Thursday, 30 November 2023

Madhya Pradesh Exit Polls 2023 में बीजेपी को बढ़त के अनुमान पर शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ ने क्या कहा?

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों 2023 के नतीजे रविवार को आएंगे. इस बीच गुरुवार को कई एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल का ऐलान किया गया. चुनावी राज्यों में सबसे बड़े सूबे मध्यप्रदेश में आठ एजेंसियों ने अपना एग्जिट पोल (MP Exit Poll) जारी किया है. इसमें से चार एग्जिट पोल सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाते दिख रहे हैं जबकि दो एजेंसियां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बता रही है. वहीं दो एग्जिट पोल कांग्रेस को आसानी से बहुमत हासिल करता दिखा रहे हैं. एग्जिट पोल को लेकर अब रिएक्शन भी सामने आने लगे हैं. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘मैं शुरुआत से ही और प्रचार के दौरान भी कहता रहा हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्नेह और नेतृत्व, अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) की रणनीति, जेपी नड्डा (भाजपा अध्यक्ष) का नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के साथ-साथ राज्य सरकार की योजनाओं की बदौलत भाजपा को बड़ी जीत मिलेगी.''

वहीं कांग्रेस नेता कमलनाथ ने एग्जिट पोल के अनुमान पर कहा है कि मैंने हमेशा से कहा है कि देश एक विजन से चलता है, टेलीविजन से नहीं.कई एग्जिट पोल से पता चला है कि कांग्रेस राज्य में सरकार बना रही है, जबकि कई थोड़ा अलग दिखा रहे हैं.

कमलनाथ ने कहा कि आपको (पार्टी कार्यकर्ताओं को) इन सब चीजों में नहीं फंसना चाहिए और मतगणना के दौरान ‘अर्जुन' की तरह लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कांग्रेस के पक्ष में डाला गया प्रत्येक वोट पार्टी के लिए गिना जाए. इससे भारी जीत के साथ कांग्रेस सरकार का गठन सुनिश्चित होगा.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि एग्जिट पोल के पूर्वानुमान अलग-अलग होते हैं और उनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. राज्यसभा सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ‘‘लेकिन मैं दृढ़ता से कह सकता हूं कि कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 130 से अधिक सीट मिलेंगी. लोगों में बदलाव की भावना है और उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव लड़ा. लोग भाजपा, उसके कार्यकर्ताओं और चौहान के झूठे वादों के साथ-साथ खराब शासनतंत्र से तंग आ चुके हैं.''

दतिया सीट से चुनाव लड़ने वाले राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भाजपा 165 से अधिक सीट जीतेगी. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल ने राज्य से कांग्रेस के ‘‘बाहर निकलने'' का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

NDTV पोल ऑफ पोल्स का क्या है अनुमान?

पोल ऑफ पोल्स के तहत, मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों में बीजेपी को 124 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी बीजेपी राज्य में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनेगी. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 102 सीटें मिलने का अनुमान है. BSP+ के खाते में जीरो सीट और अन्य पार्टियों के खाते में 4 सीटें जाती दिख रही हैं. मध्य प्रदेश में बहुमत का आंकड़ा 116 है. 

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Rajasthan Exit Polls 2023 के अनुमानों को बीजेपी ने बताया सटीक, कांग्रेस नेताओं ने कहा- रिवाज बदलेगा

राजस्थान विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल (Rajasthan Exit Poll) के आंकड़ों में बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है. 10 एग्जिट पोल में से 6 के आकंड़ो में भाजपा (BJP) को स्पष्ट बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है. वहीं 3 एग्जिट पोल ने दोबारा से कांग्रेस (Congress) की सरकार बनने का अनुमान लगाया है. हालांकि अधिकतर एग्जिट पोल में दोनों ही दलों के बीच कड़े मुकाबले की बात कही है. एग्जिट पोल के सामने आने के बाद दोनों ही दलों के नेताओं की तरफ से रिएक्शन भी सामने आने लगे हैं.

एग्जिट पोल के अनुमानों पर बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ...लोग परिवर्तन चाहते हैं. मुझे यकीन है कि बीजेपी राजस्थान में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है...मुकाबला केवल एग्जिट पोल तक ही सीमित है. नतीजे 3 दिसंबर को बीजेपी के पक्ष में ही आएंगे.

वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता बीजेपी विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि एग्जिट पोल अनुमान हैं... बीजेपी भारी जनादेश के साथ राजस्थान में सरकार बनाने जा रही है... हम मध्य प्रदेश में भी सरकार बनाएंगे.

कांग्रेस नेताओं का दावा- राजस्थान में ‘रिवाज बदलेगा, राज नहीं'

कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि राजस्थान में ‘रिवाज बदलेगा, राज नहीं' यानी एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने एग्जिट पोल पर कहा, ‘‘एग्जिट पोल से संकेत मिलता है कि राजस्थान में ‘राज नहीं रिवाज' बदलने वाला है क्योंकि कांग्रेस बहुमत से जीतने जा रही है.''

कांग्रेस प्रत्याशी और मौजूदा मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कांग्रेस सरकार बना सकती है क्योंकि लोगों ने कांग्रेस के विकास मॉडल विश्वास जताया है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना अधिक है. लोगों ने कांग्रेस के विकास मॉडल पर मुहर लगा दी है.''

NDTV पोल ऑफ पोल्स का क्या है अनुमान?

NDTV पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, राजस्थान में सत्ता बदलने का रिवाज बरकरार रह सकता है. यानी जनता ने इस बार कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी पर भरोसा जताया है. पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, राजस्थान की 199 सीटों में से बीजेपी को 104 सीटें मिलती दिख रही हैं. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी को राज्य में पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान है. इसके साथ ही कांग्रेस + को 85 सीटें मिलती दिख रही हैं. अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो अशोक गहलोत को सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ सकती है. राज्य में बहुमत का आंकड़ा 101 है. बता दें कि राजस्थान की कुल 200 सीटों में से एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गए हैं.

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विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने को दुबई रवाना हुए PM मोदी

नई दिल्ली: PM मोदी ने बृहस्पतिवार को विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का आह्वान किया. विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई की बात आती है तो भारत ने जो कहा है वह करके दिखाया है. उन्होंने जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा इस मुद्दे को दिए गए महत्व को भी रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, ‘‘जी20 की हमारी अध्यक्षता के दौरान जलवायु हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर थी. नयी दिल्ली घोषणापत्र में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल हैं. मैं इन मुद्दों पर आम सहमति को आगे ले जाने के लिए सीओपी28 में उम्मीद करता हूं.''

PM मोदी जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र के ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज' के दौरान शुक्रवार को विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसे सीओपी28 के नाम से जाना जाता है. ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए कई विश्व नेता जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं.

विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन सीओपी 28 का उच्च स्तरीय खंड है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीओपी28 विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई की यात्रा पर रवाना हो गए हैं. जलवायु परिवर्तन के गंभीर मुद्दे पर वैश्विक नेताओं के साथ चर्चा करने और जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में भारत की प्रगति एवं जलवायु कार्रवाई पर आगे की योजनाओं को प्रदर्शित करने का मौका है.''

प्रधानमंत्री का तीन अन्य उच्च स्तरीय कार्यक्रमों में भी भाग लेने का कार्यक्रम है. सीओपी28 संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक हो रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि सीओपी28 पेरिस समझौते के तहत हुई प्रगति की समीक्षा करने और जलवायु कार्रवाई पर भविष्य के कदम के लिए रास्ता तैयार करने का अवसर प्रदान करेगा.

मोदी ने कहा, ‘‘भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में ग्लोबल साउथ ने समानता और जलवायु न्याय के सिद्धांतों पर आधारित जलवायु कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया लेकिन साथ ही जिम्मेदारियां तय करने और अनुकूलन पर अधिक ध्यान देने पर बात की.''

उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि विकासशील देशों के प्रयासों को पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ समर्थन दिया जाए. सतत विकास हासिल करने के लिए उनके पास समान कार्बन और विकास की जगह होनी चाहिए.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई की बात आती है तो भारत अपनी बात पर कायम रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण, ऊर्जा संरक्षण, मिशन लाइफ जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमारी उपलब्धियां धरती माता के प्रति हमारे लोगों की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जलवायु वित्त और हरित ऋण पहल सहित विशेष कार्यक्रमों में शामिल होने को लेकर आशान्वित हैं. मोदी ने कहा, ‘‘अपने सभ्यतागत लोकाचार को ध्यान में रखते हुए भारत ने हमेशा जलवायु कार्रवाई पर जोर दिया है, यहां तक कि हम सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रहे हैं.''

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Wednesday, 29 November 2023

बिहार : बेगूसराय में नर्सरी की 2 छात्राओं के साथ रेप, आरोपी वैन चालक गिरफ्तार

बिहार के बेगूसराय से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. स्कूली वैन चालक ने दो स्कूली छात्राओं से रेप की घटना को अंजाम दिया है. दोनों मासूम के साथ स्कूल से घर पंहुचाने के दौरान रास्ते में वैन ड्राइवर ने घटना को अंजाम दिया है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने वैन चालक को गिरफ्तार कर लिया है वहीं दूसरी ओर घटना से आक्रोशित लोगों ने स्कूली वैन में आग लगा दी. घटना बीरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है. बताया जाता है कि मंगलवार को स्कूल की छुट्टी के बाद ड्राइवर दोनों बच्ची को घर लेकर जा रहा था, तभी सुनसान जगह पर ले जाकर उसने दोनों बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.

घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ड्राइवर दोनों बच्ची को उसके घर पंहुचा दिया घर पहुंचते ही दोनों बच्चियों को परिजनों ने उसकी हालत खराब देखकर पूछताछ की तो पूरी घटना सामने आई. जिसके बाद परिजन ने ग्रामीणों के सहयोग से ड्राइवर को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की और फिर स्कूली वाहन में आग लगा दिया . दोनों बच्ची की उम्र पांच साल के करीब है और वो एक निजी विद्यालय में नर्सरी की छात्रा हैं फिलहाल दोनों बच्चियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है.

इस मामले में पुलिस ने आरोपी ड्राइवर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एघु गांव निवासी सिकंदर राय को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पुछताछ कर रही है. इस मामले में सदर डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस के द्वारा तत्काल कारवाई करते हुए दुष्कर्म के आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया. घटना का साक्ष्य संग्रह किया जा रहा है और पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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तेलंगाना की 119 सीटों पर वोटिंग आज, 3.26 करोड़ मतदाता 2,290 उम्मीदवारों की लिखेंगे किस्मत

  1. तेलंगाना के 106 निर्वाचन क्षेत्रों में गुरुवार सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक और 13 वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. 
  2. चुनाव में 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव, उनके मंत्री-बेटे केटी रामाराव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी और बीजेपी के लोकसभा सदस्य बी. संजय कुमार और डी अरविंद शामिल हैं.
  3.  तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी सीट बंटवारे के समझौते के मुताबिक 111 सीटों पर लड़ रही है. बाकी 8 सीटें एक्टर पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना के लिए छोड़ी गई है. 
  4. कांग्रेस ने अपनी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (BKP) के एक सीट दी है. कांग्रेस खुद 118 सीट पर लड़ रही है.
  5. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) ने हैदराबाद शहर के 9 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
  6.  मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दो निर्वाचन क्षेत्रों गजवेल और कामारेड्डी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वह निवर्तमान विधान सभा में गजवेल का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  7.  कामारेड्डी और गजवेल में रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहा है. कांग्रेस ने कामारेड्डी में मुख्यमंत्री का मुकाबला करने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को मैदान में उतारा है. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार वेंकट रमण रेड्डी भी मजबूत माने जा रहे हैं.
  8. गजवेल में बीजेपी ने मुख्यमंत्री राव के खिलाफ अपने चुनाव अभियान अध्यक्ष एटाला राजेंद्र को मैदान में उतारा है. लोकसभा सदस्य रेवंत रेड्डी कोडंगल से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका उन्होंने पहले प्रतिनिधित्व किया था. 
  9. मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
  10. तेलंगाना में पहली बार दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा मिलेगी. निर्वाचन आयोग ने आईटी कंपनियों सहित सभी निजी प्रतिष्ठानों को 30 नवंबर को छुट्टी घोषित करने का आदेश दिया है.


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हमास के चीफ ने गाजा की सुरंग में बंधकों से की थी मुलाकात, इजरायली महिला ने पूछे थे तीखे सवाल

डेढ़ महीने से जंग लड़ रहे इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Israel-Hamas War) के बीच सीजफायर (Israel-Hamas Ceasefire) को लेकर समझौता हुआ है. इसके तहत हमास इजरायली बंधकों को रिहा कर रहा है. बदले में इजरायल भी फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ रहा है. सीजफायर डील के मुताबिक, जिन इजरायली बंधकों को रिहा किया गया है; उन लोगों से हमास के चीफ याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) ने मुलाकात की थी.

हमास के कब्जे में रहीं इजरायल की एक 85 वर्षीय महिला ने बताया इजरायल के अखबार से बातचीत में आपबीती सुनाई है. हमास के लड़ाके 7 अक्टूबर को हमले के दौरान 85 वर्षीय योचेवेद लिफशिट्ज को उनके घर से अगवा करके गाजा ले गए थे. बंधक बनाए जाने के दो हफ्ते बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

बुजुर्ग महिला ने इजरायली अखबार Davar को बताया कि हमास चीफ एक सुरंग में कैद रखे गए बंधकों से मिलने आए, तो उन्होंने उनसे सवाल पूछे थे. योचेवेद लिफशिट्ज ने बताया कि इस दौरान उन्होंने याह्या सिनवार से पूछा था कि क्या आपको शांति का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करके शर्म नहीं आती? 

हिब्रू भाषा में प्रकाशित होने वाले अखबार को महिला ने बताया, "हमारे गाजा पहुंचने के तीन से चार दिन बाद सिनवार हमसे मिलने आए थे. मैंने उनसे पूछा कि जो लोग इतने वर्षों से शांति का समर्थन कर रहे हैं, उनके साथ ऐसा व्यवहार करके उन्हें कैसे शर्म नहीं आती?"

महिला ने बताया कि उनके सवाल पर, "उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वह इस सवाल पर चुप थे." रिपोर्ट के मुताबिक, याह्या सिनवार ने बाद में बंधकों से हिब्रू भाषा में कहा था कि आप सभी सबसे सुरक्षित जगह पर हैं. यहां डरने वाली कोई बात नहीं है. 

योचेवेद लिफशिट्ज एक पीस क्टिविस्ट (शांति कार्यकर्ता) हैं. वो अपने पति के साथ मिलकर गाजा में बीमार फिलिस्तीनियों को अस्पताल पहुंचाने का काम करती हैं. उनके 83 साल के पति ओडेड को भी हमास के लड़ाके बंधक बनाकर ले गए थे. फिलहाल वो हमास की कैद में हैं.

पिछले महीने हमास की कैद से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लिफ़शिट्ज़ ने कहा कि गाजा पट्टी में बंधक के रूप में दो सप्ताह के दौरान वह 'नरक' से गुजरी थीं.

जंग की शुरुआत में हमास ने 4 महिलाओं को रिहा किया था. योचेवेद लिफशिट्ज इनमें शामिल थीं. उन्होंने बताया कि अगवा किए जाने के बाद उन्हें पीटा गया था. लेकिन दो सप्ताह की कैद के दौरान हमास के लड़ाकों ने उनके साथ अच्छा बर्ताव किया.

अपनी रिहाई पर योचेवेद लिफशिट्ज एक नकाबपोश बंधक से हाथ मिलाने के लिए मुड़ी थीं. इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की गई थीं. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "वो लोग हमारे साथ नरमी से पेश आए थे. उन्होंने हमारी सभी ज़रूरतें पूरी कीं."

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Tuesday, 28 November 2023

इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए इजिप्ट ने हमास चीफ पर बनाया था दबाव, सीजफायर तोड़ने की हुई थी कोशिश

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से जंग (Israel-Palestine Conflict)चल रही है. 24 नवंबर को दोनों के बीच 4 दिनों के सीजफायर के लिए समझौता हुआ था. बाद में इस समझौते को 2 दिन और यानी बुधवार सुबह 7 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है. कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बाद यह फैसला लिया गया. सीजफायर (Israel-Hamas Ceasefire) को लेकर कतर और मिस्र (इजिप्ट) शुरुआत से ही इजरायल और हमास से बात कर रहे थे. हालांकि, इस दौरान हमास के नेता याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) से खलल डालने की पूरी कोशिश की थी. इसके बाद मिस्र ने सिनवार पर इजरायली बंधकों को छोड़ने के लिए खास दबाव बनाया था.

समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही इजरायल और हमास अपने अस्थायी युद्धविराम को दो दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमत हुए मिस्र ने हमास नेता याह्या सिनवार पर भारी दबाव बनाना शुरू किया. काहिरा में आधिकारिक सर्कल तक पहुंच रखने वाले मिस्र के एक सूत्र ने ताज़पिट प्रेस सेवा को बताया, "सीजफायर के दौरान दो बार पार्टियां संकट में पड़ गईं. याह्या सिनवार ने समझौतों का उल्लंघन करने की कोशिश की. पहली बार पिछले शनिवार की रात मिस्र के खुफिया अधिकारी राफाह क्रॉसिंग पर पहुंचे. वहां सिनवार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई थी."

इजरायल-हमास के बीच 2 दिन बढ़ा सीजफायर, कतर और इजिप्ट ने मिलकर क्या करवाई डील?

उन्होंने कहा, "सिनवार को चेतावनी दिए जाने के कुछ घंटों बाद सीजफायर को 2 दिन बढ़ाने का ऐलान हुआ. फिर हमास ने देर रात इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया." हमास ने सोमवार देर रात 11 और इजरायली नागरिकों को रिहा कर दिया. इनमें 9 बच्चे और 2 महिलाएं शामिल हैं.

रविवार को जब इजरायल को यह स्पष्ट हो गया कि हमास की ओर से जारी किए गए इजरायली बंधकों की लिस्ट शर्तों के हिसाब से नहीं है, तो इजरायल ने तुरंत मिस्र से कॉन्टैक्ट किया. फिर मिस्र ने सिनवार पर दबाव बनाना शुरू किया. हमास ने शुरू में कतर के मध्यस्थता वाले अस्थायी युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए बच्चों को उनकी मां के बिना रिहा करने की बात कही. बाद में मिस्र और कतर के दखल के बाद हमास ने अपना रुख साफ किया.

हमास ने नरम रुख अपनाते हुए दो बच्चों के स्थान पर दो महिलाओं के नाम जोड़ दिए. इसमें शर्त यह रखी गई कि कैदियों की अदला-बदली को आगे भी बढ़ावा दिया जाए. 

गाजा में 'कैद' से 4 दिनों तक बचता रहा इजरायली युवा, हमास ने रूस को 'खुश' करने के लिए किया रिहा

इजरायल सुरक्षा एजेंसी (शिन बेट) के पूर्व डायरेक्टर एवी डिचर ने कई दिन पहले टीपीएस को बताया था, "कतर की सक्रिय भागीदारी के बावजूद आखिर में हमास के साथ सौदे मिस्र के दबाव में किए गए हैं. क्योंकि सिनवार मिस्र की ओर से बनाए जा रहे दबाव के प्रति सतर्क थे." डिचर वर्तमान में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

गाजा में इजरायली बंधकों से मिला था सिनवार
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने अब तक जिन बंधकों को छोड़ा है, उनसे याह्या सिनवार ने बात की थी. सिनवार ने बंधकों से तब बात की थी जब उन्हें गाजा में कैद करके रखा गया था. हमास की कैद से छूट कर आने के बाद बंधकों ने यह खुलासा किया है. याह्या सिनवार ने हिब्रू भाषा में कहा था कि आप सभी सबसे सुरक्षित जगह पर हैं. यहां डरने वाली कोई बात नहीं है. 

हमास ने गाजा में बंधक बनाए गए 11 और लोगों को रिहा किया : इजरायली सेना

मंगलवार को हमास और इजरायल ने एक-दूसरे पर सीजफायर तोड़ते हुए हमले करने का आरोप लगाया है. हालांकि, दोनों ने ही इन आरोपों को खारिज किया है.

अब तक कितने बंधक और इजरायली कैदी हुए रिहा? 
इजरायल ने भी देश के अलग-अलग जेलों में बंद 30 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 33 फिलिस्तीनियों को छोड़ दिया. AFP के मुताबिक, इजरायल ने अब तक अपनी जेलों से 150 फिलिस्तीनियों को रिहा किया. हमास ने 69 बंधकों को छोड़ा है. इनमें 50 इजरायली बंधक और 19 विदेशी नागरिक शामिल हैं. 

अभी और कितने बंधक होंगे रिहा?
अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी के स्पोक्सपर्सन जॉन किर्बी ने कहा कि सीजफायर के अगले दो दिन में हमास ने 20 महिलाओं और बच्चों को रिहा करने का वादा किया है. इजरायल ने कहा कि वो आने वाले 2 दिन में 50 फिलिस्तीनियों को रिहा करेगा.

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जंग खत्म करना चाहता है हमास
अल जजीरा के मुताबिक, हमास लीडर गाजी हमद ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सीजफायर करके हम जल्द जंग खत्म कर पाएंगे. साथ ही इससे फिलिस्तीनी लोगों पर हो रहे हमलों को रोका जा सकेगा."

गाजा में कैसे हैं हालात? 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि गाजा के हाल हर दिन बदतर होते जा रहे हैं. वहां दो-चार दिन के सीजफायर नहीं, बल्कि जंग खत्म करने की जरूरत है. गुटेरेस ने कहा- "पूर्ण युद्धविराम गाजा की समस्याओं का हल है. यही लोगों के हित में भी है. हमास को भी बिना किसी शर्त सभी बंधकों को आजाद कर देना चाहिए."

जंग में अब तक कितने लोगों की मौत?
अलजजीरा के मुताबिक, 53 दिनों से चल रही जंग में अब तक 15 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. वहीं, हमास के हमले में करीब 1200 इजरायली मारे जा चुके हैं.

सीजफायर बढ़ना चाहिए या नहीं? जानें क्या है गाजा और इजरायल के लोगों की राय



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देखें तस्वीरें: 17 दिनों के बाद उत्तरकाशी सुरंग से बाहर निकले मजदूरों के चेहरे पर आई मुस्कान

उत्तरकाशी में 17 दिन बाद आखिरकार उम्मीद की जीत हुई. उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे मजदूरों को मंगलवार शाम को बाहर निकाला गया. जिसके बाद 17 दिनों से चल रहा मैराथन ऑपरेशन खत्म हो गया. इससे देश को बड़ी राहत मिली.

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17 कठिन दिनों और बचाव अभियान में कई असफलताओं के बाद, बचाव अभियान सफल रहा और श्रमिकों को एक-एक करके सुरंग से बाहर लाया गया.

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श्रमिकों को प्रतिबंधित मैनुअल "रैट-होल" खनन तकनीक की मदद से बाहर लाया गया, जिसका उपयोग हाई-टेक मशीनों या ऑगर्स द्वारा लगभग 60 मीटर चट्टान के माध्यम से ड्रिल करने में विफल होने के बाद किया गया था.

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घटनास्थल पर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों से मुलाकात की. उन्होंने बचाव कार्य में लगे कर्मियों एवं कर्मियों के मनोबल एवं साहस की सराहना की.

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श्रमिकों को बाहरी मौसम के अनुकूल बनाने के लिए सुरंग के अंदर एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया और आपात स्थिति के लिए वायु सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर भी खड़ा था.

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12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा धंस गया, जिसका मलबा सुरंग के सिल्कयारा किनारे के 60 मीटर के हिस्से में गिरा, जिससे निर्माणाधीन ढांचे के अंदर 41 मजदूर फंस गए.



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Monday, 27 November 2023

महात्मा गांधी पिछली सदी के महापुरुष, नरेन्द्र मोदी इस सदी के युगपुरुष : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को महात्मा गांधी को पिछली सदी का 'महापुरुष' और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस सदी का 'युगपुरुष' करार दिया. धनखड़ ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया. भारत के सफल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमें उस रास्ते पर ले गए, जहां हम हमेशा जाना चाहते थे.''

वह जैन विचारक और दार्शनिक श्रीमद राजचंद्रजी की जयंती समारोह में बोल रहे थे. धनखड़ ने कहा, “मैं आपलोगों को एक बात बताना चाहता हूं. महात्मा गांधी पिछली सदी के महापुरुष थे. नरेन्द्र मोदी इस सदी के युगपुरुष हैं. दो महान हस्तियों- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में एक बात समान है. उन्होंने श्रीमद राजचंद्रजी को प्रतिबिंबित किया है.''

उपराष्ट्रपति ने श्रीमद राजचंद्रजी की एक भित्तिचित्र का भी अनावरण किया. श्रीमद राजचंद्रजी का जन्म 1867 में गुजरात में हुआ था और 1901 में उनकी मृत्यु हो गई थी. उन्हें जैन धर्म पर उनकी शिक्षाओं और महात्मा गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए जाना जाता है.

धनखड़ ने कहा, ‘‘इस राष्ट्र के विकास का विरोध करने वाली ताकतें और इस देश के उत्थान को पचा न पाने वाली ताकतें एक साथ आ रही हैं. जब भी देश में कुछ अच्छा होता है तो ये लोग एक अलग मुद्रा में आ जाते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.''

उपराष्ट्रपति ने कहा, “खतरा बहुत बड़ा है. जिन देशों को आप हमारे आसपास देखते हैं, उनका इतिहास 300 या 500 या 700 साल पुराना है, जबकि हमारा इतिहास 5,000 साल पुराना है.''

श्रीमद राजचंद्र मिशन, धरमपुर एक वैश्विक आंदोलन है, जो साधकों के आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने और समाज को लाभ पहुंचाने का प्रयास करता है. मिशन का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय गुजरात के धरमपुर में स्थित है. मिशन के कई सत्संग केंद्र, श्रीमद राजचंद्र युवा समूह और श्रीमद राजचंद्र दिव्य स्पर्श केंद्र हैं.

श्रीमद राजचंद्रजी और महात्मा गांधी की पहली मुलाकात 1891 में मुंबई में हुई थी, जब वह (गांधी) एक युवा बैरिस्टर के रूप में इंग्लैंड से लौटे थे.

सोमवार को मुंबई में हुए समारोह में धनखड़ को सामाजिक उत्थान में उनके योगदान के लिए मिशन के पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी ने जनकल्याण हितैषी पुरस्कार प्रदान किया. धनखड़ ने कहा, “श्रीमद राजचंद्रजी की महानता ऐसी थी कि उन्होंने महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों को प्रेरित किया.”

सोमवार के कार्यक्रम में, श्रीमद राजचंद्र मिशन ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले और राजस्थान के झुंझुनू जिले में दो मेगा मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सा शिविर आयोजित करने की घोषणा की. धनखड़ झुंझुनू जिले के निवासी हैं.

इस बीच, महात्मा गांधी और नरेन्द्र मोदी पर धनखड़ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर आश्चर्य जताया, “मैं उपराष्ट्रपति से पूछना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री की पार्टी (भाजपा) के एक सांसद को एक निश्चित समुदाय को गाली देने की आजादी देकर कौन से नये युग की शुरुआत हुई है.”



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"निवेशक घबराएं नहीं, अच्छे बहुमत से सत्ता में लौट रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी" : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2024 में अच्छे बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने का दावा किया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि इसे लेकर वैश्विक निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज करने के लिए व्यवस्थागत सुधार लागू करने को प्रतिबद्ध है.

वित्त मंत्री ने 'इंडिया ग्लोबल फोरम' की तरफ से आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा में शामिल होते हुए कहा, "निवेशकों को अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनावों के नतीजों को लेकर थोड़ा भी घबराने की जरूरत नहीं है. उनका उम्मीद भरा इंतजार करना सामान्य है और मैं इसे समझ सकती हूं. लेकिन मेरे साथ कई लोगों की भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर है, राजनीतिक माहौल पर नजर है, जमीनी स्तर की वास्तविकताओं को देख रहे हैं. आज स्थिति यही है कि प्रधानमंत्री मोदी वापस आ रहे हैं और अच्छे बहुमत के साथ आ रहे हैं."

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई पहल की हैं, जिससे हर भारतीय के जीवन में बदलाव आया है और कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार ने एक के लिए नहीं बल्कि सबके लिए काम किया है. रोजगार के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि सरकार हर महीने आयोजित होने वाले रोजगार मेलों के जरिये इस साल दिसंबर तक देश के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने के लिए प्रतिबद्ध है. इनमें से लगभग आठ लाख नौकरियां इस साल अब तक दी जा चुकी हैं.

वित्त मंत्री ने जलवायु कार्रवाई के बारे में कहा कि भारत अपने पैसे से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने जीवाश्म ईंधन की जगह स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को वित्तपोषण के लिए उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक चुनौती बताया.

सीतारमण ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप संपर्क गलियारा (आईएमईसी) पर इजराइल और फलस्तीन में चल रहे संघर्ष के असर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह एक दीर्घकालिक परियोजना है और यह किसी एक प्रमुख घटना पर निर्भर नहीं होगा. प्रस्तावित गलियारे के निर्माण पर सितंबर में नयी दिल्ली में आयोजित 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे. यह एक बहुआयामी आर्थिक गलियारा है जिसमें जहाज, रेल और सड़क के कई नेटवर्क शामिल हैं.



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"सामान्य वायरस के कारण चीन में श्वसन संबंधी बीमारी..": AIIMS के डॉक्टर

चीन में सांस की बीमारी के बढ़ते मामलों के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा है कि सर्दियों में वायरल संक्रमण आम है और अभी तक कोविड जैसी किसी अन्य महामारी की कोई संभावना नहीं है. हाल के सप्ताहों में उत्तरी चीन में बच्चों में सांस की बीमारी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.

एम्स के मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक विभाग के प्रमुख डॉ. एसके काबरा ने एएनआई को बताया, "अब चीन से आ रही रिपोर्टों से पता चलता है कि अक्टूबर और नवंबर के बीच श्वसन संक्रमण में अचानक वृद्धि हुई है और उन्होंने देखा है कि ये बच्चों में अधिक आम है. माइकोप्लाज्मा देखा गया है. उन्होंने कोई नया या असामान्य वायरस नहीं देखा है. अभी तक कोई संकेत नहीं है कि ये एक नया जीव है और ये कहना मुश्किल है कि क्या ये कोविड जैसी महामारी का कारण बन सकता है. ऐसी संभावना अभी नहीं है."

उन्होंने आगे कहा कि चीन से आ रही रिपोर्ट्स में सर्दी के मौसम में आम वायरस देखे गए हैं.

डॉ. काबरा ने कहा, "अब विशेषज्ञों ने इस पर चर्चा की है और उनके अनुसार, 2-3 चीजें हो सकती हैं, जिसके कारण ये बढ़ा है. सबसे पहले, सर्दियों में वायरस का संक्रमण अधिक होता है और इनमें से मुख्य हैं इन्फ्लूएंजा, एडेनोवायरस और माइकोप्लाज्मा. अब तक चीन में फैल रहे जीवों की रिपोर्ट में वही वायरस दिखाई दे रहे हैं और इसमें कुछ भी नया नहीं है. लोग बहुत चिंतित हैं, क्योंकि महामारी अभी गुजरी है कि क्या कोई नया वायरस आ गया है."

उन्होंने ये भी कहा कि चीन में लगाए गए सख्त लॉकडाउन के कारण सांस की बीमारी के मामले बढ़ सकते हैं.

उन्होंने कहा, "देखिए, चीन में लॉकडाउन बहुत सख्त था. इसे पिछले साल दिसंबर में हटा लिया गया था और तब से, यह वहां पहली सर्दी है. जहां तक ​​हम बच्चों में संक्रमण के बारे में जानते हैं, 5 साल से कम उम्र के हर बच्चे को यह वायरल होता है साल में 3-8 बार संक्रमण होता है और प्रत्येक संक्रमण के साथ, वह इसके प्रति प्रतिरक्षित हो जाता है."

डॉ. काबरा ने कहा, "5 साल की उम्र के बाद संक्रमण की दर कम हो जाती है. इसलिए चीन में जो बच्चे लॉकडाउन के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई है, जिसके कारण वे संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो गए हैं."

उन्होंने दावा किया, "ऐसी परिकल्पना है कि लॉकडाउन के दौरान जिन बच्चों को 2-3 साल में यह संक्रमण नहीं हुआ, उनमें अब यह संक्रमण हो जाएगा. अगर एक बच्चे को हो गया तो 10 और बच्चों को संक्रमित कर देगा, जिससे मामले अचानक बढ़ जाएंगे." उन्होंने लोगों से स्वच्छता अपनाने और सैनिटाइजर का उपयोग करने का आग्रह किया.

डॉक्टर ने कहा, "अगर किसी बच्चे को संक्रमण है, तो उसे ठीक होने तक बाहर न भेजें. आम तौर पर, इन्फ्लूएंजा एक सप्ताह तक रहता है. कोई भी मास्क का उपयोग कर सकता है और सामाजिक दूरी का पालन कर सकता है. सभी को स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए और सैनिटाइज़र का उपयोग करना चाहिए. वह चरण जो चीन अभी इसका सामना कर रहा है, हम पिछले साल ही इसका सामना कर चुके हैं, इसलिए कोई समस्या नहीं है."

उन्होंने कहा कि हम अब इस बारे में पहले से अधिक जानकार हैं कि किसी महामारी का प्रबंधन कैसे किया जाता है. मंत्रालय ने डॉक्टरों से कहा है कि अगर ऐसे मामले आ रहे हैं तो वे इसकी जांच करें. अगर कोई असामान्यता दिखे तो उन्हें सूचित करें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके.



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Sunday, 26 November 2023

नागरिकों को अदालतों का दरवाजा खटखटाने से नहीं डरना चाहिए: CJI चंद्रचूड़

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ‘लोक अदालत' के तौर पर अपनी भूमिका निभाई है और नागरिकों को अदालतों का दरवाजा खटखटाने से नहीं डरना चाहिए, या इसे अंतिम उपाय के रूप में नहीं देखना चाहिए. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘जिस तरह संविधान हमें स्थापित लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं के माध्यम से राजनीतिक मतभेदों को हल करने की अनुमति देता है, अदालती प्रणाली स्थापित सिद्धांतों और प्रक्रियाओं के माध्यम से कई असहमतियों को सुलझाने में मदद करती है.

प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत में ‘संविधान दिवस' समारोह के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘‘इस तरह, देश की हर अदालत में हर मामला संवैधानिक शासन का विस्तार है.'' राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण दिया. इस समारोह में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. प्रधान न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा, 'पिछले सात दशकों में, भारत के उच्चतम न्यायालय ने लोक अदालत के रूप में काम किया है. हजारों नागरिकों ने इस विश्वास के साथ इसके दरवाजे खटखटाये हैं कि उन्हें इस संस्था के माध्यम से न्याय मिलेगा.'

उन्होंने कहा कि नागरिक अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा, गैर-कानूनी गिरफ्तारियों के खिलाफ जवाबदेही, बंधुआ मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, आदिवासियों द्वारा अपनी भूमि की रक्षा करने की मांग, हाथ से मैला उठाने जैसी सामाजिक बुराइयों की रोकथाम और स्वच्छ हवा पाने के लिए हस्तक्षेप की उम्मीद के साथ अदालत पहुंचते हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'ये मामले अदालत के लिए सिर्फ उद्धरण या आंकड़े नहीं हैं. ये मामले शीर्ष अदालत से लोगों की अपेक्षाओं के साथ-साथ नागरिकों को न्याय देने को लेकर अदालत की अपनी प्रतिबद्धता से मेल खाते हैं.'

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत शायद दुनिया की एकमात्र अदालत है, जहां कोई भी नागरिक सीजेआई को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के संवैधानिक तंत्र को गति दे सकता है. उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपने निर्णयों के माध्यम से न्याय सुनिश्चित करने के अलावा शीर्ष अदालत यह सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास कर रही है कि उसकी प्रशासनिक प्रक्रियाएं नागरिक केंद्रित हों, ताकि लोगों को अदालतों के कामकाज के साथ जुड़ाव महसूस हो.

उन्होंने कहा, 'लोगों को अदालतों का दरवाजा खटखटाने से डरना नहीं चाहिए या इसे अंतिम उपाय के रूप में नहीं देखना चाहिए. मैं आशा करता हूं कि हमारे प्रयासों से, हर वर्ग, जाति और पंथ के नागरिक हमारी न्यायिक प्रणाली पर भरोसा कर सकते हैं और इसे अधिकारों के इस्तेमाल के लिए निष्पक्ष और प्रभावी मंच के रूप में देख सकते हैं.' न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालतें अब अपनी कार्यवाही की ‘लाइव स्ट्रीमिंग' (सीधा प्रसारण) कर रही हैं और यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि नागरिकों को पता चले कि अदालत कक्षों के अंदर क्या हो रहा है.

उन्होंने कहा, 'अदालतों की कार्यवाही के बारे में लगातार मीडिया रिपोर्टिंग अदालत कक्षों के कामकाज में जनता की भागीदारी को इंगित करती है.' उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने कृत्रिम मेधा (एआई) और प्रौद्योगिकी की मदद से अपने फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने का भी निर्णय लिया है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'शीर्ष अदालत ने अपनी पहली बैठक की तारीख से 25 नवंबर, 2023 तक 36,068 फैसले अंग्रेजी में दिए हैं, लेकिन हमारी जिला अदालतों में कार्यवाही अंग्रेजी में नहीं की जाती है.'

सीजेआई ने कहा कि ये सभी फैसले ई-एससीआर प्लेटफॉर्म पर मुफ्त में उपलब्ध हैं. इस मंच की शुरूआत इस साल जनवरी में की गई थी. उन्होंने कहा, 'आज, हम हिंदी में ई-एससीआर की शुरुआत कर रहे हैं, क्योंकि 21,388 फैसलों का हिंदी में अनुवाद किया गया है, जांचा गया है और ई-एससीआर पोर्टल पर अपलोड किया गया है.' उन्होंने कहा, इसके अलावा, शनिवार शाम तक 9,276 फैसलों का पंजाबी, तमिल, गुजराती, मराठी, मलयालम, बंगाली और उर्दू सहित अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है.

प्रौद्योगिकी और न्यायपालिका द्वारा इसके इस्तेमाल के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने अदालतों में ‘ई-सेवा केंद्र' शुरू करने किये जाने का भी उल्लेख किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक न्यायिक प्रक्रिया में पीछे न छूट जाए. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पिछले साल संविधान दिवस पर राष्ट्रपति ने जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों और समाज में हाशिये पर मौजूद लोगों को जेल में रखे जाने पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा, '...मैं आपको (राष्ट्रपति को) आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं कि कानूनी प्रक्रियाएं आसान और सरल हो जाएं, ताकि नागरिक अनावश्यक रूप से जेलों में बंद न रहें.'

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘फास्ट एंड सिक्योर्ड ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स' (फास्टर) ऐप्लिकेशन का संस्करण 2.0 रविवार को शुरू किया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति की रिहाई का न्यायिक आदेश तुरंत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जेल अधिकारियों, जिला अदालतों और उच्च न्यायालयों को हस्तांतरित किया जाए, ताकि संबंधित व्यक्ति को समय पर रिहा किया जा सके.

सीजेआई ने कहा कि जब देश पहले से ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस मनाता है, फिर अलग संविधान दिवस क्यों? उन्होंने आगे कहा, 'इसका जवाब उन देशों की तुलना में हमारे लोकतंत्र की सफलता में निहित है, जिन्होंने भारत के साथ ही उपनिवेशवाद से आजादी हासिल की थी.' उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल अपने संविधान को कायम रखा, बल्कि लोगों ने इसे अपनी आकांक्षाओं के प्रतीक के रूप में आत्मसात किया. सीजेआई ने कहा, ‘‘संविधान दिवस का जश्न एक स्वतंत्र राष्ट्र के सामाजिक जीवन का प्रतीक है.''

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हिंदू समाज को मजबूत करने के संकल्प के साथ विश्व हिंदू सम्मेलन संपन्न, मोहन भागवत ने लिया हिस्सा

हिंदू संगठनों के बीच एकता को मजबूत करने और सनातन धर्म के खिलाफ 'भावनाओं के आधार पर फैलायी गई नफरत' एवं पूर्वाग्रहों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के संकल्प के साथ तीन दिवसीय विश्व हिंदू सम्मेलन रविवार को यहां संपन्न हो गया. सम्मेलन के दौरान समानांतर सत्रों में, प्रतिनिधियों ने विदेशों में चुने गए हिंदू जन प्रतिनिधियों को संघों के माध्यम से संगठित करके और उनके बीच संवाद बढ़ाकर उनके खिलाफ राजनीतिक विमर्श से लड़ने के लिए समर्थन करने का भी संकल्प लिया.

आयोजकों ने घोषणा की कि अगला विश्व हिंदू सम्मेलन (कांग्रेस) 2026 में मुंबई में आयोजित किया जाएगा. प्रतिनिधियों को भुरभरे और सख्त लड्डू वितरित कर हिंदू एकता का संदेश दिया गया. प्रतिनिधियों को वितरित किये गए लड्डू के डिब्बे पर संदेश लिखा था, ‘‘दुर्भाग्य से, वर्तमान में हिंदू समाज एक भुरभुरे लड्डू जैसा है, जिसे आसानी से तोड़ा जा सकता है और फिर आसानी से खाया जा सकता है.''

इसमें कहा गया, ‘‘एक बड़ा सख्त लड्डू मजबूती से बंधा हुआ और एकजुट होता है तथा इसे आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता है. हिंदू समाज को एक बड़े सख्त लड्डू की तरह होना चाहिए, जिसे तोड़ना बहुत मुश्किल हो. तभी यह शत्रु ताकतों से अपनी रक्षा कर पाएगा.'' थाईलैंड की राजधानी में यहां आयोजित किया गया यह सम्मेलन हिंदू संगठनों के बीच एकता को मजबूत करने और सनातन धर्म के खिलाफ 'भावनाओं के आधार पर फैलायी गई नफरत' एवं पूर्वाग्रहों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ.

आयोजकों के अनुसार, 61 देशों के 2,100 से अधिक प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसका उद्घाटन शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने किया था, जबकि आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी देवी ने रविवार को समापन भाषण दिया. आरएसएस प्रमुख ने दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं से लोगों के साथ अपने संबंध मजबूत करने की भावुक अपील की. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म शांति और प्रसन्नता का मार्ग दिखाता है और संपूर्ण मानवता को सभी प्राणियों के अस्तित्व की आत्मा मानता है.

विश्व हिंदू कांग्रेस के संस्थापक स्वामी विज्ञानानंद ने कहा, ‘‘कोविड महामारी के दौरान हिंदुओं से संपर्क करने की प्रक्रिया धीमी हो गई थी. हम अब इस प्रक्रिया को फिर से गति दे रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि मंदिरों की उन जमीन को ईसाई संगठनों के नियंत्रण से वापस पाने पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिनपर कॉलेज और अन्य संस्थानों का निर्माण कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ये मंदिर की जमीन हैं जिनकी पट्टे की अवधि समाप्त हो चुकी है. ये हमारी वैध जमीन हैं, उन्हें (ईसाई संगठनों को) इसे वापस करना होगा.''

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"हम कहां उड़ रहे हैं..." : हमास द्वारा मुक्त इजरायली बच्‍चे ने हेलीकॉप्‍टर में किया सवाल, देखिए VIDEO

हमास (Hamas) की कैद से शुक्रवार को मुक्त हुए चार बच्चों में नौ साल का ओहद मुंदर भी शामिल है. चार दिवसीय संघर्ष विराम और कैदियों की अदला-बदली के पहले दिन हमास की कैद से 49 दिनों के बाद ओहद को उसकी मां और दादी के साथ रिहा कर दिया गया. इजरायल (Israel) ने आज एक फुटेज जारी किया है, जिसमें ओहद और इजरायल वायु सेना (Israel Air Force) के हेलीकॉप्टर पायलट के बीच "वापस मिली आजादी" के शुरुआती क्षणों के दौरान की बातचीत दिखाई गई है. 

इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने एक्स पर 25 सेकंड का एक वीडियो पोस्‍ट किया है, जिसमें ओहद को पायलट से पूछते सुना जा सकता है कि "हम कहां उड़ रहे हैं." 

महिला पायलट ने कहा, "अब हम अस्पताल के लिए उड़ान भर रहे हैं." ओहद से यह पूछा गया कि क्या वह पहले भी किसी विमान में सफर कर चुका है तो उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है, "सेना वाले विमान में नहीं."

ओहद, उनकी 54 साल की उनकी मां केरेन, और 78 साल की दादी रूथ को मुक्त कर दिया गया है. हालांकि ओहद के दादा 78 साल के अवराहम मुंदर गाजा में कैद हैं. 

हमास द्वारा शुक्रवार को रिहा 13 इजरायली बंधकों में 2 और 4 साल की बहनें और उनकी मां, एक 5 साल की लड़की और उसकी मां के साथ बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल थीं. यह लोग 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान हमास द्वारा बंधक बनाए गए करीब 240 लोगों में शामिल थे. 

इस बीच, हमास ने आज कहा कि उसने 13 और इजरायली बंधकों, थाइलैंड के तीन और रूसी नागरिकता वाले एक व्यक्ति को रेड क्रॉस को सौंप दिया है, जिन्हें गाजा पट्टी में रखा गया था. 

हमास के हमले के जवाब में इजरायल ने शुरू किए थे हमले 

7 अक्टूबर को हमास ने करीब 1200 लोगों की हत्या कर दी थी, उसके बाद से सात हफ्तों की जंग के बाद चार दिवसीय संघर्ष विराम पहला पड़ाव है. हमास के हमले के बाद इजरायल ने हमास को "कुचलने" की कसम खाई है. इसके बाद गाजा पर बमबारी की गई और जमीनी हमले शुरू कर दिए गए. 

इजरायली हमलों में करीब 15 हजार फिलिस्‍तीन‍ियों की मौत 

गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमले में अब तक लगभग 14,800 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और सैकड़ों हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. 

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* गाजा में 14 इजरायली बंधक और तीन विदेशी नागरिक रेड क्रॉस को सौंपे गए : इजरायली सेना
* इजरायल संग सीजफायर समझौते के तहत हमास ने 17 बंधकों के दूसरे ग्रुप को किया रिहा
* Watch: पिता से मिलते ही खुशी से झूम उठा हमास की कैद से छूटा 9 साल का बच्चा



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Saturday, 25 November 2023

सिलक्यारा: ऑगर मशीन फिर अटकी, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने क्रिसमस तक श्रमिकों के निकलने की उम्मीद जताई

उत्तरकाशी/नई दिल्ली: सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल' करने में प्रयुक्त ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने से काम बाधित होने के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किए जाने के बीच शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने उम्मीद जताई कि पिछले 13 दिन से फंसे 41 श्रमिक अगले महीने क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे. शुक्रवार को लगभग पूरे दिन ‘ड्रिलिंग' का काम बाधित रहा, हालांकि समस्या की गंभीरता का पता शनिवार को चला जब सुरंग मामलों के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने संवाददाताओं को बताया कि ऑगर मशीन ‘‘खराब'' हो गई है.

आपदा स्थल पर आस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ डिक्स ने पत्रकारों से कहा, ''ऑगर मशीन का ब्लेड टूट गया है, क्षतिग्रस्त हो गया है.'' श्रमिकों के सुरक्षित होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, '' ऑगर मशीन को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए हम अपने काम करने के तरीके पर पुनर्विचार कर रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि सभी 41 लोग लौटेंगे.''

जब डिक्स से इस संबंध में समयसीमा बताने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा वादा किया है कि वे क्रिसमस तक घर आ जाएंगे.'' दरअसल, बहुएजेंसियों के बचाव अभियान के 14वें दिन अधिकारियों ने दो विकल्पों पर ध्यान केंद्रित किया - मलबे के शेष 10 या 12 मीटर हिस्से में हाथ से ‘ड्रिलिंग' या ऊपर की ओर से 86 मीटर नीचे ‘ड्रिलिंग'.

वहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘‘इस अभियान में लंबा समय लग सकता है.'' हाथ से ‘ड्रिलिंग' (मैनुअल ड्रिलिंग) के तहत श्रमिक बचाव मार्ग के अब तक खोदे गए 47-मीटर हिस्से में प्रवेश कर एक सीमित स्थान पर अल्प अवधि के लिए ‘ड्रिलिंग' करेगा और उसके बाहर आने पर दूसरा इस काम में जुटेगा.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार, निर्धारित निकासी मार्ग में फंसे उपकरण को बाहर लाते ही यह (कार्य) शुरू हो सकता है. लंबवत ‘ड्रिलिंग' के लिए भारी उपकरणों को शनिवार को 1.5 किलोमीटर की पहाड़ी सड़क पर ले जाया गया. इस मार्ग को सीमा सड़क संगठन द्वारा कुछ ही दिनों में तैयार किया गया है.

हसनैन ने कहा यह प्रक्रिया ‘‘अगले 24 से 36 घंटे'' में शुरू हो सकती है. उन्होंने संकेत दिया कि अब जिन दो मुख्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उनमें से यह सबसे तेज विकल्प है. अब तक मलबे में 46.9 मीटर का क्षैतिज मार्ग बनाया गया है.सुरंग के ढहे हिस्से की लंबाई करीब 60 मीटर है.

धामी ने संवाददाताओं को बताया कि ब्लेड के लगभग 20 हिस्से को काट दिया गया है और शेष काम पूरा करने के लिए हैदराबाद से एक प्लाज्मा कटर हवाई मार्ग से लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर ‘मैन्युअल ड्रिलिंग' शुरू हो जाएगी.

धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राज्य में शुरू किए गए बचाव अभियान के बारे में हर रोज अद्यतन जानकारी ले रहे हैं. ऑगर मशीन से काम बाधित होने के इस घटनाक्रम ने फंसे हुए श्रमिकों के परिजनों की चिंता बढ़ा दी है. आपदा स्थल के आस-पास ठहरे हुए परिजन बचाव कार्यकर्ताओं द्वारा स्थापित की गई संचार प्रणाली के जरिये अकसर श्रमिकों से बात करते करते हैं.

श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप के जरिए खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें भेजी जा रही हैं. पाइप का उपयोग करके एक संचार प्रणाली स्थापित की गई है और श्रमिकों के रिश्तेदारों ने उनसे बात की है. इस पाइप के माध्यम से एक एंडोस्कोपिक कैमरा भी सुरंग में डाला गया है, जिससे बचावकर्मी अंदर की स्थिति देख पा रहे हैं.

बिहार के बांका निवासी देवेंद्र किस्कू का भाई वीरेंद्र किस्कू सुरंग में फंसे श्रमिकों में शामिल है. देवेंद्र ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘अधिकारी पिछले दो दिन से हमें भरोसा दिला रहे हैं कि उन्हें (फंसे हुए श्रमिकों को) जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन कुछ ना कुछ ऐसा हो जाता है, जिससे प्रक्रिया में देर हो जाती है.''

चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे. तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं.



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बंधकों के दूसरे बैच को रेड क्रॉस को सौंपने का काम शुरू: रिपोर्ट

यरूशलम: इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) 7 अक्टूबर से जंग(Israel Palestine Conflict) लड़ रहे हैं. लेकिन अब इस युद्ध में अब नया मोड़ आया है. इजरायल और हमास के बीच सीजफायर समझौता हुआ है. हमास के एक सूत्र ने शनिवार को एएफपी को बताया कि इजराइल के साथ संघर्ष विराम समझौते के तहत रिहा किए जाने वाले बंधकों के दूसरे समूह को सौंपना शुरू हो गया है.

हमास की सशस्त्र शाखा का जिक्र करते हुए सूत्र ने कहा, "एजेदीन अल-कसम ब्रिगेड ने (दक्षिणी शहर) खान यूनिस में इजरायली कैदियों के दूसरे समूह को रेड क्रॉस को सौंपना शुरू कर दिया है. इजरायली मीडिया के अनुसार, मिस्र के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल अब राफा क्रॉसिंग पर पहुंच गया है, जहां वे हमास के सैन्य प्रमुख याह्या सिनवार के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं. वे अपहृत क्रॉसिंग क्षेत्र में शारीरिक दबाव डालने आए थे, क्योंकि हैंडओवर शुरू होने में 4.5 घंटे से अधिक समय बीत चुका था.

49 दिन से जारी था इजरायल-हमास युद्ध 
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के 49 दिन बाद चार दिन के लिए युद्धविराम की घोषणा की गई है, जिसके पहले दिन शुक्रवार को हमास ने 24 बंधकों को रिहा किया. इनमें से 13 इजरायली, थाईलैंड के 10 और फिलीपींस के का एक नागरिक शामिल था. बदले में इजरायल ने 39 फिलिस्‍तीनी कैदियों को रिहा किया था.

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हमास ने बंधकों के दूसरे समूह की रिहाई में की देरी, इजरायल ने आधी रात तक का दिया वक्‍त

इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच पिछले करीब डेढ महीने से जारी जंग में शुक्रवार से चार दिन के लिए युद्धविराम हुआ था, लेकिन दूसरे ही दिन युद्धविराम को लेकर आशंका जताई जाने लगी है. हमास की सशस्त्र शाखा ने कहा है कि उसने शनिवार को बंधकों की रिहाई के निर्धारित दूसरे दौर में तब तक देरी करने का फैसला किया है जब तक कि इजरायल सहायता ट्रकों को उत्तरी गाजा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे देता है. हमास की अल-कसम ब्रिगेड ने कहा कि अगर इजरायल ने फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए सहमत शर्तों का पालन नहीं किया तो बंधकों की रिहाई में देरी होगी. 

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इजरायली मीडिया ने शनिवार को एक अनाम सुरक्षा सूत्र के हवाले से कहा है कि आधी रात तक बंधकों को रिहा नहीं किया जाता तो सेना गाजा में अपना हमला फिर से शुरू कर देगी. यह टिप्पणी चैनल 13 न्यूज, एन12 न्यूज, वाईनेट न्यूज वेबसाइट और अन्य द्वारा प्रसारित की गई थी. 

कतर की मध्यस्थता में इजराइल और हमास के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के तहत चार दिनों में 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले कुल 50 बंधकों की अदला-बदली की जानी है. 

गाजा पट्टी में रखे गए 14 बंधकों को शनिवार को संघर्ष विराम समझौते के दूसरे दिन रिहा किया जाना है, वहीं इजरायल को समझौते के मुताबिक, 42 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना है. 

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच पिछले 49 दिन से जारी जंग के बाद चार दिन के लिए युद्धविराम किया गया है. युद्धविराम के पहले दिन शुक्रवार को हमास ने 24 बंधकों को रिहा किया था, जिसमें से 13 इजरायल, थाइलैंड के 10 और फिलीपींस का एक नागरिक शामिल था. इसके बदले में इजरायल की ओर से 39 फिलिस्‍तीनी कैदियों को रिहा किया गया. 

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Friday, 24 November 2023

पिछले 6 सालों में यूपी में 55 लाख लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत मकान मिले हैं: CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में 55 लाख से अधिक वंचित लोगों को राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत मुफ्त आवास सुविधाएं मिली हैं. आदित्यनाथ मार्च 2017 से यूपी के मुख्यमंत्री हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के योगीराज बाबा गंभीरनाथ सभागार में 175 करोड़ रुपये के 116 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए ये टिप्पणी की.

उन्होंने कहा, ‘‘विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को ईज ऑफ लिविंग (जीवन सुगमता) के मानक लक्ष्यों को पूरा करने लिए आवास योजनाओं को सभी बुनियादी सुविधाओं के हिसाब से तैयार करने का निर्देश दिया गया है.''

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति विकास प्राधिकरणों या आवास विकास परिषद से घर खरीदता है, तो उसे आवास, स्कूल, पार्क, स्ट्रीट लाइट, पीने का पानी, स्वास्थ्य देखभाल जैसी बेहतर सुविधाएं मिलती हैं.''

आदित्यनाथ ने नागरिकों से घर खरीदते समय सोच-समझकर निर्णय लेने का आग्रह करते हुए सरकारी विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषदों और सरकार द्वारा अनुमोदित योजनाओं को चुनने की पैरवी की.

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘राज्य में 55 लाख से अधिक गरीब परिवार, जिनके पास कोई आश्रय नहीं था, लखपति बन गए हैं. इन घरों की कीमत न्यूनतम 10 लाख रुपये है.'' उन्होंने कहा कि प्रदेश में पौने तीन करोड़ परिवारों को शौचालय की भी सुविधा प्रदान की गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, आयुष्मान हेल्थ कार्ड, पेंशन से लाभान्वित किया गया है. यह सभी कदम ‘ईज ऑफ लिविंग' के लक्ष्य को प्राप्त करने और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के प्रयास हैं.

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर शहर में हुए विकास और यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि शहर अच्छा लगेगा तो यहां हर व्यक्ति आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘आज से दस-बीस वर्ष पहले लोग गोरखपुर के नाम से डरते थे. आज यहां के रामगढ़ ताल क्षेत्र में फिल्मों की शूटिंग होती है. गोरखपुर में एम्स अपनी सेवा दे रहा है. खाद कारखाना फिर से चल रहा है.''

मुख्यमंत्री ने अब तक शुरू की गयी आवासीय योजनाओं में आवास पाने से वंचित लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि गोरखपुर में सबके आवास का सपना पूरा होगा. उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत नया गोरखपुर विकसित करने के लिए सरकार ने छह हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.



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Thursday, 23 November 2023

कबाड़खाने से आंगन तक: प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता आह्वान ने सरकारी कार्यालयों का बदला रंग रूप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता के आह्वान ने यहां सरकारी कार्यालयों के रंग रूप को बदल दिया है. कबाड़, बेकार फर्नीचर और निर्माण सामग्री से भरे क्षेत्र अवांछित वस्तुओं को हटाए जाने के बाद अब आंगन और कर्मचारी विश्राम स्थलों में विकसित किए गए हैं. उदाहरण के लिए, डाक भवन एनेक्सी भवन में ‘संचारिका कैंटीन' के ऊपर लगभग 1,600 वर्ग फुट जगह अवांछित वस्तुओं से भरी पड़ी थी, लेकिन डाक विभाग ने इस जगह का रंग रूप बदलने का फैसला किया.

डाक सेवा बोर्ड के सचिव अमन शर्मा ने कहा, ‘‘इस तरह सभी फेंकी गई वस्तुओं को हटाने के बाद, एक ‘विश्रांतिका' (स्टाफ लाउंज) बनाया गया.'' शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि ‘विश्रांतिका' में अखबारों/पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए जगह के अलावा टेबल टेनिस, शतरंज, कैरम आदि जैसे खेलों की सुविधाएं हैं. डाक भवन में पुराने और अवांछित वस्तुओं से भरे हुए एक और स्थल को बदला गया और इसे ‘आंगन' के रूप में परिवर्तित किया गया. डाक विभाग के उपमहानिदेशक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी, ‘‘इस आंगन में बहुत सारे पौधे हैं और इसकी दीवारें संस्कृत के श्लोकों से सजी हैं. इस आंगन ने डाक भवन को बेहतर कार्यस्थल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.''

इसी प्रकार, रेल मंत्रालय के आवास रेल भवन ने अपने परिसर में निरंतर स्वच्छता गतिविधियां चलाकर परिसर के एक हिस्से में अत्याधुनिक कार्यालय और गलियारे बनाये हैं. इसके अभिलेख कक्ष का दौरा करने से पता चलता है कि कैसे कार्यालय की हजारों फाइल को बेहतर तरीक से व्यवस्थित किया गया है और इन फाइल पर कोई धूल नहीं थी. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (लोक शिकायत) रत्नेश कुमार झा ने कहा कि विशेष अभियान के दौरान रिकॉर्ड संख्या में 23,672 स्वच्छता अभियान चलाए गए, 11.83 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई गई और कबाड़ का निस्तारण करके 224.95 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया.

रेलवे बोर्ड के सचिव मिलिंद के देउस्कर ने मीडिया को बताया कि रेल मंत्रालय स्वच्छता अभियान पर बहुत सहजता और कुशलता से काम कर रहा है. देउस्कर ने कहा, ‘‘कार्यालय स्थलों का सौंदर्यीकरण किया गया है. अभियान के दौरान स्वच्छ एवं आधुनिक शौचालय बनाये गये हैं. इसके अलावा मंत्रालय ने शिकायत निवारण पर विशेष जोर दिया है. सभी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है.'' संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग (डीओटी) के कार्यालय, संचार भवन में अभिनव पहल की गई है.

डीओटी के उपमहानिदेशक एस. बालचंद्र अय्यर ने कहा, ‘‘हमने संचार भवन के भूमिगत तल में कार्यालय के कर्मचारियों के लिए एक जिम और एक मनोरंजन कक्ष बनाया है. यह विशाल स्थान पहले जीर्ण-शीर्ण फर्नीचर और अन्य पुरानी वस्तुओं से भरा रहता था. हमने इस स्थान को बदल दिया जिसका इस्तेमाल अब हमारे कर्मचारियों के लिए किया जा रहा है.'' केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भी स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया.

(जीएसटी, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर), सीबीआईसी के सदस्य शशांक प्रिय ने कहा कि अभियान का ध्यान स्वच्छता को संस्थागत बनाने पर था. उन्होंने कहा कि कई स्थानों से अवांछित वस्तुओं को हटाया गया.

सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को कम करने के उद्देश्य से बोर्ड द्वारा 966 स्वच्छता अभियान चलाए गए. गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय ने भी अपने कार्यालय परिसर को बदलने के लिए रचनात्मक कदम उठाए हैं. कार्मिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस. डी. शर्मा ने कहा, ‘‘कार्मिक मंत्रालय ने स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. अभिलेख कक्षों से अवांछित फाइल हटा दी गईं है. अब बहुत जगह है और कर्मचारी कम से कम समय में आसानी से फाइल प्राप्त कर सकते हैं.'' स्वच्छता अभियान के लिए नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने कहा कि स्वच्छता गतिविधियां जारी रहेंगी और मंत्रालय/कर्मचारी प्रति सप्ताह तीन घंटे इन गतिविधियों के लिए समर्पित करेंगे.



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Wednesday, 22 November 2023

PM का बयान तथ्यों से परे, ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिये जाते है: सचिन पायलट

टोंक/जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट ने अपने पिता के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए बुधवार रात कहा कि प्रधानमंत्री का बयान तथ्यों से परे है और ऐसे बयान जनता का ध्यान भटकाने के लिए दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पिता जीवन भर एक समर्पित कांग्रेसी रहे.

प्रधानमंत्री ने बुधवार को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राजेश पायलट जी ने एक बार कांग्रेस के इस परिवार को, कांग्रेस की भलाई के लिए चुनौती दी थी. लेकिन यह परिवार ऐसा है कि राजेश जी को तो सजा दी उनके बेटे (सचिन पायलट) को भी सजा देने में पड़े हुए हैं.''

PM मोदी का इशारा उस घटना की ओर था जब दिवंगत राजेश पायलट ने 1997 में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा और इसके बाद पार्टी आलाकमान का समर्थन एक तरह से गंवा दिया था. सचिन पायलट ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मेरे दिवंगत पिता ने 1998 में शरद पवार के साथ मिलकर सीताराम केसरी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था और उस समय सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में नहीं थीं. केसरी ने वह चुनाव जीता और बाद में पवार और मेरे पिता दोनों को कार्य समिति में नामांकित किया; एक स्वस्थ लोकतांत्रिक संगठन और राजनीतिक दल को इसी तरह काम करना चाहिए.''

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मेरा सवाल है, मुझे बहुत कम उम्र में संसद सदस्य बनने का मौका दिया गया और मैंने कई वर्षों तक केंद्र सरकार और राज्य स्तर पर कई जिम्मेदारियां निभाई हैं."कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी को भी उनकी और उनके राजनीतिक भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपनी पार्टी और लोगों की चिंता है और मुझे यकीन है कि वे मेरे भविष्य का अच्छे से ख्याल रखेंगे.''

पायलट ने कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेकर कांग्रेस में शामिल हुए और लंबे समय तक जनता की सेवा की और जीवन भर सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. टोंक निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘दशकों से हमारे सम्बन्ध गांधी परिवार से है. पार्टी के साथ तो है ही और ये रिश्ता दिल का है, ये रिश्ता पुराना है और मुझे लगता है इसमें किसी को बहुत ज्यादा बयान देने की जरुरत नहीं है.''

उन्हों ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भाजपा के अभियान को लोगों और मतदाताओं के बीच लोकप्रियता नहीं मिल रही है, इसलिए वे अब तथ्यात्मक रूप से गलत बयानों पर ध्यान भटकाना चाहते हैं. यह स्पष्ट संकेत है कि भाजपा बैकफुट पर है.''

पायलट ने कहा कि वह कांग्रेस की कार्य समिति में हैं और उन्हें जो जिम्मेदारियां दी गई हैं, उन्होंने उसका निर्वहन किया है और आगे भी करते रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा नेताओं से आग्रह करूंगा कि वे विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करना शुरू करें और राजस्थान में सरकार में रहते हुए अपने प्रदर्शन और अपने रिपोर्ट कार्ड पेश करने पर बहस करें.''

पायलट ने कहा कि ऐसे बयानों से पता चलता है कि भाजपा ‘बैकफुट' पर है क्योंकि भाजपा लगातार अलग-अलग राज्यों में हार रही है और कांग्रेस सरकार बना रही है. पायलट ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में सरकारें बनाईं. पार्टी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है, जहां मतदान पूरा हो चुका है और पार्टी राजस्थान में भी सरकार बनाएगी.''

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उत्तरकाशी हादसा: 67% ड्रिलिंग पूरी, कुछ घंटों में टनल से निकाले जाएंगे मजदूर; 41 बेड का अस्पताल तैयार



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उत्तरकाशी हादसा: 67% ड्रिलिंग पूरी, कुछ घंटों में टनल से निकाले जाएंगे मजदूर; 41 बेड का अस्पताल तैयार

  1. उत्तराखंड पर्यटन विभाग में प्रतिनियुक्त विशेष अधिकारी ने बताया, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम 6 मीटर और आगे बढ़ने में सक्षम हुए हैं. उम्मीद है कि अगले दो घंटों में हम बाकी काम खत्म कर लेंगे. इसके बाद हम मजदूरों तक पहुंच जाएंगे."
  2. ड्रिलिंग पूरी होने के मद्देनदर NDRF की 15 सदस्यीय टीम ने हेलमेट, ऑक्सिजन सिलेंडर, गैस कटर के साथ मोर्चा संभाल लिया है. NDRF की टीम 800 mm की पाइपलाइन के अंदर जाकर मजदूरों को बारी-बारी से निकालेगी. अगर मजदूरों को कमजोरी हुई तो NDRF की टीम ने उन्हें स्केट्स लगी टेंपररी ट्रॉली के जरिए बाहर लाएगी.
  3. NDRF की एक टीम को शाम को टनल में प्रवेश करते देखा गया. विशेषज्ञों सहित 15 डॉक्टरों की एक टीम को साइट पर तैनात किया गया है.
  4.  मजदूरों को बाहर निकालने के बाद 41 एंबुलेंस में चिल्यानीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा. यहां 41 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है. मजदूरों को इस अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जा सकता है.
  5. इस ऑपरेशन को पूरा होने में अभी करीबन 5 से 6 घंटे तक का वक्त और लग सकता है. ये उस स्थिति में होगा जब काम लगातार चलता रहे और आगे कोई अड़चन न आए.
  6. इस बीच मजदूरों को 6 इंच की पाइप से खाना भी पहुंचाया जा रहा है. इस पाइप के जरिए मजदूरों से बात करके उनका मनोबल बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. कुछ मजदूरों ने मोबाइल और चार्जर की मांग की थी. उन्हें ये मुहैया कराया गया है. 
  7. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे. मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायचा लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली.
  8. मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया.
  9. सिलक्यारा टनल हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी. इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए. टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं. चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है. 
  10. उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने के फैसला किया है. इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है. NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट मिलकर सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे.


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Tuesday, 21 November 2023

बाड़मेर सेक्सटोर्शन मामले में ईडी ने कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन को पूछताछ के लिए बुलाया

राजस्थान में बाड़मेर सेक्सटोर्शन रैकेट मामले में ईडी ने कांग्रेस एमएलए मेवाराम जैन को दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया है. ये पूछताछ बुधवार को होनी है. मेवाराम जैन बाड़मेर से 3 बार से कांग्रेस के एमएलए हैं और इस बार फिर से उम्मीदवार हैं.

सेक्सटोर्शन के इस हाई प्रोफाइल रैकेट की ईडी मनी लॉड्रिंग के तहत जांच कर रही है. इस मामले पर विधायक मेवाराम ने कहा था कि उन्हें भी ब्लैकमेल किया जा रहा था.

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि 5 करोड़ से ज्यादा की जबरन वसूली की जा रही थी.

राजस्थान पुलिस ने ये केस रामस्वरूप नाम के एक शख्स की शिकायत पर दर्ज किया था. उस पर कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था.

सूत्रों के मुताबिक हाल ही में सोशल मीडिया पर उनकी कुछ तस्वीरें सामने आने के बाद विधायक ने दावा किया है कि ये एक पुराना मामला है. प्रवर्तन निदेशालय कथित तौर पर मेवाराम जैन सीडी को देखेगा और जांच करेगा कि क्या कुछ लोग उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे थे?
 



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Monday, 20 November 2023

लगातार 3 फ्लॉप देने के बाद सलमान खान के करियर के लिए कैसे संजीवनी बूटी साबित हुई टाइगर 3, इस फॉर्मूले ने उठाई भाईजान की मार्केट

Salman khan :बॉलीवुड के 'दबंग' सलमान खान की टाइगर 3' उनके करियर की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बनने जा रही है. सलमान खान-कैटरीना कैफ की इस फिल्म के पहले दिन के कलेक्शन ने ही बता दिया है कि ये कमाई का नया रिकॉर्ड बनाने जा रही है. करीब 25 सालों से बॉलीवुड पर राज कर रहे सलमान खान ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं. कुछ तो बॉक्स ऑफिस पर ऐसा धमाल मचा चुकी हैं कि उनके आगे आजतक सब नतमस्तक हैं. इस दिवाली उनकी 'टाइगर 3' रिलीज हुई, जिसने पहले दिन ही बता दिया कि वो बड़ी हिट बन सकती है. सलमान खान के करियर में पिछली तीन फ़िल्में 'राधे', 'अंतिम' और 'किसी का भाई किसी की जान' की वजह से जो ठहराव आया था, उसे खत्म कर दिया

टाइगर 3 की धमाकेदार शुरुआत

'टाइगर' सीरीज की तीसरी फिल्म 'टाइगर 3' सलमान खान के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्म बन गई है. इससे पहले दिवाली पर 10 सालों में इतनी बड़ी कोई फिल्म नहीं आई है. पहले दिन 'टाइगर 3' ने बॉक्स ऑफिस से 43 करोड़ रुपए कमाए. इस दशक की दिवाली पर ये सबसे बड़ी हिट बताई जा रही है. 

सलमान की सबसे ज्यादा कलेक्शन वाली फिल्म

फिल्मों की एनालिसिस करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'टाइगर 3' दिवाली पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म तो बनी ही है. ये सलमान की अब तक की सभी फिल्मों में पहले दिन कमाई के मामले में भी नंबर वन है. टाइगर सीरीज की तीनों दिन की पहले दिन की कमाई की बात करें तो 'एक था टाइगर' ने 32.93 करोड़ रुपए, 'टाइगर जिंदा है' ने 34.10 करोड़ और 'टाइगर 3' ने पहले दिन 43 करोड़ रुपए का कारोबार कर कमाल कर दिया है.

सलमान खान की सबसे बड़ी ओपनिंग

'टाइगर 3' सलमान खान के करियर की अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्म बनकर सामने आई है. इसके बाद लिस्ट में उनकी फिल्म 'भारत' है, जिसने पहले दिन 42.30 करोड़ रुपए कमाए थे, जबकि 'प्रेम रतन धन पायो' ने 40.35 करोड़, 'सुल्तान' ने 36.54 करोड़ और 'टाइगर जिंदा है' ने पहले दिन 34.10 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. बता दें कि 'टाइगर 3' में सलमान खान के अलावा कैटरीना कैफ और इमरान हाशमी का अहम रोल में हैं. इस फिल्म में शाहरुख खान का कैमियो रोल भी है.



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बोतल में खिचड़ी... उत्तरकाशी के टनल में 9 दिन से फंसे 41 मजदूरों को पहली बार नसीब हुआ गर्म खाना

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल धंसने (Uttarakhand Tunnel Accident) के बाद 41 मजदूर पिछले 9 दिन से फंसे हुए हैं. रेस्क्यू टीम (Rescue Operation) अभी तक उन्हें निकाल नहीं पाई है. मलबा ज्यादा होने और ऊपर से मिट्टी धंसने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. इस बीच सोमवार (20 नवंबर) को 6 इंच की नई पाइपलाइन से पहली बार इन मजदूरों तक सॉलिड फूड पहुंचाने में कामयाबी मिली. रेस्क्यू टीम ने इसी पाइप से इन मजदूरों को बोतल में गर्म खिचड़ी भेजी. इतने दिनों से सही अच्छे से खाना नहीं मिल पाने से वे कमजोर हो चुके हैं.

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, टनल में फंसे हुए 41 मजदूरों के लिए हेमंत नाम के रसोइये ने खिचड़ी बनाई. उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि मजदूरों के लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है. हेमंत ने ANI को बताया, "हम सिर्फ खिचड़ी ही भेज रहे हैं. हमें केवल वही खाना बनाना है, जिसकी हमें सिफारिश की गई है."

    

12 नवंबर को हुआ था हादसा
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था. चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है. हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी. इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए. 

उत्तरकाशी हादसा: 9 दिन से टनल में फंसे 41 मजदूर, अब मिलेगा सॉलिड फूड; रेस्क्यू के लिए बना नया प्लान

रेस्क्यू के दौरान 16 नवंबर को टनल से और पत्थर गिरे जिसकी वजह से मलबा कुल 70 मीटर तक फैला गया. टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं.

क्या कहते हैं रेस्क्यू ऑपरेशन के इंचार्ज
रेस्क्यू ऑपरेशन के इंचार्ज कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि इस वैकल्पिक लाइफ लाइन के जरिए हम टनल के अंदर खाना, मोबाइल और चार्जर भेज सकते हैं.

खाने में भेज रहे खिचड़ी, केला और सेब
टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों को खाने में क्या-क्या भेजा जा रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की मदद से एक चार्ट तैयार किया गया है. हम चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की सिलेंड्रिकल बोतलों में केले, सेब, खिचड़ी और दलिया भेज रहे हैं.

उत्तराखंड हादसा: टनल में 6 दिन से फंसे हैं मजदूर, जानें आखिर रेस्क्यू ऑपरेशन में क्यों लग रहा वक्त?

इससे पहले दिन में नेशनल हाईवे व इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोर्शन लिमिटेड के डायरेक्टर अंशू मनीष खलको ने कहा कि 6 इंच के पाइप को सफलतापूर्वक अंदर पहुंचाने के बारे में पता चलने के बाद फंसे हुए मजदूरों में खुशी का माहौल था. उनके खाने-पीने की दिक्कत खत्म हो गई. अब रेस्क्यू टीम मजदूरों को निकालने के लिए पूरी ताकत से जाएंगे.

टनल के अंदर एक मजदूर को अस्थमा दूसरे को शुगर
टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं. इनमें से एक मजदूर को अस्थमा और दूसरे मजदूर को शुगर की बीमारी भी है. उन्हें पाइप के जरिए रोजाना दवाई भी भेजी जा रही है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बनाई गई नई रणनीति
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए टीम ने नई रणनीति बनाई है. इसके तहत आठ एजेंसियां- NHIDCL, ONGC, THDCIL, RVNL, BRO, NDRF, SDRF, PWD और ITBP एक साथ 5 तरफ से टनल में ड्रिलिंग करेंगी.

उत्तराखंड टनल हादसा : जब IAF विमान ने पहाड़ों पर बनी संकरी एयरस्ट्रिप पर पहुंचाई 27,500 Kg की रेस्क्यू मशीन



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Sunday, 19 November 2023

मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी, नई सरकार भारत के साथ 100 से अधिक समझौतों की कर रही समीक्षा

मालदीव (Maldives) में 77 भारतीय सैन्यकर्मी (Indian Military Personnel) हैं और यहां की नई सरकार भारत के साथ हस्ताक्षरित 100 से अधिक समझौतों की समीक्षा कर रही है. मालदीव के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. इससे पहले, देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने शनिवार को भारत सरकार से मालदीव से भारतीय सैनिकों को ‘‘वापस'' बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया था. 

राष्ट्रपति कार्यालय में सार्वजनिक नीति मामलों के अवर सचिव मोहम्मद फिरोजुल अब्दुल खलील ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नए प्रशासन के अनुसार मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी हैं. 

मालदीव के मीडिया ने फिरोजुल के हवाले से कहा कि पहले हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 24 भारतीय सैन्यकर्मी हैं, डोर्नियर विमान का प्रबंधन करने के लिए 25 भारतीय हैं, दूसरे हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 26 भारतीय हैं तथा रखरखाव एवं इंजीनियरिंग के लिए दो और सदस्य हैं. 

उन्होंने कहा कि सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव से सभी 77 भारतीयों को भेजने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. 

रणनीतिक रूप से अहम है मालदीव

मालदीव रणनीतिक रूप से अहम हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए थे. 

‘पड़ोसी प्रथम' नीति के बड़े लाभार्थियों में से एक

यह देश भारत की ‘पड़ोसी प्रथम' नीति के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है. मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है. 

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"हम आज और हमेशा आपके साथ खड़े हैं" : भारतीय क्रिकेट टीम की विश्वकप फाइनल में हार के बाद बोले PM मोदी

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच क्रिकेट विश्‍व कप फाइनल (India vs Australia Final) देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी पहुंचे. इस मुकाबले में ऑस्‍ट्रेलिया ने भारत को छह विकेट से हरा दिया. पीएम मोदी ने शानदार जीत पर ऑस्‍ट्रेलिया को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही पीएम मोदी ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाडी ट्रेविस हेड को उल्‍लेखनीय खेल के लिए बधाई दी है. उन्‍होंने भारतीय क्रिकेट टीम के विश्‍व कप हारने के बाद कहा कि हम आज और हमेशा आपके साथ खड़े हैं.

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्‍ट में लिखा, ,"प्रिय टीम इंडिया, विश्व कप के दौरान आपकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प उल्लेखनीय था. आपने बहुत अच्छे जज्बे के साथ खेला और देश को बहुत गौरव दिलाया. हम आज और हमेशा आपके साथ खड़े हैं."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस विश्व कप फाइनल देखने के लिए अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पहुंचे थे. पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मैच देखने के लिए पहुंचे. 

इससे पहले, पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल देखने के लिए अहमदाबाद पहुंचे. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के भारतीय जनता पार्टी प्रमुख सीआर पाटिल ने हवाई अड्डे पहुंचने पर मोदी का स्वागत किया. 

बता दें कि भारतीय टीम फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए 240 रन पर सिमट गई और ऑस्‍ट्रेलिया ने उसे छह विकेट से हरा दिया. मिचेल स्टार्क की अगुआई में गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के बाद ट्रेविस हेड के शतक से ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत को छह विकेट से हराकर लगातार नौवीं जीत के साथ अभूतपूर्व छठा एकदिवसीय विश्व कप जीता और साथ ही करोड़ों भारतीयों का दिल और मेजबान टीम का विश्व चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया. 

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Saturday, 18 November 2023

रूस ने छह सप्ताह बाद किया बड़ा हमला, यूक्रेन में दो लोगों की मौत, सात घायल हो गए

यूक्रेन ने कहा कि शनिवार को ज़ापोरीज़िया के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र पर रूसी रॉकेट हमलों में दो लोग मारे गए और कम से कम सात लोग घायल हो गए. एएफपी के अनुसार, कीव की वायु सेना ने कहा कि रूस ने रात भर में उसके क्षेत्र में 38 ड्रोन उड़ाए. यह पिछले छह सप्ताह से अधिक समय में दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है. यूक्रेनी पुलिस ने कहा कि रूस ने ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के करीब कोमीशुवाखा गांव पर रॉकेट हमले किए, जिस पर रूस ने पिछले साल कब्जा करने का दावा किया था.

यूक्रेनी पुलिस ने एक बयान में कहा, "पहले दो हमलों में चार स्थानीय निवासी घायल हो गए और एक आवासीय इमारत में आग लग गई. जब पुलिस और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे, तो रूसियों ने एक और हमला किया. दो आपातकालीन सेवा कर्मचारी मारे गए, और तीन अन्य घायल हो गए." यूक्रेन की वायु सेना ने शनिवार को कहा कि उसने रूस द्वारा भेजे गए 38 ईरान निर्मित शहीद ड्रोनों में से 29 को मार गिराया. आंकड़ों के मुताबिक, 30 सितंबर के बाद से रूस द्वारा एक रात में किए गए हमले में यह सबसे बड़ा ड्रोन हमला है. 

उधर, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसकी सेनाओं ने यूक्रेन के रूसी-नियंत्रित हिस्सों में 20 यूक्रेनी हवाई ड्रोन और क्रीमिया के साथ लगे प्रायद्वीप से दूर काला सागर में सात नौसैनिक ड्रोनों को मार गिराया है. यूक्रेन ने शनिवार को यह भी कहा कि उसकी सेनाएं "डीनिप्रो नदी के बाएं (पूर्वी) तट पर अपनी स्थिति बनाए रखे हुए हैं."

पिछले नवंबर में रूस द्वारा पश्चिमी तट से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के बाद, यूक्रेनी और रूसी सेनाएं दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में  समुद्री मार्ग के विपरीत किनारों पर एक साल से अधिक समय से जमी हुई हैं. यूक्रेनी सेनाओं ने रूसी-नियंत्रित पक्ष को पार करने और उस पर कब्ज़ा करने के कई प्रयास किए हैं. 



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गाजा में मरने वालों की संख्या 12,000 के पार, इनमें 5,000 बच्चे 3,300 महिलाएं : हमास

गाजा की हमास सरकार ने शनिवार को कहा कि 7 अक्टूबर के बाद से फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायली सैनिकों और हमास के बीच लड़ाई में मरने वालों की संख्या 12,300 तक पहुंच गई है. एएफपी के अनुसार, हमास सरकार ने कहा कि मृतकों में 5,000 से अधिक बच्चे, 3,300 महिलाएं हैं और 30,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. हमास सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले कहा था कि वह अब सटीक संख्या नहीं दे सकता क्योंकि तेज लड़ाई के कारण शवों को बरामद नहीं किया जा सका है.

उधर, गाजा के अल शिफा अस्पताल से शनिवार को सैकड़ों लोग पैदल चल दिए. मौके पर मौजूद एएफपी के एक पत्रकार ने लोगों को जाते हुए देखा. अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा कि इजरायली सेना (Israeli army) ने अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया है. इसके बाद अल-शिफा अस्पताल को खाली कर दिया गया.

गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 120 घायल अभी भी अस्पताल में हैं. इसके अलावा समय से पहले जन्मे बच्चे भी हैं जिनकी संख्या अभी ज्ञात नहीं है. उसने कहा कि वह शिशुओं के बारे में रेड क्रॉस के संपर्क में है. अधिकारियों ने कहा कि कुछ चिकित्सा कर्मचारी उन लोगों की देखभाल के लिए रुके हैं जिन्हें अस्पताल से नहीं ले जाया जा सकता है.

 इजरायल की सेना ने निकासी का आदेश देने से इनकार किया है. सेना ने एक बयान में कहा है, "सेना ने शिफा अस्पताल के डायरेक्टर के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है ताकि अतिरिक्त गाजावासी जो अस्पताल में थे, और वहां से निकलना चाहते हैं, उनके लिए वहां से निकलना संभव बनाया जा सके." संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि बुधवार को इजरायली सैनिकों के आने से पहले 2,300 मरीज, कर्मचारी और विस्थापित फिलिस्तीनी अल-शिफा अस्पताल में शरण ले रहे थे.



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तेलंगाना चुनाव : गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा का घोषणापत्र किया जारी, राज्‍य में UCC लागू करने का वादा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि अगर पार्टी 30 नवंबर के विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता में आई तो तेलंगाना (Telangana) में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू की जाएगी. विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यूसीसी पर एक समिति गठित की जाएगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “बनने वाली भाजपा सरकार तेलंगाना में यूसीसी लाने के लिए एक समिति का गठन करेगी जो छह महीने के भीतर समान नागरिक संहिता लागू करेगी.” घोषणापत्र में विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों को समेकित और सुसंगत बनाने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति के गठन का वादा किया गया है. 

घोषणापत्र में कहा गया है कि असंवैधानिक धर्म-आधारित आरक्षण को समाप्त कर दिया जाएगा और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण बढ़ाया जाएगा. 

घोषणा-पत्र में कहा गया कि भाजपा, सत्ता संभालने पर, कालेस्वरम और धरणी घोटालों और मौजूदा बीआरएस सरकार द्वारा की गई अन्य वित्तीय अनियमितताओं सहित भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग नियुक्त करेगी. 

पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का वादा

घोषणापत्र में भाजपा शासित राज्यों के समान पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम करने का भी वादा किया गया है, इसके अलावा उज्ज्वला लाभार्थियों को सालाना चार रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे. 

किसानों को 2,500 रुपये की दी जाएगी सहायता 

घोषणापत्र में कहा गया है कि मौजूदा धरणी, जो बीआरएस सरकार द्वारा लाया गया एक एकीकृत भूमि प्रशासन पोर्टल है, को एक पुख्ता “मी भूमि” प्रणाली से बदल दिया जाएगा. धान पर 3,100 रुपये की पेशकश के अलावा, घोषणापत्र में छोटे और सीमांत किसानों को बीज और उर्वरक खरीदने में सक्षम बनाने के लिए ‘इनपुट' सहायता के रूप में 2,500 रुपये प्रदान करने का वादा किया गया है. 

छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप का वादा 

कॉलेज की छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप दिए जाएंगे और जन्म के समय लड़कियों को 2 लाख रुपये की सावधि जमा दी जाएगी, जिसे 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद भुनाया जा सकेगा. 

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Friday, 17 November 2023

PM मोदी, कपिल देव और धोनी की मौजूदगी के बीच एयर शो और रंगारंग कार्यक्रम विश्वकप फाइनल को बनाएंगे खास

कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने 1983 में जब विश्व कप का खिताब जीता था, तब टीम के खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार देने के लिए क्रिकेट की प्रशंसक लता मंगेशकर को कॉन्सर्ट करना पड़ा था. महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम 2011 में जब दूसरी बार विश्व चैम्पियन बनीं, तब तक बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) अरब रुपये का मलिक बन चुका था. इन 28 सालों में क्रिकेट महज खेल से एक उद्योग बन गया था. इसके 12 साल के बाद रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम रविवार को अहमदाबाद के मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उतरेगी.

क्रिकेट बना देश के लिए 'सॉफ्ट पावर'
इन 12 वर्षों के दौरान क्रिकेट देश के लिए 'सॉफ्ट पावर' बन गया है. 'सॉफ्ट पावर' किसी देश के अपने भू-राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए खेल और संस्कृति के उपयोग को दर्शाता है. क्रिकेट भारत को न केवल खेल समुदाय में बल्कि बड़े संदर्भ में सामाजिक-राजनीतिक रूप से भी अपनी ताकत दिखाने का मौका देता है. रविवार को फाइनल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति, भारतीय वायु सेना का एक एयर-शो, दो पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान कपिल और धोनी दर्शक दीर्घा में मौजूद रहेंगे, जिससे मुकाबले की भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इन सबके बीच खेल, मनोरंजन और राजनीति की दुनिया से कई नामचीन हस्तियां भी वहां मौजूद होंगी. बॉलीवुड संगीत निर्देशक प्रीतम, गायिका जोनिता गांधी और कोक स्टूडियो के गुजराती गायक आदित्य गढ़वी सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा होंगे.

टॉस से पहले और पारी के बीच में होने वाले कार्यक्रम में मुंबई के 500 कलाकार बॉलीवुड गानों पर थिरकेंगे. ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए और दुनिया भर में टीवी के बड़े दर्शकों के लिए ये क्रिकेट मैच भारत के ‘सॉफ्ट पावर' को दर्शाएगा. स्टेडियम के अंदर लगभग 1.30 लाख दर्शक मौजूद होंगे, जबकि लगभग एक अरब लोग टेलीविजन या ऑनलाइन माध्यम से मैच देखेंगे, तो उन्हें भारतीय टीम के लिए खिताब से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा.

भारत के हर मैच की तरह इस मुकाबले में भी मैदान नीले रंग की जर्सी पहने प्रशंसकों से भरा होगा. स्टेडियम के बाहर टीम के नकली पोशाक का उद्योग भी चरम पर होगा. जहां प्रशंसकों में 18 नंबर (विराट कोहली) और 45 नंबर (रोहित शर्मा) की संख्या वाली जर्सी खरीदने की होड़ होगी. ये मुकाबला हर मामले में लोगों के लिए यादगार होगा, लेकिन ये देखना होगा कि रोहित शर्मा की अगुवाई में भारत चैम्पियन बनता है या नहीं.



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Thursday, 16 November 2023

पंजाब में संदिग्ध ड्रग ओवरडोज से दो भाइयों की मौत, कांग्रेस-BJP ने CM भगवंत मान पर साधा निशाना

ड्रग ओवरडोज के एक संदिग्ध मामले में, 26 और 25 साल की उम्र के दो भाई गुरुवार को पंजाब के फाजिल्का जिले में अपने गांव में एक वाटर चैनल के पास मृत पाए गए. यह घटना उस दिन हुई जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लुधियाना में नशे के खिलाफ सबसे बड़ी साइकिल रैली में हिस्सा ले रहे थे.

पड़ोसियों ने बताया कि दोनों भाइयों के शव तेलुपुरा गांव में उनके घर से लगभग एक किलोमीटर दूर पाए गए, उन्होंने कहा कि वे लोग लंबे समय से ड्रग्स लेते थे, जो उनकी मौत का कारण हो सकता है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लुधियाना में नशे के खिलाफ साइकिल रैली कर युवाओं को संदेश देने की कोशिश कर रहे थे मगर इस हादसे ने इस रैली पर राजनीति तेज कर दी है. भाजपा ने भगवंत मान की रैली को एक जनसंपर्क नौटंकी बताया है. पिछले महीने भी मान ने नशा उन्मूलन के लिए स्वर्ण मंदिर में प्रार्थना की थी.

वहीं कांग्रेस विधायक संदीप जाखड़ ने एक्स पर इन दोनों लड़कों के शवों के वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "कितनी और मौतें होंगी तो हम राजनीति को एक तरफ रखकर एक साथ बैठेंगे और समाधान पर ईमानदारी से काम करेंगे. मेरे पड़ोसी गांव तेलूपुरा के दो और सगे भाई सुशील और राहुल की आज सुबह ड्रग ओवरडोज से मौत हो गई."



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इजरायल-हमास जंग : युद्ध में क्या अस्पतालों को बनाया जा सकता है मिलिट्री टारगेट? क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून

इजरायल और फिलिस्तीनी (Israel Palestine Conflict) सगंठन हमास (Hamas) के बीच 40 दिनों से जंग चल रही है. हमास (Hamas) ने 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे थे. इस दौरान 1200 लोगों की जान चली गई थी. हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसपैठ कर लोगों का कत्लेआम भी किया था. इसके बाद से इजरायल गाजा पट्टी (Gaza Strip) पर हमास से आर या पार की लड़ाई लड़ रहा है. इजरायल गाजा पर जल, जमीन और हवा यानी हर तरफ से हमले कर रहा है. इजरायल गाजा के अस्पतालों को भी निशाना बना रहा है. खासतौर पर गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा मेडिकल कॉम्प्लेक्स में इजरायली सेना ने स्पेशल ऑपरेशन चलाया. 

इजरायल इस अस्पताल के नीचे हमास का कमांड सेंटर होने का दावा करता है. इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या जंग के दौरान किसी देश की सेना दूसरे देश के अस्पतालों को टारगेट कर सकती हैं? आइए जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहता है:-

गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में टैंक लेकर घुसी इजरायली सेना, अंदर फंसे 2300 लोग; हमास से सरेंडर करने को कहा

जिनेवा कन्वेंशन (The Geneva Conventions)
1949 के जिनेवा कन्वेंशन के तहत स्कूल, अस्पताल और धर्मस्थल जैसे कुछ स्थानों को युद्ध क्षेत्र के लिहाज से सुरक्षित घोषित किया गया है. जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक, अस्पताल जैसी जगह पर कोई भी दुश्मन पक्ष हमला नहीं कर सकता है. न ही दबाव देकर इन जगहों को खाली कराया जा सकता है. हालांकि, जिनेवा कन्वेंशन में जिक्र किया गया है कि अगर कोई दुश्मन देश गलत तरीके से अस्पतालों, स्कूलों या धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रहा है, तो उस केस में ये संस्थाएं संरक्षण खो सकती हैं.

साउथ-ईस्ट फ्रांस के ल्योन-3 यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल ह्यूमैनेटेरियन लॉ के एक्सपर्ट मैथिल्डे फिलिप-गे के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अपनाए गए जिनेवा कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का मूल हैं. खास तौर पर नागरिक अस्पतालों के लिए सुरक्षात्मक रूप में इसकी बहुत अहमियत है.

"16 और उससे ज्यादा उम्र के सभी..." : इजरायली सेना की छापेमारी के वक्त गाजा अस्पताल का भयावह मंजर

वॉर क्राइम  (War Crime)
इजरायली सेना के अस्पतालों के बाहर टैंक तैनात करना और कैंपस में घुसकर सर्च ऑपरेशन चलाने को कई अतंरराष्ट्रीय देश 'वॉर क्राइम' भी बता रहे हैं. हम इसे भी समझने की कोशिश करते हैं. जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक, युद्ध क्षेत्र में कुछ ऐसे काम है, जिसे वॉर क्राइम कहा जाता है. मसलन- युद्धबंदियों के इलाज में रुकावट डालना, नागरिकों को टारगेट करना, घायलों को इलाज करवाने से रोकना. इसमें से कुछ वॉर क्राइम हमास ने किए हैं. हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर बेगुनाह नागरिकों को मार डाला. इसके अलावा इजरायल का गाजा में दबाव डालकर अस्पतालों को खाली करने पर मजबूर करना भी हमास के वॉर क्राइम में गिना जाएगा.

जंग के दौरान अस्पतालों को लेकर क्या है अंतरराष्ट्रीय कानून?
-साल 1949 में जिन चार कंवेंशन पर सहमति बनी थी. इनमें यह तय किया गया कि युद्धकाल में नागरिकों, घायलों और कैदियों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए. नियम के अनुसार युद्ध के दौरान हत्या, यातना, बंधक बनाने और अपमानजनक व्यवहार करने पर प्रतिबंध है और दूसरे पक्ष के बीमारों और घायलों का इलाज करने के लिए अगर सेना की जरूरत है, तो उन्हें ये देना जरूरी है.

-भले ही जंग के दौरान दुश्मन देश अस्पताल का इस्तेमाल हानिकारक काम के लिए करते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दूसरे पक्ष को "दो दिनों तक बमबारी करने और इसे पूरी तरह से नष्ट करने का अधिकार नहीं है". दूसरे पक्ष को अपनी प्रतिक्रिया के बारे में पहले से चेतावनी देनी चाहिए. मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एग्जिट प्रॉसेस लागू किया जाना चाहिए.

हमास की सुरंगों की खोज के बीच गाजा के अल शिफा अस्पताल में इजरायल के बुलडोजर

- ऐसे अस्पतालों के स्टाफ और सभी मरीजों को वैकल्पिक रूप से अस्पताल के एक हिस्से में शिफ्ट होने को का जा सकता है. लेकिन साइट के खिलाफ किसी भी आर्मी ऑपरेशन के दौरान मरीज़ों की देखभाल के लिए डॉक्टर होने चाहिए.

क्या इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय नियम तोड़े हैं?
-जिनेवा स्थित रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने कहा है कि हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने का निर्देश देना, पूर्ण घेराबंदी के साथ उन्हें भोजन, पानी और बिजली से वंचित करना, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुकूल नहीं है.
-हालांकि, इजरायली सेना का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करती है. इसलिए सिर्फ वैध सैन्य ठिकानों पर ही हमला करती है, क्योंकि वह आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहती है.

सीरिया, यमन और यूक्रेन में भी हुए वॉर क्राइम
सीरिया और यमन से लेकर अफगानिस्तान और यूक्रेन तक हाल के संघर्षों में अस्पतालों को बार-बार निशाना बनाया गया है. मार्च 2022 में, दक्षिणी यूक्रेनी शहर मारियुपोल में एक मैटरनिटी वार्ड और पीडियाट्रिक हॉस्पिटल पर रूसी हवाई हमले में एक प्रेग्नेंट महिला समेत पांच लोग मारे गए थे. यूक्रेन ने हमले को लेकर रूस पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया, जबकि रूस ने कहा कि बिल्डिंग यूक्रेन की अज़ोव बटालियन के सदस्यों को बचा रही थी.

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