Tuesday, 31 December 2024

World Top 5: जिम्‍बाब्‍वे में मौत की सजा समाप्‍त, 60 कैदियों की सजा को जेल में बदला  

दुनिया नए साल के जश्‍न में डूबी है. दुनिया के हर कोने में नए साल का जश्‍न मनाया जा रहा है. वहीं जिम्‍बाब्‍वे ने नए साल से ठीक एक दिन पहले एक बड़ा फैसला किया है. इसके तहत देश में अब मौत की सजा नहीं दी जाएगी. जिम्‍बाब्‍वे के राष्‍ट्रपति ने इसे लेकर एक आदेश पर हस्‍ताक्षर किए हैं. 

  1. दुनिया में मौत की सजा को लेकर काफी सवाल उठते रहे हैं. अब जिम्बाब्वे ने आधिकारिक तौर पर मौत की सजा को समाप्त कर दिया है. देश के राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने एक ऐसे कानून पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत मौत की सजा पाने वाले 60 कैदियों की सजा को जेल में बदल दिया जाएगा.
  2. संयुक्त राष्ट्र की मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी में अस्पतालों और उसके आसपास के इलाकों में इजरायली हमलों ने फिलिस्तीनी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट में संभावित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस तरह के हमलों ने इजरायल द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन को लेकर गंभीर चिंता पैदा की है.
  3. अमेरिकी सेना ने कहा कि उसकी सेना ने यमन की राजधानी में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया है, जिनका इस्तेमाल ईरान समर्थित विद्रोही अमेरिकी युद्धपोतों और वाणिज्यिक जहाजों पर हमला करने के लिए करते थे यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि हमले सोमवार को शुरू हुए और अमेरिकी नौसेना के जहाजों और विमानों द्वारा किए गए, जिन्होंने यमन के हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले तटों पर भी हमला किया.
  4. रूस और यूक्रेन के बीच की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि इस जंग में रूस की अपेक्षा यूक्रेन को कहीं ज्‍यादा नुकसान झेलना पड़ा है. इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के डेटा का न्‍यूज एजेंसी एएफपी ने विश्‍लेषण किया है और पता लगाया है कि रूस 2024 में यूक्रेन में करीब 4,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके में आगे बढ़ गया है, जो 2023 की तुलना में सात गुना अधिक है.
  5. इटली के लैम्पेडुसा के एक तट पर जहाज दुर्घटना में बीस प्रवासी लापता हो गए. इनमें आठ साल के सीरियाई बच्चे सहित सात लोगों को बचा लिया गया. इटली की समाचार एजेंसी एएनएसए ने बताया कि लापता लोगों में पांच महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं, जिनमें आठ साल के बच्चे की मां भी शामिल है.


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सुनीता विलियम्‍स नए साल की शुरुआत पर देखेंगी 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्‍त

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) इस वक्‍त अंतरिक्ष में हैं. इस दौरान विलियम्‍स 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्‍त देखेगी. इसका कारण है कि इस वक्‍त विलियम्‍स अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन में है और वह गतिमान है. अंतरिक्ष स्‍टेशन ने आज एक्‍स पर एक पोस्‍ट के जरिए यह जानकारी दी है. 

अंतरिक्ष स्‍टेशन के हैंडल से एक्‍स पर पोस्‍ट में लिखा, "जैसा आज 2024 करीब आ रहा है, Exp 72 चालक दल नए साल की शुरुआत करते हुए 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखेंगे. यहां ऑर्बिटल आउटपोस्‍ट से कुछ सालों में कई सूर्यास्‍त देखे गए हैं."

जून में अंतरिक्ष के लिए भरी थी उड़ान

विलियम्‍स ने जून में अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर के साथ बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष स्‍टेशन के लिए उड़ान भरी थी. शुरुआत में उन्हें 9 दिनों में वापस आने की उम्मीद थी. हालांकि वो अब तक वापस नहीं आ सकी हैं और उन्‍हें क्रिसमस के बाद नया साल भी वहां पर बिताना पड़ रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा साझा एक वीडियो में उन्होंने कहा कि यहां होना बहुत ही शानदार है. उनके सहयोगियों सांता कैप पहने नजर आए. जाहिर है कि यह नासा द्वारा स्‍पेसएक्‍स ड्रैगन कैप्‍सूल के जरिए भेजी गई आपूर्ति का हिस्‍सा है.  

एक-दूसरे की कंपनी का मजा ले रहे : विलियम्‍स

इसके साथ ही विलियम्‍स को वीडियो में यह कहते भी सुना गया, "अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में आपका स्वागत है क्योंकि हम क्रिसमस की छुट्टियों के लिए तैयार हैं. यहां बहुत अच्‍छा वक्‍त गुजर रहा है, हम इसे अपने पूरे 'परिवार' के साथ अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मना रहे हैं. हम यहां सात हैं और इसी तरह एक साथ एक दूसरे की कंपनी का मजा ले रहे हैं." 

मार्च में वापस लौटने की उम्‍मीद

विलियम्स और विल्‍मोर के अब मार्च में वापस आने की उम्मीद है. वे फरवरी 2025 में लौटने वाले थे, लेकिन स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन में देरी के कारण इसे भी स्‍थगित कर दिया गया.  

क्रू-9 के दो अंतरिक्ष यात्री सितंबर के अंत में अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे और विलियम्‍स और विल्‍मोर के लिए खाली छोड़ी गई थीं. चारों के फरवरी 2025 में वापसी की योजना थी.  



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न्‍यूजीलैंड से भारत तक ... तस्‍वीरों में देखिए कहां-कैसा रहा नए साल का सेलिब्रेशन 

दुनिया भर में साल 2025 के आगाज का जश्‍न के साथ स्‍वागत किया गया. नया साल नए संकल्‍पों और उम्‍मीदों के साथ निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. विभिन्‍न टाइम जोन में बंटी दुनिया में कुछ देशों ने हमसे पहले नववर्ष मनाया तो कुछ देशों ने हमारे बाद नए साल का स्‍वागत किया. भारत में नए साल के जश्‍न के लिए लोगों ने अपने-अपने तरीके से प्‍लान बनाए. कुछ लोग पहाड़ों पर पहुंचे तो कुछ ने इस पल को बेहद खास बनाने के लिए समंदर का किनारा चुना. साथ ही इस मौके पर दुनिया के अलग-अलग देशों में जमकर आतिशबाजी भी की गई. 

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प्रशांत महासागर में स्थित किरिबाती गणराज्‍य में सबसे पहले नए साल का आगाज हुआ. इसके बाद न्‍यूजीलैंड में नए साल का स्‍वागत किया गया. 

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बहुत से लोग अपने दोस्‍तों के साथ नए साल का सेलिब्रेशन करते नजर आए. 

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नए साल के स्‍वागत के लिए विभिन्‍न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें बड़ी संख्‍या में लोग उमड़े. 

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नए साल के स्‍वागत का जश्‍न कई लोगों ने अपने दोस्‍तों के साथ मनाया. 

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न्‍यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए होटलों और रेस्‍टोरेंटों ने भी जमकर तैयारी की थी. 

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घड़ी के 12 बजाते ही लोगों ने डांस के जरिए सेलिब्रेट किया. 

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कई जगहों पर सड़कों पर बड़ी संख्‍या में लोग उमड़े.  

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बड़ों के साथ ही बच्‍चों के लिए भी नववर्ष का आगमन शानदार बन गया. 

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इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.  

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 विभिन्‍न आयोजनों में लोगों ने जमकर मस्‍ती की. 

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इस दौरान बड़े शहरों में पुलिस भी पूरी तरह से मुस्‍तैद नजर आई.  



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Monday, 30 December 2024

रागगीरी के सालाना कैलेंडर का विमोचन, देश के बड़े शास्‍त्रीय महोत्‍सवों की जानकारी 

शास्‍त्रीय संगीत को सहेजने की दिशा में रागगीरी संस्था लगातार काम कर रही है. सोमवार को संस्‍था के सालाना कैलेंडर का सुबह-ए-बनारस के मंच से विमोचन किया गया. यह लगातार दसवां साल है जब संस्‍था ने शास्‍त्रीय संगीत को केंद्र में रखते हुए कैलेंडर प्रकाशित किया है. इस साल प्रकाशित कैलेंडर में देश में आयोजित होने वाले शास्त्रीय महोत्सवों के बारे में जानकारी दी गई है. इस मौके पर विभिन्‍न कलाकारों ने अपनी प्रस्‍तुतियों दी और उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया. 

वाराणसी में आयोजित होने वाले दो महोत्सवों को भी इस कैलेंडर में शामिल किया गया है. यहां के संकट मोचन संगीत समारोह और गंगा महोत्सव को कैलेंडर में शामिल किया गया है.   

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नृत्‍य और रागों पर भी आ चुके हैं कैलेंडर 

रागगीरी भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार में कार्यरत संस्था है. यही कारण है कि रागगीरी ने इससे पहले भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज कलाकारों के साथ उप शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय वाद्ययंत्र, शास्त्रीय घरानों, शास्त्रीय रागों पर भी कैलेंडरों का प्रकाशन किया है. 

कैलेंडर में इन शास्‍त्रीय महोत्‍सव की जानकारी 

रागगीरी 2025 कैलेंडर में डोवरलेन म्यूजिक कॉन्फ्रेंस, खजुराहो नृत्य महोत्सव, स्वामी हरिदास संगीत सम्मेलन, संकटमोचन संगीत समारोह, गंगा महोत्सव, हरिवल्लभ संगीत समारोह, तानसेन समारोह, सवाई गंधर्व भीमसेन महोत्सव, आईटीसी संगीत सम्मेलन, सप्तक म्यूजिक फेस्टिवल, पंडित मोतीराम पंडित मणिराम संगीत समारोह और पंडित विष्णु दिगंबर जयंती संगीत समारोह को जगह दी गई है. 



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दिल्ली: वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़ने की कोशिश को पुलिस ने किया नाकाम, शाहीन बाग में 6 आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए वोटर रजिस्ट्रेशन करने के आरोप में 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ लोग फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल थे. पुलिस के अनुसार आरोपियों द्वारा जाली दस्तावेज बनाने के लिए एक सीपीयू का उपयोग किया जा रहा था. शाहीन बाग थाने में इस मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

बीते 25 दिसंबर को ओखला विधान सभा क्षेत्र के  निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) विनोद कुमार ने  शाहीन बाग में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उन्होंने कहा था कि चार लोगों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके मतदाता पहचान पत्र में पता बदलने के लिए आवेदन किया था. इसके बाद 29 दिसंबर को  एक और शिकायत विनोद कुमार, ईआरओ,ओखला विधान सभा से मिली  कि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके मतदाता पंजीकरण के कार्यालय में नए मतदाता पंजीकरण के लिए 4 आवेदन प्राप्त हुए हैं. फिर दिल्ली के शाहीन बाग थाने में 2 केस दर्ज किए गए.

दिल्ली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए वोटर रजिस्ट्रेशन करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में 32 वर्षीय मोहम्मद नईम (शाहीन बाग), 30 वर्षीय रिज़वान उल हक (जामिया नगर), 37 वर्षीय सबाना खातून (शाहीन बाग), 27 वर्षीय रजत श्रीवास्तव (फ़रीदाबाद), 51 वर्षीय वी. त्रिलोक चंद (चिराग दिल्ली) और सचिन कुमार (मालवीय नगर, दिल्ली) शामिल हैं.

पुलिस के मुताबिक चुनावी पंजीकरण प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए तकनीक और जाली दस्तावेजों  का प्रयोग किया गया. शाहीन बाग में रहने वाले नईम (32) ने जाली बिजली बिल का इस्तेमाल कर अपने वोटर आईडी में पता बदलने के लिए आवेदन किया है. वह पेशे से इलेक्ट्रीशियन है. रिजवान उल हक (30)- शाहीन बाग में एक साइबर कैफे के मालिक रिजवान ने मोहम्मद के लिए बिजली बिल में जालसाजी की। नईम फ़ोटोशॉप का उपयोग कर रहा है. सबाना खातून (37)- शाहीन बाग, सबाना में रहने वाली एक गृहिणी ने जाली बिजली बिल का उपयोग करके पता बदलने के लिए आवेदन किया. 

रजत श्रीवास्तव (27) - जसोला में एक साइबर कैफे संचालक, रजत ने कई लोगों के बिजली बिल बनाने के लिए एक ऑनलाइन पीडीएफ संपादन उपकरण का उपयोग किया. वो शाहीन बाग थाने में दर्ज दोनों मामलों में शामिल पाया गया है. सचिन कुमार (27) - दिल्ली के एक अस्पताल में हाउसकीपिंग में कार्यरत. सचिन ने अपने मूक-बधिर चाचा किसुनी के लिए दस्तावेज तैयार करने के लिए त्रिलोक चंद से संपर्क किया. उसका कथित मकसद अपने चाचा के नाम से जमीन ट्रांसफर करना था.

त्रिलोक चंद (51) - मालवीय नगर में एक निजी शिक्षक, त्रिलोक ने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए रजत श्रीवास्तव के साथ सहयोग किया और कथित किसुनी को 4-5 सालों से जानता है. 



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Sunday, 29 December 2024

अगर डल्लेवाल को जबरन... किसानों की सरकार को चेतावनी; वीडियो जारी कर लोगों से खनौरी बॉर्डर पहुंचने की अपील

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 34 दिनों से दिल्ली के खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. रविवार रात को उन्होंने एक वीडियो बनाकर लोगों से बड़ी संख्या में खनौरी बॉर्डर पहुंचने की अपील की. उनके साथ मौजूद लोगों ने अंदेशा जताया कि बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस धरनास्थल के पास पहुंच गई है और किसी भी वक्त जगजीत सिंह डल्लेवाल को वहां से जबरदस्ती उठाया जा सकता है. वहां मौजूद वॉलंटियर्स ने डल्लेवाल के सुरक्षा घेरे को और बढ़ा दिया है. साथ ही तमाम किसान नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में खनौरी बॉर्डर पहुंचने की अपील कर रहे हैं.

किसान नेताओं का कहना है कि गांधीवादी तरीके से वो अपना विरोध जारी रखे हुए हैं और ये सरकार पर है कि क्या वह उनके वरिष्ठ नेता (डल्लेवाल) को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती है. किसान नेताओं का ये बयान डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती न कराये जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना किए जाने के बीच आया है.

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किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

हाल ही में, पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि अगर वह अपना अनशन जारी रखना चाहते हैं तो भी चिकित्सा उपचार कराएं. डल्लेवाल ने अभी तक इलाज कराने से इनकार कर दिया है.

खनौरी सीमा विरोध स्थल पर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, "हम यह साफ करना चाहते हैं कि केंद्र पहले दिन से ही हमारे आंदोलन को बदनाम करने और दबाने की कोशिश कर रहा है. इस तरह की कहानी गढ़ी जा रही है कि किसान जिद्दी हैं. जबकि केंद्र ही ऐसा (जिद्दी) रवैया अपना रहा है, हमारी बात नहीं सुन रहा है और किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है."

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किसान नेता ने कहा, "हम गांधीवादी सिद्धांतों को अपनाकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं. हमारे आंदोलन ने साबित कर दिया है कि सरकार के अत्याचारों के कारण इतना कुछ सहने के बावजूद हम गांधीवादी तरीके से विरोध करना जारी रखे हुए हैं. हम इन सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं. अब यह सरकार और संवैधानिक संस्थानों पर निर्भर है कि क्या वे डल्लेवाल जी को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहते हैं."

उन्होंने कहा कि किसान यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जो भी स्थिति उत्पन्न होगी, उसकी जिम्मेदारी केंद्र और संवैधानिक संस्थाओं की होगी. हम देश के लोगों से यह भी अपील करना चाहते हैं कि एमएसपी की गारंटी की मांग करने वाला आंदोलन निर्णायक चरण में पहुंच गया है. हम जीत की ओर हैं. हमें कड़ा रुख अपनाना ही चाहिए. डल्लेवाल ने अपनी जान तक दांव पर लगा दी है. कोहाड़ ने कहा कि ये देश के लोगों पर निर्भर करता है कि वे घर ही बैठे रहे या डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पहुंचें.

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वहीं एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता काका सिंह ने कहा कि सरकार डल्लेवाल को धरना स्थल से हटाने की कोशिश कर सकती है और उनकी यूनियन पंजाबियों से अधिक से अधिक संख्या में खनौरी पहुंचने की अपील कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि डल्लेवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस देश के किसानों की खातिर अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.

इस बीच, किसानों ने चार जनवरी को खनौरी विरोध स्थल पर 'किसान महापंचायत' का आह्वान किया है. साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने भी सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान किया है और दावा किया है कि उनके बंद के आह्वान को ट्रांसपोर्टर, कर्मचारियों, व्यापारियों और समाज के अन्य वर्गों से मजबूत समर्थन मिला है.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सोमवार को पूर्ण बंद रहेगा, लेकिन आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. उन्होंने कहा कि केंद्र किसानों की मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है. बंद सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक रहेगा. हालांकि, आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. इसके अलावा, उड़ान पकड़ने के लिए हवाई अड्डे जाने वाले या नौकरी के लिए साक्षात्कार देने वाले या शादी समारोह में शामिल होने वाले सभी लोगों को बंद के आह्वान से बाहर रखा गया है.

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इस बीच, पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने रविवार को खनौरी सीमा स्थल पर डल्लेवाल से मुलाकात की. इस टीम में पुलिस उप महानिरीक्षक मंदीप सिंह सिद्धू और सेवानिवृत्त अतिरिक्त डीजीपी जसकरण सिंह शामिल थे.

बाद में, किसान नेताओं ने कहा कि डल्लेवाल ने कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर टीम कोई अन्य प्रस्ताव लेकर आती है तो वे प्रस्ताव को देखेंगे.

शनिवार को पंजाब सरकार पर नाखुशी जाहिर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह संभावना भी जतायी कि संभवत: डल्लेवाल को अन्य किसान नेताओं ने अस्पताल नहीं ले जाने दिया होगा.

इसके जवाब में डल्लेवाल ने उसी दिन एक वीडियो संदेश में कहा, "मैं अनशन पर बैठा हूं. उच्चतम न्यायालय को यह रिपोर्ट किसने दी और यह भ्रांति किसने फैलाई कि मुझे बंधक बनाकर रखा गया है? ऐसी बात कहां से आई? इस देश में सात लाख किसान कर्ज के कारण आत्महत्या कर चुके हैं. किसानों को बचाना जरूरी है, इसलिए मैं यहां बैठा हूं. मैं किसी के दबाव में नहीं हूं."

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डल्लेवाल ने पहले कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगों पर सहमत नहीं हो जाती, तब तक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे. उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है, साथ ही राज्य को जरूरत पड़ने पर केंद्र से सहायता लेने के लिए कहा है.

इसके जवाब में पंजाब सरकार ने अदालत में कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने डल्लेवाल को घेर लिया है और उन्हें अस्पताल ले जाने से रोक रहे हैं.

डल्लेवाल ने उपचार से इनकार कर दिया है और राज्य सरकार ने उनके स्वास्थ्य की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए चिकित्सकों की एक टीम बनाई है.

सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने के बाद से किसान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.



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Saturday, 28 December 2024

जब नरसिम्हा राव को निधन के 10 साल बाद मिली थी दिल्ली में स्मारक की जगह, मोदी सरकार ने लिया था फैसला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर कराए जाने का आग्रह किया था, जहां उनका स्मारक बनाया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. कांग्रेस अब इसे लेकर बीजेपी पर मनमोहन सिंह का अपमान करने का आरोप लगा रही है. लेकिन कांग्रेस शायद ये भूल गई कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव के निधन के बाद 10 साल तक उनके स्‍मारक के लिए जगह नहीं दी गई थी. तब देश में यूपीए की सरकार थी. नरसिम्‍हा राव के स्‍मारक के लिए दिल्‍ली में जगह तब मिल पाई, जब मोदी सरकार सत्‍ता में आई थी.    

एम. वेंकैया नायडू ने किया था साइट का दौरा

बात साल 2014 की है, जब मोदी सरकार सत्‍ता में आई. सत्ता में आने के तुरंत बाद, एनडीए सरकार ने नरसिम्‍हा राव के नाम पर स्मारक बनाने का प्रस्ताव दिया था. तत्‍कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने इस पर तेजी से काम किया, जिन्होंने साइट का दौरा भी किया था. नायडू ने इंजीनियरों से नरसिम्‍हा राव के स्‍मारक को शीघ्र पूरा करने को कहा था, ताकि इससे महान नेता को श्रद्धांजलि दी जा सके. 

मोदी सरकार ने दिल्‍ली में बनवाया नरसिम्‍हा राव का स्‍मारक 

नरसिम्‍हा राव को उनकी पार्टी कांग्रेस द्वारा ही सालों तक उपेक्षित किया गया था. लेकिन मोदी सरकार ने नरसिम्‍हा राव का पूरा सम्‍मान दिया और उनके नाम का स्‍मारक दिल्‍ली में बनाया. नरसिम्‍हा राव का निधन 23 दिसंबर 2004 को हुआ था. उनका अंतिम संस्‍कार भी दिल्‍ली में नहीं किया गया था. नरसिम्‍हा राव का पार्थिव शरीर आंध्र प्रदेश ले जाया गया था, जहां उनका अंतिम संस्‍कार किया गया था. 

एकता स्‍थल पर नरसिम्‍हा राव का स्‍मारक 

निधन के 10 साल बाद आखिरकार राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नाम पर एक स्मारक बना  था. यह स्मारक राजघाट में 'एकता स्थल' पर बनाया गया, जिसे राष्ट्रीय स्मृति के साथ जोड़ दिया गया है और अब ये पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और अन्य गणमान्‍य लोगों के स्मारक बनाने के लिए एक विशेष जगह है. नरसिम्‍हा राव का स्‍मारक संगमरमर पत्‍थर से बनाया गया, जिस पर एक पट्टिका लगी हुई है, जिसमें उनके योगदान पर संक्षेप में प्रकाश डाला गया है. 

ये भी पढ़ें :- पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी भी रहे मौजूद



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Friday, 27 December 2024

बिहार: BPSC ने 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द करने से किया इनकार

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (सीपीई) 2024 को प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के कारण रद्द नहीं किया जायेगा. बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है. बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को केवल परीक्षा में व्यवधान डालने की साजिश के तहत उपद्रवी अभ्यर्थियों के एक समूह द्वारा उत्पन्न व्यवधान के कारण रद्द करने का निर्णय लिया है. पुनः परीक्षा चार जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर आयोजित की जाएगी.''

सिंह ने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि निजी कोचिंग संस्थानों का एक समूह अभ्यर्थियों को भड़का रहा है... और वे पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों को संगठित कर रहे हैं. उनकी मांग निराधार है.''

बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई राजनीतिक हस्तियां प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतर आई हैं. प्रदर्शनकारी एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और एक बार तो उन्होंने बीपीएससी परिसर में घुसने की कोशिश भी की थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी.

पिछले सप्ताह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शहर के गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर उनके साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की थी.

यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग भी की थी. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी इसी तरह के संकेत किए हैं.

इसके अलावा, जन सुराज पार्टी ने भी परीक्षा रद्द करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और इसके संस्थापक प्रशांत किशोर एक दिन पहले धरना स्थल पर गए थे, जहां उन्होंने सरकार को तीन दिन के भीतर संकट को हल करने की चेतावनी दी दी थी और कहा था कि नहीं तो वह स्वयं विरोध का नेतृत्व करेंगे.

हालांकि, प्रदर्शनकारी राजनीतिक नेताओं द्वारा उनके आंदोलन को अपने एजेंडे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश से नाराज दिखे, जबकि यूट्यूबर मोतीउर रहमान खान, जिन्हें गुरु रहमान के नाम से जाना जाता है, ने घोषणा की है कि किशोर को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

शुक्रवार को जब वह धरना स्थल पर गए तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भी खदेड़ दिया. समाचार चैनलों ने दो सोशल मीडिया हस्तियों के वीडियो फुटेज चलाए, जिसमें वे प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके खिलाफ लगाए जा रहे नारों के बीच गुस्से में वहां से चले गए.

एक प्रदर्शनकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम खान सर या गुरु रहमान सहित किसी को भी अपने फायदे के लिए हमारे आंदोलन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे.'' अभ्यर्थियों का एक समूह राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई बीपीएससी की पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहा है. वे पिछले कई दिन से गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं.



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Thursday, 26 December 2024

मनमोहन सिंह ने ऐसे कौन से किए 4 बड़े काम, जिससे देश को बनाया खुद का कर्जदार

Manmohan Singh Biggest Achievements: भारत की तस्वीर और तकदीर बदलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात 9:51 पर निधन हो गया. वे न सिर्फ भारत के 14वें प्रधानमंत्री थे, बल्कि एक महान अर्थशास्त्री, विद्वान और नेता भी थे. 1991 से 1996 तक वे भारत के वित्त मंत्री भी रहे. आज की युवा पीढ़ी उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में जानती है, लेकिन वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने जो काम किए, वो आज भी भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव हैं. यहां जानिए उनके वो 4 सबसे बड़े फैसले, जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था और समाज को हमेशा के लिए बदल दिया.
 
पहला फैसलाः आर्थिक उदारीकरण (1991)

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1991 का साल भारत के लिए बहुत मुश्किल था. देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था. विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका था, और देश दिवालिया होने की कगार पर था. ऐसे कठिन समय में, वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने कमान संभाली. उन्होंने उस समय के प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ मिलकर, अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए क्रांतिकारी फैसले लिए. पहले भारत में कोई भी उद्योग शुरू करने के लिए सरकार से कई तरह के लाइसेंस लेने पड़ते थे. इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता था और भ्रष्टाचार भी बहुत था. डॉ. सिंह ने इस "लाइसेंस राज" को खत्म कर दिया, जिससे व्यापार करना आसान हो गया. उन्होंने आयात और निर्यात पर लगे प्रतिबंधों को कम किया, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना आसान हो गया. डॉ. सिंह ने विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. इससे देश में नई तकनीक आई, रोजगार बढ़ा और अर्थव्यवस्था मजबूत हुई. इन सुधारों को "आर्थिक उदारीकरण" कहा जाता है. इन सुधारों का नतीजा ये हुआ कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ने लगी, विदेशी निवेश बढ़ा, और भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया. आज जो आप भारत की तरक्की देख रहे हैं, उसकी नींव 1991 में डॉ. मनमोहन सिंह ने ही रखी थी.
 
दूसरा फैसलाः राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) (2005)

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2004 में डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने गरीबों और ग्रामीण भारत के विकास पर विशेष ध्यान दिया. 2005 में उन्होंने "राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम" (नरेगा) लागू किया. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर परिवार को साल में कम से कम 100 दिन मजदूरी की गारंटी दी गई. अगर सरकार 100 दिन का काम नहीं दे पाती थी, तो उसे बेरोजगारी भत्ता देना पड़ता था. इस योजना से ग्रामीण इलाकों में गरीबी कम हुई और लोगों का शहरों की ओर पलायन भी कम हुआ. बाद में इस योजना का नाम बदलकर "महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम" (मनरेगा) कर दिया गया. यह योजना आज भी ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.
 
तीसरा फैसलाः सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) (2005)

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डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने 2005 में "सूचना का अधिकार अधिनियम" (RTI) लागू किया. यह एक क्रांतिकारी कानून था, जिसने आम आदमी को सशक्त बनाया. इस कानून के तहत भारत का कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी मांग सकता है. इससे सरकारी कामों में पारदर्शिता आई और भ्रष्टाचार कम हुआ. सरकारी अधिकारियों को अब पता था कि उनके काम पर जनता की नजर है, इसलिए वे ज्यादा जिम्मेदारी से काम करने लगे.
 
चौथा फैसलाः भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (2005)

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डॉ. मनमोहन सिंह ने 2005 में अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक "परमाणु समझौता" किया. इस समझौते को "123 समझौता" भी कहा जाता है. इस समझौते के तहत भारत को अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु तकनीक और ईंधन मिलने का रास्ता खुल गया. भारत ने "परमाणु अप्रसार संधि" (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, फिर भी यह समझौता हुआ. यह डॉ. मनमोहन सिंह की कूटनीतिक सफलता थी. इस समझौते से दुनिया में भारत का कद बढ़ा और भारत को एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता मिली. इस समझौते ने भारत के विकास को नई गति दी. तो ये थे डॉ. मनमोहन सिंह के 4 सबसे बड़े फैसले, जिन्होंने भारत को बदल दिया. वे एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने भारत को आर्थिक संकट से निकाला, गरीबों को सशक्त बनाया, प्रशासन में पारदर्शिता लाई और दुनिया में भारत का कद बढ़ाया. उनकी कमी हमेशा महसूस होगी.



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एक संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया : मनमोहन सिंह के निधन पर राहुल गांधी ने जताया दुख

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर बृहस्पतिवार को दुख जताया और कहा कि उन्होंने आज अपना एक संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया है. मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया. वह 92 साल के थे.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘ मनमोहन सिंह जी ने असीम बुद्धिमत्ता और निष्ठा के साथ भारत का नेतृत्व किया. उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने देश को प्रेरित किया. श्रीमती कौर और परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना.''

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया है. हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे.''

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हो गया. आज शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया. दिल्ली एम्स की ओर से आधिकारिक बुलेटिन जारी किया गया है.



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Wednesday, 25 December 2024

भारत का पर्यटन सेक्टर बुलंदियों पर, 2047 तक 100 मिलियन पर्यटकों का लक्ष्य

पर्यटन सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे रहा है. विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (WTTC) की 2024 की आर्थिक प्रभाव अनुसंधान (EIR) रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पर्यटन क्षेत्र ने भारत की जीडीपी में 19.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया, जो 2019 के स्तर से 10% अधिक है. इस दौरान इस क्षेत्र ने 43 मिलियन नौकरियां सृजित कीं, जो 2019 की तुलना में 8% अधिक हैं.

पर्यटन में घरेलू खर्च और 2047 का विजन
2019 की तुलना में घरेलू पर्यटकों के खर्च में 15% की वृद्धि हुई, जो 14.64 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. सरकार ने 2047 तक 100 मिलियन इनबाउंड पर्यटकों को भारत लाने का लक्ष्य रखा है. डब्ल्यूटीटीसी का अनुमान है कि 2024 तक इस क्षेत्र का जीडीपी योगदान 21.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है और 2034 तक यह बढ़कर 43.25 लाख करोड़ रुपये हो सकता है.

2023 में भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का योगदान
2023 में भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा. इस साल देश में 1.90 करोड़ अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आए, जिसमें 95.52 लाख विदेशी पर्यटक शामिल थे.

भारत को सबसे ज्यादा पसंद करने वाले देश- अमेरिका, बांग्लादेश, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, श्रीलंका, जर्मनी, नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया. भारत की संस्कृति, विरासत और विविधता दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रही है. सरकारी पहल और 2047 विजन के साथ, भारत का पर्यटन क्षेत्र भविष्य में और भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है.
 



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बिहार : ट्रैफिक DSP ने दिखाई गांधीगिरी, बिना हेलमेट के बाइकर्स को किया गुलाब का फूल भेंट

जान है तो जहां है. हेलमेट सिर्फ पुलिस से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने के लिए पहनना जरूरी है. सहरसा के ट्रैफिक डीएसपी ने 31 दिसंबर तक शत-प्रतिशत बाइकर्स को गांधीगिरी से हेलमेट पहनाने का संकल्प लिया है और इसका सकारात्मक असर भी दिख रहा है.

सहरसा में इन दिनों चौक-चौराहे पर बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले लोगों को रोक कर गुलाब का फूल भेंटकर हेलमेट लगाने का आग्रह किया जा रहा है. ऐसे बाइकर्स को रोक खुद ट्रैफिक डीएसपी उन्हें फूल दे रहे हैं और उन्हें हेलमेट पहनने के फायदे बता रहे हैं. उन्हें बताया जा रहा है कि हेलमेट लगा बाइक चलाने से सड़क दुर्घटना में कमी आती है. भीषण हादसे में भी लोगों की जान बचती है.

ट्रैफिक डीएसपी द्वारा रोके जाने और उन्हें फूल देकर उनसे हेलमेट लगाने का अनुरोध किये जाने के बाद वे लज्जित भी हो रहे है और उन्हें अपनी कमियों के एहसास भी हो रहा है. ऐसे बाइकर्स खुद बताते हैं कि खुद उनमे जागरूकता की कमी है. हेलमेट पुलिस से बचने के लिए नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटना में खुद की जान बचाने का उपाय है. लोगों को निश्चित रूप से जागरूक होकर पुलिस की इस पहल का स्वागत करना चाहिए और निश्चित रूप से हेलमेट लगाना चाहिए.

सहरसा जैसे शहरों के बाइकर्स में आज भी इस जागरूकता की कमी है. यहां लोग हेलमेट लगाकर बाइक चलाना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं. जबकि वास्तव में यह पुलिस से या कानून द्वारा निर्धारित फाइन से बचने का नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने का पहला साधन है. ट्रैफिक पुलिस की इस कदम का निश्चित रूप से स्वागत होना चाहिए.



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Tuesday, 24 December 2024

अल्लू अर्जुन मामले में कितनी राजनीति, कितना फसाना, इस विवाद को हवा क्यों दे रही है बीजेपी

पुष्पा-2 के हीरो अल्लू अर्जुन से पुलिस ने मंगलवार को तीन घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई. पुलिस ने उनसे यह पूछताछ चार दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में हुई भगदड़ को लेकर की. इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था.वो अभी भी कोमा में है.इससे पहले रविवार को कुछ लोगों ने अल्लू अर्जुन के घर में तोड़फोड़ की थी.भगदड़ केस में अल्लू अर्जुन को 13 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. इसके बाद उन्हें चंचलगुडा सेंट्रल जेल से रिहा किया गया था. इस बीच यह मामला तेलंगाना की विधानसभा में भी उठा. इस मामले पर मुख्यमंत्री रेवंती रेड्डी ने विधानसभा में बयान दिया. इसके जवाब में अल्लू अर्जन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी. इसके बाद से इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया और मामला गरमाता ही जा रहा है. अल्लू अर्जन की गिरफ्तारी पर तेलंगाना में जमकर राजनीति हो रही है.इसी पूरी घटना को राजनीति के चश्मे से देखा जा रहा है.  आइए जानते हैं कि इसके पीछे की राजनीति क्या है. 

रील लाइफ बनाम रियल  लाइफ

अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा'का एक डॉयलाग है.इसमें वो कहते हैं- पुष्पा झुकेगा नहीं. रील लाइफ का यह डॉयलॉग उनकी रियल लाइफ में गले की फांस बनता नजर आ रहा है. चार दिसंबर को हुई भगदड़ मामले में उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गिरफ्तारी के बाद हुई रिहाई के बाद एक बार फिर उनकी गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही है. वहीं कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं. इस तरह की वारदात पहले भी हुई हैं. लेकिन कभी इस तरह किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया. इसी साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक आयोजन के दौरान करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन यूपी पुलिस ने कभी भी कथा करने वाले बाबा को गिरफ्तार नहीं किया. 

पुलिस ने मंगलवार को फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन से एक थिएटर में हुई भगदड़ के मामले में करीब तीन घंटे तक पूछताछ की.

पुलिस ने मंगलवार को फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन से एक थिएटर में हुई भगदड़ के मामले में करीब तीन घंटे तक पूछताछ की.

अर्जुन के पिता अल्लू अरविंद तेलगू फिल्मों के बड़े निर्माता हैं.अल्लू परिवार का राजनीति से भी नाता है. अल्लू अर्जुन की बुआ सुरेखा की शादी तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी से हुई है. चिरंजीवी भी फिल्मों से होते हुए राजनीति में आए थे. उन्होंने प्रजा राज्यम पार्टी बनाई थी. उनकी पार्टी का 2011 में कांग्रेस में विलय हो गया था. चिंरजीवी मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी रहे हैं. वहीं उनके छोटे भाई पवन कल्याण भी जन सेना के नाम से एक पार्टी चलाते हैं. जन सेना ने आंध्र प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी और टीडीपी के साथ मिलकर लड़ा था. इस गठबंधन ने आंध्र प्रदेश में सरकार बनाई. पवन कल्याण इस सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. 

अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. अर्जुन ने इस साल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था. जबकि उनके फूफा पवन कल्याण वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ थे. अल्लू के प्रचार ने सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी थीं. सोशल मीडिया पर पवन कल्याण और अर्जुन के फैंस में जंग छिड़ गई थी.'पुष्पा 2' के कुछ डायलॉग्स को पवन कल्याण और रामचरण के खिलाफ माना गया. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि एक कार्यक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री का नाम भूल जाने की सजा अर्जुन को दी जा रही है. उन्हें अब तय करना होगा कि 'पुष्पा' झुकेगा या नहीं.  

हैदराबाद में अल्लू अर्जुन के घर में तोड़फोड़ करते लोग.

हैदराबाद में अल्लू अर्जुन के घर में तोड़फोड़ करते लोग.

अल्लू अर्जुन से बीजेपी की उम्मीदें क्या हैं

तेलंगाना की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश कर रही बीजेपी शुरू से इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अल्लू की गिरफ्तारी पर कहा था कि संध्या थियेटर की घटना राज्य और प्रशासन की खराब व्यवस्था का मामला है.वहीं जब मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने विधानसभा में अल्लू की गिरफ्तारी पर एक जैसी बात कही. इसके बाद बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि रेवंत रेड्डी और अकबरुद्दीन ओवैसी मिलकर अल्लू अर्जुन को निशाना बना रहे हैं. इस तरह के बयान से पता चलता है कि बीजेपी तेलंगाना की राजनीति में पैर जमाने के लिए अल्लू अर्जुन के स्टारडम का इस्तेमाल कर रही है. 

बीजेपी अल्लू अर्जुन की लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, जिनकी लोकप्रियता 'पुष्पा-2' के बाद से सातवें आसमान पर है.'पुष्पा-2' ने दक्षिण के राज्यों के साथ-साथ उत्तर भारत में भी सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. अल्लू अर्जुन की लोकप्रियता का आलम यह है कि इसके निर्माताओं ने 'पुष्पा-2' की रीलीज से पहले बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम का आयोजित किया. वहां बड़ी संख्या में अल्लू अर्जुन के चाहने वाले पहुंचे थे. बीजेपी को फिल्म स्टार पवन कल्याण की वजह से तेलंगाना के पड़ोसी आंध्र प्रदेश में मिली सफलता को देखते हुए अल्लू अर्जुन से काफी उम्मीदें हैं. बीजेपी, पवन कल्याण की जन सेना और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की तिकड़ी ने इस साल विधानसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंका था.इसके बाद से पवन कल्याण को दक्षिण में हिंदुत्व के चेहरे के रूप में पेश करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में महायुति के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी.

बीजेपी का फिल्म स्टार प्रेम

फिल्म स्टारों के स्टारडम को भुनाने में बीजेपी ने कभी भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई है. इसे उसकी उत्तर भारत की राजनीति में देखा जा सकता है. उत्तर भारत के इस प्रयोग का वह दक्षिण में भी दोहराना चाहती है. उसे दक्षिण में अधिक सफलता मिल सकती है, क्योंकि वहां की राजनीति में फिल्म स्टार पहले से ही बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं. यही वजह है कि अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी की खबर आते ही बीजेपी के बड़े नेताओं ने बयान देने शुरू कर दिए. 

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस मामले में विधानसभा में जानकारी दी थी.

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस मामले में विधानसभा में जानकारी दी थी.

तेलगू अभिनेताओं से रेवंत रेड्डी सरकार की टकराव उस समय शुरू हुआ,जब रेवंती रेड्डी की सरकार ने मशहूर तेलगू अभिनेता नागार्जुन का संपत्ति को अवैध बताते हुए गिरवा दिया था. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री और बीजेपी नेता बंडी संजय कुमार ने आरोप लगाया है कि रेवंत रेड्डी की सरकार फिल्म जगत को निशाना बना रही है. तेलंगाना विधानसभा में इस मामले को एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी ने उठाया था. विधानसभा में यह मामला उठाने को बीजेपी नेता ने शर्मनाक बताते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार एआईएमआईएम के साथ मिलकर विधानसभा को प्लेटफार्म बनाकर फिल्म जगत को तबाह करना चाहती है. संजय ने अस्पताल जाकर भगदड़ में मारी गई महिला के बच्चे श्रीतेज से भी मुलाकात की थी. बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है. 

क्या चाहता है तेलगू का फिल्म जगत

अब इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तेलगू फिल्म जगत के लोग भी आगे आ रहे हैं. तेलंगाना फिल्म चैंबर के नवनियुक्त अध्यक्ष दिल राजू इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सक्रिय हो गए हैं. वो मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी पुष्टि राजू ने मंगलवार को की.उन्होंने कहा कि वो जल्द ही तेलगू फिल्म जगत के अन्य प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात करेंगे.दिल राजू ने भगदड़ में मारी गई महिला के घायल बेटे श्रीतेज से अस्पताल में मुलाकात की है. उन्होंने यह कदम तब उठाया, जब सरकार ने इस बात की आलोचना की कि घायल बच्चे से मिलने फिल्म जगत से कोई नहीं आया. 

ये भी पढ़ें: पुष्पराज के फैंस की भीड़, टूटे गेट और चीख-पुकार... संध्या थियेटर में भगदड़ का नया वीडियो



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Monday, 23 December 2024

आंबेडकर का इस्तीफा पत्र गायब, रिजिजू के आरोपों पर कांग्रेस भड़की, जानिए केसी त्यागी ने क्या इशारा किया

कानून मंत्री के तौर पर भीमराव आंबेडकर ने अक्टूबर 1951 में इस्तीफा दिया था, लेकिन उनके इस्तीफा की चिट्ठी ऑफिशियल रिकॉर्ड से गायब हो चुकी है. सरकार और कांग्रेस ने एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है, जबकि जनता दल यूनाइटेड ने दावा किया है आंबेडकर के इस्तीफा की चिट्ठी कई राज खोल सकती है और उसे फिर से खोजा जाना चाहिए.

बाबा साहब ने कानून मंत्री के तौर पर जो इस्तीफ़ा दिया था, वो कहां है? वो आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं है.  संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार रात को ये सवाल उठाते हुए कांग्रेस को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया. किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया है कि डॉ. बी.आर. आंबेडकर का त्यागपत्र रहस्यमय तरीके से आधिकारिक रिकॉर्ड से गायब है.

आंबेडकर ने कानून मंत्री के तौर पर 1951 में इस्तीफा दिया था. तात्कालीन राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा 11 अक्टूबर, 1951 को स्वीकार कर लिया था. रिजिजू ने कांग्रेस से पूछा है कि वो भारत की जनता से क्या छुपा रही है? रिजिजू ने दावा किया है कि आंबेडकर का त्याग पत्र सामाजिक सुधारों के प्रति कांग्रेस की उदासीनता के खिलाफ एक बोल्ड स्टेटमेंट था.

कांग्रेस ने संसदीय कार्य मंत्री के इन आरोपों को खारिज कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने एनडीटीवी से कहा, 'यह इतिहास का सच है कि जवाहरलाल नेहरू ने आंबेडकर को अपने सरकार में शामिल किया था और कांस्टीट्यूएंट असेंबली का सदस्य भी बनाया था.

तारिक अनवर ने एनडीटीवी से कहा, "हो सकता है पिछले 11 साल में उसको गायब कर दिया गया हो, क्योंकि इससे पहले कभी यह सवाल उठा ही नहीं कि आंबेडकर का रेजिग्नेशन लेटर रिकॉर्ड में उपलब्ध अब नहीं है. इसमें कोई साजिश हुई होगी. आंबेडकर का रेजिग्नेशन लेटर कहीं जानबूझकर गायब तो नहीं कर दिया गया, जिससे कि यह आरोप लगाया जा सके? यह इतिहास का सच है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही आंबेडकर को अपने सरकार में शामिल किया था. उन्हें कांस्टीट्यूएंट असेंबली का सदस्य जवाहरलाल नेहरू ने ही बनाया था. यह तो इतिहास का सच है. बीजेपी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है".

इस आरोप प्रत्यारोप के बीच जनता दल यूनाइटेड ने कहा है कि आंबेडकर के इस्तीफा की चिट्ठी को एक बार फिर खोजा जाना चाहिए, क्योंकि उनकी चिट्ठी यह राज खोल सकती है कि कानून मंत्री के तौर पर 1951 में अंबेडकर ने नेहरू सरकार से क्यों इस्तीफा दिया था?

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण सवाल है. कानून मंत्री के तौर पर आंबेडकर के इस्तीफा की चिट्ठी कई तरह के राज खोल सकती है. आंबेडकर के रेजिग्नेशन लेटर से यह पता चलेगा कि उन्होंने क्यों नेहरू सरकार से इस्तीफा दिया था? आंबेडकर के नेहरू से कई वैचारिक मतभेद थे. किरने रिजिजू ने जो सवाल उठाए हैं, उसका जवाब खोज जाना चाहिए. ऑफिशियल रिकॉर्ड को खंगाला जाना चाहिए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी दुनिया के सामने आ सके. नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी के अध्यक्ष रहे हरदेव शर्मा ने एक बार समाजवादी पार्टी के नेता मधु लिमये को बताया था कि सोनिया गांधी ने बहुत सारे दस्तावेज और चीट्ठियां नेहरू मेमोरी लाइब्रेरी से निकलवा ली हैं. बहुत दिनों तक यह राज बना रहा. मुझे खुशी है कि अब यह बात सार्वजनिक हो गई है". अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस बारे में आगे क्या फैसला करती है.



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फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM मोदी ने जताया दुख

जाने-माने फिल्म डायरेक्टर, स्क्रिप्ट राइटर और प्रोड्यूसर श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया. उन्होंने 90 साल की उम्र में आखिरी सांसें लीं. बेनेगल का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा. इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्याम बेनेगल के निधन पर दुख जताया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उनके निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि बेनेगल ने सिनेमा की एक नई शैली की शुरुआत की और कई ‘क्लासिक' फिल्में बनाईं.

राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच 'X' पर एक पोस्ट में कहा, 'एक वास्तविक संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया. उनके असाधारण योगदान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के रूप में मान्यता दी गई। उनके परिवार के सदस्यों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.'

PM मोदी ने लिखा- उनकी कहानी कहने का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव
श्याम बेनेगल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, " श्याम बेनेगल के निधन पर गहरा दुख हुआ. उनकी कहानी कहने का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा. उनके कामों की विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा प्रशंसा की जाती रहेगी. बेनेगल परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति."

किडनी की बीमारी से थे पीड़ित
श्याम बेनेगल की बेटी पिया बेनेगल ने बताया, "वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. दो साल पहले उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थीं. उसके बाद से उनका डायलिसिस के साथ इलाज चल रहा था."

सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड
श्याम बेनेगल के नाम सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है. उन्हें 8 फिल्मों के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.



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Sunday, 22 December 2024

अल्लू अर्जुन के घर पर हमला : CM रेवंत रेड्डी ने दिया कार्रवाई का आदेश, BJP ने कहा- ये प्रायोजित आतंकवाद

साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) के हैदराबाद स्थित आवास पर रविवार को हुए हमले पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने एक्टर के घर हुए हमले की निंदा की और पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें : अल्लू अर्जुन के घर के बाहर तोड़फोड़, भगदड़ से मौत का विरोध कर रहे लोगों ने फेंके टमाटर; बढ़ाई गई सुरक्षा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "मैं फिल्म सेलिब्रिटी के घरों पर हुए हमले की निंदा करता हूं.राज्य के डीजीपी और शहर पुलिस आयुक्त को कानून-व्यवस्था के संबंध में सख्त कार्रवाई का आदेश देता हूं. इस संबंध में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारियों को संध्या थिएटर घटना में शामिल न होने वाले पुलिसकर्मियों को प्रतिक्रिया देने से रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए."

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर सवाल

भाजपा के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने अल्लू अर्जुन के घर हुए हमले को लेकर तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता अल्लू अर्जुन के घर पर पत्थरबाजी की गई. यह राज्य प्रायोजित आतंकवाद है. कांग्रेस अल्लू अर्जुन को इसलिए निशाना बना रही है, क्योंकि उन्होंने उनके लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था. उन्हें पहले जल्दबाजी में उस अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया था, जो उन्होंने किया ही नहीं था."

उन्होंने आगे लिखा, "मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान बिक रहा है."

अल्‍लू अर्जुन के आवास पर फेंके टमाटर

बताया जा रहा है कि उस्मानिया यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारियों से जुड़े एक समूह ने अल्लू अर्जुन के आवास पर टमाटर फेंके और गमलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.

घटना की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को संभाला और उपद्रवियों को मौके से खदेड़ दिया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

हैदराबाद स्थित संध्या थिएटर भगदड़ मामले में अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया था. अभिनेता को तेलंगाना हाई कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी, जबकि एक निचली अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया था.



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Saturday, 21 December 2024

'UNSC में भारत है जरूरी', रूस ने भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग

भारत और रूस ने चरमपंथ और आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने में संयुक्त प्रयासों को बढ़ाने का फैसला किया है. आतंकवाद के खतरों से निपटने में सहयोग को गहरा करने के तौर-तरीकों पर आतंकवाद-रोधी सहयोग पर भारत-रूस संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक में चर्चा की गई.

संयुक्त राष्ट्र से संबंधित मुद्दों पर एक अलग बैठक में, रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत के प्रयास के लिए अपना समर्थन दोहराया. यह बैठक 19 और 20 दिसंबर को मॉस्को में हुई.

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ 13वें जेडब्ल्यूजी के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद और चरमपंथ का मुकाबला करने में अपने अनुभव साझा किए तथा कट्टरपंथ के साथ-साथ आतंकवाद के वित्तपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.''

एक बयान में कहा गया, ‘‘बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर मौजूदा आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर चर्चा की गई.''

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.



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संसद में धक्का-मुक्की : अपराध शाखा 23 दिसंबर को भाजपा के घायल सांसदों के दर्ज कर सकती है बयान

संसद परिसर में कथित तौर पर हुई हाथापाई की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा 23 दिसंबर को राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती दो सांसदों के बयान कर सकती है. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
संसद परिसर में बृहस्पतिवार को विपक्ष और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की के बाद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे.

  • भाजपा द्वारा बृहस्पतिवार को शिकायत दर्ज कराने के बाद संसद मार्ग पुलिस थाना में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. राहुल गांधी पर शारीरिक हमला और उकसावे का आरोप लगाया गया.
  • एक पुलिस सूत्र ने बताया, ‘‘शुक्रवार को अपराध शाखा को यह मामला मिला और डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) के नेतृत्व में एक समर्पित टीम को मामले का अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी गई, ताकि प्रकरण की जांच शुरू की जा सके.''
  • सूत्र ने बताया कि अपराध शाखा की टीम रविवार को दोनों सांसदों की चिकित्सा स्थिति की अद्यतन जानकारी का इंतजार करेगी और सोमवार को उनके बयान दर्ज करने के लिए अस्पताल जा सकती है.
  • अस्पताल सूत्रों ने बताया कि दोनों सांसदों को शनिवार को आईसीयू से वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि अपराध शाखा घटना की सीसीटीवी फुटेज हासिल करने के लिए संसद सचिवालय से भी संपर्क करेगी.

सूत्र ने बताया कि अपराध शाखा कांग्रेस द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की भी जांच कर रही है, जिसमें भाजपा सांसदों पर उसी दिन संसद में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है. सूत्र ने बताया कि जांच के दौरान यदि आवश्यकता हुई तो अधिकारी घटना का दोबारा नाट्य रूपांतरण कर सकते हैं.

भाजपा सांसद हेमंग जोशी बृहस्पतिवार को पार्टी सहयोगियों अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज के साथ संसद मार्ग पुलिस थाना गए और शिकायत दर्ज कराई.

कांग्रेस ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों ने खरगे को धक्का दिया और गांधी के साथ ‘‘शारीरिक दुर्व्यवहार'' किया.



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Friday, 20 December 2024

चंदा ओ चंदा! समझिए एलन मस्क की इस फोटो ने कैसे चुराई ब्रिटेन की निंदिया

अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क (Elon Musk) अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के बाद अब ब्रिटेन की राजनीति में भी दखल देने की तैयारी में हैं. मस्क का मानना है कि अमेरिका की तरह अब ब्रिटेन को भी रिफ़ॉर्म्स की ज़रूरत है. इसके लिए वो 'Reform UK' नाम की राजनीतिक पार्टी की बढ़चढ़कर मदद करने को भी राजी हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कैंपेनिंग के लिए एलन मस्क ने 25 करोड़ डॉलर की मदद दी थी. ब्रिटेन में नाइजेल फराज की Reform UK पार्टी को उन्होंने इससे भी दोगुनी रकम देने की पेशकश की है. बेशक एलन मस्क के इस कदम को लेकर कानूनी अड़चनें हैं, लेकिन उनके चंदे की पेशकश से ब्रिटेन की नींद उड़ी हुई है.

आइए समझते हैं आखिर एलन मस्क ब्रिटेन की पॉलिटिक्स में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं?  Reform UK को वो सपोर्ट क्यों कर रहे? अगर मस्क डोनेशन देने में कामयाब हुए, तो इसका ब्रिटेन की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा:-

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कहां से हुई शुरुआत?
दरअसल, इस चंदे की कहानी की शुरुआत फ्लोरिडा में हुई एक मीटिंग से हुई. यहां डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पॉश रिसॉर्ट मारे-ए-लागो एस्टेट में मस्क और अमेजॉन के जेफ बेजोस के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग में ब्रिटेन के Reform UK के नेता नाइजेल फराज भी मौजूद थे. दावा किया जा रहा है कि इस रिसॉर्ट में मस्क और नाइजेल के बीच इलेक्शन में कथित डोनेशन को लेकर चर्चा हुई थी.

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मस्क ब्रिटेन की पॉलिटिक्स में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं?
एलन मस्क ब्रिटेन की पॉलिटिक्स में दिलचस्पी लेने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. मस्क ने रिफॉर्म यूके के लिए अरबों का निवेश करने की घोषणा की है, जो मस्क की राजनीतिक दिलचस्पी को दर्शाता है. ये उनके ग्लोबल इंपैक्ट को बढ़ाने की उनकी रणनीति का हिस्सा है.

एलन मस्क की दिलचस्पी ब्रिटेन की पॉलिटिक्स में उनके व्यावसायिक हितों से भी जुड़ी हो सकती है. उनकी कंपनी टेस्ला और स्पेसएक्स दोनों ही ब्रिटेन में अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. लिहाजा मस्क के लिए ब्रिटेन की पॉलिटिक्स में दिलचस्पी लेना उनके व्यावसायिक हितों की रक्षा और उनके बिजनेस को बढ़ावा देने का एक तरीका हो सकता है.

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Reform UK को वो सपोर्ट क्यों कर रहे?
एलन मस्क Reform UK को सपोर्ट कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि नाइजेल फराज एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत के रूप में उभर सकते हैं, जिससे उनका फायदा हो सकता है. मस्क की विचारधारा नाइजेल फराज से मेल खाती है. दोनों ही शरणार्थियों के सख्त विरोधी हैं. पश्चिम को उसकी पुरानी शक्ल वापस देना चाहते हैं. मस्क ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर के कड़े आलोचक हैं. मस्क का समर्थन रिफॉर्म यूके के लिए एक बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है.

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Reform UK को कितना डोनेशन देना चाहते हैं मस्क?
टाइम्स ऑफ लंदन के मुताबिक, एलन मस्क रिफॉर्म यूके को 100 मिलियन डॉलर (10 करोड़ डॉलर) तक दान दे सकते हैं. ब्रिटेन के इतिहास का ये सबसे बड़ा राजनीतिक चंदा होगा. इससे पहले 2023 में लॉर्ड सेंसबरी ने कंजरवेटिव पार्टी को 1 करोड़ पाउंड का चंदा दिया था.

कब हुआ रिफॉर्म यूके का गठन?
Reform UK का गठन 2021 में हुआ. ये ब्रिटेन के छोटे-मोटे दक्षिणपंथी दलों में से एक है. जिनकी चुनावी कामयाबी तो सीमित ही रहती है लेकिन राजनीति पर असर अच्छा खासा रहता है. 

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क्या चंदा देना इतना आसान होगा?
ब्रिटेन में पॉलिटिकल डोनेशन इतना आसान नहीं है. कोई अमेरिकी इस तरह से ब्रिटेन के राजनीतिक दलों को चंदा नहीं दे सकता है. दूसरी तरफ ब्रिटेन में चुनाव खर्च को लेकर कड़े नियम हैं. हालांकि, वहां राजनीतिक कितना भी चंदा ले सकते हैं. बशर्ते दान देने वाले ब्रिटेन के हो या ब्रिटेन में रजिस्टर्ड कंपनियां हों.

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ऐसे में एलन मस्क कैसे देंगे डोनेशन?
एलन मस्क के पास इसका रास्ता है. उनकी कंपनी X (पहले ट्विटर) का ब्रिटेन में ब्रांच है. Twitter UK लिमिटेड का रिजस्टर्ड एड्रेस लंदन ही है. यानी वो इस कंपनी के जरिए डोनेशन दे सकते हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि मस्क चंदा देने के लिए यूके के नागरिक बनने को भी तैयार हैं.

हालांकि, राजनीतिक चंदे पर नज़र रखने वाले संगठनों ने इसका विरोध शुरू भी कर दिया है. उनका कहना है कि कुछ खामियों का लाभ उठाकर ये यूके की राजनीति में दखल देने की साजिश है. लेकिन, एलन मस्क का इतिहास कहता है कि वो लड़कर अपनी बात मनवाने के आदी हैं. ऐसे में देखना होगा कि क्या मस्क अमेरिका के बाद ब्रिटेन में भी कामयाब होंगे.


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Thursday, 19 December 2024

संभल में मिले प्राचीन शिव मंदिर की उम्र जानने के लिए होगी कार्बन डेटिंग, शुक्रवार से काम शुरू करेगी ASI की टीम

पुरातत्व विभाग (एएसआई) की टीम मुरादाबाद पहुंच चुकी है और शुक्रवार को संभल का दौरा कर मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग कर सकती है. बताया जा रहा है कि यह मंदिर 1978 का है. अब पुरातत्व विभाग इसकी सटीक उम्र और ऐतिहासिक महत्व का पता लगाने के लिए जांच करेगा.

यह मामला उस समय सामने आया जब संभल में हिंसा के बाद उपद्रवियों की तलाश में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान बिजली चोरी का मामला तो उजागर हुआ ही, लेकिन 14 दिसंबर को दीपा राय इलाके में जांच के दौरान पुलिस को एक पुराना मंदिर मिला.

महादेव मंदिर को 46 वर्षों के बाद खोला गया था
संभल जिले में 46 वर्षों तक बंद रहने के बाद पिछले सप्ताह खोले गये भस्म शंकर मंदिर के कुएं में तीन खंडित मूर्तियां मिली हैं. श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को पुनः खोल दिया गया था, जब अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था.

मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित था. यह 1978 से बंद था. मंदिर के पास एक कुआं भी है जिसे अधिकारियों ने फिर से खोलने की योजना बनाई थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संभल में 1978 में हुए दंगे में काफी लोग मारे गए थे. इलाके में दहशत थी. इसके बाद मंदिर के पंडित अपना घर बेचकर चले गए और मंदिर में ताला लगा गए.

क्या है कार्बन डेटिंग?
कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) एक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसका उपयोग प्राचीन जीवाश्मों, वस्तुओं, और निर्माणों की सटीक उम्र का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह प्रक्रिया रेडियोकार्बन (C-14) नामक कार्बन के समस्थानिक पर आधारित है, जो सभी जीवित प्राणियों और पौधों में मौजूद होता है. वैज्ञानिक इस क्षय की दर को मापकर यह पता लगाते हैं कि वस्तु या अवशेष कितने पुराने हैं. यह तकनीक 50,000 साल तक पुराने जैविक पदार्थों की उम्र का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम है.

मंदिर, कुएं, या किसी भी पुरातात्विक स्थल की कार्बन डेटिंग से उसकी निर्माण तिथि और ऐतिहासिक महत्व का सटीक निर्धारण किया जा सकता है. संभल के मंदिर मामले में भी पुरातत्व विभाग इस तकनीक का उपयोग करके यह जांच करेगा कि मंदिर का निर्माण वास्तव में 1978 में हुआ था या यह उससे अधिक पुराना है.



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Wednesday, 18 December 2024

ED की जांच में पाकिस्‍तानी निकला बेटिंग ऐप का मालिक, कई भारतीय सेलेब्स ने किया है प्रमोट

देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब ईडी की जांच में किसी बेटिंग ऐप का पाकिस्तानी कनेक्शन निकला है, Magicwin नाम के इस एप के मालिक पाकिस्तानी हैं और हिंदुस्तान से पैसा दुबई के रास्‍ते पाकिस्तान भेजा जा रहा है. खास बात ये है कि इस ऐप के प्रचार से कई भारतीय कलाकार भी जुड़े हुए हैं. इन भारतीय कलाकारों से ईडी ने पूछताछ भी शुरू कर दी है. 

ईडी ने हाल ही में मल्लिका शेरावत और टीवी अभिनेत्री पूजा बनर्जी को समन किया है. मैजिक्विन से उनके रिश्तों को लेकर सवाल पूछे गए हैं. मल्लिका शेरावत ने ईमेल से जवाब भेजा, जबकि पूजा बनर्जी अहमदाबाद के दफ्तर में पूछताछ में शामिल हुईं. दरअसल मैजिक्विन नाम के इस ऐप के प्रचार में कई छोटे बड़े सितारे शामिल हैं, जबकि इस ऐप का कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा मिल रहा है. 

फर्जी अकाउंट से बिटकॉइन में निवेश 

ईडी की जांच में सामने आया कि इस एप के जरिये करोड़ों रूपये कमाए गए, जिन्हें फर्जी एकाउंट की मदद से बिटकॉइन में इन्वेस्ट किया गया. फिर पैसा निकालकर उसे हवाला के जरिये दुबई भेजा जा रहा है. खास बात ये कि पैसा दुबई से पाकिस्तान भी भेजा जा रहा है. 

जांच में सामने आया कि “मैजिकविन” एक सट्टेबाजी से जुड़ी वेबसाइट है, जिसे गेमिंग वेबसाइट के रूप में दिखाया गया है. हैरानी की बात ये है कि इस गेमिंग एप को पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा तैयार किया गया था और इसे दुबई में बैठे कुछ भारतीय नागरिकों द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है. 

इन देशों में वैध है सट्टेबाजी 

जांच में ये भी पता चला कि इस वेबसाइट पर दिखाए गए सट्टेबाजी वाले गेम फिलीपींस और अन्य देशों में खेले जाते हैं, जहां सट्टेबाजी वैध है. इन गेम्स के एपीआई (API) को कॉपी कर, मैजिकविन पर फिर से प्रसारित किया जाता है. 

Magicwin नाम से सट्टेबाजी से जुड़े इस ऐप के तमाम सोशल मीडिया एकाउंट भी हैं, जिनके जरिये इसे हिंदुस्तान में जमकर प्रोमोट किया जाता है. 

ईडी के रडार पर बीते 6 महीने से यह मामला है. इसे लेकर देश भर में ईडी 67 रेड कर चुकी है. 

3.55 करोड़ रुपये की जब्‍ती की 

इंस्टाग्राम पर तमाम बॉलीवुड और छोटे पर्दे के एक्टर और एक्ट्रेस इस पाकिस्तानी एप को प्रमोट कर रहे हैं. एक हफ्ते पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने magicwin एप से जुड़े लोगों के दिल्ली, मुंबई और पुणे में 21 ठिकानों पर रेड की और करीब 3.55 करोड़ रुपये जब्त किए. ED ने यह कार्रवाई अहमदाबाद पुलिस द्वारा ऑनलाइन बेटिंग एप मैजिकविन और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. सट्टेबाजी के विजेताओं की रकम को उनके बैंक खातों में शेल कंपनियों के पेमेंट गेटवे/एग्रीगेटर्स के ज़रिए ट्रांसफर किया गया. इसके अलावा खिलाड़ियों को पैसा डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर (DMT) के जरिए भी भेजा गया. 

ईडी ने दो बड़ी सेलिब्रिटीज को भी शुक्रवार-शनिवार को समन किया. इसके अलावा अगले हफ्ते कुछ और टीवी कलाकारों और कॉमेडियनों को बुलाने की बात है. 



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Tuesday, 17 December 2024

आज नोएडा के फ्लैट में लगी आग: प्रचंड गर्मी से फट रहे AC! फायर ब्रिगेड की '24 घंटे' वाली सलाह पढ़ लीजिए

AC Blast : देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से बिजली की अधिकतम मांग रिकॉर्ड 246.06 गीगावाट पर पहुंच गई है. गर्मी से राहत के लिए घरों एवं दफ्तरों में एयर कंडीशनर (AC) और कूलर का इस्तेमाल बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ रही है. मगर यही एसी घर या दफ्तर में आग लगने का कारण भी बन रहे हैं. नोएडा के सेक्टर 100 में स्थित लोटस ब्लूबर्ड सोसाइटी में एयर कंडीशनर फटने से पूरा का पूरा फ्लैट भयानक आग की चपेट में आ गया. इसी तरह 27 मई को मुंबई के बोरीवली वेस्ट के एक फ्लैट में आग से पूरा फ्लैट जल कर राख हो गया. 27 मई को ही हरियाणा के हिसार में एक अस्पताल में आग लग गई. आग लगने का कारण एसी में ब्लास्ट था. रोजाना इसी तरह की घटनाएं अलग-अलग इलाकों में हो रही हैं. तस्वीरों के साथ देखें AC ब्लास्ट से कैसे बचें?

मुंबई के बोरीवली वेस्ट के एक फ्लैट में आग लगने की घटना भी बेहद भयावह है. इस तरह की घटनाएं लापरवाही या अनदेखी के कारण ही होती हैं. अगर एसी चलाते समय कुछ सामान्य बातों का ख्याल रखा जाए तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है.

नोएडा फायर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस गर्मी के सीजन में 10 से 12 एसी फटने की सूचनाएं मिली हैं. घर से लेकर दफ्तरों तक में  हादसे हुए हैं. अधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि एसी की सर्विस लगातार कराते रहें. 24 घंटे एसी न चलाएं. एसी को ब्रेक दें. मतलब 3-4 घंटे एसी चलाने के बाद कुछ देर बंद कर दें. घर से बाहर निकलते समय जलता हुआ दीपक या फिर पावर सप्लाई ऑन छोड़कर न जाएं. अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में गाइडलाइन भी जारी की जाएगी.

  • घर या दफ्तर की वायरिंग कराते समय हमेशा ब्रांडेड वायर डलवाएं. 
  • एसी लगवाते समय उसकी पावर कैपेसिटी और अपने घर या दफ्तर के पावर लोड का पता लगा लें.
  • एसी बगैर स्टैबलाइजर न चलाएं.
  • एसी का कम्प्रेशर किसी छांव वाली जगह पर लगवाएं
  • गर्मी की शुरूआत में ही एसी की सर्विस जरूर कराएं.
  • अगर एसी से किसी तरह की आवाज आए या स्पार्क करे तो तुरंत जांच कराएं.
  • एसी के पास पर्दे आदि न लगाएं.
  • एसी को लगातार न चलाएं.
  • कोशिश करें कि 5-6 घंटे एसी चलाने के बाद उसे कुछ देर बंद कर दें.
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260 गीगावाट तक पहुंच सकती है मांग
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिजली की अधिकतम मांग या दिन में सबसे अधिक आपूर्ति बुधवार को 246.06 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) दर्ज की गई, जो इस साल गर्मी के मौसम में सबसे अधिक है. इससे पहले मंगलवार को बिजली की अधिकतम मांग इस सत्र में 237.94 गीगावाट के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. अब तक का सर्वाधिक बिजली खपत रिकॉर्ड सितंबर, 2023 में 243.27 गीगावाट का था. मंत्रालय ने इस साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान जताया है.



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'टायर्ड मुख्‍यमंत्री और रिटायर्ड अधिकारी' : तेजस्‍वी ने CM नीतीश से प्रगति यात्रा को लेकर पूछे 10 सवाल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रगति यात्रा (Pragati Yatra) को लेकर शेड्यूल जारी हो गया है. मुख्यमंत्री 23 दिसंबर से 'प्रगति यात्रा' पर निकलेंगे. इस दौरान मुख्‍यमंत्री पांच जिलों की यात्रा करेंगे. उनके बदले में राज्‍य के मंत्री महिला संवाद यात्रा पर जाएंगे. महिला संवाद यात्रा को लेकर तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सवाल उठाए थे तो लालू प्रसाद यादव ने एक आपत्तिजनक टिप्‍पणी की थी. उसके बाद यात्रा में बदलाव किया गया है. हालांकि तेजस्‍वी यादव ने इस बार सीएम नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर 10 सवाल पूछे हैं. 

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक राज्‍य के पांच जिलों में प्रगति यात्रा करेंगे. यात्रा के दौरान सीएम क्षेत्र का  भ्रमण करेंगे और जिलास्तरीय समीक्षा बैठकें होंगी. मुख्यमंत्री की बैठक में संबंधित विभागों के सचिव मौजूद रहेंगे. साथ ही मंत्रियों को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से जुड़ने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं सांसद, विधायक और विधान पार्षद बैठक में भाग ले सकते हैं, लेकिन वे किसी भी विषय पर सवाल उठाने के लिए स्वतंत्र नहीं होंगे. यहां किए जाने वाले सवालों का एजेंडा पहले से ही तय होगा. 

चाय-पानी में अरबों क्‍यों खर्च किए जा रहे: तेजस्‍वी 

इस यात्रा के खर्च को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाया है. तेजस्‍वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार से यात्रा पर निकलने से पहले 10 सवाल पूछे हैं. उन्‍होंने पूछा है कि चाय-पानी में अरबों रुपये क्‍यों खर्च किए जा रहे हैं.

साथ ही कहा है कि सीएम नीतीश कुमार एक पखवाड़े में अपनी आदत, चरित्र, चाल-चलन और चंचलता के चलते एक पखवाड़े में एक ही यात्रा का कई बार नाम बदल चुके हैं. यह दर्शाता है कि वे मानसिक रूप से कितने अशांत और अस्थिर हो चुके हैं. साथ ही कहा है कि यात्रा पर निकलने से पहले 10 सवालों के जवाब दें. 

तेजस्‍वी यादव ने नीतीश कुमार से पूछे ये 10 सवाल

1. 2023 में समाधान यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई कितनी समस्याओं का समाधान उनके द्वारा अभी तक किया गया है?
2. समाधान यात्रा में दर्ज की गयी कितनी समस्याएं अभी भी उनके आश्वासन व निर्देश के बावजूद यथावत है? क्या उन समस्याओं के यथावत रहने के दोषी वो नहीं हैं?
3. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में नागरिकों द्वारा की गई जन शिकायतों का निवारण अभी तक क्यों नहीं हुआ है?
4. जनप्रतिनिधियों के जन सरोकारों/शिकायतों/जन समस्याओं को दरकिनार कर इन्‍हें आखिर में चंद अधिकारियों की ही बातें सुननी है तथा अपनी रटी-रटाई, घिसी-पीटी बातें सुनानी है तो एकालाप से परिपूर्ण इस यात्रा का फायदा क्या?
5. जब जनता से संवाद करना ही नहीं है तो उड़न खटोले से यात्रा कर अधिकारियों संग चाय-पानी में अरबों रुपए खर्च क्यों कर रहे है? 
6. क्या किसी संवाद में गरीब राज्य का ???,??????? रुपये अल्पाहार और सोशल मीडिया के प्रचार में खर्च करना जायज़ है?
7. क्या यह यात्रा अधिकारियों को लूट की छूट यात्रा नहीं है?
8. क्या इस यात्रा में वो घर-घर मिल रही शराब, शराबबंदी में पुलिस की मिलीभगत तथा शराबबंदी की विफलता की प्रगति की समीक्षा करेंगे?
9. क्या यह टायर्ड मुख्यमंत्री और रिटायर्ड अधिकारी द्वारा जिलास्तरीय अधिकारियों को तबादले की चेतावनी एवं धमकी देकर उगाही करने संबंधित यात्रा नहीं है?
10. क्या यह मुख्यमंत्री की थानों और ब्लॉक में व्याप्त भ्रष्टाचार की प्रगति को गति देने की यात्रा है?


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Monday, 16 December 2024

मेहंदी से बयां की शादी से लेकर डिवोर्स तक की कहानी, आर्ट ने खींचा लोगों का ध्यान

Mehndi Se Batai Divorce Ki Story Video: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Instagram पर एक अनोखी और दिलचस्प रील वायरल हो रही है, जिसने लाखों लोगों का ध्यान एक झटके में अपनी ओर खींच लिया है. इस वीडियो में एक महिला ने अपनी पूरी शादीशुदा जिंदगी को केवल एक मेहंदी डिजाइन के जरिए बयां कर दिया. यह क्रिएटिव और अनोखा तरीका इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया है और लोग इसे देखकर हैरान हो रहे हैं. शादी से लेकर डिवोर्स तक की लंबी कहानी बयां करती एक मेहंदी डिजाइन इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.

गजब:- शर्मा जी की लड़की और गोपाल जी का लड़का...शादी के कार्ड में लिखी बातें पढ़कर हंसी से हो जाएंगे लोटपोट

यहां देखें वीडियो

गजब:- रोज नहीं नहाना बना तलाक का कारण, शादी के महज 40 दिन बाद महिला ने किया पति से अलग होने का फैसला

मेहंदी में छिपी कहानी

इस वायरल रील में महिला के हाथों पर जो मेहंदी डिजाइन बनाई गई है, उसमें उनकी शादी से लेकर तलाक तक की कहानी को खूबसूरत और अनोखे ढंग से उकेरा गया है. मेहंदी के हर हिस्से में एक खास संदेश छिपा हुआ है. डिजाइन की शुरुआत शादी की रस्मों से होती है, जिसमें मंडप, वरमाला और हंसी-खुशी के पलों को दर्शाया गया है. इसके बाद मेहंदी में धीरे-धीरे शादीशुदा जिंदगी के उतार-चढ़ाव को दिखाया गया है, जो अंत में तलाक के निर्णय तक पहुंचता है. यह रील शादी और तलाक जैसे विषयों को एक नए और अनोखे नजरिए से पेश करती है, जो निश्चित रूप से आपके चेहरे पर मुस्कान और दिल में सोचने का एहसास छोड़ जाएगी.

गजब:- 7 साल की बच्ची का मेहंदी से हुआ बुरा हाल, अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

रील ने इंस्टाग्राम पर तहलका मचा दिया है. लोग इस क्रिएटिविटी की तारीफ करते नहीं थक रहे. किसी ने इसे "क्रिएटिविटी का कमाल" कहा, तो किसी ने इसे "दुख और सच्चाई को कलात्मक रूप से पेश करने का बेहतरीन तरीका" बताया. यह रील न केवल मनोरंजक है, बल्कि जीवन के उतार-चढ़ाव को समझने का एक नया नजरिया भी देती है. मेहंदी का यह डिजाइन उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है, जो अपनी भावनाओं को कला के जरिए बयां करना चाहते हैं.

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Sunday, 15 December 2024

जनता के अनुकूल शासन से हम व‍िकस‍ित भारत के सपने को कर सकते हैं साकार : पीएम मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि "लोगों के अनुकूल सक्रिय सुशासन (पी2जी2) हमारे काम का मूल है, जिसके माध्यम से हम विकसित भारत के सपने को साकार कर सकते हैं."

एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "मुख्य सचिवों के सम्मेलन में भाग लिया, जो सुशासन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है. सम्मेलन में विकास को आगे बढ़ाने, प्रभावी शासन सुनिश्चित करने और नागरिकों को सेवा वितरण बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. हमने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि कैसे बेहतर शासन के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया जाए और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जाए."

तीन दिवसीय सम्मेलन 13-15 दिसंबर तक दिल्ली में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस सम्मेलन का सबसे बड़ा लाभ यह था कि टीम इंडिया खुले दिमाग से चर्चा के लिए एक साथ आई और विकसित भारत के लिए मिलकर काम किया.

सम्मेलन में ‘उद्यमिता, रोजगार और कौशल को बढ़ावा देना - जनसांख्यिकी लाभांश का लाभ उठाना' के विषय पर चर्चा की गई. पीएमओ ने एक विज्ञप्ति में उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से टियर 2/3 शहरों में स्टार्टअप के आगमन की सराहना की. उन्होंने राज्यों से ऐसे नवाचारों को प्रोत्साहित करने और ऐसा माहौल प्रदान करने की दिशा में काम करने को कहा, जहां स्टार्ट-अप फल-फूल सकें.

पीएम मोदी ने राज्यों से छोटे शहरों में उद्यमियों के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने और उन्हें बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने, रसद प्रदान करने और उन्हें सुविधा प्रदान करने की पहल करने का आग्रह किया.

प्रधानमंत्री ने राज्यों से अनुपालन को सरल बनाने के लिए भी कहा, जिससे अक्सर नागरिकों को परेशान किया जाता है. उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि राज्यों को नागरिक भागीदारी या जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के तरीके से शासन मॉडल में सुधार करना चाहिए.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है, और लोगों को सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में सूचित करना भी महत्वपूर्ण है.

पीएमओ की विज्ञप्ति में कहा गया क‍ि सर्कुलर इकोनॉमी के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने सराहना की कि गोबर्धन कार्यक्रम को अब एक बड़े ऊर्जा संसाधन के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह पहल कचरे को संपदा में बदल देती है, साथ ही वृद्ध मवेशियों को दायित्व के बजाय संपत्ति बनाती है. 

पीएम मोदी ने राज्यों को ई-कचरे के पुनर्चक्रण के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि की अवधारणा का पता लगाने का निर्देश दिया. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि डेटा और प्रौद्योगिकी संचालित समाज में वृद्धि के साथ, डिजिटल कचरा और भी बढ़ेगा. इस ई-कचरे को एक उपयोगी संसाधन में बदलने से ऐसी सामग्री के आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी.

स्वास्थ्य क्षेत्र में, पीएम मोदी ने आग्रह किया कि फिट इंडिया मूवमेंट के तहत भारत में मोटापे को एक बड़ी चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल एक फिट और स्वस्थ भारत ही विकसित भारत हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को 2025 के अंत तक 'टीबी-मुक्त' बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पुरानी पांडुलिपियां भारत का खजाना हैं और इसे डिजिटल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्यों को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए. उन्होंने इस बात की सराहना की कि पीएम गतिशक्ति सुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक रही है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम गतिशक्ति को नियमित रूप से अपडेट किया जाना चाहिए और पर्यावरणीय प्रभावों, आपदा संभावित क्षेत्रों के संकेतकों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. 

आकांक्षी जिलों और ब्लॉक कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इन ब्लॉकों और जिलों में तैनात सक्षम अधिकारी जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकते हैं. इससे सामाजिक-आर्थिक लाभ भी बहुत होंगे. शहरों के विकास के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने शहरों को आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए मानव संसाधन विकास के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित किया. 

उन्होंने शहरी शासन, जल और पर्यावरण प्रबंधन में विशेषज्ञता के लिए संस्थानों के विकास पर जोर दिया. शहरी गतिशीलता में वृद्धि के साथ, उन्होंने पर्याप्त शहरी आवास प्रदान करने पर भी जोर दिया, जिससे नए औद्योगिक केंद्रों में विनिर्माण क्षेत्र में बेहतर उत्पादकता हो सकेगी. 

प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल को भी नमन किया और उन्हें सभी सिविल सेवकों के लिए प्रेरणा बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज उनकी पुण्यतिथि है और इस साल उनकी 150वीं जयंती भी है. उन्होंने कहा कि अगले दो साल का जश्न मनाया जाना चाहिए और हमें उनके सपनों के भारत को साकार करने की दिशा में काम करना चाहिए.

विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रत्येक भारतीय को सक्रिय भागीदार बनाने के लिए उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के उदाहरण का अनुसरण करने का आग्रह किया. जिस तरह सभी क्षेत्रों के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने अपनी अलग-अलग परिस्थितियों, वैचारिक मतभेदों और अलग-अलग साधनों के बावजूद स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, उसी तरह प्रत्येक भारतीय को 2047 तक विकसित भारत बनाने की दिशा में काम करना चाहिए.

दांडी मार्च के 25 साल बाद भारत के स्वतंत्र होने का हवाला देते हुए, जो उस समय की एक बड़ी क्रांति थी, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह, 2047 तक विकसित भारत बनाने की दिशा में काम करना चाहिए.

तीन दिवसीय सम्मेलन में विशेष विषयों पर जोर दिया गया, जिसमें विनिर्माण, सेवा, ग्रामीण गैर-कृषि, शहरी, नवीकरणीय ऊर्जा और परिपत्र अर्थव्यवस्था शामिल थे.

 सम्मेलन में मुख्य सचिवों, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों, डोमेन विशेषज्ञों और केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
 



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मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत नाजुक, परिवारवालों ने की सलामती की दुआ की अपील

सुप्रसिद्ध तबलावादक उस्‍ताद जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) की हालत गंभीर बनी हुई है. उनके परिवार के एक सदस्‍य  ने एक्‍स पोस्‍ट के जरिए यह जानकारी दी है और लोगों से उनके लिए प्रार्थना करने के लिए कहा है. हालांकि इससे पहले कई केंद्रीय मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया पोस्‍ट के जरिए उनके निधन की सूचना दी थी. 

उस्‍ताद जाकिर हुसैन के परिवार के सदस्‍य अमीर ओलिया ने कहा कि अमीर ओलिया ने कहा कि उनका निधन नहीं हुआ है. हम उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं. उनकी हालत गंभीर है और हम दुनिया भर में उनके सभी प्रशंसकों से उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने की अपील करते हैं. 

अमेरिका के अस्‍पताल में हैं भर्ती 

अपने तबले की थाप से एक पूरे युग को प्रभावित करने वाले जाकिर हुसैन पिछले कुछ वक्‍त से बीमार हैं. उन्‍हें हृदय संबंधी समस्याओं के बाद अमेरिका के शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. हुसैन की प्रबंधक निर्मला बचानी ने बताया कि अमेरिका में रह रहे 73 वर्षीय संगीतकार रक्तचाप की समस्या से ग्रस्‍त हैं. 

बचानी ने कहा, ‘‘हुसैन हृदय संबंधी समस्या के कारण पिछले दो सप्ताह से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती हैं."

हुसैन के नाम कई पुरस्‍कार 

महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए भारत और दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई है. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. 

हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे. 

एक्टिंग में भी आजमा चुके हैं हाथ

हुसैन ने अपने तबले के साथ एक्टिंग में भी हाथ आजमाया. उन्‍होंने 12 फिल्‍मों में अभिनय किया. साल 1983 में ब्रिटिश फिल्‍म हीट एंड डस्‍ट से उन्‍होंने फिल्‍मों में डेब्‍यू किया. फिल्‍म में शशि कपूर जैसे नामचीन अभिनेता उनके साथ थे.

उस्‍ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ. उनके पिता उस्‍ताद अल्‍लाह रक्‍खा भी पेशे से तबलावादक थे. उन्‍होंने मुंबई के माहिम में स्थित सेंट माइकल स्‍कूल से पढ़ाई की और फिर मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की. महज 11 साल की उम्र में पहली बार उन्‍होंने ऑडियंस के सामने अपनी पहली प्रस्‍तुति दी. 



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