शहर के बिजॉयगढ़ इलाके के दक्षिणी हिस्से में सोमवार को एक मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्ग महिला अपने घर में अपनी 38 वर्षीय बेटी की लाश के साथ मिली. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि बिजॉयगढ़ इलाके में आवासीय भवन की दूसरी मंजिल पर एक फूड डिलीवरी बॉय के फ्लैट से दुर्गंध आने की शिकायत के बाद जादवपुर पुलिस थाने के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. दरवाजा तोड़कर पुलिसकर्मी घर के अंदर दाखिल हुए तो बुजुर्ग महिला दीपाली बसु (68) को अपनी बेटी संचिता बसु (38) के शव के पास बैठा पाया.
आईपीएस अधिकारी ने कहा, "महिला अपनी मां के साथ रह रही थी और दोनों किसी तरह के मानसिक विकार से पीड़ित थे. हमने महसूस किया कि मां ने कभी भी अपनी बेटी की मौत के बारे में किसी को नहीं बताया. पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी, जब एक फूड डिलीवरी बॉय ने फ्लैट से दुर्गंध आने पर अलार्म बजाया. “
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मां-बेटी की जोड़ी के पास आय का कोई स्रोत नहीं था और उनका एक रिश्तेदार उन्हें खाना भेजा करता था. उन्होंने कहा, ''ऐसा लगता है कि बेटी की मौत 2-3 दिन पहले हुई थी.'' पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के लिए एसएसकेएम अस्पताल भेज दिया. इस घटना ने रॉबिन्सन स्ट्रीट मामले की यादें ताजा कर दीं, जिसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर पार्थ डे ने अपनी बहन देबजानी डे और दो पालतू कुत्तों के कंकालों के साथ छह महीने बिताए थे. 10 जून, 2015 को खुद को आग लगाने वाले उसके पिता अरबिंदा डे की मौत की जांच के दौरान पुलिस को इस मामले का पता चला.
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