भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह ने शनिवार को विरोध करने वाले पहलवानों की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि वह बृजभूषण शरण सिंह के कठपुतली उम्मीदवार नहीं हैं.
जो राजनीति करना चाहते हैं वह ऐसा कर सकते हैं
चुनाव में संजय सिंह को सर्वाधिक मत मिले और इसे निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण का राष्ट्रीय महासंघ पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण माना जा रहा है. संजय सिंह ने पत्रकारों से कहा, "जो खिलाड़ी हैं उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है और जो राजनीति करना चाहते हैं वह ऐसा कर सकते हैं. यह उनका निजी मसला है. मैं इस पर बात नहीं करूंगा."
"अगर मैं उनका करीबी हूं तो क्या यह अपराध है"
साक्षी मलिक ने संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी, इस बारे में पूछे जाने पर डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ने कहा, "मैं 12 वर्ष से महासंघ में हूं. मेरा एक सांसद (बृजभूषण) का करीबी होने का मतलब यह नहीं है कि मैं कठपुतली उम्मीदवार हूं. अगर मैं उनका करीबी हूं तो क्या यह अपराध है."
इस बीच साक्षी ने कहा कि वह उन पहलवानों को लेकर चिंतित है जो जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप को लेकर उनसे फोन पर बात कर रहे हैं. डब्ल्यूएफआई नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि अंडर-15 और अंडर-20 वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप उत्तर प्रदेश के गोंडा में 28 से 30 दिसंबर के बीच आयोजित की जाएगी.
उन्होंने कहा, "गोंडा बृजभूषण का क्षेत्र है. आप कल्पना कर सकते हैं कि जूनियर महिला पहलवान वहां प्रतिस्पर्धा करने के लिए कैसे जाएंगी. क्या राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए नंदिनी नगर के अलावा देश में कोई और स्थान नहीं था. मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं."
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