Tuesday, 28 February 2023

बिहार : प्रेस ब्रीफिंग के दौरान नेता विपक्ष के साथ खड़े होने को लेकर उलझे बीजेपी विधायक, देखें VIDEO

बिहार विधानसभा में बजट को लेकर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के विधायक आपस में ही उलझ गए. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) मंगलवार को जैसे ही  मीडिया से बात करने पहुंचे तो उनके साथ खड़े होने को लेकर बीजेपी को 2 विधायक अरुण सिन्हा (Arun Sinha) और संजय सिंह (Sanjay Singh) के बीच नोंकझोंक हो गई. दोनों ही विधायकों को रोकने के लिए विजय कुमार सिन्हा को हस्तक्षेप करना पड़ा. 

बिहार विधानसभा में 2.61 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2.61 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,61,885.40 करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में केंद्र से प्राप्त सहायक अनुदान में गिरावट आई है जबकि केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ी है. अगले वित्त वर्ष के लिए 2,61,885.40 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट व्यय वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान 2,37,691.19 करोड़ रुपये से 24,194.21 करोड रुपये अधिक है.

चौधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा 25567.84 करोड रुपये रहने का अनुमान है जो 8,58,928 करोड़ रुपये के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.98 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बिहार को केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में 1,02,737.26 करोड रुपये मिलने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11,556.66 करोड रुपये अधिक है. लेकिन केंद्र से सहायक अनुदान के रूप में 53,377.92 करोड़ रुपये ही मिलने की उम्मीद है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 4,623.37 करोड़ रुपये कम है.

चौधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में शिक्षा विभाग के लिए सबसे अधिक 22.20 प्रतिशत यानि 22200.35 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है . इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के लिए बजट का 15.19 प्रतिशत और समाज कल्याण विभाग के लिए 8.19 प्रतिशत प्रावधान किया गया है.

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सपना चौधरी के भोजपुरी डांस वीडियो ने मचाया सोशल मीडिया पर हंगामा, मिले 3.3 मिलियन से ज्यादा व्यूज

हरियाणवी गानों पर डांस के मामले में सपना चौधरी को कोई जवाब नहीं है. उनकी एक-एक अदाएं करोड़ों की हैं. सपना चौधरी का डांस वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही वायरल हो जाता है. हरियाणवी तो हरियाणवी, सपना चौधरी भोजपुरी गानों में भी लाजवाब हैं. उन्होंने भोजपुरी गानों पर कमर लचकाई तो वहां भी फैन्स के दिल लूट कर ले गईं. सपना चौधरी का भोजपुरी गाना इंटरनेट पर धमाल मचा रहा है. फैन्स ये गाना देखकर उनके दीवाने हुए जा रहे हैं.

हरियाणवी गानों पर डांस करते हुए सपना चौधरी अक्सर कुर्ता, सलवार और दुपट्टा डाले नजर आती हैं. लेकिन भोजपुरी सॉन्ग के लिए वो एकदम नए अवतार में नजर आईं. सपना चौधरी पीले रंग के लहंगे के साथ गुलाबी चोली को पेयर करते हुई दिखीं. इस अंदाज में सपना चौधरी ने अपने डांस से तो दिल जीता ही एक्सप्रेशन्स भी कमाल के दिए. उनके पीछे बहुत सी डांसर डांस करती दिखीं, जो उनके साथ हर ताल से ताल मिला रही थीं.

ये गाना vyrlbhojpuri नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड हुआ है, जिसे कैप्शन दिया है- पूरा जमाना सपना चौधरी का दीवाना. इस हैंडल पर अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोग इस वीडियो को लाइक कर चुके हैं. सपना चौधरी का ये नया भोजपुरी स्टाइल उनके फैन्स को बहुत पसंद आ रहा है. सपना चौधरी के फैन्स फायर इमोजी के साथ इस डांस पर कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि ये सुपर डांस है. वहीं कुछ यूजर्स ने सपना चौधरी को भोजपुरी गाने पर डांस करता देख भी हैरानी जताई है. 



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सपना चौधरी के भोजपुरी डांस वीडियो ने मचाया सोशल मीडिया पर हंगामा, मिले 3.3 मिलियन से ज्यादा व्यूज

हरियाणवी गानों पर डांस के मामले में सपना चौधरी को कोई जवाब नहीं है. उनकी एक-एक अदाएं करोड़ों की हैं. सपना चौधरी का डांस वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही वायरल हो जाता है. हरियाणवी तो हरियाणवी, सपना चौधरी भोजपुरी गानों में भी लाजवाब हैं. उन्होंने भोजपुरी गानों पर कमर लचकाई तो वहां भी फैन्स के दिल लूट कर ले गईं. सपना चौधरी का भोजपुरी गाना इंटरनेट पर धमाल मचा रहा है. फैन्स ये गाना देखकर उनके दीवाने हुए जा रहे हैं.

हरियाणवी गानों पर डांस करते हुए सपना चौधरी अक्सर कुर्ता, सलवार और दुपट्टा डाले नजर आती हैं. लेकिन भोजपुरी सॉन्ग के लिए वो एकदम नए अवतार में नजर आईं. सपना चौधरी पीले रंग के लहंगे के साथ गुलाबी चोली को पेयर करते हुई दिखीं. इस अंदाज में सपना चौधरी ने अपने डांस से तो दिल जीता ही एक्सप्रेशन्स भी कमाल के दिए. उनके पीछे बहुत सी डांसर डांस करती दिखीं, जो उनके साथ हर ताल से ताल मिला रही थीं.

ये गाना vyrlbhojpuri नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड हुआ है, जिसे कैप्शन दिया है- पूरा जमाना सपना चौधरी का दीवाना. इस हैंडल पर अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोग इस वीडियो को लाइक कर चुके हैं. सपना चौधरी का ये नया भोजपुरी स्टाइल उनके फैन्स को बहुत पसंद आ रहा है. सपना चौधरी के फैन्स फायर इमोजी के साथ इस डांस पर कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि ये सुपर डांस है. वहीं कुछ यूजर्स ने सपना चौधरी को भोजपुरी गाने पर डांस करता देख भी हैरानी जताई है. 



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बुधवार को पूसा पहुंचेंगे बिल गेट्स, गेहूं और चने की फसल का लेंगे जायजा

दुनिया के सबसे अमीर शख्सों में से एक और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के चेयरमैन बिल गेट्स बुधवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा के कैंपस में लगे गेंहू को देखने पहुंचेंगे.  दरअसल ग्लोबल वार्मिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव आने वाले वक्त में कृषि और अनाज की पैदावार पर पड़ने की संभावना है. ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए कृषि क्षेत्र के भारतीय साइंटिस्ट की तैयारियों को देखने के लिए बिल गेटस आ रहे हैं. 

बिल गेट्स भारतीय खेती से काफी प्रभावित रहे हैं. वो बुधवार को गेहूं और चने की फसल देखने आ रहे हैं. पूसा में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नई गेहूं की प्रजाति तैयार की है जो बढ़ते तापमान में भी अच्छी पैदावार देगा. गेहूं की इस नई प्रजाति का नाम HD3385 है. नई प्रजाति के बीज की पैदावार फरवरी में अगर तापमान 35 डिग्री से ऊपर भी चला जाए तब भी इसकी पैदावार प्रभावित नहीं होगी. गेंहूं ही नहीं चना और सरसों की फसलों का भी बिल गेट्स जायजा लेंगे और भारतीय कृषि साइंटिस्ट से बात करेंगे.

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बुधवार को पूसा पहुंचेंगे बिल गेट्स, गेहूं और चने की फसल का लेंगे जायजा

दुनिया के सबसे अमीर शख्सों में से एक और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के चेयरमैन बिल गेट्स बुधवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा के कैंपस में लगे गेंहू को देखने पहुंचेंगे.  दरअसल ग्लोबल वार्मिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव आने वाले वक्त में कृषि और अनाज की पैदावार पर पड़ने की संभावना है. ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए कृषि क्षेत्र के भारतीय साइंटिस्ट की तैयारियों को देखने के लिए बिल गेटस आ रहे हैं. 

बिल गेट्स भारतीय खेती से काफी प्रभावित रहे हैं. वो बुधवार को गेहूं और चने की फसल देखने आ रहे हैं. पूसा में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नई गेहूं की प्रजाति तैयार की है जो बढ़ते तापमान में भी अच्छी पैदावार देगा. गेहूं की इस नई प्रजाति का नाम HD3385 है. नई प्रजाति के बीज की पैदावार फरवरी में अगर तापमान 35 डिग्री से ऊपर भी चला जाए तब भी इसकी पैदावार प्रभावित नहीं होगी. गेंहूं ही नहीं चना और सरसों की फसलों का भी बिल गेट्स जायजा लेंगे और भारतीय कृषि साइंटिस्ट से बात करेंगे.

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Monday, 27 February 2023

कोविड की उत्पत्ति से संबंधित अमेरिकी रिपोर्ट के सिद्धांत को चीन ने किया खारिज

चीन ने सोमवार को एक नई अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि कोविड-19 वायरस वुहान में एक जैव प्रयोगशाला से लीक हुआ है. चीन ने कहा कि महामारी की उत्पत्ति का पता लगाना “विज्ञान से संबंधित है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत पर विचार किया है कि वायरस के चीनी प्रयोगशाला से लीक हो सकने की “संभावना बेहद कम” है.

उन्होंने कहा कि यह एक विज्ञान-आधारित, आधिकारिक निष्कर्ष है जिस पर डब्ल्यूएचओ-चीन संयुक्त मिशन के विशेषज्ञ वुहान में प्रयोगशाला के क्षेत्र के दौरे और शोधकर्ताओं के साथ गहन संवाद के बाद पहुंचे थे. माओ की टिप्पणी अमेरिकी ऊर्जा विभाग (यूएसडीई) के नवीनतम आकलन के जवाब में आई है कि कोरोनोवायरस के वुहान में जैव प्रयोगशाला से लीक होने की आशंका ज्यादा है.

उन्होंने कहा, “इसे मिशन की रिपोर्ट में सटीक रूप से दर्ज किया गया था और इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से व्यापक मान्यता मिली है.” माओ ने कहा, “सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति का पता लगाना विज्ञान से जुड़ा है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. चीन ने हमेशा वैश्विक विज्ञान-आधारित उत्पत्ति के बारे में जानकारी का समर्थन और भाग लिया है.”

सीएनएन ने रविवार को बताया कि यूएसडीई ने खुफिया रिपोर्ट में आकलन किया है कि उसे “कम विश्वास” था कि कोविड-19 वायरस गलती से वुहान की एक लैब से लीक हुआ. उसने कहा कि एक कम आत्मविश्वास वाले मूल्यांकन का आम तौर पर मतलब है कि प्राप्त जानकारी पर्याप्त विश्वसनीय नहीं है या अधिक निश्चित विश्लेषणात्मक निर्णय लेने के लिए बहुत खंडित है या अधिक मजबूत निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है. 

ये भी पढ़ें:

* चीन की लैब से ही दुनिया में फैला था कोरोना वायरस, US की एनर्जी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में दावा
* COVID पॉजिटिव रहे करीब 60 फीसदी मरीजों के एक साल बाद खराब हुए कई अंग : शोध
* महिला ने 3 साल तक खुद को बेटे संग किया घर में बंद, वजह सुनकर चौंक जाएंगे



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कोविड की उत्पत्ति से संबंधित अमेरिकी रिपोर्ट के सिद्धांत को चीन ने किया खारिज

चीन ने सोमवार को एक नई अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि कोविड-19 वायरस वुहान में एक जैव प्रयोगशाला से लीक हुआ है. चीन ने कहा कि महामारी की उत्पत्ति का पता लगाना “विज्ञान से संबंधित है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत पर विचार किया है कि वायरस के चीनी प्रयोगशाला से लीक हो सकने की “संभावना बेहद कम” है.

उन्होंने कहा कि यह एक विज्ञान-आधारित, आधिकारिक निष्कर्ष है जिस पर डब्ल्यूएचओ-चीन संयुक्त मिशन के विशेषज्ञ वुहान में प्रयोगशाला के क्षेत्र के दौरे और शोधकर्ताओं के साथ गहन संवाद के बाद पहुंचे थे. माओ की टिप्पणी अमेरिकी ऊर्जा विभाग (यूएसडीई) के नवीनतम आकलन के जवाब में आई है कि कोरोनोवायरस के वुहान में जैव प्रयोगशाला से लीक होने की आशंका ज्यादा है.

उन्होंने कहा, “इसे मिशन की रिपोर्ट में सटीक रूप से दर्ज किया गया था और इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से व्यापक मान्यता मिली है.” माओ ने कहा, “सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति का पता लगाना विज्ञान से जुड़ा है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. चीन ने हमेशा वैश्विक विज्ञान-आधारित उत्पत्ति के बारे में जानकारी का समर्थन और भाग लिया है.”

सीएनएन ने रविवार को बताया कि यूएसडीई ने खुफिया रिपोर्ट में आकलन किया है कि उसे “कम विश्वास” था कि कोविड-19 वायरस गलती से वुहान की एक लैब से लीक हुआ. उसने कहा कि एक कम आत्मविश्वास वाले मूल्यांकन का आम तौर पर मतलब है कि प्राप्त जानकारी पर्याप्त विश्वसनीय नहीं है या अधिक निश्चित विश्लेषणात्मक निर्णय लेने के लिए बहुत खंडित है या अधिक मजबूत निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है. 

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"मैं ही क्यों?": गूगल इंडिया ने कर्मचारी को 'स्टार परफॉर्मर ऑफ द मंथ' अवॉर्ड देने के बाद नौकरी से निकाला  

टेक्नोलॉजी क्षेत्र के लिए पिछले कुछ महीने काफी निराशाजनक रहे हैं. कई बड़ी टेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है. दिग्गज टेक कंपनी गूगल के भारत में कंपनी के विभिन्न विभागों से करीब 450 कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने के बारे में जानकारी मिली है. अचानक छंटनी के कारण कई कर्मचारी काफी दुखी हैं और इसने उन्हें दिग्गज टेक कंपनी को लेकर अपनी कहानियां साझा करने के लिए प्रेरित किया है. हैदराबाद में रहने वाले और जॉब जाने से प्रभावित गूगल इंडिया के एक कर्मचारी ने लिंक्डइन पर अपनी आपबीती साझा की है. यह कर्मचारी कंपनी में डिजिटल मीडिया के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे. 

अपनी एक लंबी पोस्ट में कर्मचारी ने कहा कि कैसे शनिवार की सुबह 'मेरे दिल की धड़कन रुक गई', जब यह सूचित करने वाला मेल मिला कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है. उन्होंने आगे लिखा कि ‘स्टार परफॉर्मर ऑफ द मंथ‘ बैज देने के बाद भी गूगल ने नौकरी से निकाल दिया. 

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "शनिवार की सुबह मेरे दिल की धड़कन रुक गई जब मुझे अपने फोन पर एक पॉप-अप ईमेल नोटिफिकेशन मिला, यह ईमेल गूगल ऑपरेशंस सेंटर से था. मैं छंटनी से प्रभावित हुआ हूं - गूगल ऑपरेशंस सेंटर में कर्मचारियों की कमी. सबसे मूल्यवान सम्मानित कंपनियों में से एक. मैं एक गर्वित #Googler था और हमेशा रहूंगा. मेरा पहला सवाल था कि एक महीने तक स्टार परफॉर्मर होने के बावजूद मैं ही क्यों? और मैंने देखा कि कोई जवाब ही नहीं था!"

छंटनी ने उन्हें कैसे प्रभावित किया है, इसे साझा करते हुए उन्होंने लिखा, "2 महीने के लिए मेरा वेतन आधा है! मेरी वित्तीय योजना पूरी तरह से बर्बाद हो गई है! यह शनिवार को हुआ और मुझे इसे लिखने की ताकत हासिल करने में दो दिन लग गए और अब मुझे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना होगा."

पूर्व गूगल कर्मचारी ने लिंक्डइन पर लोगों से उनके लिए उपलब्ध बेहतर अवसर का सुझाव देने का भी आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे कनेक्शन इस पर प्रतिक्रिया देते हैं तो इससे मुझे किसी बेहतर अवसर तक पहुंचने में मदद मिलेगी. छंटनी की लड़ाई लड़ रहे सभी लोगों को आंतरिक और अस्तित्व की लड़ाई लड़ने का रास्ता मिल जाए.‘

गुरुग्राम स्थित गूगल क्लाउड प्रोग्राम मैनेजर आकृति वालिया को भी हटा दिया गया है, जिन्होंने हाल ही में फर्म में अपने पांच साल पूरे किए थे. उन्होंने बताया कि कैसे उसके कंप्यूटर पर ‘एक्सेस डिनाइड‘ मैसेज ने उसे सुन्न कर दिया. 

जनवरी में, अल्फाबेट इंक ने घोषणा की थी कि वह करीब 12 हजार नौकरियों यानी अपने छह फीसदी कर्मचारियों को निकाल रहा है. सीईओ सुंदर पिचाई ने एक मेमो में कर्मचारियों को बताया कि फर्म ने अपने उत्पादों, लोगों और प्राथमिकताओं की समीक्षा की, जिससे नौकरी में कटौती हुई. 

इससे पहले जनवरी में माइक्रोसॉफ्ट ने 10 हजार नौकरियों में कटौती या अपने कर्मचारियों की संख्या का करीब 5 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी. अमेजन भी 18 हजार नौकरियों में कटौती कर रहा है. मेटा ने पिछले अपनी पहली बड़ी छंटनी में 11 हजार से अधिक कर्मचारियों को जाने के लिए कहा था, यह इसके कार्यबल का 13 फीसदी था. 

ये भी पढ़ें:

* Twitter ने फिर की 200 कर्मचारियों की छंटनी, प्रोडक्ट मैनेजर्स और डेटा साइंटिस्ट की गई नौकरी
* नए सिरे से छंटनी की योजना बना रही फेसबुक की पेरेंट कंपनी Meta : रिपोर्ट
* 5-प्वाइंट न्यूज़ : कौन हैं YouTube के नए CEO - भारतीय मूल के नील मोहन


 



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"मैं ही क्यों?": गूगल इंडिया ने कर्मचारी को 'स्टार परफॉर्मर ऑफ द मंथ' अवॉर्ड देने के बाद नौकरी से निकाला  

टेक्नोलॉजी क्षेत्र के लिए पिछले कुछ महीने काफी निराशाजनक रहे हैं. कई बड़ी टेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है. दिग्गज टेक कंपनी गूगल के भारत में कंपनी के विभिन्न विभागों से करीब 450 कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने के बारे में जानकारी मिली है. अचानक छंटनी के कारण कई कर्मचारी काफी दुखी हैं और इसने उन्हें दिग्गज टेक कंपनी को लेकर अपनी कहानियां साझा करने के लिए प्रेरित किया है. हैदराबाद में रहने वाले और जॉब जाने से प्रभावित गूगल इंडिया के एक कर्मचारी ने लिंक्डइन पर अपनी आपबीती साझा की है. यह कर्मचारी कंपनी में डिजिटल मीडिया के वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे. 

अपनी एक लंबी पोस्ट में कर्मचारी ने कहा कि कैसे शनिवार की सुबह 'मेरे दिल की धड़कन रुक गई', जब यह सूचित करने वाला मेल मिला कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है. उन्होंने आगे लिखा कि ‘स्टार परफॉर्मर ऑफ द मंथ‘ बैज देने के बाद भी गूगल ने नौकरी से निकाल दिया. 

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "शनिवार की सुबह मेरे दिल की धड़कन रुक गई जब मुझे अपने फोन पर एक पॉप-अप ईमेल नोटिफिकेशन मिला, यह ईमेल गूगल ऑपरेशंस सेंटर से था. मैं छंटनी से प्रभावित हुआ हूं - गूगल ऑपरेशंस सेंटर में कर्मचारियों की कमी. सबसे मूल्यवान सम्मानित कंपनियों में से एक. मैं एक गर्वित #Googler था और हमेशा रहूंगा. मेरा पहला सवाल था कि एक महीने तक स्टार परफॉर्मर होने के बावजूद मैं ही क्यों? और मैंने देखा कि कोई जवाब ही नहीं था!"

छंटनी ने उन्हें कैसे प्रभावित किया है, इसे साझा करते हुए उन्होंने लिखा, "2 महीने के लिए मेरा वेतन आधा है! मेरी वित्तीय योजना पूरी तरह से बर्बाद हो गई है! यह शनिवार को हुआ और मुझे इसे लिखने की ताकत हासिल करने में दो दिन लग गए और अब मुझे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना होगा."

पूर्व गूगल कर्मचारी ने लिंक्डइन पर लोगों से उनके लिए उपलब्ध बेहतर अवसर का सुझाव देने का भी आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे कनेक्शन इस पर प्रतिक्रिया देते हैं तो इससे मुझे किसी बेहतर अवसर तक पहुंचने में मदद मिलेगी. छंटनी की लड़ाई लड़ रहे सभी लोगों को आंतरिक और अस्तित्व की लड़ाई लड़ने का रास्ता मिल जाए.‘

गुरुग्राम स्थित गूगल क्लाउड प्रोग्राम मैनेजर आकृति वालिया को भी हटा दिया गया है, जिन्होंने हाल ही में फर्म में अपने पांच साल पूरे किए थे. उन्होंने बताया कि कैसे उसके कंप्यूटर पर ‘एक्सेस डिनाइड‘ मैसेज ने उसे सुन्न कर दिया. 

जनवरी में, अल्फाबेट इंक ने घोषणा की थी कि वह करीब 12 हजार नौकरियों यानी अपने छह फीसदी कर्मचारियों को निकाल रहा है. सीईओ सुंदर पिचाई ने एक मेमो में कर्मचारियों को बताया कि फर्म ने अपने उत्पादों, लोगों और प्राथमिकताओं की समीक्षा की, जिससे नौकरी में कटौती हुई. 

इससे पहले जनवरी में माइक्रोसॉफ्ट ने 10 हजार नौकरियों में कटौती या अपने कर्मचारियों की संख्या का करीब 5 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी. अमेजन भी 18 हजार नौकरियों में कटौती कर रहा है. मेटा ने पिछले अपनी पहली बड़ी छंटनी में 11 हजार से अधिक कर्मचारियों को जाने के लिए कहा था, यह इसके कार्यबल का 13 फीसदी था. 

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Ab Dilli Dur Nahin: गांव के एक लड़के की चुनौतियों, नाकामियों और साइलेंट लव की कहानी है 'अब दिल्ली दूर नहीं'

विलियम शेक्सपियर ने ठीक ही कहा था कि हमारी नियति तय करने की क्षमता सितारों में नहीं बल्कि खुद में है. कमल चंद्रा की नई फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं' इसी विचार को स्थापित करती है. यह फिल्म जिंदगी में सफलता और विफलता की कहानी की पड़ताल करती है. और इसका जरिया बनता है बिहार के गांव का एक सरल और भोला-भाला लड़का. यही लड़का आखिरकार IAS परीक्षा में टॉप स्थान हासिल करता है. 

'अब दिल्ली दूर नहीं' एक इमोशनल ड्रामा फिल्म है. रिलीज के लिए तैयार इस फिल्म की कहानी में गहराई है. बिहार के एक छोटे-से शहर का लड़का अभय शुक्ला शीर्ष पाने की चाहत में दिल्ली पहुंचता है. अभय एक ऐसे परिवार से आता है, जो मुश्किलों से जूझ रहा है. अभय का लक्ष्य है आईएएस परीक्षा में शामिल होना और कामयाबी हासिल करना. लेकिन वह ये काम खुद के लिए नहीं, बल्कि परिवार को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने के लिए करता है. अभय की राह मुश्किलों से भरी हुई हैं. उसका सामना चुनौतीपूर्ण सामाजिक मानदंडों से होता है. वह राजनीतिक से लेकर सांस्कृतिक विडंबनाओं से दो-चार होता है. दरअसल, ‘अब दिल्ली दूर नहीं' अभय के आईएएस बनने के लिए संघर्ष और उसके सामने आई चुनौतियों पर आधारित सटीक कहानी है.

फिल्म के अभिनेता इमरान ज़ाहिद कमाल के कलाकार हैं. वे ‘द लास्ट सैल्यूट' जैसे प्रतिष्ठित नाटक में काम कर चुके हैं. ये नाटक इराकी पत्रकार मुंतधर अल-जैदी की किताब ‘द लास्ट सैल्यूट टू प्रेसिडेंट बुश' पर आधारित है. इसके साथ ही ज़ाहिद ने महेश भट्ट की फिल्म अर्थ, डैडी और हमारी अधूरी कहानी पर आधारित कई अन्य नाटकों में भी अभिनय किया है. 'अब दिल्ली दूर नहीं' फिल्म में इमरान ज़ाहिद ने अभय शुक्ला के चरित्र और कहानी को जीवंत बना दिया है. खास बात ये है कि ज़ाहिद भी बिहार से आते हैं. इसी वजह से ऐसा मालूम पड़ता है कि चरित्र को निभाते हुए वे उसी में रच-बस गए हैं. किरदार को लेकर उनमें गहरी समझ दिखती है और वे एकदम नैचुरल लगते हैं.

दरअसल, फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' एक रिक्शा चालक के बेटे की कहानी से प्रेरित है, जिनका नाम गोविंद जायसवाल है. गोविंद का 2007 में सिविल सेवा में सेलेक्शन हुआ था और वे आईएएस अधिकारी बने. किरदार को जीवंत बनाने के लिए ज़ाहिद ने गोविंद जायसवाल से भी मुलाकात की और उन्हें करीब से समझा. ज़ाहिद कहते हैं कि गोविंद जी से मिलना काफी प्रेरणादायक था. उन्होंने खुद के जीवन से जुड़ी जो बातें मुझसे साझा कीं, उनसे उनके चरित्र को समझने में सहूलियत तो हुई ही, उनकी इच्छाशक्ति के बारे में भी बखूबी जाना. 

फिल्म का निर्माण जाने-माने निर्माता विनय भारद्वाज ने शाइनिंग सन स्टूडियोज के बैनर तले किया है. वहीं एक्ट्रेस श्रुति सोढ़ी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही एक पंजाबी लड़की की भूमिका में हैं. श्रुति ने जनवरी 2015 में रिलीज तेलगू फिल्म ‘पटास' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अब तक ‘हैप्पी गो लकी', ‘मिस्टर एंड मिसेज 420', ‘वैशाखी लिस्ट' और ‘दिल विल प्यार व्यार' जैसी पंजाबी फिल्मों में काम किया है. बता दें, अब दिल्ली दूर नहीं 12 मई 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.



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Ab Dilli Dur Nahin: गांव के एक लड़के की चुनौतियों, नाकामियों और साइलेंट लव की कहानी है 'अब दिल्ली दूर नहीं'

विलियम शेक्सपियर ने ठीक ही कहा था कि हमारी नियति तय करने की क्षमता सितारों में नहीं बल्कि खुद में है. कमल चंद्रा की नई फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं' इसी विचार को स्थापित करती है. यह फिल्म जिंदगी में सफलता और विफलता की कहानी की पड़ताल करती है. और इसका जरिया बनता है बिहार के गांव का एक सरल और भोला-भाला लड़का. यही लड़का आखिरकार IAS परीक्षा में टॉप स्थान हासिल करता है. 

'अब दिल्ली दूर नहीं' एक इमोशनल ड्रामा फिल्म है. रिलीज के लिए तैयार इस फिल्म की कहानी में गहराई है. बिहार के एक छोटे-से शहर का लड़का अभय शुक्ला शीर्ष पाने की चाहत में दिल्ली पहुंचता है. अभय एक ऐसे परिवार से आता है, जो मुश्किलों से जूझ रहा है. अभय का लक्ष्य है आईएएस परीक्षा में शामिल होना और कामयाबी हासिल करना. लेकिन वह ये काम खुद के लिए नहीं, बल्कि परिवार को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने के लिए करता है. अभय की राह मुश्किलों से भरी हुई हैं. उसका सामना चुनौतीपूर्ण सामाजिक मानदंडों से होता है. वह राजनीतिक से लेकर सांस्कृतिक विडंबनाओं से दो-चार होता है. दरअसल, ‘अब दिल्ली दूर नहीं' अभय के आईएएस बनने के लिए संघर्ष और उसके सामने आई चुनौतियों पर आधारित सटीक कहानी है.

फिल्म के अभिनेता इमरान ज़ाहिद कमाल के कलाकार हैं. वे ‘द लास्ट सैल्यूट' जैसे प्रतिष्ठित नाटक में काम कर चुके हैं. ये नाटक इराकी पत्रकार मुंतधर अल-जैदी की किताब ‘द लास्ट सैल्यूट टू प्रेसिडेंट बुश' पर आधारित है. इसके साथ ही ज़ाहिद ने महेश भट्ट की फिल्म अर्थ, डैडी और हमारी अधूरी कहानी पर आधारित कई अन्य नाटकों में भी अभिनय किया है. 'अब दिल्ली दूर नहीं' फिल्म में इमरान ज़ाहिद ने अभय शुक्ला के चरित्र और कहानी को जीवंत बना दिया है. खास बात ये है कि ज़ाहिद भी बिहार से आते हैं. इसी वजह से ऐसा मालूम पड़ता है कि चरित्र को निभाते हुए वे उसी में रच-बस गए हैं. किरदार को लेकर उनमें गहरी समझ दिखती है और वे एकदम नैचुरल लगते हैं.

दरअसल, फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' एक रिक्शा चालक के बेटे की कहानी से प्रेरित है, जिनका नाम गोविंद जायसवाल है. गोविंद का 2007 में सिविल सेवा में सेलेक्शन हुआ था और वे आईएएस अधिकारी बने. किरदार को जीवंत बनाने के लिए ज़ाहिद ने गोविंद जायसवाल से भी मुलाकात की और उन्हें करीब से समझा. ज़ाहिद कहते हैं कि गोविंद जी से मिलना काफी प्रेरणादायक था. उन्होंने खुद के जीवन से जुड़ी जो बातें मुझसे साझा कीं, उनसे उनके चरित्र को समझने में सहूलियत तो हुई ही, उनकी इच्छाशक्ति के बारे में भी बखूबी जाना. 

फिल्म का निर्माण जाने-माने निर्माता विनय भारद्वाज ने शाइनिंग सन स्टूडियोज के बैनर तले किया है. वहीं एक्ट्रेस श्रुति सोढ़ी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही एक पंजाबी लड़की की भूमिका में हैं. श्रुति ने जनवरी 2015 में रिलीज तेलगू फिल्म ‘पटास' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अब तक ‘हैप्पी गो लकी', ‘मिस्टर एंड मिसेज 420', ‘वैशाखी लिस्ट' और ‘दिल विल प्यार व्यार' जैसी पंजाबी फिल्मों में काम किया है. बता दें, अब दिल्ली दूर नहीं 12 मई 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.



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Sunday, 26 February 2023

UP सरकार का 150 आईटीआई के उन्नयन के लिए टाटा टेक्नोलॉजी के साथ 5,000 करोड़ रुपये का समझौता

उत्तर प्रदेश के 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के उन्नयन के लिए राज्य के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टीटीएल) ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मौजूदगी में किए गए इस समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग आज नए युग में प्रवेश कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आज टीटीएल के साथ समझौते से प्रदेश के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से उन्नत और सक्षम बनाने के लिए राज्य में ही मंच उपलब्ध हो रहा है. एमओए के तहत टीटीएल की सहभागिता से प्रथम चरण में प्रदेश के 150 सरकारी आईटीआई का उन्नयन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत इन आईटीआई में मूलभूत अवसंरचना, प्रयोगशाला तथा उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही, टीटीएल के प्रशिक्षकों एवं प्राविधिक शिक्षा के प्रशिक्षकों को नए युग के पाठ्यक्रमों के साथ जोड़ा जाएगा. इससे प्रतिवर्ष 35 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें टीटीएल से जुड़ी सहभागी कम्पनियों में ‘ऑन जॉब ट्रेनिंग तथा अप्रेटिंसशिप स्कीम' से जोड़ा जाएगा. 

आदित्यनाथ ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए एक अभिनव अवसर है.

ज्ञातव्य है कि टाटा समूह की सहभागिता से क्रियान्वित की जाने वाली इस परियोजना की कुल लागत लगभग 5,472 करोड़ रुपये है. इसमें राज्य सरकार का अंश 1,190 करोड़ रुपये तथा टीटीएल का अंश 4,282 करोड़ रुपये अनुमानित है. 
 



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UP सरकार का 150 आईटीआई के उन्नयन के लिए टाटा टेक्नोलॉजी के साथ 5,000 करोड़ रुपये का समझौता

उत्तर प्रदेश के 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के उन्नयन के लिए राज्य के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टीटीएल) ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मौजूदगी में किए गए इस समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग आज नए युग में प्रवेश कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आज टीटीएल के साथ समझौते से प्रदेश के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से उन्नत और सक्षम बनाने के लिए राज्य में ही मंच उपलब्ध हो रहा है. एमओए के तहत टीटीएल की सहभागिता से प्रथम चरण में प्रदेश के 150 सरकारी आईटीआई का उन्नयन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत इन आईटीआई में मूलभूत अवसंरचना, प्रयोगशाला तथा उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही, टीटीएल के प्रशिक्षकों एवं प्राविधिक शिक्षा के प्रशिक्षकों को नए युग के पाठ्यक्रमों के साथ जोड़ा जाएगा. इससे प्रतिवर्ष 35 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें टीटीएल से जुड़ी सहभागी कम्पनियों में ‘ऑन जॉब ट्रेनिंग तथा अप्रेटिंसशिप स्कीम' से जोड़ा जाएगा. 

आदित्यनाथ ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए एक अभिनव अवसर है.

ज्ञातव्य है कि टाटा समूह की सहभागिता से क्रियान्वित की जाने वाली इस परियोजना की कुल लागत लगभग 5,472 करोड़ रुपये है. इसमें राज्य सरकार का अंश 1,190 करोड़ रुपये तथा टीटीएल का अंश 4,282 करोड़ रुपये अनुमानित है. 
 



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जुनैद और नासिर के थे SUV में मिले जले हुए शव और खून के धब्बे : FSL रिपोर्ट

फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि जींद (हरियाणा) में एक गौशाला से बरामद हुई एसयूवी कार में मिले जले हुए शव और खून के धब्बे हरियाणा में मारे गए जुनैद और नासिर के थे. राजस्थान पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. भरतपुर निवासी जुनैद और नासिर के जले हुए शव 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी जिले में एक वाहन से मिले थे. मृतकों के परिवारों ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के सदस्यों ने उन्हें पीटा और उनकी हत्या कर दी. 

भरतपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफएसएल रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि जींद की एक गौशाला से बरामद एसयूवी में मिले जले हुए शव और खून के धब्बे नासिर और जुनैद के थे.''

उन्होंने बताया कि जली हुई गाड़ी का चेसिस नंबर से मिलान किया गया, लेकिन कार में मिले दो लोगों के जले हुए शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी. 

अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक जांच के लिए मौके से नमूने लिए गए. उन्होंने बताया कि नासिर और जुनैद के परिवार के सदस्यों के रक्त के नमूने भी एकत्र किए गए ताकि एसयूवी में मिले खून के धब्बों और जली हुई गाड़ी में मिली हड्डियों की फोरेंसिक जांच की जा सके. 

उन्होंने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि शव नासिर और जुनैद के ही थे. 

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जींद से वह एसयूवी मिली जिसमें पीड़ितों को अगवा कर पीटा गया था. 

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे दल हरियाणा में डेरा डाले हुए हैं और आरोपियों को पकड़ने के लिए हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं.''



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जुनैद और नासिर के थे SUV में मिले जले हुए शव और खून के धब्बे : FSL रिपोर्ट

फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि जींद (हरियाणा) में एक गौशाला से बरामद हुई एसयूवी कार में मिले जले हुए शव और खून के धब्बे हरियाणा में मारे गए जुनैद और नासिर के थे. राजस्थान पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. भरतपुर निवासी जुनैद और नासिर के जले हुए शव 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी जिले में एक वाहन से मिले थे. मृतकों के परिवारों ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के सदस्यों ने उन्हें पीटा और उनकी हत्या कर दी. 

भरतपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफएसएल रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि जींद की एक गौशाला से बरामद एसयूवी में मिले जले हुए शव और खून के धब्बे नासिर और जुनैद के थे.''

उन्होंने बताया कि जली हुई गाड़ी का चेसिस नंबर से मिलान किया गया, लेकिन कार में मिले दो लोगों के जले हुए शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी. 

अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक जांच के लिए मौके से नमूने लिए गए. उन्होंने बताया कि नासिर और जुनैद के परिवार के सदस्यों के रक्त के नमूने भी एकत्र किए गए ताकि एसयूवी में मिले खून के धब्बों और जली हुई गाड़ी में मिली हड्डियों की फोरेंसिक जांच की जा सके. 

उन्होंने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि शव नासिर और जुनैद के ही थे. 

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जींद से वह एसयूवी मिली जिसमें पीड़ितों को अगवा कर पीटा गया था. 

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे दल हरियाणा में डेरा डाले हुए हैं और आरोपियों को पकड़ने के लिए हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं.''



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जानें, क्यों जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर है सपा?

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) जातिवार जनगणना के मामले पर सदन (विधान मंडल) से लेकर सड़क तक आंदोलन कर रही है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत अन्य विपक्षी दल तथा सत्ता पक्ष के सहयोगी दल इस मांग से सहमत होते हुए भी सपा को ही कठघरे में खड़ा करते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ जातियों के धुव्रीकरण की एक कोशिश है.

लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव आ रहा है और भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इसे तूल देकर जाति के नाम पर भावनाओं को उभारा जा रहा है.'' इस विषय पर विपक्षी दलों के एकजुट न होने के सवाल पर प्रोफेसर गुप्ता ने कहा, ‘‘जब तक विचारधारा के स्तर पर एकजुटता नहीं होगी, तब तक राजनीतिक स्वार्थ टकराते रहेंगे और यह मुद्दा एक असफल प्रयोग साबित होगा, इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा.''

पड़ोसी राज्य बिहार में सात जनवरी से जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने पर उत्तर प्रदेश में भी मुख्य विपक्षी पार्टी सपा इस मामले को लेकर सक्रिय हो गयी. एक तरफ सपा ने जाति आधारित जनगणना के लिए विधानसभा में जोरदार मांग की तो वहीं अपनी इस मांग पर बल देने के लिए पहले चरण में राज्य में 24 फरवरी से पांच मार्च तक प्रखंड ( ब्‍लॉक) स्‍तर पर संगोष्ठी करके अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सभी जातियों को जागरूक करने के लिए सपा नेता दौरा कर रहे हैं.

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हमने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर सपा के नेतृत्व में सरकार बनी तो तीन माह में जातीय जनगणना होगी. हमारी फिर मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.'' इससे पहले विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान सपा सदस्य डॉक्टर संग्राम यादव ने सरकार से पूछा कि क्या वह बिहार सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी जातिवार जनगणना करायेगी. सरकार की ओर से इनकार करने पर सपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और 35 मिनट तक विधानसभा स्थगित रही.

इस बीच, बृहस्पतिवार को बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बयान जारी कर कहा कि जातिगत जनगणना की वकालत करने वाली सपा के लिए यह बेहतर होता कि इस कार्य को पार्टी अपनी सरकार में ही पूरा करा लेती. मायावती ने सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक साथ जातिवार जनगणना की मांग दोहराई है. सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्‍य सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष सिंह पटेल, निषाद पार्टी के नेता एवं राज्य के मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय निषाद और विपक्षी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अलग-अलग बयानों में जातिवार जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन इन सभी नेताओं ने सपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आखिर चार बार सत्ता में रहने के बावजूद सपा ने जातीय जनगणना क्‍यों नहीं कराई.

हालांकि, अखिलेश यादव ने शुक्रवार को नोएडा में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री क्या कहते हैं, यह सबसे बड़ा सवाल है, छुटभैये नेताओं से इस समस्या का समाधान नहीं होगा.'' सपा के नेतृत्व में चार बार सरकार बनने पर भी जातीय जनगणना नहीं कराये जाने के आरोप पर यादव ने सफाई देते हुए कहा, ‘‘आपको याद होगा लोकसभा में उस समय नेताजी (मुलायम सिंह यादव) शरद यादव जी, लालू प्रसाद यादव जी और दक्षिण भारत के नेता कांग्रेस के पास गये थे कि जातीय जनगणना हो.''

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय जनगणना की मांग करने से पहले जो सत्ता में रहते हुए जातीय न्‍याय नहीं कर सका उसे यह मांग करने का नैतिक अधिकार नहीं है. मौर्य ने कहा, ‘‘मैं जातीय जनगणना के समर्थन में हूं लेकिन अखिलेश यादव को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है.'' भारतीय ओबीसी महासभा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता चौधरी लौटन राम निषाद ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बिना जातीय जनगणना कराये अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को न्याय नहीं मिलेगा. निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा जातिवार जनगणना कराए जाने की मांग बिल्कुल जायज है.
 

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जानें, क्यों जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर है सपा?

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) जातिवार जनगणना के मामले पर सदन (विधान मंडल) से लेकर सड़क तक आंदोलन कर रही है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत अन्य विपक्षी दल तथा सत्ता पक्ष के सहयोगी दल इस मांग से सहमत होते हुए भी सपा को ही कठघरे में खड़ा करते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ जातियों के धुव्रीकरण की एक कोशिश है.

लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव आ रहा है और भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इसे तूल देकर जाति के नाम पर भावनाओं को उभारा जा रहा है.'' इस विषय पर विपक्षी दलों के एकजुट न होने के सवाल पर प्रोफेसर गुप्ता ने कहा, ‘‘जब तक विचारधारा के स्तर पर एकजुटता नहीं होगी, तब तक राजनीतिक स्वार्थ टकराते रहेंगे और यह मुद्दा एक असफल प्रयोग साबित होगा, इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा.''

पड़ोसी राज्य बिहार में सात जनवरी से जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने पर उत्तर प्रदेश में भी मुख्य विपक्षी पार्टी सपा इस मामले को लेकर सक्रिय हो गयी. एक तरफ सपा ने जाति आधारित जनगणना के लिए विधानसभा में जोरदार मांग की तो वहीं अपनी इस मांग पर बल देने के लिए पहले चरण में राज्य में 24 फरवरी से पांच मार्च तक प्रखंड ( ब्‍लॉक) स्‍तर पर संगोष्ठी करके अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सभी जातियों को जागरूक करने के लिए सपा नेता दौरा कर रहे हैं.

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हमने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर सपा के नेतृत्व में सरकार बनी तो तीन माह में जातीय जनगणना होगी. हमारी फिर मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.'' इससे पहले विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान सपा सदस्य डॉक्टर संग्राम यादव ने सरकार से पूछा कि क्या वह बिहार सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी जातिवार जनगणना करायेगी. सरकार की ओर से इनकार करने पर सपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और 35 मिनट तक विधानसभा स्थगित रही.

इस बीच, बृहस्पतिवार को बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बयान जारी कर कहा कि जातिगत जनगणना की वकालत करने वाली सपा के लिए यह बेहतर होता कि इस कार्य को पार्टी अपनी सरकार में ही पूरा करा लेती. मायावती ने सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक साथ जातिवार जनगणना की मांग दोहराई है. सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्‍य सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष सिंह पटेल, निषाद पार्टी के नेता एवं राज्य के मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय निषाद और विपक्षी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अलग-अलग बयानों में जातिवार जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन इन सभी नेताओं ने सपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आखिर चार बार सत्ता में रहने के बावजूद सपा ने जातीय जनगणना क्‍यों नहीं कराई.

हालांकि, अखिलेश यादव ने शुक्रवार को नोएडा में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री क्या कहते हैं, यह सबसे बड़ा सवाल है, छुटभैये नेताओं से इस समस्या का समाधान नहीं होगा.'' सपा के नेतृत्व में चार बार सरकार बनने पर भी जातीय जनगणना नहीं कराये जाने के आरोप पर यादव ने सफाई देते हुए कहा, ‘‘आपको याद होगा लोकसभा में उस समय नेताजी (मुलायम सिंह यादव) शरद यादव जी, लालू प्रसाद यादव जी और दक्षिण भारत के नेता कांग्रेस के पास गये थे कि जातीय जनगणना हो.''

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय जनगणना की मांग करने से पहले जो सत्ता में रहते हुए जातीय न्‍याय नहीं कर सका उसे यह मांग करने का नैतिक अधिकार नहीं है. मौर्य ने कहा, ‘‘मैं जातीय जनगणना के समर्थन में हूं लेकिन अखिलेश यादव को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है.'' भारतीय ओबीसी महासभा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता चौधरी लौटन राम निषाद ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बिना जातीय जनगणना कराये अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को न्याय नहीं मिलेगा. निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा जातिवार जनगणना कराए जाने की मांग बिल्कुल जायज है.
 

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Saturday, 25 February 2023

राजस्थान : कथित प्रश्नपत्र लीक मामले में 37 आरोपी जोधपुर से गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस ने शनिवार को शिक्षक भर्ती के प्रश्न पत्र लीक करने की कथित कोशिश को नाकाम करने के लिए जोधपुर के एक विवाह घर पर छापा मारकर छात्रों सहित 37 लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने यह जानकारी  दी. उल्लेखनीय है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा दो पालियों में शनिवार को प्रथम स्तर (कक्षा पहली से पांचवी कक्षा के शिक्षक के लिए) और द्वितीय स्तर (छठी से आठवीं कक्षा तक के शिक्षक के लिए) के शिक्षक भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई. परीक्षा दो पालियों पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे से अपराह्न साढ़े बारह बजे तक और अपराह्न तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक कराई गई.

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अमृता दुहान ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से प्राप्त प्रश्नपत्र वास्तविक प्रश्न पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं और आगे की जांच की जा रही है.

दुहान ने बताया कि परीक्षा होने से घंटों पहले मंडोर इलाके के उदयगढ़ मैरिज पैलेस पर छापेमारी की कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि वहां रह रहे कुछ छात्रों द्वारा प्रश्न पत्र लीक किया गया है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए सभी छात्र पहली पाली की परीक्षा देने वाले थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 छात्राओं सहित 30 अभ्यार्थियों और सात अन्य को पकड़ा जो प्रश्न पत्र लीक करने की कोशिश कर रहे थे.''

पुलिस ने लैपटॉप और प्रिंटर और कुछ पन्ने जब्त किए हैं जिनपर उत्तर लिखे हैं.

गिरोह के सरगना की पहचान ओसियान तहसील के रैमालवाडा निवासी सुरेश थोरी के तौर पर की गई है. पुलिस ने दावा किया कि थोरी ने जालौर निवासी प्रवीण बिश्नोई से 40 लाख रुपये में प्रश्नपत्र खरीदे थे और 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया था.

दुहान ने बताया कि बिश्नोई फरार है और जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें मैरिज हॉल का मालिक और प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश जोशी और तीन अन्य हैं जिन्हें प्रश्नपत्र को हल करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

उन्होंने बताया, ‘‘हमने भारतीय दंड संहिता की धारा-420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धारा-10(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

दुहान ने बताया कि थोरी ने कथित तौर पर छात्रों को तीन से आठ लाख रुपयें में प्रश्न पत्र देने का सौदा किया था. उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या थोरी को पता था कि प्रश्न पत्र असली हैं या नकली, साथ ही पता लगा रहे हैं कि पूर्व के प्रश्न पत्र लीक के मामलों से भी उसके तार तो कहीं जुड़े नहीं हैं.''

इसबीच, परीक्षा के चलते जोधपुर में मोबाइल इंटरनेट की सेवा स्थगित कर दी गई थी.

गौरतलब है कि सितंबर 2021 में उस समय हंगामा हुआ था जब राजस्थान शिक्षक अर्हता परीक्षा (रीट) के प्रश्पनपत्र लीक हो गए थे और अंतत: परीक्षा रद्द कर दी गई थी.
 



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Shark Tank India 2: जानें कौन हैं शार्क टैंक के नए जज विकास डी नाहर, 20 बार फेल होने के बाद किया ये कारनामा

Shark Tank India 2: इन दिनों सोनी टीवी का पॉपुलर बिजनेस रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया का दूसरा सीजन धमाल मचा रहा है. इस शो में एक से बढ़कर एक एंटरप्रेन्योर्स (Entrepreneurs) आते हैं और अपने बिजनेस आइडिया (Business Idea) को बताकर फंडिग हासिल करने की कोशिश करते हैं. शार्क टैंक शो के जज (Shark Tank India Judges) को जिन एंटरप्रेन्योर का बिजनेस मॉडल पसंद आता है, वह उसमें निवेश करते हैं. यह शो उन एंटरप्रेन्योर को प्लेटफॉर्म देता है जो अपने दम पर कोई बिजनेस शुरू करते हैं और अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए फंडिंग जुटाना चाहते हैं.

Shark Tank India में होगी नए जज की एंट्री

इस शो की तरह ही शो के जज भी काफी सुर्खियों में रहते हैं. शो के जजों के पैनल में लेंसकार्ट (Lenskart) के फाउंडर पीयूष बंसल (Piyush Bansal) , शादी डॉट कॉम (Shadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal), बोट (Boat) के सीएमओ और को-फाउंडर अमन गुप्ता (Aman Gupta),  शुगर कॉस्मेटिक(Sugar Cosmetics) की सीईओ विनीता सिंह (Vineeta Singh), Emcure फर्मा नमिता थापर (Namita Thapar), और कार देखो डॉट कॉम (Cardekho.com) के सीईओ अमित जैन (Amit Jain) शामिल हैं. इन दिनों शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India Season 2) में गेस्ट के रूप में नए जज यानी शार्क (Shark Tank India New Shark) की एंट्री होने वाली है. यहां हम शार्क टैंक इंडिया के नए जज के बारे में आपको बताने जा रहे है. तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

जानें कौन हैं Shark Tank India 2 के नए शार्क

शार्क टैंक इंडिया के नए शार्क का नाम विकास डी नाहर (Vikas D Nahar) है. वह ड्राई फ्रूट्स एंड स्नैक्स ब्रांड हैपिलो (Happilo) के फाउंडर हैं. वह शार्क टैंक इंडिया के नए डिजिटल-ओनली एपिसोड शार्क टैंक इंडिया गेटवे टू शार्क टैंक इंडिया 2 का हिस्सा बनने वाले हैं. हाल में शार्क टैंक इंडिया के इंस्टाग्राम प्रोफइल पर विकास डी नाहर के साथ शो के स्पेशल एपिसोड का एक इंट्रो वीडियो शेयर किया गया है.

20 बार फेल होने के बावजूद बनाई 500 करोड़ की कंपनी

इस वीडियो में वह ये बताते नजर आ रहे हैं कि कैसे उन्होंने लगातार असफलता मिलने के बावजूद एक 500 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है. साल 2016 में उन्होंने मात्र 10 हजार रुपये से हैपिलो कंपनी की शुरुआत की थी. आज इस कंपनी का नेटवर्थ 500 करोड़ के करीब पहुंच गया है.

विकास डी नाहर ने बताया कि अपनी कंपनी को इस उंचाई पर पहुचाने के लिए उन्हें 20 बार असफलता का सामना करना पड़ा. लेकिन बार-बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह मजबूत इरादे के साथ डटे रहे. उन्होंने अपनी इस सफलता के राज के बारे में कहा, मैंने बार-बार कोशिश की और यही मेरी सफलता का सबसे बड़ा राज है.



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Shark Tank India 2: जानें कौन हैं शार्क टैंक के नए जज विकास डी नाहर, 20 बार फेल होने के बाद किया ये कारनामा

Shark Tank India 2: इन दिनों सोनी टीवी का पॉपुलर बिजनेस रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया का दूसरा सीजन धमाल मचा रहा है. इस शो में एक से बढ़कर एक एंटरप्रेन्योर्स (Entrepreneurs) आते हैं और अपने बिजनेस आइडिया (Business Idea) को बताकर फंडिग हासिल करने की कोशिश करते हैं. शार्क टैंक शो के जज (Shark Tank India Judges) को जिन एंटरप्रेन्योर का बिजनेस मॉडल पसंद आता है, वह उसमें निवेश करते हैं. यह शो उन एंटरप्रेन्योर को प्लेटफॉर्म देता है जो अपने दम पर कोई बिजनेस शुरू करते हैं और अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए फंडिंग जुटाना चाहते हैं.

Shark Tank India में होगी नए जज की एंट्री

इस शो की तरह ही शो के जज भी काफी सुर्खियों में रहते हैं. शो के जजों के पैनल में लेंसकार्ट (Lenskart) के फाउंडर पीयूष बंसल (Piyush Bansal) , शादी डॉट कॉम (Shadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal), बोट (Boat) के सीएमओ और को-फाउंडर अमन गुप्ता (Aman Gupta),  शुगर कॉस्मेटिक(Sugar Cosmetics) की सीईओ विनीता सिंह (Vineeta Singh), Emcure फर्मा नमिता थापर (Namita Thapar), और कार देखो डॉट कॉम (Cardekho.com) के सीईओ अमित जैन (Amit Jain) शामिल हैं. इन दिनों शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India Season 2) में गेस्ट के रूप में नए जज यानी शार्क (Shark Tank India New Shark) की एंट्री होने वाली है. यहां हम शार्क टैंक इंडिया के नए जज के बारे में आपको बताने जा रहे है. तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

जानें कौन हैं Shark Tank India 2 के नए शार्क

शार्क टैंक इंडिया के नए शार्क का नाम विकास डी नाहर (Vikas D Nahar) है. वह ड्राई फ्रूट्स एंड स्नैक्स ब्रांड हैपिलो (Happilo) के फाउंडर हैं. वह शार्क टैंक इंडिया के नए डिजिटल-ओनली एपिसोड शार्क टैंक इंडिया गेटवे टू शार्क टैंक इंडिया 2 का हिस्सा बनने वाले हैं. हाल में शार्क टैंक इंडिया के इंस्टाग्राम प्रोफइल पर विकास डी नाहर के साथ शो के स्पेशल एपिसोड का एक इंट्रो वीडियो शेयर किया गया है.

20 बार फेल होने के बावजूद बनाई 500 करोड़ की कंपनी

इस वीडियो में वह ये बताते नजर आ रहे हैं कि कैसे उन्होंने लगातार असफलता मिलने के बावजूद एक 500 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है. साल 2016 में उन्होंने मात्र 10 हजार रुपये से हैपिलो कंपनी की शुरुआत की थी. आज इस कंपनी का नेटवर्थ 500 करोड़ के करीब पहुंच गया है.

विकास डी नाहर ने बताया कि अपनी कंपनी को इस उंचाई पर पहुचाने के लिए उन्हें 20 बार असफलता का सामना करना पड़ा. लेकिन बार-बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह मजबूत इरादे के साथ डटे रहे. उन्होंने अपनी इस सफलता के राज के बारे में कहा, मैंने बार-बार कोशिश की और यही मेरी सफलता का सबसे बड़ा राज है.



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अंदरुनी शांति की तलाश में निकली बौद्ध भिक्षुणी को दिल्ली विश्वविद्यालय से मिली PHD की डिग्री

वियतनाम में जन्मीं गुयेन थी थान अंदरुनी शांति की तलाश में 14 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर निकल गई थीं. अब करीब 22 साल बाद उन्हें ‘बौद्ध अध्ययन' में दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री मिली है. अंदरुनी शांति की तलाश में निकलीं गुयेन बाद में एक बौद्ध भिक्षुणी बन गईं, जिन्होंने कई देशों की यात्रा की है. वह कई भाषाएं धाराप्रवाह बोलने में सक्षम हैं. गुयेन (36) उन 910 छात्रों में शामिल हैं, जिन्हें शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री दी गई. इस दौरान वह भारतीय पोशाक में नजर आईं.

गुयेन ने कहा, ‘‘अंदरूनी शांति की तलाश के लिए मैंने 14 साल की उम्र में वियतनाम का अपना घर छोड़ दिया. मेरे बौद्ध भिक्षुणी बनने का फैसला करने के बाद मेरी मां और दादी तीन महीने तक रोती रहीं. धीरे-धीरे, वे इसकी आदि हो गईं. मैं एक मठ में गई, जहां मैंने बौद्ध धर्म के बारे में सीखा.'' वर्ष 2017 में भारत आईं गुयेन ने कहा, ‘‘मैं ताइवान में एक साल रही. फिर मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर करने का फैसला किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्नातकोत्तर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक हासिल किया. फिर मैंने बौद्ध अध्ययन में पीएचडी करने का फैसला किया.''

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अंदरुनी शांति की तलाश में निकली बौद्ध भिक्षुणी को दिल्ली विश्वविद्यालय से मिली PHD की डिग्री

वियतनाम में जन्मीं गुयेन थी थान अंदरुनी शांति की तलाश में 14 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर निकल गई थीं. अब करीब 22 साल बाद उन्हें ‘बौद्ध अध्ययन' में दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री मिली है. अंदरुनी शांति की तलाश में निकलीं गुयेन बाद में एक बौद्ध भिक्षुणी बन गईं, जिन्होंने कई देशों की यात्रा की है. वह कई भाषाएं धाराप्रवाह बोलने में सक्षम हैं. गुयेन (36) उन 910 छात्रों में शामिल हैं, जिन्हें शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री दी गई. इस दौरान वह भारतीय पोशाक में नजर आईं.

गुयेन ने कहा, ‘‘अंदरूनी शांति की तलाश के लिए मैंने 14 साल की उम्र में वियतनाम का अपना घर छोड़ दिया. मेरे बौद्ध भिक्षुणी बनने का फैसला करने के बाद मेरी मां और दादी तीन महीने तक रोती रहीं. धीरे-धीरे, वे इसकी आदि हो गईं. मैं एक मठ में गई, जहां मैंने बौद्ध धर्म के बारे में सीखा.'' वर्ष 2017 में भारत आईं गुयेन ने कहा, ‘‘मैं ताइवान में एक साल रही. फिर मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर करने का फैसला किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्नातकोत्तर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक हासिल किया. फिर मैंने बौद्ध अध्ययन में पीएचडी करने का फैसला किया.''

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Friday, 24 February 2023

सारस और आरिफ की दोस्‍ती: बुरे वक्‍त से शुरू हुआ दोस्‍ती का बेमिसाल सफर, देखें- VIDEO

पिक्चर में जय और वीरू की दोस्ती तो सदाबहार है. लेकिन इंसानों ने जानवरों में भी साथी ढूंढे हैं. कुत्ते-बिल्ली से इंसानों की दोस्‍ती के बारे में आपने खूब सुना होगा. तोते से लेकर गाय- बैल तक से इंसानों की दोस्‍ती के बारे में आप जानते होंगे, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि इंसान ने खुले आसमान के नीचे एक सारस से दोस्ती कर ली? इंसान और सारस की दोस्‍ती दुर्लभ है, यही कारण है कि आसपास के इलाके में इसकी खूब चर्चा है. 

अमेठी के बाशिंदे हैं आरिफ. कुछ दिन पहले आरिफ ने एक सारस पक्षी को चोटिल पाया और उसका घर लाकर इलाज किया. आरिफ ने सोचा अब सारस उड़कर चला जाएगा, लेकिन सारस ने सोचा कि यह दोस्ती निभाई जाए. 

आरिफ ने बताया कि सारस की प्रजाति के जीव आते हैं तो यह घर में छुप जाता है. हालांकि एक दो बार जब यह उनके साथ गया तो भी शाम होते-होते वापस लौट आता है. 

आरिफ न केवल इस सारस के साथ रहते हैं, उसको अपने हाथ से खाना खिलाते हैं, उसके साथ डांस भी करते हैं. यही नहीं कभी आरिफ काम से बाहर चले जाएं तो सारस भी पीछे पीछे हवाई सर्वेक्षण करता नजर आता है. उन्‍होंने बताया कि बाइक से जब मैं निकलता हूं तो यह 25-30 किमी उड़कर साथ चला जाता है और वापस भी आ जाता है. 

आरिफ के मुताबिक, वह इसे रोजाना सुबह दो अंडे खिलाते हैं. दिनभर में रोटी, चावल और सब्‍जी खाता है. 

यह सारस आरिफ को लेकर बेहद पजेसिव है. आरिफ के अलावा किसी की मजाल नहीं है जो इसे हाथ भी लगा ले. फिलहाल आरिफ और सारस की ये दोस्ती एक मिसाल कायम करते हुए इलाके में चर्चित हो रही है. 

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