Thursday, 29 February 2024

"भारतीय वैक्सीन कंपनियां पूरी दुनिया के लिए खजाना" : NDTV से बोले बिल गेट्स

टेक्नोलॉजी और लोक कल्याण के साथ काम करने वाले दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बिल गेट्स के पास मानवता को लेकर एक अद्वितीय दृष्टिकोण है, जिसे वो विश्व की कुछ सबसे गंभीर समस्याओं को हल करने की कोशिश में सामने लाते हैं. गुरुवार को एनडीटीवी के साथ खास इंटरव्यू में, माइक्रोसॉफ्ट और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के संस्थापक ने डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारत के नेतृत्व और वैक्सीन के क्षेत्र में देश के शानदार काम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तक, कई मुद्दों पर बात की.

बिल गेट्स ने हैदराबाद में सोशल मीडिया सेंसेशन डॉली चायवाला की तैयार की गई चाय पर भी बात की.

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और देश की विकास गाथा में इसके योगदान पर, गेट्स ने कहा कि सरकारी भुगतान को सीधे बैंक खातों में स्थानांतरित करना एक बड़ा कदम है, क्योंकि बिचौलियों द्वारा इसमें से कुछ भी छीने बिना, लाभार्थियों को सीधे पैसा मिलता है. इससे सरकार को बड़ी बचत भी हुई है, जिसका उपयोग अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है.

माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक ने कहा, "उदाहरण के लिए, मैंने ओडिशा में देखा, जहां सरकार ने किसानों का पंजीकरण किया था. उन्होंने किसान की जमीन और उनकी फसलों को लेकर समझाया. सरकार उन्हें एक नियमित सूचना भेज रहा है कि किसानों को फसलों को लेकर क्या करने की जरूरत है, तो ये एक ऐसा मामला है जहां भारत अग्रणी रहा है, भारत ने ये काम बड़े पैमाने पर किया है.''

उन्होंने कहा, "अभी, गोद लेने के विभिन्न चरणों में 15 अन्य देश भी हैं. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जी20 बैठक का केंद्र बिंदु बनाया, उससे बहुत कुछ प्रभावित हुआ."

वैक्सीन की अवधि बढ़ाना
इस बात पर जोर देते हुए कि गेट्स फाउंडेशन भारतीय वैक्सीन उद्योग का सबसे बड़ा समर्थक है, गेट्स ने कहा कि देश की कंपनियों ने महामारी के दौरान टीके विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

बिल गेट्स ने कहा, "सभी ने कोविड से निपटने में मदद करने के लिए अपना शानदार काम किया और अधिकांश टीके यहीं भारत में बने. हमारे पास टीकों में बहुत सी नई चीजें हैं जो हम चाहते हैं. हम तपेदिक, एचआईवी के लिए टीके चाहते हैं. इन कंपनियों के साथ काम करके उन्हें एमआरएनए अपनाने में मदद की जा रही है, जो एक ऐसी तकनीक है जिसके बारे में हमें लगता है कि ये बहुत उपयोगी होगी और इसलिए तथ्य ये है कि वे बहुत उच्च गुणवत्ता वाले हैं. जब उन्हें सही मात्रा मिलती है, तो उनकी लागत बहुत कम होती है, वे दुनिया के लिए एक खजाना हैं."

गेट्स ने कहा कि वो चाहेंगे कि टीकों द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा की अवधि, जिसमें कोविड भी शामिल है, उसे बढ़ाया जाए, ताकि समान सुविधाओं का उपयोग अन्य बीमारियों के लिए भी किया जा सके.

उन्होंने कहा, "हमें खसरा, तपेदिक और एचआईवी के लिए इसका उपयोग करने को लेकर उन्हीं सुविधाओं, विशेष रूप से समय की जरूरत है और इस एमआरएनए का बहुत सारा काम कैंसर के टीकों के लिए किया जा रहा है. हमारे पास भविष्य में आने वाली महामारी को अडॉप्ट करने की क्षमता बहुत अधिक तेज़ है, ऐसे में टेक्नोलॉजी में अपार संभावनाएं हैं."

नौकरी छूटने का डर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के कारण नौकरी जाने की आशंकाओं पर एक सवाल के जवाब में, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक ने कहा कि दुनिया को जल्द ही लेबर की अधिकता देखने को नहीं मिलेगी और उत्पादकता बढ़ने से एक व्यापक समूह अपनी जैसी चीजों तक पहुंचने में सक्षम हो सकता है. बच्चों को व्यक्तिगत ट्यूशन मिल रहा है, जो अब तक केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही उपलब्ध थी.

उन्होंने कहा, "आज दुनिया में 100 साल पहले की तुलना में अधिक नौकरियां हैं, जब आपको मुश्किल से खाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. तब 80% लोग किसान थे, इसलिए प्रगति ने हमारे जीवन को बहुत समृद्ध बना दिया है. हमने सप्ताह में काम के दिन कम कर दिए, लेकिन ये प्राथमिक बात नहीं है. मुख्य रूप से, जो भोजन हमें दिया जाता है, या मनोरंजन... आप जानते हैं, ये हमारी पिछली पीढ़ियों के सपने से भी कहीं अधिक समृद्ध है."

क्या दुनिया उस चरण में पहुंच रही है, जब एआई सिस्टम अनिवार्य रूप से इंसानों की तरह काम कर रहे हैं, गेट्स ने कहा कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, खासकर पिछले दो सालों में, लेकिन मशीनों का नजरिया इंसानों से अलग है.

उन्होंने कहा, "गणना जैसी चीजों में कंप्यूटर हमेशा बेहतरीन रहा है और हम ऐसे कई मील के पत्थर तक पहुंचे हैं, जैसे जब कंप्यूटर शतरंज में सर्वश्रेष्ठ था, या जब कंप्यूटर एक बोर्ड गेम में बेस्ट था. अब, यदि लिखने की ही बात हो तो आप जानते हैं, कि 99% लोग कविताएं, गीत या कुछ लिखने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं. ये एक अच्छी बात हो सकती है, लेकिन एआई स्पष्ट रूप से हम से अलग है, ये हमारी तुलना में कई गलतियां करता है."

एनीमिया ब्रेकथ्रू
भारत पर बीमारी के बोझ के बारे में बिल गेट्स ने कहा कि एनीमिया और कुपोषण दुनिया के लिए गेट्स फाउंडेशन की शीर्ष प्राथमिकताओं में से दो हैं और देश को उस क्षेत्र में एक चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत भी इन मुद्दों को प्राथमिकता दे रहा है और कुछ सफलताएं मिली हैं.

उन्होंने कहा, "एनीमिया के लिए, हम हमेशा से जानते हैं कि एक महिला गर्भावस्था के दौरान कई बार चेकअप के लिए आती है और इंजेक्शन लेती हैं. हम उस एनीमिया से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये बहुत महंगा और जटिल है. हालिया सफलता ये है कि एक सूत्रीकरण है कि एक महिला केवल एक बार ही आ सकती है, और फिर हम सुई लगाने में मदद के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं."

गेट्स ने कहा, "हम उस एक इनफ्यूजन की कीमत 10 डॉलर (लगभग 800 रुपये) से कम करने के लिए भारतीय भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं और इससे उन मां को लाभ होता दिख रहा है. उनकी मानसिक स्थिति अच्छी होती है और शिशु के मस्तिष्क का विकास भी काफी बेहतर होता है. एनीमिया को नाटकीय रूप से कम करना होगा और इसमें बहुत उम्मीद है."

जलवायु संकट
गेट्स ने कहा कि वो जलवायु संकट को कम करने के साथ-साथ देशों को अनुकूलन में मदद करने में भी शामिल हैं, जिसका काम गेट्स फाउंडेशन द्वारा किया जाता है. उन्होंने कहा, ऐसी चीजों के माध्यम से नवीनीकरण किया जाता, है जैसे नई फसलें उगाना जो उच्च तापमान और सूखे का सामना कर सकें.

जलवायु परिवर्तन में विकसित देशों की बड़ी भूमिका की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "भारत एक बहुत ही जलवायु प्रभावित देश है. ये एक तरह से हास्यास्पद है कि नरम क्षेत्र के देश इस समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं, वे सबसे अधिक प्रभावित नहीं हैं, क्योंकि पूर्ण तापमान इतना अधिक नहीं है और, आप जानते हैं, हमारी कारों में और हमारे घरों में एयर कंडीशनर हैं, इसलिए हम कुछ हद तक पहले से ही अनुकूलित हैं."

उन्होंने बताया कि भारत सहित अन्य देशों में अच्छी प्रथाएं अपनाई जा रही हैं, जो दिखा रही हैं कि तैयारी से क्षेत्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति लचीला बनाया जा सकता है.

'शानदार चाय'
हल्के-फुल्के अंदाज में, गेट्स से ये भी पूछा गया कि उन्होंने डॉली चायवाला द्वारा बनाई गई चाय पी थी और उसका स्वाद कैसा था.

अरबपति ने कहा, "मैं खुद को इसका सबसे अच्छा जज नहीं मानता, लेकिन वो अच्छा था. वहां सुबह हैदराबाद का एक सुंदर दृश्य था और उन्होंने मुझे बताया कि वे एक अच्छे चायवाले को लाए हैं, और वो बहुत फोटोजेनिक था, इसलिए वो मज़ेदार था."



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/bjm9eLQ

Wednesday, 28 February 2024

दिल्ली : 5 दिन से लापता युवती का मिला शव, हत्या के बाद दोस्त ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान - पुलिस

बाहरी-उत्तरी दिल्ली के नरेला इलाके में एक स्कूल चलाने वाली महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. बुधवार दोपहर पांच दिनों बाद महिला का शव उसके ही स्कूल के दफ्तर से बरामद हुआ. महिला की पहचान 32 साल की वर्षा पंवार के रूप में हुई है. वर्षा पिछले पांच दिनों से गायब थी. उसके घरवालों ने नरेला थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई हुई थी.  हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस (Delhi Police) ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि वर्षा के कारोबारी पार्टनर और उसके करीबी दोस्त सोहन लाल ने सोनीपत के हरसाना के पास ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली है.

महिला की हत्या के बाद उसके मित्र ने की आत्महत्या
पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में ऐसा लगता ही कि वर्षा की हत्या करने के बाद सोहन लाल ने खुदकुशी कर अपनी जान दे दी है. वहीं वर्षा के करीबियों का कहना है कि वह भाजपा की कार्यकर्ता थी.  उसने व सोहन ने साथ मिलकर प्ले स्कूल खोला था, जो अप्रैल में शुरू होने वाला था.  पुलिस के मुताबिक वर्षा परिवार के साथ स्वतंत्र नगर में रहती थी. वर्षा ने अपने करीबी दोस्त सोहन लाल के साथ मिलकर नरेला इलाके में टिनी ड्रीमबेरी प्ले स्कूल के नाम से स्कूल खोला था. स्कूल में लगभग सारा काम पूरा हो चुका था. इस बीच 23 फरवरी को किसी काम से जाने की बात कर वर्षा घर से स्कूटी लेकर निकल गई. इसके बाद वह वापस नहीं लौटी. घरवाले उसे कॉल करते रहे, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. 

24 फरवरी को महिला के पिता ने दर्ज करवाया था केस
24 फरवरी को वर्षा के पिता विजय कुमार ने बेटी के मोबाइल पर कॉल किया तो किसी ने फोन रिसीव किया. उसने बताया कि जिसके पास यह मोबाइल फोन है, वह ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी करना चाहता है.  इसको मरने से रोका हुआ है. वीडियो कॉल की गई तो बदहवास सोहन लाल को लोगों द्वारा पकड़ते देखा गया. वर्षा का परिवार सोनीपत के हरसाना गांव पहुंचा. वहां पर सोहन तो नहीं मिला, लेकिन गांव के लोगों से वर्षा का मोबाइल फोन मिल गया. उन्होंने बताया कि सोहन लाल उनसे छुटकर भाग गया है. वर्षा के घरवाले उसी दिन वापस दिल्ली पहुचे. 24 फरवरी की शाम को नरेला थाने में वर्षा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई. 

स्कूल में मिला शव
पुलिस टीम वर्षा के स्कूल उसकी तलाश में पहुंची यहां स्कूल में बेसमेंट व बाकी जगह उसको देखा गया.  छोटे से ऑफिस पर लोहे का शटर लगा है, उसको खोलकर नहीं देखा गया। इस बीच परिजन सोहन को कॉल करते रहे, उसका भी नंबर नहीं लगा.  न ही वर्षा का कुछ पता चल पा रहा था. बुधवार को  नरेला में रहने वाले लोगों को स्कूल के अंदर से बदबू महसूस हुई. शटर खोला गया तो अंदर वर्षा का एक हाथ दिखाई दिया. इसके बाद पुलिस को खबर दी गई. इसके बाद पुलिस ने शव बरामद कर लिया. इसके बाद पुलिस ने सोहन की तलाश शुरू की. बुधवार शाम को दिल्ली पुलिस ने रेलवे पुलिस हरियाणा से संपर्क किया.जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को रेलवे पुलिस से पता चला कि 25 फरवरी को सोनीपत के पास रेलवे ट्रैक से एक शव बरामद हुआ है. शव सोहन लाल का ही बताया जा रहा है.  

ये भी पढ़ें- :



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/3LDJpui

क्या राज्य खनिज संपदा वाली जमीन पर टैक्स लगा सकते हैं? केंद्र ने SC में हलफनामा दायर कर रोक लगाने की मांग की

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राज्य सरकारों के द्वारा खनिज पर रॉयल्टी से अधिक टैक्स लगाने का विरोध किया है. केंद्र ने अदालत से - राज्यों द्वारा रॉयल्टी से अधिक टैक्स लगाने की अनुमति ना देने को कहा है. केंद्र सरकार ने  सुप्रीम कोर्ट से कहा कि खनिज समृद्ध राज्यों द्वारा लगाए गए टैक्स से मुद्रास्फीति बढ़ेगी. खनन क्षेत्र में FDI में बाधा आएगी. भारतीय खनिज महंगा हो जाएगा. व्यापार घाटे में वृद्धि और राज्यों के बीच विषम आर्थिक विकास के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार कम प्रतिस्पर्धी हो जाएगा.

खनन मंत्रालय ने कहा है कि चूंकि खनिज अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे बिजली, स्टील, सीमेंट, एल्यूमीनियम आदि के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल हैं, इसलिए कीमतों में कोई भी वृद्धि राज्यों द्वारा लगाए गए अतिरिक्त उपकर के कारण ये खनिज देश में मुद्रास्फीति को बढ़ावा देंगे.

उदाहरण के लिए, यदि प्रमुख उत्पादक राज्यों में से एक द्वारा कोयले पर अतिरिक्त उपकर लगाया जाता है तो ऐसे राज्य से कोयला खरीदने वाले सभी राज्य बिजली शुल्क बढ़ाने के लिए मजबूर होंगे.जो सीधे मुद्रास्फीति को प्रभावित करेगा. 78% कोयला संसाधन ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में केंद्रित हैं. भारत का 55% वाणिज्यिक ऊर्जा उत्पादन कोयले पर निर्भर है और उत्पादित कोयले का 68% बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है. हलफनामे में कहा गया है कि देश भर में सुव्यवस्थित और न्यायसंगत तरीके से विकास को आगे बढ़ाने के लिए, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर देश भर में खनिज आधारित कच्चे माल (लौह अयस्क और स्टील सहित) की उपलब्धता आवश्यक है, जिसमें कुछ राज्यों में संसाधन व खनिज की एकाग्रता के प्रभावों को विधायी रूप से संबोधित करना शामिल है.

केंद्र सबके लिए समान रूप से काम करता है
केंद्र के पास खनिज संसाधन संचालित विकास के स्थानीयकृत हिस्से बनाने के बजाय, देश भर में सामंजस्यपूर्ण खनिज विकास सुनिश्चित करके राष्ट्रीय सार्वजनिक हित को आगे बढ़ाने के कर्तव्य के साथ-साथ शक्ति भी है. एक गैर-सामंजस्यपूर्ण राजकोषीय व्यवस्था, कम खनिज संपन्न राज्यों को खनिज समृद्ध राज्यों से उच्च कीमतों पर कच्चे माल की खरीद करने के लिए मजबूर करेगी. केंद्र द्वारा निर्धारित रॉयल्टी की एक समान लेवी खेल के मैदान को समतल करती है, जिससे देश भर में घरेलू उद्योग को न्यायसंगत तरीके से बढ़ावा मिलता है.साथ ही राज्यों के लिए राजस्व सृजन भी सुनिश्चित होता है.

रॉयल्टी खनिजों की अंतरराष्ट्रीय कीमत के आधार पर तय होती है
रॉयल्टी खनिजों की अंतरराष्ट्रीय कीमत को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है ताकि निर्यात को बढ़ावा देने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए इनकी लागत और ऐसे खनिजों का उपयोग करके तैयार उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी रखा जा सके .यह सुनिश्चित करना कि खनिजों पर राजकोषीय शुल्क लगाने की शक्ति केंद्र सरकार के लिए आरक्षित है.- इसलिए खनिज बाजारों में अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर त्वरित और लचीली प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मौलिक है.

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि राज्य टैक्स लगाएंगे या नहीं?
दरअसल राज्यों पर असर डालने वाले मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों के संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू की है.राज्यों के टैक्स लगाने के अधिकार से जुड़ी 85 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई है. कोर्ट को यह तय करना है कि क्या राज्य खनिज संपदा वाली जमीन पर टैक्स लगा सकते हैं? यह मामला 25 साल से लंबित है. कोर्ट के फैसले से झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्व के खनिज समृद्ध राज्यों के कर राजस्व पर गंभीर असर पड़ सकता है.अदालत को टैक्स को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की शक्तियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों की महत्वपूर्ण व्याख्या करनी है.

ये मामला 2011 में 9 जजों की बेंच को भेजा गया था.तीन जजों की बेंच ने 9  जजों की बेंच को भेजे जाने के लिए 11 सवाल तैयार किए थे.इनमें महत्वपूर्ण टैक्स कानून के सवाल शामिल हैं जैसे कि क्या 'रॉयल्टी' को टैक्स के समान माना जा सकता है. क्या राज्य विधानमंडल भूमि पर टैक्स लगाते समय भूमि की उपज के मूल्य के आधार पर टैक्स का उपाय अपना सकता है.तीन जजों की पीठ ने इस मामले को सीधे  9  जजों के पास  भेजा  था. क्योंकि इस मामले में पांच जजों और सात जजों के संविधान पीठ के फैसलों के बीच विरोधाभास था .

ये भी पढ़ें- :



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/czpZb0J

INSIDE STORY : 10 दिन से बन रही थी BJP की रणनीति, हिमाचल में पर्दे के पीछे से कांग्रेस को ऐसे हराया

राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2024) के बाद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Crisis) की सियासत में हलचल तेज हो गई हैं. राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. राज्य में कांग्रेस (Congress) की सत्ता रहते हुए भी बीजेपी (BJP) ने ये सीट जीत ली. कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दी. निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी का साथ दिया. इन सबके बीच बेशक सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) सरकार ने बजट पास करा लिया हो, लेकिन सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. पार्टी के कई विधायक और मंत्री सीएम सुक्खू के काम करने के तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस हाईकमान पर भी कटघरे में है. आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान से कहां लापरवाही हुई? कैसे सुक्खू सरकार पर संकट के बादल छा गए:-

हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए के एक ही फेज में 12 नवंबर 2022 को चुनाव हुए. 8 दिसंबर 2022 को नतीजे आए. कांग्रेस ने 40 सीटें जीती, बीजेपी के खाते में 25 सीटें आईं. पूर्ण बहुमत मिलते ही पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के गुट ने सीएम पद पर दावेदारी पेश कर दी. इस गुट की मांग थी कि वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को सीएम पद दिया जाए. जबकि एक और गुट प्रियंका गांधी के करीबी और वीरभद्र के विरोधी रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाने की मांग कर रहा था. 

काफी सोच-विचार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू पर भरोसा जताया. पार्टी ने प्रतिभा सिंह को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया और उनके बेटे विक्रमादित्य को सरकार में मंत्री पद दिया गया. लेकिन चीजें नहीं बदली. दोनों गुटों में तनातनी जारी रही. बीजेपी को भी इसकी खबर थी.

10 दिन पहले ही बीजेपी ने बनाई थी प्लानिंग
बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट पर कांग्रेस को मात देने की प्लानिंग काफी पहले ही बना ली थी. चुनाव से करीब 10 दिन पहले यानी 17 फरवरी को दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. इस दौरान पार्टी के हिमाचल प्रदेश के बड़े नेताओं ने केंद्र के बड़े नेताओं को बताया कि हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मात दी जा सकती है.

इसके बाद बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जे पी नड्डा, जयराम ठाकुर और पार्टी के उपाध्यक्ष सौदान सिंह को इस पूरे काम में लगा दिया. 17 और 18 फरवरी को दिल्ली में मोटे तौर पर ये तय हुआ कि बीजेपी कैसे ये चुनाव जीत सकती है. 

सुक्खू से नाराज़ हैं ये तीन नेता
राज्य के बीजेपी नेताओं का ग्राउंड से फीडबैक था कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह, उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह और मुकेश अग्निहोत्री का गुट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज़ हैं. क्योंकि अपने एक साल के कार्यकाल में सुक्खू ने इनके सभी कामों जैसे ट्रांसफर, पोस्टिंग, अपॉइंटमेंट वगैरह पर एक तरीके से फुलस्टॉप लगा रखा था. 

आलाकमान ने उम्मीदवार चुनने में की गलती
दूसरी तरफ, कांग्रेस आलाकमान ने भी उम्मीदवार चुनने में गलती की. पार्टी ने हिमाचल के बाहरी अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बना दिया, जबकि प्रतिभा सिंह खुद राज्यसभा की उम्मीदवारी चाहती थीं. 

आनंद शर्मा ने प्रतिभा सिंह से मिलाया हाथ
राहुल गांधी की मुखालफत करके कांग्रेस के भीतर ही एक ग्रुप G-23 बना था. इसी G-23 में शामिल माने जाने वाले पार्टी के दिग्गज नेता आनंद शर्मा भी फिर से राज्यसभा जाना चाह रहे थे. हालांकि, आंनद शर्मा और रानी प्रतिभा सिंह के खेमों में बनती नहीं है, लेकिन सुक्खू को सबक सीखाने के लिए आनंद शर्मा और प्रतिभा सिंह एक साथ आ गए. सूत्र बताते हैं कि इस काम में बड़ी भूमिका एक और दिग्गज नेता मुकेश अग्निहोत्री की रही. 

हालांकि, कांग्रेस हाईकमान को इस प्लानिंग का कुछ आइडिया जरूर था. तभी सोनिया गांधी को हिमाचल के बजाय राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया. जबकि अभिषेक मनु सिंघवी को पार्टी के टॉप लीडर्स ने ज़िम्मेदारी दी कि आप शिमला में ही रहें और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों से बात करें. सिंघवी को दिल्ली का आशीर्वाद भी था.

बीजेपी ने ऐसे चली चाल
लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस की इस कमी को भांप लिया. पार्टी ने हर्ष महाजन को हिमाचल में राज्यसभा सीट का प्रत्याशी बना दिया. महाजन कांग्रेस से टूटकर विधानसभा चुनावों के पहले ही बीजेपी में आये थे. वो वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के बेहद करीबी रहे हैं. इसलिए उन्हें प्रतिभा सिंह और उनके खेमे के विधायकों को अपने साथ लाने में ज्यादा पापड़ नहीं बेलने पड़ते.

हर्ष महाजन की जीत को पक्का करने के लिए बीजेपी की लीडरशिप ने पहाड़ की राजनीति के महारथी माने जाने वाले सौदान सिंह को काम पर लगाया. उन्हें मंगलवार को वोटिंग के पहले ही शिमला पहुंचा दिया. सूत्रों के मुताबिक, सौदान सिंह ने हर्ष महाजन के जरिए कांग्रेस से नाराज चल रहे 9-10 विधायकों से संपर्क साधा. सौदान सिंह ने इन विधायकों को बीजेपी के लिए वोट करने के लिए मना लिया. इसके बदले में इन लोगों को नई सरकार बनने पर उनके काम होने का भरोसा दिलाया गया. 

सुक्खू से भी हुई बड़ी चूक
इसमें सीएम सुक्खू की सबसे बड़ी चूक ये रही कि उन्होंने पार्टी के विधायकों की नाराजगी को गंभीरता से नहीं लिया. सुजानपुर के कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा और धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने सीएम के सामने कई मामले उठाए. लेकिन बताया जा रहा है कि सुक्खू ने इनपर ध्यान नहीं दिया. पार्टी हाईकमान भी इन नाराज विधायकों को मनाने में लापरवाह रही. 

इसके बाद राज्यसभा चुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने BJP कैंडिडेट के हक में क्रॉस वोटिंग की. दोनों प्रत्याशियों को 34-34 वोट मिलने के बाद टॉस हुआ, जिसमें बाजी बीजेपी उम्मीदवार के हाथ लगी.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/0hyZQnA

Tuesday, 27 February 2024

अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र को फिल्मों में टक्कर देता था एक्टर, आज बेटे की हर फिल्म कमाती है 300 करोड़...पहचाना क्या?

ललाट पर काजल का टीका लगाए इस प्यारे से बच्चे को देख क्या आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि ये आज का सुपरहिट बॉलीवुड डायरेक्टर है. हवा में उड़ती कारें, धमाकेदार एक्शन और हीरो की स्टंटबाजी, जब किसी फिल्म में इस तरह के कॉम्बिनेशन दिख जाए तो समझ जाइए कि ये फिल्म इसी डायरेक्टर की है, जो तस्वीर में अपनी मां के साथ नजर आ रहा है. इनके पिता और मां का वास्ता भी फिल्मों से रहा है, लेकिन इस बच्चे ने जो मुकाम हासिल किया वो सबके लिए मुमकिन नहीं.

गोलमाल से हुई शुरुआत

इस बच्चा है रोहित शेट्टी. 14 मार्च 1974 को मुंबई में जन्मे रोहित शेट्टी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने 2006 में कॉमेडी ब्लॉकबस्टर फिल्म गोलमाल से डायरेक्शन में डेब्यू किया और इसके बाद गोलमाल सीरीज की उनकी सभी फिल्में सुपरहिट रहीं. 2011 में एक्शन फिल्म सिंघम से रोहित ने एक्शन जोनर की फिल्मों में धमाकेदार शुरुआत की. फिर क्या उन्होंने एक्शन फिल्मों के डायरेक्टर के तौर पर अपनी पहचान बना ली. उनकी हर फिल्म में उड़ती हुई गाड़ियां, शानदार स्टंट और धमाकेदार एक्शन लाजमी है.

बन चुके हैं बॉलीवुड के टॉप डायरेक्टर

रोहित शेट्टी के पिता एमबी शेट्टी स्टंट मैन, एक्शन कोरियोग्राफर और एक्टर थे. वहीं मां रत्ना जूनियर आर्टिस्ट थे. घर में माहौल फिल्मी तो था ही रोहित भी इसी रंग में रंग गए. अपनी मेहनत के दम पर रोहित ने अपना बड़ा मुकाम बनाया. 'सिंबा', 'सूर्यवंशी', 'सिंघम', बोल बच्चन, 'चेन्नई एक्सप्रेस' जैसी सुपरहिट फिल्में देकर आज वह बॉलीवुड के टॉप डायरेक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं और फिल्मों का दर्शक इंतजार करते हैं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/9umhEL4

गायक सिद्धू मूसेवाला के करीबी संगीतकार बंटी बैंस पर जानलेवा हमला, 1 करोड़ की फिरौती की मांग

पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के एक बड़े नाम, प्रोड्यूसर और म्यूजिक कंपोजर बंटी बैंस के ऊपर मंगलवार को अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की. पंजाब के मोहाली में एक रेस्टोरेंट में बंटी बैंस बैठे थे, जब उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई. इस हमले में वो बाल-बाल बच गए.

बंटी बैंस के मुताबिक फायरिंग की वारदात के बाद एक धमकी भरी कॉल भी आई और मुझसे 1 करोड़ रुपए मांगे गए. पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई.

कॉल मोस्ट वांटेड गैंगस्टर लकी पटियाल के नाम से आई थी. लकी पटियाल कनाडा में बैठा हुआ है. वो लारेंस बिश्नोई का एंटी और बंबिहा गैंग को लीड करता है.

इस घटना को लेकर बंटी बैंस ने पुलिस में शिकायत की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. बंटी बैंस ने सिद्धू मूसेवाला समेत कई गायकों को करियर बनाने में मदद की है.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/GdQuxK7

दोबारा कैंसर होने से बचाएगी 100 रुपए की स्वदेशी टैबलेट, कीमो-रेडिएशन के साइड इफेक्ट भी करेगी कम

अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज भारत में हैं. अब भी आधे मरीजों की मौत हो जाती है. इलाज के बाद भी दोबारा कैंसर हमला करता है, लेकिन कैंसर के सबसे बड़े हॉस्पिटल, टाटा अस्पताल के डॉक्टरों ने इसकी एक काट निकाली है. डॉक्टरों ने एक टैबलेट तैयार किया है, जिससे दोबारा कैंसर नहीं होगा और कीमो-रेडिएशन के साइड इफ़ेक्ट भी घटेंगे.

भारत के सबसे बड़े और सबसे अच्छे कैंसर अस्पतालों में से एक मुंबई का “टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल” जब भी देखें मरीज़ों से भरा रहता है. भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी टैबलेट विकसित की है जो कैंसर का इलाज करने और दूसरी बार कैंसर होने से रोकने में मदद कर सकता है.

इस शोध के लिए चूहों में मनुष्य के कैंसर सेल डाले गए थे, जिसके बाद उनमें ट्यूमर विकसित हुआ, फिर रेडिएशन थेरेपी, कीमो थेरेपी और सर्जरी के जरिए उनका इलाज किया गया. पाया गया कि जब कैंसर सेल्स मर जाती है तो वो बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है इन टुकड़ों को क्रोमेटिन कण कहा जाता है.

क्रोमेटिन कण रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में जा सकते हैं और जब वे स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं तो वह उन्हें कैंसर सेल में बदल सकते हैं, जिस वजह से कैंसर से नष्ट होने के बाद भी वापस आ सकते हैं.

इस समस्या का समाधान खोजने के लिए ही डॉक्टरों ने चूहों को रेसवेरेट्रॉल और तांबा कंबाइंड प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट दिए. ये टैबलेट क्रोमेटिन कण के असर को रोकने में फायदेमंद रहे. लगभग एक दशक से टाटा के डॉक्टर इस टैबलेट पर काम कर रहे थे और आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई. फिलहाल, फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी (FSSAI) से टैबलेट को मंजूरी का इंतजार है.

टाटा मेमोरियल अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन, पूर्व निदेशक डॉ राजेंद्र बडवे ने कहा कि 100 रुपये में ये अब तक का सबसे सस्ता इलाज साबित होगा, जिसमें थेरेपी के साइडइफ़ेक्ट 50% कम होने की उम्मीद है और क़रीब 30% चांसेस हैं कि कैंसर दोबारा ना फैले.

Latest and Breaking News on NDTV

डॉ राजेंद्र बडवे ने कहा, “ये टेबलेट कैंसर ट्रीटमेंट थेरेपी से होने वाले साइडइफ़ेक्ट को क़रीब 50% कम करेगा और दूसरी बार कैंसर रोकने के लिए क़रीब 30% कारगर है. जहां ट्रीटमेंट लाखों से करोड़ों के बजट में होता है वहीं ये टेबलेट सिर्फ़ 100 रुपये में हर जगह मिलेगी. जून-जुलाई तक इसकी मंज़ूरी मिलने की उम्मीद है.”

भारत में 2022 में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,61,427 थी. वहीं 2018 से 2022 के दौरान कैंसर से 8,08,558 की मौत हो गई. भारत में ब्रेस्ट कैंसर, मुंह के कैंसर, गर्भाशय और फेफड़ों के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वर्तमान में दुनिया के 20 फीसदी कैंसर मरीज भारत में हैं.

टाटा मेमोरियल हॉपिस्टल में देशभर से कैंसर मरीज़ और उनके परिजन आते हैं, जिन्हें अंदर बेड नसीब नहीं वो फुटपाथ को ही आशियाना बना लेते हैं. कैंसर पर हुई नई बड़ी खोज से इनमें भी हिम्मत बंधी है.

मरीजों का कहना है कि, “ऐसा हो गया तो बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. 2024 में तो लग रहा है मरीज़ों की बाढ़ आ गई है. हम लोग बिहार से हैं, खेती करता था लेकिन कैंसर के बाद डर लगता है दोबारा ना हो, इसलिए साल में बार-बार चक्कर लगाना पड़ता है.”



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/jsvkCqg

ग्रेटर नोएडा में 1 करोड़ 15 लाख की लूट का ऐसे हुआ खुलासा, कंपनी के कर्मचारी ने ही रची थी साजिश

ग्रेटर नोएडा के बीटा 2 थाना क्षेत्र के पी 3 गोल चक्कर के एक कारोबारी के कर्मचारी से बाइक सवार बदमाशों द्वारा एक करोड़ 15 लाख की लूट की घटना का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. ग्रेटर नोएडा डीसीपी ने बताया कि भारी रकम देख कर्मचारी की नीयत खराब गई और उसने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर झूठी लूट की साजिश रची थी. पुलिस ने कर्मचारी को ही गिरफ्तार कर एक करोड़ 7.5 लाख रुपये बरामद कर लिया है. इस लूट में शामिल कर्मचारी का रिश्तेदार 7.5 लाख लेकर फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किया गया चेतन राणा, खल-चूनी और आटे का थोक कारोबार करने वाले व्यवसाई गोपाल गोयल का कर्मचारी है और पैसे के लेन-देन का काम करता है. 26 फरवरी को जब गोपाल गोयल ने चेतन को एक करोड़ 15 लाख रुपये अपने कारोबारी साथी को देने के लिए दिए तो उसकी नीयत खराब हो गई और उसने अपने मामा गुड्डू के साथ मिलकर झूठी लूट की कहानी बुनी और जब वो पैसे लेकर निकला तो उसका मामा गुड्डू भी पीछे से आया और पी-3 चौराहे के पास फिल्मी अंदाज में लूट की वारदात को अंजाम दिया. लूट की रकम को लेकर गुड्डू अपने घर आ गया और उसे गड्ढे में छुपा दिया. वहीं चेतन ने लूट की सूचना अपने मालिक गोपाल और पुलिस को दी.

ग्रेटर नोएडा डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि सूचना मिलते ही थाना बीटा 2 की टीम और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. जब पीड़ित से पूछताछ की गई तो उसके स्टेटमेंट में और उसके मूवमेंट में फर्क मिला, जिससे पुलिस को मामला संदिग्ध लगा. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में वारदात के रिकॉर्ड नहीं होने पर पुलिस को संदेह हुआ और सख्ती से पूछताछ की गई तो मुंशी ने अपराध कबूल कर लिया.

आरोपी मुंशी की निशानदेही पर पुलिस ने पूरी रकम उसके मामा के घर से गड्ढे से बरामद कर लिया. पुलिस ने झूठी लूट की सूचना देने और अमानत में खयानत का आरोप लगाते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस लूट में शामिल कर्मचारी का मामा गुड्डू 7.5 लाख लेकर फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/mayRen9

Monday, 26 February 2024

भांगड़ा करते डायनासोर का वीडियो देख आपका दिल भी हो जाएगा खुश, डरावने नहीं क्यूट है ये Dino

क्या आपने कभी भांगड़ा करते डायनासोर को देखा है? पंजाबी म्यूजिक पर डांस करते डायनासोर का यह वीडियो पड़ोसी मुल्क से वायरल हुआ है. पाकिस्तान के डीनो वर्ल्ड के वायरल वीडियो में आपको ये विशाल जानवर नाचते दिखेंगे. वीडियो को देखकर आपके शरीर में सिरहन होने की जगह होंठों पर मुस्कुराहट फैल जाएगी. इस जुरासिक भांगड़ा को देखकर आप डरेंगे नहीं, बल्कि हो सकता है कि हंसने और थिरकने पर मजबूर हो जाएं.

डायनासोर का वीडियो वायरल (Dinosaurs dance to Punjabi Song)

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में डिनो वर्ल्ड (dino world islamabad) का यह वीडियो मन को खुशियों से भर देने वाले कंटेट के चलते दुनिया भर में वायरल हो रहा है. मूल रूप से टिकटॉक पर शेयर की गया यह वीडियो क्लिप एक पंजाबी गाने के म्यूजिक पर थिरकते हुए 'डायनासोर' का है. इस मजेदार परफॉर्मेंस को देखकर आप भी डायनासोर के उस खूंखार रूप को भूल जाएंगे. दरअसल, इस अनूठे वीडियो में एम्यूजमेंट पार्क के कर्मचारी डायनासोर की ड्रेस पहनकर उसी गेटअप में डांस करते दिख रहे हैं. उनके स्टेप्स सच में कमाल के हैं.

यहां देखें वीडियो

पाकिस्तान के डिनो वर्ल्ड के डांसिंग डायनासोर (pakistan amusement park)

वीडियो वायरल होने के बाद पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बने डिनो वर्ल्ड के डांसिंग डायनासोर काफी मशहूर हो गए हैं. इसको देखने वाला हर सोशल मीडिया यूजर या दर्शक आश्चर्य से भर जाता है. वीडियो देखकर चकित होने वाले दर्शकों की ओर से इंस्टाग्राम पर लाइक, शेयर, कमेंट करने की होड़ लग गई. इनमें से कुछ व्यूअर ने मज़ाकिया ढंग से डीनो वर्ल्ड को 'जुरासिकपुर' नाम दे दिया, क्योंकि वहां डायनासोर और पंजाबी कल्चर के मिश्रण के लिए एक बढ़िया शो था. दूसरों ने चुटकी लेते हुए कहा, 'डायनासोर शायद लस्सी पीते रहे होंगे. यह उनके एनर्जी से भरे भांगड़ा स्टेप्स को देखकर पता चलता है.'



from NDTV India - Zara hatke https://ift.tt/vpOGqtH

प्यार में दीवाने आशिक ने ऐसी जगह गुदवाया गर्लफ्रेंड के नाम का टैटू, लोग बोले- शादी के बाद...

कहते हैं कि प्यार अंधा होता है. दिल किसी पर आ जाए तो बस दीवानों की तरह कुछ भी करने को तैयार हो जाता है. ऐसे प्यार में ये भी समझ नहीं आता कि, क्या सही है और क्या गलत. दीवाना आशिक दुनिया की परवाह नहीं करता. एक ऐसे ही आशिक का वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है और सोशल मीडिया पर लोगों को ध्यान खींच रहा है, जिसमें एक शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड का नाम ऐसी जगह लिखवा लिया, जिस पर यकीन करना मुश्किल है.

जीभ के अंदर निकला टैटू (tattoo trend)

Abhishek Sapkal नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स अपनी प्रेमिका के नाम का टैटू गुदवा रहा है. इस टैटू (tattoo) को बनवाने के लिए इस आशिक को कोई और जगह नहीं सूझती, इसलिए तो वो ऐसी जगह टैटू बनवाता है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. शख्स अपने निचले होंठ के अंदरूनी हिस्से पर अपनी गर्लफ्रेंड का नाम का टैटू बनवाता है. उसके होंठ पर अमृता लिखा नजर आता है.

यहां देखें वीडियो

लोगों ने लिए जमकर मजे

वीडियो को 8 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और लोग इस पर कमेंट कर मजे ले रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'ब्रेक अब के बाद मुंह मत खोलना.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'ये प्यार नहीं पागलपन है.' तीसरे यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'चालाक है, अगर ब्रेकअप हो गया तो शादी के बाद पत्नी खोज नहीं पाएगी.' एक अन्य ने लिखा, 'गुटखा खाएगा तो सब मिट जाएगा.'



from NDTV India - Zara hatke https://ift.tt/ZtQwRAX

26 साल बाद बहन को मिला भाई का लिखा नोट, मरने से पहले लिखे थे कुछ अनमोल शब्द

भाई और बहन का रिश्ता सबसे ज्यादा निश्छल और सबसे ज्यादा अनमोल होता है. देश कोई सा भी हो, उम्र कोई सी भी हो और मजहब कोई सा भी हो. इस रिश्ते के प्यार और अपनेपन का मुकाबला करना आसान नहीं है. एक बहन को भी ये अहसास हुआ अपने भाई की मौत के 26 साल बाद. मौत से पहले भाई (late brother) ने अपनी लाडली छोटी बहना के लिए एक बेहद प्यार भरा नोट लिखा था. अब बहन ने उस नोट को सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसे पढ़ कर एक बार फिर इस रिश्ते की गहराई पर यकीन होगा और शायद आंखें भी छलक उठें. आप भी जानिए एक भाई ने किस तरह अपनी बहन को बढ़ते देखने की कल्पना की थी.

बहन ने शेयर किया नोट (sibling love)

ट्विटर पर बुट्टा नाम की एक यूजर ने अपने भाई का लिखा नोट शेयर किया है. बुट्टा ने लिखा है कि, मेरे भाई का निधन 11 साल की उम्र में हो गया, मेरे जन्म के महज एक साल बाद. अब जाकर मुझे उसकी एक पुरानी इंग्लिश बुक मिली, जिसमें मेरे लिए एक नोट लिखा था. जिज्ञासावश मैंने वो नोट पढ़ा जो मुझे ही डेडिकेट किया गया था. इसके आगे बुट्टा ने बताया कि, इसका नोट का नाम है माय बेबी सिस्टर. इसके आगे लिखा है कि, 'मेरी बहन पांच दिन की हो चुकी है. जब वो बड़ी होगी तो उसी स्कूल में पढ़ेगी, जिसमें मैं पढ़ता हूं. वो क्या बनेगी इसका पता तब चलेगा जब वो बोलने लगेगी. मैं अपनी मां और बेबी से बहुत प्यार करता हूं. वो मेरी ही जैसी बड़ी होगी.'

यहां देखें पोस्ट

ये रिश्ता अजब है (heartwarming message viral)

बहन का शेयर किया ये नोट पढ़कर यूजर्स भी इमोशनल कमेंट कर रहे हैं, जिसकी वजह से पोस्ट को चार लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. एक यूजर ने लिखा कि, 'इस तरह का प्यार मिलना बहुत जरूरी है, मेरी आंखों से आंसू आ गए.' एक यूजर ने लिखा कि, 'ऐसे प्यार की कल्पना करना कितना मुश्किल है, जो ऐसा शख्स कर रहा है, जिससे आप कभी मिल ही नहीं सके, क्योंकि आप एक बेबी थे.' एक यूजर ने लिखा कि, 'सबसे दुख की बात ये है कि ये बहन अपने भाई से कभी नहीं मिल सकेगी.'



from NDTV India - Zara hatke https://ift.tt/XqPAyO4

Sunday, 25 February 2024

तृणमूल कांग्रेस कोलकाता में 10 मार्च को करेगी रैली, ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होगा कार्यक्रम

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को राज्य की सामाजिक कल्याण योजनाओं के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कथित भेदभाव के विरोध में 10 मार्च को यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक विशाल रैली करने की घोषणा की. संदेशखालि मुद्दे पर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के बढ़ते हमलों के मद्देनजर टीएमसी ने रैली करने का ऐलान किया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि रैली को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी संबोधित करेंगे.

अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स' पर लिखा कि ‘जन गर्जन सभा‘ शीर्षक वाली रैली बंगाल से ‘‘बाहरी उत्पीड़कों'' को बाहर निकालने का संकल्प भी लेगी.  संदेशखालि में ग्रामीण महिलाओं द्वारा टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच टीएमसी का विशाल रैली आयोजित करने का निर्णय आया है.

संदेशखाली को लेकर टीएमसी पर बीजेपी है हमलावर
रैली का ऐलान टीएमसी की तरफ से ऐसे समय में किया गया है जब  पश्चिम बंगाल का संदेशखाली राष्‍ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है. हाल ही में ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि संदेशखालि में ‘एक घटना कराई गई' और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं मीडिया के साथ मिलकर इसकी पटकथा लिखने का आरोप लगाया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा कि संदेशखालि में एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है और उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश दिया था.  

संदेशखाली में क्यो हो रहा है विवाद? 
संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए ED अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं. इस मामले को लेकर टीएमसी और भाजपा भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा जहां शाहजहां शेख को बचाने का आरोपी टीएमसी पर लगा रही है तो वहीं TMC भाजपा पर अशांत संदेशखाली में स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगा रही है.

ये भी पढ़ें- :



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/Krqwh6S

Saturday, 24 February 2024

जीजा और बहन के सामने लड़की कर रही थी ऐसा डांस मम्मी को आया गुस्सा, किया कुछ ऐसा लोग बोले- मोए मोए हो गया

शादियों में नाच गाना तो लाजमी है और ये मौका भी होता है जब आप अपने दबे हुए टैलेंट को स्टेज पर दिखा सके. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. दीदी की शादी में ये लड़की अपने स्टेज पर धमाल मचाने के ख्वाब को पूरा करने के लिए धमाकेदार डांस शुरू करती है, लेकिन तभी उसकी मम्मी वहां आ पहुंचती है और फिर जो होता है, उसे देख आपकी भी यही कहेंगे कि इसका तो मोए-मोए हो गया.

मम्मी ने निकाली डांस की मस्ती

इंस्टाग्राम पर Amarjeet Nishad नाम के यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिसमें 16-17 साल की एक लड़की ब्लैक क्रॉप टॉप और ऑफ व्हाइट कलर का स्कर्ट पहने धमाकेदार डांस करती है. डांस अभी शुरू ही हुआ होता है और सीटियां बजने लगती हैं और सामने खड़े लड़के शोर मचाने लगते हैं. ये सब देख लड़की की मम्मी वहां पहुंच जाती हैं और स्टेज पर ही इस परफॉर्मेंस को रोक देती हैं. इसके बाद क्या लड़की की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है और सारा डांस निकल जाता है.

आए मजेदार कमेंट्स

वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है. इसे कैप्शन देते हुए लिखा है, मम्मी ने कर दी मोय-मोय. वीडियो पर लोग मजेदार कमेंट्स कर रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, ये सब इन लड़कों की शोर और बदतमीजी की वजह से हुआ, कोई भी मां बर्दाश्त नहीं करेगी. दूसरे ने लिखा, दूल्हा भी दंग है. वहीं तीसरे यूजर ने लिखा, मम्मी कह रही है, चल दूसरी शादी में चलना है.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/EnotiXz

CM योगी के काफिले के आगे चल रही पुलिस जीप हादसे का शिकार, 15 लोग घायल

लखनऊ के अर्जुनगंज क्षेत्र में शनिवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले के करीब एक किलोमीटर आगे चल रही जिला प्रशासन की एक जीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस घटना में पांच पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 15 लोग घायल हो गए. हालांकि इस हादसे से मुख्यमंत्री के काफिले पर कोई असर नहीं पड़ा. मुख्यमंत्री का काफिला अमौसी एयरपोर्ट से लौट रहा था और सीएम योगी काफिले में अपने वाहन में मौजूद थे.

लखनऊ के पुलिस आयुक्त एस बी शिरोडकर ने बताया, 'शनिवार शाम को मुख्यमंत्री के काफिले के एक किलोमीटर आगे जिला पुलिस की एक बोलेरो जीप (एन्टी डेमो) चल रही थी. इस जीप के पहले पुलिस का एक इन्टर सेप्टर वाहन चल रहा था. अर्जुनगंज बाजार क्षेत्र में इंटरसेप्टर वाहन एक कुत्ते से टकरा गया और कुत्ता मर कर सड़क पर पड़ा था, लेकिन पीछे से तेज रफ्तार से आ रही एंटी डेमो जीप इस कुत्ते के ऊपर चढ़ने से अनियंत्रित होकर सड़क पर चल रही दो अन्य कारों से टकरा गई.''

उन्होंने बताया कि इस हादसे से जीप में बैठे पांच पुलिसकर्मियों समेत 15 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

संयुक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुल्हरी ने बताया कि बोलेरो जीप में बैठे पांच पुलिसकर्मी और दो कारों में बैठे 10 अन्य लोग घायल हुए हैं. उनके मुताबिक घायलों में से कुछ की हालत चिंताजनक है.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि चूंकि ये एंटी डेमो जीप मुख्यमंत्री के काफिले से एक किलोमीटर आगे चल रही थी, इसलिए इस हादसे से मुख्यमंत्री के काफिले पर कोई असर नही पड़ा. उनके मुताबिक मुख्यमंत्री का काफिला अमौसी हवाई अड्डे से लौट रहा था और मुख्यमंत्री अपने वाहन में काफिले में मौजूद थे.

इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अस्पताल पहुंचे और घायलों के बारे में डाक्टरों से जानकारी ली.

इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना पर टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर लिखा, ''अनाथ पशुओं की समस्या को गंभीरता से नहीं लेने की वजह से आज स्वयं मुख्यमंत्री जी का क़ाफ़िला हादसे का शिकार हुआ है और कई लोग घायल हुए हैं. दुखद भी, चिंतनीय भी.''

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘पशुओं की समस्या उत्तर प्रदेश का एक ख़तरनाक सत्य है. यह लोगों के जीवन का प्रश्न है. आशा है कि अब तो आँखें खुल गई होंगी और चुनाव में किया गया वो भाजपाई वादा याद आ गया होगा, जिसमें आवारा जानवरों से छुटकारा दिलवाने का वचन दिया गया था. जब लोगों के अपने जीवन पर बन आती है, तब पता चलता है कि आम जनता की समस्या के लिए झूठ बोलना कभी ख़ुद की ज़िंदगी के लिए महंगा पड़ सकता है.''

यादव ने कहा, ''भाजपा इस हादसे से ये सबक ले कि जहां ज़िंदगी का सवाल हो वहां जुमलेबाज़ी नहीं करनी चाहिए.''



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/WVYm2DI

VIDEO : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात ने जामनगर में किया मेगा रोड शो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार रात गुजरात पहुंचने के बाद जामनगर शहर में हवाई अड्डे से सर्किट हाउस तक रोड शो किया. मोदी ने भगवा झंडे हाथ में लिए सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों की ओर हाथ हिलाकर अभिवादन किया. जैसे-जैसे मोदी का काफिला सर्किट हाउस की ओर बढ़ा लोगों ने 'मोदी-मोदी' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. दो किलोमीटर के रोडशो के दौरान मोदी ने अपने वाहन से लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.

प्रधानमंत्री मोदी एक जगह उत्साही समर्थकों से रूबरू होने के लिए अपने वाहन से बाहर आए. सड़क के दोनों ओर खड़े समर्थकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.

प्रधानमंत्री रात को जामनगर सर्किट हाउस में रुकेंगे. मोदी रविवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका तथा राजकोट जिलों में होने वाले दो कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल और अन्य नेताओं ने जामनगर वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया.

मोदी 25 फरवरी को राजकोट में गुजरात के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री देवभूमि द्वारका जिले में ओखा और बेट द्वारका के बीच चार लेन के केबल आधारित पुल का भी उद्घाटन करेंगे..

सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रधानमंत्री रविवार अपराह्न राजकोट एम्स जाएंगे और देर शाम रेसकोर्स मैदान में एक रैली को संबोधित करेंगे. विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी पुराने हवाई अड्डे से रैली स्थल तक एक किलोमीटर लंबे रोड शो में भी हिस्सा लेंगे.

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री डिजिटल तरीके से चार अन्य नवनिर्मित एम्स का भी उद्घघाटन करेंगे, जो बठिंडा (पंजाब), रायबरेली (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और मंगलागिरि (आंध्र प्रदेश) में स्थित हैं.

प्रधानमंत्री 48 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि की बहु विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे, जिसमें स्वास्थ्य, सड़क, रेल, ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं. इनमें से 35,700 करोड़ रुपये की परियोजनाएं गुजरात के लिए हैं जबकि बाकी अन्य राज्यों के लिए हैं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/fRhmgkr

Friday, 23 February 2024

राज कुमार के बेटे सिंपल होकर भी हैं गुड लुकिंग, टैलेंट में रफ-टफ पापा से हैं चार कदम आगे, फोटो देख फैन्स बोले- इसे कहते हैं स्टार किड

तिरंगा, क्रांतिवीर, सौदागर, हीर रांझा जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का परचम लहराने वाले एक्टर राजकुमार तो आपको याद होंगे. आज भले ही वो  हम सबके बीच नहीं है लेकिन उनकी फिल्में आज भी हम सबका मनोरंजन करती हैं. क्या आप जानते हैं कि राजकुमार के बेटे भी बॉलीवुड में अपना हाथ आजमा चुके हैं और पहली ही फिल्म इन्होंने सुपरस्टार करिश्मा कपूर के साथ की, लेकिन वो अपने पिता जितनी सफलता हासिल नहीं कर पाए और उनकी पहली ही फिल्म सुपर फ्लॉप हो गई. अब राजकुमार के बेटे क्या करते हैं और कैसे दिखते हैं आइए हम आपको दिखाते हैं.

करिश्मा कपूर के साथ किया डेब्यू

बॉलीवुड एक्टर राजकुमार ने एयर होस्टेस जेनिफर (गायत्री) के साथ शादी रचाई थी, जिससे उनके तीन बच्चे हैं. उनके बेटे पुरु राजकुमार भी अपने पिता की तरह एक एक्टर बनना चाहते थे, उन्होंने 1996 में करिश्मा कपूर के साथ बाल ब्रह्मचारी फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की. ये फिल्म उनके पिता की मौत के कुछ महीनों बाद ही रिलीज हुई थी, हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं कर पाई. इसके 3 साल बाद पुरु ने हमारा दिल आपके पास है फिल्म में एक नेगेटिव किरदार निभाया. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ठीक-ठाक कमाल कर पाई. इसके बाद उन्होंने मिशन कश्मीर, एलओसी कारगिल और उमराव जान जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन वो  अपने पिता की तरह सक्सेसफुल नहीं हो पाएं.

अब क्या करते हैं पुरु राजकुमार 

53 वर्षीय पूर्व राजकुमार लंबे समय से फिल्म इंडस्ट्री से दूर हैं,  2011 में पुरु ने क्रोएशियाई मॉडल कोरलजिका ग्रडक से शादी की. आखिरी बार उन्हें अजय देवगन और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म एक्शन जैक्सन में देखा गया था, जो साल 2014 में रिलीज हुई थी. पुरु ने अपने फिल्मी करियर में करीब 20 फिल्मों में काम किया लेकिन ज्यादातर फिल्मों में उन्हें साइड रोल में ही देखा गया, जिन फिल्मों में वो लीड रोल में थे वो भी सक्सेसफुल नहीं रही. सोशल मीडिया पर भी पुरु एक्टिव नहीं रहते हैं.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/XOyiwfq

UCC की ओर असम का पहला कदम, मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट को खत्म करने का लिया फैसला

असम सरकार ने समान नागरिक कानून (UCC) की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है. हेमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट 1930 को खत्म करने का फैसला लिया. शुक्रवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके बाद अब सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत की जाएंगी. सरकार के मुताबिक, बाल विवाह को रोकने के मकसद से सरकार ने ये कदम उठाया है.

हेमंता बिस्वा सरमा की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट के मामलों से जुड़े 94 लोगों को एकमुश्त 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.

UCC बिल पर ओवैसी ने उठाए सवाल, कहा - ''यह हिंदू कोड से ज्यादा और कुछ नहीं''

हाईकोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में बनाई गई थी कमिटी
असम सरकार ने बहुविवाह रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी काफी पहले से कर ली थी. राज्य सरकार ने इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज वाली एक स्पेशल कमिटी बनाई थी. कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों की चार महिलाओं से शादी परंपरा अनिवार्य नहीं है. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस रिपोर्ट पर कहा था कि सभी सदस्यों की सर्वसम्मत राय है कि असम राज्य के पास बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने की विधायी क्षमता है. असम सरकार अनुच्छेद 254 के तहत इस पर कानून बना सकती है.

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के लागू होने के बाद हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के बीच बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया, ईसाइयों के बीच ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 द्वारा और पारसियों के बीच पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936 द्वारा बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया. हालांकि, बहुविवाह अभी भी जारी है. 

समान नागरिक संहिता थोप नहीं सकते, संविधान लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता देता है : प्रकाश आंबेडकर

AIUDF नेता ने जताई थी आपत्ति
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF)के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना है, "बहुविवाह केवल मुसलमानों में नहीं है बल्कि अन्य समुदाय में भी है. लिहाजा केवल चुनिंदा मुसलमानों को टारगेट करना उचित नहीं है."

2026 तक बाल विवाह पर नया कानून लाने पर विचार
इससे पहले सीएम सरमा ने फरवरी 2023 में कहा था कि हमारा रुख स्पष्ट है, असम में बाल विवाह को रुकना चाहिए. बाल विवाह के खिलाफ हम नया कानून लाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं. 2026 तक हम बाल विवाह के खिलाफ नए कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जहां जेल की अवधि दो साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी.

कानून की कसौटी पर कितना खरा उतरेगा उतराखंड का UCC बिल? जानें- क्या कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/i837euz

Thursday, 22 February 2024

नौकरी के नाम पर रूस ले गए, वहां सेना में करा दिया भर्ती, यूक्रेन युद्ध में हुए जख्मी तो हुआ खुलासा

सिक्योरिटी गार्ड में नौकरी के बदले अच्छी सैलरी दिलाने का झांसा देकर भारत के विभिन्न हिस्सों से कई युवाओं को रूस भेजा गया है. खबर है कि इनमें से कम से कम 10 युवाओं को रूसी सैनिक बनाकर यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए झोंक दिया गया है. अब अपनी जान जोखिम में डालकर ये लोग एक ऐसे देश के लिए युद्ध लड़ने के लिए मजबूर हैं, जिसके वो नागरिक भी नहीं हैं. इन युवाओं को न केवल नौकरी के नाम पर धोखा दिया गया, बल्कि जिस एजेंट ने उन्हें रूस भेजा था, उसने सभी से ₹​​3-3 लाख रुपये भी वसूल लिए.

माना जा रहा है कि ये लोग भाड़े के संगठन की ओर से, वैगनर ग्रुप के हिस्से के रूप में यूक्रेन से लड़ रहे हैं. भारत में अब इनके परिजनों ने विदेश मंत्रालय (एमईए) से उन्हें देश लौटने में मदद करने की अपील की है. इसी तरह की अपील एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी की है और कर्नाटक के एक मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार इन लोगों को वापस लाने के बारे में विदेश मंत्रालय से बात करेगी.

युवाओं के परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को कहा कि उनमें से एक, हैदराबाद के सैयद इलियास ने रूस से एक वीडियो भेजकर अपने माता-पिता को बताया है कि उसे और कई अन्य लोगों को एजेंट द्वारा धोखा दिया गया था. वीडियो में इलियास ने कहा कि उन्होंने युद्ध लड़ने के लिए करार नहीं किया है और अपने परिवार से भारत वापस लाने का अनुरोध किया है.

एक युवक के पिता ने कहा कि कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से कम से कम 10 से 12 भारतीयों को इस तरह से धोखा दिया गया है और उनमें से एक जो कश्मीर से है, वो पैर में गोली लगने से घायल भी हो गया है.

Latest and Breaking News on NDTV

नईम के पिता ने कहा, "मेरा बेटा, अब्दुल नईम और उसके तीन दोस्त दुबई में काम करते थे. वे बाबा नामक एक एजेंट के संपर्क में आए, जिसने उन्हें रूस में अच्छे वेतन वाली सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी देने का वादा किया और उन सभी से 3-3 लाख रुपये लिए. उन्हें फिर वापस भारत लाया गया और फिर 16 दिसंबर को रूस भेज दिया गया. उन्हें रूसी भाषा में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. एजेंट ने उन्हें बताया कि ये सुरक्षित है."

परिजनों ने कहा, "कम से कम 10-12 युवकों को इस तरह से धोखा दिया गया है. मेरा बेटा और बाकी सभी लोग वापस आना चाहते हैं. हमें रूसी सरकार या उनकी सेना से कोई शिकायत नहीं है, हम उनसे हमारे बेटों को वापस भेजने का अनुरोध कर रहे हैं. मैं भारत सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील करता हूं."

पिता ने कहा कि वो अपने बेटे के संपर्क में हैं, जिसे अब उसके तीन दोस्तों से अलग रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, "उन्हें विमानों से दूर-दराज के स्थानों पर ले जाया जा रहा है. कश्मीर के एक व्यक्ति के पैर में गोली भी लगी है."

'विदेश मंत्रालय से बात करेंगे'
वहीं इस मुद्दे पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, "जिला प्रशासन ने राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय को अलर्ट कर दिया है. हम विदेश मंत्रालय से बात करेंगे और युद्ध लड़ रहे युवाओं को वापस लाने की पूरी कोशिश करेंगे. न केवल कर्नाटक के पुरुषों को, बल्कि उन सभी को, जिन्हें धोखा दिया गया है."

Latest and Breaking News on NDTV

एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है और युवकों को भारत वापस लाने में उनकी मदद मांगी है. सांसद ने कहा है कि तेलंगाना के तीन सहित कम से कम एक दर्जन भारतीयों को एजेंट ने धोखा दिया है और युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर किया है.

यूपी के कासगंज के एक युवा को भी हेल्पर की नौकरी के बहाने एजेंट रूस ले गया और आर्मी में भर्ती करा दिया. युवक बाबा ब्लॉक यूट्यूब चैनल के माध्यम से एजेंटों के सपंर्क में आया था. पिता और पुत्र ने एजेटों द्वारा मांगे तीन लाख रुपये के लिए बैंक से कर्ज भी लिया था. वो 11 नवंबर 2023 को कस्बा से दिल्ली-चेन्नई-साजदा होते हुए मॉस्को पहुंचा था. ये हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर के एक अन्य युवक के साथ भेजा गया था.

युवक के पिता के अनुसार हेल्पर की नौकरी करने गए उनके बेटे से रसियन भाषा में एक अनुबंध कराया गया. फिर वहां से रेगिस्तान इलाके में मौजूद सेना के बेस कैम्प में भेजा गया. सेना में हथियारों की ट्रेनिंग देकर उन्हें यूक्रेन-रूस बोर्डर पर तैनात कर दिया गया. वहीं आनाकानी करने पर उनके पासपोर्ट और वीजा जब्त कर लिए गए. लगभग ढाई महीने बाद लड़ाई में घायल होने के बाद अस्पताल पहुंचे युवक ने अपने स्वजनों से सम्पर्क किया.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/9Mi3zvF

Wednesday, 21 February 2024

Explainer : क्या है किसानों का 'बीज' गणित? आसान शब्दों में समझें फसलों पर MSP की ABCD

पंजाब के किसान  (Farmers Protest)अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं. बीते 9 दिन से किसान पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. सरकार से चौथे राउंड की बातचीत भी बेनतीजा रहने के बाद किसानों (Kisan Andolan) ने 21 फरवरी को दिल्ली मार्च का ऐलान किया था. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे. इस बीच सरकार ने किसानों को पांचवीं बार बातचीत का ऑफर दिया है. ऑफर पर विचार करने के लिए किसानों ने अपना दिल्ली मार्च (Kisan Delhi March) अगले 2 दिनों के लिए टाल दिया है.

किसान संगठन अपनी जिन 12 मांगों को मानने का दबाव बना रहे हैं, उनमें सबसे पहली और बड़ी मांग MSP गारंटी की है. किसान सभी फसलों की MSP खरीद की गारंटी चाहते हैं. आइए जानते हैं आखिर क्या है MSP (What is Minimum Support Price) और इसकी गारंटी देने से सरकार क्यों हिचक रही है?

MSP क्या है?
MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price). किसानों के हित के लिए सरकार ने ये व्यवस्था बनाई है. इसके तहत सरकार फसल की एक न्यूनतम कीमत तय करती है. अगर बाजार में फसलों के दाम कम भी हो जाएं, तो किसान आश्वस्त रहता है कि उसकी फसल सरकार कम से कम इस कीमत में जरूर खरीद लेगी. आमतौर पर MSP किसान की लागत से कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा होती है. 

किसान दो दिन नहीं करेंगे दिल्ली कूच, प्रदर्शन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत

हालांकि, MSP सरकार की नीति है, कानून नहीं. इसे सरकार घटा-बढ़ा सकती है. चाहे तो इसे बंद भी कर कर सकती है. किसानों को यही डर सताता है. आंदोलन की वजह और गारंटी मांगने की वजह भी यही है.

कब होता है MSP का ऐलान?
सरकार साल में दो बार यानी एक बार ख़रीफ की फसल और एक बार रबी की फसल के दौरान MSP का ऐलान करती है. ख़रीफ की फसल उन फसलों को कहते हैं, जिन्हें जून-जुलाई में बोते हैं और अक्टूबर के आसपास काटते हैं. जबकि रबी की फसल सर्द‍ियों के मौसम में अक्टूबर से दिसंबर तक लगाई जाती है. रबी की फसलों में गेंहू, आलू, मटर, चना, अलसी, सरसो और जौ प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं.

अभी कितने फसलों के लिए होता है MSP का ऐलान?
अभी तक सरकार 23 फसलों के लिए MSP का ऐलान करती है. इनमें 7 अनाज हैं - धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, जौ, रागी और मक्का. 3 किस्म की दालें हैं - अरहर/तूर, चना, मूंग, उड़द और मसूर. 7 तिलहन हैं- मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, तोरिया, तिल, सूरजमुखी बीज, कुसुम बीज यानी सनफ्लावर सीड्स और रामतिल बीज. इसके अलावा 4 अन्य फसलों कच्चा कपास, कच्चा जूट, नारियल और गन्ने के लिए भी सरकार MSP तय करती है. राज्य सरकार भी इसे लागू कर सकती है.

सरकार सभी फसलों पर MSP देती है, ये कैसे तय होता है?
फसलों का उचित दाम दिए जाने के लिए केंद्र सरकार ने 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (CACP) का गठन किया था. CACP ही MSP तय करता है. देश में पहली बार 1966-67 में MSP की दर से फसलों की खरीदी की गई थी. 

PM-किसान, कृषि बजट में बढ़ोतरी और किसान रेल..., किसानों के लिए सरकार ने उठाए कई अहम कदम : सूत्र

MSP कैसे तय किया जाता है?
2004 में कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स यानी किसान आयोग बनाया था. इसके अध्यक्ष एमएस स्वामीनाथन थे. इस कारण इसे स्वामीनाथन आयोग भी कहा जाता है. इस आयोग का मकसद किसानों से जुड़ी समस्याओं का पता लगाकर उनका हल पता करना था. दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 के बीच किसान आयोग ने 5 रिपोर्ट तैयार की थीं. इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रिपोर्ट MSP को लेकर थी. आयोग ने बताया कि MSP क्या होना चाहिए.

आयोग ने जो रिपोर्ट दी थी, उसके आधार पर UPA सरकार किसान आयोग की जगह राष्ट्रीय किसान नीति लाई. इसमें सरकार ने वादा किया कि वो किसानों की आय बढ़ाएगी. उन्हें उच्च किस्म के बीज उपलब्ध कराएगी. इसके अलावा कई बातें की गईं, लेकिन सरकार ने ये नहीं कहा कि वो एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करेगी. किसानों की लंबे समय से मांग रही है कि MSP को स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के हिसाब से तय किया जाए. 

स्वामीनाथन आयोग ने  MSP तय करने के लिए क्या फॉर्मूला दिया था?
स्वामीनाथन आयोग ने कहा कि जो MSP होगा वह फसल की लागत से 50% होगा. मान लीजिए कि एक फसल को उगाने में किसान के 1000 रुपए लगे. इसमें 50% यानी 500 रुपए जोड़ा जाए तो कुल MSP 1500 रुपये होगी. इसे C2+50% फॉर्मूला कहा जाता है. C2 मतलब कॉस्ट है. कॉस्ट यानी लागत तीन तरह के फॉर्मूले से तय होती है.

लागत तय करने के 3 फॉर्मूले कौन-कौन से हैं?
पहला फॉर्मूला A2- इसमें किसी ख़ास फसल के उत्पादन में किसान की लागत का आकलन किया जाता है. किसान की लागत आंकने के लिए बीज, खाद, कीटनाशक, लीज़ पर ली गई ज़मीन, मज़दूरी की लागत, मशीनरी और इंधन की कुल लागत देखी जाती है

दूसरा फॉर्मूला A2+FL: इसमें फसल पर किसान की लागत और उसके परिवार की मज़दूरी की क़ीमत भी तय की जाती है. अमूमन किसान खेतों में अपने पूरे परिवार के साथ मेहनत करते हैं. इस लागत में उनके परिवार की मेहत को भी शामिल किया जाता है.

किसानों से पांचवें दौर की वार्ता में सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार, शांति बनाए रखना ज़रूरी : अर्जुन मुंडा

तीसरा फॉर्मूला C2: ये व्यापक लागत है, जिसमें A2+FL तो होता ही है. साथ ही इसमें अपनी ज़मीन के किराए की क़ीमत भी शामिल की जाती है. इसके अलावा फिक्स्ड कैपिटल यानी अचल पूंजी पर ब्याज और लीज़ पर ली गई ज़मीन का किराया भी शामिल होता है.

स्वामीनाथन आयोग ने सिफ़ारिश की थी कि MSP देशभर में उत्पादन की औसत लागत C2 से कम से कम 50% ज़्यादा दिया जाए यानी डेढ़ गुना दिया जाए. लेकिन सरकार MSP के लिए लागत C2 नहीं बल्कि A2+FL को मानती है और उसके अखिल भारतीय औसत से डेढ़ गुना देती है. आसान भाषा में फिर कहा जाए, तो स्वामीनाथन आयोग ने MSP तय करने के लिए C2 के डेढ़ गुना लागत की सिफ़ारिश की थी. लेकिन सरकार A2+FL का डेढ़ गुना के आधार पर MSP तय करती है. 

2018 में सरकार ने कहा था कि हम लागत का डेढ़ गुना देंगे. 2018 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा था कि हम किसानों को लागत का डेढ़ गुना देने जा रहे हैं. आगे जब जानकारी आई तो पता चला कि वो डेढ़ गुना A2+FL लागत का था. कुल मिलाकर किसान को वो नहीं दिया जा रहा है, जो स्वामीनाथन कमेटी ने सिफारिश की थी. किसान चाहते हैं कि MSP तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू की जाए. 

MSP को लेकर सरकार ने कमेटी बनाई थी, उसने क्या काम किया?
नवंबर 2021 में न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी में अध्यक्ष सहित 29 सदस्य शामिल हैं. इनमें 18 सरकारी अधिकारी या सरकारी एजेंसियों और कॉलेजों से जुड़े एक्सपर्ट हैं. लेकिन अब तक इसकी कोई रिपोर्ट नहीं आई है. 

स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले पर MSP देने से सरकार के रेवेन्यू पर क्या फर्क पड़ेगा?
सरकार MSP वाली सभी 23 फसलों का पूरा उत्पादन खरीद लेती है, तो सरकारी खजाने पर इसका गहरा प्रभाव होगा. ये बहुत ही भारी खर्च होगा. हालांकि, कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सभी फसलों पर MSP गारंटी देने पर सरकार पर 10 लाख करोड़ का भार आ जाएगा. लेकिन इन अनुमानों का कोई आधार नहीं है.

पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर फिर आंसू गैस के गोले दागे गए, दिल्ली मार्च कर रहे किसान

किसानों की मांगें क्या हैं?
-किसानों की मांग है कि सरकार MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बनाए. 
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम मिले. इसके लिए 700 रुपये की दिहाड़ी तय हो.
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से MSP की कीमत तय हो.
-किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो, उन्हें पेंशन दिया जाए.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए.
-लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा मिले.
-मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
-किसान आंदोलन में मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले.
-नकली बीज, कीटनाशक, दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर सख्त कानून बनाया जाए.
-मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
-संविधान की सूची 5 को अलग कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/mXhtdbN