Wednesday, 31 July 2024

PHOTOS : कैसे दरिया बन गई दिल्ली, सड़कों पर लंबा जाम; लोगों के घर-दुकानों में घुसा पानी

Delhi Rain LIVE Updates: दिल्ली एनसीआर में बुधवार को जमकर बारिश हुई. दिल्ली और नोए़डा के कई हिस्सों में बारिश से जलजमाव देखने को मिल रहे हैं. कई जगहों पर ट्रैफिक जाम से भी लोगों को परेशानी हो रही है.  भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक पहले ही भारी बारिश का अनुमान लगाया है. मौसम विभाग की तरफ से अगले कुछ घंटे में भी बारिश की बात कही गयी है. तस्वीरों में देखिए कैसे दिल्ली में बारिश के कारण लोगों की ज़िंदगी कैसे अस्त-व्यस्त हो गई.

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम में कई जगहों पर सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं. 

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दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन के बाहर भी जलजमाव से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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दिल्ली के कई पॉश इलाकों में भी बारिश के कारण जलजमाव देखने को मिल रहा है.

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दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के द्वारा एडवायजरी जारी की गयी है. 

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भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी समेत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में पानी भर गया.

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दिल्ली और उससे सटे इलाकों में 31 जुलाई की शाम करीब तीन घंटे झमाझम बारिश हुई. ऐसे में पुलिसकर्मी आम लोगों की मदद कर रहे हैं.

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भारी बारिश के कारण सड़कें पानी से भर गई हैं.

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भारी बारिश से सड़कों का हाल बेहाल, जाम में फंसे लोग

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सड़कों पर जलभराव के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में बिजली कड़कने के साथ भारी बारिश होती रही.  दिल्ली में हुई बारिश के कारण कुछ जगहों पर मकान गिरने की खबर है. दिल्ली में 3 -4 जगह मकान गिरने की खबर आयी है. बारिश के कारण पुराने मकान गिर गए. अभी किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. आईटीओ से लक्ष्मी नगर का रास्ता पानी भरने के कारण बंद कर दिया गया है. 



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Tuesday, 30 July 2024

उत्तराखंड के इन जिलों में भारी बारिश का 'रेड अलर्ट' जारी, अगले 2 दिन जमकर बरसेंगे बादल

उत्तराखंड के 7 जिलों में अगले दो दिन जमकर भारी बारिश होने वाली है. मौसम विभाग ने 31 जुलाई और 1 अगस्त के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का 7 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.उत्तराखंड मौसम विभाग के मुताबिक देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, हरिद्वार ,चंपावत, उधम सिंह नगर मैं भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.

उत्तराखंड मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के साथ इन साथ जिले जिनके लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. साथ ही साथ इन जिलों में रहने वाले लोगों के लिएएडवाइजरी जारी की गई है.

आपदा प्रबंधन विभाग के एडवाइजरी में देहरादून ,टिहरी, पौड़ी ,नैनीताल, हरिद्वार ,चंपावत, उधम सिंह नगर के जिलाधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, एसडीआरएफ को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किये है. आपदा प्रबंधन विभाग की एडवाइजरी में कहा गया है कि भारी बारिश की संभावना को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन जैसी घटनाएं हो सकती है. इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति आ सकती है. इसलिए हाथ से अपनी तैयारी सुनिश्चित रखें. इसके अलावा किसी भी आपदा स्थिति में तुरंत स्थलीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं साथ ही सूचनाओं का आदान-प्रदान तत्काल से किया जाए.

भारी बारिश से चलते सड़कों के बंद होने की संभावना ज्यादा रहती है क्योंकि भारी बारिश के चलते भूस्खलन पहाड़ों से पत्थरों का गिरना या सड़कों पर मलबा आने की पूरी संभावना रहती है. इसलिए NH, PWD, PMGSY,ADB,BRO, CPWD,WB सभी एजेंसियों को तत्काल सड़क खोलना के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सभी पुलिस चौकी और पुलिस स्टेशन में आपदा संबंधित उपकरणों और वायरलेस सहित हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.

अधिकारियों कर्मचारियों को फोन स्विच ऑफ नहीं रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा खाद्य विभाग और प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि लोगों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री वह मेडिकल की व्यवस्था की जाए.

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश की वजह से राज्य की लगभग 120 से ज्यादा सड़के मलबा या भूस्खलन के आने के कारण बंद है जिसको खोलने का लगातार प्रयास किया जा रहा है इन सड़कों में सबसे ज्यादा ग्रामीण सड़क बंद है.

जिसमें रुद्रप्रयाग में 8 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है उत्तरकाशी में दो राज्य मार्ग और पांच ग्रामीण मार्ग बंद है नैनीताल जिले में दो ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है बागेश्वर में 10 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है देहरादून जिले में 22 ग्रामीण मोटर मार्ग और एक राज्य मार्ग मालवा आने के कारण बंद है इसके अलावा पिथौरागढ़ में एक बॉर्डर रोड और 19 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है.

इसी तरह अल्मोड़ा जिले में 11 मोटर मार्क बंद है चंपावत में एक और पौड़ी जिले में 8 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है. इसके अलावा चमोली में 19 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है उधम सिंह नगर जिले में एक राज्य मार्ग और एक मोटर मार्ग बंद है. टिहरी जिले में 11 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए बंद है,



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Monday, 29 July 2024

मोहम्मद रफी की आवाज और AI का साथ, दोबारा 'ब्लॉकबस्टर' बना कोक स्टूडियो का ये पाकिस्तानी गाना

Md Rafi Ki Awaz Me Blockbuster AI Voice: 'ना फ़नकार तुझसा तेरे बाद आया, मोहम्मद रफ़ी तू बहुत याद आया...' बॉलीवुड का यह मशहूर ट्रिब्यूट सॉन्ग फिर से सुर्खियों में है और इसके पीछे की वजह है पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान. गाना ये नहीं है, बल्कि कोक स्टूडियो पाकिस्तान का एक दूसरा गाना ‘ब्लॉकबस्टर' है. एक म्यूजिशियन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर दिग्गज सिंगर मोहम्मद रफी की आवाज में कोक स्टूडियो पाकिस्तान के गाने ‘ब्लॉकबस्टर' का एक अलग एडिशन ही सामने ला दिया. इन दिनों यह वीडियो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है.

मोहम्मद रफी की आवाज में ‘ब्लॉकबस्टर' के रिक्रिएशन की धूम

कोक स्टूडियो पाकिस्तान का गाना ‘ब्लॉकबस्टर' अपने नाम के मुताबिक ही ऑनलाइन वायरल हो चुका है. दो महीने पहले रिलीज होने के बाद से इसकी लोकप्रियता बिल्कुल उफान पर है. सोशल मीडिया यूजर्स इस ट्रेंडिंग गाने के साथ इंस्टाग्राम रील बनाने में मशगूल हैं. इसी बीच म्यूजिशियन अंशुमान शर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके दिग्गज गायक मोहम्मद रफी की आवाज में ‘ब्लॉकबस्टर' को रिक्रिएट कर एक अलग ही माहौल बना दिया है.

अंशुमान शर्मा ने रेट्रो स्टाइल में ‘ब्लॉकबस्टर' को फिर से बनाया

अंशुमान शर्मा ने रेट्रो स्टाइल में ‘ब्लॉकबस्टर' को फिर से बनाया. इस पेशकश में सिंगर आदित्य कलवे की आवाज है. AI का इस्तेमाल से इसे मोहम्मद रफी की आवाज में बदला गया है. एआई की मदद से मोहम्मद रफी की आवाज में दोबारा बने ‘ब्लॉकबस्टर' ने इंटरनेट की दुनिया में अपने ओरिजिनल गाने से ज्यादा धूम मचा रहा है. लोगों ने पहले ऐसा ही अंदाजा भी लगाया था.

यहां देखें वायरल एआई वीडियो

कोक स्टूडियो पाकिस्तान के गाने के निर्माता जुल्फी ने जताया आभार

कोक स्टूडियो पाकिस्तान के गाने के निर्माता जुल्फिकार जब्बार खान उर्फ जुल्फी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. अंशुमान शर्मा का वायरल वीडियो देखने के बाद बेहद खुश हुए जुल्फी ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं मोहम्मद रफी को हमारे लिखे गए धुन और शब्दों को गाते हुए सुन पाऊंगा. यह वाकई जादू है. आप लोग जादूगर हैं.” रीक्रिएशन के लिए आभार जाहिर करते हुए, जुल्फी ने कहा कि, 'यह “अविश्वसनीय रूप से किया गया है. इसे सुनना एक अनदेखा सपना सच होने जैसा है.”

ओरिजनल गाना यहां देखें

25 मई को हुआ था ‘ब्लॉकबस्टर' का प्रीमियर

जुल्फी, उमैर बट, फारिस शफी और शमरोज बट की ओर से बनाए गए, ‘ब्लॉकबस्टर' का प्रीमियर 25 मई को हुआ और अब तक इसे 26 मिलियन बार देखा जा चुका है. ‘ब्लॉकबस्टर' में उमैर बट, फारिस शफी और आबिदा, रूहा रावल, साजिदा बीबी और सबा हसन के घरवी ग्रुप ने अपनी आवाज दी है. म्यूजिक वीडियो में सबा हसन “ओए क्यूटी तेनु में समझारियां, हुन चढ़ दे वे फनकारियां, वे मरजांयां” गाती हुई दिखाई देती है. सोशल मीडिया यूजर्स ने इस “क्यूटी” पर भी काफी प्यार लुटाया है. यह गाना और सिंगर दोनों वायरल हो गए हैं.

ये VIDEO भी देखें:-



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Sunday, 28 July 2024

'कोई नीचे तो नहीं रहा...'- किसकी गलती, कौन जिम्मेदार? घटना के समय का एक और VIDEO आया सामने

कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों (दो छात्रा और एक छात्र) की शनिवार को मौत हो गयी थी. ओल्ड राजेंद्र नगर के राव स्टडी सेंटर (Rau Study Centre) में यह घटना तब हुई थी जब कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक बहुत तेजी से नाले का पानी भर गया जिससे सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC) की तैयारी कर रहे 3 स्टूडेंट की मौत हो गयी थी. अब घटना के समय का एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से बेसमेंट में नाले का पानी तेजी से भर रहा है. उस दौरान कोचिंग सेंटर के स्टाफ छात्रों से जल्दी-जल्दी बाहर निकलने की अपील कर रहे हैं. साथ ही ये भी पूछ रहे हैं कि कोई अंदर तो नहीं फंसा रह गया.

एमसीडी ने ओल्ड राजेंद्र नगर में ‘अवैध' कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई की
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. निगम एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से तीन लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगा. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि नगर निगम की एक टीम रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग केंद्रों के ‘बेसमेंट' को सील करने पहुंची.

 एक अधिकारी ने बताया कि ‘बेसमेंट' में अवैध रूप से संचालित प्रतिष्ठानों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.उन्होंने बताया कि एमसीडी ने पिछले साल मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लगने के बाद ऐसे कोचिंग केंद्रों का सर्वेक्षण किया था. अधिकारी ने कहा कि सबसे पहले सर्वेक्षण उन कोचिंग सेंटर की पहचान करने के लिए किया जाएगा जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

वहीं, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुई घटना की जांच के लिए जल्द ही एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी. ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई.

बरसाती नालों पर अतिक्रमण के कारण हुआ जलभराव: अधिकारी
कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों (दो छात्रा और एक छात्र) की मौत होने के एक दिन बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि बरसाती नालों पर अतिक्रमण के कारण ओल्ड राजेंद्र नगर में जलभराव हुआ. उन्होंने कहा कि नाले अतिक्रमण के कारण ढके हुए थे.

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि इलाके के नालों में भारी मात्रा में गाद जमा हो गई है और बारिश के बाद पानी बाहर बहने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इलाके के नालों में गाद जमा होने और उनकी सफाई पूरी होने से जुड़े सवाल पर एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सड़कों के किनारे लोगों ने अतिक्रमण कर नालों को ढक दिया है. उन्होंने कहा कि इससे पानी की निकासी नहीं होने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए और पानी कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में घुस गया. कोचिंग सेंटर एमसीडी के करोल बाग जोन में आता है. जोन के उपायुक्त अभिषेक मिश्रा को कॉल करने और संदेश भेजने पर कोई जवाब नहीं मिला.

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Saturday, 27 July 2024

राष्‍ट्रपति ने कई राज्‍यों में नए राज्‍यपालों को किया नियुक्‍त, गुलाबचंद कटारिया पंजाब तो लक्ष्मण आचार्य असम के नए राज्यपाल

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने (President Droupadi Murmu) शनिवार देर रात को एक आदेश जारी कर 6 नए राज्यपालों की नियुक्ति की है. साथ ही 3 राज्यपालों के राज्‍यों में फेरबदल किया गया है. राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. साथ ही उन्हें मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है. इस विज्ञप्ति के अनुसार, आचार्य ने कटारिया का स्थान लिया है, कटारिया को केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का प्रशासक भी नियुक्त किया गया है.

इसके साथ ही आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. 

विज्ञप्ति के अनुसार, "सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है और उन्हें मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है.''

झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. राधाकृष्णन के स्थान पर संतोष कुमार गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल होंगे.

ओम माथुर को बनाया सिक्किम का राज्‍यपाल 

बयान में कहा गया है कि हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जिष्णु देव वर्मा तेलंगाना के राज्यपाल होंगे और ओम प्रकाश माथुर सिक्किम के नए राज्यपाल होंगे. 

विज्ञप्ति में कहा गया है कि रमेन डेका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल और सी एच विजयशंकर को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. 

बयान में कहा गया है कि के. कैलाशनाथन को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है. 

बयान में कहा गया है कि ये नियुक्तियां उनके संबंधित कार्यालयों का कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभावी होंगगी 
 



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पहला नहीं है दिल्‍ली बेसमेंट हादसा, कुछ दिन पहले IAS की तैयारी कर रहे छात्र की करंट से हो गई थी मौत

दिल्‍ली (Delhi) के राजेंद्र नगर इलाके में भारी बारिश के बाद राव आईएएस अकादमी में पानी भर गया और डूबने से दो छात्राओं की मौत हो गई. रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन जारी है और यहां फंसे छात्रों को बचाने की कोशिश की जा रही है. दिल्‍ली में बारिश के दौरान होने वाली मौतों का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें छात्र को अपनी जान गंवानी पड़ी है. कुछ दिन पहले ही आईएएस की तैयारी कर रहे एक छात्र की मौत हो गई थी. उस वक्‍त भी बदइंतजामियों को लेकर आवाज उठी थी, लेकिन किसी ने उस घटना को गंभीरता से नहीं लिया. 

इसी सप्ताह पटेल नगर इलाके के एक पीजी में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले 26 साल के छात्र निलेश राय की करंट लगने से मौत हो गई थी. बारिश के कारण जलजमाव होने से एक बिजली के खंभे के पास बने लोहे के गेट में करंट आ रहा था. निलेश पास की लाइब्रेरी से अपने पीजी आवास पर वापस जा रहा था, जब वह पानी से भरी सड़क पर फिसल गया. संतुलन बनाने के लिए उसने लोहे के गेट को पकड़ लिया और बिजली की चपेट में आ गया. 

राजनीतिक गलियारों में भी गूंजा था मामला 

राजनीतिक गलियारों में यह मामला खूब गूंजा था, युवक की मौत को लेकर भाजपा ने दिल्‍ली सरकार को घेरा था. भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था, "15-20 मिनट की बारिश में जलभराव होता है. बिजली की तारें खुली हुई हैं. करंट लगता है और एक नहीं, दिल्ली में 12-13 मौतें ऐसी हो चुकी हैं. दिल्ली की सरकार मुंह बंद करके बैठी है. वे ऐलान करते हैं कि मुआवजा देंगे, लेकिन उस बच्चे ने यूपीएससी का एग्जाम पास किया था. वह देश का होनहार भविष्य था, आगे चलकर देश की सेवा करता. अरविंद केजरीवाल सरकार की यह लापरवाही है और उनको तुरंत इस्तीफा देना चाहिए."

बता दें कि दिल्‍ली में शनिवार को भारी बारिश के राव आईएएस अकादमी के बेसमेंट में पानी भर गया. इसके कारण बेसमेंट में डूबने से दो छात्राओं की मौत हो गई.  दिल्‍ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस घटना के लिए जो भी जिम्‍मेदार है, उसे बख्‍शा नहीं जाएगा. 


 



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"अगर समय रहते...": दिल्ली बेसमेंट हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई दो छात्राओं की मौत की असल वजह

भारी बारिश के बाद दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित राव IAS अकादमी के बेसमेंट में पानी भर गया. पानी भरने के बाद कई छात्रों के फंसने की खबर सामने आई है. जानकारी के अनुसार, कई छात्रों के फंसे होने की आशंका है.  दमकल विभाग के अनुसार,  अभी तक इस घटना में 2 छात्राओं की जान चुकी हैं. एनडीआरएफ की टीम और दमकल विभाग की टीम मौके पर मौजूद है. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो ये घटना बहुत ही ज्यादा भयावह है.

राजेंद्र नगर स्थित राव IAS अकादमी के आस-पास रहने वाले लोगों का कहना है कि यह घटना बेहद दुखद है. बेसमेंट में पानी भरने से छात्राओं की मौत हो गई. सरकार को पहले से ही सतर्क रहना चाहिए था. सरकार अगर सचेत रहती तो ऐसी घटना ना होती. उन्होंने कहा कि इस घटना से मैं पूरी तरह से आहत हो चुका हूं. मेरा दिल रो रहा है.  प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि अगर समय से पहले दिल्ली सरकार साफ-सफाई पर ध्यान दे देती तो ऐसी घटना ना होती.

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प्रत्यक्षदर्शी रजत यादव ने बताया कि दोस्तों से जानकारी मिली की इंस्टिट्यूट के अंदर छात्र फंसे हुए हैं, और कुछ की मौत हो गई है. रजत ने बताया कि यहां नेतागण पहुंचकर आपस में लड़ने लगे. रजत ने सवाल उठाते हुए कहा कि एमसीडी अगर सतर्क रहता तो बेसमेंट में ऐसा कंस्ट्रक्शन बनता ही नहीं. रजत ने बताया कि एमसीडी की मेयर से सवाल पूछने पर उनके समर्थकों ने धक्का दे दिया. 

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चश्मदीदों की माने तो बेसमेंट में करीब 30-35 लोग मौजूद थे. फिलहाल कोचिग की तलाशी ली जा रही है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 10-12 फुट गहरा बेसमेंट था. पानी पूरी तरह से भरने के कारण कई छात्र फंसे रहे हैं.



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Friday, 26 July 2024

कैसे होगा महायुति में सीट शेयरिंग? चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बढ़ी BJP की टेंशन!

महाराष्ट्र में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी तक आधिकारिक तौर पर शुरू नहीं हुई है, लेकिन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए खींचतान शुरू हो चुकी है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि विधानसभा की 288 सीटें हैं, सबकी अपनी-अपनी मांग है. जब इन सीटों को घटक दलों की मांगों के मुताबिक देखें, तो महायुति के लिए कोई गणित काम नहीं कर रहा है.

सूत्रों ने कहा कि भाजपा कम से कम 150 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना कम से कम 100 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है, जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राकांपा भी 80 सीटों पर लड़ना चाहती है. इन सीटों को जोड़ दें तो ये आंकड़ा लगभग 330 पहुंच जाता है. ऐसे में लगभग 40 सीटें ऐसी होंगी, जिसको लेकर असहमति और लंबी बातचीत के लिए मंच तैयार हो रहे हैं.

मतभेद और समीकरण को सही करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि गठबंधन अभी भी लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य में मिली हार से उबर रहा है. उस वक्त विपक्षी महा विकास अघाड़ी को 48 में से 30 सीटें मिली थी, जबकि महायुति सिर्फ 17 सीटें जीतने में ही कामयाब रही थी. इस खराब प्रदर्शन के कई कारण थे. विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव के दौरान सीट बंटवारे को लेकर मतभेद ने भी इस खराब प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई.

अजित पवार ने फडनवीस के साथ अमित शाह से की मुलाकात
सूत्रों ने कहा कि अजित पवार ने गुरुवार को नई दिल्ली में बीजेपी नेता और अपने सहयोगी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई.सूत्रों ने बताया कि पवार पर उनकी पार्टी के नेताओं का दबाव है कि वे 80-90 सीटों से कम पर समझौता ना करें. उनका तर्क है कि उन्हें उन सभी 54 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ना चाहिए जो अविभाजित राकांपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में जीते थे और इसके अलावा कम से कम 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.

शरद पवार के नेतृत्व वाली अविभाजित राकांपा ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में 120 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था. सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी के अजित पवार गुट को पता है कि वो एक मुश्किल स्थिति में है, क्योंकि वो शरद पवार गुट द्वारा जीती गई आठ लोकसभा सीटों के मुकाबले केवल एक लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रहे. यहां तक ​​कि वह बारामती सीट भी हार गए, जिसे अजित पवार ने अपनी चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा को मैदान में उतारकर प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया था.

अजित पवार पर बढ़ रहा पार्टी नेताओं का दबाव
पिछले महीने घोषित हुए लोकसभा नतीजों के बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पिछले साल जुलाई में राकांपा के विभाजन के बाद अजित पवार की पार्टी के सदस्य वहां लौटने के लिए शरद पवार के गुट के संपर्क में हैं. इससे अजित पवार पर ये सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ रहा है कि पार्टी पर्याप्त उम्मीदवार उतार सके ताकि असंतोष और संभावित पलायन को कम रखा जा सके.

लोकसभा नतीजों के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी माने जाने वाले साप्ताहिक ऑर्गनाइज़र के एक लेख में अजित पवार की राकांपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए भाजपा की आलोचना की गई थी और तब से महायुति में दरार की चर्चा चल रही है.

हालांकि इस महीने की शुरुआत में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) चुनावों में गठबंधन ने अच्छी संख्या में जीत हासिल की थी. इसके बाद भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान ने हलचल मचा रखी है, हालांकि सहयोगियों ने ऐसी किसी भी मतभेद की चर्चा को खारिज कर दिया है.

संवाददाता सम्मेलन में जब नारायण राणे से पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो उन्होंने मजाक में कहा, "मैं तो चाहूंगा कि भाजपा सभी 288 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे."



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Thursday, 25 July 2024

नौवीं अनुसूची है क्या? नीतीश कुमार क्या इसी से बिहार में वापस लाएंगे 65% आरक्षण, समझिए यह रण

Reservation Demand : नौवीं अनुसूची. यह आजकल हर जगह चर्चा में है. हर राजनीतिक दल के नेता आजकल इस पर बात कर रहे हैं. बिहार के संबंध में ज्यादा इसकी बात हो रही है. अभी दो दिन पहले ही 24 जुलाई को बिहार विधानसभा में इसे लेकर खूब घमासान हुआ.बिहार विधानसभा में बुधवार को राज्य के संशोधित आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई. बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार विपक्षी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी सीट पर लौट जाएं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हस्तक्षेप करने के लिए खड़े हुए, पर विपक्षी विधायक नहीं माने.

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नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘मेरे कहने पर आप सभी जाति आधारित गणना के लिए सहमत हुए जिसके बाद एससी, एसटी, ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए कोटा बढ़ाया गया. अब जब पटना उच्च न्यायालय ने आरक्षण कानूनों को रद्द कर दिया है, तो हम उच्चतम न्यायालय गए हैं. इन्हें नौवीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र से एक औपचारिक अनुरोध भी किया गया है.''

पटना उच्च न्यायालय का आदेश

20 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका देते हुये पटना उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में दिये जाने वाले आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 फीसदी किए जाने के इसके फैसले को रद्द कर दिया. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. इन याचिकाओं में नवंबर 2023 में राज्य सरकार द्वारा जाति आधारित गणना के बाद आरक्षण में वृद्धि को लेकर लाए गए कानूनों का विरोध किया गया था.

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कब से शुरू हुआ ये मामला?

दरअसल, नीतीश कुमार सरकार ने पिछले साल 21 नवंबर को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में वंचित जातियों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने की सरकारी अधिसूचना जारी की थी. बिहार सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित गणना के अनुसार राज्य की कुल आबादी में ओबीसी और ईबीसी की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है, जबकि एससी और एसटी की कुल आबादी 21 प्रतिशत से अधिक है. सरकार का मानना है कि आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन केंद्र द्वारा ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किये जाने के कारण पहले ही हो चुका है. इसलिए राज्य सरकार अपने आरक्षण कानूनों में संशोधन लेकर आई, जिसके तहत दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) एवं ईबीसी (आर्थिक रूप से कमजोर) वर्ग के लिए कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया. ईडब्ल्यूएस के लिए कोटा मिलाकर बिहार में आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत हो गई थी.

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क्या है राजनीति?

इसके अलावा बिहार सरकार ने केंद्र से यह भी अनुरोध किया था कि राज्य के आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में रखा जाए, ताकि इसको लेकर कोई कानूनी अड़चन न उत्पन्न हो सके. बिहार सरकार के जाति आधारित गणना कराने और आरक्षण की सीमा को बढाए जाने को कई टिप्पणीकारों ने ‘‘मंडल 2'' करार दिया था और बाद में कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में आने पर राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण का वादा किया था, जो उस समय बिहार में सत्ता साझा कर रही थी. राजद और कांग्रेस अब भी इस मामले को नौवीं अनुसूची में डालने का दबाव बना रही हैं. इन दोनों के समर्थन के राजनीतिक हित भी हैं. नीतीश कुमार पर एक तो इससे दबाव बढ़ेगा और दूसरा केंद्र सरकार से नीतीश कुमार का टकराव बढ़ेगा, जिससे मोदी सरकार अल्पमत में आ सकती है. 

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नौवीं अनुसूची है क्या?

नौवीं अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची है, जिसे किसी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती. इसे संविधान के पहले संशोधन अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ा गया था. पहले संशोधन में अनुसूची में 13 कानूनों को जोड़ा गया था. बाद के विभिन्न संशोधनों सहित वर्तमान में संरक्षित कानूनों की संख्या 284 है. नौवीं अनुसूची भारतीय संविधान में एक विशेष प्रावधान है, जो विधायिका को संविधा संशोधन के जरिए कुछ कानूनों को न्यायिक समीक्षा से छूट देता है. नौवीं अनुसूची में नया अनुच्छेद 31बी जोड़ा गया, जिसे अनुच्छेद 31ए के साथ मिलकर कृषि सुधार से संबंधित कानूनों की रक्षा करने तथा जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया. नौवीं अनुसूची में शामिल कानूनों को भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के साथ असंगति के आधार पर अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.

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कहां से मिलती है ताकत?

अनुच्छेद 31बी नौवीं अनुसूची में शामिल कृत्यों और विनियमों को किसी भी मौलिक अधिकार के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दिए जाने और अवैध ठहराए जाने से संरक्षण प्रदान करता है. अनुच्छेद 31ए की तुलना में इसका दायरा अधिक व्यापक है. अनुच्छेद 31ए केवल पांच विशिष्ट श्रेणियों के कानूनों को संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दिए जाने से बचाता है. इसमें मुख्य रूप से भूमि और आरक्षण से संबंधित कानून शामिल हैं. ये कानून मुख्य रूप से कृषि और भूमि से संबंधित हैं, हालांकि, आरक्षण से संबंधित कुछ कानून भी इसमें शामिल हैं. उदाहरण के लिए, अनुसूची में तमिलनाडु का एक कानून है, जो राज्य में 69% आरक्षण को अनिवार्य बनाता है. नौवीं अनुसूची आर्थिक असमानता को कम करने तथा आरक्षण जैसे कानूनों एवं नीतियों के संरक्षण के माध्यम से सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करती है.

नौवीं अनुसूची क्यों है खतरनाक?

नौवीं अनुसूची सरकार को आरक्षण जैसे कानून बनाने की अनुमति देती है, जो संविधान द्वारा गारंटीकृत समानता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं. सरकार राजनीतिक कारणों से या निहित स्वार्थों की रक्षा के लिए नौवीं अनुसूची में कानून जोड़ सकती है, जिससे जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी हो सकती है. नौवीं अनुसूची में कानूनों को शामिल करने से न्यायपालिका की उनकी संवैधानिकता की समीक्षा करने की शक्ति सीमित हो जाती है, जिससे न्यायिक निगरानी का अभाव हो जाता है. नौवीं अनुसूची विभिन्न कानूनों और नीतियों के लिए असमान व्यवहार प्रदान करती है. कुछ कानून न्यायिक जांच से सुरक्षित हैं, जबकि अन्य न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं. नौवीं अनुसूची में कानूनों को शामिल करने के मानदंडों के बारे में स्पष्टता का अभाव है. इससे कानूनों और नीतियों की संवैधानिकता के बारे में भ्रम और अनिश्चितता पैदा हो सकती है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी हो सकती है. उदाहरण के लिए, झारखंड के नए विधेयक में सरकारी पदों में आरक्षण को बढ़ाकर 77% करने की बात कही गई है. झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कहा है.
 



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बिहार : JDU के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन का निधन, मुख्यमंत्री नीतीश ने जताया शोक

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन का गुरुवार शाम निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है.

बताया जाता है कि जदयू के नेता और पूर्व विधायक राजीव रंजन की शाम को तबियत बिगड़ी थी और उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके नजदीकियों के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को पटना लाया जाएगा.

राजीव रंजन के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू और भाजपा के कई नेताओं ने शोक जताया है. मुख्यमंत्री नीतीश ने उनके निधन को पार्टी के लिए क्षति बताया.

मुख्यमंत्री ने इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन के असामयिक निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि राजीव रंजन एक कुशल राजनीतिज्ञ एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह का निधन अत्यंत दुखद है. ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि राजीव रंजन राजनीति के अलावा सामाजिक व्यक्ति थे. उनका निधन प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है.

भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक, वरिष्ठ राजनेता राजीव रंजन का निधन अत्यंत ही दुखद है. बिहार की राजनीति में उनके देहावसान से अपूरणीय क्षति हुई है. भगवान उनकी आत्मा को शांति और परिवार तथा प्रियजन को धैर्य दें."

राजीव रंजन साल 2015 में जदयू से भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साल 2023 में एक बार फिर से जदयू में शामिल हो गए. वह साल 2010 में जदयू के टिकट पर इस्लामपुर से विधायक चुने गए थे. जदयू में फिलहाल वह राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
 



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Wednesday, 24 July 2024

लाखों की नौकरी छोड़ी 3 भाइयों ने शुरू की मोती और शहद की खेती, PM मोदी भी हुए मुरीद

केंद्र सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने से प्रेरित होकर युवा स्वरोजगार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तीन भाइयों ने लाखों की नौकरी छोड़कर मोती और शहद की खेती शुरू की है. इससे उन्होंने अपनी एक नई पहचान बनाई है और हर साल करोड़ों का मुनाफा भी कमा रहे हैं.

वाराणसी के नारायणपुर के रहने वाले तीन भाई रोहित, श्वेतांग और मोहित पाठक कुछ साल पहले तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे. इसी बीच जीवन के प्रति उनका नजरिया बदल गया. उन्होंने लाखों की नौकर छोड़कर मोती और शहद की खेती करने की योजना बनाई.

श्वेतांग पाठक ने बताया कि मोती की खेती करना एक बहुत ही धैर्य का काम है. हम लोगों ने साल 2018 में इसकी शुरुआत की थी. नदियों से सीपियों को इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद मोती बनाने के लिए उनकी सर्जरी की जाती है, फिर दो साल तक इसकी देखरेख के बाद मोती तैयार होता है.

रोहित पाठक ने बताया कि स्टार्टअप योजना के तहत उन्होंने 2018 में इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने कहा, "हमने 'अग्रिकाश उदेस पर्ल फार्मिंग' नाम की एक कंपनी बनाई है, जिसमें 10 लोगों की एक टीम काम करती है. सभी ट्रेनर लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से पढ़े हैं."

उन्होंने कहा, "मोती पालन के साथ-साथ हमने मधुमक्खी पालन, बकरी पालन और डेयरी फार्मिंग पर जोर दिया है. पिछले साल 2,300 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था. हमारे इस प्रोजेक्ट के साथ 70 किसान जुड़े हुए हैं."

मोहित पाठक ने बताया कि दिल्ली में रहते हुए उन्होंने मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद गांव आकर काम शुरू किया. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वीट क्रांति' मिशन के साथ भी जुड़े हैं. उन्होंने ट्रेनर के रूप में काम किया था.

उन्होंने कहा कि मैं अभी वाराणसी मंडल के ट्रेनर के रूप में लोगों को इस काम का प्रशिक्षण दे रहा हूं. मधुमक्खी पालन के क्या उपयोग हैं. शहद के अलावा भी मधुमक्खी का पालन किया जाता है, इसकी जानकारी लोगों को देकर मुझे अच्छा लगता है.

पीएम मोदी भी करीब चार साल पहले इन तीन भाइयों की मोती की खेती की तारीफ कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने कहा "वाराणसी के नारायणपुर गांव में मोती की खेती करने वाले तीन युवकों ने हर किसी के लिए एक मिसाल पेश की है. इन युवाओं ने यह दिखाया है कि अगर सही दिशा में परिश्रम किया जाए तो मिट्टी से मोती उगाए जा सकते हैं."
 



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Tuesday, 23 July 2024

पूंजीगत लाभ कर में बदलाव से सरकारी खजाने में 15 हजार करोड़ रुपये का इजाफा: वित्त मंत्रालय

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने मंगलवार को कहा कि बजट में पूंजीगत लाभ कर की दरों में प्रस्तावित बदलाव से सरकारी खजाने को 15,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलने का अनुमान है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में पूंजीगत लाभ कर को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किया. साथ ही प्रतिभूति और अचल संपत्ति समेत विभिन्न संपत्तियों को अपने पास रखने की अवधि को तर्कसंगत बनाया गया है.

दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर के लिए सूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों को एक वर्ष से अधिक समय तक जबकि असूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों तथा सभी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों को कम से कम दो वर्षों तक रखना होगा.

विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसमें गैर-सूचीबद्ध बॉन्ड तथा डिबेंचर शामिल नहीं है उसमें मौजूदा स्लैब दरें लागू होंगी.

सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार कराधान व्यवस्था को सरल बनाना चाहती है. सीतारमण ने कहा, ‘‘ औसत कराधान घटकर 12.5 प्रतिशत रह गया है... हम इसे न्यूनतम स्तर पर ले आए हैं जिससे बाजार में निवेश को बढ़ावा मिला है.''

बजट में सूचीबद्ध शेयर, शेयर में निवेश से जुड़ी म्यूचुअल फंड और कारोबारी ट्रस्ट की इकाइयों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर (एसटीसीजी) को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भी है.

मल्होत्रा ​​ने कहा कि पूंजीगत लाभ कर में मामूली वृद्धि से 15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल होगा. वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि बजट ने पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को ‘‘बेहद सरल'' बना दिया है.

सोमनाथन ने कहा, ‘‘ इक्विटी 20 प्रतिशत पर है और बाकी सब कुछ अल्पावधि के लिए लागू दर पर है. हां, अल्पावधि में बढ़ोतरी हुई है और दीर्घावधि को तर्कसंगत बनाया गया है.''

वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में प्रस्तावित वृद्धि के संबंध में मल्होत्रा ​​ने कहा कि यह एक अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा.

बजट में प्रतिभूतियों में विकल्प की बिक्री पर एसटीटी की दर को विकल्प प्रीमियम के 0.0625 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत करने और प्रतिभूतियों में वायदा की बिक्री पर एसटीटी की दर को ऐसे वायदा कारोबार की कीमत के 0.0125 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है.



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Monday, 22 July 2024

बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा में 5 फर्जी कैंडिडेट हुए गिरफ्तार, दूसरे छात्र की जगह लिख रहे थे पेपर

NEET एग्जाम को लेकर मचे हंगामे के बीच बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तृतीय अध्यापक नियुक्ति यानी TR3 शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए फर्जी छात्रों को अरेस्ट किया गया है. बिहार पुलिस ने सोमवार को सहरसा से 5 फर्जी छात्रों को गिरफ्तार किया. ये आरोपी शिक्षक भर्ती परीक्षा में फेक आईडी के आधार पर किसी छात्रों की जगह आंसर लिख रहे थे. एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि इन सभी को अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से पकड़ा गया है.

सहरसा में सीनियर पुलिस अधिकारी आलोक कुमार ने पत्रकारों को बताया कि 21 जुलाई को कड़ी सुरक्षा के बीच विभिन्न केंद्रों पर TR3 शिक्षक भर्ती परीक्षा 2024 कराई गई थी. इस परीक्षा के जरिए प्राइमरी, मिडिल, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में 87 हजार 774 पदों पर नियुक्ति होनी है. 

SC के आदेश पर NTA ने जारी किया NEET-UG का रिजल्ट, यहां देखें सेंटर वाइज परिणाम

परीक्षा के दौरान मनोहर हाई स्कूल पूरब बाजार से 2 फर्जी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया. इनकी पहचान अमरेश कुमार और मुकेश कुमार के तौर पर हुई. पुलिस ने आरोपी अमित कुमार और प्रवीण कुमार को जिला स्कूल से गिरफ्तार किया है. जबकि सुंदर कुमार उर्फ ​​रूपेश को मनोहर हाई स्कूल बैजनाथपुर से पकड़ा गया है. ये सभी दूसरे अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे. पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

इस महीने की शुरुआत में बिहार में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET)-2024 में कथित तौर पर उम्मीदवारों की नकल करने के आरोप में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें 3 महिलाएं भी शामिल थीं. पिछले कुछ सालों से बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थियों का मामला तेजी से बढ़ रहा है.

5 मई को हुए NEET परीक्षा की बात करें, तो पेपर लीक के सिलसिले में बिहार से अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. अब तक कुल मिलाकर 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें पेपर लीक के मास्टरमाइंड, 'सॉल्वर गैंग' और कई फर्जी कैंडिडेट शामिल हैं. 

NEET UG : वो थी सबकी चहेती, पढ़ाई में अव्वल... झारखंड की सुरभि कैसे फंसी सॉल्वर गैंग के फेर में?



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आर्थिक सर्वे में बजट को लेकर संकेत, सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का इशारा : CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी

लोकसभा में बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वे 2023-24 पेश किया. इसमें कहा गया है कि साल 2024-25 के दौरान अर्थव्यवस्था की आर्थिक विकास दर 6.5%-7% रहने की उम्मीद है. उद्योग जगत CII के मुताबिक बजट से ठीक पहले पेश आर्थिक सर्वे में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के अहम संकेत हैं. उसके मुताबिक इकनोमिक सर्वे 2023-24 में अगले 5 साल के दौरान मोदी 3.0 सरकार की अर्थ नीति क्या होगी, इसकी ओर इशारा है. CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने इसको लेकर एनडीटीवी से बात की.

चंद्रजीत बनर्जी ने एनडीटीवी से कहा, "आर्थिक सर्वे में आने वाले बजट को लेकर कुछ संकेत हैं. आर्थिक सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी इसका इशारा है. इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार के साथ-साथ Ease of Doing Business का जिक्र है. इस साल के बजट में वित्त मंत्री का फोकस क्या होगा, इसके कुछ संकेत आर्थिक सर्वे में दिख रहे हैं."

CII के डायरेक्टर जनरल का मानना है कि मौजूद वित्तीय साल में आर्थिक विकास दर 8% रहेगी. उन्होंने साथ ही कहा कि उम्मीद और वित्त मंत्री से ये मांग है कि मिडिल क्लास को टैक्स में और छूट मिलनी चाहिए.

चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आर्थिक सर्वे में इसके संकेत हैं कि सरकार आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी. उनके मुताबिक इकनोमिक सर्वे 2023-24 में अगले पांच साल के दौरान मोदी 3.0 सरकार की अर्थ नीति क्या होगी, इसके अहम संकेत हैं.

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जारी अनिश्चितता के बावजूद भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.  

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) जैसी वैश्विक एजेंसियों का मानना ​​है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

सकल घरेलू उत्पाद 6.5 से 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए दस्तावेज में कहा गया, ‘‘समीक्षा में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 से सात प्रतिशत (दोनों तरह घट-बढ़ के साथ) रहने का अनुमान लगाया गया है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बाजार की अपेक्षाएं उच्च स्तर पर हैं.''

इसमें कहा गया कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू मोर्चे पर वृद्धि को बढ़ावा देने वाले प्रमुख तत्वों ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि का समर्थन किया है. बेहतर बही-खाते से निजी क्षेत्र को मजबूत निवेश मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.

समीक्षा में कहा गया, ‘‘पिछले तीन साल में अच्छी वृद्धि के बाद निजी पूंजी सृजन थोड़ा अधिक सतर्क हो सकता है, क्योंकि अतिरिक्त क्षमता वाले देशों से सस्ते आयात की आशंका है.''

वहीं आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के साथ माल तथा सेवा निर्यात में भी आगे वृद्धि होने की संभावना है.

समीक्षा में कहा गया, भारत मौसम विभाग द्वारा सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान तथा दक्षिण-पश्चिम मानसून का अब तक संतोषजनक प्रसार कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार लाएगा तथा ग्रामीण मांग में सुधार को समर्थन देगा.

आर्थिक समीक्षा (सर्वे) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है, जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा आर्थिक समीक्षा तैयार की जाती है. इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है.

देश में पहली बार आर्थिक समीक्षा 1950-1951 में पेश की गई थी, जब यह बजट दस्तावेजों का ही हिस्सा होती थी. इसे 1960 के दशक में बजट से अलग किया गया और बजट पेश करने से एक दिन पहले संसद में प्रस्तुत किया जाने लगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगी.



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Sunday, 21 July 2024

संसद का बजट सत्र आज से, 6 बड़े विधेयक होंगे पेश; मुद्दों को लेकर विपक्ष की आक्रामक तैयारी

संसद का बजट सत्र (Parliament Budget Session) आज से शुरू होने जा रहा है. मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है. सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान 16 बैठकें होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले आज संसद भवन परिसर में सुबह लगभग 10 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी संसद के बजट सत्र के महत्वपूर्ण होने की बात कहते हुए सभी राजनीतिक दलों से सदन में बजट पर चर्चा करने और सुचारू ढंग से सदन की कार्यवाही को चलने देने की अपील कर सकते हैं. बजट सत्र में विपक्ष की भी विभिन्‍न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी है. इससे पहले, संसद के बजट सत्र को लेकर रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी सरकार ने संसद के सुचारू कामकाज के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा.

सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी मुद्दों पर खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कहते हुए विपक्षी दलों को नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जो हंगामा और व्यवधान किया, वह संसदीय परंपरा के लिए उचित नहीं था.

संसद की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए : राजनाथ सिंह 

बैठक का समापन करते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि इन मुद्दों का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हमें कार्यवाही के दौरान संसद की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए. सरकार संसद के संबंधित सदनों के नियमों और संबंधित पीठासीन अधिकारियों के निर्णयों के अधीन इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.

संसद को सुचारू चलाना विपक्ष की भी जिम्‍मेदारी : रिजिजू 

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के समापन के बाद कहा कि संसद को सुचारू ढंग से चलाना सरकार के साथ-साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भाजपा को मिलाकर 41 राजनीतिक दलों के 55 नेता शामिल हुए. नेताओं ने बजट सत्र को लेकर कई अच्छे सुझाव भी दिए. सभी राजनीतिक दलों ने बैठक में अपने-अपने मुद्दों को रखा. सरकार संबंधित पीठासीन अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के तहत अनुमति के अनुसार किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है.

उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों के नेताओं से सहयोग और समर्थन का भी अनुरोध किया. उन्होंने यह भी बताया कि यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा, जिसे मंगलवार, 23 जुलाई को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा. 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा.

पहले दिन सदन के पटल पर रखा जाएगा आर्थिक सर्वेक्षण 

सत्र के पहले दिन भारत के आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर रखा जाएगा. आवश्यक विधायी और अन्य जरूरी कामकाज भी सत्र के दौरान किए जाएंगे. 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्य सभा के 265वें सत्र के दौरान सरकार संसद में वित्त (नंबर 2) विधेयक- 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024, बॉयलर बिल-2024, भारतीय वायुयान विधायक - 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक - 2024 सहित छह विधेयकों को पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी.

इसके साथ ही तीन वित्तीय विषय- केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा, वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा एवं मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक पारित करवाने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाना भी सरकार के एजेंडे में है.

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ममता बनर्जी की रैली में बांग्लादेश के लिए संदेश, बीजेपी ने किया हमला

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आज कहा कि राज्य संकट में फंसे ऐसे किसी भी व्यक्ति को आश्रय देगा जो उनके दरवाजे पर दस्तक देगा. उनकी यह टिप्पणी बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच आई है, जिसमें करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है. ममता के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उसने इसे ममता बनर्जी की चुनाव जीतने के लिए नापाक योजना बताया. 

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए लागू कोटा सिस्टम के खिलाफ एक सप्ताह से उग्र प्रदर्शनों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश में यह सबसे अधिक अशांति का दौर है.

ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि उनके पास बांग्लादेश के मामलों पर बोलने का अधिकार नहीं है और भारत का आधिकारिक रुख भी केंद्र सरकार तय करेगी, लेकिन वे उन लोगों की मदद करेंगी जो संकट में हैं और बंगाल से मदद मांगेंगे. उन्होंने संभावित मानवीय संकट पर अपने रुख के औचित्य को लेकर शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कोलकाता में 'शहीद दिवस' रैली में कहा, "मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह एक अलग देश है. इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है. लेकिन मैं केवल इतना कह सकती हूं कि अगर असहाय लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम उन्हें आश्रय देंगे."

ममता बनर्जी ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांति वाले क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव है." उन्होंने असम के लोगों का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में बोडो संघर्ष के दौरान काफी समय तक उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार क्षेत्र में रहने की अनुमति दी गई थी.

ममता बनर्जी ने पड़ोसी देश में जारी हिंसा के शिकार लोगों के साथ अपनी एकजुटता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा, "हमें खून बहता देखकर दुख हो रहा है और मेरी संवेदना उन छात्रों के साथ है जो मारे गए."

बांग्लादेश के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता बंगाल 

ममता बनर्जी की बांग्लादेश में संकट में फंसे लोगों को आश्रय देने की पेशकश के कुछ ही घंटे बाद केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि राज्य प्रशासन को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. सूत्रों ने कहा कि यह मामले केंद्र सरकार द्वारा देखे जाते हैं और टिप्पणियां 'पूरी तरह से अनुचित' हैं. सूत्र ने कहा, 'इस मुद्दे पर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है और इसलिए उनकी टिप्पणियां पूरी तरह से गलत हैं.'

बनर्जी ने अपने ‘एक्स' हैंडल पर कहा, ‘‘सैकड़ों छात्र और अन्य लोग हिंसाग्रस्त बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल/भारत लौट रहे हैं. मैंने अपने राज्य प्रशासन से वापस लौटने वालों को हरसंभव मदद और सहायता प्रदान करने को कहा है.''

उन्होंने कहा, ‘‘आज लगभग 300 छात्र हिली सीमा पर पहुंचे और उनमें से ज्यादातर सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए; हालांकि इनमें से 35 को मदद की जरूरत थी और हमने उन्हें बुनियादी सुविधाएं और सहायता प्रदान की. हम एकजुट हैं.''

बीजेपी ने ममता पर साधा निशाना

ममता बनर्जी की हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से आने वाले किसी भी व्यक्ति को शरण देने की पेशकश पर बीजेपी ने उनकी आलोचना की. बीजेपी ने इसे चुनाव जीतने के लिए पड़ोसी देश से झारखंड में अवैध प्रवासियों को बसाने की 'इंडिया' गठबंधन की 'नापाक योजना' बताया.

बीजेपी के पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने दूसरे देश से आने वाले किसी भी व्यक्ति को आश्रय देने के बनर्जी के अधिकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आव्रजन और नागरिकता विशेष रूप से केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यों के पास ऐसे मामलों में कोई अधिकार नहीं है.

ममता बनर्जी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अमित मालवीय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'ममता बनर्जी को भारत में किसी का भी स्वागत करने का अधिकार किसने दिया? आव्रजन और नागरिकता विशेष रूप से केंद्र के अधिकार क्षेत्र में हैं. राज्यों का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि, 'यह बंगाल से झारखंड तक अवैध बांग्लादेशियों को बसाने के लिए इंडी गठबंधन की नापाक योजना का हिस्सा है, ताकि वे चुनाव जीत सकें.'

मालवीय ने कहा कि कभी वह (ममता बनर्जी) कहती हैं कि वे उन हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने और उनके वैध अधिकार प्राप्त करने की अनुमति नहीं देंगी, जो धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत आए थे. उन्होंने आरोप लगाया, 'अगर वे जोर देंगे तो वह तृणमूल कांग्रेस को वोट देने वाले अवैध रोहिंग्याओं से ट्रेनें जलाने, सड़कें जाम करने और लोगों की हत्या करने को कहेंगी.'

केंद्र से परामर्श किए बिना राय न दी जाए

बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार का मानना ​​है कि देश की विदेश नीति से जुड़े ऐसे मामलों में कोई भी सार्वजनिक बयान देने से पहले केंद्र से परामर्श किया जाना चाहिए. 

उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि हम सभी बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं, जिस पर नई दिल्ली करीबी नजर रखे हुए है. हमारी मुख्यमंत्री को देश की विदेश नीति से जुड़े मामलों पर केंद्र से परामर्श किए बिना अपनी राय नहीं देनी चाहिए.''

बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा, सेना तैनात

पुलिस द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शनों को रोकने में असमर्थ होने और मौतों की तादाद बढ़ने के कारण बांग्लादेश सरकार ने शुक्रवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया और सेना को तैनात कर दिया. बांग्लादेश के शहरों में सैनिक गश्त कर रहे हैं. देश भर में इंटरनेट बंद है जिससे बांग्लादेश का बाहरी दुनिया से सूचनाओं का आदान-प्रदान काफी सीमित हो गया है.

बांग्लादेश से लगभग 1,000 भारतीय छात्र विभिन्न लैंड ट्रांजिट पॉइंट या विमानों के माध्यम से भारत लौट आए हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में भारतीयों की सुरक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने पर पूरी तरह केंद्रित है.

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विरासत सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि मानवता की साझा चेतना है: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को लोगों को विश्व की भलाई और दिलों को जोड़ने के लिए विरासत की क्षमता का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विरासत सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि मानवता की ‘‘साझा चेतना'' है. यहां भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee) के 46वें सत्र के उद्घाटन समारोह में मोदी ने अपने संबोधन में विरासत की सार्वभौमिकता को भी रेखांकित किया और कहा कि जब भी कोई ऐतिहासिक स्थलों को देखता है, तो "हमारा मन वर्तमान भू-राजनीतिक कारकों से ऊपर उठ जाता है". भारत पहली बार 21 जुलाई से 31 जुलाई तक यूनेस्को के प्रमुख कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है.

मोदी के साथ मंच पर यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले, विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित अन्य लोग मौजूद थे.

PM मोदी ने किया प्रदर्शनी का दौरा 

प्रधानमंत्री ने उद्घाटन से पहले भारत मंडपम में एक प्रदर्शनी का दौरा किया जिसमें देश में वापस लाई गईं कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि अब तक 350 से अधिक कलाकृतियां देश में वापस लाई जा चुकी हैं.

प्रदर्शनी देखने के दौरान मोदी के साथ यूनेस्को की महानिदेशक भी मौजूद थीं जिन्होंने साड़ी पहन रखी थी.

भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं, विज्ञान भी है : PM मोदी 

प्रधानमंत्री ने उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में प्रदर्शनी के बारे में बात की और कहा कि प्राचीन कलाकृतियों की वापसी वैश्विक उदारवाद एवं इतिहास के प्रति सम्मान की भावना को दर्शाती है.

उन्होंने कहा कि 46वां डब्ल्यूएचसी सत्र "विश्व की सबसे प्राचीन जीवित सभ्यताओं में से एक" में हो रहा है.

मोदी ने उन अभियांत्रिकी उपलब्धियों की भी सराहना की जो प्राचीन विरासत स्थलों में दिखाई देती हैं. उन्होंने उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर और तमिलनाडु में चोल शासकों द्वारा निर्मित बृहदीश्वर मंदिर का हवाला दिया.

उन्होंने कहा, "भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं है, यह विज्ञान भी है. भारत की विरासत में, शीर्ष स्तर की अभियांत्रिकी की गौरवशाली यात्रा भी देखी जाती है."

साल में एक बार होती है WHC की बैठक 

बैठक में 150 से अधिक देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

डब्ल्यूएचसी की साल में एक बार बैठक होती है और यह विश्व धरोहर स्थलों से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन एवं यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों के बारे में निर्णय लेने का दायित्व देखती है.

विरासत के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "विरासत केवल इतिहास नहीं है, यह मानवता की साझा चेतना है. जब भी हम ऐतिहासिक स्थलों को देखते हैं, तो हमारा मन वर्तमान भू-राजनीतिक कारकों से ऊपर उठ जाता है."

मोदी ने लोगों को "विश्व कल्याण के वास्ते विरासत की इस क्षमता का उपयोग करने और दिलों को जोड़ने के लिए विरासत का उपयोग करने" के लिए प्रोत्साहित किया.

उन्होंने कहा, "यह दुनिया के देशों से भारत का आह्वान है कि वे एक-दूसरे की विरासत को बढ़ावा देने और मानव कल्याण की भावना को बढ़ाने, पर्यटन को प्रोत्साहित करने तथा विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक के माध्यम से रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए एक साथ आएं."

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Saturday, 20 July 2024

केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के काफिले की तीन गाड़ियां आपस में टकराईं, सभी सुरक्षित

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के काफिले की तीन गाड़ियां आपस में टकरा गईं. हालांकि, इस दौरान किसी को चोट नहीं आई है, सभी सुरक्षित हैं. मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि शनिवार को जितिन प्रसाद अपना एक कार्यक्रम खत्म कर आगे जा रहे थे. इसी बीच सड़क पर एक गड्ढा आने पर ब्रेक लगाने से उनके काफिले की तीन गाड़ियां आपस में टकरा गईं, लेकिन किसी को चोट नहीं आई है.

कैसे हुआ हादसा?

केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे. शहर में प्रेसवार्ता के बाद वह मझोला इलाके में बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे थे. बिरहनी जाने वाले मार्ग पर जितिन प्रसाद के काफिले में चल रही एस्कॉर्ट की गाड़ियां आपस में भिड़ गईं. हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई. हादसे में किसी को चोट नहीं लगी है, लेकिन तीनों गाड़ियां कुछ क्षतिग्रस्त हो गईं.

हादसे के बाद क्या किया?

इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद दूसरी गाड़ी में सवार होकर अपने आगे के कार्यक्रम में चले गए. ज्ञात हो जितिन प्रसाद ने पीलीभीत से लोकसभा का चुनाव जीते हैं. उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है. इसके पहले वह योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके है. वह दो बार के सांसद भी हैं. जितिन प्रसाद उत्‍तर प्रदेश के एक प्रसिद्ध ब्राह्मण राजनीतिक परिवार से आते हैं और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में भी केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. जितिन प्रसाद 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए.

कांग्रेस से कैसा था नाता?

प्रसाद का परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा रहा था. वह 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के सबसे युवा मंत्रियों में शामिल थे. उन्होंने दून स्कूल से पढ़ाई की है और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से वाणिज्य में डिग्री हासिल की है.



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चांदीपुरा वायरस के खतरे को देख गुजरात रवाना हुई केंद्र सरकार की टीम, जानें और किन राज्यों में इसके मरीज

Chandipura virus : चांदीपुरा वायरस के बढ़ते मामलों के चलते केंद्र सरकार की टीम गुजरात रवाना हो गईं हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट्स के साथ गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) के मामलों की समीक्षा की. इसके बाद केंद्रीय टीमें गुजरात भेजने का फैसला किया गया. इस समीक्षा बैठक में पाया गया कि वेक्टर नियंत्रण, स्वच्छता और जागरूकता जैसे कदम इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी हैं.

टीम में कौन-कौन?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विस्तृत चर्चा और समीक्षा के बाद विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चांदीपुरा वायरस देश भर में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों के केवल एक छोटे से हिस्से के लिए जिम्मेदार है और उसी परिवार का है. उन्होंने गुजरात में सामने आये एईएस मामलों के व्यापक महामारी विज्ञान, पर्यावरण संबंधी और कीट विज्ञान संबंधी अध्ययनों की आवश्यकता पर जोर दिया. इन जांचों में गुजरात की सहायता के लिए एनसीडीसी, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) की एक बहु-विषयक केन्‍द्रीय टीम तैनात की जा रही है.

एईएस क्या है?

एईएस कई अलग-अलग वायरस, बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी, स्पाइरोकेट्स, रसायन/विषाक्त पदार्थों आदि के कारण होता है. एईएस के ज्ञात कारणों में जेई, डेंगू, एचएसवी, सीएचपीवी, वेस्ट नाइल आदि शामिल हैं. चांदीपुरा वायरस रैबडोविरिडे समूह का एक सदस्य है, जो देश के पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी भागों में छिटपुट मामलों और प्रकोपों ​​का कारण बनता है, खासकर मानसून के दौरान. यह सैंड फ्लाई और टिक्स जैसे रोगवाहक कीटों से फैलता है.

अब तक कितने रोगी मिले?

बयान में कहा गया है कि जून 2024 की शुरूआत से ही गुजरात में 15 साल से कम आयु के बच्चों में एईएस के मामले सामने आ रहे हैं. बीस जुलाई 2024 तक एईएस के कुल 78 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 75 मामले गुजरात के 21 जिलों/निगमों से, दो मामले राजस्थान में और एक मामला मध्य प्रदेश से है. इनमें से 28 मरीज की मृत्यु हो गई है. राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे में जांच किए गए 76 नमूनों में से 9 में चांदीपुरा वायरस के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. समस्‍त 9 सीएचपीवी-पॉजिटिव मामले और इससे जुड़ी 5 मौतें गुजरात में हुईं हैं.



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Friday, 19 July 2024

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने का असर इंडियन रेलवे पर क्यों नहीं पड़ा? ये है असली वजह

इन दिनों माइक्रोसॉफ्ट के खासे चर्चे हो रहे हैं. इसकी वजह है कि सर्वर फेल होने के कारण पूरी दुनिया में कोहराम मच गया. इस वजह से हवाई सेवा, दूरसंचार सेवाओं, बैंक और मीडिया संस्थानों पर सबसे अधिक पड़ा. इस दौरान खास बात यह रही कि इसका असर भारतीय रेलवे पर नहीं पड़ा. सबसे हैरानी वाली बात ये रही है कि रेलवे की सभी सुविधाएं आसानी से चलती रहीं. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक आउटेज का भारतीय रेलवे की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा. रेलवे बुकिंग काउंटरों पर उपनगरीय और एक्सप्रेस ट्रेनों की यात्रा के लिए टिकट जारी करने पर कोई असर नहीं पड़ा.
 

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये सभी सेवाएं Y2K समस्याओं के कारण 1999 में ही CRIS पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम पर डेवलप कर ली गई थी. जिस वजह से माइक्रोसॉफ्ट के ठप होने के बावजूद भी सभी सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहीं.

क्या है CRIS?

CRIS (रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र) रेल मंत्रालय के अधीन एक संगठन है. सीआरआईएस सक्षम आईटी पेशेवरों और अनुभवी रेलवे कर्मियों का एक अनूठा संयोजन है जो इसे मुख्य क्षेत्रों में जटिल रेलवे आईटी सिस्टम को सफलतापूर्वक वितरित करने में सक्षम बनाता है. अपनी स्थापना के बाद से, CRIS भारतीय रेलवे के निम्नलिखित प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्रों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित/रखरखाव कर रहा है.

क्या आई दिक्कत?

माइक्रोसॉफ्ट एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है. आपके गैजेट्स जिन एप्लिकेशन से चलते हैं, उन्हें बनाने और मैनेज करने का काम इसके जरिये होता है. शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस में दिक्कत आ गई थी. एक एंटी-वायरस 'क्राउडस्ट्राइक' के अपडेट के चलते ऐसा हुआ. माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के यूजर्स को स्क्रीन अपने डेस्कटाप या लैपटाप की स्क्रीन नीली दिख रही थी. इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहा जाता है. सर्वर डाउन होने से लैपटॉप या कंप्यूटर या तो रीस्टार्ट होने लगे या शटडाउन हो गए.

CrowdSrike का भी हुआ जिक्र

सर्वर डाउन के दौरान CrowdSrike का बार-बार जिक्र हुआ. क्राउड-स्ट्राइक साइबर सिक्योरिटी मुहैया कराने वाला एक प्लेटफ़ॉर्म है. इसका फाल्कन सेंसर अपडेट करने के दौरान एक बग आ गया, जिससे इतनी दिक्कत हुई. माइक्रोसॉफ्ट और क्राउड-स्ट्राइक की टीमें बग को फिक्स करने में जुटी हैं.

साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी सवाल उठाए जाते हैं. हाल में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट दायर की है, जिसमे में चिंता जताई है कि wind एनर्जी सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले कॉम्पोनेंट्स खासकर चीन से आने वाले कॉम्पोनेंट्स साइबर सिक्योरिटी के मामले में हमारे लिए खतरा साबित हो सकते हैं. 

माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम के ठप पड़ने से एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, बैंक और शेयर मार्केट में काम रुक गया. अमेरिका में सभी प्रमुख एयरलाइंस ने अपनी उड़ानें कुछ समय के लिए रद्द कर दीं. बैंक और वित्तीय संस्थान भी प्रभावित हुए. इसके अलावा असोसिएटेड प्रेस AP जैसी समाचार एजेंसियां भी कुछ समय के लिए बंद हो गईं. ब्रिटेन में एयरपोर्ट पर असर पड़ा. वहां का स्काई न्यूज बंद हो गया. ट्रेन और फ्लाइट सर्विस पर असर पड़ा. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं हो पाई. इससे कारोबार में अच्छा-खासा नुकसान हो गया.

जर्मनी में बर्लिन जैसे एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. हॉस्पिटल में ऑपरेशन टालने पड़े. फ्रांस में 26 जुलाई से ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट में गड़बड़ी की वजह से वहां के भी कंप्यूटर बंद हो गए. इससे ओलिंपिक की तैयारियों पर पर असर पड़ा.

भारत में भी उड़ानों पर असर पड़ा. सर्वर डाउन होने से स्पाइस जेट, अकासा एयर जैसी एयरलाइंस की उड़ानें कुछ समय के लिए रोक दी गईं. कई यात्रियों को हाथ से लिखकर बोर्डिंग पास दिए गए. ऑस्ट्रेलिया में भी माइक्रोसॉफ़्ट के बिगड़ने से उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

क्या कहते हैं साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट?

माइक्रोसॉफ्ट में आज जो हुआ, उससे साइबर सिक्योरिटी पर गंभीर सवाल उठे हैं. कई लोगों में पूरे मामले को लेकर कंफ्यूजन भी है. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली ने आसान शब्दों में इसकी बारीकियां समझाई हैं.

माइक्रोसॉफ्ट में क्या हुआ?

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली ने NDTV से कहा, "माइक्रोसॉफ्ट में जो भी हुआ, उसकी वजह एंटी वायरस अपडेशन ही था. क्राउडस्ट्राइक नाम की एक कंपनी है. ये दुनिया की सबसे बड़ी साइबर सिक्योरिटी कंपनी है. क्राउडस्ट्राइक का फाल्कन सेंसर नाम से एक क्लाइंट है. इसी में एक एरर आ गया था. चूंकि माइक्रोसॉफ्ट भी इसे यूज करता है, लिहाजा एंटी वायरस अपडेशन से बग आ गया. जिससे सर्वर डाउन हो गया."



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2000 करोड़ रुपये की चोरी किसने की? वजीर एक्स ढूंढ रहा; जानें किसको भरना पड़ेगा नुकसान

क्रिप्टो करेंसी की दुनिया कुछ लुभावनी है तो कुछ रहस्यमय भी. ये बहुत सारे कानूनी बाध्यताओं के परे भी है. अमूमन माना जाता है कि क्रिप्टो करेंसी वह शय है, जिसमें घपले या चोरी की गुंजाइश नहीं है. यहां सारा मामला वर्चुअल होता है, लेकिन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के एक प्लेटफार्म वजीर एक्स (WajirX) पर बीते दिनों एक बड़ी साइबर चोरी हुई है. हैकर्स ने सेंधमारी कर 250 मिलियन यूएस डॉलर यानी करीब 2000 करोड़ रुपये निकाल लिए. कल इस चोरी की खबर मिली तो हंगामा मच गया. हालांकि, वजीर एक्स ने कहा कि वह यह पैसा वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है. इस चोरी का नुकसान यूजर्स को उठाना पड़ सकता है.

कैसे हुई चोरी?

मुद्रेक्स (Mudrex)के सीईओ और को-फाउंडर इदुल पटेल ने बताया कि वजीर एकस एक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज है और वो अपने सारे फंड्स सिक्योर वॉलेट्स में स्टोर करते थे, लेकिन कुछ हैकर्स ने वॉलेट्स को ही हैक कर दिया. यह बहुत ही सोफिस्टिकेटेड तरीके से किया गया. साइबर चोरों ने वहां से सारा पैसा ड्रेन आउट कर दिया. यह सारी इंफॉर्मेशन कल ही पता चली है और कल ही सारे पब्लिक को भी बता दिया गया है. फिलहाल वजीर एक्स की टीम कोशिश कर रही है कि सारा पैसा आ जाए. मुद्रेक्स में भी यूजर्स के फंड्स सेफ और सिक्योर रखते हैं. हमारे यहां क्रिप्टो डिपॉजिट और क्रिप्टो विड्रॉल हमेशा ही अवेलेबल होता है और हमेशा यूजर्स के लिए ऑनलाइन रहता है. 

क्या ये आसानी से हो जाता है चोरी?

इदुल पटेल ने कहा कि वॉलेट्स से चोरी करना बिल्कुल आसान नहीं है, लेकिन सोफिस्टिकेटेड हैकर्स यह कर सकते हैं. अभी तक सारी इंफॉर्मेशन क्लियर नहीं है कि एग्जैक्टली हुआ क्या लेकिन ऐसा लग रहा है कि कुछ ट्रांजैक्शंस प्लांट किए गए थे. जो इंफॉर्मेशन दिख रही थी वो एक्चुअल मैच नहीं कर रही थी. वजीर एक्स के सिस्टम ने उसको सही से डिटेक्ट नहीं किया और इस वजह से वो ट्रांजैक्शन फ्लो आउट करके पैसा सारा बाहर चला गया.

कौन भरेगा नुकसान? 

मुद्रेक्स (Mudrex)के सीईओ ने कहा कि यह बहुत मुश्किल है कि नुकसान की भरपाई कौन करेगा. यह सब डिपेंड करता है कि वजीर एक्स टीम ने पूरा सेटअप किया कैसे किया और आगे क्या करती है. हालांकि, जब ऐसा पहले हुआ है दूसरे एक्सचेंज के साथ तो हमेशा नुकसान यूजर्स को ही उठाना पड़ा है. अब कौन से यूजर को कितना नुसकान उठाना पड़ेगा, यह तो वजीर एक्स की टीम ही बताएगी. हालांकि, इतना तय है कि 2000 करोड़ से ज्यादा की रकम चोरी हो चुकी है और चोर मजे कर रहे हैं.



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Thursday, 18 July 2024

बराक ओबामा नहीं चाहते जो बाइडेन राष्ट्रपति पद पर दोबारा चुनाव लड़ें, जानें क्या है कारण?

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल के दिनों में सहयोगियों से कहा है कि जो बाइडेन की जीत की राह बहुत कम हो गई है और उन्हें लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को अपनी उम्मीदवारी पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. वाशिंगटन पोस्ट ने बृहस्पतिवार को ओबामा की सोच के बारे में जानकारी देने वाले कई लोगों का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी. 

कोरोना से पीड़ित हैं बाइडेन 

जो बाइडन फिलहाल कोरोना से संक्रमित हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने इस बात की जानकारी दी है. लास वेगास में यूनिडोसयूएस सम्मेलन में भाषण से पहले उनका कोरोना टेस्ट करवाया गया था, जिसकी रिपोर्ट में जो बाइडन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. अब इस बीच ओबामा के इस सलाह के बाद बाइडेन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. कारण यह है कि उनकी उम्र को लेकर भी उन्हीं की पार्टी के लोग सवाल उठाने लगे हैं. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है.

कैसा है अमेरिका में माहौल?

भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन शलभ कुमार ने एनडीटीवी को बताया कि 13 जुलाई को ट्रंप पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा तय हो गया है. कैंपेन करीब-करीब खत्म हो गया है. शलभ कुमार अमेरिका में जाने-माने बैंकर हैं और रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन के फाउंडर भी हैं. शलभ कुमार ने शिकागो से बुधवार देर रात NDTV से खास इंटरव्यू में ये बातें कही. शलभ कुमार ने कहा, "इस स्टेज पर डेमोक्रेट्स के लिए यह तय कर पाना बहुत मुश्किल है कि ट्रंप को कैसे काउंटर करे. खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी अपना अगला कदम तय करने में दिक्कत होगी. जाहिर तौर पर ट्रंप पर हुए हमले के बाद चुनाव से पहले ही चुनाव के नतीजे तय हो चुके हैं."

कब है अमेरिका में चुनाव?

अमेरिका में नवंबर में चुनाव होने हैं. अगर मौजूदा डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) चुनाव लड़ते हैं तो उनका मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से होगा. इस महत्वपूर्ण चुनाव का माहौल ट्रंप की हत्या की कोशिश से काफी गर्मा गया है. अमेरिका में हर जगह ट्रंप की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. यहां तक की उनके विरोधी भी अब उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं. अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को चुनाव होंगे और जनवरी 2025 में अगले राष्ट्रपति पदासीन हो जाएंगे. यहां अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया की टाइमलाइन दी जा रही है.



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Wednesday, 17 July 2024

केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी पर शंकराचार्य के आरोपों का मंदिर समिति ने यह दिया जवाब

Shankaracharya's allegations on theft : केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से सोने की कथित चोरी संबंधी आरोपों पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति प्रबंधन और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने गर्भगृह से सोने की चोरी के आरोपों को बेबुनियाद और तथ्यहीन बताते हुए आरोप लगाने वालों से विवाद खड़ा करने की बजाय सक्षम स्तर पर मामले की जांच की मांग कराने का अनुरोध किया.

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क्या कहा मंदिर समिति ने

अजय ने इन आरोपों को ‘षड्यंत्र' बताते हुए स्पष्ट किया कि दानदाता द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गयी थी और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान स्वीकारा गया और इसके लिए विधिवत प्रदेश शासन से अनुमति ली गई.

दानदाता ने ही बनवाए थे

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने का कार्य किया गया. अजय ने यह भी स्पष्ट किया कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने स्वयं किया और उन्होंने ही अपने स्तर से स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं. उन्होंने कहा कि दानदाता ने अपने स्वर्णकार के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित भी कराया. मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानी द्वारा कराया गया तथा मंदिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी. उन्होंने कहा कि कार्य होने के बाद दानदाता ने सभी आधिकारिक बिल एवं वाउचर मंदिर समिति को दे दिए थे, जिसके बाद नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया. 

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आरोपों को बताया विद्वेषपूर्ण 

दानस्वरूप किए गए इस कार्य हेतु दानी व्यक्ति अथवा किसी फर्म द्वारा मंदिर समिति के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और न ही उन्होंने मंदिर समिति से आयकर अधिनियम की धारा-80 जी का प्रमाण पत्र मांगा. अजय ने कहा कि उक्त दानदाता ने 2005 में श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह को भी स्वर्ण जड़ित किया था, लेकिन अब एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण आरोप लगाये जा रहे हैं.

पुरोहितों ने जांच की मांग की

दूसरी ओर, ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में हुई सोने की चोरी की जांच कराए जाने की मांग के समर्थन‌ में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित भी आ गए हैं. केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने वीडियो संदेश जारी कर केदारनाथ सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने संदेश में कहा कि वे (तीर्थ पुरोहित) शुरुआती दौर से ही केदारनाथ धाम में चांदी और सोने की परत लगाए जाने का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि विरोध के बावजूद मंदिर समिति प्रशासन की ओर से पहले चांदी और उसके बाद सोने की परत लगाई गई.

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राज्य सरकार से जताई नाराजगी

केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाया कि गर्भगृह से सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें भी गायब हैं. उन्होंने मंदिर समिति से सवाल किया कि आखिर 230 किलो सोना कहां गया. इसके अलावा, उन्होंने पूर्व में लगी चांदी के बारे में भी मंदिर समिति से जवाब मांगा है. बगवाड़ी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित शुरू से ही उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश से इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार उसे अनसुना करती रही है.

जांच में क्या निकला पूछ रहे

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि गर्भगृह में लगाए गए सोने की गुणवत्ता को लेकर भी उन्हें संदेह है और उनका सवाल यह है कि मंदिर में लगा सोना तांबे में कैसे बदल गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने की बात कही थी लेकिन उसकी रिपोर्ट के बारे में अब तक पता नहीं चल पाया है.

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Tuesday, 16 July 2024

फतेहपुर के विकास दुबे को स्नैक फोबिया, सांप ने 7 बार नहीं सिर्फ 1 बार ही काटा; जांच में पता चला

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर निवासी विकास दुबे के मामले में दिलचस्प बात सामने आई है. जांच में पता चला है कि उसे स्नैक फोबिया है. सांप ने उसे 7 बार नहीं सिर्फ 1 बार ही काटा था. वह 6 बार स्नेक फोबिया का शिकार हुआ था. स्वाथ्य विभाग की टीम ने आज जिलाधिकारी को यह जांच रिपोर्ट सौंपी है. जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था. रिपोर्ट में प्राइवेट हॉस्पिटल के इलाज पर संदेह जताया गया है.

क्या था दावा

फतेहपुर के सौरा गांव निवासी विकास दुबे ने दावा किया था कि उसे 40 दिनों में सात बार सांप ने काटा है. इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय लोगों को चौंका दिया, बल्कि वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया. उसने दावा किया कि पहली बार विकास को जब सांप ने काटा, तब वह अपने खेत में काम कर रहा था. इसे सामान्य घटना मानकर इलाज किया गया, लेकिन इसके बाद हर कुछ दिनों में उसे सांप काटता रहा. हर घटना बाद विकास फतेहपुर के एक निजी अस्पताल में जाता था. वहां उसे एंटी-वेनम इंजेक्शन सहित उसकी गंभीर देखभाल की जाती थी. विकास दावा करता था कि उसे एक ही फन वाले सांप ने कई बार काटा है. इस घटना की फिर प्रशासन ने जांच की.

क्या है स्नैक फोबिया

फोबिया तर्कहीन डर को कहते हैं. किसी चीज से बहुत ज्यादा डर जाने के बाद फोबिया हो जाता है. विकास को भी सांप के एक बार काटने के बाद स्नैक फोबिया हो गया. उसे बार-बार लगता था कि वह सांप दोबारा आ गया और उसे डस लिया. इसी कारण उसने सभी को बताया कि उसे 40 दिनों में एक फन वाले सांप ने ही सात बार डस लिया है. हर बार जब उसे ऐसे लगता था तो वह अस्पताल भी चला जाता था. जहां बिल बनाने के लिए उसका इलाज भी कर दिया जाता था. इससे विकास के भ्रम को और बढ़ावा मिला और उसे लगने लगा कि सच में सांप ने डसा है. अगर पहली बार ही निजी अस्पताल वाले उसे बता देते कि उसे सांप ने नहीं डसा है तो शायद इतने दिनों तक वह डर में नहीं रहता. जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की जांच में यही बात आई है. 



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Monday, 15 July 2024

संसद के मॉनसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है. विपक्षी दलों के साथ सहमति बनाने के लिए सरकार की तरफ 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाया गया है.  21 जुलाई को सुबह 11 बजे यह बैठक होगी. संसद का पिछला सत्र बेहद हंगामेदार रहा था.  NEET में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था. यह सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चला था. लोकसभा के तमाम नए सदस्यों को इस दौरान शपथ दिलायी गयी थी. 

संसद का 22 जुलाई को शुरू होने वाला अगला सत्र 12 अगस्‍त तक चलेगा. इस सत्र के दौरान केंद्र सरकार का पूर्ण बजट (Budget) पेश किया जाएगा. लोकसभा में 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी. इस बजट से देश के आम नागरिकों को बहुत उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि बजट में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कई सौगातें दे सकती है.  

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने एक एक्‍स पोस्‍ट में जानकारी देते हुए बताया था कि, "भारत की माननीय राष्‍ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर बजट सत्र 2024 के लिए 22 जुलाई 2024 से 12 अगस्त 2024 तक संसद के दोनों सदनों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अत्यावश्यकताओं के अधीन). केंद्रीय बजट 2024-25 को लोकसभा में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगा."

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Sunday, 14 July 2024

हाथरस भगदड़ के बाद भी बाबा भोले के जन्‍मदिन पर मैनपुरी आश्रम पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु, पुलिस ने लौटाया वापस

हाथरस भगदड़ मामले (Hathras Stampede Case) के बाद भी सूरजपाल उर्फ भोले बाबा में आम लोगों की आस्‍था कम नहीं हुई है. भोले बाबा के जन्‍मदिन पर रविवार को मैनपुरी में बने राम कुटीर आश्रम में बाबा में आस्‍था रखने वाले लोगों की भीड़ लग गई. यहां पर बाबा का जन्‍मदिन मनाने के लिए बाहर से बसों में भरकर बाबा के अनुयायी पहुंचे. हालांकि आश्रम पर मौजूद पुलिस दिनभर बाबा के भक्‍तों को समझाकर लगातार वापस भेजती रही. भोले बाबा के जन्‍मदिन को हर साल काफी धूमधाम से मनाया जाता था. 

भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में रविवार सुबह से ही भक्‍तों की भीड़ लगी रही. दूर-दूर से बाबा के भक्‍त आश्रम पहुंचते रहे. हालांकि पुलिस ने पुलिस बैरियर लगाकर भक्‍तों को रोका और उन्‍हें आगे आश्रम तक नहीं जाने दिया. 

बाबा के आश्रम पर भारी पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है, जो बाबा के अनुयायियों को वापस भेज रहा है. 

सीओ ने ली सुरक्षा व्‍यवस्‍था की जानकारी 

सीओ सुनील कुमार सिंह भी रविवार को मौके पर पहुंचे और उन्‍होंने थानाध्‍यक्ष से सुरक्षा व्‍यवस्‍थाओं की जानकारी ली. उन्‍होंने आश्रम के बाहर लगे पुलिस बल को दिशा-निर्देश दिए. 

भोले बाबा के आश्रम पर बड़ी संख्‍या में महिलाएं भी पहुंची. जब महिलाएं आश्रम के अंदर नहीं जाने दिया गया तो उन्‍होंने वहीं से प्रणाम किया. साथ ही कई महिलाओं ने आश्रम के बाहर संकीर्तन भी किया. 

एक महिला ने कहा कि हम यहां पर बाबा को नमन करने के लिए आए हैं. उन पर हमारी श्रद्धा है. उन्‍होंने कहा कि हम यहां पर उनकी ही बदौलत खड़े हैं. 

हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की हो गई थी मौत 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दो जुलाई को हुए एक धार्मिक समागम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए थे. हाथरस जिले के फुलरई गांव में आयोजित ‘सत्संग' के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे. सूरजपाल को बाबा नारायण हरि, साकार विश्वहरि और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है. 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में आयोजकों के खिलाफ सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. साथ ही इस कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग एकत्रित हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी. 



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Saturday, 13 July 2024

पूरे भारत में माहौल BJP के खिलाफ रहा : उपचुनाव के नतीजों पर CM ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि उपचुनाव के नतीजों से पता चलता है कि ‘‘पूरे भारत में माहौल भाजपा के खिलाफ है.''इस सप्ताह की शुरुआत में सात राज्यों की 13 सीटों पर हुए उपचुनावों के लिए शनिवार को मतगणना हुई, जिसमें ‘इंडिया' गठबंधन दलों ने 10 विधानसभा सीटें जीतीं जबकि भाजपा ने दो और एक निर्दलीय ने एक सीट जीती.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 13 सीटों पर हुए उपचुनावों में 46 प्रतिशत वोट मिले जबकि ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों को 51 प्रतिशत वोट मिले.

पश्चिम बंगाल में सभी चार सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की जीत के लिए लोगों का आभार व्यक्त करते हुए बनर्जी ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान को छोड़कर अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.

मुंबई से यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूरे भारत में माहौल भाजपा के खिलाफ है.''

यह पूछे जाने पर कि क्या यह इस बात का संकेत है कि केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी, बनर्जी ने कहा, ‘‘रुझान बहुत स्पष्ट है, यहां तक ​​कि पहले का जनादेश (लोकसभा चुनाव का) भी राजग के पक्ष में नहीं था.''



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Friday, 12 July 2024

आईएएस पूजा खेडकर ने चोरी के आरोपी रिश्तेदार को बचाने की कोशिश की, मां ने पिस्तौल लहराई

Puja Khedkar New Scandal : पूजा खेडकर. आईएएस बनने के बाद से लगातार विवाद में हैं. अब तक तो उनके सर्टिफिकेट और व्यवहार को लेकर ही सवाल उठ ही रहे थे, अब उन पर एक चोर को रिहा करने के लिए पुलिस अधिकारी पर दबाव डालने का आरोप लगा है. नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को बताया कि विवादास्पद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने चोरी के एक आरोपी रिश्तेदार को रिहा करने के लिए डीसीपी-रैंक के एक अधिकारी पर दबाव बनाने की कथित तौर पर कोशिश की थी. 

कैसे खुला यह राज?

एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को पीटीआई बताया कि पनवेल पुलिस थाने में 18 मई को खेडकर ने पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को कथित तौर पर फोन कर चोरी के मामले में गिरफ्तार ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवाडे को रिहा करने का आग्रह किया था. अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने डीसीपी से कहा कि उत्तरवाडे निर्दोष हैं और उनके खिलाफ मामूली आरोप हैं. अधिकारी ने कहा कि हालांकि खेडकर ने पानसरे को सिर्फ फोन पर अपनी पहचान बताई थी, लेकिन डीसीपी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि फोन करने वाला सचमुच आईएएस अधिकारी है या फिर खुद को आईएएस बता रहा कोई धोखेबाज है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने फोन पर कोई कोई कदम नहीं उठाया और कथित अपराध के लिए उत्तरवाडे अभी भी न्यायिक हिरासत में है. 

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मां ने पिस्तौल दिखाई

पूजा खेडकर की मां भी कम नहीं हैं. पिस्तौल लेकर कुछ लोगों को धमकाते हुए उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है. पुणे ग्रामीण पुलिस के एक अधिकारी ने बाद में शाम को कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की जाएगी, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या उसके पास पिस्तौल का लाइसेंस था. एक अधिकारी ने बताया कि वीडियो में दिख रही घटना पूजा के पिता दिलीप खेडकर द्वारा पुणे के मुलशी तहसील के धाडवाली गांव में खरीदी गई जमीन से संबंधित है. दिलीप खेडकर महाराष्ट्र सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. स्थानीय लोगों का दावा था कि खेडकर ने पड़ोसी किसानों की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है. दो मिनट के वीडियो में पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर अपने सुरक्षा गार्डों के साथ पड़ोसियों के साथ तीखी बहस करती नजर आ रही हैं. हाथ में पिस्तौल लिए मनोरमा खेडकर को एक आदमी पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है. वह उसके पास जाती हैं और पिस्तौल को उसके चेहरे के सामने लहराती है और फिर उसे अपने हाथ में छिपा लेती हैं.

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27,000 रुपये का जुर्माना

पुणे सिटी ट्रैफिक पुलिस ने भी पूजा खेड़कर को नोटिस भेजा है. ये नोटिस निजी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने और गाड़ी पर महाराष्ट्र शासन लिखवाने के मामले में भेजा गया है. पुलिस ने जांच के दौरान उनकी ऑडी कार को एक निजी इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर पंजीकृत पाया. इस गाड़ी पर यातायात नियमों के उल्लंघन की 21 शिकायतें हैं. इस पर 27,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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पूजा खेडकर पर अन्य आरोप

खेडकर हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही अलग केबिन और कर्मचारी जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया. पुणे कलेक्टर कार्यालय में किए गए आचरण के अलावा खेडकर पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (आईएएस) में एक पद हासिल करने के लिए दिव्यांगता प्रावधान और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग किया. इस बीच, एक बयान में केंद्र ने कहा कि खेडकर के विवरणों के दावों को सत्यापित करने के लिए एक अतिरिक्त सचिव-रैंक अधिकारी द्वारा जांच शुरू कर दी गई है. एक सूत्र ने बताया, 'यदि अधिकारी दोषी पायी जाती हैं तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है. यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या यह पाया जाता है कि उनका चयन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया है, उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा है तो उन्हें आपराधिक आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है.'
 



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