फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार द्वारा पेंशन सुधार को लेकर उठाए गए कदम के खिलाफ मई दिवस के मौके पर देश भर में प्रदर्शन हुए. इस प्रदर्शन में हुई हिंसा में 108 पुलिसकर्मी घायल हो गए वहीं. पुलिस के द्वारा देश भर में 291 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने पत्रकारों को बताया कि मई दिवस के विरोध प्रदर्शन में इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के घायल होने की घटना बहुत ही कम देखी गई थी. उन्होंने कहा कि मोलोटोव कॉकटेल की चपेट में आने से एक पुलिसकर्मी का चेहरा और हाथ जल गया है. हालांकि वो खतरे से बाहर हैं और उनकी जान को कोई खतरा नहीं है.
गौरतलब है कि एक मई का दिन इतिहास में ‘मजदूर दिवस' के तौर पर दर्ज है. दुनिया में मजदूर दिवस मनाने का चलन तकरीबन 137 साल पुराना है. मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर 1877 में आंदोलन शुरू किया, इस दौरान यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा. एक मई 1886 को पूरे अमेरिका के लाखों मज़दूरों ने एक साथ हड़ताल शुरू की. इसमें 11,000 कारखानों के कम से कम तीन लाख अस्सी हज़ार मज़दूर शामिल हुए और वहीं से एक मई को ‘मजदूर दिवस' के रूप में मनाने की शुरूआत हुई.
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