्यकर्ता और उम्मीदवार परेशान थे. यदि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ऐसा रुख रहेगा तब हम छत्तीसगढ़ को कैसे बदलेंगे. हम काम करना चाहते हैं लेकिन ऐसे में काम करना कठिन है, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया.''

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं तब उन्होंने कहा, ''इस संबंध में मैंने अभी कोई विचार नहीं किया है. कुछ समय बाद मैं इस पर विचार करूंगा.''

राज्य में पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 54 सीट पर चुनाव लड़ा था तथा पार्टी के सभी उम्मीदवार भारी अंतर से चुनाव हार गए थे. इस विधानसभा चुनाव में 'आप' को 0.93 प्रतिशत वोट मिले. इससे पहले 2018 के चुनाव में 'आप' ने 85 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 0.87 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.राज्य में 2018 तथा 2023 के चुनावों में पार्टी के सभी उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए.

आप की राज्य इकाई के प्रमुख रहे कोमल हुपेंडी ने 2023 के चुनाव में 15,255 वोट हासिल किये थे. भानुप्रतापपुर सीट से लगातार दूसरी बार हार का सामना करते हुए वह तीसरे स्थान पर रहे.

इस चुनाव में भाजपा ने 54 सीट जीतकर पांच साल बाद सत्ता में वापसी की है तथा विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार का गठन किया है. राज्य में कांग्रेस को 35 सीट मिलीं तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की है.



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Monday, 15 January 2024

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर करीब 21 लाख लोगों ने संगम में लगाई डुबकी

गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के पावन संगम में स्नान के साथ माघ मेला सोमवार से शुरू हो गया और करीब 21 लाख लोगों ने स्नान किया. मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक, सोमवार शाम छह बजे तक लगभग 20 लाख 90 हजार श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई.

उन्होंने बताया कि रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी रहा जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. पूरे मेला क्षेत्र में जगह जगह लोगों ने स्नानार्थियों के बीच खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया.

तीर्थ पुरोहित आचार्य राजेंद्र मिश्र ने बताया कि मकर संक्रांति में स्नान का मुहूर्त कल रात्रि दो बजकर 42 मिनट पर सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ शुरू हुआ और यह आज सूर्यास्त तक रहा.

उन्होंने बताया कि चूंकि माघ मेला सर्दी के मौसम का मेला है, इसलिए कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद स्नानार्थियों के उत्साह में कोई कमी नहीं रही और लोग आज तड़के से ही स्नान कर पुण्य के भागी बने.

मिश्र ने बताया, “मान्यता है कि प्रयागराज के माघ मेले में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए सभी 33 कोटि देवी-देवता भी अदृश्य रूप में यहां आते हैं. इसलिए देश के कोने कोने से लोग गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं.”

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि स्नान के दौरान किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी की दो टीमें घाटों पर तैनात की गई हैं.

मेलाधिकारी प्रसाद ने बताया कि मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, डीआईजी (माघ मेला) डॉ. राजीव नारायण मिश्र और जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल निरंतर भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे.

उन्होंने बताया कि माघ मेले को 786 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आयोजित किया गया है और पांच सेक्टरों में बांटा गया है.

उनके मुताबिक, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आठ प्रमुख घाट बनाए गए हैं जिनकी लंबाई लगभग 3300 फुट है और आगे स्नान पर्वों पर इन घाटों की संख्या बढ़ाई जाएगी.

उन्होंने बताया, “ इसके अलावा, नदी पार करने की सुविधा के लिए छह पांटून पुल बनाए गए हैं और 3.5 किलोमीटर ‘डीप वाटर बैरीकेडिंग' की गई है. मेले में अपनों से बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए सात खोया पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं.”

अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में 18,000 स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं और दो अस्पताल खोले गए हैं. स्वच्छता के लिए मेला क्षेत्र में 1800 जन शौचालय और 12,000 संस्थागत शौचालय स्थापित किए गए हैं. पूरे मेला क्षेत्र में 14 थाने, 41 पुलिस चौकियां और 14 दमकल स्थापित किए गए हैं.

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Sunday, 14 January 2024

मन्नारा चोपड़ा-मुनव्वर फारूकी की दोस्ती पर ईशा ने उठाया सवाल, करण जौहर बोले- जब आप समर्थ को चिल्ला...

Bigg Boss 17 Weekend Ka Vaar Episode Promo: बिग बॉस 17 की शुरूआत से मन्नारा चोपड़ा और मुनव्वर फारूकी की दोस्ती फैंस का दिल जीत रही है. हालांकि आयशा खान के आने के बाद दोनों के बीच दूरियां भी देखने को मिली. वहीं कई लोगों ने इसे प्यार भी कहा. लेकिन अब शो में ईशा मालवीय ने ही दोनों के रिश्ते पर सवाल उठाए, जिसके चलते मन्नारा चोपड़ा की लड़ाई देखने को मिली थी. वहीं अब वीकेंड का वार पर करण जौहर ने इस मुद्दे को उठाया और ईशा मालवीय की क्लास लगाई. 

वीकेंड का वार के प्रोमो में करण जौहर ईशा मालवीय से कहते हैं, जब आप समर्थ को चिल्ला चिल्लाकर कह रही थीं कि तू उकसाता है. तेरी वजह से आज अभिषेक की ये हालत है. तो क्या मन्नारा ने आपसे पूछा कि वाह क्या पत्ता साफ किया है. पहले वीक में आपका और अभिषेक का अजीब सा रिश्ता था. उसे कोई नाम दिया घरवालों ने. नहीं दिया ना. तो मुझे ये बात बताओ ईशा कि आपके लिए यह क्यों जरुरी है कि मन्नारा और मुनव्वर की दोस्ती को ऑफिशियल नाम दिया जाए. इस मजेदार प्रोमो का लोगों का मजेदार रिएक्शन सामने आया है.  

दरअसल, हाल ही के एक एपिसोड में मन्नारा चोपड़ा, ईशा मालवीय, अभिषेक कुमार औऱ विक्की जैन साथ बैठे थे. तभी मुनव्वर के आयशा खान को लेकर दिए स्टेटमेंट्स पर भी बातें हुईं. इस दौरान ईशा ने मन्नारा की आयशा को कहीं बातों पर कहा कि वह अपना पत्ता साफ कर रही है. इस पर मन्नारा खूब चिल्लाती हैं और उन पर बरसती हुई नजर आती हैं. 



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Saturday, 13 January 2024

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए मॉरीशस ने अधिकारियों को विशेष अवकाश दिया

मॉरीशस सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘‘ऐतिहासिक'' प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान पूजा-अर्चना में शामिल होने के लिए हिंदू धर्म के लोकसेवकों को दो घंटे का विशेष अवकाश देने का निर्णय किया है.

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा.

मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘कैबिनेट ने सोमवार 22 जनवरी 2024 को भारत के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संदर्भ में यहां हिंदू धर्म मानने वाले लोकसेवकों को दिन में दो बजे से दो घंटे के लिए विशेष छुट्टी देने पर सहमति व्यक्त की है क्योंकि यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो अयोध्या में भगवान राम की वापसी का प्रतीक है.''

हिंदू धर्म के अनुयायियों की संख्या मॉरीशस में सबसे अधिक है. 2011 में हिंदुओं की आबादी लगभग 48.5 प्रतिशत थी. मॉरीशस अफ्रीका का एकमात्र देश है जहां हिंदू धर्म सबसे अधिक प्रचलित धर्म है. प्रतिशत के संदर्भ में राष्ट्र हिंदू धर्म के प्रसार में नेपाल और भारत के बाद विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है.

इस देश में हिंदू धर्म तब आया जब भारतीयों को गिरमिटिया मजदूर के रूप में औपनिवेशिक फ्रांसीसी और बाद में मॉरीशस एवं हिंद महासागर के पड़ोसी द्वीपों में ब्रिटिश बागानों में काम करने के लिए बहुत बड़ी संख्या में लाया गया था. प्रवासी मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से आए थे.

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Friday, 12 January 2024

पंकज त्रिपाठी ने निर्वाचन आयोग के ‘नेशनल आइकन’ के रूप में इस्तीफा दिया, ये बताया कारण

अभिनेता पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) के ‘नेशनल आइकन' के रूप में स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि वह ‘मैं अटल हूं' फिल्म में एक राजनीतिक नेता की भूमिका निभा रहे हैं. त्रिपाठी, रवि जाधव के निर्देशन वाली फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभा रहे हैं. अभिनेता ने कहा कि उन्होंने फिल्म का ट्रेलर जारी होने से पहले पद छोड़ने का मन बनाया था. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने कहा, ‘‘यह एक सामान्य प्रक्रिया है. खबर अब आई है लेकिन मैंने फिल्म का ट्रेलर जारी होने से पहले निर्वाचन आयोग को पत्र लिख दिया था.''

‘एक्स' पर निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता के आधिकारिक हैंडल ने बृहस्पतिवार को यह खबर साझा की कि त्रिपाठी ने ‘नेशनल आइकन' के रूप में इस्तीफा दे दिया है. उन्हें अक्टूबर 2022 में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

पोस्ट में कहा गया है, ‘‘आगामी फिल्म में राजनीतिक नेता के रूप में अपनी भूमिका को ध्यान में रखते हुए, अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने सहमति पत्र की शर्तों के अनुसार निर्वाचन आयोग के नेशनल आइकन पद से इस्तीफा दे दिया है. आयोग अक्टूबर 2022 से मतदाता जागरूकता और स्वीप (सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) में प्रभावकारी योगदान देने के लिए उनका आभार जताता है.''

त्रिपाठी (57) ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग के साथ जुड़े रहना और उसके मतदाता कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता फैलाना चाहते थे.

लगा कि इस्‍तीफा देना उपयुक्‍त रहेगा : त्रिपाठी 

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक अभिनेता के रूप में, आपको विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभानी होती हैं और इसलिए मैं अटल बिहारी वाजपेयी जैसी राजनीतिक शख्सियत का किरदार निभा रहा हूं. मुझे लगा कि स्वेच्छा से इस्तीफा देना मेरे लिए उपयुक्त रहेगा.''

19 फरवरी को रिलीज होगी फिल्‍म 

फिल्म के निर्माता विनोद भानुशाली, संदीप सिंह और कमलेश भानुशाली हैं. फिल्म 19 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. भवेश भानुशाली और सैम खान फिल्म के सह-निर्माता हैं.

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BJP के आरोपों पर शशि थरूर ने हिंदू उदारवाद के संबंध में सोनिया गांधी के भाषण की दिलाई याद

कांग्रेस के हिंदू विरोधी होने के भाजपा के आरोपों के जवाब में वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने रामकृष्ण मिशन में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के दो दशक पहले दिए गए एक भाषण का जिक्र किया जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत की धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए हिंदू उदारवादी विचारों ने कैसे योगदान दिया. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर की टिप्पणी से एक दिन पहले भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के तीन शीर्ष नेताओं द्वारा निमंत्रण को अस्वीकार किए जाने पर पार्टी के फैसले की आलोचना की थी. भाजपा ने दावा किया कि इससे भारत की संस्कृति और हिंदू धर्म के प्रति कांग्रेस के भीतर अंतर्निहित विरोध का पता चलता है.

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में थरूर ने हिंदू धर्म को लेकर स्वामी विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डालते हुए सोनिया गांधी के संबोधन को संलग्न किया. इस पोस्ट में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य थरूर ने अपना विश्वास व्यक्त किया कि विवेकानंद की शिक्षाएं वर्तमान समय के लिए अत्यधिक प्रासंगिक और प्रभावशाली संदेश देती हैं.

सोनिया गांधी ने बारह जनवरी, 1999 को अपने संबोधन में ‘भारत की बहुलवादी और समग्र विरासत' की सराहना करने वाले स्वामी विवेकानंद के विचारों को समाज के कुछ वर्गों द्वारा हथियाने पर अफसोस जताया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार सत्ता में थी.

थरूर ने अपने पोस्ट में कहा कि कांग्रेस का हिंदू उदारवाद के साथ जुड़ाव पिछले एक दशक की घटनाओं की हालिया प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि लंबे समय से बरकरार और गहरा विचार है. उन्होंने लिखा, ‘‘आज से 25 साल पहले, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने 12 जनवरी 1999 को रामकृष्ण मिशन, नयी दिल्ली में राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह में विचारपूर्ण भाषण दिया था.''

सोनिया गांधी ने इस बात पर अफसोस जताया था कि भारत की विविध विरासत और सहिष्णुता तथा सद्भाव पर जोर देने वाले हिंदू धर्म के संदेश के लिए स्वामी विवेकानंद की सराहना को नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले समूहों द्वारा विकृत और हथियाया जा रहा है.

'इससे अधिक प्रभावी संदेश की कल्‍पना कठिन' 
 
थरूर ने ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, ‘‘आज स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के बारे में इससे अधिक प्रभावी संदेश की कल्पना करना कठिन है. और यह याद रखना ठीक होगा कि कांग्रेस की हिंदू उदारवाद के साथ पहचान पिछले दस वर्षों की घटनाओं की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि एक लंबे समय से कायम सोच है.''

सोनिया गांधी ने यह भी कहा था कि भारत मुख्य रूप से धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि हिंदू धर्म, दर्शन और जीवन शैली दोनों तरीके से ‘‘हमारे पूर्वजों के कथन ‘एकम सत, विप्रा बहुधा वदंति (सत्य एक है, जिसे बुद्धिमान विभिन्न नामों से बुलाते हैं)' पर आधारित है.''

जयराम रमेश ने की शशि थरूर की सराहना 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने थरूर की सराहना करते हुए इसे ‘‘शानदार शोध'' बताया और कहा कि यह समयानुकूल भी है. ‘एक्स' पर थरूर के पोस्ट को साझा करते हुए रमेश ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही 1985 में स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 12 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था.

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Thursday, 11 January 2024

उत्तरी सीमा पर हालात स्थिर, लेकिन संवेदनशील: सेना प्रमुख जनरल पांडे

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति ‘स्थिर' लेकिन ‘संवेदनशील' है और भारतीय सैनिक किसी भी अकस्मात स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अभियानगत तैयारियों को बहुत उच्च स्तर पर रखे हुए हैं. सेना दिवस से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने यह भी कहा कि भारत और चीन 2020 के मध्य से पूर्व की स्थिति में लौटने के लक्ष्य से सैन्य व राजनयिक स्तर की वार्ताएं जारी रखे हुए है.

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी सीमा पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील हैं. हम शेष मुद्दों का समाधान तलाशने के लिए स्थापित प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं के अनुसार सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बातचीत जारी रखे हुए हैं.'' सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है.

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी अभियानगत तैयारियां उच्च स्तर की हैं. सैनिकों की तैनाती मजबूत और संतुलित है.'' उन्होंने कहा कि उनकी सेना सभी इलाकों में पर्याप्त उपस्थिति बनाये हुए है ताकि यह किसी भी अकस्मात स्थिति से निपट सके. यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की संख्या को कम करने का प्रयास किया जाएगा, उन्होंने कहा कि प्राथमिक जोर 2020 में गतिरोध शुरू होने से पहले की यथास्थिति में लौटना है.

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में हमारी कोशिश 2020 के मध्य से पूर्व की स्थिति में वापस जाने के लिए बातचीत जारी रखने की है. और एक बार ऐसा होने पर हम सैनिकों की संख्या में कटौती के बड़े मुद्दे पर विचार कर सकते हैं. एलएसी पर जब तक जो कुछ भी सैनिक तैनात करने की जरूरत पड़ेगी, हम करते रहेंगे.'' उन्होंने कहा, ‘‘पहला लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद हम अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.''

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच टकराव के कई स्थान हैं जिन पर पिछले तीन वर्ष से गतिरोध कायम है. हालांकि राजनयिक और सैन्य स्तर की कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने टकराव वाले कई स्थानों से सैनिकों को वापस बुला लिया है. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया.

क्षेत्र में एलएसी पर प्रत्येक पक्ष के वर्तमान में लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक हैं. जम्मू कश्मीर के हालात पर जनरल पांडे ने कहा कि घुसपैठ की कोशिश की कई घटनाएं हुई हैं इसके बावजूद नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम कायम है.

उन्होंने कहा,‘‘ हम नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिशें नाकाम कर रहे हैं.'' जनरल पांडे ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन राजौरी-पुंछ सेक्टर में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ी हैं.

विभिन्न आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान का सहयोग मिलने का प्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि सीमा पार आतंक फल-फूल रहा है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ में आतंकवादी गतिविधियों पर सेना प्रमुख ने कहा, यह वो क्षेत्र है जहां हमारा विरोधी आतंकवाद को बढ़ावा देने में सक्रिय है.

सेना प्रमुख ने कहा कि अग्निवीरों को सेना में शामिल किए जाने की प्रक्रिया अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल के समग्र आधुनिकीकरण के तहत 2024 भारतीय सेना के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने का साल होगा. भूटान और चीन के अपने सीमा विवाद का शीघ्र समाधान करने पर गौर करने के बीच जनरल मनोज पांडे ने कहा कि घटनाक्रम पर करीबी नजर रखी जा रही है.

एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि भारत का भूटान के साथ एक अनूठा द्विपक्षीय संबंध है जो ‘अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और परस्पर तालमेल' पर आधारित है. उन्होंने कहा, ‘‘भूटान और हम (भारत) परस्पर सुरक्षा चिंताओं को साझा करते हैं जिससे हम दोनों अवगत हैं. सीमा विवाद पर जारी वार्ता पर हम करीबी नजर रखे हुए हैं.''

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम भूटान में अपने मित्रों के साथ पारदर्शी और नियमित आधार पर बात कर रहे हैं.'' सीमा विवाद पर भूटान और चीन के बीच वार्ताओं पर नयी दिल्ली करीबी नजर रखे हुए है क्योंकि इसका भारत के सुरक्षा हितों पर, विशेष रूप से डोकलाम क्षेत्र में प्रभाव पड़ सकता है.

भारत-म्यांमा सीमा पर स्थिति के बारे में जनरल पांडे ने कहा कि म्यामां के सशस्त्र जातीय समूहों और सरकारी बलों के बीच लड़ाई से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर वहां के लगभग 416 सैनिक भारत में आ गए थे. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना घटनाक्रम पर “पैनी नजर” रख रही है.

कथित तौर पर जुंटा (सैन्य सरकार) विरोधी समूहों ने भारत के साथ म्यामां की सीमा के पास कई प्रमुख शहरों, सैन्य ठिकानों पर नियंत्रण कर लिया है और अस्थिर स्थिति ने म्यामां के कई नागरिकों को मिजोरम में शरण लेने के लिए मजबूर किया है.

सेना प्रमुख ने कहा, “वह (भारत-म्यामां सीमा पर स्थिति) हमारे लिए चिंता का विषय है. आप पिछले कुछ महीनों में म्यामां सेना और जातीय सशस्त्र संगठनों तथा पीडीएफ (पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज) की गतिविधियों से अवगत हैं.”

जनरल पांडे ने कहा, “भारत-म्यामां सीमा पर स्थिति चिंताजनक है क्योंकि कुछ विद्रोही समूह भी हैं, जो दबाव महसूस कर रहे हैं और अब मणिपुर राज्य में सीमा के हमारी ओर आने का प्रयास कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “मणिपुर की स्थिति के साथ मिलकर हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं.”

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