Friday, 31 May 2024

सातवां फेज, 8 राज्य और 57 सीटें... : NDA या INDIA? कौन होगा 2024 के फाइनल राउंड का चैंपियन?

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) का सफर समाप्ति की ओर है. शनिवार (1 जून) को सातवें फेज में 7 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की कुल 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. आखिरी फेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की संसदीय सीट वाराणसी में भी वोटिंग होनी है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, अनुराग ठाकुर, एक्ट्रेस कंगना रनौत, भोजपुरी एक्टर रवि किशन, भोजपुरी सिंगर पवन सिंह, काजल निषाद भी चुनाव लड़ रहे हैं. सातवें फेज में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, अफजाल अंसारी, विक्रमादित्य सिंह की किस्मत का भी फैसला होगा. 

2019 में इन 57 सीटों में से सबसे ज्यादा 25 सीटें BJP ने जीती थी. TMC को 9, BJD के 4, JDU और अपना दल (एस) 2-2 सीटें मिली. JMM महज 1 सीट जीत सकी थी. कांग्रेस को केवल पंजाब की बदौलत 8 सीटों पर जीत मिली थी. आइए समझते हैं कि लोकसभा चुनाव के फाइनल राउंड में कौन सी सीटों पर BJP की मजबूत पकड़ है. कहां INDIA अलायंस का पलड़ा भारी है.

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किस राज्य की कौन-कौन सी सीटों पर होनी है वोटिंग?
1. पंजाब (13 सीटें): गुरदासपुर, अमृतसर, जालंधर,खडूर साहिब, होशियारपुर, आनंदपुर, साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर और पटियाला में वोट डाले जाएंगे.

2. उत्तर प्रदेश (13 सीटें): महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज में मतदान होंगे.

3. पश्चिम बंगाल (9 सीटें): दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादपुर, कोलकाता साउथ, कोलकाता नॉर्थ में वोट डाले जाएंगे.

4. ओडिशा (6 सीटें): मयूरभंज,बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर में मतदान है.
 
5. हिमाचल प्रदेश (4 सीटें): कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला में वोटिंग होगी.

6. झारखंड (3 सीटें): राजमहल, दुमका और गोड्डा में वोटिंग कराई जाएगी.

7. बिहार (8 सीटें):  पाटलिपुत्र, पटना साहिब, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकट, जहानाबाद और नालंदा में मतदान है.

8.चंडीगढ़ (1 सीट): चंडीगढ़ सीट पर वोटिंग होगी.

2019 के सातवें फेज में किसकी कितनी उड़ान?
2019 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों को देखें, तो बिहार की 8 में से 8 सीटों पर NDA को जीत मिली थी. चंडीगढ़ सीट पर BJP को जीत मिली. हिमाचल प्रदेश की सभी 4 सीटें BJP के खाते में गई. झारखंड की 3 में से 2 सीटों पर BJP ने कमल खिलाया. ओडिशा की 6 में 4 सीटों पर BJD उम्मीदवारों ने जीत का स्वाद चखा. पंजाब की 13 में से 8 सीटों पर कांग्रेस के हाथ मजबूत हुए. उत्तर प्रदेश की 13 में से 11 सीट NDA ने अपने नाम किए. बंगाल की सभी 9 सीटों पर ममता बनर्जी की TMC को जीत मिली.         
 

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2024 के सातवें फेज में किस पार्टी के कितने उम्मीदवार?
2024 के लोकसभा चुनाव के सातवें फेज में बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज्यादा 56 उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी ने 51 कैंडिडेट उतारे हैं. कांग्रेस ने 31 उम्मीदवारों पर दांव खेला है. टीएमसी ने 9 प्रत्याशियों को मैदान में भेजा है. समाजवादी पार्टी ने 9 प्रत्याशी खड़े किए हैं. सीपीआई-एम 8 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अकाली दल ने 13 उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. आम आदमी पार्टी भी पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजू जनता दल ने 6 उम्मीदवार खड़े किए हैं. सीपीआई ने 7 उम्मीदवार उतारे हैं.
    
   

2019 के इलेक्शन में पहले फेज में 70% वोटिंग हुई. 2024 के पहले फेज में सिर्फ 66.1% वोटर टर्नआउट रहा. 2019 के दूसरे फेज में 70.1% वोटिंग हुई और 2024 के दूसरे फेज में 66.7% मतदान रिकॉर्ड हुआ. 2019 के तीसरे फेज का वोटर टर्नआउट 66.9% रहा. जबकि 2024 के तीसरे फेज में 65.7% वोटिंग हुई थी. 2019 के चौथे फेज में 69.1% वोटिंग हुई, जबकि 2024 के चौथे फेज में 69.2% वोट पड़े थे. 2019 के पांचवें फेज में 62% वोट पड़े. 2024 के पांचवें फेज में 62.2% वोट पड़े थे. 2019 के छठे फेज में 64.2% वोटिंग हुई थी.  2024 के इलेक्शन के छठे फेज में 63.4% वोटिंग हुई.    

क्या BJP स्ट्राइक रेट सुधार पाएगी?    
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी कहते हैं, "पिछले इलेक्शन में 57 सीटों में से NDA ने 30 सीटें जीती थी. BJP की 60% स्ट्राइक रेट थी, जो उसके ऑल इंडिया एवरेज से कम थी. इस चुनाव में पहले, चौथे फेज में BJP का स्ट्राइक रेट पिछली बार की तुलना में कम रहा. इस बार BJP को अपना बेस मजबूत करना है. बिहार में सातवें फेज में 8 सीटों पर वोटिंग होनी है. वहां तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की वजह से BJP को थोड़ी मुश्किलें देखनी पड़ रही है. बंगाल की बात करें, तो पिछले चुनाव में BJP एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. पीएम मोदी का फोकस कोलकाता में रहा था. इसबार BJP को वहां सीटें बढ़ानी है. ओडिशा में भी BJP के सामने चुनौती है. अगर BJP बंगाल, ओडिशा और बिहार में सीटें बढ़ा लेती है, तो उसका स्ट्राइक रेट सुधार जाएगा."

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INDIA गठबंधन भरेगा उड़ान?
कांग्रेस प्रवक्ता अजय उपाध्याय कहते हैं, "राहुल गांधी ने इस बार कई राज्यों में प्रचार किया है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान लोगों का समर्थन दिखा है. चुनाव का एजेंडा भी वास्तव में राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से ही तय हुआ था. महिलाओं, युवाओं के अधिकारों की बात कांग्रेस ने की और प्लान रखा. निश्चित तौर पर इस चुनाव में INDIA गठबंधन उड़ान भरेगा."

बंगाल में TMC को झटका देगी BJP?
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी कहते हैं, "बंगाल में पीएम मोदी का जादू चल सकता है. इसके 5 कारण हैं. पहला कारण- ममता बनर्जी कांग्रेस के INDIA अलायंस का हिस्सा नहीं हैं. इससे नुकसान होगा. ये चुनाव चूंकि लोकसभा का चुनाव है. इसलिए चुनाव में प्रो बीजेपी या एंटी बीजेपी, प्रो मोदी या एंटी मोदी का माहौल बनेगा. एंटी मोदी वोट कहीं न कहीं TMC या कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन में बंट सकती है. दूसरा कारण- पीएम मोदी की लोकप्रियता बंगाल में भी अच्छी-खासी है. पिछले चुनाव में 32% मतदाताओं ने पीएम मोदी के नाम पर वोट किया था. तीसरा करण-BJP को लाभार्थियों का भी बड़ा एडवांटेज मिल सकता है. मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी चाहे वो महिला हो, किसान हो... उसका भी अच्छा खासा असर बंगाल में देखने को मिलेगा." 

अमिताभ तिवारी कहते हैं, "चौथा कारण- BJP को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और संदेशखाली मामले का फायदा मिल सकता है. बंगाल में मुस्लिम आबादी करीब 30% है. इसलिए यहां पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण काम कर सकता है. पिछले चुनावों में हमने देखा है कि जहां भी ध्रुवीकरण होता है, वहां BJP को ऑटोमेटिक फायदा मिलता है. पांचवां कारण-" एंटी इंकमबेंसी का असर भी दिखेगा. 13 ऐसी सीटें हैं, जहां ममता के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी भी अच्छी-खासी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि BJP इन स्थितियों का फायदा उठा पाती है या नहीं." 

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Thursday, 30 May 2024

10 साल की उम्र में इतना तेज दिमाग, सिंगापुर के इस बच्चे ने बॉल उछालते हुए महज 11 सेकंड में सॉल्व कर दिया रूबिक्स क्यूब

रियूबिक्स क्यूब तो आप सब ने देखे ही होंगे, वही क्यूब्स जो चौकोर शेप में होते हैं और उसमें बहुत से अलग-अलग रंग के स्क्वेयर जुड़े होते हैं. इन स्कवेयर्स को घुमा कर अलग-अलग कर दिया जाता है. जिसके बाद चुनौती होती है कि हर कलर के स्क्वेयर को घुमा-घुमा कर एक ही फेज में लेकर आना है. ये सबके लिए आसान नहीं होता. कई लोग तो जबरदस्त माथापच्ची के बाद भी रूबिक्स क्यूब सॉल्व नहीं कर पाते हैं, लेकिन दस साल के एक बच्चे ने ये क्यूब सॉल्व करने में कमाल ही कर दिया. ये कमाल है ऐसा है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. इस कमाल के बाद बच्चे का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.

ये है कारनामा

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस ने इस बच्चे का ये कारनामा करते हुए वीडियो भी शेयर किया है. सिंगापुर के इस बच्चे का नाम है Zirui Mason Zhou. इस बच्चे को बचपन से ही क्यूब पजल सॉल्व करने का शौक रहा है. ये शौक इतना बढ़ा कि जोहू कम उम्र में ही क्यूब सॉल्व करना सीख गया और धीरे-धीरे एक ही हाथ से क्यूब सॉल्व करने की प्रेक्टिस भी कर डाली. गिनीज बुक का रिकॉर्ड बनाने के लिए जोहू ने 10.43 सेकंड्स में 2*2*2 का क्यूब सॉल्व किया, वो भी एक ही हाथ से. दूसरे हाथ से जोहू दो बॉल्स को जगल भी करता रहा.

यहां देखें पोस्ट

यूजर्स ने की तारीफ

जोहू के इस कारनामे पर उन्हें सोशल मीडिया पर खूब तारीफें मिल रही हैं. एक यूजर ने लिखा कि, 'इस बच्चे के पास एक नहीं बीस-बीस आंखें हैं.' एक अन्य यूजर ने उसकी तारीफ में लिखा कि, 'ये हुई न कोई बात. इसे कहते हैं रिकॉर्ड बनाना.' आपको बता दें कि, करीब पचास साल पहले Erno Rubik ने इस क्यूब को बनाया था. तब से अब तक ये दुनियाभर के लिए एक फेवरेट माइंड गेम बन चुका है.

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चीखें, खून और शव...जम्मू में बस हादसे के बाद सेना ने संभाला मोर्चा, घायल की जुबानी दुर्घटना की कहानी  

Bus Accident in Jammu : जम्मू जिले में बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक बस के सड़क से फिसलकर खाई में गिर जाने से 22 यात्रियों की मौत हो गई तथा 57 घायल हो गए. चीखें, खून और शव देखकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो मौके की नजाकत देख सेना तक बचान अभियान में शामिल हो गई. सेना, पुलिस और स्थानीय लोगों ने शवों और घायलों को रस्सियों के सहारे खाई से बाहर निकाला. सेना ने बस को खाई से बाहर निकालने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया और अभियान अभी भी जारी है. अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्घटना जिले के चौकी चोरा क्षेत्र के टुंगी मोड़ पर हुई. बस करीब 150 फुट गहरी खाई में गिर गई थी. घटना अपराह्न 12 बजकर 35 मिनट की है. बस का पंजीकरण नंबर यूपी81सीटी-4058 है. यात्रियों में से अधिकतर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के हैं.

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों में से एक अमर चंद ने कहा, ‘‘एक कार विपरीत दिशा से आ रही थी. चालक बस को एक तीखे मोड़ से निकाल रहा था, लेकिन वह विफल रहा, जिसके चलते वाहन खाई में गिर गया.''जम्मू के जिला मजिस्ट्रेट ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर बताया कि घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना में 22 लोगों की मौत हो गई है और 57 लोग घायल हुए हैं. बस हरियाणा के कुरुक्षेत्र से श्रद्धालुओं को लेकर जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के पौनी इलाके में शिवखोड़ी जा रही थी. बस ने अपना सफर उत्तर प्रदेश से शुरू किया था. 

उपराज्यपाल ने की मुआवजे की घोषणा
जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने इस घटना में लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया. इसके साथ ही एलजी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि जम्मू के अखनूर में हुई बस दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को पांच-पांच लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शवों को अखनूर में उप जिला अस्पताल में भिजवा दिया है. उन्होंने बताया कि घायलों को जम्मू में राजकीय मेडिकल कॉलेज-सह-अस्पताल (जीएमसी) में भर्ती कराया गया है.

सीएम योगी ने भी मुआवजे की घोषणा की
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की और मुआवजे का ऐलान किया. उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएम की ओर से हादसे में गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद की घोषणा की गई है. सीएम योगी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदेश के अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही राहत कार्य में तेजी लाने को भी कहा है. सीएम के निर्देश पर मथुरा, अलीगढ़ और हाथरस की पुलिस व प्रशासन की टीम राहत कार्यों की निगरानी के लिए जम्मू रवाना हो गईं है.

सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "जम्मू-कश्मीर में एक दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद है. इस दुर्घटना में अपने आत्मीय जनों को खोने वाले शोक संतप्त लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें."
 



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Wednesday, 29 May 2024

अब डायबिटीज की छुट्टी! वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला इलाज; इंसुलिन को बोलिए बाय-बाय

डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर और लगातार बढ़ने वाली बीमारी है जिसमें खून में ग्लूकोज लेवल हाई रहता है. भारत सहित दुनिया भर के लोग इस गंभीर बीमारी से जूझते रहे हैं. आज के समय में लगभग हर उम्र के लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.  खराब खानपान और बिगड़ी लाइफस्टाइल के कारण ये लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि अब डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए चीन से अच्छी खबर सामने आयी है. चीन के वैज्ञानिकों (Chinese scientists) ने डायबिटीज का इलाज खोज निकाला है. इंसुलिन पर निर्भरता खत्म होने वाली है. 

डायबिटीज की बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है. चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसा मुमकिन कर दिखाया है. इनोवेटिव सेल थेरेपी के ज़रिए एक मरीज का डायबिटीज ठीक भी किया जा चुका है. Shanghai Changzheng Hospital और Renji Hospital ने इस थेरेपी का ईजाद किया है.  सेल डिस्कवरी जर्नल ने इसे प्रकाशित भी किया है.  डायबिटीज के मरीज का सेल ट्रांसप्लांट जुलाई 2021 में किया गया था. 

11 हफ्तों के बाद ही मरीज की इंसुलिन की जरूरत खत्म हो गई.  साथ ही कुछ सालों के भीतर ही डायबिटीज की दवाई लेने की जरूरत भी खत्म हो गई. 33 महीनों से मरीज इंसुलिन फ्री है. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक चीन में 140 मिलियन डायबिटीज के मरीज हैं. इनमें से 40 मिलियन की निर्भरता इंसुलिन के इंजेक्शन पर है. 

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Tuesday, 28 May 2024

NDTV इलेक्शन कार्निवल : अंबाला में किसान आंदोलन, रोजगार, स्वास्थ्य सबसे अहम मुद्दा; बीजेपी और कांग्रेस में है सीधा मुकाबला

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश भर में प्रचार अभियान चरम पर है. पांच चरण के चुनाव के बाद छठे चरण के लिए सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. देश में जनता का मिजाज क्या है इसे जानने के लिए एनडीटीवी की टीम ग्राउंड जीरो पर लगातार पहुंच रही है. NDTV इलेक्शन कार्निवल' (NDTV Election Carnival) के साथ कई राज्यों से होते हुए 9000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर हरियाणा पहुंच चुका है. गुरुग्राम के बाद हमारा अगला पड़ाव हरियाणा में अंबाला रहा. अंबाला लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहा है.  इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है. पिछले 2 चुनाव से बीजेपी को इस सीट पर जीत मिलती रही है. 

एनडीटीवी के इलेक्शन कार्निवल में BJP, कांग्रेस, JJP और INLD के प्रतिनिधि जनता के बीच पहुंचे थे. कार्यक्रम में जनता ने जमकर अपने सवाल को उठाया. बड़ी संख्या में व्यवसायी भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. व्यापारियों ने किसानों के आंदोलन के समाधान की मांग की उन्होंने कहा कि इसके कारण उनका व्यापार चौपट हो रहा है. 

विपक्षी दल के लोग किसानों को भड़का रहे हैं: बीजेपी प्रवक्ता नेहा धवन
बीजेपी नेता ने कहा कि हरियाणा में समरसता खराब करने में विपक्ष की भूमिका रही है. किसान आंदोलन में भी कुछ लोग नकारात्मक हैं जिन्होंने इस आंदोलन को गलत दिशा दी है. किसानों के लिए हरियाणा के इतिहास में पहली बार 14 फसलों पर एमएसपी की शुरुआत की गयी. यह काम किसी भी सरकार ने नहीं किया था. किसानों को विपक्ष के द्वारा भड़काया गया है. बीजेपी ने हमेशा किसानों को सम्मान दिया है. हरियाणा में जब कांग्रेस की सरकार थी तो किसान अपने फसल को सड़कों पर फेंक देते थे. किसानों को कोई सुविधा नहीं थी.

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किसानों को बीजेपी की सरकार में गोली मारी गयी: कांग्रेस प्रवक्ता चित्रा सरवारा
कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता चित्रा सरवारा ने कहा कि सबसे ज्यादा नकारात्मक तत्व आज कहीं अगर बैठे हैं तो वो भारतीय जनता पार्टी है. कृषि कानूनों को जिस तरह से मोदी सरकार ने पारित करवाया था उसके बाद ही तय था किसान सड़कों पर उतरेंगे. बड़े ही दुख की बात है कि अन्नदाता को गोली मारी जा रही है. 

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने किसानों को ठगा: INLD के नेता ओंकार सिंह
INLD के नेता ओंकार सिंह ने कहा कि किसान अपनी रक्षा करना जानता है. अगर वो कमल को उगा सकता है तो उसे काट भी सकता है. किसानों को गोली मारी गयी. बीजेपी कहती है कि आंदोलन करने वाले किसान नहीं है तो फिर सरकार उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करती है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 10 साल कांग्रेस का राज रहा कांग्रेस पार्टी ने किसानों के लिए क्या किया? किसान आंदोलन में कांग्रेस के नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया. हमारे एक मात्र विधायक ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया था. 

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14 फसलों पर एमएसपी की योजना, दुष्यंत चौटाला का था: जेजेपी
जेजेपी के प्रवक्ता ने दावा किया कि बीजेपी ने जिस 14 फसलों पर एमएसपी दिया वो दुष्यंत चौटाला की योजना थी. अगर ये इनकी योजना थी तो ये बताए कि बीजेपी शासित अन्य राज्यों में किसानों को एमएसपी क्यों नहीं मिला. 

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Monday, 27 May 2024

Analysis: पंजाब का 'सरदार' कौन? BJP को मिशन-370 के लिए कितनी उम्मीद

पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए चार-चार टीमें दावेदार है. पंजाब में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल और बीजेपी के बीज पंजाब में मुकाबला देखने को मिल रहा है. पंजाब में होने वाले चुनाव को लेकर सबसे बड़ी चर्चा है कि क्या आम आदमी पार्टी विधानसभा वाले अपने प्रदर्शन को एक बार फिर से दोहरा पाएगी या कांग्रेस अपने पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को एक बार फिर से करेगी.  

6 हॉट सीटों पर किसकी होगी जीत किसकी होगी हार? 

  1. अमृतसर: इस लोकसभा चुनाव में पंजाब में जिन सीटों को हॉट सीट माना जा रहा है उसमें सबसे पहला नंबर आता है अमृतसर का. अमृतसर में चौतरफा मुकाबला है. 1989 के चुनाव के बाद पहली बार पंजाब में ऐसा मुकाबला देखने को मिल रहा है. बीजेपी इस चुनाव में गैर सिख मतों पर फोकस कर रही है. अमृतसर में हिंदुओं की अच्छी आबादी है. 
  2. पटियाला: सीट पर इस चुनाव में भारी उठापटक देखने को मिला है. 2 बार से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत रही परनीत कौर ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं आम आदमी पार्टी की टिकट पर एक बार चुनाव जीतने वाले धरमवीर गांधी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह भी बीजेपी के साथ है. पटियाला सीट पर अमरिंदर सिंह की हमेशा से चर्चा रही है. लेकिन अमरिंदर सिंह की अब वो धार नहीं रही है. 
  3. जालंधर: में इस चुनाव में इस चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के विधायक को उम्मीदवार बनाया है. इस लोकसभा सीट पर हिंदुओं की आबादी लगभग 40 प्रतिशत से अधिक है. बीजेपी को इस आबादी से उम्मीद है. अब सबसे रोचक ये होगा कि आम आदमी पार्टी का जो आधार पिछले बार था क्या वो इस बार बीजेपी के प्रत्याशी को वोट करेगा. 
  4. बठिंडा: सीट पर पिछले तीन चुनावों से अकाली दल की हरसिमरत कौर चुनाव जीतती रही हैं. हालांकि इस बार समीकरण काफी बदल गए हैं. अकाली दल के साख में काफी कमी आ गयी है. बीजेपी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. आम आदमी पार्टी भी पूरी तैयारी में है. 
  5. लुधियाना: सीट पर पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. 2014 और 2019 में रवनीत सिंह बिट्टू ने चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंचे थे. हालांकि इस चुनाव में समीकरण बदले हुए दिख रहे हैं. इस चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू बीजेपी के उम्मीदवार हैं. लुधियाना में भी बीजेपी की नजर हिंदू वोट बैंक और रवनीत सिंह बिट्टू के आधार वोट के सहारे चुनाव जीतने की है. 
  6. गुरुदासपुर: सीट पर पिछले 2 चुनावों में बीजेपी को जीत मिली है. दोनों ही चुनावों में बीजेपी की तरफ से फिल्म स्टार मैदान में थे. इस चुनाव में बीजेपी ने फिल्म स्टार पर दांव नहीं खेला है. गुरुदासपुर सीट पर सनी देओल ने बहुत कुछ काम नहीं किया. हर चुनाव अलग-अलग होता है.  

    

पंजाब में एंटी सेंटर पॉलिटिक्स होती रही है: अमिताभ तिवारी
पंजाब में हमेशा से एंटी सेंटर पॉलिटिक्स होती रही है. 2014 में कांग्रेस के खिलाफ वोटिंग हुई थी एनडीए को अधिक सीट मिली थी. 2019 में एनडीए की हार हुई और कांग्रेस को अधिक सीटों पर जीत मिली. इस चुनाव में चौतरफा मुकाबला है. कांग्रेस पार्टी को न सिर्फ बीजेपी से बल्कि आम आदमी पार्टी से भी इस चुनाव में खतरा है. कांग्रेस पार्टी की सीटें इस चुनाव में कम हो सकते हैं. 

पंजाब में किसके साथ होगी जातीय गोलबंदी?
पंजाब की अगर बात करें तो राज्य में 58 प्रतिशत सिख आबादी, 38 प्रतिशत हिंदू अबादी और 32 प्रतिशत दलित आबादी है. कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को जब सीएम बनाया था तो उसे एक मास्टर स्ट्रोक बताया गया था हालांकि कांग्रेस को सफलता नहीं मिली थी. पंजाब में दूसरे राज्यों की तुलना में थोड़ी अलग हालात रहे हैं. 

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राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि पंजाब में पहले हिंदू बहुल सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ती थी वहीं अकाली दल सिख बहुल सीटों पर मैदान में उतरती थी. पंजाब की राजनीति मे बसपा का भी आधार रहा है. 2019 के चुनाव में कांग्रेस को लगभग सभी समाज का वोट मिला था. विधानसभा चुनाव में वो वोट आम आदमी पार्टी में शिफ्ट हो गया.  

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कॉलर पकड़ा, पिस्टल तानी, और फिर... : इंटरनेशनल शूटर ने लखनऊ में ऐसे सरेआम मचाई गुंडई; देखें VIDEO

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ के वेब मॉल के पास सड़क पर कार टकराने को लेकर विवाद के बाद बवाल हो गया. एक शख्‍स ने दबंगई दिखाते हुए दूसरे शख्‍स का कॉलर पकड़ लिया और सरेआम एक हाथ में पिस्‍तौल लहराते हुए उसे धमकी दी. इस घटना को एक गाड़ी में बैठे शख्‍स ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. 

अंतरराष्‍ट्रीय स्तर के निशानेबाज विनोद मिश्रा ने सरेआम दूसरे ड्राइवर रंजीत की टी-शर्ट पकड़ ली और उस पर पिस्तौल तान दी. साथ ही पिस्‍तौल से उस शख्‍स के पेट में भी मारा. जब पीड़ित ने अपने हाथों से खुद को बचाने की कोशिश की तो आरोपी ने उसे एक कार की ओर धकेल दिया और पिस्‍तौल के बट से उसके कंधे पर भी वार किया. 

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अमित कुमावत ने कहा, "रंजीत अपनी सफेद वैगनआर में भूतनाथ की ओर जा रहे थे, तभी उनकी कार ने मिश्रा की काली टाटा सफारी को टक्कर मार दी.  इससे उनके बीच बहस हुई और आरोपी ने अपनी बंदूक निकाल ली." 

मिश्रा ने उस व्यक्ति पर बंदूक से कम से कम तीन बार वार करके हमला किया. पीड़ित शख्स से माफी भी मांगी. हालांकि आरोपी पर इसका कोई असर नहीं हुआ और वह उन्‍हें धमकाता रहा.

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घटना लखनऊ के फैजाबाद रोड स्थित बांसमंडी में हुई. पीड़ित रंजीत द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने आरोपी विनोद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है. 

पुलिस ने मिश्रा की लाइसेंसी पिस्तौल भी जब्त कर ली है और मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने कहा कि घटना में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.  यह शख्स अंतरराष्‍ट्रीय स्तर का शूटर है और शूटिंग कोच के तौर पर काम कर रहा है.

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Sunday, 26 May 2024

ये है दुनिया का सबसे बड़ा आइसक्रीम कोन, 10 फीट लंबा और एक टन का वजन

World Tallest Ice Cream Cone : हाल ही में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज ने 10 फीट से अधिक ऊंचे आइसक्रीम कोन के मेकिंग का एक पुराना वीडियो शेयर किया है. दुनिया के सबसे बड़े आइसक्रीम कोन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) 2015 में....नॉर्वे में हेनिग-ऑलसेन नामक परिवार की आइसक्रीम कंपनी द्वारा बनाया गया था. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस विशाल कोन का वजन लगभग एक टन था और इसमें "1,080 लीटर" आइसक्रीम रखने की क्षमता थी.

कुछ इस तरह बनाया गई आइसक्रीम

हाल ही में पोस्ट किए गए इंस्टाग्राम वीडियो में हमें इसकी झलक मिलती है कि, कैसे कंपनी ने स्टील स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके विशाल कोन बनाय. इस कोन (ice cream cone) को भरने के लिए कर्मचारियों ने क्रीम को फेंटा. दिलचस्प बात यह है कि इस बड़े कोन को ले जाने के लिए किसी कार या ट्रक का इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि आइसक्रीम फैक्ट्री से एक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके एयरलिफ्ट किया गया. एक बार रिकॉर्ड बनने के बाद इसे लोगों के बीच बांट दिया गया. पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "सबसे ऊंचा आइसक्रीम कोन 3.08 मीटर (10 फीट 1.26 इंच) हेनिग-ऑलसेन इज़ एएस और ट्रॉनड एल वोई द्वारा बना.

यहां वीडियो देखें

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के साथ बातचीत में हेनिग-ऑलसेन के प्रोजेक्ट मैनेजर ट्रॉन वोईन ने कहा, "गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का खिताब एक विश्व उपलब्धि के लिए सर्वोच्च मान्यता है. हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमनें सभी आवश्यकता को पूरा किया और लक्ष्य हासिल किया."

कार्यक्रम की सफलता के बाद पाल हैनिग-ऑलसेन (परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य जो व्यवसाय चलाते थे) ने भी अपनी खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि, "नॉर्वे में क्रिस्टियानसैंड आइसक्रीम प्रेमियों से भरा हुआ था और हमने उन्हें आइसक्रीम के हजारों हिस्से परोसे. माहौल शानदार था और उपस्थित सभी लोगों के साथ इतने बड़े आइसक्रीम पल को साझा करने में सक्षम होना बहुत अच्छा था."

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Saturday, 25 May 2024

शोले के कालिया, सांबा, सूरमा भोपाली और अहमद की अनदेखी फोटो, याद आ जाएंगे गब्बर के जमाने के वो दिन

हिंदी फिल्मों के इतिहास में दर्ज शोले एक ऐसी मूवी है जिसके सिर्फ लीड कैरेक्टर ही नहीं या उसकी कहानी ही नहीं बल्कि छोटे छोटे से कैरेक्टर भी हिट हुए. ऐसे कैरेक्टर्स को मिला वन लाइनर डायलॉग आज भी बच्चे बच्चे की जुबान पर है. फिर चाहें सांबा हो या कालिया हो या फिर सूरमा भोपाली का ही किरदार क्यों न हो. सब आज भी उतने ही फेमस हैं. इस मूवी की पच्चीसवीं सालगिरह यानी कि सिल्वर जुबली एनिवर्सरी बहुत जोरशोर से मनाई गई थी. उस दौरान फिल्म के कुछ फेमस कैरेक्टर्स कैसे दिखते थे वो भी जान लीजिए.

बॉम्बे बसंती नाम के इंस्टाग्राम हैंडल ने शोले मूवी की सिल्वर जुबली पर हुई रीयूनियन का एक फोटो शेयर किया है. इस तस्वीर में आपको सूरमा भोपाली, सांबा, कालिया और अहमद नजर आएंगे. फिल्म में  सूरमा भोपाली का किरदार अदा किया था मशहूर कॉमेडियन जगदीप ने. सांबा बने थे मेकमोहन. जो जगदीप के बगल में बैठे नजर आ रहे हैं. मेकमोहन के पास बैठे हैं विजू खोटे जो बड़ी बड़ी मूंछों और बाल के साथ फिल्म में कालिया बने थे. जिनसे गब्बर सवाल भी करता है अब तेरा क्या होगा कालिया. और, सबसे कोने में बैठे हैं सचिन पिलगांवकर, जो फिल्म में अहमद बने थे.

शोले मूवी में सूरमा भोपाली का बतोले बाजी का अंदाज काफी फेमस हुआ था जिसमें वो भोपाली टोन बोलते नजर आए थे. सांबा अक्सर चट्टानों पर बैठा दिखता था. जिससे गब्बर सवाल करता है, अरे ओ सांबा कितने आदमी थी. और, सांबा का जवाब होता है दो. इसके बाद कालिया की बारी आती है. जिससे गब्बर सिंह सवाल पूछता है अब तेरा क्या होगा कालिया और कालिया का जवाब होता है सरकार मैंने आपका नमक खाया है. और बदले में गब्बर कहता है तो अब गाली खा. अहमद का कैरेक्टर एक ऐसे बच्चे का था जो नौकरी की तलाश में गांव से बाहर जाना चाहता है लेकिन उसकी लाश वापस आती है. सारे ही कैरेक्टर फिल्म की तरह ही खासे हिट रहे थे.



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Friday, 24 May 2024

दिल्ली : शख्स ने ट्रैफिक पुलिस को बोनट पर बैठाकर गाड़ी चलाई, उसे सिर्फ चालान काटकर छोड़ा गया

सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत ही तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स ट्रैफिक पुलिस को अपनी कार के बोनट पर चढ़ा कर गाड़ी चला रहा था. वहीं, एक स्कूटर सवार शख्स उस शख्स का पीछा कर रहा था. जानकारी के मुताबिक, स्कूटर पर सवार शख्स गाड़ी वाले का पीछा कर रहा था. उसके लाख कहने के बावजूद गाड़ी नहीं रो रहा था. 

देखें वीडियो

पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में शुक्रवार को हुई इस घटना के एक वीडियो में ट्रैफिक पुलिसकर्मी की टोपी कार की छत से ऊपर झांकती हुई दिखाई दे रही है, क्योंकि वह चलती गाड़ी पर लटका हुआ है. जब कार अंततः रुकती है, तो बोनट पर बैठा गुस्साया पुलिसकर्मी ड्राइवर पर चिल्लाता हुआ दिखाई देता है.

वीडियो में दिखाया गया है कि दूसरा पुलिसकर्मी, जो एक नागरिक के दोपहिया वाहन पर पीछे बैठकर पीछा कर रहा था, भी मौके पर पहुंचता है, कार का दरवाजा खोलता है और ड्राइवर का हाथ पकड़ता है.
 



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लोकसभा चुनाव के छठे फेज में 58 सीटों पर वोटिंग आज, मनोज तिवारी-कन्हैया समेत 889 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर

लोकसभा चुनाव  (Lok Sabha Elections 2024) के छठे फेज (Sixth Phase Voting) में शनिवार को 7 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की कुल 58 सीटों पर वोटिंग होगी. छठे फेज में दिल्ली की सभी 7 सीटें, हरियाणा की सभी 10 सीटें, बिहार की 8, झारखंड की 4, ओडिशा की 6, उत्तर प्रदेश की 14 और पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर वोटिंग होगी. वहीं, जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर तीसरे फेज में चुनाव होना था, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था. यहां छठे फेज में वोटिंग होनी है. इसके साथ ही ओडिशा राज्य विधानसभा के 42 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी मतदान कराया जाएगा. चुनाव आयोग के मुताबिक, छठे फेज में 889 कैंडिडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें 797 पुरुष और 92 महिला उम्मीदवार हैं. जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर 20 उम्मीदवार मैदान में हैं.

छठे फेज में 3 केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कृष्ण पाल सिंह गुर्जर और राव इंद्रजीत सिंह मैदान में हैं. वहीं, 3 पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, मनोहर लाल ख‌ट्‌टर और जगदंबिका पाल भी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके साथ ही भोजपुरी स्टार और सांसद मनोज तिवारी, मेनका गांधी, नवीन जिंदल, बांसुरी स्वराज, संबित पात्रा, राज बब्बर, निरहुआ की किस्मत भी EVM में लॉक हो जाएगी. ज्यादातर लोकसभा क्षेत्रों में वोटिंग टाइम सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक है, लेकिन कुछ स्थानों पर समय में बदलाव किया गया है.

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किस राज्य की कौन सी सीट पर वोटिंग?
दिल्ली- चांदनी चौक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली, पश्चिम दिल्ली और दक्षिण दिल्ली.
हरियाणा- अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी-महेंद्रगढ़, गुड़गांव, फरीदाबाद.
उत्तर प्रदेश- सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डोमरियागंज, बस्ती, संत कबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही.
बिहार- वाल्मिकी नगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज (SC),सीवान और महाराजगंज.
झारखंड- गिरिडीह, धनबाद, रांची, जमशेदपुर. 
ओडिशा- भुवनेश्वर, पुरी, ढेंकनाल, क्योंझर (SC), कटक, संबलपुर.
पश्चिम बंगाल- तमलुक, कांथी, घाटल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा, बिष्णुपुर.
जम्मू-कश्मीर-अनंतनाग-राजौरी.

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बीजेपी ने उतारे सबसे ज्यादा कैंडिडेट
छठे फेज में बीजेपी ने कुल 51 उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि कांग्रेस ने 25, समाजवादी पार्टी ने 12, टीएमसी ने 9, बीजू जनता दल ने 6, आम आदमी पार्टी ने 5 और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 4 उम्मीदवार उतारे हैं.

11.4 लाख मतदान अधिकारियों की लगी ड्यूटी
आम चुनाव 2024 के छठे फेज के लिए लगभग 11.4 लाख मतदान अधिकारी 1.14 लाख मतदान केंद्रों पर ड्यूटी देंगे. कुल 11.13 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 5.84 करोड़ पुरुष, 5.29 करोड़ महिलाएं और 5120  थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं. छठे फेज के लिए 8.93 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, 100 वर्ष से अधिक आयु के 23,659 मतदाता और 9.58 लाख दिव्यांग मतदाता हैं, जिन्हें अपने घर से ही मतदान करने का विकल्प दिया गया है.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
184 पर्यवेक्षक (66 सामान्य पर्यवेक्षक, 35 पुलिस पर्यवेक्षक, 83 व्यय पर्यवेक्षक) मतदान से कुछ दिन पहले ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं. सुरक्षाकर्मियों को आने-जाने के लिए 20 स्पेशल ट्रेनें तैनात की गई हैं. इसके अलावा कुल 2222 उड़न दस्ते, 2295 स्थैतिक निगरानी दल, 819 वीडियो निगरानी दल और 569 वीडियो अवलोकन दल तैनात रहेंगे.

कुरुक्षेत्र सीट से बीजेपी उम्मीदवार नवीन जिंदल सबसे अमीर प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के छठे फेज में 889 उम्मीदवारों में से 39% यानी 343 करोड़पति हैं. इन कैंडिडेट्स के पास औसत संपत्ति 6.21 करोड़ रुपये है. कांग्रेस से BJP में आए नवीन जिंदल सबसे अमीर कैंडिडेट हैं. उनके पास 1241 करोड़ की संपत्ति है. वो हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में हैं. सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों में SUCIC (C) के उम्मीदवार रामकुमार यादव का नाम है. उनके पास 1686 रुपये की संपत्ति है. जबकि रोहतक से निर्दलीय उम्मीदवार मास्टर रणधीर सिंह के पास संपत्ति के नाम पर महज 2 रुपये है.

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183 कैंडिडेट्स पर क्रिमिनल केस
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, छठे फेज में 183 कैंडिडेट ऐसे हैं, जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं. जबकि 141 उम्मीदवारों पर  हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले हैं.16 कैंडिडेट्स पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज है.

सीटें जिनपर रहेंगी नजर
1. नई दिल्ली- दिल्ली की इस प्रतिष्ठित सीट पर बीजेपी ने दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को उतारा है. जबकि उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से होगा. सोमनाथ भारती 3 बार के विधायक रह चुके हैं. ये दोनों उम्मीदवार पेशे से वकील हैं.

2. उत्तर-पूर्वी दिल्ली- इस सीट पर बीजेपी ने मनोज तिवारी को रिटेन किया है. जबकि INDIA अलायंस के गठबंधन के तहत कांग्रेस ने यहां कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया है. कन्हैया कुमार CPI के टिकट पर बिहार के बेगूसराय से 2019 का चुनाव लड़ चुके हैं. बाद में उन्होंने CPI छोड़ दिया और कांग्रेस का हाथ थाम लिया. मनोज तिवारी के खिलाफ कन्हैया कुमार को उतारकर कांग्रेस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट पर मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया है. 

3. सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)-  सुल्तानपुर में बीजेपी ने मेनका गांधी को मौका दिया है. उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के राम भुआल निषाद से होगा. मेनका इस सीट से 8 बार संसद पहुंची हैं. जबकि भुआल बड़े निषाद नेताओं में शुमार किए जाते हैं. निषाद समाज के वोट बैंक पर उनकी मजबूत पकड़ है.

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4. कुरुक्षेत्र (हरियाणा)- कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल दूसरी चुनावी पारी की शुरुआत कर रहे हैं. वो हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और INLD के अभय सिंह चौटाला से होगा.

5. गुड़गांव (हरियाणा)- हरियाणा की एक और सीट पर दिलचस्प मुकाबला है. गुड़गांव में इस बार कांग्रेस-बीजेपी की टक्कर है. बीजेपी ने राव इंद्रजीत सिंह को उतारा है. कांग्रेस से उनका सामना वेटरन एक्टर राज बब्बर करेंगे. राव इसी सीट से लगातार 3 बार संसद पहुंचे हैं. राज बब्बर अपनी स्टारडम से फायदा उठाना चाहेंगे.

6. करनाल (हरियाणा)- हरियाणा के पूर्व  सीएम मनोहर लाल खट्टर इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा से होगा.

7.अनंतनाग-राजौरी सीट (जम्मू-कश्मीर)- इस सीट पर 20 कैंडिडेट अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मुख्य मुकाबला PDP की महबूबा मुफ्ती और मियां अल्ताफ के बीच है. आर्टिकल 370 हटने के बाद यहां पहली दफा चुनाव होंगे.

8. पुरी (ओडिशा)- पुरी सीट को बीजू जनता दल का गढ़ माना जाता है. बीजेपी ने यहां संबित पात्रा को उतारा है. जबकि बीजेडी ने अरूप मोहन पटनायक को उम्मीदवार बनाया है.

9. सिवान (बिहार)- इस सीट से बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोंक रही हैं. JDU ने लक्ष्मी कुशवाहा को मौका दिया है.

10. तमलुक (बंगाल)- कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. TMC ने उनके खिलाफ 28 साल के देबांगशु भट्टाचार्य पर दांव खेला है. 

इसके बाद 1 जून को सातवें फेज में 56 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे. 4 जून को नतीजों का ऐलान होगा.


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Thursday, 23 May 2024

संडे को आ रहा है रेमल; 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है हवा, IMD ने दी यह हिदायत

रविवार शाम तक बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों से भीषण चक्रवाती तूफान टकराएगा. मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में यह मॉनसून से पहले इस सीजन का पहला चक्रवात है. हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवात के नामकरण प्रणाली के अनुसार इस तूफान का नाम रेमल रखा जाएगा. आईएमडी के मुताबिक रविवार को चक्रवात के कारण 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है.

IMD की हिदायत
मौसम कार्यालय ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के तटीय जिलों में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है. समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को तट पर लौटने तथा 27 मई तक बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की सतह के गर्म तापमान के कारण चक्रवाती तूफान तेजी से अपनी गति बढ़ा रहे हैं और लंबे समय तक अपनी शक्ति बरकरार रख रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप महासागर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से अधिकांश अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित कर रहे हैं.

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समुद्र की सतह का बढ़ रहा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 30 वर्षों में समुद्र की सतह का तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया है. आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पई के अनुसार, समुद्र की सतह के गर्म तापमान का मतलब अधिक नमी है, जो चक्रवातों की तीव्रता के लिए अनुकूल है. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि कम दबाव प्रणाली को चक्रवात में बदलने के लिए समुद्र की सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में सतह का तापमान फिलहाल 30 डिग्री सेल्सियस है. 

क्या मॉनसून पर प्रभाव पड़ेगा?
राजीवन ने कहा, ‘‘बंगाल की खाड़ी और अरब सागर इस समय बहुत गर्म हैं, इसलिए उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) आसानी से बन सकता है.''उन्होंने कहा, लेकिन उष्णकटिबंधीय चक्रवात न केवल समुद्र द्वारा नियंत्रित होते हैं, बल्कि इसमें वायुमंडल भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राजीवन ने कहा, 'अगर ऊर्ध्वाधर हवा (vertical wind) का झोंका बहुत बड़ा है तो चक्रवात तेज नहीं होगा. यह कमजोर हो जाएगा.' वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि मॉडल सुझाव देते हैं कि चक्रवात मानसून की प्रगति को प्रभावित नहीं करेगा. हालांकि, पई ने कहा कि यह कुछ हिस्सों में मॉनसून की प्रगति को प्रभावित कर सकता है. शुरुआत में यह प्रणाली मॉनसून को बंगाल की खाड़ी के ऊपर आगे बढ़ने में मदद करेगा. इसके बाद, यह मॉनसून परिसंचरण (Monsoon Circulation) से अलग हो जाएगा और बहुत सारी नमी खींच लेगा, जिसके परिणामस्वरूप उस क्षेत्र में इसकी प्रगति में थोड़ी देरी हो सकती है.

कैसे रखा जाता है चक्रवातों का नाम?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, मौसम के पूर्वानुमानकर्ता भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को एक नाम देते हैं. सामान्य तौर पर, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार किया जाता है. हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2004 में चक्रवातों के नामकरण के लिए एक सूत्र पर सहमति बनी थी. इस क्षेत्र के आठ देशों बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड सभी ने कुछ नाम दिए थे, ऐसे में जब भी कोई चक्रवाती तूफान विकसित होता है, तो उसे क्रमिक रूप से एक नाम दिया जाता है. चक्रवात को ऐसा नाम दिया जाता है, जो याद रखने और उच्चारण में आसान हो. आपत्तिजनक या विवादास्पद नाम नहीं रखे जाते. इन नामों को विभिन्न भाषाओं से भी चुना जाता है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों के लोग उन्हें पहचान सकें. नामकरण प्रणाली समय के साथ विकसित हुई है. शुरुआती वर्षों में, नामों को वर्णानुक्रम के अनुसार चुना जाता था. वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर के आधार पर एक नाम रखा जाता था. हालांकि इस प्रणाली से भ्रम पैदा होता था और नाम याद रखने में कठिनाई होती थी. इसलिए पूर्व-निर्धारित नामों की वर्तमान प्रणाली शुरू की गई. 



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NDTV Battleground: "85% संविधान संशोधन कांग्रेस के शासन में हुए" - विदेश मंत्री जयशंकर बोले, मोदी की गारंटी पर जनता को भरोसा

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने एनडीटीवी के खास कार्यक्रम NDTV Battleground में विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. मोदी सरकार के संविधान बदलने की आशंकाओं पर विदेश मंत्री ने कहा, "चुनाव में मोदी जी की गारंटी है और मोदी जी के 10 साल के रिकॉर्ड भी. अगर रिकॉर्ड ठीक है, तो आप गारंटी पर विश्वास करेंगे. अगर अच्छे है, तो बाकी लोग कुछ भी कहें आप वोटिंग के समय याद तो करेंगे कि उनके शासन ने देश को क्या दिया था और क्या नहीं दिया था. मैं संविधान का रिकॉर्ड भी याद दिला देता हूं.

विदेश मंत्री ने कहा कि संविधान में अभी तक जितने संशोधन हुए हैं, इनमें से करीब 85% संशोधन तो कांग्रेस के समय में हुए. अगर धर्म के आधार पर आरक्षण व्यवस्था की बात करें, तो संविधान में इसपर कहां लिखा है? 10 साल यूपीए सरकार चल रही थी. संविधान में कहां रिमोट कंट्रोल सरकार का प्रावधान है? लेकिन 10 साल देश में रिमोट कंट्रोल की सरकार चली."

10 साल में 19 करोड़ लोगों को मिला अपना घर: विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा कि, "बीजेपी जब लोगों के बीच जाती है, तो उनसे पूछती है कि उन्हें मोदी सरकार की योजनाओं के तहत राशन का लाभ मिला. आज 81 करोड़ लोगों को हर महीने राशन बिना लीकेज के मिलता है. अगर आप मोदी सरकार की योजनाओं जल जीवन, आवास योजना के आकड़ें देखे, तो जमीनी हकीकत पता चलेगी. 10 साल में 19 करोड़ लोगों को अपना घर मिला. 34 करोड़ लोगों की हेल्थ पॉलिसी हुई. यानी अगर घर, बिजली, पानी, मुफ्त राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं देखें, तो लोगों की जिदंगी बदली है. आज आयुष्मान भारत स्कीम के लाभार्थी 34 करोड़ हो गए हैं. इसमें कहीं न कहीं वोट का भी कुछ कारण होगा. मोदी सरकार ने कहीं तो कुछ डिलिवर किया होगा."

मोदी सरकार कल्याणकारी योजनाओं को आगे लेकर जाएगी: विदेश मंत्री
एस जयशंकर ने कहा, "एक सरकार का फर्ज बनता है कि वो लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराए. बुनियादी सुविधाएं मतलब राशन, घर, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं. हमें विकसित देशों से सबक लेना चाहिए कि जो आजकल अपना हेल्थ सिस्टम मैनेज नहीं कर पा रहे हैं. उनके यहां शहरी आबादी बढ़ रही है. मैं एक चीज जरूर दोहराना चाहूंगा कि ये हमारा कमिटमेंट है कि कल्याणकारी योजनाओं को हम आगे लेकर जाएंगे. अगले 5 साल के लिए हम इन योजाओं को बढ़ाएंगे. मुद्रा लोन की मात्रा बढ़ाई जाएगी."

देश में मोदी सरकार के प्रति प्रो-इंकमबेंसी
लोकसभा चुनाव में 272 बहुमत का आंकड़ा है. उससे ज्यादा 305 का लक्ष्य हो सकता है. उससे ऊपर जाएंगे तो अबकी बार 400 पार का नारा आता है. ऐसे में अगर लोकसभा सीटों को लेकर शर्त लगानी हो, तो कौन सा नंबर लेंगे? इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "इस चुनाव के दौरान मेरा ज्यादातर राज्यों में लोगों के साथ इंटरैक्शन हुआ है. उसके आधार पर कहूं तो लगता है कि सपोर्ट बेस बहुत सॉलिड है. मुझे लगता है कि जब किसी सरकार की प्रो-इंकमबेंसी होती है, तो उसे जाहिर करने का तरीका भी कुछ और होता है. मुझे लगता है कि कई राज्यों में मोदी सरकार के प्रति प्रो-इंकमबेंसी है. केरल ऐसा ही स्टेट है. यहां मैं पिछले साल कई बार जा चुका हूं. इस बार मैंने तेलंगाना का दौरा भी किया है. वहां उत्साह है. मैं इतना जरूर विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारी सीटें बढ़ेंगी, घटेंगी नहीं."

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उनको समझ ही नहीं आया कहां ले जा रहा हूं मैं... मोदी ने ठहाके लगाते हुए विपक्ष को बताया '400 पार' वाला गेम

लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए 25 मई को मतदान होने जा रहा है. इस बीच बृहस्पतिवार को इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अपने "400 पार" नारे की रणनीति बता दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष को कहना पड़ रहा है कि एनडीए 400 पार नहीं कर सकता. पीएम मोदी ने ठहाके लगाते हुए कहा कि उनको (विपक्ष को) समझ ही नहीं आया कि मैं उन्हें कहां ले जा रहा हूं. तीन चरणों के मतदान के बाद किसी ने उन्हें कहा कि आपका पूरा कैंपेन ही इस बात पर है कि मोदी 400 पार जाएगा या नहीं. पीएम मोदी के इस खुलासे के बाद शो में बैठे दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं.

चुनाव में विपक्ष को समान अवसर न मिलने के आरोप पर प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 21 मई 1991 को श्रीपेरंबुदूर में कांग्रेस नेता राजीव गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने 1991 में पूरे देश में मतदान 22 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था. जबकि उस समय तक केवल एक चरण का मतदान ही हुआ था. पीएम ने बताया कि उस चुनाव को जून के मध्य तक स्थगित कर दिया गया और अंततः 12 और 15 जून को मतदान हुआ.

भारत का नाम खराब कर रहे
प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा- "क्या वह एक समान अवसर था?" उन्होंने कहा, "आम तौर पर जब किसी उम्मीदवार की मृत्यु हो जाती है तो उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव रद्द कर दिया जाता है, लेकिन 1991 में देश भर में चुनाव स्थगित कर दिया गया था और दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के बाद ही मतदान फिर से शुरू हुआ. पीएम मोदी ने कहा, "वही व्यक्ति (टीएन शेषन) सेवानिवृत्ति के बाद 1999 में कांग्रेस के टिकट पर गांधीनगर में हमारे तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ लड़े थे. विपक्ष नाच न जाने आंगन टेड़ा वाली कहावत पर चल रहा है. इनकी हार तय है. इसलिए वे चुनाव आयोग को गाली दे रहे हैं. विपक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रहा है. विपक्ष के लोग विदेश में भारत का नाम खराब कर रहे हैं.

"ये मेरा ही देश था यार..."
मणिशंकर अय्यर की इस टिप्पणी पर कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास परमाणु बम हैं, पीएम मोदी ने इंडिया टीवी को मज़ाकिया अंदाज में जवाब दिया, ''ऐसा है कि वो ताकत तो मैं खुद लाहौर जाकर चेक करके आया हूं. मैं बिना किसी सुरक्षा जांच के लाहौर में उतरा. वहां पर एक रिपोर्टर रिपोर्टिंग कर रहा था.. हाय अल्लाह तौबा..हाय अल्लाह तौबा.. ये बिना वीजा कैसे आ गए.. मैं बोला, ये मेरा ही देश था यार किसी जमाने में..'



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NDTV Battleground: विदेश मंत्री ने बताया मोदी सरकार में कितना मिला रोजगार? एक्पर्ट्स से समझें बेरोजगारी और गरीबी कितना बड़ा मुद्दा

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) के लिए देश की 70 प्रतिशत से अधिक सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं. 7 चरण में हो रहे इस चुनाव में जनता के मूड को जानने के लिए एनडीटीवी की तरफ से देश के कई शहरों में समय-समय पर खास शो NDTV Battleground का आयोजन किया गया. दिल्ली में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर, Teamlease Services के वाइस चेयरमैन मनीष सभरवाल और IMF के पूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुरजीत भल्ला ने हिस्सा लिया.

एस जयशंकर ने मोदी सरकार की योजनाओं और रोजगार का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 10 साल में 46 करोड़ लोगों ने मुद्रा लोन लिया है.  वहीं रोज 14 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बन रहे हैं तो किसी को रोजगार मिल रहा होगा. Teamlease Services के वाइस चेयरमैन मनीष सभरवाल ने कहा कि अहम मुद्दा बेरोजगारी से अधिक कम वेतन और गरीबी है. वहीं सरजीत भल्ला ने कहा कि रोजगार के अवसर बीजेपी सरकार में बढ़े हैं.  

लोगों को मिल रहा है रोजगार: एस जयशंकर
चुनाव में विपक्षी गठबंधन ने बेरोजगारी और असमानता को मुद्दा बनाया. ये भी कहा गया कि एनडीए को 400 पार का टारगेट इसलिए पूरा करना है, क्योंकि ये संविधान को बदलना चाहते हैं. विपक्ष के इन दावों पर विदेश मंत्री ने मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "पिछले 10 साल में 46 करोड़ लोगों ने मुद्रा लोन का लाभ उठाया. रोज 28 किलोमीटर सड़क बन रहे हैं. 14 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बन रहे हैं. ऐसे में जाहिर तौर पर किसी न किसी को रोजगार मिल रहा होगा. ऐसे में ये कहना कि इतने करोड़ लोग बेरोजगारी हैं या बेरोजगारी दर बढ़ी है... सब बेतुका है."

जयशंकर ने कहा कि , "बीजेपी जब लोगों के बीच जाती है, तो उनसे पूछती है कि उन्हें मोदी सरकार की योजनाओं के तहत राशन का लाभ मिला. आज 81 करोड़ लोगों को हर महीने राशन बिना लीकेज के मिलता है. अगर आप मोदी सरकार की योजनाओं जल जीवन, आवास योजना के आकड़ें देखे, तो जमीनी हकीकत पता चलेगी. 10 साल में 19 करोड़ लोगों को अपना घर मिला. 34 करोड़ लोगों की हेल्थ पॉलिसी हुई. यानी अगर घर, बिजली, पानी, मुफ्त राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं देखें, तो लोगों की जिदंगी बदली है. आज आयुष्मान भारत स्कीम के लाभार्थी 34 करोड़ हो गए हैं. इसमें कहीं न कहीं वोट का भी कुछ कारण होगा. मोदी सरकार ने कहीं तो कुछ डिलिवर किया होगा."

बेरोजगारी कभी नहीं रही चुनौती, उससे बड़ा मुद्दा है गरीबी: मनीष सभरवाल
बेरोजगारी कभी नहीं रही चुनौती, उससे बड़ा मुद्दा है गरीबी चुनाव में बेरोजगारी मुद्दे पर क्यों नहीं हो ही बात? Battleground फिनाले में Teamlease Services के वाइस चेयरमैन मनीष सभरवाल ने इसके जवाब में कहा, "असल में बेरोजगारी कभी भी चुनौती नहीं रही. देश में 1947 से बेरोजगारी 4 से 8% है. समस्या रोजगार गरीबी की है. यानी लोगों के पास नौकरी तो है, लेकिन उस नौकरी के लिए जितनी सैलरी मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रहा. देश में बेरोजगारी दर 45% होने का दावा बेतुका है. क्योंकि अगर बेरोजगारी 45% होता, तो लेबर कॉस्ट अपने आप गिर जाती. अर्थशास्त्र में कोई भी जानकारी वोट और मूल्य से आती है. 4 जून को वोट के बारे में पता चल जाएगा. बाकी सब मॉडल है."

2014 से 2024 के बीच बढ़ें रोजगार के अवसर: सुरजीत भल्ला
क्या कल्याणकारी योजनाएं अच्छी राजनीति का संकेत कहा जा सकता है? इसके जवाब में सुरजीत भल्ला कहते हैं, "इसका जवाब स्टेप बाय स्टेप है. अगर आप रोजगार की बात करें, तो 2014 से 2024 के बीच सबसे ज्यादा रोजगार में बढ़त हुई है. उससे पहले 1999 से 2004 तक ऐसा हुआ था. ये दोनों शासनकाल बीजेपी या एनडीए के थे. इनके बीच में जॉबलेस ग्रोथ आता है. सर्वे के मुताबिक, ये जॉबलेस ग्रोथ 2004 से 2011 में आया. इसी दौरान सबसे कम रोजगार बढ़ा. कांग्रेस करती है कि 2004 स 2011 तक ग्रोथ हुई थी. लेकिन वो ये भी बताते ही इस दौरान जॉबलेस ग्रोथ भी बढ़ी थी. उसके बाद को जॉबफुल ग्रोथ को वो नकारते हैं."

सुरजीत भल्ला बताया कि, "हमारे पास 1983 से बेरोजगारी के आंकड़े हैं. अगर इन सभी का एनालिसिस करें तो कुल 10 सर्वे हो गए. 30 साल की उम्र के बाद बेरोजगारी दर महज 1 फीसदी है. युवा बेरोजगारी की बात करें (15 से 29 साल) तो ये हमेशा बढ़ी है. पहले ये 14 फीसदी थी और अब 10 फीसदी हो गई है. अभी के सर्वे देखें, तो सबसे तेज जॉबग्रोथ भारत में हो रहा है. इंफ्रास्ट्रक्टर इंवेस्टमेंट में भी हम आगे हैं."

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Wednesday, 22 May 2024

वही मुस्कान, वही चेहरा, हूबहू वही आंखें, सुशांत सिंह राजपूत के हमशक्ल को देख हैरान रह गए फैंस, बोले- इसे कहते हैं कुदरत करिश्मा

सुशांत सिंह राजपूत ने टेलीविजन से अपने करियर की शुरुआत की और उनका पहला शो पवित्र रिश्ता इतना सुपरहिट रहा कि उन्होंने बुलंदियों को छू लिया. 21 जनवरी 1986 में जन्मे सुशांत सिंह राजपूत यहीं नहीं रुके, उन्होंने बड़े पर्दे का रुख किया और यहां पर काय पो छे!, एमएस धोनी अनटोल्ड स्टोरी, छिछोरे जैसी कई बेहतरीन फिल्में की और फैंस के दिलों में जगह बनाई. लेकिन 14 जून 2020 को उनकी अचानक मौत से फैंस को तगड़ा झटका लगा. दरअसल उन्होंने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. यह बात आज भी फैंस को खटकती है और लोग सुशांत को याद करते हैं. लेकिन अब अगर आप सुशांत को याद करते हैं और उन्हें देखना चाहते हैं तो आप इस शख्स को देख सकते हैं जो हूबहू सुशांत सिंह राजपूत की तरह दिखता हैं.

यह तो है सुशांत सिंह राजपूत की जेरोक्स कॉपी

इंस्टाग्राम पेज पर एक शख्स का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें आप देखेंगे की एक यंग लड़का नजर आ रहा है, जिसके हेयर स्टाइल, स्माइल, आंखें एकदम सुशांत सिंह राजपूत की तरह है. दरअसल, इस शख्स का नाम अयान है, जो अक्सर अपने वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके ढाई लाख से ज्यादा फॉलोअर्स है और यूजर्स उन्हें सुशांत सिंह राजपूत की जेरोक्स कॉपी बताते हैं.

यूजर्स बोले सुशांत की मम्मी से मिलवा दो

सोशल मीडिया पर सुशांत सिंह राजपूत की तरह दिखने वाले इस शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और हजारों लोग इसे लाइक कर चुके हैं. कोई सुशांत सिंह राजपूत को याद करके कह रहा है कम बैक सुशांत. तो कोई कह रहा है कि आप जो भी हो एक बार सुशांत सर की मां को जरूर मिलना, उनको भगवान पर फिर से भरोसा हो जाएगा. एक अन्य यूजर ने लिखा कि आज एक चीज पर बिलीव हुआ कि अपने जैसे दिखने वाले भी होते होंगे, जस्ट लाइक सुशांत सर. एक अन्य यूजर ने लिखा वेलकम बैक सुशांत सर. इसी तरह से इस शख्स के वीडियो पर हजारों लोग कमेंट कर चुके हैं और उन्हें सुशांत सिंह राजपूत की कार्बन कॉपी तक कह चुके हैं. 

वीडियो: वो फिल्म जिसके Producer बने 5 लाख किसान



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अदाणी ग्रुप ने कोयला सप्लाई में गड़बड़ी के आरोपों को बताया बेबुनियाद, मार्केट कैप में आया बड़ा उछाल

अदाणी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) बुधवार को 11,300 करोड़ रुपये बढ़कर 200 अरब डॉलर (16.9 लाख करोड़ रुपये) पर फिर से पहुंच गया. कंपनी के तमिलनाडु बिजली कंपनी को कोयले की सप्लाई में किसी भी गलत काम से इनकार के बाद निवेशकों ने ग्रुप पर भरोसा जताया है. कुल मिलाकर पिछले दो दिन में ग्रुप के मार्केट कैप में 56,250 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

इस बीच अदाणी ग्रुप ने 'फाइनेंशियल टाइम्स' की रिपोर्ट में लगाए गए कोयला सप्लाई में गड़बड़ी के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद करार दिया है. अदाणी ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोयले की क्वालिटी की टेस्टिंग स्वतंत्र रूप से लोडिंग और डिस्चार्ज पॉइंट पर की गई थी. कस्टम अथॉरिटी और तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी (टैंजेडको) के अधिकारियों ने भी इसकी जांच की थी. उन्होंने कहा, "सप्लाई किए गए कोयले की एजेंसियों ने अलग-अलग जगहों पर डिटेल में क्वालिटी टेस्टिंग की. इससे साफ है कि कम क्वालिटी वाले कोयले की सप्लाई का आरोप न सिर्फ बेबुनियाद और अनुचित है, बल्कि पूरी तरह से बेतुका भी है."

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने एस्सार की महान-सीपत ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट का किया अधिग्रहण

अदाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "इसके अलावा, पेमेंट सप्लाई किए गए कोयले की क्वालिटी पर निर्भर करता है. यह टेस्टिंग प्रोसेस के जरिए तय किया जाता है." बयान के मुताबिक, रिपोर्ट में दिसंबर 2013 में जिस जहाज के जरिये कोयला ले जाने का हवाला दिया गया, वास्तव में वह जहाज फरवरी 2014 से पहले इंडोनेशिया से कोयला लाने के लिए इस्तेमाल ही नहीं किया गया था.

अदाणी ग्रुप ने कहा, "ये आरोप सिर्फ कोयले के FOB (फ्री ऑन बोर्ड) और CIF(लागत, बीमा, माल ढुलाई) मूल्य में अंतर पर आधारित हैं. इसमें कम सकल कैलोरी मूल्य (GCV) वाले कोयले की सप्लाई के लिए आंकड़ों का इस्तेमाल कर एक अनुमान लगाया गया है, जो पूरी तरह निराधार है."

अदाणी समूह के नेतृत्व में अप्रैल में देश में अधिग्रहण सौदों में तेजी : रिपोर्ट

ग्रुप ने कहा कि यह कुछ और नहीं, बल्कि राजस्व सूचना निदेशालय (DRI) की जांच रिपोर्ट की बातों में हेर-फेर कर फिर से उसे सामने लाया गया है. सौदे में बिचौलियों के शामिल होने के आरोप पर अदाणी ग्रुप ने कहा, "अदाणी ग्लोबल PTI लिमिटेड जरूरी साख और अनुभव वाले लोगों/कंपनियों/व्यापारियों से कोयला प्राप्त करती है. इसका कारण यह है कि कॉन्ट्रैक्ट आधारित दायित्वों को पूरा नहीं करने से अदाणी के वित्त और प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है."

DR चोकसी फिनसर्व के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेन चोकसी ने कहा, "बाजार अपेक्षाकृत अधिक ‘स्मार्ट' हो गया है. वे अपना निर्णय देने से पहले स्थिति का आकलन करते है. मेरी नजर में अदाणी ग्रुप की कंपनियों की बुनियाद 2014 की तुलना में कहीं अधिक मजबूत है..."

बता दें कि अदाणी ग्रुप का मार्केट कैप पिछले एक साल में 56.6 प्रतिशत बढ़ गया है. यह NSE निफ्टी के प्रदर्शन से बेहतर है, जो इसी अवधि के दौरान 23.3 प्रतिशत बढ़ा है.

अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस का IIT-गांधीनगर के साथ करार, नई तकनीक के साथ रक्षा क्षेत्र में काम करेगी कंपनी



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