वियतनाम में जन्मीं गुयेन थी थान अंदरुनी शांति की तलाश में 14 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर निकल गई थीं. अब करीब 22 साल बाद उन्हें ‘बौद्ध अध्ययन' में दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री मिली है. अंदरुनी शांति की तलाश में निकलीं गुयेन बाद में एक बौद्ध भिक्षुणी बन गईं, जिन्होंने कई देशों की यात्रा की है. वह कई भाषाएं धाराप्रवाह बोलने में सक्षम हैं. गुयेन (36) उन 910 छात्रों में शामिल हैं, जिन्हें शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री दी गई. इस दौरान वह भारतीय पोशाक में नजर आईं.
गुयेन ने कहा, ‘‘अंदरूनी शांति की तलाश के लिए मैंने 14 साल की उम्र में वियतनाम का अपना घर छोड़ दिया. मेरे बौद्ध भिक्षुणी बनने का फैसला करने के बाद मेरी मां और दादी तीन महीने तक रोती रहीं. धीरे-धीरे, वे इसकी आदि हो गईं. मैं एक मठ में गई, जहां मैंने बौद्ध धर्म के बारे में सीखा.'' वर्ष 2017 में भारत आईं गुयेन ने कहा, ‘‘मैं ताइवान में एक साल रही. फिर मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर करने का फैसला किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्नातकोत्तर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक हासिल किया. फिर मैंने बौद्ध अध्ययन में पीएचडी करने का फैसला किया.''
ये भी पढ़ें-
- VIDEO: प्रयागराज शूटआउट पर असेंबली में गुस्से से उबल पड़े योगी आदित्यनाथ, सुनाई खरी-खरी
- पंजाब : गैंगस्टर तेजा के खतरनाक इरादों का खुलासा, ऑडियो से मालूम हुआ कौन था उसके निशाने पर?
- PM बनने की इच्छा में नीतीश कुमार बदल गए, BJP के दरवाजे उनके लिए बंद : बिहार में अमित शाह
from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/MrTOK0c
No comments:
Post a Comment