केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक विमर्श में सौहार्द की कमी हो गई है और वह अपने किसी प्रतिद्वंद्वी को एक कप कॉफी की पेशकश करने की कल्पना नहीं कर सकतीं. उन्होंने याद किया कि मद्रास प्रेसीडेंसी और तमिलनाडु में कम्युनिस्ट नेता पी राममूर्ति और चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के बीच जोरदार बहस होती थी.
सीतारमण ने कहा कि बहस के दौरान राजाजी ने अपने प्रतिद्वंद्वी से रुकने का अनुरोध किया और एक कप कॉफी की पेशकश की. वित्त मंत्री ने दिग्गज बैंकर एन वघुल की किताब 'रिफ्लेक्शंस' के विमोचन के मौके पर यहां कहा, 'मैं (अभी) एक कप कॉफी की पेशकश करने की कल्पना भी नहीं कर सकती. इसे पूरी तरह से गलत समझा जा सकता है."
सीतारमण ने राजनीतिक नेताओं के साथ वघुल के टकराव का भी जिक्र किया. उन्होंने यह भी कहा कि चालीस वर्षों तक, प्रत्येक सरकार ने पिछली सरकार के साथ यह दिखाने के लिए तुलना की कि वे पहले की सरकार की अपेक्षा अधिक समाजवादी हैं. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार, 2021 में उनके द्वारा पेश किए गए बजट में 'निजीकरण' शब्द का उल्लेख किया गया था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन की वजह से था.
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