Saturday, 31 August 2024

ब्रिटेन की जगह भारत को मिलनी चाहिए सीट : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर बोले सिंगापुर के पूर्व राजनयिक

सिंगापुर के पूर्व राजनयिक प्रोफेसर किशोर महबुबानी ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता दिए जाने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की जरूरत है. साथ ही भारत को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय के स्थायी सदस्य के रूप में अपना उचित स्थान मिलना चाहिए.

एनडीटीवी की सोनिया सिंह को दिए एक विशेष इंटरव्यू में महबुबानी ने संयुक्त राष्ट्र में बहुत जरूरी सुधारों के बारे में बात की और कहा कि उनका मानना ​​है कि यूनाइटेड किंगडम को भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपनी स्थायी सीट छोड़ देनी चाहिए.

प्रोफेसर किशोर महबुबानी ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत आज संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश है और ग्रेट ब्रिटेन अब 'महान' नहीं है."

ब्रिटेन को छोड़ देनी चाहिए अपनी सीट - पूर्व राजनयिक

प्रोफेसर किशोर महबुबानी ने तर्क दिया कि ब्रिटेन को अपनी सीट क्यों छोड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने प्रतिक्रिया के डर से दशकों से अपनी वीटो पावर का उपयोग नहीं किया है. उन्होंने कहा, "इसलिए ब्रिटेन के लिए तार्किक बात ये है कि वो अपनी सीट भारत के लिए छोड़ दे."

संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर बोलते हुए सिंगापुर के पूर्व राजनयिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संस्थापकों ने ये सुनिश्चित किया कि संगठन को कार्यान्वित करने के लिए उस समय की सभी महान शक्तियों के इसमें निहित स्वार्थ हों.

पूर्व राजनयिक ने कहा, "20वीं सदी की शुरुआत में राष्ट्र संघ के पतन से (संयुक्त राष्ट्र के संस्थापकों) ने जो सबक सीखा, वो ये है कि यदि कोई महान शक्ति चली जाती है, तो संगठन ध्वस्त हो जाता है."

महबुबानी ने कहा, "लेकिन उनका ये भी मानना ​​था कि आपके पास आज की महान शक्तियां होनी चाहिए, कल की महान शक्तियां नहीं. दुर्भाग्य से, उन्होंने सीटें बदलने के लिए कोई तंत्र नहीं बनाया."

उन्होंने कहा, "यूके द्वारा अपनी सीट छोड़ने का एक और कारण ये भी है कि इससे उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी मिलेगी."



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Friday, 30 August 2024

पाकिस्तान में होने वाले एससीओ सम्मेलन में शिरकत करेंगे पीएम मोदी? विदेश मंत्रालय का जवाब

SCO conference : भारत ने शुक्रवार को पुष्टि की है कि उसे अक्टूबर में इस्लामाबाद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान से निमंत्रण मिला है. पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यहां प्रेस वार्ता के दौरान एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हां, हमें एससीओ के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन के लिए पाकिस्तान से निमंत्रण मिला है. हमारे पास इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं है.''

पाकिस्तान ने क्या कहा?

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पाकिस्तान अक्टूबर में सम्मेलन की मेजबानी करेगा. वहीं विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने पाकिस्तान में अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘15-16 अक्टूबर को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए देशों के शीर्ष नेतृत्वों को निमंत्रण भेजे गए हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निमंत्रण भेजा गया है.'' उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने बैठक में भाग लेने की पुष्टि पहले ही कर दी है, उनके नाम साझा किये जाएंगे. एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने एक शिखर सम्मेलन में की थी.

क्या जाएंगे पीएम मोदी?

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हालांकि, सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शिरकत करेंगे? विदेश मंत्रायल की ओर से अभी इस पर साफ तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है. हालांकि, पाकिस्तान के साथ रिश्तों को देखते हुए इसकी उम्मीद बेहद कम ही है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में शिरकत लेने जाएंगे. साथ ही अभी तक ये भी नहीं पता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी को पाकिस्तान आने का न्योता खुद से दिया है या नहीं.

ये भी एक बड़ा कारण

धारा 370 हटने के बाद से पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह के संबंध एकतरफा तौर पर तोड़ लिए थे. साथ ही कश्मीर को लेकर भी पाकिस्तान की तरफ से अभी भी हरकतें बंद नहीं की गईं हैं. दोनों देशों के बीच फिलहाल कूटनीतिक तौर पर भी कोई वार्ता सार्वजनिक रूप से नहीं हो रही. इसके चलते भी पीएम मोदी के पाकिस्तान जाने की संभावना कम ही है. हालांकि, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही तय करेंगे कि वो इस बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं.



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इतना पागलपन! ऑडी से छू गई कार तो शख्स ने कैब ड्राइवर को उठाकर पटका, दिल दहला देगा मुंबई का ये VIDEO

मुंबई (Mumbai) में एक कैब चालक की गाड़ी और अपनी कार के बीच थोड़ी टक्कर लग जाने पर कहासुनी के बाद एक दंपति ने उसके साथ कथित रूप से मारपीट की जिसके उपरांत उन दोनों पति-पत्नी पर मामला दर्ज किया गया. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कथित रूप से नजर आ रहा है कि एक व्यक्ति 24 वर्षीय कैब चालक को धक्के मार रहा है जिससे वह (चालक) गिर जाता है और उसके सिर में चोट लग जाती है.

पार्कसाइट थाने के इन अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह घटना 18 अगस्त की रात करीब 11बजकर 20 मिनट पर हुई जब ओला कैब चालक कयामुद्दीन अंसारी एक यात्री को लेकर नवी मुंबई के उल्वे की ओर जा रहा था. उसने बुधवार को मारपीट की शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता के अनुसार, वह असल्फा मेट्रो रेल स्टेशन से जा रहा था, तभी एक ऑडी कार ने पीछे से उसकी कार को टक्कर मार दी.''

उन्होंने शिकायत के हवाले से कहा, ‘‘ जब अंसारी यह देखने के लिए नीचे उतरा कि उसकी गाड़ी को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है, तो ऑडी कार में सवार दंपति-- ऋषभ चक्रवर्ती (35) और उनकी पत्नी अंतरा घोष (27) नीचे उतरे और उसे गालियां देने लगे. घोष ने कथित तौर पर अंसारी की गाड़ी से ओला कैब ‘डिवाइस' भी खींच ली और फिर दोनों मौके से चले गया.''

अधिकारी ने बताया कि अंसारी ने ऑडी (कार) का पीछा किया और घाटकोपर में एक मॉल के सामने एक इमारत के प्रवेश द्वार पर उसकी गाड़ी लग्जरी कार से टकरा गयी, जिसके बाद चक्रवर्ती ने उसे थप्पड़ मार दिया.

उन्होंने कहा,‘‘चक्रवर्ती ने अंसारी को उठाकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उसके सिर में चोट लग गई. अंसारी को पहले घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया और फिर सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसका बयान दर्ज कर लिया गया है. इमारत के प्रवेश द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उस पर हुआ हमला रिकार्ड हो गया है.''अधिकारी ने बताया, ‘‘अंसारी की शिकायत के आधार पर चक्रवर्ती और घोष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्हें अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है. दोनों पक्षों के दावों और प्रतिदावों की जांच की जा रही है.''

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Thursday, 29 August 2024

हरियाणा में हैट्रिक की रणनीति : BJP कैसे कर रही टिकट बंटवारा, उम्मीदवारों के लिए क्या हैं टर्म्स एंड कंडीशन

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में किसे बीजेपी का टिकट मिलेगा और किसका टिकट कटेगा इसे लेकर राजधानी दिल्ली में आज बीजेपी की बैठक हुई. बीजेपी की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगी. जानकारी के अनुसार 55 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं. लोकसभा चुनाव हार चुके अरविंद शर्मा को टिकट मिलने की संभावना है. करनाल से अरविंद शर्मा चुनाव लड़ सकते हैं. राव इंद्रजीत की बेटी अटेली से चुनाव लड़ सकती हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडवा से चुनाव लड़ सकते हैं. बची हुई 35 सीटों पर हरियाणा कोर कमेटी में फिर से चर्चा होगी. 

गुरुवार को दिन में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के घर हरियाणा बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक भी हुई थी. जिसमें संभावित उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हुआ है. बीजेपी उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची कल जारी कर सकती है. हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होना है, जबकि नतीजे चार अक्टूबर को घोषित होंगे. बीजेपी हरियाणा में हैट्रिक लगाने की रणनीति पर काम कर रही है. 

टिकट के लिए बीजेपी की क्या है रणनीति? 
बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टिकट बंटवारे के लिए कुछ खास मापदंड तैयार किए गए हैं. पार्टी इस चुनाव में  जातिगत समीकरणों का ध्यान रखकर ही टिकट देगी. जीतने की क्षमता और लोकप्रियता भी पैमाना बनाया जाएगा.  नेताओं के बच्चों को टिकट देने से भी परहेज पार्टी नहीं करेगी. एंटी इंकबेंसी की काट के लिए टिकटों पर कैंची भी चलायी जाएगी. अटकले हैं कि 30 प्रतिशत विधायकों के टिकट भी कट सकते हैं. कई मंत्रियों को भी बेटिकट होने पड़ सकता है.  अभी 41 MLA यानी 10-15 के टिकट पर तलवार लटक सकती है. 

कांग्रेस के जाट कार्ड को टक्कर देने की बीजेपी की है तैयारी
कांग्रेस के जाट कार्ड का मुकाबला करने की रणनीति की बीजेपी ने बनायी है. 36 बिरादरियों को जोड़ने की रणनीति पर काम बीजेपी कर रही है. पंजाबी-गुर्जर, OBC,यादव को पाले में लाने की कोशिश में है.  स्थानीय मुद्दों को बीजेपी प्रमुखता देने की तैयारी मे है. कामों के प्रचार पर भी बीजेपी ध्यान दे रही है.

नेताओं के बेटे बेटियों को भी मिल सकता है टिकट
बीजेपी चुनाव जीतने की क्षमता रखने वाले नेताओं के बेटे बेटियों के भी टिकट देने की तैयारी में है.   किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट की संभावना है.  राव इंद्रजीत सिंह सिंह की बेटी आरती को भी टिकट मिलने की संभावना है. कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई टिकट के दावेदार हैं. लोकसभा चुनाव हारे कुछ पूर्व सांसदों को भी टिकट मिलने की संभावना है. दूसरे दलों से आए नेताओं को भी टिकट मिल सकता है. कई खिलाड़ियों को भी उम्मीदवारों की सूची में जगह संभव. 

महत्वपूर्ण सीटों पर बीजेपी से इन उम्मीदवारों को मिल सकता है मौका
एनडीटीवी के पास विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कुछ उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं जिनकी टिकट लगभग पक्की मानी जा रही है. 

गुरुग्राम:  गुरुग्राम सीट से बीजेपी से तीन दावेदार हैं. यहां से नवीन गोयल, गार्गी कक्कड़ और जीएल शर्मा का नाम चल रहा है.  इसके अलावा भी 2 उम्मीदवार हैं. यहां से गार्गी कक्कड़ और जीएल शर्मा प्रमुख दावेदार हैं. 

बादशाहपुर: बादशाहपुर सीट से राव नरबीर सिंह (पूर्व मंत्री), जवाहर यादव और मनीष यादव की दावेदारी है. यहां से राव नरबीर सिंह मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं जवाहर यादव और मनीष यादव की दावेदारी भी देखने को मिल रही है. 

पटौदी: पटौदी की सीट पर भी मुख्य रूप से तीन उम्मीदवारों की दावेदारी देखने को मिल रही है. सत्य प्रकाश जरवाता (MLA), सुनीता दुग्गल (पूर्व सांसद), बिमला चौधरी (पूर्व MLA) टिकट की दौर में शामिल है. 

सोहना : सोहना सीट से भी मुख्य रूप से तीन उम्मीदवारों की दावेदारी देखने को मिल रही है. संजय सिंह (मंत्री), कल्याण सिंह (पूर्व जिला परिषद चेयरमैन), अशोक जौनपुरिया की दावेदारी देखने को मिल रही है. इस सीट से ये तीनों ही दावेदार बेहद मजबूत हैं. 

एनआईटी विधानसभा : एनआईटी विधानसभा सीट से नागेन्द्र भड़ाना, नीरा तोमर, यशवीर डागर दावेदार बताए जा रहे हैं. यहां बीजेपी जातिगत समीकरण को साधने का प्रयास कर सकती है.  हालांकि तीनों ही उम्मीदवार बेहद मजबूत माने जा रहे हैं. 

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Wednesday, 28 August 2024

मॉलीवुड की 'डर्टी पिक्टर' : चमकीली दुनिया के पीछे की कालिख को सामने लाने वाली रिपोर्ट की कहानी

आजादी के 75 साल के बाद भी हमारे देश की आधी आबादी आजादी का इंतजार कर रही है. आजादी घिनौनी सोच से, आजादी महिलाओं को सजावटी वस्तु के तौर पर देखने से, आजादी पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को केवल एक मनोरंजन के साधन के तौर पर समझने से, बीते कुछ हफ्तों से देशभर से ऐसी ही खबरें आ रही हैं. तभी हम ये कहने पर मजबूर हुए हैं कि अपने देश में न महिला डॉक्टर सुरक्षित हैं, न स्कूल-कॉलेज जाने वालीं बच्चियां, न ऊंची उड़ान भरने वाली एयर होस्टेस और न ही फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री. कई बार तो लगता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को जैसे कोई डर है ही नहीं, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कानून का जलाल खत्म हो चुका है?

ये बात भारत के किसी एक इलाके तक सीमित नहीं है. उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक महिलाओं के अधिकारों को छीनना जैसे बहुत आसान हो गया है.

केरल में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री यानी मॉलीवुड को लेकर जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद से वहां हंगामा मचा हुआ है. महिलाओं के साथ यौन शोषण की शिकायतों के मामले में एक के बाद एक कई बड़े चेहरों से नकाब उतर रहे हैं. बड़े-बड़े अभिनेताओं और फिल्मकारों के खिलाफ यौन शोषण और दुर्व्यवहार की शिकायतों को लेकर कई महिला कलाकार सामने आ गई हैं. कुछ वैसा ही माहौल है जैसा MeToo अभियान के दौरान दिखा था.

केरल की गिनती देश के सबसे शिक्षित राज्यों में होती है, लेकिन मॉलीवुड यानी केरल फिल्म उद्योग में काम करने वाली महिलाओं और अभिनेत्रियों की स्थिति पर आई एक ताजा रिपोर्ट ने वहां का समाज, खासकर फिल्मों में काम करने वाले लोग कितने पिछड़े हैं, कितने अनपढ़ हैं, ये उजागर करके रख दिया है.

हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने कई दिग्गज अभिनेताओं को अर्श से फर्श पर ला दिया

समाज को नैतिकता का पाठ पढ़ाने में मलयाली फिल्में बहुत आगे रही हैं, लेकिन जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट बताती है कि ये नैतिकता दिखावे की है. मलयालम फिल्म उद्योग में महिला कलाकार, चाहे वो बड़ी आर्टिस्ट हों या छोटी, उनके साथ बड़े-बड़े और जाने-माने लोग ऐसा व्यव्हार करते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट जैसे ही सामने आई है, मलयालम फिल्मों के ऐसे-ऐसे चेहरे बेनकाब होते दिख रहे हैं, जिन्हें लोग पूजने लग गए थे. दक्षिण भारत में फिल्मी कलाकारों को लेकर जनता में जुनून वैसे भी कम नहीं होता. कलाकारों के मंदिर बनना, फैन क्लब बनना, रिलीज के दिन तड़के से ही टिकट खिड़की पर भीड़ का उमड़ना, साउथ के लिए आम बात है. ऐसे में हेमा कमेटी के आरोप, अब ऐसे कई दिग्गज अभिनेताओं को अर्श से फर्श पर लाते दिख रहे हैं.

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सिर्फ दक्षिण भारतीय भाषाओं के अख़बार ही नहीं, देश में लगभग हर भाषा के अख़बारों में ये ख़बर सुर्ख़ियों में है. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री यौन शोषण के आरोपों से दहली हुई है. मलयालम फिल्म उद्योग की बड़ी-बड़ी हस्तियां जैसे रंजीत, सिद्दीक़ी, बाबूराज और साजन बाबू जैसे नामों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

बीते तीन दिन में ही यौन शोषण और रेप से जुड़े 18 केस अब तक दर्ज हो चुके हैं. जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सोमवार को सबसे पहले एक बंगाली अभिनेत्री श्रीलेखा सामने आईं, जिन्होंने 2009 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान फिल्मकार रंजीत बालाकृष्णन पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाया. इसके बाद केरल पुलिस ने फिल्मकार रंजीत के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती धाराओं में केस दर्ज कराया. इसी कड़ी में ताज़ा नाम सोनिया मल्हार का है, जिन्होंने केरल के डीजीपी को एक शिकायत दर्ज कराई. हालांकि इस मामले में आरोपी अभिनेता का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है.

मंगलवार को एक और अभिनेत्री मीनू मुनीर ने जाने माने अभिनेता जयसूर्या पर जब यौन शोषण का आरोप लगाया, तो सोनिया से जुड़े आरोप भी सोशल मीडिया पर चलने लगे. हालांकि सोनिया ने इन रिपोर्टों के बाद कहा कि उनके आरोप जयसूर्या के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन अभी ये स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने जो शिकायत दी है, उसमें आरोपी के तौर पर अभिनेता जयसूर्या हैं या कोई और, मीनू मुनीर ने सात अभिनेताओं के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. इनमें मुकेश, जयसूर्या, एम. राजू और ई. बाबू शामिल हैं.

Association of Malayalam Movie Artists की गई भंग

केरल सरकार की बनाई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में बुधवार को कोच्चि में मीनू मुनीर के घर पहुंचकर उनके बयान दर्ज किए. बुधवार को ही एक और अभिनेत्री ने अभिनेता सिद्दीक़ी के ख़िलाफ़ भी रेप का एक केस दर्ज कराया. इस अभिनेत्री के आरोप के बाद ही सिद्दीक़ी को Association of Malayalam Movie Artists के महासचिव पद से हटने को मजबूर होना पड़ा. इसके अलावा Association of Malayalam Movie Artists के अध्यक्ष मोहनलाल समेत सभी पदाधिकारियों को इस्तीफ़ा देना पड़ा है. वैसे इन शिकायतों के बाद कई अभिनेताओं का पक्ष भी सामने आया. उन्होंने कहा कि उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई, वो जब ब्लैकमेल नहीं हुए तो उन्हें इस तरह से फंसाने की कोशिश की जा रही है.

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केरल में लेफ्ट फ्रंट की सरकार है. लेफ्ट फ्रंट से जुड़ी महिला नेताओं का कहना है कि इस पूरे मामले को बहुत ही गंभीरता से लिया जा रहा है. वहीं केरल सरकार का कहना है कि हर एक शिकायत के लिए एक अलग कमेटी बनाई जाएगी. रविवार को पिनाराई विजयन सरकार ने रिपोर्ट के बाद आई शिकायतों की बाढ़ की जांच के लिए सात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक टीम बना दी थी.

दरअसल ये तमाम आरोप तीन सदस्यों की उस जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद तेज़ हुए हैं जिसका गठन 2017 में किया गया. ये है जस्टिस हेमा कमेटी, जिसने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट केरल सरकार को सौंप दी थी, लेकिन इसे जारी किया गया 19 अगस्त, 2024 को. जारी किए जाने से पहले भी इस रिपोर्ट को कई बार अदालतों में चुनौती दी गई, लेकिन धीरे-धीरे ये सभी चुनौतियां ध्वस्त होती गईं.

इस कमेटी की रिपोर्ट जारी होते ही मलयालम फिल्म उद्योग में हड़कंप मच गया. रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ यौन शोषण, यौन दुर्व्यवहार, रेप, काम से जुड़े शोषण की एक से एक कहानियां हैं.

इस कमेटी में हाइकोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस के हेमा, पूर्व अभिनेत्री शारदा और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी केबी वलसला कुमारी शामिल थीं. ये रिपोर्ट 2017 में केरल की एक संस्था Women in Cinema Collective's (WCC) की एक याचिका के बाद बनी, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में यौन शोषण और लिंगभेद से जुड़े मामलों के अध्ययन की मांग की गई थी.

हेमा कमेटी की रिपोर्ट में 80 महिलाओं की शिकायतें रिकॉर्ड

Women in Cinema Collective's संस्था भी तब बनी, जब मलयालम फिल्मों की एक महिला अभिनेत्री ने अपने ऊपर यौन हमले और अपहरण का आरोप लगाया. केरल पुलिस द्वारा उस मामले की जांच में आंच मलयालम फिल्मों के अभिनेता दिलीप पर आई. जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट 296 पन्नों की है, जिसमें कम से कम 80 महिलाओं की शिकायतें रिकॉर्ड की गईं हैं. इनमें कई जानी मानी महिलाओं से लेकर जूनियर आर्टिस्ट तक शामिल हैं. इस रिपोर्ट में वाकये दर वाकये एक से एक फिल्मी हस्तियों की शख़्सियत टुकड़ा-टुकड़ा होने लगी.

हेमा कमेटी रिपोर्ट ने Malayalam Movie Artists, Film Employees Federation of Kerala और Women in Cinema Collective जैसी फिल्म उद्योग से जुड़ी कई संस्थाओं के सदस्यों से भी बात की, लेकिन हेमा कमेटी की रिपोर्ट तैयार होने में भी मुश्किलें कम नहीं आईं. इस कमेटी को सबसे पहले जिस बाधा का सामना करना पड़ा वो थी शिकायत दर्ज कराने में महिलाओं की हिचकिचाहट. कई महिला कलाकारों को ये डर था कि अगर वो शिकायत दर्ज कराएंगी, तो मलयालम फिल्मों में पुरुषों का वर्चस्व उन्हें जीने नहीं देगा, उनसे बदला लिया जाएगा. यहां तक कि उन्हें फिल्म कलाकारों की यूनियनों पर भी यकीन नहीं था.

हेमा कमेटी रिपोर्ट के मुताबिक महिला कलाकारों को शूटिंग की जगहों पर शौचालय और चेंजिंग रूम जैसी मूल सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई जाती थीं. महिला कलाकार इसी कारण पानी पीने से बचती थीं कि कहीं उन्हें शौचालय न जाना पड़ जाए. इससे उनके स्वास्थ्य पर ख़राब असर पड़ा. इसके बावजूद सिर्फ़ डर की वजह से कई महिलाएं शिकायतें करने से बच रही थीं और इन्हीं हालात में काम करने को मजबूर थीं.

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जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट में यौन शौषण के मामलों की विस्तार से पड़ताल की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक कई महिलाओं को कहा जाता था कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में उतरने के लिए ‘adjustments' और ‘compromise'” करने होंगे. अब ये किस तरह के ‘adjustments' और ‘compromise' की बात रही होगी, आप ख़ुद ही सोच सकते हैं. 

महिला कलाकारों से की जाती थी सेक्स की मांग

रिपोर्ट के मुताबिक कई महिला कलाकारों से ये उम्मीद की जाती थी कि वो ख़ुद को सेक्स के लिए उपलब्ध करें. इसे रिपोर्ट में sex on demand कहा गया है. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में माहौल ऐसा हो गया था कि महिला कलाकारों की छवि को ख़राब करना बड़ा ही आसान हो गया था. कई महिला कलाकारों को ये यकीन सा हो गया था कि बिना यौन शोषण के वो फिल्म उद्योग में टिक ही नहीं पाएंगी. ये भी माना जाने लगा था कि अगर कोई महिला कलाकार किसी फिल्म के इंटिमेट सीन्स करती है तो वो सेक्स के लिए सहज उपलब्ध है. कई शिकायतकर्ताओं ने अपनी ऐसी शिकायतों से जुड़े ऑडियो, वीडियो क्लिप और व्हाट्स ऐप मैसेज भी जस्टिस हेमा कमेटी को सौंपे.

रिपोर्ट के मुताबिक आउटडोर शूटिंग के दौरान कई बार महिला कलाकारों के कमरों में रात के वक्त जबरन घुसने की कोशिश की जाती थी. दरवाज़ों पर ज़बरदस्ती नॉक किया जाता था. कई महिला कलाकारों को लगता था कि अगर उनके साथ परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा, तो वो उनके साथ कुछ अनहोनी हो ही जाएगी.

कमेटी की जांच में सामने आया कि कई महिला कलाकारों को सोशल मीडिया और अपने प्रशंसकों के बीच अपनी छवि ख़राब होने के डर से शिकायतों के लिए सामने आने से बचती थीं. अगर कभी किसी महिला ने शिकायत की कोशिश की तो उसे सोशल मीडिया में पुरुष  अभिनेताओं के ताकतवर फैन क्लब्स की तरफ़ से निशाना बनाया गया, बदनाम किया गया, यहां तक कि उन पर हमले भी हुए.
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मलयालम फिल्म उद्योग में अभिनेताओं और फिल्मकारों की लॉबी

जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में ये सामने आया कि मलयालम फिल्मों में कुछ अभिनेताओं और फिल्मकारों की लॉबी इतनी मज़बूत हो गई है कि वो माफ़िया की तरह काम करती है. जो कलाकारों पर न सिर्फ़ पाबंदी लगा सकती है बल्कि उन पर जुर्माना भी कर सकती है. इस माफ़िया में 10 से 15 ताक़तवर लोग थे, जिन्में प्रोड्यूसर, डिस्ट्रिब्यूटर, डायरेक्टर और कुछ अभिनेता भी थे. उनके ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत बहुत ही कम अभिनेत्रियों की हो पाई. यहां तक कि कई पुरुष कलाकार भी अपनी महिला सहकर्मियों की शिकायतें उठाने में डरते थे. यही वजह है कि इंटरनल कम्प्लेंट कमेटियों का कोई मतलब नहीं था. ताक़तवर लोगों के आगे वो कोई कार्रवाई करने में सक्षम नहीं थी. यही नहीं ये लॉबी उन महिलाओं के ख़िलाफ़ भी गैंगअप हो गई जो 2017 में महिलाओं की संस्था Women in Cinema Collective की सदस्य बनीं. इस संस्था में शामिल हुई महिलाओं को फिल्मों से हटाया जाने लगा.

रिपोर्ट के मुताबिक जूनियर आर्टिस्टों को एक तो मान्यता ही नहीं मिलती थी और दूसरा ये आर्टिस्ट एजेंटों के ज़रिए फिल्मों में आते थे, तो उनका यौन शोषण करना और आसान हो जाता था. रिपोर्ट में ऐसी ही एक घटना का ज़िक्र है, जिसमें दिल की बीमारी से ग्रस्त एक जूनियर आर्टिस्ट काम से थककर कुर्सी पर क्या बैठ गया कि उसे तुरंत उठा दिया गया और बाद में प्रोडक्शन से बाहर कर दिया गया.

जूनियर कलाकारों को यात्रा भत्ता नहीं दिया जाता था. कई बार तो उन्हें सेट पर खाना और पानी तक नहीं पूछा जाता था. साल 2000 तक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कोई लिखित समझौता नहीं था. अगर समझौता होता भी था तो वो प्रोड्यूसर और बड़े अभिनेताओं के बीच होता था. बाकी क्रू उससे बाहर रहता था. इसका मतलब था कि उन्हें कितना पैसा मिलेगा इसका कोई क़ायदा नहीं था. कॉन्ट्रैक्ट नहीं था तो जूनियर आर्टिस्ट कोई शिकायत भी नहीं कर पाते थे.



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Tuesday, 27 August 2024

महम चौबीसी खाप, सत्ता का रास्ता इस चबूतरे से गुजरता है...देवीलाल, चौटाला, डांगी से कुंडू तक

Haryana Election 2024 : हरियाणा में चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी करने में लगे हैं. रूठों को मनाने का दौर चलने लगा है. जिसकी ताकत, उसकी उतनी इस समय पूछ है. ऐसे में खाप जिसके साथ होंगे, उसके लिए सत्ता तक पहुंचने का रास्ता आसान हो जाएगा. यूं तो हरियाणा में कई खाप पंचायतें हैं और सभी का अपना-अपना महत्व है, लेकिन महम चौबीसी खाप ने एक बार देश की राजनीति को हिला दिया था. महम चौबीसी खाप महम विधानसभा में एक कस्बा है और हरियाणा के रोहतक जिले में है. इस खाप की ताकत विश्वनाथ प्रताप सिंह के प्रधानमंत्री रहते देश ने देखी थी. 

देवीलाल को दी थी चुनौती

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हुआ यह था कि विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने तो हरियाणा के चौधरी देवीलाल उपप्रधानमंत्री बनाए गए. उपप्रधानमंत्री का पद लेने के लिए देवीलाल को हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी. तब देवीलाल महम से ही विधायक थे. देवीलाल ने अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री बना दिया. मुख्यमंत्री बनने के बाद ओमप्रकाश चौटाला के लिए छह महीने के अंदर महम सीट को जीतना बेहद आसान माना जा रहा था. महम उपचुनाव का ऐलान हुआ तो अजीब खेल हो गया. महम चौबीसी खाप ने उपचुनाव में आनंद सिंह डांगी को अपना समर्थन दे दिया. यह वही डांगी थे, जिन्हें कभी देवीलाल का पांचवा बेटा कहा जाता था. मगर इनकी ओम प्रकाश चौटाला से उनकी अनबन हो गई और वे उपचुनाव में उन्हें चुनौती देने के लिए खड़े हो गए. बाद में ओम प्रकाश चौटाला के समर्थन में बूथ पर कब्जे के कारण उपचुनाव निरस्त कर दिया गया और 1991 में आनंद सिंह डांगी ही फिर विधायक बने. 1982 से यह सीट देवीलाल का गढ़ बना हुआ था, लेकिन डांगी ने देवीलाल का गढ़ ही छीन लिया. इसमें महम चौबीसी खाप की बड़ी भूमिका बताई गई. महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत में सात तपे आते हैं. जिसमें नदाना तपा, बहलबा तपा, महम तपा, मुंढ़ाल तपा, लाखनमाजरा तपा, सैमाण तपा व मोखरा तपा शामिल हैं.

डांगी के बाद कुंडू

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1991 के चुनाव के बाद फिर 2005, 2009 और 2014 में आनंद सिंह डांगी कांग्रेस के टिकट पर जीते और इसे कांग्रेस का गढ़ बना दिया. मगर 2017 में एक बड़ी घटना हुई. 2017 में तात्कालीन जिला परिषद चेयरमैन बलराज कुंडू व शिमली गांव निवासी धनखड़ बंधुओं के बीच चले आ रहे रुपयों के लेन देन के मामले में महम चौबीसी के एतिहासिक चबूतरे पर बुलाई गई सर्वखाप पंचायत दो फाड़ होती दिखी. सर्वखाप पंचायत के प्रधान ने तपा प्रधानों को चिट्ठी भेज कर पंचायत बुलाने का संदेश जारी किया. वहीं कुछ तपा प्रधान इस मामले में होने वाली पंचायत का बहिष्कार करने की तैयारी में दिखे. बाद में यही बलराज कुंडू 2019 के चुनाव में आनंद सिंह डांगी को हराकर महम के विधायक बने.

कुंडू की फिर तैयारी 

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बलराज कुंडू ने अब हरियाणा जनसेवक पार्टी बना ली है. इस बार फिर वह महम से तो उनकी पत्नी एवं पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत कुंडू जुलाना से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. कुंडू ने महम में हुए रक्षाबंधन समारोह में मंच से यह घोषणा की थी. कुंडू ने बताया था कि बाकी टिकटों की घोषणा जल्द की जाएगी. कुंडू ने बताया था कि महम, जुलाना, उकलाना व कलायत सीट पर भी पार्टी की कड़ी निगाह है. बता दें कि कुंडू भाजपा के 2014 से 2019 तक के कार्यकाल में भाजपा में न केवल शामिल हुए, बल्कि जिला परिषद के चेयरमैन बने. 2019 में महम से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने शमशेर खरकड़ा को महम का टिकट दिया. कुंडू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद सिंह डांगी को हराकर जीत दर्ज की. भाजपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे. 2019 में बनी भाजपा सरकार ने कुंडू की पटरी नहीं बैठी और वे विपक्ष में ही रहे. अब देखना ये है कि इस बार महम चौबीसी खाप किसका साथ देता है?



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...तो क्या धरती पर सिर्फ बेटियां ही पैदा होंगी? क्या मानव सभ्यता समाप्त होने की कगार पर है?  

Scientific Report Story : हाल में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भविष्य में ऐसी स्थिति आ सकती है कि धरती पर सिर्फ लड़कियां हीं जन्म लेंगी. लड़के जन्म लेना बंद कर देंगे. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि धरती पर एक समय ऐसा आएगा जब पुरुष होंगे ही नहीं. सिर्फ महिलाएं होंगी. इस अध्ययन रिपोर्ट से पता चला है कि वाई क्रोमोसोम (Y chromosomes) धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है और अंततः गायब हो सकता है. वाई क्रोमोसोम पुरुष लिंग का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण है. इसके गायब होने का परिणाम एक ऐसी दुनिया में हो सकता है, जहां केवल लड़कियां ही पैदा होंगी.

वाई क्रोमोसोम क्या है? 

वाई क्रोमोसोम मनुष्यों में दो लिंग क्रोमोसोम में से एक है. दूसरा क्रोमोसोम एक्स है. मनुष्य और अधिकांश अन्य स्तनधारियों में दो क्रोमोसोम होते हैं. यही किसी व्यक्ति के लिंग का निर्धारण करते हैं. महिलाओं की कोशिकाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में एक X और एक Y क्रोमोसोम होता है. एक्स क्रोमोसोम में लगभग 900 जीन होते हैं, जो सेक्स से असंबंधित सभी प्रकार के कार्य करते हैं. हालांकि, Y क्रोमोसोम में लगभग 55 जीन होते हैं, जो सभी महत्वपूर्ण SRY जीन को वहन करते हैं और भ्रूण में पुरुष विशेषताओं के विकास को ट्रिगर करते हैं.

कब तक खत्म हो जाएगा?

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इस अध्ययन से पता चला है कि वाई क्रोमोसोम खराब हो रहा है. इसके अनुसार, X और Y की जोड़ी एक साधारण क्रोमोसोम हैं. इससे पता चलता है कि दोनों एक ही समय से थे. इसका मतलब यह होना चाहिए कि 166 मिलियन वर्षों में Y क्रोमोसोम के 900 में से 55 सक्रिय जीन ही बचे हैं. मनुष्य और प्लैटिपस अलग-अलग विकसित हो रहे हैं. यह प्रति दस लाख वर्ष में लगभग पांच जीन की हानि है. इस दर पर, अंतिम 55 जीन 11 मिलियन वर्षों में खत्म हो जाएंगे. 

ऐसा क्यों हो रहा है?

द वीक में पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश Y दोहराव वाले 'जंक डीएनए' से बने हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसी अस्थिर संरचना के साथ, वाई क्रोमोसोम पर कई पीढ़ियों के दौरान पूरी तरह से गायब होने का खतरा है. रिपोर्ट आगे बताती है कि चूंकि पुरुषों के पास क्रोमोसोम की केवल एक कॉपी होती है, इसलिए उसे आनुवंशिक पुनर्संयोजन (Genetic Recombination) से गुजरने का अवसर नहीं मिलता है. आनुवंशिक पुनर्संयोजन प्रत्येक पीढ़ी में होने वाले जीन का फेरबदल है, जो हानिकारक जीन उत्परिवर्तन को खत्म करने में मदद करता है. पुनर्संयोजन के बिना, Y क्रोमोसोम जीन समय के साथ खराब हो जाते हैं.

क्या मानव विलुप्त हो जाएगा?

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जब मनुष्य में Y क्रोमोसोम खत्म हो जाते हैं, तो वे विलुप्त हो सकते हैं. यदि हम लंबे समय से विलुप्त नहीं हुए हैं या वे एक नया सेक्स जीन विकसित कर सकते हैं, जो नए सेक्स क्रोमोसोम को परिभाषित कर सकता हो तो. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि हालांकि कुछ छिपकलियां और सांप केवल मादा प्रजातियां हैं, यह मानव जाति या स्तनधारियों में नहीं हो सकता है, क्योंकि हमारे पास कम से कम 30 महत्वपूर्ण "मुद्रित" जीन हैं, जो केवल तभी काम करते हैं जब वे शुक्राणु के माध्यम से पिता से आते हैं.

क्या पुरुषों के लिए कोई आशा है?

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इससे पहले कि आप मानव जाति के विनाश और निराशा पर विचार करना शुरू करें, पहले प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित एक शोध पत्र के बारे में जान लें. इस शोध पत्र से पता चलता है कि कैसे एक चूहे ने एक नया नर-निर्धारण जीन विकसित किया है. अध्ययन से पता चलता है कि पूर्वी यूरोप के तिल वाले चूहों और जापान के कांटेदार चूहों ने अपने वाई क्रोमोसोम और एसआरवाई जीन खो दिए हैं, लेकिन जीवित रहना जारी रखा है. जापान के होक्काइडो विश्वविद्यालय में असतो कुरोइवा के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने पाया कि कांटेदार चूहों में अधिकांश वाई क्रोमोसोम जीन अन्य क्रोमोसोम में स्थानांतरित हो गए थे. इस खोज से पता चलता है कि अगर Y क्रोमोसोम गायब होता है तो लिंग निर्धारण के लिए एक नया तंत्र विकसित हो सकता है. यह खोज मानव जाति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि कोई 11 मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर आया, तो उसे कोई मनुष्य नहीं मिलेगा, लेकिन तब तक मानव जाति सुरक्षित है.
 



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वैज्ञानिक के दावे में कितना दम? 239 यात्रियों को लेकर 10 साल पहले गायब MH370 विमान का 'खुला' रहस्य!

मलेशियाई विमान एमएच370 (Malaysian Aircraft MH370) के लापता होने के सालों बाद एक ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उसने फ्लाइट के छिपे होने की सही जगह ढूंढ ली है. 239 लोगों के साथ मलेशियाई एयरलाइंस का विमान 2014 में कुआलालंपुर से उड़ान भरने के बाद रडार से गायब हो गया था. इसके लापता होने के बाद विमानन इतिहास में सबसे बड़ी खोज हुई. हालांकि आज तक उसका सही पता नहीं लगाया जा सका है. अब शोधकर्ता विंसेंट लिन ने दावा किया है कि उन्होंने पता लगा लिया कि विमान कहां है.

एक लिंक्डइन पोस्ट में विंसेंट लिन ने दावा किया कि विमान को जानबूझकर ब्रोकन रिज यानी हिंद महासागर में 20,000 फुट गहराई में उड़ाया गया.

शोधकर्ता ने लिखा, "बिना कोई सबूत छोड़े MH370 को गायब करना, ईंधन की कमी, हाई-स्पीड गोता लगाने से लेकर दक्षिणी हिंद महासागर में एक अविश्वसनीय परफेक्ट-डिसअपीयरिंग को अंजाम देने तक, ये एक मास्टरमाइंड पायलट ही कर सकता है."

वैज्ञानिक विन्सेंट लिन ने एक नया लॉजिक पेश किया, जिसमें उन्होंने बताया कि लापता विमान  इंडियन ओशियन के ब्रोकन रिज की गहराई में छिपा हो सकता है, जो पानी के नीचे का एक पठार है.

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लिन के अनुसार, विमान अब महीन तलछट की परतों के नीचे है. उन्होंने इसे 'छिपने की सही जगह' बताया. उन्होंने दावा किया कि पायलट अहमद शाह ने विमान को गायब करने के लिए जानबूझकर उसे दुर्घटनाग्रस्त कर दिया.

लिंक्डइन पर साझा रिसर्च में लिन ने कहा कि MH370 का गायब होना कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि ये एक सुनियोजित घटना थी. पायलट ने बिना किसी सबूत के फ्लाइट को गायब करने के 'मास्टरमाइंड' प्लान को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि ये एक सफल ऐसा कारनामा हो सकता था, अगर विमान का दाहिना पंख लहर से टकराता और इनमारसैट द्वारा उपग्रह संचार की खोज नहीं होती.

दक्षिणी हिंद महासागर के ब्रोकन रिज में एक अनोखी भूगर्भीय संरचना है, जिसमें इसके पूर्वी छोर पर एक छेद भी है. लिन का मानना ​​है कि MH370 विमान यहीं हो सकता है, इसीलिए इस क्षेत्र को सर्च ऑपरेशन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

MH370 विमान के गायब होने में पायलट अहमद शाह की संलिप्तता को लेकर भी शक जाहिर किया जा रहा है. आशंका है कि व्यक्तिगत मुद्दों के कारण ये हत्या या आत्महत्या हो सकती है, जिसमें उसकी पत्नी के साथ कथित अलगाव भी शामिल है.

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ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक का ये नया दावा कहता है कि इस लापता होने को यांत्रिक विफलता या पायलट की गलती के परिणामस्वरूप होने के बजाय एक जानबूझकर की गई दुर्घटना लग रही है. लिन का ये दावा लापता विमान को फिर से खोजने में रुचि को जगा सकता है.

MH370 विमान के लापता होने की घटना के एक दशक से अधिक समय बीच चुके हैं. ऐसे में  विंसेंट लिन की नई रिसर्च खोजकर्ताओं में एक उम्मीद जगा सकता है. साथ ही ये MH370 विमान के गायब होने और उसे खोजे जाने की कहानी में एक नया अध्याय जोड़ सकता है.



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Monday, 26 August 2024

बेटे को मालूम था सिर्फ नाम, जापान से गूगल मैप के जरिए पहुंचा पंजाब, 19 साल बाद पिता से मुलाकात का ऐसा था मंजर

जापान का एक युवक अपने भारतीय पिता की खोज में पंजाब का अमृतसर पहुंच गया. फिल्मी कहानी की तर्ज पर 2 दशक बाद जब पिता-पुत्र मिले तो दोनों भावुक हो गए. जानकारी के अमृतसर के रहने वाले सुखपाल सिंह (Sukhpal Singh) की मुलाकात थाईलैंड में एक जापानी महिला से हुई, बाद में उन्होंने 2002 में उससे शादी कर ली और टोक्यो के पास चिबा केन में रिन की मां साची के साथ रहने लगे.  उनके बेटे, रिन का जन्म 2003 में हुआ, लेकिन दोनों के रिश्तों में कठिनाइयां आने लगी.  शादी के कुछ साल बाद दोनों अलग हो गए. परिणामस्वरूप, जापान में पैदा हुआ उनका दो वर्षीय बेटा, रिन ताकाहाता को कभी भी अपने पिता का प्यार नहीं मिला. 

2007 के बाद से नहीं था कोई संपर्क
2007 में भारत लौटने के बाद से सुखपाल का अपने बेटे या पत्नी से कोई संपर्क नहीं रहा. रिन, जो अब जापान में रहता है, हाल ही में अपने पिता से मिलने के लिए पंजाब पहुंच गया.  पिता-पुत्र के मिलन का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. फुटेज में दिखाया गया कि कैसे पिता और पुत्र लगभग दो दशक अलग रहने के बाद एक-दूसरे को गले लगाते हुए भावनाओं से भरे हुए थे. 

सुखपाल सिंह ने एएनआई को बताया, "मेरे बेटे ने एक तस्वीर का उपयोग करके और लोगों से मेरे बारे में पूछकर अथक प्रयास किया. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मैं अपने बेटे से मिल रहा हूं; यह एक सपने जैसा लगता है, और मुझे उम्मीद है कि यह कभी खत्म नहीं होगा." उन्होंने कहा, "अपने बेटे से मिलना हमेशा मेरे दिल में रहता था; मैं उसे कभी कैसे भूल सकता हूं?"

रिन ताकाहाता जापान में ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्ट्स का एक छात्र है. रिन ने अपने पिता के साथ साझा किया कि एक फैमिली ट्री प्रोजेक्ट पर काम करते समय, उसे एहसास हुआ कि वह परिवार में केवल अपनी मां के पक्ष को जानता है और अपने पिता के पक्ष के किसी भी सदस्य को नहीं जानता है. और अधिक जानने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर, उसने अपने पिता को खोजने की यात्रा शुरू की. पते का पता लगाने के लिए Google मैप का उसने उपयोग किया. रिन 15 अगस्त को अपने गंतव्य पर पहुंचा. कुछ समस्याओं का सामना करने के बावजूद, वह अंततः 18 अगस्त को अपने पिता से मिलने में सफल रहा. 

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Sunday, 25 August 2024

भारतीय मूल के प्रसिद्ध डॉक्टर की अमेरिका में गोली मारकर हत्या, परिवार ने प्राइवेसी की अपील की

Indian origin doctor shot dead in America : अमेरिका में अलबामा के शहर टस्कलोसा में शुक्रवार को एक भारतीय मूल के डॉक्टर को गोली मार दी गई. पीड़ित की पहचान डॉ. रमेश बाबू परमशेट्टी के रूप में हुई. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. वह एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे. डॉ. रमेश मूल रूप से आंध्र प्रदेश के तिरूपति जिले के रहने वाले थे. वह क्रिमसन नेटवर्क के रूप में काम करने वाले स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों के एक समूह के संस्थापकों और चिकित्सा निदेशक में से एक थे. उन्हें स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता था और उन्होंने टस्कालोसा में एक चिकित्सक के रूप में भी प्रैक्टिस किया था.

क्रिमसन केयर नेटवर्क टीम ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "जैसा कि इस समय बहुत से लोग जानते हैं, हमें डॉ. रमेश परमशेट्टी के निधन के बारे में सूचित किया गया है. परमशेट्टी परिवार ने हमसे अनुरोध किया है कि हम उन्हें प्राइवेसी दें, क्योंकि वे निधन पर शोक मना रहे हैं. परिवार को भरपूर प्यार और विश्वास दोस्तों से मिला है." क्रिमसन केयर नेटवर्क ने कहा कि उसकी टीम "अगले कुछ दिनों में इस बारे में विस्तार से बात करेगी."

डॉ. रमेश बाबू पेरमसेट्टी कौन थे?

उनके वेडएमडी पेज के अनुसार, डॉ. परमशेट्टी ने 1986 में विस्कॉन्सिन के मेडिकल कॉलेज, श्री वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उनके पास 38 साल का अनुभव था. इसमें कहा गया है कि उन्होंने टस्कलोसा और चार अन्य स्थानों पर काम किया और आपातकालीन चिकित्सा और पारिवारिक चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल की. वह डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ (डीसीएच) क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र से भी संबद्ध थे.

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, चिकित्सा पेशे में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण टस्कलोसा में एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भी खूब काम किया और इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले. रिपोर्टों के अनुसार, उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं और सभी अमेरिका में बस गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने आंध्र प्रदेश के मेनकुरु हाई स्कूल को 14 लाख रुपये का दान दिया था, जहां उन्होंने पढ़ाई की थी और अपने गांव में एक साईं मंदिर के निर्माण के लिए भी दान दिया था.



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Saturday, 24 August 2024

नासा ने अंतरिक्ष में फंसे यात्रियों को वापस लाने के लिए एलन मस्क के स्पेसएक्स को क्यों चुना?

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) सहित नासा ( NASA) के दो अंतरिक्ष यात्री, जो कि जून में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे, वे अगले साल की शुरुआत में स्पेसएक्स व्हीकल से पृथ्वी पर लौट सकेंगे. नासा ने शनिवार को कहा, स्टारलाइनर के प्रपल्शन सिस्टम में समस्याएं होने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना बहुत जोखिम भरा माना गया है.

नियमित अंतरिक्ष यात्री रोटेशन मिशन के हिस्से के रूप में अगले महीने लॉन्च होने वाले स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर कक्षा में कुल आठ महीने बिताने के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों के अगले साल फरवरी में लौटने की उम्मीद है.

नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि स्टारलाइनर की प्रणोदन प्रणाली अपने पहले चालक दल को घर ले जाने के लिए बहुत जोखिम भरी है. स्टारलाइनर चालक दल के बिना आईएसएस से बाहर निकलेगा और अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी पर लौटने का प्रयास करेगा.

नेल्सन ने कहा कि उन्होंने बोइंग के नए सीईओ केली ऑर्टबर्ग के साथ एजेंसी के फैसले पर चर्चा की. स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन सितंबर के अंत में शुरू होगा, लेकिन मूल रूप से नियोजित चार के बजाय केवल दो यात्रियों को ले जाएगा.

यह फरवरी में अपनी निर्धारित वापसी तक आईएसएस में ही रुका रहेगा और अपने चालक दल के सदस्यों और अपने दो फंसे हुए सहयोगियों को वापस लाएगा. नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री, दोनों पूर्व सैन्य परीक्षण पायलट, 5 जून को स्टारलाइनर की सवारी करने वाले पहले चालक दल बन गए, जब उन्हें आईएसएस के लिए लॉन्च किया गया था.

स्टारलाइनर की प्रणोदन प्रणाली को आईएसएस के लिए उड़ान के पहले 24 घंटों में कई गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा, जिससे कई महीनों की देरी हुई. इसके 28 थ्रस्टर्स में से पांच विफल हो गए और इसमें हीलियम के कई रिसाव हुए, जिसका उपयोग थ्रस्टर्स पर दबाव डालने के लिए किया जाता है.

जून में स्टारलाइनर के आईएसएस से जुड़ने के बाद से, बोइंग यह जांच करने में जुट गया है कि इसके थ्रस्टर दुर्घटनाओं और हीलियम लीक का कारण क्या था. कंपनी ने डेटा इकट्ठा करने के लिए पृथ्वी पर परीक्षणों और सिमुलेशन की व्यवस्था की, जिसका उपयोग उसने नासा के अधिकारियों को यह समझाने और समझाने के लिए किया कि स्टारलाइनर चालक दल को घर वापस ले जाने के लिए सुरक्षित है. लेकिन उस परीक्षण के परिणामों ने अधिक कठिन इंजीनियरिंग प्रश्न खड़े कर दिए और अंततः स्टारलाइनर की चालक दल की वापसी यात्रा करने की क्षमता के बारे में नासा के अधिकारियों की चिंताओं को कम करने में विफल रहे. परीक्षण मिशन का सबसे कठिन और जटिल हिस्सा रहा.

बोइंग ने स्टारलाइनर को विकसित करने के लिए वर्षों तक संघर्ष किया. यह एक गमड्रॉप के आकार का कैप्सूल है जिसे क्रू ड्रैगन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजने और वापस लाने के लिए दूसरा अमेरिकी विकल्प है.

स्टारलाइनर 2019 में आईएसएस में बिना चालक दल के लॉन्च करने के परीक्षण में विफल रहा था, लेकिन 2022 में दोबारा प्रयास करने में सफलता मिली. इसे थ्रस्टर समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. 
 



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मानवाधिकारों का उल्लंघन, भोजन, पानी तक नहीं; ब्राजील में फंसे भारत, नेपाल के प्रवासियों के साथ ऐसा बर्ताव क्यों

पब्लिक डिफेंडर के कार्यालय और को रॉयटर्स को मिले कुछ दस्तावेजों के अनुसार भारत-नेपाल और वियतनाम के सैकड़ों प्रवासी चिंताजनक स्थिति में साओ पाउलो के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हफ्तों से फंसे हुए हैं. सभी प्रवासी प्रतीक्षा में फर्श पर सो रहे हैं.

जानकारी यह भी है कि घाना के एक 39 वर्षीय प्रवासी की दो सप्ताह पहले अज्ञात कारणों से मृत्यु हो गई. यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी मृत्यु हवाई अड्डे पर रहने के दौरान हुई या अस्पताल ले जाते समय हुई. एक अधिकारी ने कहा बिना वीजा के कम से कम 666 प्रवासी गुआरुल्होस हवाई अड्डे पर ब्राजील में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे थे. सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका जाने के लिए ब्राजील को एक पड़ाव के रूप में उपयोग करने वाले विदेशियों के प्रवाह को रोकने के लिए प्रवेश नियमों को सख्त करने की योजना बना रही है.

"प्रवासियों को एक प्रतिबंधित क्षेत्र में रखा जाता है"
अधिकारी ने कहा कि प्रवासियों को एक प्रतिबंधित क्षेत्र में रखा जाता है, जहां स्नान करने की कोई सुविधा नहीं है और उनकी गतिविधियां सीमित हैं, जिससे उनके लिए भोजन और पानी प्राप्त करना कठिन हो जाता है, जबकि बच्चे और किशोर बिना कंबल के सर्दी की ठंड झेल रहे हैं.

पब्लिक डिफेंडर के कार्यालय ने पाया कि प्रवासियों के स्वास्थ्य में गिरावट के साथ उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. एजेंसी ने कहा कि प्रवासियों की स्थिति का समाधान करते समय उनकी स्थितियों में तत्काल सुधार की आवश्यकता है और एक बयान में अधिकारियों से शरणार्थियों को स्वीकार करने और उन्हें उनके मूल देश में वापस न करने के मानवीय सिद्धांत पर आधारित ब्राजील के कानून का पालन करने का आग्रह किया.

ब्राज़ील के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने बुधवार को रॉयटर्स को बताया कि सोमवार से बिना ब्राज़ीलियाई वीज़ा वाले विदेशी यात्री जो दूसरे देश की ओर जा रहे हैं, उन्हें सीधे अपने गंतव्य तक यात्रा करनी होगी या अपने गृह देश लौटना होगा. 

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्राजील में विदेशी यात्रियों, विशेष रूप से एशिया से, उत्तरी अमेरिका के रास्ते में प्रवास के लिए देश में उतरने में तेजी देखी गई है.

ब्राज़ील में प्रवेश करने के लिए, वे अपने घरेलू देशों में उत्पीड़न और धमकियों का आरोप लगाते हुए शरणार्थी का दर्जा मांगते हैं, लेकिन रॉयटर्स और एक वरिष्ठ पुलिस स्रोत द्वारा देखी गई अधिकारियों की दो रिपोर्टों के अनुसार, जब वे कर सकते हैं तो बहुमत उत्तर की ओर यात्रा करते हैं।

मंत्रालय ने कहा, अब बिना वीजा के साओ पाउलो आने वाले यात्रियों को ब्राजील में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह स्पष्ट नहीं था कि नए नियम साओ पाउलो हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद प्रवासियों पर लागू होंगे या केवल नियम लागू होने के बाद आने वाले लोगों पर लागू होंगे.

आव्रजन विशेषज्ञों को चिंता है कि प्रस्तावित नियम 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन का खंडन करते हैं, जिसमें ब्राज़ील एक पक्ष है और जो देशों से अपने देश में जोखिम वाले लोगों को लेने का आह्वान करता है. ब्राज़ील की शरणार्थी समिति के प्रमुख जीन उएमा ने रॉयटर्स को बताया कि नियम विशेष रूप से साओ पाउलो हवाई अड्डे पर लागू होंगे और शरण चाहने वालों पर ब्राज़ील की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा.



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राहुल गांधी ने एक बार फिर की जातिगत जनगणना की मांग, बोले- 'व्‍यवस्‍था से बाहर हैं 90 फीसदी लोग

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को एक बार फिर देशभर में जातिगत जनगणना (Caste Census) कराने की मांग दोहराई है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में संविधान सम्‍मान सम्‍मेलन और उसके बाद एक एक्‍स पोस्‍ट में उन्‍होंने कहा कि वह जिस जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं वह सीधे तौर पर देश के संविधान की रक्षा से जुड़ी है. उन्‍होंने जोर देकर कहा कि जाति जनगणना होकर रहेगी. साथ ही कहा कि जाति जनगणना उनका मिशन है और इसके लिए वो राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए भी तैयार है.

 
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सम्‍मेलन के दौरान कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए जातिगत जनगणना नीति निर्माण की बुनियाद है.” उन्‍होंने कहा, “नब्बे प्रतिशत लोग इस व्यवस्था से बाहर बैठे हुए हैं. उनके पास हुनर और ज्ञान है, लेकिन उनका इस व्यवस्था से कोई जुड़ाव नहीं है. यही वजह है कि हमने जाति जनगणना की मांग उठाई है.” उन्होंने जोर दिया कि समाज के विभिन्न तबकों की भागीदारी सुनिश्चित करने से पहले उनकी संख्या का पता लगाना जरूरी है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “कांग्रेस के लिए जाति जनगणना, नीति निर्माण का आधार है. यह नीति निर्माण का उपकरण है. हम बिना जाति जनगणना के भारत की वास्तविकता के बारे में नीतियां नहीं बना सकते.”

संविधान की तरह जाति जनगणना नीतिगत ढांचा : राहुल गांधी 

गांधी ने कहा कि संविधान की तरह जाति जनगणना एक नीतिगत ढांचा और कांग्रेस के लिए मार्गदर्शक है.उन्होंने कहा, “जिस तरह से हमारा संविधान मार्गदर्शक है और इस पर हर दिन हमला किया जा रहा है, इसी तरह जाति जनगणना, सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण है, एक संस्थागत सर्वेक्षण है और हमारा दूसरा मार्गदर्शक होगा.”

उन्होंने कहा, “हम आंकड़े चाहते हैं. कितने दलित, ओबीसी, आदिवासी, महिलाएं, अल्पसंख्यक, सामान्य जातियां हैं. हम जाति जनगणना की इस मांग के जरिए संविधान की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं.”

गांधी ने कहा कि जो लोग समझते हैं कि जाति जनगणना रोकी जा सकती है या आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती, वे सपने देख रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह निश्चित तौर पर होगा, यह नहीं रुक सकता. ना तो जाति जनगणना और ना ही आर्थिक सर्वेक्षण या संस्थागत सर्वेक्षण रोका जा सकता है और 50 प्रतिशत की सीमा भी हटेगी. यह सभी होगा”

यह विचारधारा की लड़ाई है और यह जारी रहेगी : राहुल गांधी 

केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा कि 2004 में जब से वह राजनीति में आए हैं, तब से उन्हें भाजपा नेताओं द्वारा परेशान किया जाता रहा. उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें (भाजपा नेताओं) को अपना गुरु माना जिन्होंने मुझे सिखाया कि क्या ना करें. यह (भाजपा के साथ) एक विचारधारा की लड़ाई है और यह जारी रहेगी.”

गांधी ने उत्तर प्रदेश में एक मोची से अपनी मुलाकात को याद किया जिसने उन्हें बताया था कि उसे अन्य लोगों से सम्मान नहीं मिलता और लोग उसका मजाक उड़ाते हैं. उन्होंने कहा, “उस मोची के पास कितना कौशल है, लेकिन उसे कोई सम्मान नहीं मिलता. उसकी तरह हजारों लोग हैं. समाज में ऐसे लोगों को शामिल कर उनकी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है.” कुशल कामगारों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “सभी जिलों में प्रमाणन केंद्र खोले जा सकते हैं जहां इन कुशल कामगारों के नेटवर्क का उपयोग किया जा सकता है.”

गांधी ने कहा, “मेरा विजन है कि ओबीसी, दलित और श्रमिकों के पास कितना धन है. भारत के संस्थानों में इन लोगों की कितनी भागीदारी है. चाहे वह नौकरशाही हो, न्यायपालिका हो या मीडिया.”

जातिगत जनगणना से समाज का एक्‍स-रे सामने आ जाएगा : राहुल गांधी 

बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा, “जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करने का आधार है. संविधान हर एक भारतीय को न्याय और बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन कड़वी सच्चाई है कि देश की जनसंख्या के 90 प्रतिशत के लिए न तो अवसर हैं और न ही तरक्की में उनकी भागीदारी है.”

उन्होंने कहा, “90 फीसदी बहुजन - दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग के वो मेहनतकश और हुनरमंद लोग हैं जिनके अवसरों से वंचित होने के कारण देश की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है. ये स्थिति वैसी ही है जैसे 10 सिलेंडर के इंजन को सिर्फ एक सिलेंडर से चलाया जाए और नौ का प्रयोग ही न किया जाए.”

गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना से सिर्फ जनसंख्या की गिनती भर नहीं होगी, समाज का एक्स-रे भी सामने आ जाएगा तथा ये पता चल जायेगा कि देश के संसाधनों का वितरण कैसा है और कौन से वर्ग हैं जो प्रतिनिधित्व में पीछे छूट गए हैं.

उन्होंने ‘एक्स' पर कहा, “जातिगत जनगणना का आंकड़ा लंबे समय से अटके मुद्दों पर नीतियां बनाने में मदद करेगा. उदाहरण के लिए सटीक आंकड़े सामने आने के बाद आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को रिवाइज़ (संशोधन) किया जा सकता है ताकि सबको सरकारी संस्थानों और शिक्षा में उचित और न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व मिले.

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Friday, 23 August 2024

अनिल अंबानी : कभी रहे दुनिया के छठे सबसे अमीर, जानिए क्यों आज हो गए दिवालिया, SEBI को लगाना पड़ा बैन

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने फंड की हेराफेरी के मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani)को शेयर मार्केट (Share Market) से 5 साल के लिए बैन कर दिया है. अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यहीं नहीं, उनके किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर रहने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. SEBI ने अंबानी के अलावा 24 अन्य लोगों पर भी एक्शन लिया है. 

सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य एंटीटीज को भी शेयर मार्केट से बैन कर दिया है. इन पर अलग-अलग जुर्माना लगाया गया है. रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को 6 महीने के लिए बैन किया है. इसपर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. 

SEBI ने अनिल अंबानी (Anil Ambani)को शेयर मार्केट (Share Market) से 5 साल के लिए बैन कर दिया है. इसके साथ ही अनिल अंबानी की बर्बादी की शुरुआत हो चुकी है. आइए समझते हैं कि कभी दुनिया के छठे अमीर शख्स रहे अनिल अंबानी को ये दिन क्यों देखने पड़े:-

भारतीय रिज़र्व बैंक ने की थी सख्त टिप्पणी
अनिल अंबानी ग्रुप के मालिकाना हक वाली आखिरी कंपनी रिलायंस कैपिटल को कंट्रोल में लेते समय भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बहुत कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था. रिज़र्व बैंक ने कहा, "मेसर्स रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को हटा दिया गया है. RCL अपने लेनदारों के भुगतान दायित्वों को पूरा करने में डिफॉल्टर साबित हुई है. गंभीर प्रशासनिक चिंताओं को बोर्ड प्रभावी ढंग से सुलझाने में नाकाम है.'' बैंक का किसी कंपनी या बिजनेस ग्रुप के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत बड़ी बात है.

SEBI की ओर से जारी 222 पेज के फाइनल ऑर्डर के मुताबिक, जांच में पता चला कि RHFL के अधिकारियों की मदद से अनिल अंबानी ने पैसों की हेराफेरी की. उन्होंने फंड का खुद इस्तेमाल किया, लेकिन दिखाया की ये फंड लोन के तौर पर दिया गया है.

SBI अनिल अंबानी की कंपनी के 3 अकाउंट को बताया फ्रॉड
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले जनवरी 2021 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि उसने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के 3 बैंक अकाउंट- रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल को धोखाधड़ी के रूप में क्लासीफाइड किया है. इससे अनिल अंबानी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती थी. ऐसा हुआ भी.

निवेशकों के पैसे के संदिग्ध दुरुपयोग का आरोप
वहीं, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जनवरी 2023 में अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि SEBI निवेशकों के पैसे के संदिग्ध दुरुपयोग को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट रेगुलेटर ने देश के सबसे बड़े विदेशी स्वामित्व वाले फंड निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड और 2016 और 2019 के बीच यस बैंक की ओर से किए गए निवेश की जांच कर रही थी.

प्रमोटर से जुड़ी कंपनियों को बांटे लोन
दरअसल, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड तब अनिल अंबानी ग्रुप की एक कंपनी हुआ करती थी. आरोप है कि रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कॉरपोरेट फाइनेंस ने प्रमोटर से जुड़ी कंपनियों को लोन दिया. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस ने संभावित अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े उधारकर्ताओं के एक ग्रुप को करीब 12,000 करोड़ रुपये का लोन दे दिया. जिन्हें लोन दिया गया, उनकी माली हालत पहले से ही कमजोर थी."

हाल के सालों में अनिल अंबानी के बिजनेस ग्रुप की पहचान उसके मामलों से होने लगी है. अनिल अंबानी के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में CBI का केस चल रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की पूछताछ हुई है. उनकी कंपनियों को लेकर RBI और ऑडिटर एजेंसियों ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया. अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना ​​में दोषी ठहराया है. लंदन की अदालत में अनिल अंबानी का एक केस चल रहा है. उनके वकील ने दलील दी कि उनके क्लाइंट के पास पैसे नहीं हैं. इसलिए वह चीनी बैंकों का बकाया नहीं चुका सकते. बाकी रही सही कसर अनिल अंबानी के गलत समय पर लिए गए गलत फैसलों ने पूरी कर दी है.

अनिल अंबानी को रिलायंस मिलने से लेकर बैन लगने पर एक नजर
-जुलाई 2002 में धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया. वो वसीयत लिख कर नहीं गए थे. ऐसे में बड़े भाई मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और छोटे भाई अनिल अंबानी मैनेजिंग डायरेक्टर बने.

-नवंबर 2004 में पहली बार दोनों भाइयों के बीच बिजनेस और ओनरशिप को लेकर झगड़ा सामने आया. परिवार में चल रहे इस विवाद से धीरूभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन परेशान थीं, जिसके बाद जून 2005 में बिजनेस का बंटवारा किया गया. हालांकि, मुकेश और अनिल को कौन सी कंपनियां मिलेंगी, इसका फैसला 2006 तक चला. इस बंटवारे में ICICI बैंक के तत्कालीन चेयरमैन वीके कामत को भी दखल देना पड़ा था.

-मुकेश अंबानी के हिस्से में पैट्रोकैमिकल्स के कारोबार, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रोल कैमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आईं.

-अनिल अंबानी को आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज जैसी कंपनियां मिलीं. जहां मुकेश अंबानी बिजनेस में ग्रो करते चले गए. वहीं, अनिल अंबानी के हिस्से आई कंपनियों की हालत खस्ता होती चली गई.

-तमाम आरोपियों, देनदारियों और फंड की हेराफेरी के आरोपों के बीच अनिल अंबानी की नेटवर्थ लगातार घटती जा रही है. 2007 में उनकी नेटवर्थ 45 बिलियन डॉलर थी. जो 2019 में घटकर 2 बिलियन डॉलर से भी कम रह गई है.

-अनिल अंबानी के ग्रुप की कंपनियों का कंबाइंड मार्केट कैपिटल मार्च 2008 में 2.38 लाख करोड़ रुपये था. जो फरवरी 2019 में 25,000 करोड़ रुपये से भी कम रह गया है. रिलायंस पावर IPO बुरी तरह से फेल रहा है. रिटेल इंवेस्टर्स को उनकी कंपनियों में दोबारा भरोसा लाने में सालों लग जाएंगे. इसके बाद भी शायद ये नहीं हो पाएगा. अनिल अंबानी को इसके बाद भी कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. 


 



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Thursday, 22 August 2024

भारत-पोलैंड कबड्डी कनेक्शन : पीएम मोदी की इस खासियत के आगे नत मस्तक हुए खेल महासंघ अध्यक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की पोलैंड (Poland) यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध तो मजबूत हुए ही हैं, दोनों देशों के बीच खेल संबंधों ने भी नया आयाम ग्रहण किया. भारत का देसी खेल कबड्डी (Kabaddi) दोनों देशों के बीच करीबी का एक अहम कारण बना. कबड्डी भारत से पोलैंड पहुंची और उसके बाद इसकी लोकप्रियता भी बढ़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वारसॉ में पोलैंड के कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिशल स्पिज़्को और बोर्ड सदस्य अन्ना कालबार्स्की से मुलाकात की.

पोलैंड कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिचेल स्पिज़्को ने बाद में पीएम मोदी की तारीफ की. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का नेतृत्व भारत में खेलों के मजबूत होने के लिए अच्छा अवसर है.

मिचेल स्पिज़्को ने कहा- ‘मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बहुत सकारात्मक ऊर्जा महसूस की. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्ति का इस पद पर होना, भारत को हर खेल में मजबूत बनाने का एक शानदार अवसर है. भारत को 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए प्रयास करना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि कबड्डी 2036 ओलंपिक में शामिल होगी.'

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बोर्ड सदस्य अन्ना कलबार्स्की ने कहा कि, ''पीएम मोदी को इस बात पर गर्व है कि हमने कबड्डी को यूरोप में पेश किया...पीएम मोदी के पास कबड्डी और इसके पीछे के दर्शन के बारे में बहुत ज्ञान है.'' 

भारतीय खेल पोलैंड में हुआ लोकप्रिय 

भारत और पोलैंड एक दूसरे से 6000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर हैं. दोनों देशों के बीच महाद्वीपों, समुद्रों और महासागरों का अंतर है, लेकिन एक ऐसा धागा है जिससे दोनों देश जुड़े हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोलैंड दौरे पर इसका जिक्र किया और बताया कि कैसे 'कबड्डी' ने दोनों देशों के बीच एक खास कनेक्शन बनाया है.

भारत के अंदरूनी इलाकों में जन्मा यह खेल अब एक उभरता हुआ खेल बन गया है. इसने पोलिश युवाओं को भी अपनी ओर आकर्षित किया है. इसी का नतीजा है कि यूरोपीय राष्ट्र ने यूरोप में खिताब जीते हैं, और कबड्डी विश्व कप में महाद्वीप का प्रतिनिधित्व किया है.

भारत और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम कबड्डी के खेल के माध्यम से भी जुड़े हुए हैं. यह खेल भारत के माध्यम से पोलैंड पहुंचा और उन्होंने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. पोलैंड पहली बार कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है. मैं उनकी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूं."

अभिषेक शर्मा ने कबड्डी को ऊंचाई पर पहुंचाया 

पोलैंड में कबड्डी काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह टैग और कुश्ती के यूरोपीय खेल जैसा है. पोलैंड के मिचेल स्पिज़्को देश में सबसे तेजी से बढ़ती पेशेवर लीग प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेलने वाले पहले यूरोपीय थे.

पोलैंड में इसकी शुरुआत तब हुई जब भारत के एक खिलाड़ी अभिषेक शर्मा ने एक क्लब शुरू करने का फैसला किया. अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (आईकेएफ) के सदस्य अशोक दास के सहयोग से अभिषेक शर्मा, जो 2007 में बायो-टेक्नोलॉजी में एमएस कोर्स पूरा करने के बाद पोलैंड चले गए थे, ने 2010 में 'कबड्डी प्रोजेक्ट' की शुरुआत की थी. तब से शर्मा ने अपनी सारी कमाई कबड्डी को लोकप्रिय बनाने में लगा दी और इस खेल को इस मुकाम तक पहुंचाया.

पोलैंड की पुरुष राष्ट्रीय टीम ने भारत के अहमदाबाद में 2016 कबड्डी विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और उसमें खेला, तथा प्रारंभिक ग्रुप मैच में तत्कालीन विश्व चैंपियन ईरान को हराकर बड़ा फेरबदल किया.
(इनपुट एजेंसियों से भी)



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Wednesday, 21 August 2024

पोलैंड से पीएम मोदी ने दिया दुनिया को सीधा संदेश; बोले-"अब परिस्थितियां बदल रहीं..."

PM Modi Poland Visit : पोलैंड दौरे पर गए पीएम मोदी ने वहां रह रहे भारतीयों को संबोधित करते हुए दुनिया को सीधा संदेश दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि आज के भारत की नीति सारे देशों से समान रूप से नजदीकी बनाने की है. आज का भारत सबके साथ है और सबके बारे में सोचता है. अब परिस्थितियां बदल रहीं हैं. आज के भारत की नीति सभी देशों से नजदीकियां रखने की है. आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है. आज दुनिया भारत को विश्वबंधु के रूप में सम्मान दे रही है.

  1. दो दिन के दौरे पर पीएम मोदी पोलैंड में हैं. यहां उन्होंने भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व करता है. भारत विकास की ओर आगे बढ़ रहा है. हर क्षेत्र में भारतीय देश का नाम रौशन कर रहे हैं. हर सेक्टर में भारतीय छाए हुए हैं. किसी देश पर संकट आए भारत मदद के लिए आगे रहता है. कोविड में भारत ने मानवता दर्शाई. कोविड में 150 से ज्यादा देशों को हमने दवाइयां भेजीं. भारत के लिए मानवता सबसे पहले है. भारत दुनियाभर के नागरिकों की मदद करता है. भारत युद्ध नहीं, शांति पर विश्वास करता है. भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है. ये एकजुट होने का समय है. 
  2. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही आप लोगों ने यहां पोलैंड में भारत की आजादी का उत्सव मनाया है. आजादी के आंदोलन के समय हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने समृद्ध भारत का सपना देखा था, आज हर भारतीय उस सपने को साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है.
  3. पोलैंड में रह रहे भारतीयों से पीएम मोदी ने कहा कि आज ही मुझे Monte Cassino Memorial पर श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है. ये मेमोरियल हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद दिलाता है. ये इस बात का प्रमाण है कि कैसे विश्व के हर कोने में भारतीयों ने अपना कर्तव्य निभाया है.
  4. पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देश की जनता को वादा किया है, मेरे तीसरे टर्म में भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा. NASSCOM का अनुमान है कि भारत अपने Digital Infrastructure के कारण इस दशक के अंत तक एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा.
  5. अपने देश की विकास रफ्तार बताते हए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने लक्ष्य तय किया है, 2047 तक विकसित भारत बनेगा. भारत में लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. 10 साल में गरीबों के लिए 40 मिलियन पक्के घर बनाए. एक दशक में, तीन नए पोलैंड बसाए. हर जिले तक 5जी नेटवर्क पहुंचाया. भारत जो भी करता है, रिकॉर्ड बन जाता है. भारत ने 100 से ज्यादा सैटेलाइट एक-साथ लॉन्च किए. 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे है. 23 अगस्त को ही भारत ने चंद्रयान उतारा था. जहां कोई देश नहीं पहुंच पाया, वहां भारत पहुंचा है और उस स्थान का नाम है- शिवशक्ति.
  6. पीएम मोदी ने कहा कि Economy और Ecology में बैलेंस आज भारत की प्राथमिकता है. ये भारत ही है, जो Developed Nation और Net Zero Nation संकल्प एक साथ लेकर आगे बढ़ रहा है. 
  7. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप लोग पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए. आपने शानदार स्वागत किया. आपने जो स्वागत किया, उसके लिए आभारी हूं. भारत की या में आप ही लोग छाए हुए हैं. चर्चा है कि 45 साल बाद भारत का कोई पीएम पोलैंड आया. 
  8. नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोलैंड की मेरी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है. पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है. लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत बनाती है. 
  9. पीएम मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, तब जाम साहब आगे आए. हमारे जाम साहब को हर कोई गुड महाराजा के नाम से जानता है. जाम साहब मदद करने के लिए आगे आए थे. जाम साहब के बनाए रास्ते को पोलैंड ने जीवंत रखा है. गुजरात के भूकंप में जामनगर चपेट में आया था. पोलैंड ने गुजरात के भूकंप में मदद की थी.
  10. पीएम मोदी ने कहा कि पोलैंड की सरकार ने वीजा के बंधनों को हटाकर हमारे बच्चों के लिए दरवाजे खोले. मैं भारतीयों की तरफ से आपका अभिनंदन करता हूं. भारत और पोलैंड में अनेक समानताएं हैं. भारत के लोगों का लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है. भारत के ये चुनाव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव थे. हम भारतीय विविधता को जीना भी जानते हैं. भारतीय भाषाओं को पढ़ने वाले यहां अनेक लोग हैं. पोलैंड और भारत का जुड़ाव कबड्डी से भी है. 24 अगस्त से फिर कबड्डी की चैंपियनशिप होने जा रही है. 


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Analysis: परिवार में फूट से पार्टी में टूट तक... ऐसे हीरो से जीरो बन गया हरियाणा के चौटाला ताऊ का कुनबा

हरियाणा के सियासत की बात की जाए, तो चौधरी देवीलाल और उनके चौटाला कुनबे का जिक्र जरूरी हो जाता है. हरियाणा के ताऊ नाम से मशहूर देवीलाल चौटाला ने देश की आज़ादी के आंदोलन से लेकर डिप्टी पीएम तक का लंबा रास्ता बड़े रसूख के साथ तय किया. कहा जाता है कि ताऊ देवीलाल सत्ता में रहे हों या फिर सत्ता से बाहर, सरकार में धमक तो उनकी ही रहती थी. कई दशक लंबे अपने सियासी करियर में देवीलाल जननायक की छवि के साथ हरियाणा के दिल में बसे रहे.

एक वक्त ऐसा भी था, जब BJP के साथ गठबंधन सरकार में उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) बिग ब्रदर के रोल में हुआ करती थी. धीरे-धीरे परिवार में फूट का असर पार्टी में दिखने लगा. पार्टी में बिखराव हुआ तो INLD का कद भी घटता चला गया. परिवार के दो हिस्से हुए और INLD भी दो फाड़ हो चुकी है. हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा के चुनाव हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बिखर चुका चौटाला परिवार और बिखर चुकी INLD कैसे खुद को समेट पाती है:-

JBT घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सज़ा हुई पूरी, कागजी कार्रवाई पूरी होते ही होंगे रिहा

हरियाणा के ताऊ का रसूख
हरियाणा के ताऊ चौधरी देवीलाल की सियासी कहानी आजादी के बाद से शुरू होती है. 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में चौधरी देवीलाल संयुक्त पंजाब विधानसभा में विधायक बनकर गए. विधानसभा पहुंचकर उन्होंने भाषा के आधार पर अलग हरियाणा राज्य की मांग उठाई. 1957 और 1962 में भी वह विधायक बन कर पंजाब विधानसभा पहुंचे. हरियाणा बनने के बाद उनकी मुख्यमंत्री बंसीलाल से खटपट हो गई. मतभेद इतने गहरे हो गए कि 1968 के मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस ने देवीलाल को टिकट ही नहीं दिया. देवीलाल ने इसके बाद कांग्रेस ही छोड़ दी.

1975 में आपातकाल के दौर में वह आंदोलन में सक्रिय रहे. 1977 में वो हरियाणा में सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे. 1977-79 और फिर 1987 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. 1989 से 1991 तक केंद्र में जनता पार्टी की सरकार रही. वीपी सिंह और चंद्र शेखर की सरकारों में तब देवीलाल उप-प्रधानमंत्री रहे. 1989 में देवीलाल ने हरियाणा की रोहतक और राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से चुनाव जीता. फिर रोहतक सीट छोड़ दी. इसके बाद वे कभी रोहतक से चुनाव जीत नहीं पाए. 

परिवार में बिखर गई परिवार की विरासत
चौधरी देवीलाल के चार बेटे हुए और एक बेटी. ओम प्रकाश चौटाला, रणजीत सिंह, प्रताप सिंह और जगदीश सिंह. इनमें से प्रताप चौटाला और जगदीश चौटाला का निधन हो चुका है. बेटी शांति देवी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.

Analysis: क्या JJP का शिवसेना और NCP जैसा होगा हाल? BJP ने पहले तोड़ा नाता, अब विधायकों पर नजर!

1996 में अस्तित्व में आई INLD
कहते हैं एकजुटता में बड़ी ताकत होती है. कई बार राजनीति में एकजुटता की वजह से कई पार्टियों की किस्मत चमक जाती है. लेकिन अगर पार्टी में फूट पड़ जाए, तो ये घुन की तरह संगठन को खत्म कर देता है. INLD के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना भारत के चौधरी देवीलाल ने अक्टूबर 1996 में हरियाणा लोकदल (राष्ट्रीय) के नाम से की थी. INLD या इनलो 1987 के दौरान एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में राजनीतिक अस्तित्व में आई. ओम प्रकाश चौटाला ने इसका नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल कर दिया था. अभी देवीलाल के सबसे बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला पार्टी के अध्यक्ष हैं. ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला पार्टी के महासचिव हैं. जबकि INLD से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) की कमान ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और उनके बेटे दुष्यंत चौटाला के हाथों में है. 

कभी हरियाणा में थी धमक, अब कितना धाकड़ रह गया चौटाला परिवार? जानिए पूरे कुनबे की सियासी कुंडली

2018 में चौटाला परिवार बिखरा, INLD को हुआ नुकसान
2018 में चौटाला परिवार में विरासत की लड़ाई होने लगी. कुनबा बिखरा, तो दरारें INLD में भी दिखी. ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला की राहें जुदा हो गईं. INLD से अलग होकर उन्होंने जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाई. 2019 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी ने हरियाणा की कुल 90 में से 10 सीटें जीतीं. अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला किंगमेकर बनकर उभरे. BJP ने JJP के साथ मिलकर सरकार बनाई. हालांकि, लोकसभा चुनाव में JJP एक भी सीट नहीं जीत पाई. फिर भी गठबंधन बना रहा. इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव के पहले ही BJP और JJP का ब्रेकअप हो गया. खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और नायब सिंह सैनी सीएम बना दिए गए. ऐसे में मजबूरन दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद छोड़ना पड़ा. 

दुष्यंत चौटाला के चार विधायक... जो बन सकते हैं BJP के लिए हरियाणा में 'तुरुप का इक्का'

2024 के लोकसभा चुनावों में JJP ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि INLD ने उनमें से 7 सीटों पर चुनाव लड़ा. दोनों ही पार्टियों को एक भी सीट नहीं मिली. BJP और कांग्रेस ने 5-5 सीटें जीतीं. कभी देवीलाल के समर्थक रहे कांग्रेस के जय प्रकाश ने जाट बहुल हिसार सीट पर चौटाला परिवार के तीन सदस्यों देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह (BJP), ओम प्रकाश चौटाला की बहू सुनैना चौटाला (INLD) और नैना चौटाला (JJP) को हरा दिया. 

JJP के पास बच गए सिर्फ 3 विधायक
इसके बाद राज्य में JJP की हालत कमजोर होती गई. पहले पार्टी के पास 10 विधायक थे. अब सिर्फ 3 विधायक ही बचे हैं. बाकी या तो BJP में शामिल हो गए या कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में INLD को कोई सीट नहीं मिली। विधानसभा चुनाव में भी एक ही सीट मिली. 

INLD को चुनाव निशान खोने का खतरा
मौजूदा समय में देखें, तो INLD और JJP दोनों ही राज्य में अपनी राजनीतिक विरासत को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है. INLD के सामने अपना नाम और निशान खोने का खतरा भी है. क्योंकि अगर  इस बार के चुनाव में पार्टी ने कम से कम 6% वोट नहीं हासिल किए. या उसे एक सीट या 8% वोट नहीं मिले, तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन सकता है. ऐसे में चुनाव आयोग INLD से चश्मे का चुनाव निशान तक वापस ले सकता है.

हरियाणा में आखिर क्यों टूटा BJP-JJP का गठबंधन? दुष्यंत चौटाला ने सियासी उलटफेर के 8 दिन बाद बताई वजह



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VIDEO: देवरिया के SP का 'सिंघम अवतार', भीड़ से निपटने के लिए अकेले लगा दी दौड़

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर कुछ दलित और आदिवासी समूहों द्वारा बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया था.  कुछ जगहों पर बंद समर्थक हिंसक भी होते देखें गए. उत्तर प्रदेश के देवरिया में भी बंद समर्थक उग्र होने ही वाले थे कि एसपी संकल्प मिश्रा सिंघम की तरह भीड़ के बीच पहुंच गए और उन्होंने आगे बढ़ती भीड़ को रोक लिया. 

पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि एसपी स्वयं डिवाइडर फांदकर भीड़ की तरफ तेजी से बढ़ते हैं और भीड़ को कंट्रोल करते हैं. देवरिया के पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने जब देखा कि प्रदर्शनकारी माहौल बिगाड़ने वाले हैं, तभी एसपी ने तेज़ दौड़ लगाकर प्रदर्शनकारियों को तितर बितर कर आशंका टाल दी.  

एसपी की तत्परता की बदौलत आंदोलन कर रही भीड़ पीछे हट गयी. पुलिस अधिक्षक की सतर्कता की बदौलत देवरिया में बड़ा बवाल होने से बच गया. 

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Tuesday, 20 August 2024

किंग कोबरा और बाघ की यारी देख चकरा गया लोगों का सिर, पानी के किनारे आमने-सामने बैठकर चिल करते दिखे खूंखार शिकारी

Viral Video of King Cobra And Tiger: कोबरा को देखते ही लोगों के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगती हैं. अगर आपके सामने कोबरा आ जाए, तो यकीनन आप भी फौरन वहां से नौ दो ग्यारह हो जाएंगे. जानवरों से ज्यादा सांप का खौफ इंसानों के बीच देखने को मिलता है. वहीं शेर और बाघों को देखकर जंगल के अन्य जानवरों की सांसें अटक जाती हैं, क्योंकि बाघ उनकी जान के लिए खतरा हो सकता है. इससे पहले कि बाघ किसी को अपना शिकार बनाए, उससे पहले ही दूसरे जानवर फौरन वहां से रफू चक्कर होने में ही अपनी भलाई समझते हैं. भागने में जरा सी देरी होने के चक्कर में जान से हाथ धोना पड़ सकता है, लेकिन बाघ को सामने देखकर भी एक वन्यजीव जो खुद में बहुत खतरनाक है वह नहीं भागा. जंगल से सामने आ रहे एक ऐसे ही वीडियो में बाघ के सामने किंग कोबरा फन फैलाए दोस्त की तरह बैठा हुआ नजर आया.

कोबरा और बाघ की यारी (Tiger Vs Snake Viral Video)

अभिजीत सिंह चंदेल नाम के एक्स यूजर ने अपने अकाउंट से बाघ और किंग कोबरा का एक दिलचस्प वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में पानी की पतली धारा के एक तरफ बाघ और दूसरी तरफ किंग कोबरा फन फैला कर बैठा हुए दिखाई दे रहे हैं. बाघ भी बहते पानी के किनारे आराम से बैठा हुआ है. वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है मानो जैसे दो यार शांतिपूर्ण माहौल में सुकून से बैठकर चिल कर रहे हो. सोशल मीडिया पर बाघ और कोबरे की यारी का यह वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. यूजर्स इस वीडियो पर अपनी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं.

यहां देखें वीडियो

तडोबा नेशनल पार्क का है वीडियो (tiger and snake viral video)

वीडियो के साथ एक्स पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो तडोबा नेशनल पार्क का है. वीडियो में नजर आ रहा बाघ का बच्चा तडोबा नेशनल पार्क की बाघिन वीरा का शावक है. वीडियो पोस्ट करते हुए यूजर ने कैप्शन में लिखा, "क्या नजारा है. वीरा के बच्चे के सामने कोबरा." आमने-सामने सुकून से बैठे बाघ और कोबरा के वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अब तक दो हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

 


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हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत-जापान साझेदारी अहम : जापान के रक्षामंत्री से मुलाकात के बाद बोले राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान के बीच कई मामलों में परिणाम अपेक्षाओं से भी बेहतर रहे हैं जो दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच बेहतरीन तालमेल के कारण ही संभव हो पाया है. राजनाथ सिंह ने जापान के रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देशों ने साझे हितों के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय विषयों के बारे में चर्चा की. हिंद-प्रशांत क्षेत्र को दो महत्वपूर्ण देश होने के नाते, भारत और जापान कई मायनों में इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण प्रहरी हैं. इसलिए यह यह साझेदारी क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा, "हमारे, रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. साल 2047 में जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर रहे होंगे, उसके लिए हमने विकसित भारत का विजन रखा है. आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए स्वदेशी रक्षा क्षमता का निर्माण इस विजन का एक अभिन्न अंग है. आज की बैठक में हमने इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा अर्थपूर्ण नतीजों पर पहुंचने के लिए, एक-दूसरे के प्रयासों का समर्थन करने के निश्चय को व्यक्त किया है."

हिंद-प्रशांत पर भारत-जापान का साझा विजन : राजनाथ‍ सिंह 

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और जापान का हिंद-प्रशांत पर एक साझा विजन है. क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर सामान्य दृष्टिकोण बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "वर्ष 2023 हमारे रक्षा कार्यों में एक मील का पत्थर साबित हुआ. संयुक्त वार्ता की स्थापना और हमारी वायु सेनाओं के बीच पहला फाइटर अभ्यास 'वीर गार्जियन' हमारे रक्षा बलों के बीच बढ़ते इसी सहयोग का प्रतीक है. पहली बार, सशस्त्र सेनाओं की तीनों ही सेवाओं ने एक ही कैलेंडर वर्ष में संयुक्त अभ्यास किया है."

वैश्विक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की स्थापना के 10 वर्ष पूरे 

रक्षा मंत्री ने कहा कि सितंबर 2022 में टोक्यो में पिछली बैठक से लेकर अब तक संतोषजनक प्रगति हुई है. भारत और जापान के बीच तीसरी '2 प्लस 2' वार्ता में विशेष रणनीतिक और वैश्विक पार्टनरशिप को और आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने सभी मंत्रियों, उनके प्रतिनिधि मंडल और कर्मचारियों की सराहना की.

उन्होंने कहा कि यह वर्ष भारत और जापान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश अपनी विशेष वैश्विक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. पिछले दशक में रक्षा सहयोग के संबंध में दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की.
 



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Monday, 19 August 2024

ये क्रिएटिव एड्स देख आप भी रह जाएंगे दंग, बर्गर किंग से लेकर लैंड रोवर डिफेंडर तक लिस्ट में शामिल

प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री बढ़ाने या फिर ब्रांड को टार्गेट ऑडियंस के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए एडवर्टाइजमेंट का सहारा लिया जाता है. कुछ एड्स ऐसे होते हैं, जो हमारी जहन में बैठ जाते हैं. ऐसे इम्प्रेसिव एड्स के पीछे उन्हें बनाने वालों की क्रिएटिविटी होती है. क्रिएटिविटी का ही कमाल होता है कि ये एड्स दर्शकों के मन में छप जाते हैं. एक एक्स यूजर ने ऐसी ही 20 एड्स की लिस्ट शेयर की है, जो ना सिर्फ क्रिएटिव स्तर पर कमाल के हैं, बल्कि इन्हें आइकॉनिक कहना भी गलत नहीं होगा. इस लिस्ट में बर्गर किंग, बीबीसी से लेकर लैंड रोवर डिफेंडर तक के एड्स शामिल हैं.

20 क्रिएटिव एड्स की लिस्ट

ऋषभ नाम के एक्स यूजर ने अपने अकाउंट से क्रिएटिव एड्स को लेकर एक लंबा पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट में यूजर ने 20 सबसे क्रिएटिव और आइकॉनिक एड्स को सूचीबद्ध किया है. इस लिस्ट में बर्गर किंग और लैंड रोवर डिफेंडर से लेकर ड्यूरेक्स तक का एड शामिल है. एक्स यूजर के क्रिएटिव एड्स की लिस्ट में शैम- लुकिंग फॉर ए डिजाइनर, रेड, लैंड रोवर डिफेंडर, डिटोल, पेप्सी, नाइक, टोयोटा, न्यू बैलेंस, पोर्श, हिजेट एमपीवी 1996, जीप, त्सुरुया - द रूफ टाइल्स,ऑडी, सर्रियल, टाइमेक्स, बर्गर किंग और बीबीसी के एड्स शामिल हैं.

यहां देखें पोस्ट

'कुछ अद्भुत विज्ञापन'

एक्स यूजर ऋषभ का यह पोस्ट लोगों को काफी पसंद आ रहा है. क्रिएटिव एड्स की यह सूची सोशल मीडिया यूजर्स को काफी इम्प्रेसिव लग रही है. इस पोस्ट को अब तक 6.2 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है. एक्स यूजर्स इस क्रिएटिव और आइकॉनिक एड्स की लिस्ट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, "यह विज्ञापन प्रतिभाशाली और प्रफुल्लित करने वाले दोनों है...कभी-कभी सबसे सरल दृष्टिकोण सबसे अधिक ध्यान खींचता है." दूसरे यूजर ने लिखा, "यहां कुछ अद्भुत विज्ञापन हैं."

 
 


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इजरायल ने हमास के खिलाफ संघर्ष विराम के लिए अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकारा: एंटनी ब्लिंकन

इजरायल ने हमास के खिलाफ संघर्ष विराम के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इजरायल और हमास के बीच कई महीनों से जंग जारी है. एपी की खबर के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसकी जानकारी देते हुए हमास से भी ऐसा करने का आह्वान किया. 

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय में उनके साथ एक निजी बैठक की. इसके बाद एक विस्तारित बैठक आयोजित की गई, जिसमें सामरिक मामलों के मंत्री, प्रधानमंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप निदेशक, प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव, विदेश नीति सलाहकार, बंधकों और लापता लोगों के लिए समन्वयक, इजरायल में अमेरिकी राजदूत और प्रधानमंत्री के प्रवक्ता भाग लेंगे.

ब्लिंकन मिस्र और इजरायल की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य मिस्र और कतर के समर्थन से अमेरिका द्वारा पेश प्रस्ताव के माध्यम से युद्ध विराम और बंधकों तथा बंदियों की रिहाई के लिए समझौते की दिशा में अमेरिका के गहन कूटनीतिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के रास्ते खोजना है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस प्रस्ताव से गाजा में युद्ध विराम हो जाएगा, सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो जाएगी, ये सुनिश्चित हो जाएगा कि पूरे गाजा में मानवीय सहायता पहुंच सके, तथा व्यापक क्षेत्रीय स्थिरता के लिए परिस्थितियां तैयार हों.

इससे पहले दिन में ब्लिंकन ने इजरायल के राष्ट्रपति आईजैक हर्जोग से मुलाकात की. इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से इस क्षेत्र की उनकी यह नौवीं यात्रा थी.

चारों ओर से आतंक से घिरा हुआ है इजरायल- राष्ट्रपति आईजैक हर्जोग

इजराइली राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश पृथ्वी के चारों कोनों से आतंक से घिरा हुआ है, और एक लचीले और मजबूत राष्ट्र के रूप में इसका मुकाबला कर रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजरायली बंधकों को वापस लाने तथा उनके लिए हर संभव प्रयास करने से अधिक कोई बड़ा मानवीय उद्देश्य तथा कोई बड़ा मानवीय कारण नहीं है.

बंधकों को घर वापस लाने और युद्ध विराम कराने को निर्णायक क्षण और आखिरी अवसर करार देते हुए ब्लिंकन ने कहा कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर गहन कूटनीतिक प्रयास के तहत इजरायल का दौरा कर रहे हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "अब समय आ गया है कि इसे पूरा कर लिया जाए. ये सुनिश्चित करने का भी समय आ गया है कि कोई भी ऐसा कदम न उठाए जो इस प्रक्रिया को पटरी से उतार दे, और इसलिए हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि कोई तनाव न बढ़े, कोई उकसावे की कार्रवाई न हो, कोई ऐसी कार्रवाई न हो जो किसी भी तरह से हमें इस समझौते को पूरा करने से रोके."

उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि इजरायल में यह एक तनावपूर्ण क्षण है, क्योंकि ईरान, हिजबुल्लाह और अन्य स्रोतों से हमले की आशंका को लेकर गहरी चिंता है. जैसा कि आपने राष्ट्रपति को कहते सुना, अमेरिका ने किसी भी हमले को रोकने और यदि आवश्यक हो, तो किसी भी हमले से बचाव के लिए यहां सेना तैनात करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की है."



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Sunday, 18 August 2024

दिल्‍ली : एम्‍स के न्‍यूरोसर्जन ने घर में किया सुसाइड, पुलिस ने दवाओं की शीशियां और सीरिंज की बरामद

राष्ट्रीय राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) के 34-वर्षीय न्यूरोसर्जन ने रविवार को दक्षिणी दिल्ली स्थित अपने घर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने यह जानकारी दी है. पुलिस ने बताया कि गुजरात के राजकोट निवासी राज घोनिया की मौत संभवत: दवाओं के ओवरडोज के कारण हुई है, क्योंकि दक्षिणी दिल्ली के गौतम नगर इलाके में स्थित उनके घर से दवाओं की इस्तेमाल की हुई शीशियां और सीरिंज मिली है.

उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है, हालांकि घोनिया ने इसमें (आत्महत्या के लिए) किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है.

पुलिस को अचेत अवस्‍था में मिले घोनिया 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'रविवार दोपहर करीब दो बजे हौज खास पुलिस थाने को गौतम नगर इलाके में एक चिकित्सक के आत्महत्या करने की सूचना मिली. पुलिस मौके पर पहुंची और घोनिया को अचेत अवस्था में पाया.'

घोनिया को एम्स ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

वह एम्स के ट्रॉमा सेंटर में नियुक्त थे.

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Saturday, 17 August 2024

कांग्रेस संगठन में अहम नियुक्तियों को खरगे ने दी मंजूरी, AICC, RTI सहित कई विभागों में फेरबदल

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को संगठन में कई अहम नियुक्तियां की.  कांग्रेस अध्यक्ष ने एआईसीसी कानून, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी. इसके अलावा बिहार और त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस समितियों के अल्पसंख्यक विभागों के राज्य अध्यक्षों की नियुक्ति और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के लिए वॉर रूम अध्यक्षों की नियुक्ति के संशोधित प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दी गई.

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वॉर रूम अध्यक्षों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी. महाराष्ट्र में चल्ला वामशी चंद रेड्डी, हरियाणा में नवीन शर्मा और जम्मू-कश्मीर में गोकुल बुटेल वॉर रूम अध्यक्ष होंगे. वहीं, ससिकांत सेंथिल राष्ट्रीय वॉर रूम के अध्यक्ष बने रहेंगे.

इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बिहार और त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभागों के अध्यक्षों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. ओमैर खान बिहार अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष होंगे और रुहुल अमीन त्रिपुरा अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष होंगे.

खरगे ने एआईसीसी कानून, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी तत्काल प्रभाव से मंजूरी दी. डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी विभाग के अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा सीनीयर पैनल में 7 और कार्यकारी पैनल में 11 लोगों को शामिल किया गया.

सीनीयर पैनल में सलमान खुर्शीद, विवेक तन्खा, हरिन रावल, प्रशांतो सेन, देवदत्त कामथ, केटीएस तुलसी और विपुल माहेश्वरी को शामिल किया गया है. वहीं, कार्यकारी पैनल के सचिव मुहम्मद अली खान होंगे. उनके अलावा इस पैनल में अमन पनवार, उमर होदा, ईशा बख्शी, अर्जुन शर्मा, निशांत मंडल, अमित भंडारी, तरन्नुम चीमा, निंगोम्बम बुपेंडा मैतेई, लालनुन्हलुई राल्ते और स्वाति ड्रैक को शामिल किया गया है.

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Friday, 16 August 2024

Maroon Color Sadiya: मरून कलर सड़िया जोड़ी का नया धमाल, निरहुआ और आम्रपाली दुबे का नया गाना तू अइला हमरा जिनगी में रिलीज

Maroon Color Sadiya fame Nirahua and Amrapali Dubey New Bhojpuri Song: मरून कलर सड़िया भोजपुरी सॉग्न ने यूट्यूब पर फैन्स का जमकर दिल जीता. दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली दुबे की भोजपुरी फिल्म फसल का ये गाना यूट्यूब पर 175 मिलियन यानी 17.50 करोड़ व्यूज का आंकड़ा पार कर चुका है. लेकिन इसकी लोकप्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही है. लेकिन इसी बीच भोजपुरी सिनेमा के जुबली स्टार निरहुआ और भोजपुरी की यूट्यूब क्वीन आम्रपाली दुबे का नया भोजपुरी सॉन्ग रिलीज हो गया है. ये भोजपुरी गानी उनकी भोजपुरी फिल्म माई से है. भोजपुरकी सॉन्ग तू अइला हमरा जिनगी में गाने में भोजपुरी सिनेमा की इस सुपरहिट जोड़ी की बहुत ही प्यारी सी केमेस्ट्री देखने को मिल रही है. 

दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली दुबे का भोजपुरी सॉन्ग तू अइला हमरा जिनगी में भोजपुरी फिल्म माई: प्राइड ऑफ भोजपुरी से है. इस भोजपुरी गाने को वर्ल्डवाइड रिकार्ड्स भोजपुरी के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है. इस गाने के वीडियो में दिखाया गया है कि दिनेश लाल यादव निरहुआ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के साथ रहते हैं और साधारण जीवन जीते हैं. उन्हें देखकर आम्रपाली के दिल में प्यार उमड़ पड़ता ह. लेकिन आम्रपाली दुबे को यह नहीं पता है कि निरहुआ के असली हालात क्या हैं. इस भोजपुरी गाने में निरहुआ को लेकर आम्रपाली दुबे का एकतरफा प्यार नजर आ रहा है. इस भोजपुरी गाने के बोल भी काफी मजेदार हैं, ‘तू अइला हमरा जिनगी में बनके त्यौहार पिया, तू अइला हमरा जिनगी में बनके त्यौहार पिया, मनवा में लड्डू फूटत बा, जब से भईल बा प्यार पिया, तू अइला हमरा जिनगी में बनके त्यौहार पिया...'

तू अइला हमरा जिनगी में सॉन्ग रिलीज

निरहुआ और आम्रपाली दुबे के भोजपुरी सॉन्ग तू अइला हमरा जिनगी में को सिंगर स्निग्धा सरकार ने गाया है. इसके संगीतकार रजनीश मिश्रा हैं, इस गीत को गीतकार प्यारेलाल यादव कवि ने लिखा है. इस फिल्म के निर्माता ज्योति देशपांडे और निशांत उज्ज्वल हैं. फिल्म के निर्देशक रजनीश मिश्रा हैं. भोजपुरी फिल्म ‘माईः प्राइड ऑफ भोजपुरी' ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज हुई है. इस फिल्म में एक बेटे के मां के प्रति समर्पण को बड़े ही मार्मिक और हृदयस्पर्शी रूप में दिखाया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि एक बेटा अपनी मां की खातिर ऐशो आराम की जिंदगी छोड़कर भिक्षुक का जीवन जीने लगता है. यह बहुत ही मर्मस्पर्शी फिल्म है, जो हर किसी को अपने आप से कनेक्ट करती है. 



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राजस्थान में बारिश का दौर जारी, दिल्ली में उमस से बढ़ेगी परेशानी, जानें देश के मौसम का हाल

बारिश ने दिल्ली-एनसीआर में एक अनोखा रिकॉर्ड बना दिया है. दरअसल, अगस्‍त महीने में लगातार 15 दिनों तक बारिश हुई है. देखा जाए तो गर्मी और उमस से लोगों को काफी राहत मिली है. मौसम विभाग ने बताया कि शुक्रवार की तरह शनिवार को भी दिल्ली में बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने राजधानी में शनिवार को बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभवाना जताई है.

शनिवार को कैसा रहेगा मौसम?

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में शनिवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान 35 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है. आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 1.4 डिग्री अधिक है. दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में ह्यूमिडिटी अधिक होने के चलते पसीने वाली गर्मी का सामना करना पड़ेगा.

राजस्थान में बारिश से कोई राहत नहीं

राजस्थान में अगले 24 घंटे के दौरान जोधपुर, अजमेर और बीकानेर संभागों के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है. जयपुर मौसम केन्द्र के प्रभारी और प्रवक्ता राधेश्याम शर्मा ने यह जानकारी दी. राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के चलते नागौर, बीकानेर में जर्जर मकान गिर गए, जबकि जयपुर में एक जर्जर मकान को नगर निगम ने गिरा दिया. जोबनेर में पानी के कटाव के कारण एक मकान ढह गया. पुलिस के अनुसार इन हादसों में कोई जनहानि नहीं हुई.

पाली के सोजत में तेज बहाव में कार बह गई. लोगों ने कार और चालक को बाहर निकाला. चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में बृहस्पतिवार को तेज बारिश के चलते 50 से अधिक लोग पाड़ाझर झरने में फंसे गये और उन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बचा लिया.

यूपी में कैसा रहेगा मौसम?

मौसम विभाग के अनुसार, यूपी में मौसम तेजी से बदल रहा है.बादलों की आवाजाही और बारिश के कारण तापमान में कमी आई है. कई जिलों में तापमान में  4 से 5 डिग्री सेल्सियस की कमी हुई है. मौसम विभाग ने बताया कि यूपी के कुछ जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने की संभावना है. दिल्ली से सटे जिलों में ह्यूमिडिटी होने की संभावना है.

हिमाचल प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम?

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले सप्ताह से जारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य में 120 से अधिक सड़के अवरुद्ध हैं व निचले इलाके जलमग्न हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं, केरल के विभिन्न हिस्सों में भी भारी बारिश का दौर जारी है. मौसम विभाग ने राज्य के दो जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

स्थानीय मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार को भारी से बहुत भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया. वहीं, 21 अगस्त तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है.

उत्तराखंड का हाल बेहाल

मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड का मौसम खराब होने की संभावना है. 17 अगस्त के मौसम की बात करें, तो माैसम विभाग ने राज्य के पांच जिलों के लिए येलो लाइट जारी किया है, जिनमें राजधानी देहरादून, टिहरी, पाैड़ी, नैनीताल और बागेश्वर जनपद में भारी बारिश का अलर्ट है. वहीं शेष जिलों के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है.



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