Saturday, 30 November 2024

'अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं...', UN में बांग्लादेश के प्रतिनिधि ने हिन्दुओं पर हो रहे हमले से किया इनकार

ढाका में एक हिंदू नेता की गिरफ्तारी को 'गलत तरीके से' पेश किया गया है और उन्हें विशिष्ट आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश ने अल्पसंख्यक मुद्दों से जुड़े संयुक्त राष्ट्र मंच से यह बात कही. उसने दावा किया कि देश में अल्पसंख्यकों पर कोई सुनियोजित हमला नहीं हुआ है.

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ(इस्कॉन) के पूर्व सदस्य और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को राजद्रोह के एक मामले में चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया.

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और जेनेवा में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में बांग्लादेश के दूत एवं स्थायी प्रतिनिधि तारिक मोहम्मद अरिफुल इस्लाम ने कहा, “हम बेहद निराशा के साथ यह कहते हैं कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी को कुछ वक्ताओं ने गलत रूप में लिया है, जबकि वास्तव में उन्हें विशिष्ट आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया था. हमारी अदालत इस मामले पर विचार कर रही है.”

इस्लाम ने 28-29 नवंबर को जेनेवा में अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के मंच के 17वें सत्र के दौरान यह बयान दिया. हिंदू समूह सम्मिलिता सनातनी जोते के नेता चिन्मय दास को जेल भेजे जाने के बाद राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगांव सहित विभिन्न जगहों पर हिंदुओं ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. भारत ने इन घटनाक्रमों पर गहरी चिंता जताई है, जबकि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया है.

सत्र के दौरान कुछ बांग्लादेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और व्यक्तियों ने देश की स्थिति के बारे में बात की. इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश (आईएफएसबी) के एक प्रतिनिधि ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति 'बहुत चिंताजनक' और 'बहुत ज्वलंत मुद्दा' है.

चिन्मय दास की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए प्रतिनिधि ने कहा कि इस्कॉन एक बहुत लोकप्रिय और शांतिपूर्ण संगठन है, लेकिन उसके पूर्व नेता को “बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया है. उन्हें तीन दिन पहले ढाका में गिरफ्तार किया गया था और अब बांग्लादेश में हर दिन... पुलिस, सेना... अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं.”

इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेश इस बात की पुष्टि करता है कि प्रत्येक बांग्लादेशी को धार्मिक पहचान की परवाह किए बिना अपने संबंधित धर्म का पालन करने या स्वतंत्र रूप से विचार व्यक्त करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, 'अल्पसंख्यक समुदाय सहित प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की प्राथमिकता बना हुआ है.'

इस्लाम ने कहा, 'हमारे शीर्ष नेतृत्व द्वारा अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं को बार-बार यह आश्वासन दिया गया है और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के शुरुआती 100 दिनों में यह बार-बार साबित हुआ है.'

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में पांच अगस्त के बाद राजनीतिक और व्यक्तिगत कारणों से हिंसा भड़की थी, न कि सांप्रदायिक वजह से. इस्लाम ने कहा, 'हिंसा ने ज्यादातर पक्षपातपूर्ण राजनीतिक संबद्धता वाले लोगों को प्रभावित किया. इनमें से लगभग सभी मुस्लिम थे और केवल कुछ अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के थे.'



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/rD0bvY3

सरकार गठन में देरी इसलिए हो रही क्योंकि महायुति को जीत की उम्मीद नहीं थी: उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी इसलिए हो रही क्योंकि सत्तारूढ़ महायुति में शामिल पार्टियों ने कभी नहीं सोचा था कि वे दोबारा सत्ता में आएंगी. ठाकरे की इस टिप्पणी के कुछ घंटे बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने कहा कि महाराष्ट्र में नयी महायुति सरकार पांच दिसंबर की शाम मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेगी.

ठाकरे राज्य में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और धनबल के कथित दुरुपयोग के खिलाफ यहां तीन दिवसीय प्रदर्शन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बाबा आढाव से मिलने गए. आढाव के बगल में बैठे ठाकरे ने कहा कि महायुति गठबंधन की विशाल जीत के बाद कोई जश्न क्यों नहीं मनाया गया.

आढाव ने ठाकरे के हाथों से एक गिलास पानी स्वीकार कर अपना आंदोलन समाप्त किया. पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘जब महा विकास आघाडी (एमवीए) का गठन हुआ (2019 के चुनावों के बाद), राष्ट्रपति शासन लागू था. इस बार किसी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है, फिर भी राष्ट्रपति शासन नहीं है.''

ठाकरे ने कहा, ‘‘उन्होंने (महायुति सहयोगियों ने) कभी नहीं सोचा था कि वे दोबारा सत्ता में आएंगे, इसलिए उनके पास कोई योजना नहीं थी कि मुख्यमंत्री कौन होगा, मंत्री कौन होंगे. यही कारण है कि सरकार गठन में समय लग रहा है.''

उन्होंने यह भी मांग की कि सभी वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए. ठाकरे ने पूछा, ‘‘कोई भी देख सकता है कि वोट डाला गया है. लेकिन कोई यह कैसे सत्यापित कर सकता है कि वोट कैसे दर्ज किया गया है.''

ठाकरे ने कहा कि 20 नवंबर को मतदान के आखिरी एक घंटे में 76 लाख वोट डाले गए, जिसका मतलब है कि इस अवधि के दौरान हर मतदान केंद्र पर औसतन 1,000 लोगों ने मतदान किया. उन्होंने दावा किया कि मतदान केंद्रों के बाहर लगी कतारें इस बात को प्रतिबिंबित नहीं करतीं.
 



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/bPemB2o

Friday, 29 November 2024

जयशंकर ने लोकसभा में पीएम मोदी और जिनपिंग की मीटिंग का जिक्र कर बताए बॉर्डर के हालात

पिछले महीने कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और चीन के बीच मतभेदों और विवादों को ठीक से निपटाने और इनके चलते सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द को नहीं बिगड़ने देने के महत्व को रेखांकित किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उनसे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ सीमा मुद्दे से जुड़ा एक सवाल किया गया था.

गतिरोध का हुआ अंत

भारत और चीन के बीच डेमचोक और डेपसांग में सैनिकों की वापसी पर समझौता के दो दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर बातचीत की थी. डेमचोक और डेपसांग पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध के दो आखिरी स्थान थे. दोनों स्थानों पर सैनिकों की वापसी से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच चार साल से अधिक समय से चले आ रहे गतिरोध का एक तरह से अंत हो गया.

गश्त पर क्या कहा

एक प्रेसवार्ता में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने विवादित क्षेत्रों में गश्त पर एक सवाल का जवाब देते हुए केवल इतना कहा कि काम किया जा रहा है और प्रगति हो रही है. लोकसभा में अपने जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में 2020 में उत्पन्न प्रासंगिक मुद्दों के पूर्ण समाधान और सैनिकों की वापसी के समझौते का स्वागत किया.''

चीन का बयान

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मतभेदों और विवादों से उचित तरीके से निपटने और उन्हें सीमा क्षेत्र में शांति भंग होने का कारण बनने की इजाजत नहीं देने के महत्व को रेखांकित किया. विदेश मंत्री ने 21 अक्टूबर को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान द्वारा की गई टिप्पणियों का भी उल्लेख किया. अधिकारी ने कहा था कि चीन इस दिशा में प्रगति की सराहना करता है और इन प्रस्तावों के ठोस कार्यान्वयन के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा.

संबंध बढ़ाने पर हुई बात

जयशंकर ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के बयान में उल्लेख किया गया कि दोनों नेताओं ने सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रासंगिक मुद्दों को हल करने के लिए गहन संचार के माध्यम से हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार नियमित रूप से स्थापित तंत्रों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ एलएसी पर किसी भी उल्लंघन को उठाती है, जिसमें सीमा कर्मियों की बैठकें, ‘फ्लैग मीटिंग', भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की बैठकों के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से किये जाने वाले प्रयास शामिल हैं.उन्होंने कहा, ‘‘23 अक्टूबर को कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच बैठक के दौरान, इस बात पर सहमति हुई कि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने और पुनर्निर्माण के लिए विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों के स्तर पर प्रासंगिक वार्ता तंत्र का उपयोग किया जाएगा.''

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

जयशंकर ने 18 नवंबर को ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘चर्चा भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर केंद्रित थी. इस बात पर सहमति हुई कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उप मंत्री स्तर की एक बैठक जल्द ही होगी.''उन्होंने कहा कि इस दौरान जिन चीजों पर चर्चा हुई उनमें कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडिया आदान-प्रदान शामिल थे.
 



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/vTp7Cgl

मुंबई पुलिस की हथियार विक्रेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 3 गिरफ्तार, हथियारों का जखीरा बरामद

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने हथियारों के विक्रेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल और पायधुनी पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में तीन हथियार विक्रेताओं को गिरफ्तार (Arms Dealer Arrested) किया है. साथ ही आरोपियों के पास से बड़ी संख्‍या में हथियार और कारतूसों की बरामदगी की गई है. पुलिस ने खुफिया सूचना मिलने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया. आरोपी मुंबई में इन हथियारों को बेचने की फिराक में थे. 

ये भी पढ़ें : डिजिटल अरेस्‍ट : गुजरात में 90 साल के बुजुर्ग बने ठगों का निशाना, गंवाए एक करोड़

मुंबई क्राइम ब्रांच के एंटी एक्‍सटॉर्शन सेल के कांस्‍टेबल अमोल तोड़कर को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोग अवैध रूप से हथियारों और जिंदा कारतूसों के साथ मुंबई आ रहे हैं और वे उसे किसी को बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

हथियारों का जखीरा बरामद

जानकारी के अनुसार, पुलिस को पता चला था कि आरोपी 28 नवंबर की रात पायधुनी स्थित पी डिमेलो रोड पर एक होटल के पास हथियारों की डील करने वाले हैं. इसके बाद एंटी एक्‍सटॉर्शन सेल और पायधुनी पुलिस ने संयुक्‍त ऑपरेशन शुरू किया. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम बनाई गई, जिन्‍होंने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

ये भी पढ़ें : बेंगलुरु में अपनी व्लॉगर गर्लफ्रेंड की चाकू मारकर हत्या करने का आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियारों का जखीरा बरामद किया है. आरोपियों के पास से पुलिस ने दो पिस्टल, एक रिवॉल्वर, तीन देसी सिंगल बोर के कट्टे, दो ब्लैंक मैगजीन और 67 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. 

जांच में जुटी क्राइम ब्रांच 

इस मामले में पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनमें अभिषेक कुमार अंजनी कुमार पटेल (26 साल), सिद्धार्थ सुभाष कुमार सुमन उर्फ गोलू (23 वर्ष) और रवित रामभिकुमार मंडल (27 वर्ष) है.  

पायधुनी पुलिस स्टेशन ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. 



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/V5y6sXC

शादी का वादा तोड़ना या ब्रेकअप का मतलब सुसाइड के लिए उकसाना नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक फैसले में कहा कि ब्रेकअप या शादी का वादा तोड़ना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं हो सकता. हालांकि, ऐसे वादे टूटने पर शख्स इमोशनली डिस्टर्ब हो सकता है. इमोशनली डिस्टर्ब होकर अगर वह सुसाइड कर लेता है, तो इसके लिए किसी दूसरे को दोषी नहीं माना जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने ये कहते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले को बदल दिया. कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोपी कमरुद्दीन दस्तगीर सनदी को अपनी गर्लफ्रेंड से चीटिंग और सुसाइड के लिए उकसाने का दोषी करार दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को क्रिमिनल केस न मानकर नॉर्मल ब्रेकअप केस माना है. अदालत ने आरोपी की सजा को भी पलट दिया है. हालांकि, इससे पहले ट्रायल कोर्ट भी आरोपी को बरी कर चुका था.

8 साल का रिश्ता टूटा, लड़की ने की खुदकुशी
मां की ओर से दर्ज FIR के मुताबिक, उसकी 21 साल की बेटी 8 साल से आरोपी से प्यार करती थी. अगस्त 2007 में उसने आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि आरोपी ने शादी का वादा पूरा करने से मना कर दिया था.

'बिना ट्रायल के हिरासत में कब तक...' सुप्रीम कोर्ट ने पार्थ चटर्जी की जमानत को लेकर ईडी से पूछे कड़े सवाल

लोअर कोर्ट ने किया था बरी, हाईकोर्ट ने दी थी 5 साल की सजा
आरोपी कमरुद्दीन दस्तगीर सनदी पर शुरू में IPC की धारा 417 (धोखाधड़ी), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 376 (बलात्कार) के तहत आरोप लगाए गए थे. हाईकोर्ट ने आरोपी को 5 साल की जेल और 25 हजार जुर्माना भरने की सजा सुनाई थी. आरोपी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने लिखा 17 पन्नों का फैसला
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच की ओर से जस्टिस मिथल ने 17 पेज का फैसला लिखा. बेंच ने महिला की मौत से पहले के दो बयानों का एनालिसिस किया. इसमें कहा गया कि न तो कपल के बीच फिजिकल रिलेशन का कोई आरोप था. न ही आत्महत्या के लिए कोई जानबूझकर किया गया काम था.

16 साल बाद SC से मिला सिपाही के परिवार को इंसाफ, UP सरकार से कहा- 6 हफ्ते में दें बेटे को नौकरी

इसलिए फैसले में इस बात पर जोर दिया गया कि टूटे हुए रिश्ते भावनात्मक रूप से परेशान करने वाले होते हैं, लेकिन इन्हें क्रिमिनल केस की कैटेगरी में शामिल नहीं किया जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "यहां तक ​​कि वैसे मामलों में भी जहां पीड़िता क्रूरता के कारण आत्महत्या कर लेती है, अदालतों ने हमेशा माना है कि समाज में घरेलू जीवन में कलह और मतभेद काफी आम हैं. इस तरह के अपराध का होना काफी हद तक पीड़िता की मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है."

लंबे रिश्ते के बाद भी ब्रेकअप करना सुसाइड के लिए उकसाना नहीं
फैसले में कहा गया है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दर्शा सके कि आरोपी ने महिला को आत्महत्या के लिए उकसाया. अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे रिश्ते के बाद भी शादी से इनकार करना उकसावे की कैटेगरी में नहीं आता.

अदालत ने कहा, "निश्चित रूप से, जब तक आरोपी का आपराधिक इरादा स्थापित नहीं हो जाता, तब तक उसे IPC की धारा 306 के तहत दोषी ठहराना संभव नहीं है."

यूपी पुलिस पॉवर एंजॉय कर रही है, उसे संवेदनशील होने की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/pZfqAE6

बुढ़ापे की मार झेलता जंगल का राजा, शेर का हाल देख दंग रह गए लोग

Old Lion Viral Video: जंगल के राजा शेर के सामने आने से जानवर तो क्या इंसान भी कतराते हैं. इस खूंखार शिकारी की दहाड़ और ताकत का खौफ जंगल के हर कोने में महसूस किया जाता है, लेकिन समय किसी को नहीं बख्शता, चाहे वह राजा हो या कोई आम जीव. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग और कमजोर शेर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को गहराई से भावुक कर दिया है. X पर इस वीडियो को @AMAZlNGNATURE नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और शेयर किया जा रहा है.

बुजुर्ग शेर का वीडियो वायरल

वायरल हो रहे इस वीडियो में शेर काफी कमजोर और थका हुआ नजर आ रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि शेर की चाल धीमी हो चुकी है और शरीर पर उम्र का असर साफ दिख रहा है. यह नजारा ये एहसास दिलाता है कि प्रकृति में हर जीव का एक चक्र होता है. वीडियो में एक बुजुर्ग और कमजोर शेर को आराम-आराम से सड़क पर चलते हुए देखा जा सकता है. इस दौरान  उसके सामने ही गाड़ी में बैठे लोग उसका वीडियो बना रहे होते है. वहीं इस वीडियो ने एक बार फिर वन्यजीव संरक्षण और उनके बुढ़ापे में देखभाल की जरूरत पर सवाल उठाए हैं. यूजर्स ने आग्रह किया है कि ऐसे शेरों की खास देखभाल की जानी चाहिए, ताकि उनके आखिरी दिन सम्मानजनक तरीके से गुजरें.

यहां देखें वीडियो

कमजोर हालत ने पिघलाए यूजर्स के दिल

महज 53 सेकंड के इस वीडियो को अब तक 16.6 मिलियन लोग देख चुके हैं, जबकि 91 हजार लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया है. वीडियो देख चुके एक यूजर ने लिखा, इसे देखकर मेरा दिल टूट जाता है, लेकिन मैं समझती हूं कि वह अकेला क्यों है. यदि वह रुका तो वह अपना गौरव खतरे में डाल देगा. उन्हें बचाने के लिए वह अकेले मरने को मजबूर है. दूसरे यूजर ने लिखा, चाहे आप कितने भी मजबूत हों, समय के आगे हर कोई झुकता है. तीसरे यूजर ने लिखा, बूढ़ा होना सच में दुखदाई होता है. चौथे यूजर ने लिखा, अपने आखिरी समय में भी इस तरह का औरा (आभामंडल) बनाकर चलना बताता है कि इस जानवर ने कितना शानदार जीवन जिया होगा.

ये भी देखें:-जंगल में नाच रहे मोर पर नागिन ने मारा झपट्टा



from NDTV India - Zara hatke https://ift.tt/Sf3e8ya

Thursday, 28 November 2024

1984 सिख विरोधी दंगा: कोर्ट शुक्रवार को सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में सुना सकती है फैसला

दिल्ली की एक अदालत पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को फैसला सुना सकती है. यह मामला यहां सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो व्यक्तियों की कथित हत्या से संबंधित है.

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने एक नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की कथित हत्या से संबंधित मामले में अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. प्रारंभ में पंजाबी बाग थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में विशेष जांच दल ने इस मामले की जांच की थी.

अदालत ने 16 दिसंबर, 2021 को कुमार को हत्या एवं कई अन्य अपराधों को लेकर अभ्यारोपित किया था. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि आरोपी एक भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और उनके उकसावे पर ही लोगों ने इन दो व्यक्तियों को जिंदा जला दिया तथा उनके घरेलू सामान और अन्य संपत्तियों को भी लूट लिया था एवं नष्ट कर दिया था.

यह मामला सरदार जसवन्त सिंह और उनके बेटे सरदार तरुण दीप सिंह की कथित हत्या से संबंधित है. फिलहाल 1984 के दंगों के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुमार तिहाड़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं और वह वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए. अदालत ने पहले कुमार के खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया' मामला पाते हुए उनके खिलाफ आरोप तय किए थे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए घातक हथियारों से लैस एक विशाल भीड़ ने बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी या सिखों की संपत्ति को नष्ट करने में शामिल थी.
 



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/MXAVHt2

Wednesday, 27 November 2024

MP: कूनो नेशनल पार्क में चीता निर्वा के 2 शावकों की मौत, लैब रिपोर्ट से साफ होगी वजह

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में बुधवार को अफ्रीकी मादा चीता निर्वा के दो शावक मृत पाए गए और उनके क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.एक अधिकारी ने बताया कि चीतों की आवाजाही पर नजर रखने वाले वन विभाग के कर्मचारियों की एक टीम को रेडियो टेलीमेट्री के जरिए संकेत मिले कि निर्वा अपने मांद से दूर है, जिसके बाद वे पशु चिकित्सकों के साथ निरीक्षण के लिए मौके पर पहुंचे और अंदर दो शावकों के क्षत-विक्षत शव मिले.

अधिकारी ने कहा, ' बाड़े के अंदर सभी संभावित स्थानों का निरीक्षण करने के बाद, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि किसी और चीता शावक की मौजूदगी के बारे में कोई सबूत नहीं मिला.'

सोमवार को इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही कि निर्वा ने कितने शावकों को जन्म दिया. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले सोशल मीडिया पर बताया था कि निर्वा ने चार शावकों को जन्म दिया है, लेकिन बाद में उन्होंने पोस्ट हटा दिया और कहा कि वन विभाग जल्द ही नवजात शिशुओं की सही संख्या की पुष्टि करेगा. अधिकारी ने कहा कि निर्वा पूरी तरह से स्वस्थ है.

वन विभाग के अधिकारी ने कहा, 'मृत शावकों के नमूने एकत्र किए गए हैं और जांच के लिए भेजे गए हैं. प्रयोगशाला की रिपोर्ट मिलने के बाद ही उनकी मौत का सही कारण पता चलेगा.' उन्होंने कहा कि अन्य सभी वयस्क चीते और 12 शावक स्वस्थ हैं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/xovnRV6

Tuesday, 26 November 2024

इटली में छुट्टियां मना रहे सोनाक्षी-जहीर, रोमांटिक अंदाज में नजर आया जोड़ा, शेयर कीं खूबसूरत तस्वीरें

स्टार जोड़ी सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल इटली के मिलान में वेकेशन एंजॉय कर रहे हैं. सोनाक्षी ने इंस्टाग्राम पर कई तस्वीरें शेयर की हैं, इसमें वह हबी के साथ छुट्टियों का आनंद उठाती नजर आ रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर लेटेस्ट तस्वीरों की सीरीज शेयर कर ‘तेवर' अभिनेत्री ने खूबसूरत झलक दिखाई है. तस्वीरों में अभिनेत्री मिलान कैथेड्रल के सामने कबूतरों के साथ पोज देती नजर आ रही हैं.

वहीं, शेयर किए एक क्लिप में अभिनेत्री खिलखिलाकर हंसती नजर आ रही हैं, जबकि एक पक्षी उनके हाथ से कुछ खाता नजर आ रहा है. एक अन्य वीडियो में दोनों कैथेड्रल के अंदर प्रार्थना करते दिख रहे हैं. एक तस्वीर में सोनाक्षी अपने पति के गाल पर किस करती, जबकि जहीर आंखें बंद किए हैं। एक अन्य तस्वीर में दोनों गले मिलते नजर आ रहे हैं.

जहीर-सोनाक्षी ने लग्जरी होटल की एक झलक भी दिखाई, जिसमें वे ठहरे हुए हैं. एक क्लिप में जोड़ा मिलान की सड़कों पर टहलता दिख रहा है. दूसरी में अपने कुछ दोस्तों के साथ है. तस्वीरें शेयर कर अभिनेत्री ने कैप्शन में लिखा, "मिलान नवंबर, 2024". वेकेशन पर निकला जोड़ा मिलान से पहले टस्कनी में था और सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर वहां की झलक दिखाई थी.

सोनाक्षी और जहीर 7 साल की डेटिंग के बाद इसी साल 23 जून को मुंबई में शादी के बंधन में बंधे थे. इस बीच सोनाक्षी सिन्हा के वर्कफ्रंट की बात करें तो अभिनेत्री पति जहीर के साथ ‘तू है मेरी किरण' में स्क्रीन शेयर करती नजर आएंगी. जहीर और सोनाक्षी इससे पहले भी साथ में काम कर चुके हैं. दोनों ‘डबल एक्सएल' में साथ नजर आए थे. सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल के साथ फिल्म में हुमा कुरैशी भी अहम भूमिका में थीं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/jk5BxUm

Monday, 25 November 2024

सपा उपचुनाव में हार नहीं पचा पाई और अपने नेताओं को भड़काकर...: संभल हिंसा पर इंद्रेश कुमार 

बरेली में आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने सपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा सपा उपचुनाव में हार नहीं पचा पाई और अपने नेताओं को भड़काकर संभल में हिंसा करा दी. उन्होंने कांग्रेस, बसपा, सपा को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों से कहा कि बीजेपी को आप वोट नही देंगे, आप नफरत उगलेंगे, आपके मन में जहर है, फिर भी वो आपको राशन, आवास, पैसा, आयुष्मान कार्ड दे रही है. वो आपको फायदा दे रहे हैं, आपसे वोट नहीं ले रहे हैं. 

सपा, बसपा, कांग्रेस ने क्या दिया?

इंद्रेश कुमार ने सोमवार को बरेली पहुंचे थे. वो राजकीय इंटर कॉलेज में बने ऑडिटोरियम में भारतीय सद्भावना मंच युवा प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में 'आओ जुड़े अपनी जड़ों से' विषय के मुख्य वक्ता थे. उन्होंने वहां आए अल्पसंख्यक समाज के लोगों को संबोधित करते हुए सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा की मुसलमानों के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस ने कोई स्कीम लाई हो तो मुझे बताएं, जबकि बीजेपी जानती है आप उसे वोट नहीं देंगे, आप हमारे खिलाफ नफरत उगलेंगे, आपके मन में जहर है तो भी आपको आयुष्मान कार्ड दे रहे हैं, राशन दे रहे हैं, शौचालय दे रहे हैं, पैसा दे रहे हैं, आवास दे रहे हैं, वो आपको फायदा दे रहे हैं, आपसे वोट नहीं ले रहे हैं.

'वक्फ बिल मुस्लिमों की मांग'

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक ने वक्फ बिल के बारे में कहा कि ये मुसलमानों की मांग है कि वक्फ बोर्ड बने. सरकार बिल संशोधन नहीं कर रही, बल्कि मुसलमान चाह रहे हैं कि वक्फ बिल में संशोधन होना चाहिए. मुसलमानों के अलग-अलग वर्ग के लोग शिया, सुन्नी, फकीर समेत 5 बोर्ड की मांग कर रहे हैं. दरअसल, इंद्रेश कुमार भारत के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच नामक राष्ट्रवादी संगठन के मार्गदर्शक हैं. इंद्रेश कुमार लगातार मुसलमानों को आरएसएस से जोड़ने का काम कर रहे हैं. वो मुसलमानों को भाजपा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुसलमान को अपने वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने वाली पार्टियां अब मुसलमान को बेवकूफ नहीं बना सकतीं. आज का मुसलमान जाग चुका है. वह जानता है कि आज उसका हित किसमें है. वक्फ संशोधन बिल में कोई भी ऐसी बात नहीं है, जिससे मुसलमानों को नुकसान होगा. बिल में सही मायने में मुसलमान के लिए खुशियां ही खुशियां हैं. 

मोदी-योगी सरकार की तारीफ की

आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की जमकर तारीफ की. उन्होंने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी. उन्होंने कहा की सरकार सबकुछ जानते हुए भी कि आप उसे वोट नही देंगे, आप उसे और आरएसएस को गालियां देंगे, आपके लिए काम कर रही है. मैं कहता हूं आप खूब गालियां दें, मैं भी आपको गालियां सिखा दूंगा, लेकिन आप गाली देते रहें और सरकार की योजनाओं का फायदा भी लेते रहें.

"जान से मारने...": दाऊद इब्राहिम पर ललित मोदी ने किया बड़ा खुलासा

संभल हिंसा में सपा सांसद समेत 800 पर केस, इंटरनेट बंद, योगी सरकार पर भड़के बर्क और अखिलेश यादव



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/CQXuPew

Sunday, 24 November 2024

झारखंड चुनाव में हेमंत सोरेन की 'कल्‍पना' साकार, जानिए मुश्किल चुनौतियों से कैसे निकला जीत का रास्‍ता

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) में झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने शानदार प्रदर्शन किया है. 81 सदस्‍यीय विधानसभा में झामुमो के साथ ही इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने कुल 56 सीटों पर जीत के साथ ही सत्ता में वापसी की है. इस जीत में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्‍नी कल्‍पना सोरेन की मेहनत किसी से छिपी नहीं है. इस कहानी के नायक और नायिका का तो हर किसी को पता है, लेकिन 5 सहयोगी किरदार भी हैं, जिनके कारण झारखंड में इंडिया गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब रहा है. 

1. मईयां सम्‍मान योजना 

झारखंड की सोरेन सरकार ने महिलाओं के लिए प्रतिमाह 2500 रुपये का वादा किया है और चुनाव से पहले प्रतिमाह 1000 रुपये जारी करने ने जनता का भरोसा जीता. 

2. कल्‍पना का सहज अंदाज

हेमंत सोरेन की पत्‍नी कल्‍पना सोरेन के सहज अंदाज और जनसंपर्क ने उन्‍हें सबसे लोकप्रिय प्रचारक बना दिया. 

Latest and Breaking News on NDTV

3. सोरेन की जेल यात्रा 

इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की जेल यात्रा और फिर उनके दावे कि वह आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, उससे जनता का जुड़ाव और मजबूत हुआ. 

4. सीएनटी एक्‍ट 

2016 में भाजपा ने सीएनटी एक्‍ट में बदलाव की कोशिश की थी. शायद इसी ने आदिवासियों को बीजेपी से नाराज कर दिया है. 

5. घुसपैठ बनाम क्षेत्रीय मुद्दे 

भाजपा ने झारखंड चुनाव में घुसपैठ को मुद्दा बनाया, जबकि इंडिया गठबंधन ने क्षेत्रीय समस्‍याओं पर ध्‍यान केंद्रित किया. 

Latest and Breaking News on NDTV

मुश्किल चुनौती से जीत तक का सफर 

इन वजहों से झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत मिली, लेकिन चुनौती बेहद मुश्किल थी. इन चुनौतियों और इससे निपटकर जीत की दहलीज तक पहुंचने का सफर हम 10 अध्‍यायों में जान सकते हैं. 

इस साल की शुरुआत में कहानी कुछ और थी. 31 जनवरी 2024 की रात को झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. उनके परिवार और पार्टी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन साथ में थीं उनकी पत्‍नी कल्‍पना सोरेन. एक ऐसा नाम जो अब तक सिर्फ उनके करीबियों के बीच जानी जाती थीं. 

अध्‍याय-1 परछाइयों से उभरते हुए 

करीब 300 दिनों बाद कल्‍पना सोरेन लौटीं तो न सिर्फ एक पत्‍नी के तौर पर बल्कि एक सशक्‍त नेता के रूप में. एक गृहिणी से लेकर स्‍टार प्रचारक बनने की उनकी यात्रा अद्भुत है. उस नेता के रूप में जो जनता की भाषा में संवाद करती हैं, उनकी संस्‍कृति को जीती हैं और उनके संघर्षों को समझती हैं. 

उनके भाषण परंपरा की गहराई लिए होते हैं, लेकिन सोच आधुनिक है. एक ऐसा संगम जिसने न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश को आकर्षित किया. 

Latest and Breaking News on NDTV

अध्‍याय-2 बदलाव का मोड़ 

5 मार्च 2024 को गिरीडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्‍थापना दिवस पर कल्‍पना सोरेन ने सक्रिय राजनीति में कदम रखने की औपचारिक घोषणा की. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने पार्टी नेतृत्‍व में एक खाली जगह छोड़ दी थी, लेकिन कल्‍पना ने इसे दृढ़ता और साहस के साथ भरा. 

अध्‍याय-3 गृहिणी से नायिका तक 

कल्‍पना सोरेन का अभियान केवल राजनीतिक नहीं था, व्‍यक्तिगत भी था. उन्‍होंने महिलाओं के सशक्तिकरण, आदिवासी पहचान और अपने पति के लिए न्‍याय की बात की. मईयां सम्‍मान योजना जैसे कार्यक्रम महिलाओं में गहराई तक जुड़ाव बना सके, जिससे पार्टी को एक मजबूत समर्थन मिला.

अध्‍याय-4 चुनावी जंग 

झारखंड चुनाव एक जंग थी और मुकाबला बिलकुल भी आसान नहीं था. एक ओर भाजपा के दिग्‍गज नेताओं ने आक्रामक प्रचार किया, लेकिन कल्‍पना ने 100 से अधिक रैलियां की और अनुभवी राजनेताओं को पीछे छोड़ दिया. 

Latest and Breaking News on NDTV

अध्‍याय-5 पहचान में जड़ें 

कल्‍पना सोरेन केवल प्रचारक नहीं थीं, वे झारखंड की पहचान का प्रतीक बन गईं. इंडिया गठबंधन ने 81 में से 56 सीटें जीतीं.  एक ऐसी जीत जो कल्‍पना और हेमंत सोरेन के जनता में बनाए गए विश्‍वास का प्रतीक है. 

हेमंत सोरेन और कल्‍पना सोरेन की कहानी केवल राजनीतिक अस्तित्‍व की कहानी नहीं है, यह संघर्ष, साझेदारी और झारखंड की अदम्‍य आत्‍मा की गवाही हैं. साथ ही उन्‍होंने नेतृत्‍व को फिर से परिभाषित करते हुए यह साबित किया कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीत कैसे मिल सकती है. 

Latest and Breaking News on NDTV

उस राज्‍य में जहां पर जमीन अपनी आदिवासी विरासत के गीत गाती है, वहां जीत का एक नया अध्‍याय लिखा गया. झारखंड की मिट्टी से जुड़े नेता हेमंत सोरेन ने एक बार फिर अपने लोगों की उम्‍मीदों और संघर्षों को दिल में लेकर नेतृत्‍व किया. 

अध्‍याय-6 चुनौतियों भरा रास्‍ता 

हेमंत सोरेन के लिए 2024 की शुरुआत उन परीक्षाओं से हुई जो किसी भी नेता को तोड़ सकती थीं. उन्‍हें भ्रष्‍टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया. एक ऐसा क्षण जिसमें उनकी पार्टी और कार्यकर्ताओं को संकट में डाल दिया, लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को उनके पतन के रूप में नहीं बल्कि झारखंड के आदिवासियों की आवाज को चुप कराने के प्रयासों के खिलाफ एक प्रतीक के रूप में देखा गया. 

अध्‍याय-7 मईयां ने पार कराई नैया 

हेमंत सोरेन की जीत के केंद्र में मईयां सम्‍मान योजना है. एक कल्‍याणकारी योजना, जिसे झारखंड की महिलाओं की ताकत और संघर्षों को मान्‍यता दी. इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं के खाते में 1000 रुपये सीधे जमा किये गए. वादा इसे 2500 रुपये तक बढ़ाने का है. 

Latest and Breaking News on NDTV

झारखंड की 29 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर महिला मतदाताओं की संख्‍या पुरुषों से ज्‍यादा है. इन इलाकों में महिलाएं भी वोट देने के लिए बड़ी संख्‍या में आगे आईं. कुल मिलाकर 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्‍यादा वोट किया. ज्‍यादा महिला वोट वाली 28 सीटों पर जेएमएम और उनकी सहयोगी पार्टियों को बढ़त मिली. 

पार्टी ने यह बात हर घर तक पहुंचा दी कि मईयां सम्‍मान योजना सिर्फ एक योजना नहीं है बल्कि यह हर झारखंडी महिला से किया गया वादा है कि वो मायने रखती हैं. 

अध्‍याय-8 जुड़ाव का अभियान 

हेमंत सोरेन का अभियान भव्‍यता के बारे में नहीं था, यह जुड़ाव के बारे में था. उन्‍होंने जनता की भाषा में बात की, उनके संघर्षों को जिया और उनकी जमीनी पहचान और संस्‍कृति की रक्षा का वादा किया. 

Latest and Breaking News on NDTV

अध्‍याय- 9 आदिवासी पहचान 

हेमंत सोरेन का आदिवासी पहचान पर काफी जोर रहा. सरना धर्म कोड के समर्थन से लेकर भूमि अधिकारों की लड़ाई तक उन्‍होंने झारखंड की आत्‍मा के संरक्षक के रूप में खुद को स्‍थापित किया. साथ में हर वक्‍त रहीं कल्‍पना. हेमंत और कल्‍पना ने मिलकर 200 से अधिक रैलियां की और उनका संदेश स्‍पष्‍ट था कि यह चुनाव झारखंड की पहचान और उसकी महिलाओं और उसके भविष्‍य के बारे में है. 
 
अध्‍याय-10 जीत का उत्‍सव 

23 नवंबर 2024 को जब झारखंड चुनाव के नतीजे आए तो उन्‍होंने शब्‍दों से अधिक गूंज पैदा की. झामुमो के नेतृत्‍व वाले इंडिया गठबंधन ने झारखंड में 81 में से 56 सीटें जीतीं और हेमंत सोरेन को एक बार फिर झारखंड का नेतृत्‍व करने के लिए चुना गया. 



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/HGJkKbx

हो जाएं सावधान! घिरेगा कोहरा, गिरेगा तापमान... अगले 2-3 दिनों में बदलने वाला है मौसम

देश में मौसम का मिजाज बदल रहा है. पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी का असर दिल्ली-एनसीआर के साथ उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है. भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने रविवार को बताया कि अगले दो-तीन दिन में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है. 

डॉ. नरेश कुमार ने आईएएनएस से कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर में हल्के और मध्यम स्तर बर्फबारी देखने को मिली है. हिमाचल में भी थोड़ी बहुत बर्फबारी हुई है. इसके अलावा बाकी राज्यों पर पश्चिमी विक्षोभ का ज्यादा असर नहीं पड़ा है.

उन्होंने कहा कि अभी तापमान सामान्य है. न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री है. आगे दो-तीन दिन में मौसम ऐसा ही रहने वाला है, उसके बाद इसमें गिरावट देखी जाएगी. मौसम बदल रहा है, जिसके कारण तापमान में गिरावट होगी. इसके तीन-चार दिन बाद हम पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मध्यम से घने कोहरे की अपेक्षा कर सकते हैं.

दिल्ली-एनसीआर के मौसम को लेकर उन्होंने कहा कि यहां पर मौसम बिल्कुल सामान्य है. आने वाले दो-चार दिन में घने कोहरे की संभावना नहीं है. सामान्य रूप से जैसे-जैसे समय बढ़ेगा, तापमान में गिरावट आएगी.

उल्लेखनीय है कि मौसम की करवट के साथ दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में ठंड का एहसास होने लगा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई दिनों से प्रदूषण की समस्या बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार रविवार सुबह 7.30 बजे तक राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 अंक पर पहुंच गया था, जो गंभीर श्रेणी में आता है.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/R31QoaK

Saturday, 23 November 2024

'धन्यवाद,' मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत पर बोले RLD चीफ जयंत चौधरी

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार मिथिलेश पाल की जीत को शनिवार को 'ऐतिहासिक' और 'शानदार' करार दिया. पार्टी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह जीत इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मीरापुर की जनता ने एक बार फिर जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी में अपना विश्वास जताया है. केंद्रीय मंत्री और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने 'मीरापुर की जनता को विशेष धन्यवाद' दिया है.

जयंत चौधरी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में विजयी हुए नवनिर्वाचित विधायकों को मेरी शुभकामनाएं. उत्तर प्रदेश में राजग ने संयुक्त चुनाव अभियान चलाकर बहुत दमदार प्रदर्शन किया है. मीरापुर की जनता को विशेष धन्यवाद.'

रालोद प्रवक्ता अंकुर सक्सेना ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'मीरापुर विधानसभा सीट पर पार्टी उम्मीदवार मिथिलेश पाल की जीत ऐतिहासिक होने के साथ-साथ शानदार भी है. उन्होंने बहुत बढ़िया चुनाव लड़ा और मीरापुर की जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. यह जीत हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मीरापुर की जनता ने एक बार फिर पार्टी और हमारे नेता जयंत चौधरी पर अपना भरोसा जताया है.'

सक्सेना ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने नौ सीट पर हुए उपचुनाव में सात सीट पर जीत हासिल की और 'समाजवादी पार्टी को लगभग खत्म कर दिया', जो केवल मैनपुरी जिले की करहल और कानपुर की सीसामऊ में अपने गढ़ को बचा पाई.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय लोक दल की मिथिलेश पाल ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की है. पाल ने 84,304 वोट हासिल किए और समाजवादी पार्टी की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुम्बुल राणा को 30,796 वोट से हराया. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के जाहिद हुसैन 22,661 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शाहनजर 3,248 मतों के साथ पांचवें स्थान पर रहे.

मीरापुर से रालोद के मौजूदा विधायक चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था जिस कारण यहां उपचुनाव कराना पड़ा.

रालोद ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'श्रीमती मिथलेश पाल और सभी साथी कार्यकर्ताओं को बधाई, यह जीत आप सभी के प्रयासों का परिणाम है. पूरे समाज का आशीर्वाद और सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा हमारे पक्ष में आया.'

मीरापुर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जयंत चौधरी ने रोड शो किया था. रालोद ने 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में यह सीट जीती थी, लेकिन पार्टी ने राजग के घटक के तौर पर यह उपचुनाव लड़ा.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी को केंद्रीय मंत्री बनाकर रालोद को पाला बदलने का इनाम दिया है. इस प्रकार यह नवगठित भाजपा-रालोद गठबंधन का पहला चुनावी परीक्षण था.

चौधरी को गठबंधन की प्रतिष्ठा के दांव पर होने का शायद अहसास था, जिस वजह से उन्होंने इस सीट से अपनी पार्टी की उम्मीदवार के लिए प्रचार किया.मीरापुर से उपचुनाव के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/jwrZ8BC

यूपी उपचुनाव: BSP की फिर हुई हार, सपा ने उस पर ‘वोट कटवा’ होने का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का चुनावी पतन जारी है, जहां पार्टी उपचुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही. प्रदेश में नौ सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा के उम्मीदवार सात क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रहे, जबकि दो सीट पर वे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और एआईएमआईएम के उम्मीदवारों से भी नीचे पांचवें स्थान पर रहे.

बसपा पर खराब प्रदर्शन की वजह से 'वोट कटवा' होने का आरोप लगाया जा रहा है. उसपर खासकर कटेहरी और फूलपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में समाजवादी पार्टी के वोट को काटने का आरोप लगाया जा रहा है.

उपचुनावों में बसपा पर सपा के वोट काटने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता दीपक रंजन ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'बसपा भाजपा की ‘बी टीम' के रूप में काम कर रही है और इस उपचुनाव में भी उन्होंने भाजपा की ‘बी टीम' के रूप में काम किया.''

हालांकि बसपा 'वोट कटवा' के इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है. पार्टी ने वास्तव में सपा का खेल बिगाड़ दिया क्योंकि कटेहरी और फूलपुर में उसके उम्मीदवारों को मिले मतों ने सपा उम्मीदवारों के विधानसभा पहुंचने की संभावनाओं को खत्म कर दिया.

पार्टी का मत प्राप्त करने के लिहाज़ से सबसे अच्छा प्रदर्शन कटेहारी में रहा, जहां अमित वर्मा को 41,647 मत मिले, जिससे वह तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने सपा की शोभावती वर्मा के विधानसभा में प्रवेश की कोशिश को नाकाम करने में भूमिका अदा की. वर्मा भाजपा के धर्मराज निषाद से 34,514 मतों के अंतर से चुनाव हार गईं.

बसपा का मतों के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन कुंदरकी में रहा, जहां पार्टी उम्मीदवार रफतुल्ला को मात्र 1,099 मत मिले. भाजपा के रामवीर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रिजवान को 1,44,791 मतों के बड़े अंतर से हराकर कुंदरकी विधानसभा सीट जीती.

भाजपा के रामवीर सिंह को 1,70,371 मत मिले, जबकि सपा के मोहम्मद रिजवान 25,580 मत प्राप्त करके दूसरे स्थान पर रहे. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चांद बाबू तीसरे स्थान पर रहे, जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मोहम्मद वारीश तीसरे स्थान पर रहे.

फूलपुर में बसपा उम्मीदवार जितेंद्र कुमार सिंह को 20,342 वोट मिले और उन्होंने सपा का खेल बिगाड़ दिया, क्योंकि उन्हें मिले मतों ने सपा के मोहम्मद मुज्तबा सिद्दीकी की जीत में रोड़ा अटका दिया. सिद्दीकी 11,305 वोट के अंतर से हार गए.

मीरापुर में बसपा उम्मीदवार शाहनजर को 3,248 वोट मिले और वह पांचवें स्थान पर रहे. मीरापुर विधानसभा सीट पर रालोद की मिथिलेश पाल ने 84,304 वोट हासिल किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की सुम्बुल राणा को 30,796 वोट के अंतर से हराया. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के जाहिद हुसैन 22,661 वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे, उसके बाद एआईएमआईएम का स्थान रहा.

गाजियाबाद में बसपा उम्मीदवार परमानंद गर्ग तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 10,736 वोट मिले. खैर (सुरक्षित) सीट पर पार्टी प्रत्याशी पहल सिंह को 13,365 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे, जबकि करहल विधानसभा सीट पर अविनाश कुमार शाक्य को 8,409 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे.

इसी तरह सीसामऊ में बसपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार महज 1,410 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. मझवां विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी दीपक तिवारी को 34,927 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे.

इस बीच, संपर्क किए जाने पर बसपा की उप्र इकाई के प्रमुख विश्वनाथ पाल ने नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'हम राज्य के लोगों द्वारा दिए गए फैसले को स्वीकार करते हैं. हम कमियों की जांच करेंगे और लोगों से उनकी राय मांगेंगे कि कहां गलती हुई. अब हम 2027 के उप्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में जी जान से जुट जायेंगे और अगली सरकार बनाएंगे.'

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता भले ही अभी थोड़ा उदास महसूस कर रहे हों, लेकिन उन्होंने आगामी चुनावों में कड़ी मेहनत करने और पार्टी को राज्य में अगली सरकार बनाने में सक्षम बनाने का संकल्प लिया है.

पाल से पूछा गया कि सपा उस पर 'वोट कटवा' होने का आरोप लगा रही है . इस पर पाल ने कहा,''सपा का यह आरोप पूरी तरह से गलत है, पार्टी ने पूरी जी जान से चुनाव लड़ा था .'' इस उपचुनाव में सभी नौ सीट पर उम्मीदवार उतारने वाली बसपा के वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में नदारद रहे.

बसपा प्रमुख मायावती किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में किसी भी जनसभा या रैली में शामिल नहीं हुईं. यहां तक कि मायावती के भतीजे और वरिष्ठ पदाधिकारी आकाश आनंद और पूर्व राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा भी पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सामने नहीं आए.

पाल ने इससे पहले रविवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा था, 'बहनजी (मायावती) के आदेश पर मैं और पार्टी के समन्वयक और जिला अध्यक्ष उपचुनाव वाली सभी नौ सीट पर पार्टी उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार कर रहे हैं.'

जनसभाओं और रैलियों में मायावती और आनंद की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर पाल ने कहा था, 'बहनजी और आकाश भैया झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में व्यस्त हैं. इसके अलावा मुझे अपनी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से कोई आदेश या निर्देश नहीं मिला है.'

वरिष्ठ नेताओं की उदासीनता पार्टी प्रत्याशियों के मनोबल पर असर डालती दिख रही है. कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार ने भी इससे पहले ‘पीटीआई-भाषा' से कहा था, 'सीसामऊ में बसपा का प्रचार अभियान अच्छा चल रहा है. पार्टी कार्यकर्ता पूरी लगन से काम कर रहे हैं. हमने पार्टी कार्यालय से पार्टी अध्यक्ष बहनजी (मायावती) और आकाश भैया के कार्यक्रम के बारे में पूछा था. अगर बहनजी या आकाश भैया हमारे सीसामऊ क्षेत्र में आते तो प्रचार और भी बेहतर होता.'

अंबेडकरनगर के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी अमित वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'कटेहरी बसपा का गढ़ है. बहनजी (मायावती) ने ही इस जिले का निर्माण कराया था. हमने पार्टी से वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम के बारे में पूछा था लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला. अगर बहनजी या कोई और नेता कार्यक्रम में शामिल होता है तो हमारे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ता .''

भाजपा ने इन नौ में से छह विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है जबकि उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने मीरापुर की सीट पर जीत हासिल की. समाजवादी पार्टी शेष दो सीट-- करहल और सीसामऊ पर विजयी रही.

उप्र की 403 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय में सत्तारूढ़ भाजपा के 251, उसकी सहयोगी अपना दल (एस) के 13, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के आठ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह तथा निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के पांच सदस्य हैं. राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के 105, कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक सदस्य हैं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/iB5C9xH

'फडणवीस के अधीन काम करना होगा' : CM पर सस्पेंस के बीच उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे पर निशाना

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम के अनुसार 'महायुति' की सरकार को एक बार फिर जनता ने बहुमत दिया है. कांग्रेस व राकांपा के साथ गठबंधन करने वाले उद्धव ठाकरे को भी हार का सामना करना पड़ा. उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाली शिवसेना ने 95 सीट पर चुनाव लड़कर केवल 20 सीट पर जीत हासिल की. ऐसा कहा जा रहा है कि जनता ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना का असली शिवसेना मान लिया है. हालांकि, नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे ने अलसी शिवसेना के सवाल पर कहा कि मामला अभी कोर्ट में है. उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को भी निशाने पर लिया है.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपको देवेंद्र फडणवीस के अधीन काम करना होगा. पहले यह तय करें कि आपको कौन सा बंगला मिलेगा. नतीजों ने एकनाथ शिंदे के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. क्या वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे? जब 2022 के विद्रोह के बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाया, तो गठबंधन में भाजपा बड़ी पार्टी होने के बावजूद शिंदे मुख्यमंत्री बन गए थे.

उद्धव ठाकरे ने बंगले का संदर्भ इसलिए दिया, क्योंकि जब शिंदे सीएम नहीं बनेंगे तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा को खाली करना होगा. बंगले के उल्लेख का एक और अर्थ यह है कि शिंदे के नेतृत्व में जब शिवसेना में विद्रोह हुआ था, तब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार गिरने के बाद उद्धव ठाकरे को वर्षा छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था.

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में महायुति गठबंधन ने 236 और महा विकास अघाड़ी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, अन्य दलों ने चार सीटों पर जीत का परचम लहराया है.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/oyP64Jv

Friday, 22 November 2024

Pradosh Vrat 2024: नवंबर में इस दिन रखा जाएगा अगला प्रदोष व्रत, जानिए किस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा

Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर महीने 2 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखते हैं. माना जाता है कि प्रदोष व्रत पर मान्यतानुसार भगवान शिव (Lord Shiva) का पूजन किया जाए तो जीवन से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है, आरोग्य का वरदान मिलता है और खुशहाली बनी रहती है. यहां जानिए मार्गशीर्ष महीने का पहला और नवंबर का आखिरी प्रदोष व्रत कब रखा जा रहा है और इस दिन किस शुभ मुहूर्त में भोलेनाथ की पूजा संपन्न की जा सकती है. 

Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी पर ऐसे करें मां तुलसी की पूजा, मान्यतानुसार घर में आती है सुख-समृद्धि

प्रदोष व्रत कब है | Pradosh Vrat Date 

पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर की सुबह 6 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 29 नवंबर को सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर होगा. ऐसे में 28 नवंबर, गुरुवार के दिन ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा. 

प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 

प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है. ऐसे में प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) शाम 5 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. इस समयावधि में भगवान शिव की पूजा संपन्न की जा सकती है. 

कैसे करते हैं प्रदोष व्रत की पूजा 

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूरे मनोभाव से प्रदोष व्रत की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है, स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान शिव का ध्यान करके व्रत रखा जाता है. पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करने के बाद भगवान शिव की पूजा की जाती है. असल पूजा रात के समय प्रदोष काल में होती है. पूजा करते हुए शिवलिंग पर दूध, शहद, धतूरा और बेलपत्र आदि अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद शिवलिंग के सामने दीपक जलाया जाता है. भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है, शिव चालीसा का पाठ होता है और प्रदोष व्रत की कथा पढ़कर प्रदोष व्रत की पूजा पूरी होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/dj6vliB

अब जनादेश की बारी... महाराष्ट्र-झारखंड में किसकी बनेगी सरकार, उपचुनाव में कौन मारेगा बाजी? आज आएंगे नतीजे

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए डाले गए मतों की गिनती आज होगी. साथ ही 14 राज्यों की 46 विधानसभा सीट और महाराष्ट्र के नांदेड़ और केरल के वायनाड लोकसभा के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे भी शनिवार को आएंगे. जनता इन चुनावों को लेकर अपना फैसला सुनाएगी. मतों की गिनती आज सुबह 8 बजे से शुरू होगी. मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इन दोनों ही राज्यों में मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है. दोनों अलाएंस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

झारखंड में दो चरण में 13 और 20 नवंबर को मतदान कराया गया था. वहीं महाराष्ट्र में सभी सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान कराया गया था. चुनाव आयोग के मुताबिक महाराष्ट्र में 65.11 फीसदी मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. वहीं झारखंड में दूसरे फेज में 68.45 फीसदी मतदान हुआ. पहले चरण में वहां 66.65 फीसदी मतदान हुआ था. महाराष्ट्र में इस चुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब चार फीसदी ज्यादा मतदान हुआ. वहां 2019 के चुनाव में 61.4 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं झारखंड में 2019 के चुनाव में 67.04 फीसदी मतदान हुआ था. महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी दल या गठबंधन को 145 सीटें जीतने की जरूरत है. वहीं 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 सीटों का है.इन दोनों ही राज्यों में मुख्य मुकाबला दो गठबंधनों के बीच है. बीजेपी और कांग्रेस इन दोनों गठबंधनों की प्रमुख पार्टियां हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक महाराष्ट्र में कुल 4136 तो झारखंड में 1211 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. महाराष्ट्र में 363 महिलाएं तो झारखंड में  128 महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. वहीं, महाराष्ट्र और झारखंड में तीसरे लिंग के दो-दो उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

कहां कहां हुए चुनाव और उपचुनाव
महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कार्यक्रम का ऐलान 15 अक्टूबर को हुआ था. झारखंड की 81 सीटों पर दो चरण में मतदान कराया गया. पहले चरण में 13 नवंबर को 43 और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान कराया गया. महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान कराया गया. 

महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही 14 राज्यों की कुल 46 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी कराए गए. जिन दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनके नाम हैं महाराष्ट्र की नांदेड़ और केरल की वायनाड सीट. नांदेड में कांग्रेस सांसद वसंतराव बलवंत राव चव्हाण के निधन की वजह से तो वायनाड में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव कराना पड़ा. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल ने वायनाड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से भी चुनाव जीता था. उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस ने वायनाड से प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाया है. वहीं नांदेड़ सीट पर उसने वसंतराव बलवंत राव चव्हाण के बेटे रविंद्र वसंतराव चव्हाण को टिकट दिया है. जिन राज्यों में विधानसभा के उपचुनाव कराया गया, उनमें सबसे अधिक नौ सीटें उत्तर प्रदेश में हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

एग्जिट पोल में किसकी बन रही है सरकार

20 नवंबर को हुए मतदान के बाद विभिन्न एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए.महाराष्ट्र में कराए गए 11 एग्जिट पोल में से छह में महायुती की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है. शेष चार एग्जिट पोल में महा विकास अघाड़ी को बहुमत मिलने का अनुमान है. एक एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान लगाया गया है. वहीं झारखंड में कराए गए आठ एग्जिट पोल में चार में एनडीए और दो में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है. दो एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान लगाया गया है. 

महाराष्ट्र का मुकाबला

इस बार का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दिलचस्प रहा. इस चुनाव में कई पार्टियां मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला छह पार्टियों के दो अलग-अलग गठबंधनों के बीच है. ये गठबंधन है बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना की महायुति और कांग्रेस, एनसीपी (पवार गुट) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना का महा विकास अघाड़ी (एमवीए).कुछ छोटे-छोटे दल भी इन दोनों गठबंधनों में शामिल हैं. इनके अलावा बहुजन वंचित अघाड़ी के नाम से एक तीसरा गठबंधन भी महाराष्ट्र में ताल ठोक रहा है. कुछ निर्दलीय और विभिन्न दलों के बागी भी दावेदारी कर रहे हैं. 

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. यह चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में लड़ा था.लेकिन सीएम पद को लेकर हुई खींचतान के बाद यह गठबंधन टूट गया था. इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई थी. हालांकि, एमवीए की यह सरकार ज्यादा दिन तक चल नहीं पाई थी.

जून 2022 में शिवसेना में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत हो गई थी. शिंदे ने सेना के 40 से अधिक विधायकों को तोड़कर बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार भी पार्टी में बगावत कर शिवसेना और बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए थे.  

Latest and Breaking News on NDTV

महाराष्ट्र के प्रमुख चुनावी मुद्दे क्या रहे 

महाराष्ट्र के इस चुनाव में की सबसे दिलचस्प हिस्सा रहा लोकलुभावन घोषणाएं. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एकनाथ शिंदे की सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं की घोषणाएं की. इनमें से ज्यादातर योजनाएं सीधे लोगों तक पैसा पहुंचाने की है. इसके जवाब में विपक्षी गठबंधन ने भी मिलती-जुलती योजनाओं का वादा किया है. इस चुनाव में सबसे अधिक चर्चा शिंदे सरकार की 'मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना' की हुई. यह योजना मध्य प्रदेश की 'लाडली बहना स्कीम' से प्रेरित है. इसे शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने शुरू किया था. वहां बीजेपी को जिताने में इस योजना का बड़ा हाथ बताया गया. 'मुख्यमंत्री- मेरी लाडली बहन योजना'में लाभार्थियों को 1500 रुपये दिए जाने हैं. महाराष्ट्र में अब तक दो करोड़ लाभार्थियों को इसकी तीन किस्तों का भुगतान किया गया है. महायुति ने ऐलान किया है कि अगर वो सत्ता में लौटी तो 1500 रुपये की रकम बढ़ा कर 2100 रुपये कर दी जाएगी.

इसके जवाब में महा विकास अघाड़ी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की 'महालक्ष्मी स्कीम' की तर्ज पर महाराष्ट्र की महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये देने और राज्य परिवहन निगम की बसों में बिना टिकट यात्रा की योजना पेश की. इसके अलावा एमवीए ने सरकार बनने की दशा में बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलने तक हर महीने 4000 रुपये देने का वादा किया है.

महाराष्ट्र में पिछले पांच साल में जाति की राजनीति ने सिर उठाया है. मराठा आरक्षण को लेकर शुरू हुए इस बदलाव ने  महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने पर गहरा असर डाला है. इसने महाराष्ट्र की सोशल इंजीनियरिंग में बदल दी है. मराठा समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है. उसकी मांग है कि उसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए. इसका ओबीसी के नेता विरोध कर रहे हैं. इसने महाराष्ट्र के ग्रामीण समाज में गहरा विभाजन पैदा कर दिया है. मराठा समुदाय की महाराष्ट्र की जनसंख्या में हिस्सेदारी 30 फीसदी से अधिक बताई जाती है. कांग्रेस और महायुति की ओर से इस समुदाय को आरक्षण देने की दो कोशिशों को अदालत नाकाम कर चुका है. इस चुनाव में यह मुद्दा बड़ा रोल निभा सकता है.

झारखंड में किसकी बनेगी सरकार

झारखंड में मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच है. महागठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अलावा कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं. वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में आल झारखंड यूनियन (आजसू) जेडीयू और चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी शामिल है. इस चुनाव में राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इंडिया गठबंधन और एनडीए के अलावा झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) पर भी लगी हुई है. जेएलकेएम ने लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में वोट अपने खाते में किए थे. लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी.जेएलकेएम 71 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. पार्टी के प्रमुख जयराम महतो खुद दो सीटों बोकारो के बेरमो और गिरडीह के डुमरी से चुनाव लड़ रहे हैं. 

झारखंड की 81 सदस्यों वाली विधानसभा में 2019 के चुनाव में जेएमएम को 30, कांग्रेस को 16, आरजेडी और सीपीआई (एमएल) को एक-एक सीटें मिली थीं. इस गठबंधन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाई थी. वहीं बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं. इस चुनाव में जेएमएम ने सबसे बढ़िया प्रदर्शन संथाल परगना और कोल्हान में किया था. इन दोनों इलाकों की 32 सीटों में से बीजेपी केवल तीन सीट ही जीत पाई थी. बीजेपी कोल्हान में अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी. ऐसे में इस चुनाव में लोगों का विशेष ध्यान राज्य की इन 32 सीटों पर लगा हुआ है. कोल्हान को जीतने के लिए बीजेपी ने इस बार काफी पसीना बहाया है. उसने कोल्हान जीतने के लिए जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन को अपने शामिल कराया है. वे कोल्हान टाइगर के नाम से जाने जाते हैं. 

झारखंड में इस चुनाव में कौन से मुद्दे छाए रहे

इस बार के चुनाव में घुसपैठ का मुद्दा अंत तक छाया रहा. बीजेपी ने संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से डेमोग्राफी चेंज को मुद्दा बनाकर महागठबंधन की सरकार घेरने की कोशिश की. वहीं जेएमएम के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने हेमंत की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कार्रवाई को मुद्दा बनाकर आदिवासी अस्मिता को मुद्दा बनाया. आदिवासियों के सरना धर्म कोड पर भी दोनों गठबंधनों ने जमकर राजनीति की. देश में महिला वोटर को लुभाने के लिए शुरू की गई पैसे देने की योजनाओं के क्रम में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार भी 'मइयां सम्मान योजना'लेकर आई. पहले इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को एक हजार रुपये दिए जाते थे. लेकिन हेमंत सोरेन सरकार ने इसे बढ़ाकर ढाई हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया है. इसके अलावा बीजेपी ने आरक्षण के नाम पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की. बीजेपी ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी आरक्षण में कांग्रेस मुसलमानों को शामिल करना चाह रही है.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'बंटेंगे तो कंटेंगे' का नारा दिया. इस नारे की गूंज महाराष्ट्र और झारखंड में सुनाई दी. हालांकि महाराष्ट्र में इसका बीजेपी नेता पंकजा मुंडे समेत अजित पवार और एकनाथ शिंदे की पार्टी ने विरोध किया. इसके बाद बीजेपी की ओर से 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा उछाला गया. इस नारे को किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही आगे किया. हालांकि इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ ने 'बंटेंगे तो कंटेंगे'का साथ नहीं छोड़ा.

रुपये जब्त करने का बना रिकॉर्ड
चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र में चुनावों में धन, मादक पदार्थों और अन्य प्रलोभनों से निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित करने वालों पर निगरानी रखी. 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव और उप-चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई थी. इसके बाद से चुनाव आयोग ने कुल 1139 करोड़ का रुपये जब्त किए. इनमें से 914.18 करोड़ रुपये झारखंड और महाराष्ट्र से जब्त किए गए. आयोग के मुताबिक दोनों राज्यों में यह जब्ती 2019 के चुनाव की तुलना में साढ़े सात गुना अधिक है.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/l5oZSUD

बाघिन पर ईंट-पत्थर लाठी-डंडों से भीड़ ने किया हमला, मादा शिकारी की फोड़ डाली आंख, वीडियो वायरल

Tiger Par Hamle Ka Viral Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक दिल दुखाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं. वायरल हो रहे इस वीडियो में एक मादा टाइगर को बहुत बुरी तरह घायल अवस्था में देखा जा सकता है. बताया जा रहा है कि यह घटना असम के जंगलों की है, जहां मादा टाइगर के जंगल में दिखने पर कुछ लोगों ने उस पर पत्थरों से हमला करते हुए उसे बुरी तरह घायल कर दिया. देखा जा सकता है कि, लोगों की इस हरकत के चलते मादा टाइगर ने अपनी एक आंख भी खो दी है. अब इस वीडियो के सामने आने के बाद यूजर्स जानलेवा हमला करने वालों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

हमले में मादा टाइगर ने गंवाई अपनी आंख

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पत्थरों से लगातार किए गए हमले के कारण मादा टाइगर की एक आंख पूरी तरह से खराब हो गई है. वह घायल और बेबस हालत में दिखाई दे रही है. इस अमानवीय कृत्य ने इंटरनेट यूजर्स को गहरी चोट पहुंचाई है. हैरान कर देने वाला यह पहला वीडियो असम के कालिबोर जिले का बताया जा रहा है, जिसमें लोगों के झुंड को टाइगर पर हमला करते देखा जा सकता है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, लोग खेत में मादा टाइगर को लाठी-डंडे, ईंट, पत्थर और धारदार हथियार के साथ खदेड़ रहे हैं.

यहां देखें पोस्ट

वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें

वीडियो वायरल, कठोर कार्रवाई की मांग

सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होते ही लोग आक्रोशित हो गए. यूजर्स ने न केवल इस घटना की कड़ी निंदा की, बल्कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है. एक यूजर ने लिखा, "क्या इंसानियत इतनी गिर चुकी है कि जंगल के राजा पर इस तरह का हमला किया जा रहा है?" वहीं, दूसरे ने कहा, "ऐसे लोगों को सजा देना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों." बताया जा रहा है कि, बाघिन काजीरंगा आउटस्कर्ट (कलियाबोर) क्षेत्र से भटककर पास की मानव बस्तियों में पहुंच गई थी.

वन विभाग और प्रशासन पर उठे सवाल

इस घटना ने वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि, जंगल के जीवों की सुरक्षा करना अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए. ऐसी घटनाओं से न केवल वन्यजीवों पर संकट बढ़ता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान होता है. यही नहीं बताया जा रहा है कि मादा टाइगर की हालत रेस्क्यू के दौरान भी गंभीर थी. बड़ी ही मुश्किल से वन विभाग की टीम ने उसे रेस्क्यू कर उसकी जान बचाई है.

ये भी देखें:- ब्लाउज और जींस पहन मेट्रो स्टेशन में घुसा लड़का



from NDTV India - Zara hatke https://ift.tt/J9bIpzS

Thursday, 21 November 2024

10 साल... 14 भाषण... 19 सम्मान... PM मोदी ने रच दिया नया इतिहास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को 10 सालों में 19 देशों ने सम्‍मानित किया है. साथ ही इस दौरान उन्‍होंने 14 बार विदेशी संसद को संबोधित भी किया है. पीएम मोदी को जिन देशों ने सम्‍मानित किया है, उनमें मुस्लिम वर्ल्‍ड के देश भी शामिल हैं. बीजेपी का कहना है कि यह कूटनीतिक लिहाज से बड़ी बात है. भारत को अमेरिका भी सम्‍मानित करता है और रूस भी, भारत की बात गयाना भी सुनता है और अफगानिस्‍तान भी, इजरायल भी और फिलिस्‍तीन भी. तो क्‍या यह मान लिया जाए कि भारत ने एक नए युग की शुरुआत कर दी है, जिसमें गुटनिरपेक्ष होने की जगह सबके साथ होना ज्‍यादा अहम है और पीएम मोदी इसमें कामयाब हैं. 

गयाना से मिले सर्वोच्‍च सम्‍मान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्‍मान बताया. जाहिर है कि सम्‍मान पूरे देश का है. इस बात की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्‍योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक दुनिया के 19 देशों की तरफ से सम्‍मानित किए जा चुके हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

इन देशों ने किया PM मोदी का सम्‍मान 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अप्रैल 2016 में सऊदी अरब के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान किंग अब्‍दुल अजीज सैश से, अफगानिस्‍तान के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान अमीर अमानुल्‍लाह खान पुरस्‍कार से, वर्ष 2018 में फिलिस्‍तीन के ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्‍टेट ऑफ फिलिस्‍तीन पुरस्‍कार से, वर्ष 2019 में संयुक्‍त अरब अमीरात के आर्डर ऑफ जायद पुरस्‍कार से, 2019 में रूस के द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्‍टल सम्‍मान से, मालदीव के निशान इज्‍जुद्दीन सम्‍मान से, बहरीन के द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां अवॉर्ड से और अमेरिका के यूनाइटेड स्‍टेट आर्म्‍ड फोर्सेस अवार्ड लीजन ऑफ मेरिट से सम्‍मानित किया गया.

Latest and Breaking News on NDTV

इसके साथ ही पीएम मोदी को 2021 में भूटान के सर्वोच्‍च पुरस्‍कार ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्‍यालपो से, 2023 में पलाऊ के एबाक्‍ल अवॉर्ड से, फिजी के कम्‍पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी पुरस्‍कार से, पापुआ न्‍यू गिनी के ग्रैंड कम्‍पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू  से, मिस्र के ऑर्डर ऑफ नाइल सम्‍मान से 2023 में फ्रांस के सर्वोच्‍च पुरस्‍कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से, 25 अगस्‍त 2023 को ग्रीस के द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से, पिछले दिनों डोमिनिका के डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर से, नाइजीरिया के द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर से, बारबाडोस के ऑनररी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस अवॉर्ड से और गयाना के ऑर्डर ऑफ एक्‍सीलेंस पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया. 

मुस्लिम देशों में भी PM मोदी का सम्‍मान 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम वर्ल्‍ड से भी सम्‍मान मिला है. दुनिया के मुस्लिम देशों की तरफ से भी सर्वोच्‍च सम्‍मान दिया गया. बीजेपी का कहना है कि यह एक नए युग क शुरुआत है. पहले भारत किसी के साथ नहीं था, लेकिन अब सबके साथ है. 

भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "इसमें चार मुस्लिम देश भी हैं, जो लोग बहुत नारा गाते हैं फिलिस्‍तीन का. फिलिस्‍तीन ने भी अपना सर्वोच्‍च सम्‍मान प्रधानमंत्री मोदी को दिया है, अर्थात आप तो फिलिस्‍तीन की जय बोलते हैं और फिलिस्‍तीन वालों ने मोदी जी का अभिनंदन किया है, मुझे लगता है कि इस समय कूटनीति दक्षता और कूटनीतिक सामंजस्‍य के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नए युग का सूत्रपात किया है. यानी हम पहले किसी के साथ नहीं थे, लेकिन आज सबके साथ हैं." 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्‍मान दुनिया के अलग-अलग देशों में किया गया. भारत के पड़ोस से लेकर दुनिया के अलग-अलग कोनों तक हर जगह पीएम ने देश का मान बढ़ाते हुए कहा कि यह सम्‍मान 140 करोड़ हिंदुस्‍तानियों का है. 

14 बार इन देशों की संसद को किया संबोधित 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 बार विदेशी संसद में वहां के सांसदों को संबोधित किया. अमेरिका में पीएम मोदी ने दो बार विदेश संसद को संबोधित किया है. इसके साथ ही ऑस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन, फिजी, मॉरिशस, युगांडा, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मंगोलिया, अफगानिस्‍तान और मालदीव की  संसद को भी पीएम मोदी ने संबोधित किया है. 

Latest and Breaking News on NDTV

पीएम मोदी के नाम विदेशी संसदों को सबसे अधिक बार संबोधित करने वाले पीएम का रिकॉर्ड भी दर्ज है. पीएम मोदी 14 बार विदेश में किसी संसद को संबोधित कर चुके हैं. उनके बाद इस लिस्‍ट में सात देशों के साथ मनमोहन सिंह का नाम दर्ज है. इसी तरह से इंदिरा गांधी चार बार, जवाहरलाल नेहरू तीन बार, राजीव गांधी दो बार, अटल बिहारी वाजपेयी दो बार, नरसिम्‍हा राव एक बार और मोरारजी देसाई एक बार विदेश संसद में भाषण दे  चुके हैं. 

देखा जाए तो पिछले 10 वर्षो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एशिया से लेकर अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्‍ट्रेलिया तक कई देशों की संसद में भारत का मान बढ़ाया है. 

भाजपा प्रवक्‍ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत कूटनीतिक दक्षता के जिस ऊंचे मुकाम पर पहुंचा है. बढ़ रहे हैं हम प्रगति ओर उस रफ्तार से, कर रहा है विश्‍व भी हमको नमन उस पार से."



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/zaWTOAy

महाराष्ट्र के दो और एग्जिट पोल के आए आंकड़े, जानिए किसकी बन सकती है सरकार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग खत्म होने के एक दिन बाद बुधवार को कई एग्जिट पोल सामने आए और ज्यातर एग्जिट पोल्स में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी वाले गठबंधन 'महायुति' की बड़ी जीत का अनुमान जताया है. वहीं, बृहस्पतिवार को दो नए एग्जिट पोल में भी NDA की जीत को लेकर बड़ा दावा किया गया है. बहुमत का आंकड़ा 145 है. 

एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के अनुसार महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से महायुति गठबंधन को 178-200 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) वाले गठबंधन महाविकास अघाड़ी को 82-102 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है.

टुडेज चाणक्य के एक अन्य एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए को 175 सीटें और एमवीए को 100 सीटें दी गई हैं, जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट शामिल हैं.

एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने एनडीए को कोंकण में 24, मराठवाड़ा में 30, मुंबई में 22, उत्तर महाराष्ट्र में 38, विदर्भ में 39 और पश्चिम महाराष्ट्र में 36 सीटें दी हैं.

महाराष्ट्र में मुकाबला सत्ताधारी महायुति और विपक्षी एमवीए गठबंधन के बीच है. महायुति गठबंधन में भाजपा ने 149 सीटों पर, शिवसेना (शिंदे) 81 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं. जबकि, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में कांग्रेस 101, शिवसेना (यूबीटी) 95 और एनसीपी (एसपी) 86 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
 



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/5ErHDPB

Wednesday, 20 November 2024

महाराष्ट्र-झारखंड : कहां किसकी होगी सरकार? जानिए, सभी एग्जिट पोल के आंकड़े

महाराष्ट्र और झारखंड में बुधवार को विधानसभा चुनाव की वोटिंग संपन्न हो गई. साथ ही उत्तर प्रदेश में भी नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान हुआ. इन चुनावों में अलग-अलग दलों के नेता अपनी-अपनी पार्टी की जीत के दावे कर रहे हैं. महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है. हालांकि 'एक्सिस माई इंडिया' के सर्वेक्षण में झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन की सरकार की वापसी का अनुमान जताया गया है. उसका आकलन है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन को 81 में से 53 सीट , जबकि भाजपा नीत राजग को 25 सीट मिल सकती हैं.

Latest and Breaking News on NDTV
Latest and Breaking News on NDTV
Latest and Breaking News on NDTV


from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/mMl97uJ

Tuesday, 19 November 2024

पेरिस-दिल्ली प्लेन जयपुर डायवर्ट, पायलट बोले- पूरी हुई ड्यूटी; बस से भेजे गए यात्री

पेरिस से नई दिल्ली आने वाली एयर इंडिया (Air India) की एक फ्लाइट को सोमवार को जयपुर डायवर्ट कर दिया गया. इसके बाद पायलट ने ये कहते हुए वहां से विमान उड़ाने से इनकार कर दिया कि उसके ड्यूटी का समय पूरा हो गया है. इससे वहां यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. वो घंटों एयरपोर्ट पर फंसे रहे, फिर उन्हें बस से जयपुर से दिल्ली भेज दिया गया.

एयर इंडिया की ओर से इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सूत्रों का कहना है कि एयरलाइन ने कोई वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था नहीं की और यात्रियों को बस से दिल्ली भेज दिया.

रविवार रात 10 बजे पेरिस से उड़ान भरने वाला एआई-2022 सोमवार सुबह 10.35 बजे दिल्ली पहुंचने वाला था. सूत्रों ने बताया कि राजधानी दिल्ली में धुंध की वजह से सोमवार सुबह विमान को जयपुर की ओर मोड़ दिया गया.

Latest and Breaking News on NDTV

जयपुर हवाई अड्डे पर जब विमान दिल्ली के लिए यात्रा फिर से शुरू करने को लेकर मंजूरी का इंतजार कर रहा था, तब पायलटों ने ड्यूटी के घंटे पूरे होने का हवाला देते हुए फ्लाइट उड़ाने से इनकार कर दिया.

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा बनाए गए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) नियमों में कहा गया है कि विमान चालक दल को पर्याप्त आराम मिले, ताकि थकान की वजह से होने वाली सुरक्षा संबंधी किसी भी समस्या को रोका जा सके.

एयपोर्ट पर फंसे हुए यात्रियों ने दिल्ली के लिए वैकल्पिक उड़ान की मांग की और एयरलाइन के खराब प्रबंधन को लेकर नाराजगी जाहिर की.

एक एक्स यूजर विशाल पी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "@airindia का शर्मनाक और दयनीय प्रबंधन, CDG-DEL उड़ान #AI2022 को जयपुर की ओर मोड़ दिया गया. जयपुर में फंसे यात्रियों ने विमान के अंदर 5 घंटे बिताए इसके बाद उन्हें जयपुर से दिल्ली बस से जाने के लिए कहा गया. मेरे साथ मेरी पत्नी और दो महीने का बच्चा भी है. मैं असहाय महसूस कर रहा हूं."

एक अन्य यूजर, गिरिधर उपाध्याय ने एक्स पर लिखा: "@एयरइंडिया दोपहर 12 बजे से जयपुर में फंसे पेरिस से बेंगलुरु जाने वाले यात्रियों की मदद नहीं कर रहा है. वहां एक मां 2 महीने के बच्चे के साथ है और वे सहायता करने को तैयार नहीं हैं. ये बहुत ही अमानवीय है."

सूत्रों ने बताया कि बढ़ते विरोध के बीच यात्रियों को बस से दिल्ली भेज दिया गया.

एक सूत्र ने कहा, "वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करने में यात्रियों को बस से दिल्ली भेजने की तुलना में अधिक समय लगता."



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/RxmKrjQ

बदतर होती जा रही दिल्ली की हवा, औसत AQI 494, आर्टिफिशियल बारिश कराने की गुजारिश

दिल्ली की हवा हर दिन खतरनाक लेवल पर बनी हुई है. वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से मंगलवार रात 9 बजे दिल्ली के वजीरपुर में AQI 494 तक पहुंच गया. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक आनंद विहार, नरेला, जहांगीरपुरी और रोहिणी समेत बाकी इलाकों का AQI भी 400 पार पहुंच चुका है. वहीं, दिल्ली का औसत AQI 494 दर्ज किया गया है. ये इस सीजन में सबसे खराब AQI है. इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को चिट्‌ठी लिखकर आर्टिफिशियल बारिश करवाने की गुजारिश की है.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण बेहद गंभीर कैटेगरी में है. इससे निपटने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराने की जरूरत है. राय ने इस स्थिति को मेडिकल इमरजेंसी बताया है. सोमवार को दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की गंभीरता देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंध लागू किए गए हैं.

NDTV इन्फो स्टोरीः जरा दिल्ली का AQI देखिए, सांसें थम जाएंगी

दिल्ली में कहां कितना AQI?
एयर क्वालिटी इंडेक्स का रियल टाइम रीडिंग देने वाली साइट aqicn.org की के मुताबिक, मंगलवार रात 9 बजे दिल्ली के वजीरपुर का AQI 494 रिकॉर्ड हुआ. अशोक विहार का AQI 488, बवाना का 430, करणी सिंह रेंज का 480, द्वारका का 472, जहांगीरपुरी का 466, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम का 476, मुंडका का 400, नजफगढ़ का 490 रिकॉर्ड हुआ. नेहरू नगर का AQI 488, रोहिणी का 476, मंदिर मार्ग का 490, ओखला का 489 रिकॉर्ड हुआ. 

Add image caption here

देखिए बाकी शहरों का AQI.

NCR की हवा भी हुई खराब
CBCB ने शहर के 40 निगरानी केंद्रों में से 37 के आंकड़ों को शेयर किया. इसके मुताबिक 3 केंद्रों बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी में एयर क्वालिटी ‘गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई. दिल्ली से सटे शहरों ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा में भी एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब' और फरीदाबाद, गुरुग्राम में ‘खराब' दर्ज की गई है.

Exclusive: दिल्‍लीवासियों को कब मिलेगी प्रदूषण से राहत, मौसम विभाग के साइंटिस्ट ने कही ये बात

घने कोहरे ने बढ़ाई परेशानी
प्रदूषण के बीच दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का असर भी बढ़ता जा रहा है. मौसम विभाग (IMD) ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और बिहार में एक-दो दिन घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है. दिल्ली में घने कोहरे की वजह से सुबह और रात को विजिबिलिटी काफी कम हो जा रही है. हालांकि, देश में सबसे कम विजिबिलिटी (जीरो मीटर) आगरा में दर्ज की गई. मौसम विभाग के मुताबिक, यहां आने वाले कुछ दिनों में कोहरा बना रहेगा.

Latest and Breaking News on NDTV

पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने के बढ़ रहे मामले
15 सितंबर से 18 नवंबर तक हरियाणा में मात्र 1118 मामले पराली जलाने के मिले हैं. वहीं, पंजाब में 9600 मामले सामने आए हैं. यानी पंजाब में 8 गुना से भी अधिक पराली जलाने के केस सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार सोमवार को मुक्तसर जिले में पराली जलाने की 247 घटनाएं दर्ज की गईं, जो राज्य में सबसे अधिक है, इसके बाद मोगा (149), फिरोजपुर (130), बठिंडा (129), फाजिल्का (94) और फरीदकोट (88) का स्थान है. आंकड़ों के अनुसार, 2022 और 2023 में इसी दिन राज्य में पराली जलाने के क्रमशः 701 और 637 मामले दर्ज किए गए. पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज आंकड़ों की तुलना में लगभग 71 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. 

Explainer: जब 494 था दिल्ली का AQI, तो इंटरनेशनल एजेंसी ने 1600 क्यों बताया? जानिए क्यों आया ये फर्क

हरियाणा में स्कूलों में छुट्टी, WFH के निर्देश
हरियाणा में प्रदूषण से बिगड़ते हालातों के बीच सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 12वीं तक छुट्‌टी कर दी गई है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, पानीपत और सोनीपत में स्कूल बंद हैं. गुरुग्राम और फरीदाबाद में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रशासन ने प्राइवेट संस्थानों और कॉर्पोरेट ऑफिस से वर्क फ्रॉम होम की अपील की है.

DU और जामिया ने शुरू किए ऑनलाइन क्लासेस
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI), दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने अपने छात्रों और कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट होने का फैसला लिया है. क्लासेस ऑनलाइन चल रही हैं. स्टाफ वर्क फ्रॉम हो कर सकते हैं.

दिल्ली-NCR में दम घोंटू धुंध का कहर, गायब हुए झुग्गी-झोपड़ी से लेकर करोड़ों के फ्लैट, लोग बोले- प्रदूषण ने मिटा दी अमीर-गरीब की दूरी



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/ZrvPd3F

लोगों से खचाखच भरी ट्रेन में कोबरा लेकर चढ़ा शख्स, जनरल बोगी के इस वायरल वीडियो पर आए ताबड़तोड़ व्यूज

Train Me Cobra Laane Ka Viral Video: सोचिए क्या हो जब आप ट्रेन में सफर कर रहे हों और तभी कोई फन फैलाए कोबरा सांप को आपके पास ले आए, तो यकीनन डर के मारे आपकी भी चीखें निकल जाएंगी. हाल ही में ऐसा ही एक नजारा सोशल मीडिया पर लोगों के होश उड़ा रहा है, जिसमें एक शख्स कोबरा (सांप) के साथ ट्रेन में मंडराता नजर आ रहा है. इस दौरान शख्स के गले और हाथ में लिपटे सांप को देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं. 

यहां देखें वीडियो

भारतीय रेल में सांप देखकर डरा शख्स

इस वायरल वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि, यह उत्तर भारत की किसी ट्रेन के जनरल डिब्बे का है, जिसमें शख्स एक सांप को गले में लटकाकर और दूसरे को हाथ में लेकर ट्रेन में सभी के बगल से गुजरते हुए पैसे मांगते नजर आ रहा है. इस वीडियो को केरल के ट्रेवल इंफ्लुएंसर असविन ने अपने अकाउंट से शेयर किया है. अपने इस वीडियो में इंफ्लुएंसर ने बताया कि, 'मैं सोने ही वाला था, जब एक आदमी ने मुझ पर कोबरा फेंक दिया था. मैं सचमुच बुरी तरह डर गया था. मैंने जनरल डिब्बे में यात्रा के डरावने अनुभव के बारे में सुना है, लेकिन मुझे ऐसी किसी चीज की उम्मीद नहीं थी.'

जनरल बोगी का डरा देने वाला वीडियो

इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को @_travel_with_bon नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'इंडियन रेलवे की जनरल कोच की अवस्था.' इस वीडियो पर अब तक 10 लाख व्यूज आ चुके हैं, जबकि 50 हजार से अधिक लोगों ने वीडियो को लाइक किया है. वीडियो देख चुके एक यूजर ने लिखा, 'जनरल और स्लीपर डिब्बों में अक्सर ऐसे जोखिम की संभावना होती है. 3 एसी कोच अब तक ऐसी चीजों से बचा हुआ है.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'ट्रेन के अंदर ये क्या हो रहा है.'

ये भी देखें:- रील के चक्कर में बची बुजुर्ग की जान



from NDTV India - Zara hatke https://ift.tt/eWbyTPo