निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के पहले और दूसरे चरण में क्रमश: 66.14 प्रतिशत और 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है. कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने 19 अप्रैल को पहले दौर के मतदान के 11 दिन बाद लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़ों की घोषणा करने और इसमें इतनी लंबी देरी को लेकर मंगलवार को निर्वाचन आयोग से सवाल किया.
आयोग ने आधिकारिक तौर पर मतदान का आंकड़ा साझा करते कहा कि चुनाव के पहले चरण में 102 सीट के लिए हुए मतदान में 66.22 प्रतिशत पुरुष और 66.07 महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि कुल पंजीकृत तृतीय लिंग के मतदाताओं में 31.32 प्रतिशत ने मतदान किया है. आयोग के मुताबिक 2019 के चुनाव में पहले चरण में 69.43 फीसदी मतदान हुआ था.
दूसरे चरण में पिछले चुनाव की तुलना में कम मतदान
आयोग ने बताया कि 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ जिसमें 88 सीट के लिए 66.99 पुरुष मतदाताओं ने और 66.42 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस चरण में तीसरे लिंग के पंजीकृत मतदाताओं में से 23.86ने मतदान किया. आंकड़ों के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 69.64 प्रतिशत मतदान हुआ था.
पहले चरण में महिला मतदाताओं की सख्या अधिक
निर्वाचन आयोग के मुताबिक पहले चरण में जिन 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हुआ, उनमें से 11 में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक रही. इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. आंकड़ों के मुताबिक दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदान हुआ जिनमें से असम, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, केरल और पश्चिम बंगाल में पुरुषों के मुकाबले मतदान करने वाली महिला मतदाताओं की संख्या अधिक रही.
अंतिम आंकड़े में डाक मतपत्रों को भी जोड़ा जाएगा
निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया कि मतदान के अंतिम आंकड़े डाक मतपत्रों की गिनती और कुल मतों की गिनती को जोड़ने के बाद ही उपलब्ध होंगे. डाक मतपत्रों में मतदान करने की सुविधा सेवा मतदाताओं, अनुपस्थित मतदाताओं जिनमें 85 वर्ष से अधिक आयु वाले, दिव्यांग, आवश्यक सेवाओं और चुनाव ड्यूटी पर कार्यरत कर्मियों को दी जाती है. आयोग ने बताया कि रोजाना प्राप्त होने वाले डाक मतपत्रों की जानकारी सभी उम्मीदवारों को दी जाती है.
न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक (News Portal Newsclick) के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) की गिरफ्तारी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में जल्दबाजी के लिए दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाया. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस तथ्य पर भी हैरानी जताई कि पुरकायस्थ के वकील को रिमांड आवेदन दिए जाने से पहले ही रिमांड आदेश पारित कर दिया गया था.
गिरफ्तारी के तरीके पर सवाल उठाते हुए पीठ ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एक मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली पुरकायस्थ की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. पोर्टल के माध्यम से राष्ट्र-विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए कथित चीनी फंडिंग के मामले में अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद से पुरकायस्थ हिरासत में हैं.
कपिल सिब्बल ने रखा पक्ष
सुनवाई के दौरान पुरकायस्थ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 3 अक्टूबर, 2023 की शाम को गिरफ्तार किया गया था. सिब्बल ने अदालत को बताया कि अतिरिक्त लोक अभियोजक के साथ लीगल एड वकील ही मौजूद थे. पुरकायस्थ के वकील को सूचित नहीं किया गया था. जब पुरकायस्थ ने इस पर आपत्ति जताई तो जांच अधिकारी ने उनके वकील को टेलीफोन के माध्यम से सूचित किया और रिमांड आवेदन वकील को व्हाट्सएप पर भेजा गया. पीठ ने ASG एसवी राजू से पूछा कि पुरकायस्थ के वकील को सूचित क्यों नहीं किया गया.
सुबह 6 बजे उसे पेश करने की क्या जल्दबाजी थी?- सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने पूछा कि सुबह 6 बजे उसे पेश करने की जल्दबाजी क्या थी जबकि उन्हें पिछले दिन शाम 5.45 बजे गिरफ्तार किया गया था.आपके पास पूरा दिन था. पीठ ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के लिए आवश्यक है कि रिमांड आदेश पारित होने पर पुरकायस्थ का वकील उपस्थित रहे. एएसजी राजू ने पीठ को तर्क देकर समझाने की कोशिश की लेकिन पीठ ने इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया.
पीठ ने फैसला रखा सुरक्षित
लंबी बहस के बाद आखिरकार पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. पीठ पुरकायस्थ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया गया था. सह-अभियुक्त और न्यूजक्लिक के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने भी अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन ईडी के सरकारी गवाह बनने के बाद उन्हें अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी गई और उन्हें माफी दे दी गई.
इंसान की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, उसका अकेलापन भी बढ़ने लगता है. परिवार साथ में न हो, तो अकेलापन से निपटना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में व्यक्ति नए साथी की तलाश करने लगता है. टूटते परिवार के बीच विदेश में ये अब आम बात हो गई है. अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले 70 साल के एक शख्स ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए बाकायदा हाईवे पर बिलबोर्ड ही बुक करा लिया है.
'न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, अल गिलबर्टी अपना अकेलापन दूर करने के एक गर्लफ्रेंड की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने 400 डॉलर प्रति हफ्ते (भारतीय रुपये में 33 हजार रुपये) में एक बिलबोर्ड पर एड दिया है. इस एड में गिलबर्टी ने कहा, "मैं एक गर्लफ्रेंड ढूंढ रहा हूं, ताकि उसके साथ शादी कर सकूं और कराओके का मजा ले सकूं. कराओके एक तरह का इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंच सिस्टम होता है. ये आमतौर पर क्लबों और बार में बजाया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, गिलबर्टी को अपने एड पर 2 हफ्ते के अंदर 400 कॉल और 50 ईमेल मिले हैं.
गिलबर्टी ने 20 फुट के बिलबोर्ड में मैसेज लिखा कि अकेला पुरुष महिला से शादी करने की सोच रखता है. वफादारी, ईमानदारी और संजीगदी 3 खासियतें हैं, जिसके साथ समझौता नहीं किया जाएगा. उनका कहना है कि सही पार्टनर मिली, तो वो अमेरिका में कहीं भी रिलोकेट हो सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उन्हें अपनी ड्रिम गर्ल मिल गई, तो वो यहां तक कि यूके भी शिफ्ट हो सकत हैं. उन्हे उम्मीद है कि उन्हें अपनी 'मिस राइट' जल्दी मिल जाएगी.
बिलबोर्ड बनाने वाले लोगों का दावा है कि गिलबर्टी को रिस्पॉन्स करने वाली ज्यादातर लड़कियो ने उनकी संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी है. एड 2 अप्रैल को आया. अब तक 400 से अधिक कॉल और शायद 40 या 50 ईमेल मिले हैं.
गिलबर्टी ने कहा कि उन्हें जल्द ही 'मिस राइट' से मिलने की उम्मीद है. गिलबर्टी कहते हैं, "अगर मैं अपनी ड्रिम गर्ल से मिला, तो उनकी आंखों में देखना चाहता हूं कि वो क्या महसूस करती हैं. मैं जल्द ही किसी से मिलने के लिए यूरोप जाऊंगा, मुझे बस अपना पासपोर्ट ठीक करना होगा. मुझे यूरोप से प्यार है और मैं शायद वहां जाऊंगा."
गिलबर्टी ने कहा, "मैं बस किसी वफादार साथी को चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि कोई अपने बारे में ईमानदार हो और मेरे लिए भी. मैं एक खुले विचारों वाला इंसान हूं और मुझे लगता है कि मैं सुनना ज्यादा पसंद करता हूं. मैं एक ऐसा पार्टनर चाहता हूं, जो मेरी बात सुनेगा."
दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में कुत्ते के हमले का एक और मामला सामने आया है. यहां एक अपार्टमेंट के परिसर में एक जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते ने साइकिल चला रही एक बच्ची पर हमला कर दिया. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. मालिक द्वारा गले में लगे पट्टे से रोके जाने के बावजूद कुत्ते ने 6 साल की बच्ची की बांह पर काट लिया.
घटना के वक्त बच्ची की मां भी वहां थीं, जिन्होंने दौड़कर उसे बचाया, बाद में सुरक्षा गार्ड भी सहायता के लिए मौके पर आता दिखा. घटना गाजियाबाद के अजनारा इंटीग्रिटी हाउसिंग सोसाइटी की है.
पुलिस ने पीड़िता की मां नमिता चौहान की शिकायत पर मामला दर्ज किया है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि हमले के वक्त कुत्ते ने मुजल नहीं पहना हुआ था. महिला ने दावा किया कि कुत्ते ने उसके एक साल के बेटे पर भी हमला किया, हालांकि ये वीडियो फुटेज में कैद नहीं हुआ.
बच्ची की मां ने मांग की है कि निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोसायटी परिसर से कुत्ते को हटाने सहित उचित उपाय किए जाएं.
ये मामला कुत्ते के हमले की एक और घटना के कुछ ही सप्ताह बाद आया है, जब एक 15 वर्षीय लड़का पड़ोसी के पिट बुल के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था.
पिछले महीने, केंद्र सरकार ने राज्यों को पालतू कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच पिट बुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, रॉट वीलर और मास्टिफ़्स सहित हिंसक कुत्तों की 23 नस्लों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था.
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan )भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. यहां हाल ही में नई सरकार का गठन हुआ. नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif)गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री बने हैं. देश के खर्चों के लिए सरकार के पास फंड (Pakistan Economy) नहीं है. लिहाजा पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने कर्जे के लिए हाथ फैलाए हैं.
न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ बैठक की. इस दौरान शरीफ ने जॉर्जीवा के साथ नए लोन प्रोग्राम पर चर्चा की. पाकिस्तान के पीएम ऑफिस ने कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई.
दरअसल, पाकिस्तान की मौजूदा 3 अरब डॉलर का स्टैंडबाय सिस्टम इस महीने खत्म हो गया. इसके बाद पाकिस्तान एक नई दीर्घकालिक विस्तारित फंड सुविधा (Extended Fund Facility) की मांग कर रहा है.
शहबाज शरीफ के ऑफिस ने कहा, "दोनों पक्षों ने पाकिस्तान को एक नए IMF प्रोग्राम में शामिल होने पर भी चर्चा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले साल में किए गए लाभ समेकित हैं. साथ ही आर्थिक विकास का रास्ता सकारात्मक बना हुआ है."
इस बीच IMF का एग्जिक्यूटिव बोर्ड पाकिस्तान के लिए 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग की मंजूरी पर चर्चा करने के लिए सोमवार को बैठक करेगा. ये स्टैंडबाय सिस्टम की दूसरी और आखिरी किश्त है. पाकिस्तान ने पिछले गर्मियों के मौसम में ये सिस्टम सेफ कर लिया था. जिससे उसे डिफ़ॉल्टर की स्थिति को टालने में मदद मिली.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा है कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए प्रोग्राम पर स्टाफ लेवल का समझौता हासिल कर सकता है.
पाकिस्तान का कहना है कि वह व्यापक आर्थिक स्थिरता हासिल करने और लंबे समय से प्रतीक्षित कर्ज की मांग कर रहा है. हालांकि, औरंगजेब ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि देश किस प्रोग्राम पर अमल करना चाहता है. अगर IMF ने नए लोन प्रोग्राम को मंजूरी दे दी, तो यह पाकिस्तान का 24वां IMF बेलआउट होगा.
महाराष्ट्र में इस बार एनडीए के लिए राह 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव जितना आसान नहीं होगा. 2019 में एनडीए ने 48 में से 41 लोकसभा सीटें जीती थीं. एनडीटीवी से खास बातचीत में एनडीए गठबंधन के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा था कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार के पक्ष में सहानुभूति की लहर है. उन्होंने नासिक लोकसभा सीट पर विवाद के बाद हटने के अपने फैसले पर भी बात की. भुजबल ने इस बात पर भी अपने विचार साझा किए कि क्या 400 सीटें जीतने के लिए एनडीए का नारा - 'अबकी बार 400 पार' मतदाताओं को ये विश्वास दिलाने के लिए है कि संविधान में संशोधन किया जाएगा.
महाराष्ट्र की पहले से ही दिलचस्प रही राजनीति 2022 में और अधिक उलझ गई. एकनाथ शिंदे और विधायकों के एक समूह ने शिवसेना में विद्रोह कर दिया, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई. शिंदे ने फिर भाजपा के साथ गठबंधन किया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना दो भागों में बंट गई.
एक साल बाद, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी ऐसी ही पटकथा लिखी गई, जब उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी को विभाजित कर दिया और भाजपा के साथ हाथ मिला लिया, फिर वो राज्य के उपमुख्यमंत्री बन गए. अब महाराष्ट्र की राजनीतिक में दो शिवसेना और दो एनसीपी एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं.
छगन भुजबल, अजित पवार के साथ राकांपा में विद्रोह में सबसे आगे थे. जब उनसे मौजूदा लोकसभा चुनावों में टूट के प्रभावों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "जिस तरह से उद्धव ठाकरे की शिवसेना विभाजित हो गई और एनसीपी के एक गुट ने पाला बदल लिया. मेरा मानना है कि एक सहानुभूति लहर है, और ऐसा उनकी रैलियों में दिख रहा है.''
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और दोनों ने क्रमशः 23 और 18 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की थी.
भुजबल ने कहा, "हालांकि, लोगों का विश्वास अभी भी नरेंद्र मोदी में है और वे चाहते हैं कि वो एक मजबूत सरकार बनाएं."
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भुजबल उस समय थोड़े भावुक हो गए, जब उनसे शरद पवार के गढ़ बारामती में उनकी बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा के बीच मुकाबले के बारे में पूछा गया.
उन्होंने कहा, "यहां तक कि मेरे लिए भी ये दुखद है कि जो लोग इतने सालों तक एक ही घर में एक साथ रहते थे. जो हो रहा है वो कुछ ऐसा है जो कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. गलती किसकी है, ये अलग बात है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो बहुत अच्छा होता.''
एनडीए को नुकसान पहुंचा रहा नारा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि एनडीए 400 सीटें मांग रहा है, क्योंकि वो संविधान में संशोधन करना चाहता है. विपक्ष के इस आरोप से क्या एनडीए गठबंधन को नुकसान पहुंचाया है? भुजबल ने कहा, "इस पर विपक्ष हमलावर रहा है. लोगों को लगता है कि ये नारा संविधान बदलने के बारे में है और कर्नाटक में एक भाजपा सांसद (अनंतकुमार हेगड़े) ने भी यह बात कही थी."
उन्होंने कहा, "हालांकि, पीएम मोदी कई बार ये कह चुके हैं कि संविधान मजबूत है और इसे खुद बीआर अंबेडकर भी नहीं बदल सकते, लेकिन लोगों को ये संदेश दिया जा रहा है. इसका असर तभी दिखेगा, जब मतपेटियां खुलेंगी."
नासिक सबसे विवादास्पद निर्वाचन क्षेत्रों में से एक रहा है. भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राकांपा सीट बंटवारे की कोशिश कर रही है. छगन भुजबल शुक्रवार को टिकट की दौड़ से बाहर हो गए. यहां उम्मीदवार की घोषणा होनी अभी बाकी है, सहयोगियों के बीच खींचतान चल रही है, भाजपा नेता पंकजा मुंडे और मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा एक-दूसरे पर बयानबाजी की जा रही है.
भुजबल ने कहा कि उन्होंने टिकट नहीं मांगा था, लेकिन होली के दौरान राकांपा के अन्य नेताओं ने उन्हें बताया था कि वो नासिक से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ये बात उन्हें दिल्ली में सहयोगियों के बीच देर रात हुई बैठक के बाद बताई गई, जहां प्रत्येक पार्टी के लिए ब्लॉक के बजाय एक-एक करके सीटों पर चर्चा की जा रही थी.
मंत्री ने कहा कि शिंदे भी शिवसेना के लिए सीट चाहते थे और वो चुनाव लड़ने के लिए सहमत हुए, क्योंकि नासिक उनका आधार है और वो तथा उनका बेटा वहां से विधायक रहे हैं. उनके भतीजे समीर भुजबल भी इस सीट से सांसद थे.
भुजबल ने कहा कि उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों के कारण उन्हें लोगों से बहुत समर्थन भी मिला, वो आश्चर्यचकित भी थे, क्योंकि तीन सप्ताह तक सीट से उनका नाम घोषित नहीं किया गया था.
मुझे टिकट मांगना पसंद नहीं- छगन भुजबल
उन्होंने कहा, "जब नारायण राणे का नाम भी घोषित किया गया (रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के लिए) और मेरा नहीं, तो मुझे लगा कि वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं. तब मैंने कहा कि मैं सीट से नहीं लड़ना चाहता. अगर मुझे लड़ना है तो मैं सम्मान के साथ चुनाव लड़ना चाहता हूं. मैं अपनी हैसियत जानता हूं. मुझे टिकट मांगना पसंद नहीं है. मैंने अपने जीवन में मात्र एक बार 1970 में मुंबई नगर निगम के लिए टिकट मांगा था."
भुजबल ने कहा, "मैं टिकट वितरण में भी शामिल रहा. इसलिए मैंने सोचा कि इतने लंबे समय तक इंतजार करना मेरे लिए ठीक नहीं है. मुझे बुरा लगा और मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया."
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जिला प्रशासन ने तस्करी के संदेह में नाबालिग बच्चों से भरी एक बस को रोका, जिसमें ईद की छुट्टियों के बाद अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने जा रहे मदरसे के छात्र निकले. अयोध्या पुलिस ने बताया कि एक सूचना के आधार पर उसकी एक टीम ने बाल कल्याण समिति और एक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर बिहार के अररिया जिले से सहारनपुर जा रही एक स्लीपर बस को रोका. प्रशासन को ऐसी खबरें मिली थीं कि बच्चों से मजदूरी कराने के लिए उनकी तस्करी की जा रही है.
अयोध्या की बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया, 'इस बस में आठ से 15 वर्ष की आयु के कुल 95 बच्चे यात्रा करते पाए गए. बस को शुक्रवार की रात शहरी क्षेत्र में रोका गया.'
हालांकि, प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि सभी बच्चे बिहार के अररिया के रहने वाले थे और उन्होंने सहारनपुर के एक मदरसे में दाखिला लिया था. वे ईद की छुट्टियों के बाद वापस लौट रहे थे.
अयोध्या में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) शैलेन्द्र सिंह ने बताया, ‘‘नियमों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को सुरक्षित रूप से लखनऊ के सरकारी आश्रय गृह में ले जाया गया. उनके माता-पिता को अपने बच्चों की पहचान करने के लिए आश्रय गृह पहुंचने के लिए कहा गया.'
अधिकारी ने कहा कि ऐसा बच्चों की मानव तस्करी की किसी भी संभावना की जांच करने के लिए किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक अधिकतर बच्चों का सत्यापन शनिवार को कर लिया गया और उन्हें सहारनपुर जाने की अनुमति दे दी गई. जमीयत उलेमा हिंद अयोध्या के अध्यक्ष हाफिज इरफान अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'मानव तस्करी के बारे में प्रशासन को गलत जानकारी दी गई है, जिससे भ्रम पैदा हुआ. बच्चों को सुरक्षित रूप से लखनऊ के सरकारी बाल गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है. बच्चों के माता पिता भी पहुंच रहे हैं. सहारनपुर के मदरसे से भी सत्यापन कर लिया गया.”
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उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के छात्रों ने उत्तर पुस्तिका में कथित तौर पर 'जय श्री राम' और क्रिकेटरों के नाम लिखकर परीक्षा दी और पास कर दिए गए. हालांकि अब इस मामले में कार्रवाई की गई है. जौनपुर में राजकीय वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों को गीत, संगीत और धार्मिक नारे लिखी उत्तर पुस्तिकाओं पर अंकों के बदले छात्रों से कथित तौर पर पैसे वसूलने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
छात्र नेता दिव्यांशु सिंह ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और कुलपति को भेजे पत्र में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से शून्य अंक पाने वाले छात्रों को भी 60 प्रतिशत से अधिक अंक देकर पास कर दिया गया.
एक आरटीआई के जरिए उजागर की गई अनियमितताओं को स्पेशल बैंक कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान पहचाना गया, इस दौरान अंकों में काफी अंतर देखे गए.
कुलपति वंदना सिंह ने कहा, "एक आरोप था कि छात्रों को अधिक अंक दिए गए हैं. इसलिए हमने एक समिति का गठन किया. उस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि छात्रों को अधिक अंक दिए गए हैं."
धार्मिक नारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "जय श्री राम के उत्तर वाली कॉपी नहीं देखी है, लेकिन एक कॉपी है, जिसमें ऐसा कोई उत्तर नहीं है जिसके आधार पर छात्र को अंक दिए गए, लिखावट भी बहुत स्पष्ट नहीं थी."
राजभवन ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर मामले में सुनवाई के बाद कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
एनडीटीवी के पास उत्तर पुस्तिकाएं हैं, जहां 'फार्मेसी करियर के रूप में' के उत्तर के बीच में 'जय श्री राम' लिखा हुआ है. इसी जवाब में हार्दिक पंड्या, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे क्रिकेटरों का नाम भी आता है.
बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक में परीक्षक डॉ. विनय वर्मा और मनीष गुप्ता को निलंबित कर दिया गया.
कुलपति ने कहा, "शिक्षकों को चेतावनी दी गई है, ताकि ऐसा बात दोबारा ना हो. समिति ने शामिल शिक्षकों को बर्खास्त करने की सिफारिश की है. लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू है और चुनाव आचार संहिता हटने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी."
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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को मध्य प्रदेश की छह सीटों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं. इन छह सीट पर 80 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन छह सीट टीकमगढ़ (अनुसूचित जाति), दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद में मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे के बीच होगा.
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘इस चरण में कुल 1,11,62,460 मतदाता 12,828 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. कुल मतदाताओं में से 58,32,333 पुरुष, 53,29,972 महिलाएं और 155 ट्रांसजेंडर हैं. कुल मतदान केंद्रों में से 1,136 विशेष रूप से महिलाओं संचालित किए जाएंगे.''
राजन ने बताया कि सबसे ज्यादा 19 उम्मीदवार सतना सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं जबकि टीकमगढ़ में केवल सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के 47 विधानसभा क्षेत्रों में फैले छह निर्वाचन क्षेत्रों में 2,865 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. राजन के मुताबिक सभी मतदान केंद्रों पर पानी, दवा और छाया जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार टीकमगढ़ से लगातार चौथी बार संसद पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पंकज अहिरवार से है. भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वी. डी. शर्मा खजुराहो सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार पूर्व आईएएस अधिकारी आरबी प्रजापति का समर्थन करने की घोषणा की है.
राजन ने कहा कि 223 उड़न दस्ते (एफएसटी) और 240 स्थैतिक निगरानी टीम (एसएसटी) निर्वाचन क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखेंगी. सीईओ ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से 247.57 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य सामान जब्त किया गया है. उन्होंने बताया कि इनमें 20.73 करोड़ रुपये नकद और 22.30 करोड़ रुपये की शराब शामिल है.
सीईओ ने बताया कि लगभग सभी लाइसेंसी हथियार पुलिस के पास जमा करा दिए गए हैं और जिलों से 2,814 अपराधियों को बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इनमें से अधिकारियों ने 1,200 ऐसे असामाजिक तत्वों को बाहर करने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 30 लोगों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है, जबकि 60 अन्य के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जा रही है.
अधिकारी के मुताबिक 2014 के आम चुनाव में मध्यप्रदेश में 61.57 प्रतिशत मतदान हुआ था जो 2019 में 10 फीसदी बढ़कर 71.16 प्रतिशत हो गया. लोकसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण का मतदान सात और 13 मई को होगा. भाजपा ने 2019 के आम चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीट में से 28 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस केवल छिंदवाड़ा सीट ही जीत सकी.
मोदी सरकार (Modi Government) ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) को देश में लागू कर दिया है. CAA के आने के बाद मुंबई में मुस्लिम समाज के कुछ लोग असमंजस में हैं. उन्हें इस बात का खौफ है कि CAA के बाद नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स यानी NRC भी जल्द लागू किया जा सकता है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोग इन दिनों अपने कागजात जुटाने और उनमें छोटी-मोटी गलतियों को सही कराने में लगे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक, अब तक 40 हजार लोग अपने डॉक्युमेंटेशन पर करेक्शन करवा चुके हैं. कुछ लोग कागजात के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी लगा रहे हैं.
120 वर्ग फुट के मुंबई के नागपाड़ा स्थित जाने-माने वकील नदीम सिद्दीक़ी के दफ्तर में इन दिनों हमेशा भीड़ लगी रहती है. ज्यादातर लोग एक ही समुदाय से हैं. हर रोज करीब 200 लोग अपने कागजातों की खामियां ठीक कराने पहुंच रहे हैं. NDTV ने ऐसे ही कुछ लोगों से बात की.
इमरान अंसारी करीब 40 साल से मुंबई में बसे हैं. वो कहते हैं कि अगर CAA और NRC पर विरोध की जगह नेता कागजातों को लेकर समुदाय को जागरूक करते, तो गलतफहमियां नहीं होती. इमरान अंसारी ने NDTV से कहा, “नेताओं ने लोगों को बहकाया. CAA और NRC का विरोध करवाया. अगर वो कहते कि कागजात में गड़बड़ियों को ठीक कर लो, तो CAA और NRC का इतना विरोध होता ही नहीं." वो कहते हैं, "जो बरसों से किसी जगह रह रहा है, उनके पास तो किसी ना किसी तरह के कागजात होंगे ही. अगर दस्तावेजों में गड़बड़ियां हैं, तो ठीक करवाइए. सरकार क्यों निकालेगी आपको?"
CAA और NRC को लेकर जागरूकता के बीच अब भी कुछ लोगों में खौफ का माहौल कायम है. मुंबई के जाने-माने वकील नदीम सिद्दीकी इन दिनों ऐसे ही लोगों के कागजात में तब्दीलियां करने में जुटे हैं. उनके पांच रजिस्टर भर चुके हैं.
वकील नदीम सिद्दीकी ने NDTV से कहा, "पहले 40-50 लोग दस्तावेज बनवाने या उनमें गड़बड़ियां ठीक कराने आते थे. अब रोजाना करीब 200 लोग आ रहे हैं. सरकार की नीयत को लेकर ऐसा माहौल है कि कहीं इनकी नागरिकता ना चली जाए. लिहाजा ये लोग अपने-अपने कागजात को दुरुस्त करा रहे हैं."
नदीम सिद्दीकी आगे कहते हैं, "असम में क्या हुआ... आपने देखा होगा. वहां लोगों के कागजात मैच नहीं कर रहे थे. नाम में गड़बड़ियां थीं. सबसे ज़्यादा तो 'मोहम्मद' नाम को लेकर दिक्कत होती है. कोई सिर्फ Md लिखता है, तो कोई Mohd लिखता है. कोई मोहम्मद में Ed लगाता है, तो कोई Ad. लोग इन्हीं गलतियों को ठीक करवाने आ रहे हैं.”
CAA क्या है?
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून. ये 11 मार्च 2024 को देश में लागू किया जा चुका है. CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इस कानून के जरिए इन देशों से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. संसद के दोनों सदनों से CAA विधेयक को 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था. यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे.
NRC क्या है और इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स बिल एक रजिस्टर है, जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. NRC की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी. वर्तमान में असम के अलावा ये अन्य किसी भी राज्य में ये लागू नहीं है.
भारत का वैध नागरिक साबित करने के लिए चाहिए ये कागजात
भारत का वैध नागरिक साबित होने के लिए व्यक्ति के पास आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, सिटिजनशिप सर्टिफिकेट, रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन या सरकार के द्वारा जारी कोई वैध पहचान और स्थाई पता का प्रूफ होना चाहिए. इस प्रक्रिया के लिए 1986 में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया. इसके तहत रजिस्टर में उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 के पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं.
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने दिल्ली के तिहाड़ जेल प्रशासन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री आतिशी के बीच प्रस्तावित मुलाकात आखिरी समय में रद्द करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि ‘‘यहां तक कि ब्रिटिश काल में भी इस तरह का व्यवहार देखने को नहीं मिलता था.'' तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और नगर शिक्षा मंत्री आतिशी को तिहाड़ में मुख्यमंत्री से मिलना था.
संजय सिंह ने कहा, ‘‘लेकिन आतिशी की बैठक की पुष्टि कल नहीं हुई. दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने मुलाकात के लिए (जेल प्रशासन से) अनुरोध किया था, परंतु आखिरी समय में उनकी बैठक रद्द कर दी गई.'' उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मुलाकात रद्द होने के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक को भारद्वाज के साथ जाना था, लेकिन आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे उन्हें सूचित किया गया कि उनकी मुलाकात भी रद्द कर दी गई है.''
संजय सिंह ने इस कदम के पीछे के कारणों पर सवाल उठाया और आशंका जताई कि भविष्य में केजरीवाल को अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘आप एक सांसद की, एक मंत्री की केजरीवाल के साथ मुलाकात रद्द कर रहे हैं. आपने पहले उनके साथ मेरी मुलाकात रद्द कर दी थी. कल आप उनकी पत्नी के साथ मुलाकात रद्द कर सकते हैं. ब्रिटिश शासन में भी इस तरह का व्यवहार नहीं देखा गया था.'
'आप नेता ने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ आतंकवादियों या कट्टर अपराधियों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है. उन्हें अपने वकीलों और उनके परिजनों से व्यक्तिगत रूप से मिलने की अनुमति है, लेकिन आप उनकी मुलाकातों को रोक रहे हैं.'' आप नेता ने कहा कि मुलाकात रद्द करने का ‘कोई कारण नहीं बताया गया.'
इससे पहले दिन में भारद्वाज ने केजरीवाल के साथ 30 मिनट लंबी मुलाकात की. भारद्वाज ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी ‘मुलाकात जंगला' में आधे घंटे की हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को उनकी चिंता नहीं करनी चाहिए. वह मजबूत हैं और दिल्ली के लोगों के आशीर्वाद से वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.'' 'मुलाकात जंगला' एक लोहे की जाली से बांटा गया वह हिस्सा होता है, जिसका इस्तेमाल कैदी को उनके परिजनों से मिलाने के लिए किया जाता है. इसके तहत जाली के उस पार कैदी होता है और इस पार से उसके परिजन बात करते हैं. केजरीवाल को 21 मार्च को धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी के बाद भी पद नहीं छोड़ा है और आप ने कहा है कि वह जेल से सरकार चलाना जारी रखेंगे.
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मिजोरम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से 450 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों के दौरान राज्य में आई आपदा में आइजोल, कोलासिब, चम्फाई और खौजौल जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि असम की सीमा से लगे कोलासिब जिले में बारिश और ओलावृष्टि से कम से कम 265 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 13,900 से अधिक लोग प्रभावित हुए.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले में एक आंगनवाड़ी केंद्र और कुछ सरकारी इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं. अधिकारी ने बताया कि कोलासिब जिले में कोलासिब शहर और थिंगदावल गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि आइजोल जिले में कम से कम 178 घर क्षतिग्रस्त हो गए. उन्होंने बताया कि चम्फाई जिले के तीन गांवों में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि खौजौल जिले में 10 घर और दो गिरजाघर को नुकसान पहुंचा है.
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत की अवधि सात मई तक बढ़ा दी गई है. केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली सरकार की रद्द हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. वह एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद हैं.
कविता ईडी और सीबीआई, दोनों द्वारा दर्ज किये गए मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं राज्य की विधानपरिषद सदस्य कविता को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह ईडी द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद बंद थीं. ईडी ने कथित घोटाले से उपजे धन शोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. अदालत ने 15 अप्रैल को मामले की सुनवाई की, लेकिन संघीय एजेंसी से जवाब आने तक केजरीवाल को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले उसी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि ईडी ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सामग्री दी थी - कि केजरीवाल कथित तौर पर अब रद्द की गई नीति बनाने में शामिल थे. गोवा और पंजाब चुनाव प्रचार के 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे.
AAP और केजरीवाल ने सभी आरोपों से इनकार किया है, और भारतीय जनता पार्टी पर आम चुनाव से पहले एक प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गुट 'इंडिया' के एक सदस्य के खिलाफ "राजनीतिक प्रतिशोध" का आरोप लगाया है. आप और विपक्ष ने बार-बार दावा किया है कि संघीय जांच एजेंसियां (जैसे प्रवर्तन निदेशालय) केंद्र सरकार के निर्देशों पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाती हैं. हालांकि, केंद्र ने इस दावे का खंडन किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मंगलवार को अपनी फ्लोरिडा की यात्रा के दौरान 'गर्भपात के अधिकार' का मुद्दा जनता के बीच उठा सकते हैं. ये दक्षिणपूर्वी राज्य लगभग एक दशक से डेमोक्रेट की पहुंच से बाहर रहा है. 2016 और 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने यहां जीत दर्ज की थी. लेकिन जब से ट्रंप की प्रेसीडेंसी में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के संघीय अधिकार को छीन लिया है, यहां के मतदाता नाराज हैं और इसको लेकर कई रैलियां भी की गई हैं. बाइडन के कैंपेन में गर्भपात के अधिकार शीर्ष मुद्दा है और इस मुद्दे को लेकर वो हमेशा से ट्रंप पर निशाना साधते रहे हैं.
गर्भपात के अधिकार का मुद्दा अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में काफी अहम रहा है और इसका सीधा असर वोटरों पर पड़ता है. ऐसे में हर हालात में इस मुद्दे के जरिए बाइडन ट्रंप को घेरे की कोशिश करेंगे और फ्लोरिडा की जनता को अपने पक्ष में लगाएंगे.
बाइडन के अभियान के प्रवक्ता जूली चावेज़ रोड्रिगेज ने कहा, "फ्लोरिडा राज्य जीतना आसान नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति बाइडन के लिए यह जीतने योग्य राज्य है." ट्रंप उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिकी किसी तरह यह भूल जाएंगे कि उनकी वजह से इस देश में महिलाओं को हर दिन जिस भयावहता का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए वह जिम्मेदार हैं.''
नवंबर 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में बाइडन और ट्रम्प के बीच दोबारा मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है. इक्यासी वर्षीय बाइडन अमेरिका के सबसे उम्रदराज़ राष्ट्रपति हैं. उन्होंने 6 जनवरी के विद्रोह, गर्भपात और बंदूक नियंत्रण जैसे कई मुद्दों पर 77 वर्षीय ट्रम्प की आलोचना की. राष्ट्रपति चुनाव में इन्हीं मुद्दों को लेकर बाइडन ट्रंप को घेरने में लगे हुए हैं.
दूसरी ओर ट्रम्प मंगलवार को न्यूयॉर्क में अपने हश मनी केस की सुनवाई में होंगे.
Weather Update :भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पूर्वी भारत के बड़े हिस्से में उष्ण लहर (हीट वेव) अगले पांच दिन तक जारी रहेगी. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में उष्ण लहर की स्थिति है और यह इस महीने में दूसरी बार है.
मौसम विभाग के अनुसार, 15 अप्रैल से ओडिशा में और 17 अप्रैल से पश्चिम बंगाल में गंगा के किनारे वाले क्षेत्रों में उष्ण लहर की स्थिति बनी हुई है. तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक, गोवा, केरल, पश्चिम बंगाल और बिहार में उच्च आर्द्रता लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है.
पूर्वी मध्य प्रदेश में 22 अप्रैल और 23 अप्रैल को रात का तापमान काफी अधिक होने की संभावना है. रात में अधिक तापमान खतरनाक माना जाता है, क्योंकि शरीर को ठंडा होने का मौका नहीं मिलता है.
मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल में देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्यतः एक से तीन दिन की अवधि की तुलना में चार से आठ दिन उष्ण लहर रहने की संभावना है. पूरे अप्रैल-जून की अवधि में सामान्यतः चार से आठ दिन की तुलना में 10 से 20 दिन तक उष्ण लहर की संभावना है.
उष्ण लहर की स्थिति तब पैदा होती है, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और यह सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है.
गंभीर उष्ण लहर की घोषणा तब की जाती है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है. मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा, बिहार और झारखंड में अधिक उष्ण लहर वाले दिन होने का पूर्वानुमान है. कुछ स्थानों पर 20 से अधिक उष्ण लहर वाले दिन दर्ज किए जा सकते हैं.
भीषण गर्मी से विद्युत ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और परिणामस्वरूप भारत के कुछ हिस्सों में पानी की कमी हो सकती है. आईएमडी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले तीन दिन में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा.
दिल्ली में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एवं प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'आने वाले दिनों में लू चलने की कोई संभावना नहीं है, लेकिन अगले तीन से चार दिन में दिल्ली का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा.' श्रीवास्तव ने कहा कि नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी भारत के करीब पहुंचेगा, लेकिन इसका राजधानी पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इसलिए आने वाले सप्ताह में दिल्ली में आसमान साफ रहेगा और बारिश का भी कोई पूर्वानुमान नहीं है.
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उत्तर प्रदेश के एक पांच सितारा होटल में शादी के पार्टी के दौरान जमकर हंगामा हुआ है. यहां एक व्यापारी ने अपने बेटे से बहस कर रहे एक व्यक्ति को छत से धक्का दे दिया. रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना बरेली के होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है.
पीड़ित सार्थक अग्रवाल (स्वास्थ्य क्षेत्र के व्यवसायी) गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. पीड़ित अपने दोस्तों के साथ होटल गया था, जिसमें रिदीम अरोड़ा भी शामिल था, जिसके पिता ने शादी की पार्टी में शामिल होने के लिए अग्रवाल को छत से फेंक दिया था. इसके तुरंत बाद उनके बीच बहस शुरू हो गई जो रात करीब 2 बजे मारपीट में बदल गई. इसके बाद रिदिम ने अपने कपड़ा व्यवसायी पिता संजीव अरोड़ा को घटनास्थल पर बुलाया.
सीसीटीवी फुटेज में संजीव अरोड़ा के फ्रेम में आने से पहले दोनों समूहों के बीच बहसबाजी होती दिख रही है. अग्रवाल को उनके पैर छूते देखा गया, जिसके बाद अरोड़ा ने उनका कॉलर पकड़ लिया, उन्हें थप्पड़ मारा और फिर उन्हें होटल की छत से धक्का दे दिया. वह यहीं नहीं रुकता, फिर वह अपने बगल में खड़े एक आदमी की ओर मुड़ता है और उसकी पिटाई करता है.
सार्थक अग्रवाल के पिता संजय अग्रवाल ने आरोपियों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए कहा, "न तो मेरे बेटे को और न ही मुझे कोई जानकारी है कि ये लोग कौन हैं." FIR में कहा गया है कि आरोपी नशे में थे और उन्होंने बिना किसी उकसावे के पीड़ित पर हमला किया. घटना के संबंध में मारपीट कर गंभीर क्षति पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है.
गाजा के राफा शहर में इजरायली हमले (Israeli attack) में अपने पति (husband) और बेटी (daughter) के साथ जान गंवा चुकीं एक फिलीस्तीनी (Palestinian) महिला के गर्भ से एक बच्ची (baby girl) का जन्म हुआ. फिलीस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों (Palestinian health officials) ने कहा कि, इस दौरान हमलों में रात भर में लगभग 19 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि दो घरों पर हुए हमले में मारे गए लोगों में एक ही परिवार के 13 बच्चे शामिल हैं.
बच्ची की देखभाल कर रहे डॉक्टर (doctor) मोहम्मद सलामा (Mohammed Salama) ने कहा कि, बच्ची का वजन 1.4 किलोग्राम है, जिसे आपातकालीन सी-सेक्शन (emergency C-section) में जन्म दिया गया था, उसकी हालत स्थिर थी. धीरे-धीरे उसकी हालत में और सुधार हो रहा था. बताया जा रहा है कि, बच्ची की मां सबरीन अल-सकानी (Sabreen Al-Sakani) 30 सप्ताह की गर्भवती (pregnant) थीं.
बच्ची को राफा अस्पताल (Rafah hospital) में एक अन्य शिशु के साथ इनक्यूबेटर (incubator) में रखा गया था, उसकी छाती (chest) पर टेप पर 'शहीद सबरीन अल-सकानी का बच्चा' (baby of the martyr Sabreen Al-Sakani) शब्द लिखे हुए थे.
बच्ची के चाचा रामी अल-शेख (Rami Al-Sheikh) ने कहा कि, 'सबरीन अल-सकानी की छोटी बेटी मलक (Malak), जो हमले (strike) में मारी गई थी, अपनी नई बहन का नाम रूह रखना चाहती थी, जिसका अरबी (Arabic) में अर्थ आत्मा (spirit) होता है.' उन्होंने कहा कि, 'छोटी बच्ची मलक खुश थी कि उसकी बहन दुनिया में आ रही है.'
डॉक्टर मोहम्मद सलामा ने कहा कि, 'बच्ची तीन से चार सप्ताह तक अस्पताल में ही रहेगी.' उन्होंने कहा कि, 'इसके बाद ही हम देखेंगे कि यह बच्ची कहां जाएगी, परिवार के पास, चाची-चाचा या फिर दादा-दादी के पास. यह सबसे बड़ी त्रासदी (biggest tragedy) है. अगर यह बच्ची बच (child survives) भी गई, तो वह अनाथ पैदा हुई थी.
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों (Palestinian health officials) के अनुसार, अब्देल आल परिवार (Abdel Aal family) के दूसरे घर पर हुए हमले में 13 बच्चे मारे (13 children were killed in a strike) गए. उस हमले में दो महिलाएं भी मारी गईं. राफा में हताहतों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर, एक इजरायली सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि, गाजा (Gaza) में सैन्य परिसरों, लॉन्च चौकियों और सशस्त्र लोगों सहित विभिन्न उग्रवादी ठिकानों पर हमला किया गया.
सकर अब्देल आल (Saqr Abdel Aal) नाम का एक फिलिस्तीनी (Palestinian) व्यक्ति (जिसका परिवार मृतकों में शामिल था) ने सफेद कफन में एक बच्चे के शव पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'क्या तुमने मारे गए सभी लोगों में एक भी आदमी देखा? सभी महिलाएं और बच्चे हैं. मेरी पत्नी, बच्चों और बाकी सभी लोगों के साथ मेरी पूरी पहचान मिटा दी गई है.' मोहम्मद अल-बेहैरी (Mohammad al-Behairi) ने कहा कि, उनकी बेटी और पोता अभी भी मलबे में हैं. 'यह दुख, अवसाद की भावना है, हमारे पास अब इस जिंदगी में रोने के अलावा कुछ भी नहीं बचा है, हम किस भावना का अनुभव करेंगे? जब आप अपने बच्चों को खो देते हैं, जब आप अपने सबसे करीबी प्रियजनों को खो देते हैं, तो आपकी भावना कैसी होगी?'
गाजा के 2.3 मिलियन लोगों में से आधे से अधिक लोग इजरायली हमले से बचने के लिए राफा में जमा हो गए हैं, जिसने पिछले छह महीनों में गाजा पट्टी के अधिकांश हिस्से को बर्बाद कर दिया है. इज़राइल (Israel) उस क्षेत्र में ज़मीनी हमले की धमकी दे रहा है, जहां इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने कहा है कि, युद्ध में इज़राइल की जीत सुनिश्चित करने के लिए उग्रवादी समूह हमास के लड़ाकों को खत्म किया जाना चाहिए.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों (Palestinian health authorities) का कहना है कि, इजरायल के हमले में 34,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जो कि 7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों द्वारा इजरायल पर हमला (Hamas fighters attacked Israel) करने के बाद शुरू हुआ था, इजरायली आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और अन्य 253 का अपहरण कर लिया गया था.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि, पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी में इजरायली सैन्य हमलों में 48 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 79 अन्य घायल हो गए. , इजरायल ने कहा कि, उसके सैनिकों ने दो फिलिस्तीनियों को गोली मार दी, जिन्होंने रविवार को उन पर गोली चलाने और चाकू मारने की कोशिश की थी. फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, दोनों व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है.
अपने परिवार के साथ राफा में शरण लिए गाजा शहर के निवासी अबू जेहाद ने कहा कि, उन्हें डर है कि अगर युद्धविराम नहीं हुआ, तो इजरायली राफा पर आक्रमण कर देंगे और उन्हें एक बार फिर भागना पड़ेगा. फोन पर संपर्क करने वाले अबू जेहाद ने कहा, 'हम फंस गए हैं और हर कोई मरने की अपनी बारी का इंतजार कर रहा है.'
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भारत के एक शीर्ष अर्थशास्त्री और चुनाव विश्लेषक सुरजीत भल्ला ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में भाजपा इस बार बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. 'How We Vote' नाम की बुक के लेखक भल्ला ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि भाजपा को 330 से 350 सीटें मिल सकती हैं.
उन्होंने कहा, "आंकड़ों को देखते हुए भाजपा को खुद की दम पर 330 से 350 सीटें मिलने की उम्मीद है. ये आंकड़े केवल भाजपा के हैं, इसमें उनके सहयोगी दलों के नंबर शामिल नहीं हैं." उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में 5 से 7 फीसदी ज्यादा सीटें जीत सकती हैं.
चार दशक से भारत के चुनावों पर नजर रखने वाले अर्थशास्त्री ने कहा, "यह एक लहर वाला चुनाव हो सकता है. हर चुनाव में एक लहर की संभावना होती है. लेकिन यह एक लहर वाला चुनाव भी नहीं हो सकता."
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लिए उन्होंने कहा कि उसे 44 सीटें मिल सकती हैं, या 2014 के चुनाव में मिली जीत से 2 प्रतिशत कम सीटें मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, "विपक्षी गठबंधन के साथ नेतृत्व की समस्या है. अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा मायने रखती है, नेतृत्व दूसरे नंबर पर है. और ये दोनों भाजपा के पक्ष में हैं. अगर विपक्ष ने एक ऐसे नेता का चयन किया होता जो जनता के बीच बड़े स्तर पर पकड़ रखता हो या पीएम मोदी से आधी लोकप्रियता भी रखता तो ये अनुमान लगाया जा सकता था कि स्थिति टक्कर वाली है."
उनका मानना है कि भाजपा को तमिलनाडु में कम से कम पांच सीटें मिलेंगी, जहां वह हमेशा एक कमजोर पार्टी रही है. भल्ला ने कहा, "मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर तमिलनाडु में भाजपा पांच से अधिक सीटें हासिल कर ले या केरल में शायद एक या दो सीटें मिल जाएं."
उन्होंने इस संभावना को लेकर श्रेय लोगों के जीवन स्तर में सुधार को दिया. भल्ला ने कहा कि, "भारत में इस आधार पर वोट किए जाते हैं कि लोगों के जीवन में कितना सुधार हुआ है. यह एक मूल आधार है. यह जाति नहीं है, लिंग नहीं है, वे विभिन्न कारण नहीं हैं जिन्हें लोग जिम्मेदार मानते हैं, लेकिन यह बिल्कुल वही है जो बिल क्लिंटन ने 1992 में कहा था, 'यह अर्थव्यवस्था है, बेवकूफी.''
अर्थशास्त्री ने एनडीटीवी को बताया कि, "देश में एक प्रतिशत या 14 मिलियन लोग गरीबी की पुरानी परिभाषा के अनुसार गरीब हैं. हम जो कहते हैं वह यह है कि उनके जीवन में महत्वपूर्ण सुधार के कारण हमने विकास किया है, प्रति व्यक्ति खपत में सुधार हुआ है, जीवन में सुधार हुआ है. कुछ अर्थों में शायद एक चौथाई आबादी गरीब है. गरीबी अब सापेक्ष है, यह अब निरपेक्ष नहीं है.''
भल्ला ने कहा कि, "गरीब हमेशा हमारे साथ रहेंगे. अमीर हमेशा हमारे साथ रहेंगे. यह इस पर निर्भर करता है कि आप कैसे परिभाषित करते हैं कि गरीब कौन हैं? हम प्रति व्यक्ति प्रति दिन 1.9 डॉलर की विश्व बैंक की परिभाषा का उपयोग करते हैं. हम कह रहे हैं कि इसे दोगुना किया जाना चाहिए क्योंकि जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार हो.“
उन्होंने थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटा को अविश्वसनीय बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने चुनावी सीजन के दौरान बीजेपी को निशाना बनाने के लिए सीएमआईई डेटा का चयनात्मक उपयोग करने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया.
भल्ला ने कहा कि, "दुनिया में हर जगह, विपक्ष हमेशा कहेगा कि महंगाई अधिक है, नौकरियां बहुत कम हैं. लेकिन उदाहरण के लिए, भारत में 2019 की तुलना में बेरोजगार लोगों का प्रतिशत कम है."
उन्होंने कहा कि, "मैं (CMIE) के डेटा पर सवाल उठाने वाला एक मात्र व्यक्ति नहीं हूं. कई लेखकों ने कहा है. वे कह रहे हैं कि आज भारत में यमन और इराक की तुलना में कम महिला कार्यबल है, 10 फीसदी से भी कम? यही वह पॉइंट है जो मैं कहना चाहता हूं, यह बहुत बेतुका है. यह लोकप्रिय क्यों हो गया? क्योंकि विपक्ष इसे पसंद करता है. मुझे लगता है कि सीएमआईई डेटा दुनिया में किसी भी समय प्रकाशित सबसे अविश्वसनीय डेटा में से एक है."
लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण 26 अप्रैल को है. चुनाव के बाकी चरण मई में होंगे. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने भारत को विनिर्माण (Manufacturing) और सेवाओं (Services) के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए नीतियां तैयार की हैं. उन्होंने आगे जोड़ा कि न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करने पर सरकार का जोर है. वह अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक स्थगित करने पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ''निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनाई गईं हैं. हम चाहते हैं कि विनिर्माता और निवेशक न केवल भारत के लिए, बल्कि यहां से निर्यात करने के लिए भी आएं और उत्पादन करें. हम नीतियों के माध्यम से विनिर्माताओं और निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे.''
टेस्ला के सीईओ मस्क ने शनिवार को कहा कि कंपनी के भारी दायित्वों के कारण उनकी भारत यात्रा में देरी हो रही है.
सीतारमण ने कहा, ''जब बड़ी कंपनियां भारत आने में रुचि दिखाती हैं, तो हम उनके लिए यहां आने और निवेश को आकर्षक बनाने के लिए सब कुछ करेंगे. उस प्रक्रिया में, अगर चर्चा करने के लिए कुछ भी होगा, तो हम निश्चित रूप से चर्चा करेंगे. हमने जो भी किया है, नीति के जरिए किया है.''
निर्मला सीतारमण ने कहा कि नीतियों को इस तरह से तैयार किया गया है ताकि भारत को विनिर्माण और सेवाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके. वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति के बारे में बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के एक महीने को छोड़कर, यह कभी भी सहनशील सीमा को पार नहीं कर पाई. उन्होंने आगे जोड़ा कि 2014 से पहले अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में थी और मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में थी.
सीतारमण ने कहा, ''उस समय (2014 से पहले) किसी को भी देश से कोई उम्मीद नहीं थी. बहुत कड़ी मेहनत के बाद, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरे हैं और आत्मविश्वास से कह रहे हैं कि अगले दो से ढाई साल में हम तीसरे स्थान पर होंगे.'' रोजगार के बारे में उन्होंने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के आंकड़ों में कमी है, लेकिन केंद्र की पहल से लाखों लोगों को रोजगार मिला है.
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लोकसभा चुनावों (NDTV Election Carnival) के मद्देनजर एनडीटीवी का खास कार्यक्रम एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल (NDTV Election Carnival) झारखंड के जमशेदपुर पहुंच चुका है. कार्निवल के दौरान भगवान राम और अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मुद्दा भी उठा. कांग्रेस ने कहा कि रामलला का दर्शन राजनीति का विषय नहीं हो सकता है. वहीं भाजपा ने कहा कि हम राम के लिए समर्पित हैं. हालांकि एक दूसरे पर हमेशा आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाली और हर मुद्दे पर लगभग अलग मत रखने वाली दोनों ही पार्टियों ने कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं हैं.
राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं हो सकते हैं. हर रग में राम हैं. हर धड़कन में राम हैं. हर कण में राम हैं. मेरे रोम-रोम में राम हैं. इसलिए इसे आप पार्टी के हिसाब से इसे नहीं देख सकते हैं.
कोई हमें गाइड क्यों करेगा : गुप्ता
कांग्रेस नेताओं के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं पहुंचने पर उन्होंने कहा कि रामलला का दर्शन एक श्रद्धा का विषय है. वो किसी राजनीति का विषय नहीं हो सकता है. हम अगर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को मानते हैं, यदि हम मां दुर्गा को मानते हैं तो कोई हमें गाइड क्यों करेगा. यह हमारी आस्था है, हमारी मनमर्जी है. हम अपने हृदय में राम को देख रहे हैं.
राम भारतीय आस्थाओं के केंद्र बिंदु : ओझा
बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं हैं, लेकिन देश में भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो कहती है कि हम राम के लिए समर्पित हैं. उन्होंने कहा कि राम भारतीय आस्थाओं के केंद्र बिंदु हैं. 500 साल पहले जो आक्रमणकारी थे उन्होंने भारतीय आस्थाओं को तहस-नहस करने का काम किया और अंग्रेजों के बाद देश में जो शासन व्यवस्थाएं आई, यह शासन व्यवस्थाओं ने उन्हीं व्यवस्थाओं को मजबूत करने का काम किया.
कर्नाटक (Karnataka) के हुबली में सनसनीखेज मामला सामने आया है. कॉलेज में दिनदहाड़े एमसीए (MCA) की एक छात्रा की चाकू मारकर हत्या कर दी गयी. जानकारी के अनुसार कॉलेज के एक पूर्व छात्र द्वारा कांग्रेस पार्षद की बेटी पर सात बार चाकू से वार किए जाने से उसकी मौत हो गई. हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस ने कहा कि आरोपी ने रिश्ते तोड़ लेने के कारण लड़की की हत्या कर दी.
कांग्रेस पार्षद निरंजन हिरेमठ की बेटी नेहा हिरेमठ हुबली में बीवी भूमरद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (MCA) के प्रथम वर्ष की छात्रा थी. अधिकारियों ने कहा कि वह अपने हमलावर फ़याज़ को जानती थी - जो उसके साथ कॉलेज में पढ़ता था, लेकिन बाद में कुछ समय के लिए उसने कॉलेज छोड़ दिया था.
घटना का सीसीटीवी फुटेज आया सामने
गुरुवार शाम करीब 5 बजे नेहा कैंपस के अंदर टहल रही थी तभी फैयाज उससे उलझ गया. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि फयाज द्वारा उस पर हमला करने से पहले उनके बीच कुछ देर तक दोनों में बातचीत हुई. पहली बार चाकू लगने के बाद नेहा जमीन पर गिर जाती है और फैयाज उस पर कम से कम छह बार चाकू से वार करता है. घटना को अंजाम देने के बाद फयाज घटनास्थल से भागने लगता है जिसके बाद छात्र उसका पीछा करते हैं.
अपने आंसुओं को रोकते हुए, मृतक नेहा की मां ने कहा, "मैं उसे लेने आई थी और उससे फोन पर मेरी बात हुई थी. हमारी बातचीत के पांच मिनट के भीतर, यह घटना हो गई और किसी ने बताया कि उसे चाकू मारा गया है. मैंने अभी तक उसका चेहरा नहीं देखा है और मुझे अब भी विश्वास है कि हमारी बेटी जीवित है. मैं यह स्वीकार नहीं कर सकती कि वह चली गई है. हमने उसे इस उम्मीद के साथ कॉलेज भेजा था कि हम उसे मुस्कुराते हुए देखेंगे.
हुबली धारवाड़ की पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार ने कहा कि नेहा को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उन्होंने कहा, "आरोपी भाग गया था, लेकिन हमने उसे 90 मिनट के भीतर गिरफ्तार कर लिया. अन्य छात्रों ने हमें बताया है कि नेहा और आरोपी एक-दूसरे को जानते थे और एक साथ पढ़े थे. आरोपी से पूछताछ होने के बाद हमें और पता चलेगा.
दुबई स्थित भारत के वाणिज्य दूतावास ने शहर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के कई क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से प्रभावित भारतीयों और फंसे हुए यात्रियों के लिए ‘हेल्पलाइन नंबर' शुरू किए हैं. यूएई और आसपास के देशों में मंगलवार को भारी बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. व्यस्त दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी जलमग्न हो गया, जिसके कारण उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.
भारत के वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में उन ‘हेल्पलाइन नंबर' का उल्लेख किया है, जिनके माध्यम से मौसम की खराब स्थिति से प्रभावित भारतीय समुदाय के लोग मदद मांग सकते हैं.
वाणिज्य दूतावास ने यह भी कहा कि वह फंसे हुए यात्रियों की सुविधा के लिए यूएई अधिकारियों और एयरलाइन के संपर्क में है.
भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा, ‘‘एयरलाइन से जुड़ी अद्यतन जानकारी यात्रियों को दी जा रही है और भारतीय सामुदायिक संगठनों के सहयोग से राहत उपाय बढ़ाए गए हैं.''
इसने कहा, ‘‘हमने फंसे यात्रियों और भारत में उनके परिवारों के बीच संपर्क की सुविधा प्रदान की है. हेल्पलाइन नंबर स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेंगे.''
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मालदीव में संसदीय चुनाव से ठीक पहले, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 2018 से किए गए कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद विपक्षी दलों ने मामले की जांच और उन पर महाभियोग की मांग शुरू कर दी है, वहीं राष्ट्रपति ने आरोप को खारिज कर दिया है.
मालदीव में मजलिस (संसद) के लिए रविवार को चुनाव होने हैं और मुख्य विपक्षी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है.
स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि देश में राजनीतिक तूफान सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक गुमनाम हैंडल 'हसन कुरुसी' द्वारा एक किए गए एक पोस्ट से शुरू हुआ. पोस्ट में मालदीव पुलिस सेवा और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण की वित्तीय खुफिया इकाई द्वारा तैयार किए गए दस्तावेजों सहित खुफिया रिपोर्ट लीक कर दी गई, जो कथित तौर पर राष्ट्रपति मुइज्जू से संबंधित है.
समाचार पोर्टल मालदीव रिपब्लिक के अनुसार 2018 की इन रिपोर्ट में राष्ट्रपति मुइज्जू के निजी बैंक खाते में धन अंतरण में अनियमितताओं का दावा किया गया है. रिपोर्ट में वित्तीय कदाचार के 10 महत्वपूर्ण संकेतकों को रेखांकित किया गया है. समाचार पोर्टल ने कहा कि इन संकेतकों से राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के साथ संलिप्तता, गबन, रकम के लेनदेन को छिपाने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं के उपयोग आदि का पता लगता है.
इन आरोपों से देश में राजनीतिक तूफान पैदा हो गया और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं. मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स नेशनल फ्रंट ने पूरे मामले की जांच की मांग की. पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद जमील अहमद ने लीक हुई खुफिया रिपोर्ट के बाद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की मांग की.
समाचार पोर्टल ने दावा किया कि पहली बार वित्तीय खुफिया इकाई की रिपोर्ट लीक हुई है. उसने कहा कि रिपोर्ट या आरोपों की वैधता के संबंध में सरकारी निकायों की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
मुइज्जू ने मंगलवार देर रात भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें फंसाने की कितनी भी कोशिश करे, उसे कामयाबी नहीं मिलेगी क्योंकि उन्होंने कोई गलती नहीं की है. उन्होंने विपक्ष पर हताशा के कारण रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव अभियानों के दौरान भी यही आरोप लगाए गए थे.
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश के चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए मंगलवार को अपने चार उम्मीदवारों की घोषणा की. पार्टी के दिल्ली कार्यालय द्वारा जारी सूची के मुताबिक ददरौल विधानसभा क्षेत्र से अरविंद सिंह, लखनऊ पूर्व सीट से ओ पी श्रीवास्तव, गैसड़ी से शैलेंद्र सिंह शैलू तथा दुद्धी (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से श्रवण गौड़ को उम्मीदवार बनाया गया है.
पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ पूर्व सीट से प्रत्याशी बनाये गये ओ पी श्रीवास्तव स्थानीय भाजपा संगठन के पदाधिकारी हैं. इस उपचुनाव में दिवंगत विधायक आशुतोष टंडन के परिवार से किसी को मौका नहीं मिला है.
ददरौल विधानसभा सीट से विधायक मानवेंद्र सिंह (जिनके निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है) के बेटे अरविंद सिंह को पार्टी ने इस उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है. गैसड़ी से शैलेंद्र सिंह शैलू 2017 से 2022 तक भाजपा विधायक थे, लेकिन 2022 में शैलेंद्र सिंह शैलू, समाजवादी पार्टी के शिव प्रताप यादव से चुनाव हार गये थे. यादव के निधन के बाद उपचुनाव में भाजपा ने एक बार फिर शैलू पर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है.
दुद्धी (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाये गये श्रवण गौड़ पार्टी के जनजाति मोर्चा के पदाधिकारी और पुराने पार्टी कार्यकर्ता हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से पहले मिली जानकारी के मुताबिक ददरौल विधानसभा सीट पर उपचुनाव चतुर्थ चरण में 13 मई को होगा. लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव पांचवे चरण में 20 मई, गैसड़ी में छठे चरण में 25 मई और दुद्धी में सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा. मतगणना चार जून को होगी.
लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक आशुतोष टंडन के निधन के बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था. टंडन का नौ नवंबर, 2023 को 63 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे टंडन, योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री रहे थे.
ददरौल विधानसभा सीट पर भी मौजूदा विधायक मानवेंद्र सिंह (70) के निधन के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है. शाहजहांपुर जिले के ददरौल से भाजपा विधायक सिंह का लंबी बीमारी के बाद पांच जनवरी को दिल्ली में निधन हो गया था.
बलरामपुर जिले का गैसड़ी विधानसभा सीट पर मौजूदा सपा विधायक डॉ. शिव प्रताप यादव के निधन के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है. दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित) पर उपचुनाव हो रहा है.
नौ साल पहले एक लड़की से दुष्कर्म के आरोप में 25 साल के कठोर कारावास की सजा पाने वाले भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने पहला स्थान प्राप्त किया है. 2022 में आदित्य श्रीवास्तव की रैंक यूपीएससी में 236वीं थी. वह फिलहाल हैदराबाद की आईपीएस ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.
आदित्य श्रीवास्तव अपने शुरुआती प्रयास में यूपीएससी के इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच सके थे. वह आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक कर चुके हैं. उन्होंने अपनी यह दोनों डिग्रियां इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में हासिल की है. आदित्य ने साल 2019 में अपनी इंजीनियरिंग पूरी की थी.
आदित्य के पिता अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज बहुत खुशी का दिन है. आदित्य बचपन से ही मेहनती था. आज उसकी मेहनत सफल हुई है. वो अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान लंच पर आया हुआ था. उसने बताया कि पापा यूपीएससी का रिजल्ट आया है. हमने सोचा कि वो टॉप 50 में आ जाएगा. जब उसने बताया कि उसका रैंक एक आया है तो मेरे हाथ-पैर कांपने लगे. बस उतनी ही बात हो पाई है बेटे से.
पिता ने आगे कहा कि उसने आज तक जितने भी कंपटीशन के एग्जाम दिए हैं, सभी में उसने अच्छी रैंक हासिल की है. इसलिए उम्मीद थी कि वह अच्छा ही करेगा. मेरी बेटी भी सीएमएस स्कूल में पढ़ती है, जब मैं पैरंट टीचर मीटिंग में जाता हूं तो उसके टीचर्स हमेशा उसके बारे में पूछते हैं. मुझे बहुत गर्व महसूस होता है. आदित्य को क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है. वह नए गाने भी सुनता और गुनगुनाता है.
आदित्य की मां आभा श्रीवास्तव का कहना है आज अष्टमी के दिन मां की कृपा हुई है. हम लोगों ने व्रत भी रखा है और मैं रिजल्ट आने के पहले भजन करती रही. आदित्य के पापा का शौक था कि मेरा बेटा आईएएस बने. मेरे मामा जी रिटायर्ड आईएएस हैं, उन्हीं से आदित्य को प्रेरणा मिली थी. आईएएस का रुतबा और सुविधाएं देख कर वो कहता था कि मुझे भी ऐसा बनना है. बेटे ने हम लोगों को गौरवान्वित कर दिया है.
आदित्य के दादा शिवराम श्रीवास्तव, जो आईटीआई में इंस्ट्रक्टर के पद पर तैनात थे, उन्होंने बताया कि आज हमें बेहद खुशी हुई है. हमें यकीन नहीं हो रहा था कि आदित्य ने टॉप कर लिया है. वो पास कर लेगा ये जरूर पता था. वो कभी भी टाइम पास नहीं करता था. वो अपने आप 12 घंटे पढ़ता था.
आदित्य के स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि लखनऊ के सीएमएस ब्रांच में आदित्य ने 15 साल पढ़ाई की है. 2014 में उसने 12वीं पास किया था. उस समय उसका परसेंटेज 97.5 था. हम सबके लिए खुशी की बात है. यह उसके लिए अचीवेबल था क्योंकि वह हमेशा से टॉप करता रहा है.
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Election Wedding Card Pune : सोशल मीडिया पर इन दिनों एक शादी का कार्ड जमकर वायरल हो रहा है. इस वेडिंग कार्ड के वायरल होने के पीछे की वजह जानकर आप भी तारीफ करते नहीं थकेंगे. इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस शादी के कार्ड को देखकर आप भी समझ ही जाएंगे कि, लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2024) का असर राजनेता और मंत्रियों के बाद अब आम जनता के भी सिर चढ़कर बोल रहा है. देखा जा सकता है कि, कैसे चुनाव और मतदान की अहमियत समझाने के लिए लोग एक से बढ़कर एक अनोखे तरीके आजमा रहे हैं.
चलिए आपको भी बताते हैं कि, आखिर इन दिनों सोशल मीडिया पर ये वेडिंग कार्ड (unique wedding card) चर्चा में क्यों है. इस शादी के कार्ड की खास बात यह है कि, इसमें दूल्हा-दुल्हन के नाम की जगह लोकतंत्र और मतदाता लिखा है. यही नहीं विवाह स्थल की जगह 'आपका मतदान केंद्रआपका मतदान केंद्र' लिखा है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर इस पोस्ट को r/unitedstatesofindia नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'पुणे: अनोखा विवाह कार्ड नागरिकों को मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है.' वहीं इस निमंत्रण कार्ड पर लिखा है, 'लोकतंत्र' और 'मतदाता' एक-दूसरे से शादी कर रहे हैं. देखा जा सकता है कि, इस निमंत्रण कार्ड में मराठी में लिखा है, 'संविधान के दिए गए अधिकारों के अनुसार, और अपने देश को समृद्ध बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए, हमें अपनी आवाज संसद तक पहुंचानी चाहिए और इसके लिए प्रत्येक वोट महत्वपूर्ण है.'
वायरल (viral wedding card) हो रहे इस पोस्ट को देखने के बाद एक यूजर ने लिखा, ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों में वोट न देने पर जुर्माना है, आप नोटा को भी वोट कर सकते हैं, लेकिन आपको वोट करना चाहिए. दूसरे यूजर ने लिखा, शादी के कार्ड पर छपने के लिए सामान्य ज्ञान की जरूरत नहीं है. वहीं कुछ लोगों को प्रचार का ये तरीका पसंद नहीं आया और वह इसकी अलोचना कर रहे हैं.
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दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने दावा किया कि शनिवार को अयोध्या से दिल्ली आने वाली इंडिगो की एक उड़ान को खराब मौसम के कारण चंडीगढ़ की ओर मोड़ दिया गया और जब विमान वहां उतरा तब सिर्फ एक या दो मिनट का ईंधन बचा था. दूसरी ओर एयरलाइन ने सोमवार को कहा कि विमान में पर्याप्त ईंधन था. दिल्ली पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अपराध सतीश कुमार ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें अयोध्या से दिल्ली के लिए इंडिगो की उड़ान 6ई-2702 से सफर के दौरान एक दुखद अनुभव हुआ.
उन्होंने कहा कि उड़ान का निर्धारित प्रस्थान समय दोपहर 3:25 बजे था और आगमन का समय शाम 4:30 बजे था, लेकिन लगभग शाम 4:15 बजे पायलट ने कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर खराब मौसम है और विमान में 45 मिनट तक उड़ान भरने का ईंधन है. उन्होंने लिखा, ‘‘पायलट ने दो बार विमान उतारने का प्रयास किया, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका और उसके बाद आगे की रणनीति तय करने में बहुत समय बर्बाद हुआ.''
उन्होंने आगे लिखा कि शाम 5:30 बजे पायलट ने घोषणा की कि वह चंडीगढ़ में उतरने की कोशिश करेंगे और आखिरकार विमान शाम 6:10 बजे चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर उतरा. कुमार ने रविवार शाम को पोस्ट में कहा कि जब विमान चंडीगढ़ में उतरा उस वक्त 45 मिनट तक उड़ान भरने के लिए ईंधन होने की घोषणा के बाद 115 मिनट बीत चुके थे.
कुमार ने यह भी कहा कि उतरने के बाद उन्हें चालक दल से पता चला कि केवल 1-2 मिनट का ईंधन बचा था. उन्होंने विमानन नियामक डीजीसीए, नागर विमानन मंत्रालय, दिल्ली हवाई अड्डे और इंडिगो को टैग करते हुए पोस्ट में कहा कि इसकी जांच की जानी चाहिए कि क्या सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था? इंडिगो ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली में खराब मौसम के कारण उड़ान को चंडीगढ़ की ओर मोड़ दिया गया था और पायलट ने एक चक्कर लगाया जो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप है. एयरलाइन ने कहा कि यह बिल्कुल सुरक्षित प्रक्रिया है और नियमों के मुताबिक विमान को वैकल्पिक हवाई अड्डे की ओर ले जाने के लिए पर्याप्त ईंधन था.
भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणा पत्र रविवार को जारी कर दिया. इसमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को भी स्थान दिया गया है. अब इस पर बहस तेज हो गई है. लोग संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के समय से लेकर अब तक इस विषय पर देश में राजनीति कैसी रही है, इस पर चर्चा करने लगे हैं. संकल्प पत्र 'मोदी की गारंटी' नाम से भाजपा का घोषणा पत्र जारी करते हुए पीएम मोदी ने यूसीसी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भाजपा इसे बेहद महत्वपूर्ण मानती है. इससे पहले भी वह कई मंचों से कह चुके हैं की यूसीसी देश की जरूरत है. एक घर में जब दो नियम नहीं चल सकते तो देश में दो नियम कैसे लागू हो सकते हैं.
यूसीसी को लेकर बहस नई नहीं है. वर्ष 1835 में सबूतों, अपराधों सहित कई अन्य विषयों पर यूसीसी लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन उस रिपोर्ट में कहीं भी हिंदू या मुस्लिमों के धार्मिक कानून को बदलने को लेकर कोई बात नहीं थी. इसके बाद देश की आजादी के बाद जब 1948 में संविधान सभा की बैठक चल रही थी तो डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने यूसीसी को भविष्य के लिए जरूरी बताते हुए इसे स्वैच्छिक रखने की बात कही थी. वह इस कानून के प्रस्तावक थे और इसमें कई राजनीतिक दिग्गजों का उनको समर्थन मिला था.
हालांकि इस पर एक बार फिर बहस देश में तब छिड़ी जब तीन तलाक के एक मामले में अदालत के फैसले को संसद में बदला गया. चर्चित शाह बानो मामले में फैसला सुनाते हुए तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में अब यूसीसी की जरूरत महसूस हो रही है.
भाजपा के अस्तित्व में आने से बहुत पहले 1967 के आम चुनाव में जनसंघ के मैनिफेस्टो में यूसीसी के मुद्दे को शामिल किया गया था. तब जनसंघ ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनी तो 'सामान नागरिक संहिता' को देशभर में लागू किया जाएगा. सन् 1980 में जनसंघ से भाजपा बनी तो यूसीसी की मांग नए सिरे से उठने लगी.
भाजपा के आज जारी संकल्प पत्र में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद-44 में यूसीसी को नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में वर्णित किया गया है. ऐसे में "भाजपा यह मानती है कि जब तक इसे देश में लागू नहीं किया जाता है तब तक महिलाओं को समान अधिकार मिलना संभव नहीं है. भाजपा देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे परंपराओं को आधुनिक समय की जरूरतों के हिसाब से ढाला जाए."
मतलब साफ है कि संविधान में वर्णित होने के बाद भी आज तक इसे लागू नहीं किया जा सका. भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर तो संविधान सभा की बहसों में यूसीसी को लागू करने के पक्ष में अपनी राय रखते रहे थे. लेकिन, तब नजीरुद्धीन अहमद सहति कई सदस्य इसके खिलाफ थे. डॉ. अंबेडकर मानते थे कि धार्मिक संहिता पूरी तरह से भेदभावपूर्ण प्रकृति के हैं और इसकी वजह से महिलाओं को बहुत कम या कोई अधिकार नहीं दिया गया है.
बाबा साहेब ने तब यह तर्क भी दिया था कि समान नागरिक संहिता कुछ नया नहीं है. विवाह और उत्तराधिकार को छोड़ दें तो देश में तो पहले से ही यूसीसी मौजूद है. हालांकि वह यह भी मानते थे कि यूसीसी को वैकल्पिक होना चाहिए. संविधान सभा में तब बाबा साहेब ने यूसीसी की बहस पर यह कहकर विराम लगा दिया था कि यह एक वैकल्पिक व्यवस्था है और इसे लागू करने के लिए राज्य तत्काल प्रभाव से बाध्य नहीं हैं. उन्हें जब उचित लगे तब इसे लागू कर सकते हैं. ऐसे में डॉ. अंबेडकर ने एक व्यवस्था की कि भविष्य में समुदायों के साथ सहमति के आधार पर ही इसे कानूनी रूप दिया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट और देश के अलग-अलग हाई कोर्ट ने समय-समय पर कई बार यूसीसी लागू करने की जरूरत पर जोर दिया है. जस्टिस बी.एस. चौहान की अगुआई में लॉ पैनल ने अगस्त 2018 में यूसीसी पर कंसल्टेशन पेपर जारी किया था. उन्होंने सरकार को भेजी अपनी सिफारिश में कहा था कि अभी पूरे देश में यूसीसी लागू करने के अनुकूल समय नहीं है.
इसके बाद लॉ कमिशन के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) ऋतुराज अवस्थी ने इस पर एक बार फिर लोगों से राय मांगी और इस बहस ने जोर पकड़ ली. उस पर पीएम मोदी के यूसीसी को देश की जरूरत बताने वाले बयान के बाद तो इसने राजनीतिक रंग लेना भी शुरू कर दिया
इस सब के बीच उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया जिसने यूसीसी को अमली जामा पहनाया और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई. अब इस समान नागरिक संहिता उत्तराखंड कानून 2024 की नियमावली तैयार करने और इसे लागू कराने के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से एक समिति का गठन किया गया है. ऐसे में अब यह देखना जरूरी होगा कि आखिर देश में लागू होने वाले यूसीसी का ड्राफ्ट कैसा होने वाला है या फिर देश का 'समान नागरिक संहिता' कानून उत्तराखंड की यूसीसी का प्रतिबिंब तो नहीं होगा?
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ईरान (Iran) के इजरायल (Israel) पर ड्रोन हमलों के बाद व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) को चेतावनी दी है कि अगर इजरायल जवाबी कार्रवाई करने का फैसला करता है तो अमेरिका ईरान के खिलाफ जवाबी हमले में भाग नहीं लेगा. मध्य पूर्व के कट्टर दुश्मनों के बीच युद्ध छिड़ने और अमेरिका के इसमें उतरने के खतरे ने क्षेत्र को लेकर चिंता बढ़ा दी है, जिससे वैश्विक शक्तियों और अरब देशों से आगे बढ़ने से बचने के लिए संयम बरतने का आह्वान किया जा रहा है.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, अमेरिकी मीडिया ने रविवार को बताया था कि बाइडेन ने नेतन्याहू को फोन करके सूचित किया था कि वह जवाबी कार्रवाई में भाग नहीं लेंगे. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को इसकी पुष्टि की है.
व्हाइट हाउस के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने रविवार को एबीसी के "दिस वीक" कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका इजरायल को अपनी रक्षा में मदद करना जारी रखेगा, लेकिन वह युद्ध नहीं चाहता है.
ईरान ने 1 अप्रैल को सीरिया स्थित अपने वाणिज्य दूतावास पर एक संदिग्ध इजरायली हमले के जवाब में यह हमला किया है. सीरिया के वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में शीर्ष रिवोल्यूशनरी गार्ड कमांडरों की मौत हो गई थी.
ईरान से लॉन्च 300 से अधिक मिसाइलों और ड्रोनों के हमले से इजरायल को मामूली क्षति हुई है, क्योंकि अधिकांश को अमेरिका, ब्रिटेन और जॉर्डन की मदद से मार गिराया गया था. दक्षिणी इजरायल में एक वायु सेना अड्डे पर हमला किया गया, लेकिन वह सामान्य रूप से काम करता रहा और एक 7 वर्षीय बच्चा छर्रे लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया. गंभीर क्षति की कोई अन्य रिपोर्ट नहीं है.
रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने यह भी कहा कि इजरायल के पास "ईरान के इस गंभीर खतरे के खिलाफ एक रणनीतिक गठबंधन बनाने का अवसर है जो इन मिसाइलों पर परमाणु विस्फोटक लगाने की धमकी दे रहा है, जो एक बेहद गंभीर खतरा हो सकता है."
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले में दो दिन पहले एक खुले बोरवेल में गिरे छह साल के बच्चे को रविवार को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया. विभिन्न एजेंसियों के कर्मी 40 घंटे से ज्यादा समय तक बचाव अभियान में जुटे हुए थे लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कथित लापरवाही के लिए त्योंथर के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की पहचान मयंक कोल के रूप में हुई. कोल शुक्रवार को दिन में करीब तीन बजे उत्तर प्रदेश सीमा के करीब स्थित मनिका गांव में बोरवेल में उस वक्त गिर गया, जब वह इसके पास खेल रहा था. अधिकारियों ने बताया कि बच्चा करीब 40 फुट की गहराई पर फंस गया था.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘अधिकारियों के निरंतर और अथक प्रयासों के बावजूद हम बच्चे मयंक को नहीं बचा सके.''
राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एसडीईआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन की टीम बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के अभियान में लगी हुई थीं. बचाव टीम ने 70 फुट गहरे बोरवेल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की और बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे खोदे गए.
मयंक कोल के माता-पिता की उम्मीदें थोड़ी देर के लिए जाग उठीं जब रविवार की सुबह बचावकर्मी बोरवेल में बच्चे तक पहुंच गए.
जिलाधिकारी प्रतिभा पाल ने घटनास्थल पर पत्रकारों से कहा, ‘‘सुबह आठ बजे बच्चे तक बचाव टीम पहुंच गई. हमने सभी प्रयास किए लेकिन बोरवेल बहुत संकरा था, इस कारण बच्चे को नहीं बचाया जा सका.''
मुख्यमंत्री ने घटना पर जताया शोक
मुख्यमंत्री यादव ने दो अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. यादव ने पोस्ट किया, ‘‘मामले में जवाबदेही तय करते हुए त्योंथर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, त्योंथर के अनुविभागीय अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं.''
मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रेड क्रॉस ने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है. उन्होंने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में मध्य प्रदेश सरकार मयंक कोल के परिवार के साथ खड़ी है.''
यादव ने लोगों से भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बोरवेल को ढकने की अपील की.
पहले भी सामने आती रही हैं ऐसी घटनाएं
विडंबना यह है कि कोल की मौत कोई अकेली घटना नहीं है. मार्च 2023 में राज्य के विदिशा जिले में आठ साल का एक बच्चा 60 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. 24 घंटे बाद उसे निकाल लिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
पिछले साल दिसंबर में इसी तरह की एक घटना में, राज्य के राजगढ़ जिले में चार वर्षीय लड़की को एक बोरवेल से निकाला गया था, लेकिन कुछ घंटों के भीतर एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
विश्व हिंदू परिषद के नंगल का अध्यक्ष विकास प्रभाकर का दो अज्ञात लोगों द्वारा तेजधार हथियारों से हमला कर मर्डर कर देने की घटना से सनसनी फैल गई है. इस मर्डर के बारे में किसी आस पड़ोस के लोगों को कानों कान खबर नहीं हुई. हालांकि, पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.
जानकारी के अनुसार विकास प्रभाकर अपनी दुकानपर बैठे थे. तभी अज्ञात लोगों ने तेजधार हथियारों से हमला किया और आराम से फरार हो गए. पड़ोस के दुकान का एक कर्मचारी विकास की दुकान से सामान लेने गया तो उसने विकास को जख्मी हालात में देखा और अपने मालिक को जाकर बताया तो दुकानदार मनीष न अन्य दुकानदारों के साथ विकास को गंभीर हालात में सिवल अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल पुलिस को सीसीटीवी कैमरों में दो संदिग्ध लोग नजर आए हैं, जो एक्टिवा पर सवार थे और हैल्मेट पहने हुए थे.
इधर, वारदात की जानकारी मिलते ही डीएसपी अजय सिंह, थाना प्रभारी इंसपेक्टर रजनीश चौधरी भी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की. डीएसपी अजय सिंह ने कहा कि बैसाखी के मौके पर इस तरह की वारदात होना बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है. आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए टीमों का गठन किया गया है.
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओ के प्रति अपराध और जमीन कब्जा जैसे मामलों में सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के 10 अप्रैल 2024 के आदेश और सीबीआई द्वारा लोगों से शिकायत करने के लिए स्पेशल ईमेल आईडी जारी की गई थी. इस मेल आईडी पर महिलाओ और जमीन से जुड़ी तकरीबन 50 शिकायतें सीबीआई को मिली है.
सीबीआई सूत्रों का कहना है पब्लिक से अपील के बाद 50 शिकायतें करीब मेल के माध्यम से प्राप्त हुई है. हालांकि, पहले सीबीआई इन शिकायतों को वैरिफाई करेगी, क्या ये वाकई सही शिकायतें हैं, सही मामले हैं, इनको वैरिफाई करके आगे जांच की जाएगी.
संदेशखाली में महिलाओ के उत्पीड़न, ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद पहले सीबीआई ने शेख शाहजहा और उसके एसोसिट्स को गिरफ्तार किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करके कहा था कि सन्देशखाली में महिलाओ और जमीन से जुड़े अपराध के और भी मामलों की जांच सीबीआई करे. पब्लिक सीधे सीबीआई से सम्पर्क कर सकती है, जिसके बाद सीबीआई ने ईमेल आईडी जारी करके और 24 परगना के डीएम को पब्लिक नोटिस निकालकर पब्लिक से सीबीआई को शिकायत करने की अपील की थी.
बता दें कि जनवरी 2023 में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी के लिए पहुंचने के दौरान उसके समर्थकों की भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए थे. उसके बाद से यह पूरा विवाद शुरू हुआ. टीएमसी नेता हे शाहजहां शेख संदेशखाली मामले का मुख्य आरोपी है. शाहजहां और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप है. हालांकि टीएमसी ने शाहजहां को पार्टी से निलंबित कर दिया है.
भारतपे के सह-संस्थापक और पूर्व एमडी अश्नीर ग्रोवर 'जीरोपे' नाम से एक नया ऐप लॉन्च करने वाले हैं, जो हेल्थकेयर के लिए ऋण प्रदान करेगा. ऐप की गूगल प्ले स्टोर लिस्टिंग के अनुसार, जीरोपे का वर्तमान में परीक्षण चल रहा है. इसे थर्ड यूनिकॉर्न द्वारा विकसित किया गया है, जिसकी स्थापना ग्रोवर ने भारतपे से बाहर निकलने के बाद की थी.
यह ऐप यूजरों को उनके चिकित्सा खर्चों को कवर करने के लिए पांच लाख रुपये तक का तत्काल पूर्व-अनुमोदित चिकित्सा ऋण प्रदान करेगा. कंपनी ने तत्काल ऋण प्रदान करने के लिए दिल्ली स्थित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) मुकुट फिनवेस्ट के साथ साझेदारी की है. जीरोपे ऐप वेबसाइट के अनुसार, यूजर केवल भागीदार अस्पतालों में ही सेवा का लाभ उठा सकते हैं.
ज़ीरोपे के चिकित्सा ऋण के लिए आवेदन करने के लिए यूजर को ऐप डाउनलोड करना होगा, एक त्वरित आवेदन पूरा करना होगा और फिर उन्हें तत्काल ऋण स्वीकृति प्राप्त होगी. ज़ीरोपे ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, "ज़ीरोपे यूजर की ओर से चुने गए अस्पताल को सीधे स्वीकृत ऋण राशि का भुगतान करके एक सीधी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है."
ग्रोवर ने अपनी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और उद्यमी असीम घावरी के साथ जनवरी 2023 में थर्ड यूनिकॉर्न लॉन्च किया था. कंपनी ने ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और माय11सर्कल को टक्कर देने के लिए क्रिकपे के साथ शुरुआत की.
अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड को कई यादगार फिल्में दी हैं, फिल्म कुली उन्हीं में से एक है. इस फिल्म के लिए उन्हें दुनिया भर में सराहा गया था. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के बचपन का किरदार निभाने वाला बच्चा तो आपको याद ही होगा. यह बच्चा इंडस्ट्री में मास्टर रवि के नाम से काफी मशहूर हो गया, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, उसे रवि वलेचा के नाम से पहचाना जाने लगा. रवि ने कई सुपरहिट फिल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम किया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी फिल्मों का जाना माना चेहरा रहे मास्टर रवि कहां हैं और क्या करते हैं.
मास्टर रवि ने इन फिल्मों में किया काम
मास्टर रवि, जिन्होंने अब अपना नाम बदलकर रवि वलेचा कर लिया है, ने 1977 में रिलीज़ हुई एक और सुपरहिट फिल्म अमर अकबर एंथोनी में 'बाल अमिताभ' की भूमिका निभाई. विभिन्न भाषाओं की 300 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके रवि अब 46 साल के हैं. उन्होंने शुरुआत फिल्मों में अपना करियर बनाया है. मास्टर रवि ने कुली, अमर अकबर एंथोनी, देश प्रेमी, शक्ति, मिस्टर नटवरलाल और कई अन्य फिल्मों में एक्टिंग की. रवि ने 90 के दशक के लोकप्रिय शो 'शांति' के कुछ एपिसोड में भी काम किया है.
आज कर रहे ये काम
लेकिन आज रवि हॉस्पिटैलिटी में एक लोकप्रिय नाम है. सूत्रों के मुताबिक, वह उन बच्चों को व्यक्तित्व विकास और अन्य कौशल का प्रशिक्षण भी देते हैं जो हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने की इच्छा रखते हैं. ग्लेमर की दुनिया को छोड़ रवि आज खुद का बिजनेस चला रहे हैं.
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आतंकवाद (Terrorism) खत्म करने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) को मदद का ऑफर दिया है. न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी जमीन से आतंकवाद खत्म करना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर उसे लगता है कि वह इस काम में सक्षम नहीं है, तो भारत पड़ोसी होने के नाते उसकी मदद कर सकता है. इसके लिए कॉल पाकिस्तान को ही लेना होगा."
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल करके भारत को अस्थिर करने की कोशिश करेगा, तो उसे नतीजे भुगतने होंगे. हम किसी भी कीमत पर सीमा पार से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे. आतंकवाद को खत्म किए बिना पाकिस्तान से रिश्ते नहीं सुधारे जा सकते."
राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत कह चुका है कि पाकिस्तान को बातचीत के लिए बेहतर माहौल बनाना चाहिए. जिसमें आतंकवाद, दुश्मनी या हिंसा के लिए कोई जगह न हो."
किसी ने नहीं ली भारत की एक इंच जमीन
रक्षामंत्री ने उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया, जिनमें कहा गया था कि चीन ने भारत की काफी जमीन पर कब्जा किया है. उन्होंने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की इंच जमीन पर भी किसी ने कब्जा नहीं किया. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के निर्माण की खबरों पर उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने हिस्से में कंस्ट्रक्शन के लिए स्वतंत्र हैं.
पीएम मोदी की लीडरशिप में आगे बढ़ रहा देश
रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर तेजी के साथ अग्रसर है. आगामी 20-25 वर्षों में भारत विश्व की महाशक्ति होगा. दुनिया हमारी ओर आशा पर निगाहों से देख रही है. इसे विश्व के बड़े देश भी स्वीकार कर रहे हैं.
राजनाथ ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने समाज के हर वर्ग के विकास के लिए काम किया है. किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें मदद पहुंचाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने किसानों को हर साल किसान सम्मान निधि के रूप में प्रदान किए जा रहे छह हजार रुपये का जिक्र करते हुए कहा कि इससे किसानों को खाद, बीज आदि खरीदने में मदद मिलती है. लेकिन विपक्ष इसकी भी आलोचना करता है.
सरकारी योजनाओं में नहीं होता कोई भेदभाव
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने बगैर किसी भेदभाव के लोगों के विकास के लिए काम किया है. धर्म, जाति, संप्रदाय को देखे बिना योजनाओं का लाभ आम जनता तक सीधे पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजागार प्रदान करने व महिलाओं को न्याय प्रदान करने के लिए कदम उठाया गया है.
महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने व उनके साथ होने वाले अन्याय को खत्म करने के लिए प्रयासरत है. इसी क्रम में तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म किया गया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हिंदू, मुसलमान, सिख, इसाई समेत सभी धर्मों व संप्रदायों की महिलाओं को सशक्त करने को प्रतिबद्ध है.
Man Smoking Publicly in Auto: सोशल मीडिया पर इन दिनों बेंगलुरु का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें ऑटो के अंदर बैठा एक शख्स सिगरेट पीता नजर आ रहा है. टोके जाने पर शख्स ऐसा जवाब देता है, जिसे सुनकर कोई भी हक्का-बक्का रह जाए. बताया जा रहा है कि, दो लोगों में विवाद इतना बढ़ गया कि, बात पुलिस और थाने तक पहुंच गई. पढ़ें आखिर क्या है पूरा माजरा.
यहां देखें पोस्ट
5:59pm 7th Apr - Jp nagar 5th phase
This passenger in auto was chilling out smoking in public while his hand was out of the auto which touch my leg while the auto driver passed by me.
वायरल हो रहा यह वीडियो बेंगलुरु के जेपी नगर फेज 5 का बताया जा रहा है. एक बाइक सवार शख्स के मुताबिक, ऑटो में सवार एक शख्स सिगरेट पी रहा था. इस दौरान सिगरेट उसके पैरों से छूती हुई निकल गई. इस पर बाइक सवार सिगरेट पी रहे शख्स पर भड़क गया और ऑटो रुकवाकर शख्स को खूब खरी-खोटी सुनाई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह वीडियो @sheikhenfield नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, जेपी नगर फेज 5 पर एक ऑटो में यह शख्स सार्वजनिक रूप से स्मोकिंग कर रहा था. इस बीच जैसे ही शख्स ने सिगरेट को बाहर की ओर किया यह मेरे पैर में लग गया. यूजर ने आगे बताया कि, ऑटो उसके बेहद करीब से निकला था. मैंने इसके बारे में जब पूछा तो उसने मुझे एक तरफ धक्का मार दिया और लगभग फुटपाथ पर गिरा ही दिया. यूजर ने दावा किया है कि, उसने बेंगलुरु पुलिस को फोन कर मेरा डीटेल शेयर कर दी है.
Please DM your contact number.
— ಬೆಂಗಳೂರು ನಗರ ಪೊಲೀಸ್ BengaluruCityPolice (@BlrCityPolice) April 8, 2024
एक अन्य पोस्ट में यूजर ने लिखा है कि, मैं श्योर नहीं हूं कि इस व्यक्ति को यह जानकारी है कि नहीं कि सार्वजनिक रूप से स्मोकिंग और हंगामा करना गैरकानूनी है. वहीं बेंगलुरु पुलिस ने भी पोस्ट पर रिप्लाई कर सारी डीटेल मांगी है. इस पोस्ट को अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. पोस्ट के वायरल होते ही कमेंट्स की बाढ़ सी आ गई. एक यूजर ने लिखा, जलने का तो स्कोप ही नहीं है लेकिन ये सब हेलमेट कैमरा की वजह से हुआ है. दूसरे यूजर ने लिखा, आप भी गुटका थूक कर भाग जाओ. तीसरे यूजर ने लिखा, लेकिन ऑटो के इतने पास से जाने की जरूरत क्या थी, थोड़ा दूरी बनाकर चला करो.
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