शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को कहा कि फिलहाल असम की जेल में बंद अमृतपाल सिंह खुद को “मुक्त” कराने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ रहा है और लोगों से पूछा कि क्या कट्टरपंथी उपदेशक उनका नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त है. ‘वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख 31 वर्षीय अमृतपाल पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है.
अमृतपाल अपने नौ साथियों के साथ फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद है.यहां पार्टी उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा के पक्ष में एक सभा को संबोधित करते हुए बादल ने लोगों से उस “साजिश” को समझने की अपील की जिसके तहत अमृतपाल को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जा रहा है.
उन्होंने लोगों से यह निर्धारित करने के लिए भी कहा कि क्या एक व्यक्ति जिसने एक साल पहले ‘सिखी सरूप' हासिल किया था, वह उनका नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त है. बादल ने कहा, “एक साल पहले ‘चोला' पहनने वाला और ‘अमृत' ग्रहण करने वाला व्यक्ति ‘पंथ' का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है...”
उन्होंने कहा कि उनकी 103 साल पुरानी पार्टी (शिअद) का ‘पंथिक' मूल्यों की रक्षा करने का इतिहास रहा है. उन्होंने लोगों से यह आकलन करने का आग्रह किया कि क्या अमृतपाल को ‘‘केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार किया गया है.''
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी और क्या व्याख्या हो सकती है कि जिस व्यक्ति को पहले प्रचारित किया गया, फिर पेश किया गया, फिर गिरफ्तार किया गया और अब उसे सुरक्षित हिरासत में रखा जा रहा है ताकि शिअद की लोकप्रियता का मुकाबला करने के लिए संसदीय चुनावों में उम्मीदवार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके?''
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