राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार मिथिलेश पाल की जीत को शनिवार को 'ऐतिहासिक' और 'शानदार' करार दिया. पार्टी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह जीत इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मीरापुर की जनता ने एक बार फिर जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी में अपना विश्वास जताया है. केंद्रीय मंत्री और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने 'मीरापुर की जनता को विशेष धन्यवाद' दिया है.
जयंत चौधरी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में विजयी हुए नवनिर्वाचित विधायकों को मेरी शुभकामनाएं. उत्तर प्रदेश में राजग ने संयुक्त चुनाव अभियान चलाकर बहुत दमदार प्रदर्शन किया है. मीरापुर की जनता को विशेष धन्यवाद.'
विभिन्न राज्यों में उपचुनावों में जीतने वाले नवनिर्वाचित विधायकों को मेरी शुभकामनाएँ।
— Jayant Singh (@jayantrld) November 23, 2024
उत्तर प्रदेश में एनडीए ने संयुक्त चुनावी अभियान चला कर बेहद मज़बूत प्रदर्शन किया है।
मीरापुर की जनता को विशेष आभार!!
रालोद प्रवक्ता अंकुर सक्सेना ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'मीरापुर विधानसभा सीट पर पार्टी उम्मीदवार मिथिलेश पाल की जीत ऐतिहासिक होने के साथ-साथ शानदार भी है. उन्होंने बहुत बढ़िया चुनाव लड़ा और मीरापुर की जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. यह जीत हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मीरापुर की जनता ने एक बार फिर पार्टी और हमारे नेता जयंत चौधरी पर अपना भरोसा जताया है.'
निर्वाचन आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय लोक दल की मिथिलेश पाल ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की है. पाल ने 84,304 वोट हासिल किए और समाजवादी पार्टी की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुम्बुल राणा को 30,796 वोट से हराया. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के जाहिद हुसैन 22,661 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शाहनजर 3,248 मतों के साथ पांचवें स्थान पर रहे.
रालोद ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'श्रीमती मिथलेश पाल और सभी साथी कार्यकर्ताओं को बधाई, यह जीत आप सभी के प्रयासों का परिणाम है. पूरे समाज का आशीर्वाद और सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा हमारे पक्ष में आया.'
मीरापुर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जयंत चौधरी ने रोड शो किया था. रालोद ने 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में यह सीट जीती थी, लेकिन पार्टी ने राजग के घटक के तौर पर यह उपचुनाव लड़ा.
चौधरी को गठबंधन की प्रतिष्ठा के दांव पर होने का शायद अहसास था, जिस वजह से उन्होंने इस सीट से अपनी पार्टी की उम्मीदवार के लिए प्रचार किया.मीरापुर से उपचुनाव के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे.
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