Monday, 31 July 2023

रांची की सड़कों पर धोनी का जलवा, विंटेज कार ड्राइव करते फिर आए नजर

Dhoni Driving Vintage Car: ये तो हम सभी जानते हैं कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni Viral Video) को गाड़ियों का कितना शौक है. यही वजह है कि उनके पास आज के समय में गाड़ियों का भंडार देखने को मिलता है. सोशल मीडिया पर अक्सर उनके गैराज के फोटो और वीडियो सामने आते रहते हैं, जिनमें एक से बढ़कर एक बाइक और कार की झलक फैंस का दिल जीत लेती है. हाल ही में सोशल मीडिया पर रांची की सड़कों पर दौड़ती एक विंटेज कार का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसे एमएस धोनी ड्राइव करते नजर आ रहे हैं. बीते दिनो इंटरनेट पर महेंद्र सिंह धोनी का फ्लाइट में विंडो सीट पर नैप लेते एक वीडियो सामने आया था, जिसे एक एयर होस्टेस ने चुपके से बनाया था.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर वायरल हो रहे इस वीडियो को जॉन @CricCrazyJohns नाम के अकाउंट से से इसे शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है. 31 जुलाई को शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 18 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं. वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'एम.एस धोनी रांची की सड़कों पर ड्राइवर करते हुए.' एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल एमएस धोनी के एक और वीडियो ने पल भर में ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. इस वीडियो में कैप्टन कूल रांची के सड़कों पर विटेंस कार चलाते स्पॉट हुए हैं. 

यहां देखें वीडियो

यूं तो इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी रोल्स रॉयस रैथ चलाते दिखाई दिए थे, जो कि एक लग्जरी सेडान कार थी. बताया जा रहा है कि, यह मॉडल 1975 से 1980 के बीच डिमांड में था. महज 27 सेकंड के इस वायरल वीडियो में एमएस धोनी 1973 की विंटेज कार कपोंटिएक ट्रांस एम एसडी-455 चलाते नजर आ रहे हैं. इस दौरान लाल रंग की गाड़ी को चलते कैप्टन कूल आंखों पर काला चश्मा पहने दिखाई दिए. वीडियो देख चुके यूजर्स इस पर तरह-तरह के रिएक्शन देते हुए अपना प्यार लुटा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'कलेक्शन हो तो ऐसा.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'इस कार पर दिल आ गया.' तीसरे यूजर ने लिखा, 'कार और ट्रॉफी का सबसे अच्छे कलेक्शन धोनी के पास है.'
 

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सोशल मीडिया पर बेहतरीन कंटेंट के जरिए धूम मचा रहे हैं मोहम्मद शकूर

सोशल मीडिया पर आए दिन कोई न कोई वायरल होता ही रहता है. कई लोग अपनी बेहतरीन कंटेंट के जरिए सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं. देखा जाए तो कई बेहतरीन कंटेंट क्रियटर्स भी हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे सोशल मीडिया आर्टिस्ट के बारे में जिन्होंने मनोरंजन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. Instagram पर इनके 7 लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स हैं.  हम बात कर रहे हैं मोहम्मद शकूर की, जो आपको अनूठे मनोरंजन प्रदान करने के अलावा और ऐसा बहुत कुछ सिखा सकते हैं.

बहुत ही कम समय में सोशल मीडिया की मदद से शकूर ने अपनी पहचान बना ली. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल का नाम अपने पारिवारिक व्यवसाय, ज़म ज़म इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेडिंग के नाम पर रखा है, जिसने अब तक 21.1 मिलियन ग्राहक प्राप्त किए हैं और उनके प्रत्येक वीडियो पर हजारों व्यूज हैं.

दूसरों को खुश करने के लिए ही मोहम्मद शकूर वीडियो बनाते हैं.  अपने वीडियो में वह कॉमेडी और ड्रामा का खूबसूरती से मिश्रण करते हैं. उनके वीडियोज़ देखकर आपका दिन खुशियों से भर जाता है और आप जीवन को एक सकारात्मक नजरिये से देखने का मन बनाते हैं.

मोहम्मद शकूर बताते हैं कि सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसकी मदद से अच्छे संदेश समाज को दिए जा सकते हैं. मेरी कोशिश रहती है कि मैं लोगों के लिए बेहतरीन और सुंदर कंटेंट बनाऊं ताकि समाज में अच्छा संदेश जाए और लोग प्रभावित भी हों.
 



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पत्नी को कर्मचारी दिखाकर 10 साल तक वेतन दिलाता रहा निजी कंपनी का अधिकारी

दिल्ली में आर्थिक अपराध का एक चौंकाने मामला सामने आया है, जिसमें निजी भर्ती कंपनी के एक कर्मचारी ने कथित तौर पर धोखाधड़ी करके अपनी बेरोजगार पत्नी को 10 साल तक काम पर रखा हुआ दिखाया और यह सुनिश्चित किया कि उसके खाते में नियमित रूप से वेतन पहुंचता रहे. इससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.

दिल्ली में स्थित कंपनी को पिछले साल दिसंबर में जब यह आभास हुआ कि रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की गई है, तो उसने आंतरिक जांच की जिसमें अपराध सामने आया. पिछले सप्ताह उसने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की. मामला मैनपावरग्रुप सर्विस प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है, जो विभिन्न कंपनियों को कर्मचारी और भर्ती सेवाएं प्रदान करती है.

पुलिस को दी गई मैनपावरग्रुप की शिकायत के अनुसार राधाबल्लव नाथ ने 2008 में सहायक प्रबंधक (वित्त) के रूप में कंपनी में काम शुरू किया, जिसके बाद उसे पदोन्नति देकर प्रबंधक (वित्त) नियुक्त किया गया. नाथ ने कथित तौर पर कंपनी को धोखा देकर अपनी बेरोजगार पत्नी के लिए आय का नियमित स्रोत तैयार करने की योजना बनाई.

चूंकि कंपनी डेटा गोपनीयता को उच्च प्राथमिकता देती है, इसलिए इसने केवल तीन अधिकारियों - निदेशक (मानव संसाधन), मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) और नाथ को मासिक वेतनमान व प्रतिपूर्ति डेटा तक पहुंच की अनुमति दी थी.

नाथ बाहरी वेतन वेंडर और कंपनी के अन्य विभागों, जैसे मानव संसाधन और वित्त, के बीच एक कड़ी था. वह मासिक भुगतान रजिस्टर तैयार करने के लिए नए भर्ती हुए कर्मचारियों, कंपनी छोड़ चुके लोगों और मौजूदा कर्मचारियों की हाजिरी से संबंधित डेटा वेतन वेंडर को भेजता था। वेंडर मासिक भुगतान रजिस्टर तैयार करके नाथ को भेजता था, जो इसे निदेशक (मानव संसाधन) को भेज देता था.

इसके बाद यह रजिस्टर अंतिम मंजूरी के लिए मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) को भेजा जाता था. सीएचआरओ इसे मंजूरी देता था और इसे निदेशक (मानव संसाधन) को वापस भेज देता था, जो इसे अंतिम वेतन रजिस्टर के रूप में नाथ को भेज देता था. नाथ वेतन जारी करने के लिए अंतिम वेतन रजिस्टर बैंक को भेजने के लिए जिम्मेदार था. कंपनी ने आरोप लगाया है कि नाथ रजिस्टर को बैंक में भेजने से पहले इसमें हेरफेर कर अपनी पत्नी का नाम डाल देता था.

प्राथमिकी में कहा गया है, 'राधाबल्लव नाथ को 11 दिसंबर, 2022 को निलंबित कर दिया गया था और मैनपावरग्रुप द्वारा एक आंतरिक समिति का गठन किया गया था, जिसने 8 दिसंबर, 2022 को टीम की बैठक में सामने आई विसंगति के बारे में पूछताछ के लिए नाथ को बुलाया.”

प्राथमिकी में कहा गया है कि दस्तावेजों से सामना कराने पर नाथ ने स्वीकार किया कि उसने 2012 के बाद से अपनी पत्नी के बैंक खाते में अवैध रूप से 3.6 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए हैं.

नाथ ने यह भी स्वीकार किया कि उसने अपना वेतन बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और पिछले कई वर्षों में अपने खाते में 60 लाख रुपये स्थानांतरित किए, जिससे कंपनी को कुल 4.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.



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Sunday, 30 July 2023

करुणा भाव से कर्तव्य निभाना ही समाज के प्रति सच्ची सेवा : RSS प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि करुणा भाव से कर्तव्य निभाना ही समाज के प्रति सच्ची सेवा है. भागवत ने यहां धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल और एक मंदिर परिसर की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही. संघ प्रमुख ने कहा, ''दुख दूर करने की भावना के साथ और बिना किसी स्वार्थ एवं अहंकार के मानव जाति की सेवा करना दूसरों के प्रति अपने कर्तव्य को समझना है.''

उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य “रोटी, कपड़ा और मकान” की तरह समान रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन सुविधाएं अपर्याप्त हैं और सस्ती तथा सुलभ स्वास्थ्य संरचना समय की मांग है. 

भागवत ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रस्तावित कैंसर अस्पताल से समाज को लाभ होगा क्योंकि यह दुख और कठिनाइयों को दूर करने की वास्तविक भावनाओं के साथ शुरू किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा, “जीवन बचाना ईश्वर की सेवा है और इससे लोगों को आशा मिलती है कि वे अकेले नहीं हैं.” उन्होंने अस्पताल परियोजना के लिए संघ की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. 

भागवत ने कहा कि देश में अच्छी शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. 

उन्होंने कहा, ‘‘जरुरत के बावजूद अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ये सुविधाएं आसान पहुंच के भीतर उपलब्ध होनी चाहिए. मौजूदा समय में कैंसर अस्पताल बहुत जरूरी है.''

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक कैंसर अस्पताल होना जरूरी है, जो सभी के लिए सुलभ और किफायती हो. 

भागवत ने कहा, ‘‘ हमारे देश में हर चीज़ को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है. पवित्रता और चेतना महत्वपूर्ण है. व्यक्ति को उन लोगों से संवाद करना चाहिए जिनकी वह सेवा कर रहा है. उन्हें वह देने का प्रयास करना चाहिए जो बेहतर है.''

इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ठाणे में बनने जा रहे 600 बिस्तरों की सुविधा वाले धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. 

शिंदे ने कहा, ‘‘ कैंसर अस्पताल न केवल ठाणे के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है. इस अस्पताल में टाटा कैंसर अस्पताल के तकनीकी सहयोग से प्रोटीन थेरेपी के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी.''

इस अवसर पर उन्होंने अपने गुरु और शिवसेना नेता दिवंगत आनंद दिघे को याद किया.

उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिवंगत आनंद दिघे की सराहना करते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया जो राजनीति करने से ज्यादा लोगों की सेवा करने में विश्वास रखते थे.

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BJP Vs TMC : बम विस्‍फोट में बच्‍चे के घायल होने के बाद पश्चिम बंगाल में बयानबाजी तेज

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रविवार को एक देसी बम विस्फोट में नौ साल का एक लड़का घायल हो गया. विपक्षी भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक-दूसरे पर विस्फोटक जमा करने का आरोप लगाया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कक्षा तीन के छात्र यूसुफ मंडल को उस समय हाथ में गंभीर चोटें आईं, जब उसने अपने बशीरहाट शहर के घर के पास एक खेत में पड़े एक देसी बम को गेंद समझ लिया. वह उससे खेलने लगा तभी विस्फोट हो गया. 

लड़के को पहले बशीरहाट के एक अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर होने पर उसे कोलकाता के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया. 

पुलिस ने बाद में पास में स्थित एक खाली पड़े शेड से एक और देसी बम बरामद किया. हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि बशीरहाट की घटना राजनीतिक विरोधियों को आतंकित करने के लिए टीएमसी के गुंडों द्वारा बम जमा करने का नवीनतम उदाहरण है. 

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हालांकि पंचायत चुनाव खत्म हो गए हैं, लेकिन "आतंकवाद का राज कायम है".

राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए उन्‍होंने कहा, "पश्चिम बंगाल बारूद के ढेर पर बैठा है. ऐसी घटनाएं बताती हैं कि टीएमसी का अंत करीब है क्योंकि वह लोगों पर भरोसा नहीं कर सकती और तेजी से हथियारों और विस्फोटकों पर निर्भर हो गई है." 

दूसरी ओर, टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया कि इस घटना ने राज्य में परेशानी खड़ी करने और सत्तारूढ़ दल को बदनाम करने की विपक्षी योजना को उजागर कर दिया है. 

उन्होंने कहा, "विपक्ष ने शांतिपूर्ण बंगाल को बाधित करने के लिए बम और हथियार जमा कर लिए हैं. वे राज्य को खराब छवि दिखाना चाहते हैं और सत्तारूढ़ टीएमसी को शेष भारत में बदनाम करना चाहते हैं."

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"अमित शाह चार दिनों तक मणिपुर में थे, शांति बहाली के लिए हरसंभव कदम उठाया" : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के प्रतिनिधिमंडल पर कटाक्ष किया और पूछा कि वे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "हम पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. मेरा सवाल है कि विपक्ष इससे क्यों भाग रहा है. मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि वे मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा के अनुभव को साझा करने और चर्चा में भाग लें.” उल्‍लेखनीय है कि विपक्षी गठबंधन का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा था, जहां 3 मई के बाद से जातीय संघर्ष और हिंसा देखी जा रही है. 

इसके साथ ही ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस शासन तब विफल साबित हुआ जब मणिपुर में हजारों लोग मारे गए. उस समय न तो इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) और न ही राजीव जी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) ने कोई बयान दिया. वे (विपक्ष) हमसे बयान कैसे मांग रहे हैं?"

उन्होंने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री चार दिनों तक मणिपुर में थे. हमने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव कदम उठाया. विपक्ष को सुर्खियों में बने रहने के लिए अराजकता नहीं फैलानी चाहिए. उसे राजनीति करने के बजाय चर्चा में भाग लेना चाहिए." 

मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी पर बोलते हुए ठाकुर ने कहा, "कृपया बंगाल की स्थिति के बारे में भी जागरूक रहें. आपको बंगाल से चुनाव लड़ना है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या बंगाल में 'सब ठीक है'. उनके पास बंगाल में महिलाओं की दुर्दशा सुनने का समय नहीं है."

इससे पहले, चौधरी ने रविवार को कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों ने मणिपुर में लोगों की दुर्दशा को अनसुना कर दिया है.  

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा, "संसद चल ​​रही है. विपक्ष से अनुरोध है कि वे संसद में आएं, चर्चा में भाग लें, अपने विचार रखें और सच सुनने का भी साहस रखें."

बता दें कि दोनों सदनों के 21 सदस्यीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और कांग्रेस के फूलो देवी नेताम शामिल थे. साथ ही जदयू के राजीव रंजन ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव, डीएमके से कनिमोझी, CPI के संतोष कुमार, माकपा से एए रहीम, राजद के मनोज कुमार झा, सपा के जावेद अली खान, झामुमो की महुआ माझी, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैजल, जेडीयू के अनिल प्रसाद हेगड़े, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, AAP के सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, वीसीके के डी रविकुमार, वीसीके के थिरु थोल थिरुमावलवन और RLD के जयंत सिंह भी शामिल थे.  

गौरतलब है कि 20 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से जुड़े सांसद मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत चर्चा और बयान की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि वह इस पर चर्चा कराने को तैयार है. 

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MP में बिछने लगी चुनावी बिसात, "श्रीमान बंटाधार"- शाह के तंज पर कमलनाथ चुप; दिग्विजय का पलटवार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा के अभियान का शंख फूंका. उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जताया कि वह शाह के दौरे को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं, जबकि राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को 'निर्जीव, निराशाजनक और निकम्मा' तक कह दिया.

शाह के दौरे को लेकर कमलनाथ ने यहां बेहद संक्षिप्त प्रतिक्रिया में संवाददाताओं से कहा,‘‘शाह बड़ी खुशी से (मध्यप्रदेश) आएं. यह उनकी इच्छा है. चुनाव आने वाले हैं. चुनाव के मद्देनजर सब नेता आते-जाते रहते हैं.'' इस बीच, दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले शाह का मैदान में उतरना प्रमाणित करता है कि पिछले 20 साल के दौरान भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने कितनी अक्षमता से राज्य का नेतृत्व किया है.

दिसम्बर 1993 से दिसम्बर 2003 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे सिंह ने कहा,‘‘भाजपा का प्रदेश इतना नेतृत्व निर्जीव, निराशाजनक और निकम्मा है कि (अगले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर) शाह को राज्य में आना पड़ रहा है.'' शाह ने यहां भाजपा के ‘‘विजय संकल्प सम्मेलन'' के दौरान विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा के अभियान का शंख फूंका और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे रिकॉर्ड बहुमत की सरकार बनाने को मैदान में उतर जाएं.

केंद्रीय गृह मंत्री ने सम्मेलन में अपने भाषण में 'श्रीमान बंटाधार' और 'करप्शन नाथ' जैसे संबोधनों का बार-बार इस्तेमाल करके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के चुनाव प्रचार की रणनीति की स्पष्ट झलक भी पेश की. भाजपा ने राज्य में 2003 के विधानसभा चुनाव के दौरान उमा भारती की अगुवाई वाले प्रचार अभियान में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ‘‘श्रीमान बंटाधार'' शब्द का इस्तेमाल किया था, जबकि पिछले महीने अज्ञात लोगों द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर कमलनाथ की तस्वीर के साथ ‘‘करप्शन नाथ'' के संबोधन का उपयोग किया गया था.

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Saturday, 29 July 2023

मध्‍य प्रदेश चुनाव 2023 : भाजपा ने की चुनाव प्रबंधन सम‍िति की घोषणा, CM शिवराज और सिंधिया सहित 21 को बनाया सदस्‍य

मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) को अब ज्‍यादा वक्‍त नहीं रह गया है. राज्‍य में इसी साल चुनाव होने हैं, जिसे लेकर भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है. राज्‍य में अपनी सत्ता बचाने के लिए पार्टी लगातार चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है. भाजपा ने मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रबंधन समिति (Election Management Committee) की घोषणा कर दी है. इस समिति का संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बनाया गया है. वहीं इसके सदस्‍यों में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पार्टी के आला नेताओं को शामिल किया गया है. 

मध्‍य प्रदेश चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति में प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्य में मंत्री नरोत्तम मिश्र और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह सहित कई सदस्य बनाए हैं.  

इसके साथ ही समिति में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी सदस्य बनाया गया है. साथ ही इसमें प्रदेश में मंत्रियों भूपेन्द्र सिंह, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह को भी जगह दी गई है. 

मध्‍य प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति में राज्य बीजेपी के सभी महत्वपूर्ण नेताओं को जगह दी है. साथ ही अलग अलग क्षेत्रों के नेताओं को भी जगह देकर क्षेत्रीय संतुलन को साधा गया है. 

21 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति चुनाव से जुड़े मुद्दों और रणनीति पर गौर करेगी. चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव समेत पांच अन्य नेता भी समिति में आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं. 

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सीबीआई ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक नया केस दर्ज किया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड में एक लड़की के लापता होने के मामले में नई प्राथमिकी दर्ज की है, जिसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साल 2015 में उसके माता-पिता के पास भेजने की जानकारी दी गई थी. सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लड़की के 2015 में अपने माता-पिता से मिलने का जिक्र केवल कागजी है, लेकिन वह अब भी लापता है.

प्राथमिकी में कहा गया, "मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग एक नाबालिग लड़की को सीतामढ़ी की बाल कल्याण समिति के 10 नवंबर 2015 के आदेश का अनुपालन की पृष्ठभूमि में उसी दिन उसके पिता को सौंपने का जिक्र है."

एजेंसी ने बताया कि जब उसने मामले की गहराई से जांच की तो पाया कि जिस व्यक्ति ने बालिका का पिता होने का दावा किया था उसका और उसकी पत्नी का मतदाता पहचान पत्र फर्जी है.

सीबीआई ने आरोप लगाया, "जांच से इस बात का भी खुलासा हुआ कि लड़की के कथित पिता एवं माता की पहचान करने वाला नथुनी मुखिया भी काल्पनिक व्यक्ति है और इस नाम का कोई व्यक्ति कथित गांव का मुखिया नहीं रहा है. इतना ही नहीं, यह 10 नवंबर 2015 के रिलीज ऑर्डर से भी स्पष्ट होता है कि इस आदेश पर सीतामढ़ी की बाल कल्याण समिति की तत्कालीन अध्यक्ष मानसी समादर और सदस्य रेणू कुमारी सिंह के हस्ताक्षर भी नहीं है. बच्ची को सौंपने का आदेश बाद में फर्जी पाया गया."

इस रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार ने इस साल मार्च में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी, जिसने अब प्राथमिकी दर्ज की है.

बालिका आश्रय गृह मामले में दिल्ली की अदालत ने फरवरी 2020 को ठाकुर को 'अंतिम सांस तक सश्रम कैद' की सजा सुनाई और 32.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण का खुलासा 26 मई 2018 को तब हुआ जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने अपनी रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी.

मुजफ्फरपुर का बालिका आश्रय गृह 2018 में इसमें रहने वाली लड़कियों की कथित यौन उत्पीड़न का खुलासा होने के बाद चर्चा में आया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. ठाकुर का गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) उक्त बालिका गृह चलाता था.



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Friday, 28 July 2023

कटिहार में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलियों से नहीं हुई मौत : अधिकारी

बिहार के कटिहार जिले में प्रदर्शन के दौरान हुई दो लोगों की मौत पुलिस की गोलियों से नहीं हुई थी, बल्कि किसी ‘अज्ञात‘ व्यक्ति ने उन्हें गोली मारी थी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह दावा किया. जिलाधिकारी रवि प्रकाश और पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बुधवार को हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज मीडिया के साथ साझा करते हुए यह दावा किया. पुलिस अधीक्षक ने दावा किया, ‘‘यह एक सोची-समझी साजिश थी. हमें कुछ अटपटा लग रहा था क्योंकि पुलिस ने गोलियां दूर से चलाई थीं और उस दूरी से किसी भी प्रदर्शनकारी को गोली नहीं लग सकती थी.‘‘ 

जिले के बरसोई इलाके में दो लोगों की मौत के साथ पुलिस के जवान और विद्युत विभाग के अधिकारियों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए जहां बेहतर बिजली आपूर्ति की मांग के लिए किया गया प्रदर्शन हिंसक हो गया था.

अधिकारियों ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज में एक बंदूकधारी व्यक्ति को देखा जा सकता है जो ‘उस दिशा से आ रहा है जहां पहली मौत हुई थी. फिर उसे दो अन्य लोगों पर गोली चलाकर घायल करते हुए देखा जा सकता है. घायलों में से एक व्यक्ति की बाद में मृत्यु हो गई.‘ 

उन्होंने बताया कि खुर्शीद आलम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सोनू कुमार साहू ने कुछ घंटे बाद बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि गोली लगने से घायल एक अन्य व्यक्ति नेयाज आलम का पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.

अधिकारियों ने कहा कि नामजद और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, हालांकि उन्होंने आरोपियों की पहचान का खुलासा नहीं किया.

अधिकारियों ने दावा किया कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.



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ऋषि सुनक सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर काफी उत्सुक हैं : ब्रिटिश उच्चायुक्त

भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बहुत उत्सुक हैं. एलिस ने यहां एक कला प्रदर्शनी के पूर्वावलोकन के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि उन्हें लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है कि भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. भारत ने एक दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता संभाली थी. देशभर में इसकी लगभग 200 बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनका समापन 9-10 सितंबर के शिखर सम्मेलन में होगा. 

जी-20 अध्यक्षता के रूप में भारत की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर एलिस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है, कि भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है.''

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण दुनिया इस समय काफी विभाजित है.''

उन्होंने भारत की ‘‘जीवंत'' संस्कृति और विविधता की प्रशंसा की जो दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रही है. 

ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा, ‘‘भारत दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने वाला एक अनूठा देश है. भारत ने हमेशा लोगों को आकर्षित किया है.''

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पेरिस के लिए रवाना हुआ एअर इंडिया का विमान दिल्ली वापस लौटा, टायर फटने का संदेह

पेरिस के लिए रवाना हुआ एअर इंडिया का एक विमान शुक्रवार दोपहर कुछ ही देर बाद वापस दिल्ली लौट आया. विमान के रवाना होने के बाद रनवे पर टायर का संदिग्ध मलबा देखे जाने के बाद यह वापस लौटा. विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा कि विमान अपराह्न दो बजकर 18 मिनट पर सुरक्षित रूप से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतर गया. बयान में कहा गया, “28 जुलाई 2023 को उड़ान संख्या एआई143 के दिल्ली से पेरिस रवाना होने के बाद दिल्ली हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष ने चालक दल को बताया कि रनवे पर टायर का संदिग्ध मलबा दिखा है, जिसके कुछ देर बाद विमान लौट आया.”

मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि विमान का टायर शायद फट गया था और विमान में करीब 208 यात्री सवार थे.

विमान कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली हवाईअड्डे से पेरिस के लिए एक अन्य विमान रात करीब आठ बजकर 47 मिनट पर रवाना हुआ.

‘फ्लाइट रडार' ऐप के अनुसार, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दिल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरने से पहले, दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर हरियाणा में चरखी दादरी के ऊपर लगभग 40 मिनट तक चक्कर लगाता रहा.

कंपनी के अनुसार, विमान की आवश्यक जांच की जा रही है और एआई143 के यात्रियों के लिए वैकल्पिक प्रबंध किए जा रहे हैं.

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"अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया, लेकिन एजेंट ने उनके विचारों को जिंदा रखा": दत्तात्रेय होसबोले

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने शुक्रवार को औपनिवेशिक विचारधारा को लेकर बड़ा बयान दिया. दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, "अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए, लेकिन उनके एजेंटों, शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों और राय निर्माताओं ने देश को औपनिवेशिक विचारों से छुटकारा नहीं मिलने दिया." उन्होंने कहा कि मुगलों से लड़ने वाले भारतीयों को कभी इतना हीन महसूस नहीं हुआ, जितना वे ब्रिटिश शासन के तहत महसूस करने लगे थे. होसबले पूर्व सांसद बलबीर पुंज की किताब 'नैरेटिव, एक माया जाल' की लॉन्चिंग के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, "मुगलों की लंबी गुलामी के बाद भी भारतीय जनमानस ने कभी उन्हें स्वयं से श्रेष्ठ नहीं माना, लेकिन अंग्रेजों के शासनकाल में कुछ लोगों ने इस तरह की कहानी गढ़ी, जिससे आम लोग स्वयं को कमजोर और उपेक्षित महसूस करने लगे. लोगों को अपनी ही संस्कृति की महानता के विषय में संदेह होने लगा." उन्होंने कहा, "उत्तर-पूर्व क्षेत्र जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उनका प्राथमिक कारण बहुराष्ट्रीय राज्यों का विचार रहा है. हमारा मानना ​​है कि हम बहुराष्ट्रीय राज्य हैं जैसे यह सोवियत रूस के लिए था.''

होसबले ने कहा, "स्वतंत्रता के बाद इस सोच से बाहर आना चाहिए था, लेकिन एक विशेष सोच से प्रभावित लोगों ने अपनी संस्कृति को कमजोर करके दिखाया जिससे हमें नुकसान हुआ." आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा, "यही एक नैरेटिव था, जिसमें भारतीय संस्कृति की हर बात को अवैज्ञानिक बताया जाने लगा. नई शिक्षा पद्धति से पढ़े लिखे कई वैज्ञानिक, शिक्षक, पत्रकार, न्यायमूर्ति और अन्य पढ़े लिखे लोगों ने इस नैरेटिव को स्वीकार कर लिया. अब इस नैरेटिव से बाहर आने की जरूरत है."

आरएसएस नेता जयप्रकाश नारायण के हवाले से कहा, "पंचायत व्यवस्था का मूल धर्म रहा है, लेकिन एक सोच विशेष के कारण धार्मिक होने को कमजोर और पिछड़े हुए के तौर पर प्रचारित किया गया. ऐसे नैरेटिव को तोड़ने के लिए सही सोच को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है."

होसबले ने कहा, "हम धर्म के बारे में बात नहीं कर सकते, क्योंकि हम धर्मनिरपेक्ष हैं. धर्म क्या है? क्या यह केवल पूजा की प्रक्रिया के बारे में है? हम यह समझना नहीं चाहते. हम अपने प्राचीन साहित्य को पढ़ना नहीं चाहते. हम यह मान लेते हैं कि हम अंग्रेजों द्वारा सभ्य थे. हमारी पारंपरिक और प्राचीन प्रथा बेकार है. अंग्रेजों के एजेंट ने हमारे दिमागों को उपनिवेश बनाए रखा. हमारा मानना ​​था कि बाहरी लोग हमसे श्रेष्ठ हैं और सभ्यता में हमारा कोई योगदान नहीं है."

होसबले ने कहा, "अगर 'नैरेटिव' किताब अंग्रेजी में लिखी होती, तो दिल्ली के खान मार्केट में बिकती. लोग इसे किसी बुद्धिजीवी द्वारा लिखी गई बात समझकर खरीद लेते और पढ़ लेते. लेकिन हिंदी की किताबें ऐसी नहीं होतीं. भारत में अब यह माना जाने लगा है कि जो लोग अंग्रेजी नहीं बोल सकते, वे बुद्धिजीवी नहीं हैं. हमें इस विचार को तोड़ने और अपने दिमाग को उपनिवेश से मुक्त करने की जरूरत है."



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Thursday, 27 July 2023

झारखंड : महिला को प्रेम संबंध के आरोप में निर्वस्त्र कर पेड़ से बांधा

झारखंड के गिरिडीह जिले में 26 वर्षीय महिला को प्रेम संबंध के आरोप में पहले पीटा गया और फिर निर्वस्त्र कर पेड़ से बांध दिया गया. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बाद में महिला को बचाया और उसे एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि महिला के प्रेमी के अलावा उसके (प्रेमी के) माता-पिता और सौतेली मां को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस के मुताबिक, घटना सरिया पुलिस थाना इलाके के अंतर्गत एक गांव में बु‍धवार रात 11 बजे हुई. बगोदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) नौशाद आलम ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि महिला का एक व्यक्ति के साथ प्रेस संबंध था. हालांकि, उस व्यक्ति के पिता और पिता की दोनों पत्नियों ने मिलकर पीड़िता को सबक सिखाने के लिए एक साजिश रची.''

अधिकारी के मुताबिक, महिला ने पुलिस को बताया कि उन्होंने (आरोपियों) बुधवार रात को व्यक्ति (प्रेमी) को उसे अपने घर पर बुलाने को कहा. बयान के मुताबिक, जैसे ही वह अपने प्रेमी के घर पहुंची तभी चारों ने उसे पकड़ लिया और उसे पास के एक जंगल में ले गए, जहां उसे पीटा गया और उसके कपड़े फाड़ दिए. उसके बाद उसे उसके ही फटे कपड़े की मदद से पेड़ से बांध दिया और यह सोचकर उसे वहां छोड़कर चले गए कि रात भर में वह मर जाएगी.

पुलिस के मुताबिक, छुड़ाए जाने के बाद महिला ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि उसके बयान के आधार पर चारों को गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.



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मोदी और शी ने बाली जी20 बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर बात की थी : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले वर्ष बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक रात्रि भोज के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता पर बातचीत की थी. चीन के विदेश मंत्रालय ने जोहानिसबर्ग में दो दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के बीच बैठक के बाद दावा किया था कि शी और मोदी पिछले साल नवंबर में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने पर ‘‘महत्वपूर्ण आम सहमति'' पर पहुंचे थे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रि भोज के अंत में एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बात की थी.'' यह मई 2020 में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न गतिरोध के बाद से दोनों नेताओं की पहली बार सार्वजनिक मुलाकात थी.

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमने दृढ़तापूर्वक कहा है कि पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को हल करना तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल करना है.'' डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से इतर वांग से मुलाकात की थी.

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के राष्ट्रपति दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, इस पर बागची ने कहा कि भारत सभी आमंत्रित नेताओं की भागीदारी के साथ इसकी सफलता के लिए सभी प्रयास और तैयारियां कर रहा है. अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह होगा.''

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर कुछ भी ठोस कहना जल्दबाजी होगी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा इस प्रस्ताव का कथित तौर पर समर्थन किए जाने संबंधी खबरों के बारे में बागची ने कहा कि उन्होंने ऐसी टिप्पणियां नहीं देखी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर रूस ने (प्रस्ताव का) समर्थन किया है, तो यह अच्छा है.''



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काला नमक चावल के विदेशी भी मुरीद, तीन साल में तीन गुना से अधिक बढ़ा निर्यात

काला नमक चावल का क्रेज विदेशों में भी लगातार बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा इसे सिद्धार्थनगर का एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) घोषित करने के साथ इसकी खूबियों की जबरदस्त ब्रांडिग के नाते तीन साल में इसके निर्यात में तीन गुने से अधिक की वृद्धि हुई है.

राज्यसभा में 17 दिसंबर 2021 को दिए गए आंकड़ों के अनुसार 2019/2020 में इसका निर्यात 2 फीसद था. अगले साल यह बढ़कर 4 फीसद हो गया. 2021/2022 में यह 7 फीसद रहा. काला नमक धान को केंद्र में रखकर पिछले दो दशक से काम कर रही गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ (पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन) के चेयरमैन डॉ. आरसी चौधरी के अनुसार, पिछले दो वर्षो के दौरान उनकी संस्था ने सिंगापुर को 55 टन और नेपाल को 10 टन काला नमक चावल का निर्यात किया. इन दोनों देशों से अब भी लगातार मांग आ रही है. इसके अलावा कुछ मात्रा में दुबई और जर्मनी को भी इसका निर्यात हुआ है. पीआरडीएफ के अलावा भी कई संस्थाएं काला नमक चावल के निर्यात में लगी हैं.

उल्लेखनीय है कि स्वाद और पोषण से भरपूर काला नमक धान को भगवान बुद्ध का प्रसाद माना जाता है. सिद्धार्थनगर का ओडीओपी होने के साथ इसे जीआई टैग भी हासिल है. इस सबके नाते यह भविष्य में निर्यात के मामले में बासमती को टक्कर दे सकता है.

एक नजर में काला नमक की खूबियां
काला नमक दुनिया का एक मात्र प्राकृतिक चावल है, जिसमें वीटा कैरोटिन के रूप में विटामिन ए उपलब्ध है. अन्य चावलों की तुलना में इसमें प्रोटीन और जिंक की मात्रा अधिक होती है. जिंक दिमाग के लिए और प्रोटीन हर उम्र में शरीर के विकास के लिए जरूरी होता है. इसका ग्लाईसेमिक इंडेक्स कम (49 से 52%) होता है. इस तरह यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी बाकी चावलों की अपेक्षा बेहतर है.



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"महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस", केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

मणिपुर में दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा के मामले को लेकर  केंद्र सरकार ने  सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. केंद्र ने कहा है कि  महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गई है. मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है बाकी की तलाश जारी है. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट से मामले के ट्रायल को मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की गुहार भी लगाई गई है.

"7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है"

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मामला सामने आने के बाद से वह लगातार घटनाक्रम पर नजर रख रहा है. इस  मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच के दौरान 7 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पहचाने गए अपराधियों की गिरफ्तारी के  लिए कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर ऑपरेशन के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है. एक एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई है.इसके बाद, मणिपुर सरकार ने 26.07.2023 के पत्र के माध्यम से मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है.अब आगे जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी जाएगी. 

महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति केंद्र सरकार का रुख जीरो टॉलरेंस का है.केंद्र सरकार मौजूदा अपराध जैसे अपराधों को बेहद जघन्य मानती है.इसे न केवल उस गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए बल्कि न्याय होते हुए भी दिखना चाहिए.ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संबंध में पूरे देश में इसका निवारक प्रभाव हो.

केद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दाखिल किया हलफनामा

केद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि  उपचारात्मक उपायों के रूप में,  राज्य सरकार ने अपने आदेश दिनांक 18 मई और 5 जुलाई, 2023 के माध्यम से विभिन्न राहत शिविरों में मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए जिला मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों का गठन किया है. केंद्र सरकार आवश्यकतानुसार अपने चिकित्सा संस्थानों से विशेषज्ञों की सेवाएँ भी उपलब्ध कराएगी.जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को कानूनी सहायता भी उपलब्ध करायी गयी है.राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए पुनर्वास उपाय तैयार किए हैं, जिसमें एक प्रशिक्षित पेशेवर  परामर्श  करने वाला भी शामिल है.

ऐसे मामलों की रोकथाम और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार ने, मौजूदा कंपनियों के अलावा, 3 मई 2023 से सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां उपलब्ध कराई है. स्थानीय पुलिस के अलावा सीएपी की 124 अतिरिक्त कंपनियां और सेना/असम राइफल्स की 185 टुकड़ियां वर्तमान में मणिपुर में तैनात हैं.सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में सभी सुरक्षा बलों और नागरिक प्रशासन के प्रतिनिधित्व वाली एक एकीकृत कमान स्थापित की गई है

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अमीषा पटेल की वजह से लोगों ने गदर को कहा था गटर ?

अमीषा पटेल बहुत ही लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं. इस फिल्म से वो अपने वही सकीना वाले रोल में नजर आएंगी. इस बार कहानी में लीप है तो उनका बेटा भी बड़ा नजर आएगा और उसकी शादी भी दिखाई जाएगी...जैसा कि अभी तक अंदाजा लगाया जा रहा है. वैसे इस फिल्म को लेकर मेकर्स और कास्ट तो बड़ी श्योर थी कि कुछ अच्छा होने वाला है लेकिन कुछ लोगों को अमीषा पटेल पर शक था. ये बात अमीषा ने खुद ट्रेलर लॉन्च के मौके पर बताई. अमीषा ने बताया कि लोगों को शक था कि वह सीक्वल में मां का रोल निभा पाएंगी या नहीं.

कारगिल विजय दिवस के मौके पर गदर-2 का ट्रेलर लॉन्च किया गया. इस मौके पर सनी देओल, अमीषा पटेल और फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा भी मौजूद थे. ट्रेलर में दिखाया गया है कि एक पाकिस्तानी आर्मी जनरल तारा और सकीना के बेटे जीते को टॉर्चर कर रहा है. तारा अपनी पत्नी से वादा करता है कि वह अपने बेटे को वापस लाए और ये कहानी इसी के इर्द गिर्द है.

ट्रेलर लॉन्च के मौके पर अमीषा पटेल ने बताया कि कैसे कई इनसाइडर्स थे जिन्हें उन पर शक था. अमीषा ने कहा, अनिल जी ने जब मुझे पहली गदर सुनाई थी तब बहुत से लोगों ने, जानी मानी हस्तियों ने, बड़े लोगों ने कहा था कि ये फिल्म कैसे करेगी. अब सबने कहा कि आप तो मां का रोल नहीं कर पाओगी. मुझे चैलैंजेस अच्छे लगते हैं तो इसलिए मैंने इस कमेंट्स का खुद पर कोई असर नहीं लिया और इन्हें चैलेंज की तरह लिया. लोगों ने गदर को रिलीज से पहले गटर तक कहा था.



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Wednesday, 26 July 2023

"अगर उकसाया गया तो जवाबी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे" : कारगिल दिवस पर राजनाथ सिंह

राष्ट्र ने 24वें कारगिल विजय दिवस पर 1999 के करगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का भारत हमारे बहादुरों के बलिदान की नींव पर टिका है. उन्होंने कहा, 'भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन अगर उकसाया गया तो जवाबी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा. सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”

रक्षा मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे न केवल अप्रत्यक्ष रूप से बल्कि प्रत्यक्ष रूप से भी देश की रक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें. राष्ट्र ने भारत की ऐतिहासिक विजय की 24 वीं वर्षगांठ पर 1999 के कारगिल युद्ध के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसे हर साल 26 जुलाई को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत सैनिकों के बलिदान की नींव पर टिका है. राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन विजय' को एक ऐसी कड़ी के रूप में वर्णित किया, जिसने भारत के धैर्य और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया क्योंकि यह विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी जमीन पर खड़ा था. उन्होंने इस जीत को एक लॉन्च पैड करार दिया, जिसने देश को सफलता की ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए प्रेरित किया.

राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारी महानता कभी न गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार जब हम गिरते हैं तो उठने में है. युद्ध के दौरान दुश्मन के पास सामरिक सैन्य लाभ होने के बावजूद, हमारी सेनाओं ने उन्हें पीछे धकेलने और हमारी भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए बेजोड़ बहादुरी और कौशल का प्रदर्शन किया. जीत के साथ, भारत ने पाकिस्तान और दुनिया को एक संदेश दिया कि अगर राष्ट्र के हितों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो हमारी सेना किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी.

रक्षा मंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, चाहे कोई भी चुनौती हो. उन्होंने कहा, ''देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. हमने सशस्त्र बलों को देश के दुश्मनों को खत्म करने की खुली छूट दी है. भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, जो अपने सदियों पुराने मूल्यों में विश्वास करता है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन अपने हितों की रक्षा के लिए, हम एलओसी पार करने में संकोच नहीं करेंगे. हम अपने बलों के साथ मजबूती से खड़े हैं. लोगों और संसद को हमारे सैनिकों पर पूरा भरोसा है.

राजनाथ सिंह ने परमवीर चक्र (पीवीसी) पुरस्कार विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज पांडे व वीर चक्र (वीआरसी) पुरस्कार विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल आर विश्वनाथन, कैप्टन जिंटू गोगोई, कैप्टन विजयंत थापर और नायब सूबेदार मांगेज सिंह सहित कारगिल युद्ध के कई बहादुरों के वीरतापूर्ण कार्यों को याद किया, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.

रक्षा मंत्री ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन का विशेष उल्लेख किया, जिन्होंने युद्ध के दौरान असाधारण साहस का प्रदर्शन किया और यह संदेश फैलाया कि जब देश की सीमाओं की सुरक्षा की बात आती है तो भारतीय महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों से कम नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये सभी सैनिक भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित थे, लेकिन राष्ट्र और उसके लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक के रूप में लड़े..

 राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध केवल हथियारों और बमों से नहीं लड़े और जीते जाते हैं; बहादुरी और अदम्य भावना समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा, यह इच्छा शक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना भारतीय सैनिकों को बाकी लोगों से अलग करती है, उन्होंने कहा कि "हमारी सेनाएं देश, इसकी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिए देशभक्ति के मूल्यों से ओत-प्रोत हैं.

रूस-यूक्रेन संघर्ष का उदाहरण देते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध, जो पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जारी है, आज के समय में संघर्षों की अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि युद्ध लंबा हो गया है क्योंकि लोग प्रशिक्षण ले रहे हैं और अपने उद्देश्य के लिए लड़ने में अपनी सेना में शामिल हो रहे हैं.

 राजनाथ सिंह ने लोगों का आह्वान किया कि वे न केवल अप्रत्यक्ष रूप से बल्कि प्रत्यक्ष रूप से भी युद्धों में भाग लेने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा, 'लोगों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए ताकि जब भी देश को उनकी जरूरत हो, वे सशस्त्र बलों की मदद के लिए तैयार रहें. जैसे हर सैनिक भारतीय है; इसी तरह हर भारतीय को एक सैनिक की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए.

लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (सेवानिवृत्त), उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी,  14 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली, लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल अमरनाथ औल (सेवानिवृत्त) ने समारोह में भाग लिया.



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सुनामी चक्रवात जैसे डरावने तूफान को भी बेअसर कर सकते हैं ये छोटे पौधे, IFS ऑफिसर ने शेयर किया वीडियो

IFS Officer Shares Amazing Video: कहते हैं कि, जब कभी प्रकृति गुस्से में आती है, तो उसका अलग ही रूप देखने को मिलता है. सुनामी,चक्रवात जैसी आपदाएं जब भी कभी आती है, तो भीषण तबाही के साथ-साथ दिल दहला देने वाली कयामत भी लाती हैं, जो गांव से लेकर शहर तक सब कुछ एक झटके में तबाह करने के लिए काफी हैं. इस तबाही में जहां लाखों करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है, वहीं कई जिंदगियां मौत की भेंट चढ़ जाती हैं. यही वजह है कि ऐसी तबाही सालों तक लोगों के जहन में डर बनाये रखती है. यूं तो इन तबाही के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इन तबाही को कंट्रोल करने के लिए भी हमारी प्रकृति के पास कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे इन आपदाओं को कुछ हद तक रोका या बेअसर किया जा सकता है.

सोशल मीडिया पर भारतीय वन सेवा के अध‍िकारी परवीन कासवान (IFS Parveen Kaswan) ने एक वीडियो शेयर करते हुए समुद्र के अंदर पाए जाने वाले मैंग्रोव वनों की उपयोग‍िता के बारे में बताया है, जो सुनामी और चक्रवात जैसी आपदाओं को बेअसर कर सकती है. वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है, 'मैंग्रोव प्रकृति के अपने आपदा प्रबंधक हैं. यह समझने के लिए केवल 20 सेकेंड का यह वीडियो देखें, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे मैंग्रोव हमें सुनामी, चक्रवातों और तूफानों से बचाते हैं. आज मैंग्रोव्सडे है.'

यहां देखें वीडियो

वीडियो में आप देख सकते हैं कि, कैसे उठती पानी की लहरों (सुनामी) को मैंग्रोव वनों ने बेअसर कर दिया. वीडियो में लहरें आगे बढ़ते हुए शांत भी हो जाती है और आगे देखने पर आपको लहरें एक दम शांत नजर आती हैं. वीडियो को देखकर आप इस बात का बाखूबी अंदाजा लगा सकते हैं कि, कैसे मैंग्रोव वनों की मदद से उठती लहरों को शांत किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि, यह वीडियो Dutch research institute Deltares ने तैयार किया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, समुद्री दल में उगने वाली ये मैंग्रोव झाड़ियां कम ऑक्सीजन की स्थिति में भी जीवित रह सकते हैं. यूं तो खारे पानी में दुनिया के ज्‍यादातर पौधे नष्ट हो जाते हैं, लेकिन इन मैंग्रोव वनों की घनी जड़ें मिट्टी को बांधने और बनाने में मदद करती हैं. यही वजह है कि, ये पानी के प्रवाह को धीमा करने में कारगर हैं. 
 

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चलती ट्रेन में अचानक रेंगता नजर आया सांप, देख डर से कांप उठे यात्रियों में मची भगदड़

Snakes On A Train Shocks Passengers: सोचिये क्या हो जब आप एक ट्रेन में सफर कर रहे हों और तभी अचानक आपके सामने एक जहरीला सांप मंडराने लगे, तो यकीनन उसे देखकर आपकी भी डर के मारे रूह कांप उठेगी, लेकिन ऐसा ही कुछ असल जिन्दगी में देखने को मिला ब्रिटेन में, जब यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन में अचानक एक सांप (snake on a train) मंडराने लगा, जिसे देखकर डिब्बे में भगदड़ मच गई. इस बीच काफी मशक्कत के बाद सांप को डिब्बे से बाहर निकाला गया, लेकिन सांप के होने की वजह उससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली है. पढ़ें क्या है पूरा मामला. 

यहां देखें पोस्ट

चौंका देने वाले इस वायरल हो रहे पोस्ट में देखा जा सकता है कि, चलती ट्र्रेन में एक सांप मंडराता नजर आ रहा है. देखने में यह सांप किसी मक्‍के की तरह दिखाई पड़ रहा है, जो कि ठीक दरवाजे के पास घूम  रहा है. तस्वीर को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि, शायद कॉर्न स्‍नेक (corn snake on a train) भी बाहर निकलने की कोशिश कर रहा होगा, लेकिन उसे रास्ता नहीं मिल रहा है. बताया जा रहा है कि, यह ट्रेन शिपली से लीड्स ती तरफ जा रही थी, जब ट्रेन में सांप को रेंगते हुए देखकर यात्रियों की हालत खराब हो गई.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए सोफी जॉनस्‍टोन नाम की एक मह‍िला यात्री ने लिखा कि, शिपली से लीड्स जाने वाली ट्रेन में ये अजीब सा दृश्य देखने को मिला. चलती ट्रेन में सांप को घूमते देखकर, वहां मौजूद यात्री हक्के-बक्के रह गए. 22 जुलाई को शेयर किये गए उनके इस पोस्ट को अब तक 3 मिलियन लोग देख चुके हैं, जबकि 4 हजार से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट को लाइक किया है. पोस्ट देख चुके लोग इस पर तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, हे भगवान इस ट्रेन में सांप है. यह घटना यह आरएसपीसीए द्वारा सांप की चेतावनी जारी करने के ठीक एक महीने बाद सामने आई है. यूजर ने आगे लिखा कि, पिछले महीने संस्‍था ने बताया था कि, गर्म मौसम में अक्सर सरीसृप और अधिक सक्रिय हो जाते हैं. इसके साथ ही यहां-वहां मंडराने लगते हैं, इसल‍िए जरूरी है कि सभी लोग सतर्क रहें.

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Tuesday, 25 July 2023

उम्रभर पिता से नाराज रहा सूट बूट पहना ये बच्चा, कब्र पर पहली बार की अब्बू से बात, आज है फिल्मों का राजा...पहचाना क्या?

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का संजीदा और उम्दा कलाकार, जिसने एक्टिंग के दम पर ऐसी पहचान बनाई, जिसका कोई मुकाबला नहीं. बड़े होकर इस बच्चे ने अपने हुनर से वो झंडे गाड़े हैं, जिनकी मिसाल दी जा सकती है. लेकिन ड्रामा स्कूल के शुरुआती दिनों में उन्हें बदशक्ल कह कर कभी मजाक बना तो कभी खारिज भी कर दिए गए. आज उसी शक्ल और दमदार डायलॉग डिलीवरी के साथ ये बच्चा दुनियाभर में बतौर दिग्गज कलाकार अपना नाम बना चुका है. वेनिस के फिल्म फेस्टिवल से लेकर देश में तीन तीन नेशनल अवॉर्ड भी जीत चुका है. क्या आपने पहचाना ये बच्चा कौन है.

ये बच्चा है बॉलीवुड का दिग्गज कलाकार नसीरुद्दीन शाह, जिनकी एक्टिंग पर कोई सवाल खड़े नहीं किए जा सकते. लेकिन अपने शुरूआती दिनों में अपनी शक्ल को लेकर नसीरुद्दीन शाह को खूब मजाक झेलना पड़ा. उनके बारे में एक किस्सा मशहूर है कि उन्हें देखकर एक एक्ट्रेस ने कमेंट किया था कि क्या इस बदशक्ल हीरो के साथ काम करना होगा.

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सिर्फ एक्ट्रेस ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी गर्लफ्रैंड ने भी उन्हें ये कह कर छोड़ दिया कि तुम हीरो की तरह सुंदर दिखाई नहीं देते. बाद में इन्हीं लुक्स के चलते श्याम बेनेगल ने उन्हें फिल्म में ब्रेक दिया. क्योंकि, उन्हें वैसा ही दिखने वाला एक्टर चाहिए था. नसरुद्दीन शाह के रिश्ते उनके पिता से भी कुछ खास नहीं रहे. वे अपने पिता से ताउम्र नाराज रहे और कहते हैं कि पिता के इंतकाल के बाद पहली बार उन्होंने कब्र पर जाकर उनसे बात की थी.

नसीरुद्दीन शाह को एक बार मौका मिला तो उन्होंने कभी पलट कर नहीं देखा. वो लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए. अपने करियर में उन्होंने रोमांटिक हीरो से लेकर कॉमेडी और एक्शन रोल तक किए. उनके हुनर का जलवा कुछ ऐसा है कि तीन फिल्म स्पर्श, पार और इकबाल के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है. तीन फिल्मफेयर, एक आईफा और एक वेनिस फिल्म फेस्टिवल का वोल्पी कम बेस्ट एक्टर अवॉर्ड भी उनकी झोली में पड़ा है. साल 1987 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और साल 2003 में पद्म भूषण से नवाजा था. 

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पीएम नरेंद्र मोदी के 7 जुलाई 2023 काशी प्रवास पर जिले के प्रख्यात चिकित्सों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 7 जुलाई 2023 काशी प्रवास पर बरेका गेस्ट हाउस पहुंचने पर काशी के प्रबुद्धजनों, जिसमें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की चीफ़ प्रोक्टर के साथ ज़िले के प्रख्यात चिकित्सों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. स्वागत करने वाले चिकित्सकों में शामिल डॉ. हर्ष राय ने बताया कि उन्हें “ प्रधानमंत्री  से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई. प्रधानमंत्री के आगमन का तेज़ आज भी उतना ही महसूस होता जितना उस समय था. पीएम नरेंद्र मोदी पर सभी भारतीयों को गर्व है. पीएम से मिलना एक सपना है.

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में देश तीव्र गति से प्रगति की ओर अग्रसर है. एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी का जो कायाकल्प साथ ही साथ धार्मिक धरोहरों को संजोने का काम उनको विकसित करने का कार्य वो अविस्मरणीय है, 

उन्होंने इस बहुमूल्य अवसर प्रदान करने लिए भाजपा, वाराणसी महानगर अध्यक्ष श्री विद्यासागर राय जी एवं महामंत्री, वाराणसी महानगर श्री नवीन कपूर जी, प्रदेश महामंत्री, भजायुमो श्री हर्षवर्धन सिंह जी, पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद एवं आभार भाव प्रकट किया।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को कुल 12,148 करोड़ के 29 परियोजनाओं की सौगात दीं. इसमें 1800 करोड़ के योजनाओं का शिलान्यास और करीब 10,000 करोड़ के योजनाओं का लोकार्पण हुआ. इन योजनाओं में मणिकर्णिका घाट का कायाकल्प, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, तीन रेलवे ओवरब्रिज, बीएचयू में बना 10 मंजिला अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास सहित 96 सड़कों की मरम्मत और उनके निर्माण कार्य जनता को समर्पित होगा.



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भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2023 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान: IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान के मुकाबले 0.2 प्रतिशत अधिक है. आईएमएफ ने कहा कि ताजा अनुमान मजबूत घरेलू निवेश के परिणामस्वरूप 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर आर्थिक वृद्धि की गति आगे भी जारी रहने का संकेत देता है. आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा, ‘‘भारत की वृद्धि दर 2023 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान से 0.2 प्रतिशत अधिक है.''

रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि वैश्विक स्तर पर वृद्धि दर 2022 के 3.5 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 2023 और 2024 में कम होकर तीन प्रतिशत रहने की संभावना है. हालांकि, 2023 के लिये अनुमान इस साल अप्रैल में जताये गये अनुमान से कुछ बेहतर है लेकिन ऐतिहासिक मानदंडों के आधार पर वृद्धि दर कमजोर बनी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक के नीतिगत दर में वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. वैश्विक स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर 2023 में 6.8 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है.

मुद्राकोष ने कहा कि अमेरिका में कर्ज सीमा को लेकर गतिरोध के हाल में समाधान और इस साल की शुरुआत में अमेरिका तथा स्विट्जरलैंड में कुछ बैंकों के विफल होने के बाद उद्योग में उथल-पुथल रोकने के लिये अधिकारियों के कड़े कदम से वित्तीय क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हुआ है. इससे परिदृश्य को लेकर जोखिम कुछ कम हुआ है. हालांकि, वैश्विक वृद्धि को लेकर जोखिम अभी बना हुआ है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर और झटके आते हैं, तो मुद्रास्फीति ऊंची बनी रह सकती है और यहां तक ​​कि बढ़ भी सकती है. इसमें यूक्रेन में युद्ध तेज होने और मौसम से जुड़ी चुनौतियों के कारण सख्त मौद्रिक नीति रुख शामिल है. इसमें कहा गया है केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति को आगे और कड़ा किये जाने से वित्तीय क्षेत्र में कुछ समस्या हो सकती है. चीन में रियल एस्टेट क्षेत्र में समस्या के कारण पुनरुद्धार की गति धीमी हो सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारी स्तर पर कर्ज संकट कई अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकता है. अच्छी बात यह है कि मुद्रास्फीति उम्मीद से अधिक तेजी से नीचे आ सकती है. इससे कड़ी मौद्रिक नीति की जरूरत नहीं होगी और घरेलू मांग और ज्यादा मजबूत हो सकती है.''

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Monday, 24 July 2023

कार में लॉक हो गया 3 साल का बच्चा, परेशान पिता ने जो किया वो सबके लिए एक सीख बन गया

3 Year Old Boy Accidentally Locks Himself In Car: गर्मियों में ऐसी घटनाएं अक्सर सुनने में आती हैं कि, किसी कार में बच्चे बंद रह गए. कुछ समझदार माता-पिता इस बात के लिए सजग रहते हैं. कुछ को बुरी खबर का सामना करना पड़ता है और कुछ ऐसे होते हैं, जिनसे पूरी सावधानी रखने के बावजूद कुछ लापरवाही हो ही जाती है. लुधियाना में एक व्यक्ति के साथ भी ऐसा ही हुआ, जिसकी नजरें चूकीं और तीन साल का बच्चा भरी दोपहरी में कार में बंद हो गया, लेकिन पिता ने जिस फुर्ती से फैसला लिया. उससे न सिर्फ बच्चे की जान बची, बल्कि वो उन सभी के लिए एक सीख भी बन गया, जो ऐसी लापरवाही का शिकार हो जाते हैं.

कार में बंद हुआ बेटा

सुंदरदीप सिंह ने अपने साथ हुए इस हादसे को ट्विटर पर शेयर किया है, वो अपने बच्चों को लेने के लिए प्री स्कूल गए थे. उस वक्त बेटे ने उनके हाथ से चाबी छीन ली और कार बंद कर ली. कार के ऑटोलॉक होने के थोड़ी देर बाद बेटा अंदर परेशान होने लगा. इस बीच सुंदरदीप सिंह ने अपने परिचितों और भाई को फोन लगाया. सभी को उन तक पहुंचने में 15 मिनट का वक्त लग रहा था, लेकिन कार में बैठे बच्चे का गर्मी और डर से बुरा हाल हो रहा था. ऐसे हालात में आमतौर पर दिमाग काम करना बंद कर देता है, लेकिन सुंदरदीप सिंह को ये अहसास था कि, वो जितना वक्त गंवाएंगे उनके बच्चे का हाल उतना ही बुरा होता जाएगा.

यहां देखें पोस्ट

इस जुगाड़ से बनी बात

इस बीच उन्हें सामने ही पंचर की दुकान नजर आई. उन्होंने बिना कारण बताए पंचर वाले को सबसे भारी हथौड़ा लेकर आने को कहा. पंचर वाला उनके साथ कार के पास पहुंचा और एक दो बार के वार से पिछले कांच को फोड़ दिया. कांच में जो जगह बनी बच्चे ने वहां चाबी अपने पिता को दे दी. बैक टू बैक किए अपने ट्वीट में सुंदर दीप सिंह ने लिखा है कि, इस घटना ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया भी. वो आखिर में लिखते हैं कि, अपने बच्चों के हाथ में कभी चाबी मत दो. वो खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं. अपनी इस गलती को वो कभी नहीं भूलेंगे.

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Sunday, 23 July 2023

Sawan Somwar: तीसरे सावन सोमवार के दिन भोग में चढ़ाएं ये खास चीजें, मान्यतानुसार भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

Sawan Somwar 2023: सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. इस माह पूजा-पाठ और व्रत आदि का विशेष महत्व होता है. भक्त सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन विशेषकर व्रत रखते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार सावन सोमवार का व्रत रखने पर अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है, वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और भोलेनाथ (Lord Shiva) सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. इस बार सावन का तीसरा सोमवार 24 जुलाई के दिन पड़ रहा है. इस दिन भक्त पूरे श्रद्धाभाव से भोलेनाथ की पूजा संपन्न करते हैं. यहां जानिए भोग (Bhog) में किन पकवानों को और खाने की चीजों को भोलेनाथ के समक्ष अर्पित किया जा सकता है. मान्यतानुसार भोग में इन चीजों को चढ़ाने पर भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं. 

सावन सोमवार का भोग | Sawan Somwar Bhog 

माना जाता है कि भगवान शिव को एक लोटा जल चढ़ाना भी पर्याप्त होता है अपितु सावन सोमवार के दिन भक्त और भी चीजें भोलेनाथ को चढ़ाना उचित समझते हैं. इस भोग से महादेव प्रसन्न हो सकते हैं और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाकर उनके कष्टों को दूर करते हैं. 

ऋतुफल  

जो मौसम चल रहा है उसमें मिलने वाले कोई भी 5 फल भगवान शिव को चढ़ाए जा सकते हैं. ऋतुफल को भोलेनाथ को अर्पित करने के साथ ही गरीबों को भी दिया जा सकता है. माना जाता है कि इस भोग से भोलेनाथ का मन प्रसन्न होता है. 

ठंडाई 

शिवरात्रि (Shivratri) के दिन खासतौर से ठंडाई बनाई जाती है और इसे सभी में बांटते हैं. सावन सोमवार के दिन भी ठंडाई को भोग में शामिल किया जा सकता है और प्रसाद स्वरूप इसका वितरण भी हो सकता है. ठंडाई बनाते हुए इसमें दूध और सूखेमेवे में उपयोग होता है और इसे आरोग्य का वरदान दिलाने वाला भोग व प्रसाद माना जाता है. 

खीर 

सावन सोमवार में सफेद भोग का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि सफेद रंग के पकवान महादेव के प्रिय होते हैं. ऐसे में खीर को सावन में पूजा के पश्चात भोग में भोलेनाथ को अर्पित किया जा सकता है. कहते हैं कि खीर (Kheer) को भोग में चढ़ाने पर चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है. 

हलवा 

शिव पूजा में सूजी, मेवे और देसी घी से बने हलवे को भोग में चढ़ाया जा सकता है. हलवा भी महादेव का मनपंसदीदा भोग माना जाता है. कहा जाता है कि महादेव को हलवे का भोग लगाने पर घर में खुशहाली आती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

एक बार फिर दुल्हन बनीं आलिया और दूल्हा बने रणवीर सिंह



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उत्तराखंड : सीतापुर के पास बना अस्थायी पुल बहा, SDRF ने वहां फंसे 100 लोगों को किया रेस्क्यू

टिहरी जिले के धनोल्टी विधानसभा के अंतर्गत मालदेवता रोड़ पर सीतापुर के पास जंगल के गदेरे का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने से वहां गए कुछ लोग फंस गए, जिनका रेस्क्यू SDRF की टीम ओर टिहरी पुलिस द्वारा किया गया. उक्त घटना में सीतापुर के पास जंगल गदेरे (मौड़ खाला) में तेज बारिश के कारण अचानक पानी बढ़ गया था, जिससे अस्थायी पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने से इसके आसपास लगभग 100 लोग फंस गए थे.

SDRF टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर त्वरित कार्यवाही करते हुए अत्यधिक विषम परिस्थितियों में रोप की सहायता से उफनती नदी में उतरकर कड़ी मशक्कत करते हुए सभी लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. इससे पहले धनोल्टी के उपजिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान ने बताया कि शाम करीब पांच बजे करीब पर्यटक सीतापुर में घूमने आए थे और इसी दौरान वहां एक बरसाती नाले में सैलाब आ गया.

उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण अचानक से नाले में पानी बढ़ा और देखते ही देखते सैलाब की चपेट में आकर उस पर बनी अस्थाई पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई. चौहान ने बताया कि सूचना मिलने पर प्रशासन, पुलिस और राज्य आपदा प्रतिवादन बल के जवानों ने बचाव अभियान चलाकर सभी यात्रियों को सकुशल वहां से बाहर निकाल लिया. अधिकारी ने राजस्व कर्मियों को हिदायत दी है कि मुनादी कर लोगों को नदी और नालों के पास न जाने की सलाह दें और सतर्क रहें.



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17 वर्षीय भारतीय छात्र ने शिक्षा के क्षेत्र में किया Innovation, NDTV को बताया कैसे किया यह?

17 वर्षीय भारतीय छात्र अगस्त्या सिन्हा को अपने शिक्षण कार्यक्रमों के लिए वैश्विक मान्यता मिली है. अगस्त्या ने क्लाउड कैनवस प्लेटफॉर्म (Cloud Canvas platform) लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य छात्रों के विज्ञान सीखने के तरीके को बदलना है. अगस्त्या को प्रतिष्ठित डायनर (Diner) अवार्ड जैसी वैश्विक मान्यता मिली है और उनके काम को शीर्ष 100 वैश्विक शिक्षा नवाचारों (innovations) में शॉर्टलिस्ट किया गया है. उनके प्लेटफ़ॉर्म क्लाउड कैनवास का आज सात देशों में 14,000 से अधिक लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है.

खुद पढ़ने में होती थी दिक्कत
अगस्त्या सिन्हा ने NDTV से इस सफलता पर बात की. अगस्त्या सिन्हा ने कहा कि मैंने इस धरती पर अपने 17 साल के छोटे से अनुभव को पूरी तरह से विज्ञान सीखने के लिए समर्पित कर दिया. यह सब कुछ साल पहले शुरू हुआ, जब मैं खुद वास्तव में अपनी सीखने की चुनौतियों से जूझ रहा था. मैंने अपनी पूरी कोशिश की. मैं किसी भी चीज़ और हर चीज़ में घंटों और घंटों और घंटों का प्रयास करता हूं, लेकिन किसी कारण से मैं सफलता नहीं मिल रही थी और इससे भी अधिक, शिक्षा और सीखना मेरे लिए कोई संतुष्टिदायक अनुभव नहीं था. खास बात यह है कि यह सब मेरे माता-पिता, मेरे स्कूल से मिले अत्यधिक समर्थन के बावजूद था. किसी कारण से, मेरी सीखने की यात्रा में कुछ कमी थी, जिसके कारण मैं पिछड़ गया.

सीखना सबसे जरूरी
अगस्त्या ने कहा कि यही कारण है कि 2.5 या इतने वर्ष पहले, मैंने यह जानने की कोशिश में अपनी यात्रा शुरू की थी कि मैं यथासंभव सबसे कुशल और प्रभावी शिक्षार्थी बनने के लिए क्या कर सकता हूं और इसीलिए मैंने क्लाउड कैनवस नामक एक शिक्षण मंच और लर्न टू लर्न (learn to learn) नामक एक शिक्षण पाठ्यक्रम बनाया ताकि आप यथासंभव सबसे कुशल और प्रभावी शिक्षार्थी बन सकें. यह वास्तव में अन्य पारंपरिक मॉड्यूल से कैसे अलग है के बारे में बताते हुए अगस्त्या सिन्हा ने कहा कि मुझे लगता है कि सबसे जरूरी चीज जो हमें गहराई से समझने से पहले समझनी होगी, वह है वास्तव में सीखना.

कैसे पढ़ें
अगस्त्या ने कहा कि इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या करते हैं, चाहे आप गणितज्ञ(mathematician), भौतिक विज्ञानी (physicist), रसायनज्ञ (chemist)या दार्शनिक (philosopher) बनना चाहते हों. जीवन में प्रत्येक प्रयास के केंद्र में सीखने का कार्य है. तो अब जब हम जानते हैं कि सीखना हमारे जीवन के सभी पहलुओं में एक अभिन्न तत्व है, तो कोई भी वास्तव में हमारे पास बैठकर यह नहीं कहता है, अरे, आपको वास्तव में इस तरह सीखना चाहिए? यह पूरी विचार प्रक्रिया है, जो इस पाठ्यक्रम को बनाने की दिशा में चली गई ताकि मैं आपको पढ़ा सकूं और उन सभी संसाधनों को जुटा सकूं, जिनका उपयोग मैंने आपको यह बताने के लिए किया है कि कैसे सबसे कुशल और प्रभावी शिक्षार्थी संभव हो.

क्या बनाया है
अगस्त्या सिन्हा ने अपने पाठ्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि मैंने पाया कि अंतरिक्ष पुनरावृत्ति (space repetition), एमईएनए, अनुभूति और गहरी एकाग्रता जैसी छोटी चीजें सीखने की तकनीकों को हमारे पारंपरिक पाठ्यक्रमों में बहुत कम ही लिया गया है. कोई भी वास्तव में इस कुशल शिक्षार्थी होने की प्रक्रिया पर जोर नहीं देता है. सबसे महत्वपूर्ण बात जो मुझे मिली वह यह है कि आप सिद्धांत (theory) और अनुप्रयोग (application) को कैसे जोड़ सकते हैं? क्योंकि एक छात्र के रूप में मेरे व्यक्तिगत अनुभव से, 1 से 12 कक्षा तक के छात्र के रूप में, यदि आप हमें सिद्धांत का एक टुकड़ा सौंपते हैं, तो यह बहुत अच्छा है, लेकिन आप वास्तव में इसे कैसे लागू करते हैं? तो यह मेरे पाठ्यक्रम का मुख्य बिंदु है. मैं आपको एक सिद्धांत प्रस्तुत करता हूं कि एक अवधारणा क्यों काम करती है जो दुनिया भर में सिद्ध है और, अधिक महत्वपूर्ण बात, एक अनुप्रयोग है.

आगे क्या करेंगे
अगस्त्या ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे एन 50 द्वारा अनगिनत संगठनों ने स्वीकार किया, जो अमेरिका में एक वैश्विक सामूहिक संगठन है. मुझे वैश्विक एडोब शिक्षा शिखर सम्मेलन में बोलने का मौका मिला और मुझे डायन पुरस्कार मिला और 100 नामक फिनिश (Finnish) संगठन द्वारा पाठ में शीर्ष 100 के रूप में चुना गया. इसलिए सबसे महत्वपूर्ण बात जो मुझे मिली वह यह है, हालांकि मेरे मंच पर 14,000 उपयोगकर्ता हैं. मैं वास्तव में भारत के सीखने के तरीके को कैसे बदल सकता हूं? मैं यह कैसे सुनिश्चित कर सकता हूं कि पूरे भारत में प्रत्येक छात्र, चाहे आप उत्तर भारत में हों या दक्षिण भारत में, इन शिक्षण तकनीकों तक पहुंच हो, जिन्हें पारंपरिक रूप से नहीं छुआ जाता है? यही आगे आने वाले सालों में करने की कोशिश है.



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Saturday, 22 July 2023

ड्राइवर ने उफनती नदी में उतार दी लोगों से भरी गाड़ी, अगले ही पल जो हुआ उसे देख कांप उठेगी रूह

Vehicle Flow In River: भारी बारिश के चलते कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालत देखने को मिल रहे हैं. देश के कई राज्यों में हालात बद से बदतर हो गए हैं. वहीं कई शहरों में तूफानी नदी की शक्ल में बहता बाढ़ का पानी लोगों के लिए आफत बन चुका है. सोशल मीडिया पर बाढ़ से हो रही ताबाही के कई वीडियो सामने आये हैं, जिनमें कुछ दिल दहला देने वाले हैं. कई जगहों पर लोग बहते दिखे, तो कई जगहों पर गाड़ियां पानी में खिलौनों की तरह तैरती दिखी. हाल ही में इंटरनेट पर एक ऐसा ही रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें लोगों से खचाखच भरी गाड़ी बाढ़ के पानी बहती नजर आई, जिसे देखकर यकीनन किसी का भी कलेजा कांप उठेगा.

अक्सर लोग खतरा भांपने के बाद भी जान जोखिम में लेने की गलती कर बैठते हैं, जिसका परिणाम कई बार बेहद खौफनाक साबित होता है, जैसा कि हाल ही में वायरल इस वीडियो में देखने को मिल रहा है. सोचिए अगर आपको बाढ़ के पानी से लबालब भरी सड़क को पार करके दूसरी तरफ पुल पर जाना हो, तो आप ये खतरा उठाएंगे. जाहिर है कि, आप इस खतरे को देखकर पीछे हटना ही जरूरी समझेंगे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो ऐसी खौफनाक स्थिति में भी खुराफात दिखाने से पीछे नहीं हटते और अपने साथ-साथ दूसरों की जान को भी जोखिम में डाल देता है, जैसा कि इस वीडियो में देखने को मिल रहा है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि, कैसे एक ओवरलोड जीप को ड्राइवर जान बूझकर सड़क पर भरे पानी में उतार देता है, इसका नतीजा क्या होता है, ये आप वीडियो में खुद ही देख लीजिए.

यहां देखें वीडियो

दिल दहला देने वाले इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि, लोगों को लोगों को बाढ़ के पानी से बचने के लिए पुल के उस पार जाना होता है, जिसके लिए वह एक गाड़ी में सवार हो जाते हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि, पानी का बहाव कितना तेज होता है, बावजूद इसके ओवरलोड जीप को ड्राइवर जान बूझकर सड़क पर भरे पानी में उतार देता है और फिर देखते ही देखते गाड़ी का बैलेंस बिगड़ जाता है. वीडियो में आगे आप देखेंगे कि सभी एक-एक कर के गाड़ी के साथ बाढ़ के पानी में बहते चले जाते हैं. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस वीडियो को शेयर किया गया है, जिसे देखकर यकीनन किसी की भी रूह कांप जाये. इसी साल 18 जुलाई को शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 73 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. वीडियो देख चुके यूजर्स इस पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'भाई मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि, इन लोगों को अपने घर जाना था या भगवान के घर.. हे भगवान.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'अपनी मौत के खुद जिम्मेदार हैं ये लोग.'
 

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नदी में पैर लटकाए बैठा था शख्स, तभी निकल आया मगरमच्छ और फिर..

Crocodile Shocking Video: मगरमच्छ को 'पानी का शैतान' यूं ही नहीं कहा जाता है. ये पल भर में अपने शिकार को चीर-फाड़ कर एक कर देते हैं. यही वजह है कि, जंगल (forest) के खूंखार जानवर (wild) भी इसके सामने आने से कतराते हैं. यूं तो मगरमच्छ को देखकर जानवर (wild animal) तो क्या इंसानों की भी घी-घी बंध जाती है. इंटरनेट पर इस खूंखार शिकारी के एक से बढ़कर एक वीडियो सामने आते रहते हैं, जिनमें कई बार शिकार का अंदाज दिल दहला (Heart Stopping Moment) देता है. हाल ही में एक ऐसा ही वीडियो (viral video) लोगों के होश उड़ा रहा है, जिसमें एक शख्स नाव में पैर लटकाकर मगरमच्छ (Magarmach Ka Video) को किसी पालतू जानवर की तरह हाथ से खाना खिलाता नजर आ रहा है, इसके बाद वीडियो में आगे जो हुआ, वो आप खुद ही देख लीजिए.

यहां देखें वीडियो

महज 15 सेकंड के इस वीडियो को देखकर आपको भी अपनी आंखों पर यकीन कर पाना मुश्किल होगा. इस खौफनाक वीडियो में देखा जा सकता है कि, कैसे एक शख्स अपनी जान जोखिम में डालकर खूंखार शिकारी के साथ दोस्ती करने की गलती कर रहा है. वीडियो में आगे आप देखेंगे कि, शख्स नाव से अपने दोनों पैरों को लटकाकर मांस के टुकड़े को देखकर मगरमच्छ को ललचा रहा है. वीडियो में आगे शख्स मगरमच्छ के दोनों हाथों को पकड़कर अपने पैर पर रख लेता है और किसी पालतू जानवर की तरह उसको हाथ से खाना खिलाने लगता है. मांस का टुकड़ा झपटते ही मगरमच्छ वापस पानी में लौट जाता है. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस वीडियो को शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और शेयर किया जा रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'सर वह कुत्ता नहीं है.' इस वीडियो को अब तक 45 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं, जबकि 101.7K लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया है. वीडियो पर यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कुछ यूजर्स ने इसे फ्लोरिडा का मामला बताया, तो कुछ इस वीडियो पर हैरानी जताई.

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बाढ़ के खतरे को लेकर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर: आतिशी

नई दिल्ली: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है. मंत्री ने एक बयान में कहा, यदि नदी के जलस्तर में 206.7 मीटर तक की वृद्धि होती है तो यमुना खादर (बाढ़ के मैदान) के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं, लेकिन सरकार वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये तैयार है.

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही. आतिशी ने कहा कि बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से 'मुनादी' (घोषणा) की जा रही है. राहत शिविरों का निरीक्षण तथा लोगों के वहां लोगों को ठहराने की तैयारी की गयी है.

उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है.

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PM मोदी ने राजस्‍थान के स्वाभिमान पर चोट की: अशोक गहलोत

जयपुर: मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया में राजस्थान का जिक्र आने पर पलटवार करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने राजस्‍थान के स्वाभिमान पर चोट की है. साथ ही गहलोत ने कहा कि देश की जनता मोदी नीत सरकार के कारनामों व लापरवाही से दुखी है.

संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की घटना पर बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘घटना चाहे राजस्थान की हो, चाहे छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की... हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य की सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए.''

इसका जिक्र करते हुए गहलोत ने शनिवार को यहां मीडिया से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है.'' PM मोदी ने कहा था, ‘‘मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है...140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.''

गहलोत ने कहा, ‘‘देश की 140 करोड़ जनता को शर्मसार नहीं होना पड़ रहा है बल्कि वह आपकी सरकार के कारनामों, आपकी विफलता और आपकी लापरवाही से दुखी है.''

गहलोत ने कहा कि 77 दिन तक मोदी ने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं बोला लेकिन उच्चतम न्यायालय से संकेत मिलने के बाद कुछ सेकंड में ही अपनी बात रखकर औपचारिकता पूरी कर दी. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सब उस मणिपुर राज्‍य में हो रहा है जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वहां कांग्रेस नीत सरकार होती तो आप कल्पना कीजिए वे क्‍या-क्‍या नहीं बोलते? ये बातें देश में हो रही हैं जो बहुत दुखद हैं.'' मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कानून व्यवस्था, पेपर लीक सहित कई मुद्दों को लेकर राज्‍य सरकार पर निशाना साधे जाने पर गहलोत ने कहा, ‘‘ये माहौल खराब कर रहे हैं इनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है. ये बस रटी-रटाई बातें करते हैं. हमने विकास में कमी रखी हो तो बताएं.''

गहलोत ने कहा कि राज्‍य सरकार ने थानों में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है और इसके कारण अपराध के बढ़े हुए आंकड़ों का भाजपा दुरुपयोग कर रही है. कांग्रेस शासन के दौरान राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ने के भाजपा के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में शीर्ष पांच राज्य असम, दिल्ली, हरियाणा, ओडिशा और तेलंगाना हैं.

गहलोत ने कहा, ‘‘महिलाओं से दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले मध्य प्रदेश में हैं और ये राजस्थान को बदनाम कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में किसका शासन है... भाजपा का. हत्या, महिलाओं के खिलाफ अपराध व अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे हैं. सबसे अधिक हिरासत में मौत गुजरात में हुई है जहां भाजपा का राज है. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है.''

भाजपा के 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इन्होंने जनता को गुमराह करने का अभियान चला रखा है. हमारी योजनाओं का तो जनता स्वागत कर रही है राजस्थान आपको (भाजपा वालों को) नहीं सहेगा.''

गहलोत ने कहा,'पांच साल में मैंने अपने पांच बजट में एक भी कर नहीं लगाया. हमने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की है. राज्य का राजस्व 17 प्रतिशत बढ़ा है. हमने शानदार वित्तीय प्रबंधन किया है. कर्जा हर सरकार पर बढ़ता है. आर्थिक विकास दर के हिसाब से राजस्थान, आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है.'

उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में पारित राजस्थान न्यूनतम गारंटी आय विधेयक, 2023 को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी योजना लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. गहलोत ने कहा, ‘‘हम यहां रुकने वाले नहीं हैं. हमारी सरकार आएगी तो हम इस थीम को आगे बढाएंगे. हम चाहते हैं कि सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा हम लगातार उठाते रहें. सामाजिक सुरक्षा पूरे देश में लागू होना आवश्यक है.''

साथ ही मुख्यमंत्री ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त किए जाने संबंधी सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. गुढ़ा को शुक्रवार को मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया था.
 



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UPA के शासनकाल के दौरान मणिपुर की हालात को याद करे कांग्रेस: हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को मणिपुर में 2017 तक के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस और यूपीए (UPA) पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में यूपीए के शासनकाल के दौरान मणिपुर देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया था  और अब कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है.

असम के CM सरमा ने ट्विटर पर कहा, "कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है. थोड़ा पीछे मुड़कर राज्य में इसी तरह के संकटों पर पीएम मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है. पार्टी का दोहरापन चिंताजनक है."

उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में यूपीए कार्यकाल के दौरान हर साल एक महीने से अधिक समय तक राज्य में नाकेबंदी होती थी. यूपीए के कार्यकाल के दौरान, मणिपुर देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया. 2010-2017 के बीच, जब कांग्रेस ने राज्य में शासन किया, हर साल साल में 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकाबंदी होती थी."

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2011 मणिपुर में सबसे खराब अवरोधों में से एक था, जो 120 दिनों से अधिक समय तक चला और प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी चार महीने से अधिक समय तक इस मुद्दे पर चुप रहे.

उन्होंने कहा, "इनमें से प्रत्येक नाकेबंदी के दौरान पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें ₹ 240 और ₹ 1,900 प्रति लीटर तक पहुंच गईं, जो पूरी तरह से मानवीय संकट में तब्दील हो गईं. 2011 मणिपुर में 120 दिनों से अधिक समय तक चलने वाली सबसे खराब नाकाबंदी में से एक थी."

मणिपुर में, बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ द्वारा दो महिलाओं को मुक्त करने से पहले नग्न घुमाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया. यह घटना कथित तौर पर मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई थी. मणिपुर में हिंसा अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क गई थी.

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मेरठ के सरधना कोतवाली में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, चार सिपाही झुलसे

मेरठ के सरधना कोतवाली के अपराध निरीक्षण भवन में भीषण आग लग गई. आग लगने से थाने के चार सिपाही झुलस गए.आग लगने की सूचना के बाद दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं. पुलिस के मुताबिक, आग शॉर्ट सर्किट से लगी और उसके बाद आग तेजी से फैली. सरधना कोतवाली में लगी आग को कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है. थाने से धुएं का गुबार निकलता भी नजर आया.  आग की चपेट में आने से कांस्टेबल केशव अत्री और हेड कांस्टेबल सुमित राजोरा गंभीर रूप से झुलस गए हैं. वहीं आग बुझाने के दौरान थाने के ही मुंशी हेमेंद्र और एक अन्‍य सिपाही भी झुलस गए.

पुलिस के मुताबिक, सबसे पहले स्विच बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगी. बरामदे में मैस है, जहां पर खाना बनाया जा रहा था और वहां पर सिलेंडर थे. उन्‍होंने बताया कि सिलेंडर के पाइप ने आग पकड़ ली. इसके चलते सिलेंडर फट गया और जोरदार धमाका हुआ. देखते ही देखते आग अचानक से पूरे बरामदे और अन्‍य कमरों में फैल गई.

उन्‍होंने बताया कि मालखाने में भी आग लगी है. आग पर काबू पा लिया गया है. आग से कितना नुकसान हुआ है इस बारे में अब पता लगाया जाएगा. 

पुलिस के मुताबिक, गंभीर रूप से झुलसे सिपाहियों को मेरठ भेजा जा रहा है. वहीं अन्‍य सिपाहियों का सराधना में ही इलाज किया जा रहा है. 

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Friday, 21 July 2023

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सौराष्ट्र में बारिश प्रभावित क्षेत्र का किया हवाई सर्वेक्षण

अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भारी बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए शुक्रवार को जूनागढ़ और पास के गिर सोमनाथ जिले के कुछ हिस्सों का हवाई सर्वेक्षण किया. एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. पिछले एक हफ्ते से राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर, भावनगर, जामनगर, गिर सोमनाथ और देवभूमि द्वारका जिलों के कई हिस्सों में मूसलाधार वर्षा हुई है, जिससे गांवों और कस्बों में जलभराव हो गया है.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पटेल ने मांगरोल, गिर, तलाला, मालिया हटिना और जूनागढ़ तथा गिर सोमनाथ जिलों के आसपास के अन्य क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, जो जलभराव के कारण प्रभावित हुए हैं. इसके बाद उन्होंने क्षेत्र में भारी बारिश के कारण उत्पन्न मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए जूनागढ़ शहर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, भावनगर और राजकोट जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल हुए. विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में तुरंत सर्वेक्षण करने और भारी बारिश और जलभराव के कारण फसल या घरेलू वस्तुओं का नुकसान उठाने वाले लोगों को वित्तीय सहायता देने का निर्देश दिया. उन्होंने बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए बारिश रुकने के बाद सफाई अभियान चलाने का भी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया.

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मणिपुर यौन उत्पीड़न मामला: 11 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजे गए चारों आरोपी

इंफाल/नई दिल्ली: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना को लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन तेज होने के बीच इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. संसद के मानसून सत्र में लगातार दूसरे दिन भी मणिपुर हिंसा की प्रतिध्वनि सुनाई दी और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा में कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हालांकि कहा कि सरकार इस मामले पर चर्चा के लिए तैयार है.

मणिपुर में लगभग एक हजार लोगों की हथियारबंद भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और मकानों में लूटपाट की, उनमें आग लगायी, हत्या की तथा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया. इन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित है और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

इस मामले में 21 जून को एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी जिसकी एक प्रति ‘पीटीआई-भाषा' ने देखी. इसमें आदिवासी महिलाओं के अपहरण और उनसे शर्मनाक बर्ताव से पहले हुए जुल्म की दास्तां का उल्लेख है. विपक्षी दलों ने मणिपुर मुद्दे पर केंद्र पर अपना हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस ने मांग की कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राज्य सरकार को बर्खास्त करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करें.

मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाई गई दो महिलाओं में से एक के पति एवं करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैन्यकर्मी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि उन्होंने देश की रक्षा की, लेकिन वह अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सके.

पीड़िता के पति ने एक समाचार चैनल को बताया, ‘‘मैंने करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी और भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में भी तैनात रहा था. मैंने देश की रक्षा की, लेकिन मैं निराश हूं कि अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, मैं अपने घर, अपनी पत्नी और साथी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका... मैं दुखी और उदास हूं.''

पुलिस ने बताया कि थोउबल जिले की एक अदालत ने चारों आरोपियों को 31 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और छेड़छाड़ का यह वीडियो बुधवार को सामने आया था जिसकी देशभर में निंदा की गई. इस मामले में चार आरोपियों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि आक्रोशित भीड़ ने शुक्रवार दोपहर एक अन्य संदिग्ध के थोउबल जिले में वांगजिंग स्थित घर को जला दिया जिसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘संदिग्ध को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. यह पता चलने पर कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है, वह फरार हो गया.'' मामले के मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद बृहस्पतिवार को उसका मकान आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि वीडियो में वह बी फाइनोम गांव में भीड़ को निर्देश देते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई देता है.

राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के लोग महिलाओं का सम्मान करते हैं और उन्हें ‘माता के समान' मानते हैं, लेकिन जिन उपद्रवियों ने मई में आदिवासी महिलाओं पर हमला कर उन्हें निर्वस्त्र किया, उन्होंने राज्य की ‘छवि को धूमिल' किया है. सिंह ने कहा, ‘‘मणिपुर के लोग महिलाओं को माता के समान मानते हैं, लेकिन कुछ बदमाशों ने यह हरकत की तथा हमारी छवि को धूमिल किया. हमने इस घटना की निंदा करने के लिए राज्यभर में घाटी एवं पहाड़ी दोनों ही क्षेत्रों में विरोध का आह्वान किया हैं.''

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर की घटना और राज्य में 80 दिन की हिंसा के विषय पर संसद के भीतर बयान देना चाहिए. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मणिपुर की हिंसा को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पूरी तरह से असहाय नजर आई हैं.

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मणिपुर की घटना पर बोलते हुए अपनी मंशा स्पष्ट कर दी. अपने 'ट्रोल्स' को इशारा कर दिया कि अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बात करें. प्रधानमंत्री जी को बोलने से पहले अपनी सरकार के आंकड़े देखने चाहिए, फिर ऐसी कायराना बातें करनी चाहिए.''

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के साथ यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते पश्चिम बंगाल में इसी प्रकार दो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार का दावा किया. इस घटना का ब्यौरा देते हुए पार्टी की सांसद लॉकेट चटर्जी रो पड़ी.

चटर्जी ने दावा किया कि जैसी स्थिति मणिपुर की है वैसी ही स्थित आज बंगाल की है.मणिपुर संकट को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ हमला जारी रखते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘बेटी बचाओ' योजना अब ‘बेटी जलाओ' में बदल गई है. बनर्जी ने जानना चाहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की मौत होने के बावजूद केन्द्र सरकार ने वहां केन्द्रीय दलों को क्यों नहीं भेजा है.

मणिपुर के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता, संगीतकार, शिक्षाविद और उद्यमी ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने इसे ‘‘बर्बर, शर्मनाक और मानव जाति के खिलाफ'' बताया और दोषियों के लिए कठोरतम सजा की मांग की. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च' (आदिवासी एकजुटता मार्च) के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं.

राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं.
 



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सीबीएसई ने 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा के लिए स्कूलों को भेजा पत्र

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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने स्कूलों से बहुभाषी शिक्षा को लेकर वैकल्पिक माध्यम के रूप में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने को कहा है. शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कई भाषाओं में शिक्षा शुरू करने के लिए उपाय किए हैं, बोर्ड ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और बहुभाषी शिक्षा से सर्वोत्तम बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए कहा है.

सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में कहा, "भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा के लिए की गई पहल के मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में, भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं, जो कि मूलभूत चरण से लेकर माध्यमिक चरण के अंत तक (पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं से कक्षा 12 तक) एक वैकल्पिक माध्यम है."

उन्होंने कहा, "स्कूल उपलब्ध संसाधनों का पता लगा सकते हैं, क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं और सीबीएसई स्कूलों में बहुभाषी शिक्षा को वास्तविकता बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए अन्य स्कूलों के साथ सहयोग कर सकते हैं."

बोर्ड ने बहुभाषी शिक्षा के कार्यान्वयन और शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा के उपयोग से उत्पन्न चुनौतियों पर ध्यान दिया, जिसमें बहुभाषी विषयों को पढ़ाने में सक्षम कुशल शिक्षकों की उपलब्धता, उच्च गुणवत्ता वाली बहुभाषी पाठ्यपुस्तकों का निर्माण और समय सीमा, विशेष रूप से दो-पाली वाले सरकारी स्कूलों में शामिल हैं.

सीबीएसई ने कहा, "एनसीईआरटी ने इस गंभीर कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है ताकि अगले सत्र से सभी छात्रों को 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें."

स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राधिकरण ने भी कई भाषाओं में शिक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया है और विभिन्न भाषाओं में परीक्षा आयोजित कर रहा है. तकनीकी, चिकित्सा, व्यावसायिक, कौशल, कानून शिक्षा आदि की पाठ्यपुस्तकें अब भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो रही हैं.

सीबीएसई ने आगे कहा कि यह पहल स्कूलों के लिए बहुभाषी शिक्षा की नींव बनना महत्वपूर्ण बनाती है. इमैनुएल ने कहा, "चूंकि उच्च शिक्षा ने इस आवश्यकता पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है, इसलिए स्कूली शिक्षा को इसकी नींव बनना होगा. शिक्षा के माध्यम के प्रति दृष्टिकोण स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा तक निरंतरता होना चाहिए. इसलिए, सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों को भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा प्रदान करके इस महान प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है."

उन्होंने कहा, "अब उठाए गए प्रमुख कदमों में से एक शिक्षा मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं के माध्यम से नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश देना है. एनसीईआरटी ने इस गंभीर कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है ताकि 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें अगले सत्र से सभी छात्रों को उपलब्ध कराई जा सकें."



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देश के 22 राज्यों के 235 जिले बाढ़ से प्रभावित, जानें 22-23 जुलाई को कैसा रहेगा मौसम?

देशभर में मॉनसून की भारी बारिश हो रही है. बारिश के बाद देश के 22 राज्यों के 235 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. कम से कम 10 हजार मकान तबाह हो गए हैं. कई हेक्टेयर फसल भी बारिश और बाढ़ में खराब हो चुकी है. समाचार एजेंसी PTI ने इसकी जानकारी दी. इस बीच महाराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट है. जबकि उत्तराखंड के सात जिलों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

आइए जानते हैं अगले दो दिन यानी 22 और 23 जुलाई को देश के अलग-अलग राज्यों में कैसा रहेगा मौसम:-  

उत्तराखंड के 7 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ी हैं. आईएमडी ने शनिवार और रविवार को 7 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करके सभी जिलों के आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश के आसार हैं.

महाराष्ट्र का मौसम
महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में भारी से बहुत भारी बारिश देखने को मिल सकती है. इसी को देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश के बाद मुंबई समेत कई जिलों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

रायगढ़ में लैंडस्लाइड से पूरा गांव तबाह
महाराष्ट्र के कई जिलों में कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के बाद हालात खराब हैं. रायगढ़ में लैंडस्लाइड की वजह से पूरा गांव तबाह हो गया. इसमें 16 लोगों की मौत हो गई. रायगढ़ में 6 में से 3 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इनमें अंबा, सावित्री और पातालगंगा शामिल हैं. कुंडलिका, गढ़ी और उल्हास नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. बाढ़ जैसे हालात के बीच महाराष्ट्र में NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं.

कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम?
देश की राजधानी नई दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 28 डिग्री और अधिकतम तापमान 39 डिग्री रह सकता है. वहीं, शनिवार को दिल्ली में बादल छाए रहेंगे. मौसम विभाग की मानें तो शनिवार से नई दिल्ली में बारिश की गतिविधियां दर्ज की जा सकती हैं. 

उत्तर प्रदेश के मौसम का हाल
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को न्यूनतम तापमान 29 डिग्री और अधिकतम तापमान 37 डिग्री रह सकता है. वहीं, लखनऊ में आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे. गाजियाबाद की बात करें तो यहां न्यूनतम तापमान 29 डिग्री और अधिकतम तापमान 37 डिग्री दर्ज किया जा सकता है. वहीं, गाजियाबाद में भी आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे. आगरा में शुक्रवार से रविवार के बीच बारिश का पूर्वानुमान नहीं है. कानपुर में भी शुक्रवार से रविवार के बीच बारिश की गतिविधियां देखने को नहीं मिलेंगी. 


यूपी के 385 गांवों के 46,830 लोग बाढ़ से प्रभावित 
उत्तर प्रदेश में 13 जिलों - आगरा, अलीगढ, बिजनौर, बदांयू, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और शामली के 385 गांवों के 46,830 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. पिछले 24 घंटों में किसी भी जिले में 30 मिमी से अधिक बारिश नहीं हुई और प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. 

हरियाणा में बाढ़ से 12 जिले प्रभावित
हरियाणा में भी बारिश के बाद बाढ़ का कहर है. बाढ़ से 12 जिले प्रभावित हुए हैं. अब तक 35 लोगों की मौत की खबर है. बारिश और बाढ़ से राज्य सरकार को 500 करोड़ का नुकसान हुआ है. सिरसा जिले में घग्गर नदी का पानी दिल्ली-बठिंडा NH-9 तक पहुंच गया है. इसकी वजह से सिरसा शहर के डूबने का खतरा पैदा हो गया है. हरियाणा के पंचकूला, सिरसा समेत कई जिलों में शनिवार-रविवार को भी बारिश का अनुमान है.

इन राज्यों में भी बारिश के आसार
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, दक्षिणी गुजरात,  तेलंगाना, दक्षिणी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. उत्तरी पंजाब, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, शेष मध्य प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्सों, सौराष्ट्र और कच्छ, आंतरिक कर्नाटक, केरल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश संभव है.

इन राज्यों में होगी हल्की बारिश
आईएमडी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है.
 

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