आईआईटी-दिल्ली की स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि चिंटेल पैराडिसो सोसाइटी में दो और टावरों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है, जहां पिछले साल टावर डी के आंशिक रूप से गिरने के बाद दो लोगों की मौत हो गई थी. अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि सेक्टर 109 में सोसायटी के टावर E और F रहने के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
मीणा ने कहा, "टॉवर E और F के स्ट्रक्चरल ऑडिट में, आईआईटी-दिल्ली टीम ने इन टावरों के निर्माण में संरचनात्मक कमियों को पाया है और तकनीकी और आर्थिक आधार पर मरम्मत संभव नहीं है. इसलिए, दो टावर रहने के लिए उपयुक्त नहीं हैं. आईआईटी -दिल्ली टीम ने E और F टावरों को बंद करने की भी सिफारिश की है. दो टावरों के आवंटियों का नियमानुसार पुनर्वास किया जाएगा."
आईआईटी-दिल्ली ने इससे पहले नवंबर 2022 में जारी अपनी जांच रिपोर्ट में टावर डी को असुरक्षित घोषित किया था, जिसकी मूल्यांकन रिपोर्ट भी टावर के निवासियों और डेवलपर के साथ निपटान संबंधी प्रक्रिया के लिए साझा की जा रही है. एडीसी मीणा, जो एसआईटी के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा, "हाल की रिपोर्ट में इमारतों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कंक्रीट में क्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई है, जिससे निर्माण में इस्तेमाल होने वाला स्टील और कंक्रीट नष्ट हो गया." फरवरी 2022 की घटना की जांच जिला प्रशासन करेगा.
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