पूरी दुनिया इस वक्त दो बड़ी जंग में उलझी हुई है. एक ओर रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध लंबे अरसे से जारी है. वहीं इजरायल-हमास की जंग ने अब दुनिया को दो खेमों में बांट दिया है. इस सबके बीच चीन पर अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
चीन की बढ़ती परमाणु ताकत से अमेरिका भी हैरान
चीन की मिलिट्री ताकत पर अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट आयी है, जो बता रही है कि चीन की परमाणु हथियार बढ़ाने की रफ़्तार दुनिया में सबसे तेज है. 2021 में चीन के पास 400 परमाणु हथियार थे, अब 500 से ज़्यादा हैं. अगले 7 साल में चीन के परमाणु हथियार दोगुने हो जाएंगे.
चीन बढ़ा रहा बर्बादी का ज़ख़ीरा?
हालांकि चीन ने अमेरिका की इस रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि पेंटागन की रिपोर्ट चीन के प्रति पूर्वाग्रह से भरी हुई है. रिपोर्ट में तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है. अमेरिका जान-बूझकर चीन के खतरे की बातें फैलाता है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने तो अपने परमाणु बलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ज़रूरी न्यूनतम स्तर पर रखा हुआ है. चीन किसी भी देश के साथ परमाणु हथियारों की दौड़ में शामिल नहीं है.
ऐसे में सवाल उठता है कि चीन की बढ़ती परमाणु ताक़त, किस-किस के लिए ख़तरा है? क्या चीन जंग की तैयारी कर रहा है?

उन्होंने कहा कि चीन ताइवान पर भी प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, कि कैसे उसे कमजोर किया जाए. चीन का लंबे समय का ये टारगेट है कि कैसे ताइवान पर कब्जा की जाए. लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध या इजरायल-फिलीस्तीन युद्ध का रूस किसी तरह का फायदा उठाने की कोशिश करता नहीं दिख रहा है.
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