Wednesday, 31 May 2023

"मुझे लगता है मेरा आईफोन 'टैप' किया गया": अमेरिका में राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं. उन्‍होंने बुधवार को अपने दिन का पहला आधा हिस्सा सिलिकॉन वैली स्थित स्टार्टअप उद्यमियों के साथ बिताया, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में अग्रणी काम करने के लिए जाना जाता है. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरपर्सन सैम पित्रोदा और भारत से उनके साथ यात्रा कर रहे कुछ अन्य प्रमुख सहयोगियों के साथ 'प्लग एंड प्ले' सभागार की अग्रिम पंक्ति में बैठे, राहुल गांधी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, मशीन लर्निंग और सामान्य रूप से मानव जाति पर उनके प्रभाव और शासन, सामाजिक कल्याण उपायों और फेक न्‍यूज जैसे मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों की पैनल चर्चा में देखा गया. 

कैलिफोर्निया में सनीवेल के आधार पर, प्लग एंड प्ले टेक सेंटर स्टार्टअप्स के सबसे बड़े इनक्यूबेटर में से एक है. इसके सीईओ और संस्थापक सईद अमिदी के अनुसार, प्लग एंड प्ले में 50 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप्स के संस्थापक भारतीय या भारतीय अमेरिकी हैं. अमिदी ने कार्यक्रम के बाद पीटीआई से कहा कि राहुल गांधी ने आईटी क्षेत्र की गहरी समझ दिखाई है और नवीनतम और अत्याधुनिक तकनीकों के बारे में उनका ज्ञान काफी प्रभावशाली है.

अमिदी और फिक्सनिक्स स्टार्टअप के संस्थापक शॉन शंकरन के साथ एक गंभीर बातचीत में भाग लेते हुए, राहुल गांधी ने सभी तकनीकों को भारत के दूरदराज के गांवों में आम आदमी पर पड़ने वाले प्रभाव से जोड़ने की कोशिश की. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, "अगर आप भारत में किसी भी तकनीक का प्रसार करना चाहते हैं, तो आपके पास एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए, जहां बिजली अपेक्षाकृत विकेंद्रीकृत हो." उनके अनुसार, इस दिशा में बड़े पैमाने पर 'नौकरशाही बाधाओं' का सामना करना पड़ा है.

राहुल गांधी ने डेटा की सोना(Gold) से तुलना की और कहा कि भारत जैसे देशों ने इसकी वास्तविक क्षमता का एहसास किया है. उन्‍होंने कहा, "ऐसे में डेटा सुरक्षा और सुरक्षा पर उचित नियमों की आवश्यकता है."

हालांकि, पेगासस ‘स्पाइवेयर' और इसी तरह की तकनीक के मुद्दे पर राहुल गांधी ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वह इसको लेकर चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा एक समय था जब उन्हें पता था कि उनका फोन ‘टैप' किया जा रहा है और उन्होंने अपने आईफोन (मोबाइल) पर मजाक में कहा, ‘‘ हैलो ! मिस्टर मोदी.''

राहुल ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरा आईफोन ‘टैप' किया गया. आपको एक राष्ट्र के रूप में और एक व्यक्ति के रूप में भी डेटा सूचना की गोपनीयता के संबंध में नियम बनाने की जरूरत है." उन्होंने कहा, "अगर कोई राष्ट्र तय करता है कि वह आपका फोन ‘टैप' करना चाहता है, तो इसे कोई रोक नहीं सकता है. यह मेरी समझ है."

राहुल गांधी ने दावा किया, "अगर देश फोन ‘टैपिंग' में दिलचस्पी रखता है, तो यह लड़ने लायक लड़ाई नहीं है. मुझे लगता है कि मैं जो कुछ भी काम करता हूं, वह सब कुछ सरकार के सामने है."

‘प्लग एंड प्ले' में एआई कार्यक्रम के लिए राहुल गांधी की मेजबानी करने वाले शंकरन ने कहा कि वह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम विकास पर उनकी समझ से बहुत प्रभावित हैं.

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ब्रेकअप का दर्द झेल चुकीं आज हैं बॉलीवुड की सुपरस्टार, शाहरुख खान के साथ दी एक के बाद एक हिट, क्या क्यूटी को पहचान पाएंगे आप

बॉलीवुड सेलेब्स के बचपन की अनदेखी तस्वीरों की लिस्ट में आज हम आपके लिए ऐसी अदाकारा की तस्वीर लेकर आए हैं, जिनकी एक के बाद एक हिट फिल्में इन दिनों चर्चा में हैं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लोगों के बीच छा जाता है. यह अदाकारा भले ही सलमान खान-आमिर खान के साथ काम ना कर पाई हो लेकिन बॉलीवुड के किंग खान के साथ उनकी एक से बढ़कर हिट फिल्में हैं. वहीं देश ही नहीं दुनियाभर में उनके करोड़ों फैंस उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते हैं. क्या आप अभी भी इस एक्ट्रेस को नहीं पहचान पाए. 

दरअसल, तस्वीर में दिख रहीं ये अदाकारा और कोई नहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण हैं, जो उनके बचपन की तस्वीर है. दीपिका पादुकोण की पर्सनल और प्रौफेशनल लाइफ काफी चर्चा में रही है, चाहे वह रणबीर कपूर के साथ उनके ब्रेकअप हो या फिर उनके मेंटल हेल्थ को लेकर लोगों को जागरुक करना. इसके अलावा फिल्मों की बात करें तो इस साल की शुरुआत में पठान के साथ एक्ट्रेस ने जबरदस्त बॉक्स ऑफिस पर एंट्री की है. 

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फिल्मों के डेब्यू की बात करें कई लोगों को लगता होगा कि दीपिका पादुकोण ने फराह खान निर्देशित 'ओम शांति ओम' के साथ फिल्मी दुनिया में एंट्री की थी. लेकिन फैक्ट यह है कि एक्ट्रेस ने हिमेश रेशमिया के म्यूजिक वीडियो 'नाम है तेरा' के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी. वहीं सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू की बात करें तो वह कन्नड़ फिल्म 'ऐश्वर्या' से कदम रखा था. 

गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं. वहीं साल 2018 में एक्ट्रेस ने बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह से शादी की थी. इसके अलावा वर्कफ्रंट की बात करें तो वह ऋतिक रोशन के साथ फाइटर और प्रभास की प्रॉजेक्ट के में नजर आने वाली हैं. 

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दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में फ्लैट में मां-बेटी का मिला शव, हत्या की आशंका

दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में बुधवार को 64 वर्षीय एक महिला और उसकी बेटी के शव उनके फ्लैट में मिले, जिस पर चोट के निशान थे. पुलिस को संदेह है कि उनकी हत्या की गई है. मृतकों की पहचान आकाशवाणी की सेवानिवृत्त अधिकारी राजरानी लाल और उनकी बेटी गिन्नी करार (30) के रूप में की गई है. पुलिस के अनुसार एक पड़ोसी ने कृष्णा नगर के ई ब्लॉक में एक इमारत की पहली मंजिल पर स्थित एक फ्लैट से गंध आने की शिकायत करते हुए बुधवार रात 8 बजे पीसीआर को फोन किया, जिसके बाद एक पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में हत्या का एक मामला दर्ज कर लिया गया है. अधिकारी ने कहा कि जांच की जा रही है और कुछ सुराग मिले हैं. अधिकारी ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया है.

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दिल्ली में इस साल का मई महीना 36 साल में सबसे ठंडा रहा

दिल्ली में बीते 36 साल में इस बार मई का महीना सबसे ठंडा रहा. आईएमडी ने बुधवार को बताया कि मई में अत्यधिक बारिश के कारण औसत अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली में मई 1987 में औसत अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा, 'इस साल मई में औसत अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1987 के बाद से सबसे कम है.'

दिल्ली में मई में सिर्फ नौ दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया और सिर्फ दो दिन शहर के कुछ हिस्सों में लू चली. श्रीवास्तव ने बताया, “ सफदरजंग वेधशाला ने इस साल पूर्व मानसून सीजन में एक भी दिन लू का चलना नहीं दर्ज किया. ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है.” सफदरजंग वेधशाला में दर्ज तापमान को शहर का आधिकारिक तापमान माना जाता है. इसके अलावा आईएमडी ने यह भी बताया कि बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई बारिश के बाद इस मानसून पूर्व अवधि में कुल 184.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य वर्षा से 186 प्रतिशत अधिक है.

बारिश की वजह से 2020 को छोड़कर 2016 के बाद शहर में जनवरी से मई की अवधि में वायु गु‍णवत्ता अच्छी दर्ज की गई है. मई में आम तौर पर भीषण गर्मी पड़ती है और औसत अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है. इस बार मई में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो 30.7 मिमी के दीर्घकालिक औसत से 262 प्रतिशत अधिक है. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, 2008 में 165 मिमी, 2021 में 144.8 मिमी और 2002 में 129.3 मिमी बारिश हुई थी जिसके बाद यह चौथा साल है जब मई में सबसे ज्यादा बारिश हुई है.

मौसम वैज्ञानिकों ने इसका कारण ज्यादा बार आए पश्चिमी विक्षोभ को बताया है. श्रीवास्तव ने कहा, “ आमतौर पर अप्रैल और मई में पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी मैदानी इलाकों में दर्ज किए जाते हैं. इस बार, हमने 10 पश्चिमी विक्षोभ देखे, जिनमें ज्यादातर मजबूत थे.” उन्होंने कहा, “ यह असामान्य है. हालांकि, हम इसे आंकड़ों के अभाव में जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ सकते.”

बारिश की वजह से वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार, दिल्ली में इस साल जनवरी से मई की अवधि में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 213 दर्ज किया गया, जो 2020 को छोड़कर, 2016 के बाद से सबसे कम है. पिछले साल इसी अवधि में एक्यूआई 237, 2021 में 235, 2020 में 181, 2019 में 236, 2018 में 242, 2017 में 251 और 2016 में 283 था.



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मणिपुर में शांति बहाल करने, विस्थापितों की वापसी के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध: गृहमंत्री अमित शाह

हिंसा प्रभावित मणिपुर के दौरे के तीसरे दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और सभी विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. अमित शाह ने इंफाल और सीमावर्ती शहर मोरेह में शीर्ष अधिकारियों के साथ दिन में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और उन्हें हिंसा को रोकने तथा जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए लूटे गए हथियारों को बरामद करने के वास्ते सशस्त्र शरारती तत्वो के खिलाफ कड़ी और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

गृहमंत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और चुराचांदपुर, मोरेह और कांगपोकपी में आपातकालीन जरूरतों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने ट्वीट किया, “कांगपोकपी में एक राहत शिविर का दौरा किया और वहां कुकी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की. हम जल्द से जल्द मणिपुर में शांति बहाल करने और उनकी अपने घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” 

इंफाल में, शाह ने एक राहत शिविर का दौरा किया जहां मैतेई समुदाय के सदस्य रह रहे हैं और मणिपुर को एक बार फिर से शांति और सद्भाव के रास्ते पर लाने और लोगों की जल्द से जल्द उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प से अवगत कराया. कांगपोकपी में, उन्होंने नागरिक संस्थाओं के साथ एक बैठक की. नागरिक संस्थाओं ने कहा कि वे मणिपुर में समुदायों के बीच सद्भाव बहाली में सरकार के साथ सक्रिय रूप से भाग लेने की इच्छुक हैं.

इससे पहले दिन में गृह मंत्री ने म्यांमा की सीमा से सटे मोरेह का दौरा किया और राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां समीक्षा बैठक की. उन्होंने कुकी समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल और मोरेह में अन्य समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक दल से भी मुलाकात की और उन्होंने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की पहल के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया.

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मणिपुर की अपनी यात्रा के तीसरे दिन, केंद्रीय गृह मंत्री ने मोरेह और कांगपोकपी का दौरा किया और नागरिक संस्थाओं के साथ व्यापक चर्चा की.” इसमें कहा गया, “उन्होंने मोरेह में पहाड़ी जनजातीय परिषद, कुकी छात्र संगठन, कुकी चीफ्स एसोसिएशन, तमिल संगम, गोरखा समाज और मणिपुरी मुस्लिम परिषद के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. प्रतिनिधियों ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की पहल के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया.”

कांगपोकपी में, शाह ने जनजातीय एकता समिति, कुकी इंपी मणिपुर, कुकी छात्र संगठन, थदौ इंपी और प्रमुख हस्तियों और बुद्धिजीवियों जैसे नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की. उन्होंने आश्वासन दिया कि पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और चुराचांदपुर, मोरेह और कांगपोकपी में आपातकालीन जरूरतों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा सुनिश्चित की जाएगी.

इसबीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियार वापस करने की लोगों से अपील की और किसी भी व्यक्ति के पास अनधिकृत हथियार और गोला-बारूद पाये जाने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. मुख्यमंत्री ने एक हस्ताक्षरित बयान में लोगों से सुरक्षा कर्मियों और राहत सामग्री की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों को अवरुद्ध नहीं करने की भी अपील की.

सिंह ने कहा कि इस तरह की बाधाएं सुरक्षा और पुलिस कर्मियों के लिए सशस्त्र समूहों द्वारा हमलों का समय पर जवाब देना मुश्किल बना रही हैं.


 



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Tuesday, 30 May 2023

आज है भीमा निर्जला एकादशी, यहां जानिए व्रत कथा, पूजा विधि और महत्व

Ekadashi importance : ज्येष्ठ महीने की निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. यह एकादशी बहुत कठिन भी होती है. इसे भीमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. आपको बता दें कि भगवान विष्णु की पूजा अर्जना किए जाने वाला यह व्रत पूरे साल में 24 पड़ता है. इन सभी एकादशियों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. ऐसे में भीमा एकदशी कब पड़ रही है, पूजा विधि और महत्व क्या है उसके बारे में पता लगा लेना जरूरी है, तो चलिए जानते हैं इस खास एकादशी के बारे में. 

निर्जला एकादशी कब है

इस बार निर्जला एकादशी दिन मंगलवार को 01 बजकर 07 मिनट से दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. इस व्रत का पारण 01 जून सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. 

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निर्जला एकादशी पूजा विधि

निर्जला एकादशी का व्रत रखने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच-स्नान आदि से निवृत हो लिया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा पूरे भक्ति भाव से करनी चाहिए. इस व्रत में महिलाएं  पूर्ण श्रृंगार और मेंहदी लगाती हैं. व्रत के दौरान पूरे दिन भगवान विष्णु का नाम लेना चाहिए. एकादशी के दिन सोना निषेध माना गया है. एकादशी व्रत की पूजा के बाद कलश के जल से पीपल को जल देना चाहिए. दूसके दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु और पीपल के नीचे दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद ब्रह्मणों को भोजन कराने के बाद दान-दक्षिणा देना चाहिए. इस दिन दान में जल से भरा घड़ा, अन्न, वस्त्र, छाता, पान, शैय्या, आसन, पंखा सोना और गोदान करना चाहिए.

निर्जला एकादशी के दिन वैसे तो सभी को दान करना अच्छा माना गया है, लेकिन व्रती को इस दिन सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, जल, जूता, आसन, पंखा, छतरी और फल इत्यादि का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन जल से भरे कलश का दान करने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है.   

निर्जला एकादशी व्रत के नियम | Nirjala Ekadashi Vrat Niyam

धार्मिक मान्यता के मुताबिक एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि से ही शुरू हो जाते हैं. दशमी तिथि की रात को अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है. वहीं अगले दिन यानी एकादशी तिथि को सूर्योदय से सूर्यास्त तक अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है. निर्जला व्रत रखा जाता है. द्वादशी तिथि को पारण के बाद ही जल या अन्न ग्रहण किजा जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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"सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर न्यायिक अधिकारियों को बदनाम नहीं किया जा सकता": सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने मंगलवार को  मौखिक रूप से कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर न्यायिक अधिकारियों को बदनाम नहीं किया जा सकता..  सिर्फ इसलिए कि किसी को अनुकूल आदेश नहीं मिलता है इसका मतलब यह नहीं है कि आप न्यायिक अधिकारी को बदनाम करेंगे. न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ केवल कार्यपालिका से ही नहीं बल्कि बाहरी ताकतों से भी स्वतंत्रता है. यह दूसरों के लिए भी एक सबक होना चाहिए.जज ने  मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए ये कहा जिसमें जिला जज  के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए एक व्यक्ति को 10 दिन की जेल की सजा सुनाई गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक अधिकारी पर कोई भी  आरोप लगाने से पहले उन्हें दो बार सोचना चाहिए था. उन्होंने न्यायिक अधिकारी को बदनाम किया है. न्यायिक अधिकारी की छवि को हुए नुकसान के बारे में सोचना चाहिए. शीर्ष अदालत कृष्ण कुमार रघुवंशी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जिसमें एक जिला न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए उसके खिलाफ शुरू किए गए आपराधिक अवमानना ​​मामले में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी. SC ने कहा कि वह इस मामले में दखल देने को इच्छुक नहीं है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट से नरमी बरतने की मांग की और कहा कि जेल का आदेश अत्यधिक  है.

वकील ने कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा मामला है और आवेदक 27 मई से पहले ही जेल में है. शीर्ष अदालत की पीठ ने तब टिप्पणी की, "हम यहां कानून पर फैसला करने के लिए हैं, दया दिखाने के लिए नहीं, खासकर ऐसे व्यक्तियों के लिए."

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"क्या AI भारत में नौकरियों के लिए खतरा है?" मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने क्या कहा

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को एनडीटीवी के साथ एक एक्सक्लुसिव इंटरव्यू में भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य को लेकर चर्चा की. चंद्रशेखर ने कहा कि एआई के मामले में भारत सबसे आगे रहना चाहता है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार एआई की सीमाओं के निर्धारण को लेकर भी गंभीर है. उन्होंने कहा कि हम ऐसी नीति बनाना चाहते हैं जहां लोगों के हीत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नियंत्रित किया जाए. हम उपयोग कर्ताओं को होने वाले नुकसान के नजरिए से इसे नियंत्रित करने जा रहे हैं.

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री जो दो दशक पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेने वाले डिजिटल इंडिया अधिनियम के मसौदे को तैयार करने के लिए हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श से जुड़े एक बड़े टीम का नेतृत्व कर रहे हैं - ने कहा कि हम इसे (एआई) को लेकर नियम लाएंगे कि यह इंटरनेट पर किसी उपयोगकर्ता को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.

भारत के डिजिटल भविष्य के बारे में बात करते हुए, श चंद्रशेखर ने कहा कि देश एक "techade" की ओर बढ़ रहा है. गौरतलब है कि पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस शब्द का प्रयोग किया था.उन्होंने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में भारत को "ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था" बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के इकोसिस्टम का कोई हिस्सा नहीं होने जा रहा है जहां भारत और उसके स्टार्टअप की पहुंच नहीं होगी.

मंत्री ने नौकरियों पर एआई के प्रभाव के बारे में उठ रहे प्रश्न कि क्या एआई नौकरियों की जगह लेगा? के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि एआई का असर होगा लेकिन यह नए अवसर लेकर भी आएगा. उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में एआई को लेकर तैयार प्रतिभा का केंद्र बन सकता है.

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सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले, SPG के प्रमुख को कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर फिर से किया गया नियुक्त

विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के निदेशक को  केंद्र सरकार के द्वारा एक  कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर एक वर्ष के लिए फिर से नियुक्त किया गया है. सरकार द्वारा यह कदम उनके सेवानिवृत्त होने से ठीक एक दिन पहले उठाया गया है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा मंगलवार को जारी एक आदेश के अनुसार, अरुण कुमार सिन्हा (1987 बैच के आईपीएस अधिकारी) को एक साल के लिए एसपीजी के निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यह नियमों के अनुसार किया गया है. एक IPS को केवल छह महीने के लिए एक्सटेंशन दिया जा सकता है और अगर किसी को इससे अधिक एक्सटेंशन देने की आवश्यकता है, तो SPG नियमों में संशोधन करने की आवश्यकता है. इसलिए इसे दरकिनार करने के लिए सिन्हा को फिर से नियुक्त किया गया है अनुबंध के आधार पर.

डीओपीटी के आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सिन्हा को उनकी सेवानिवृत्ति (31 मई) की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, अनुबंध के आधार पर फिर से नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है.इससे पहले पिछले हफ्ते, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एसपीजी के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया था, जो एसपीजी की सहायता के लिए राज्य सरकारों, सेना, स्थानीय और नागरिक प्राधिकरण द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को तैयार करने के लिए केंद्र को अधिकार प्रदान करता है.

नियम यह भी प्रदान करते हैं कि निदेशक के पद पर नियुक्त आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रैंक से कम नहीं होना चाहिए. नवीनतम निर्णय इस तथ्य की पृष्ठभूमि में महत्व रखता है कि कई मौकों पर SPG का नेतृत्व एक महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी और ADG रैंक के अधिकारी द्वारा तय किया जाता था क्योंकि कोई विशिष्ट नियम इससे पहले नहीं हुआ करता था.

गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में कई राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कई बार सेंध लगी है इसीलिए सरकार द्वारा नियमों में बदलाव किया गया है.

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मणिपुर में अमित शाह की बंद कमरे में बैठक में क्या हुआ?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कल देर शाम मणिपुर कैबिनेट के साथ बैठक में पांच अहम फैसले हुए, जिन्हें शांति प्रक्रिया के तहत पूरे राज्य में तुरंत लागू किया जाएगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. इन फैसलों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है, जहां 3 मई से कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट निलंबित है. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कुकी आदिवासी नेताओं के साथ एक बैठक में सीबीआई द्वारा हिंसा की जांच की भी बात कही है.

सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट मीटिंग में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, राहत कार्यों में तेजी लाने, जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के साथ ही अफवाहों को दूर करने के लिए बीएसएनएल की टेलीफोन लाइन को फिर से खोलने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. 

सूत्रों ने कहा कि शाह ने अधिकारियों को राज्य में शांति भंग करने वाली गतिविधियों को लेकर सख्‍ती से निपटने के निर्देश दिए हैं. 

अमित शाह ने कल देर शाम इंफाल पहुंचने के बाद कई बैठकें की हैं. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के मंत्रिमंडल के अलावा उन्होंने राज्यपाल, सुरक्षा बलों और प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात की. 

उन्होंने इंफाल में आज शाम एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता भी की. उन्‍होंने राजनेताओं से राज्य में सामान्य स्थिति और सांप्रदायिक सद्भाव लाने में मदद करने की अपील की. उन्होंने कहा कि केंद्र शांति लाने की पूरी कोशिश कर रहा है. 

उन्‍होंने एक ट्वीट किया, "इंफाल में मणिपुर पुलिस, सीएपीएफ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. मणिपुर की शांति और समृद्धि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, उन्हें शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है." 

भाजपा के सात विधायकों सहित राज्य के 10 आदिवासी विधायकों की आदिवासियों के लिए अलग राज्‍य बनाने की मांग को लेकर शाह ने कहा कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होगी और उन्‍होंने समाज के नेताओं से अपील की कि राज्य में अमन-चैन कायम करने में सक्रिय भूमिका निभाएं.

सूत्रों ने कहा कि आदिवासी बहुल चुराचांदपुर में एक बैठक के दौरान गृह मंत्री ने नेताओं से हिंसा को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाने का अनुरोध किया और कहा कि जल्द राजनीतिक समाधान शुरू किया जाएगा. 

सूत्रों ने कहा कि हिंसा की सीबीआई जांच का आश्वासन देते हुए शाह ने यह भी कहा कि राज्य के आदिवासी समुदायों के लिए जल्द ही 20 टन चावल की राहत दी जाएगी. 

सूत्रों ने कहा कि चुराचांदपुर में आदिवासी नेताओं, बुद्धिजीवियों और प्रमुख आदिवासी नागरिकों के साथ घंटे भर की बंद चर्चा में शाह ने राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने पर अपनी राय भी रखी. 

बता दें कि मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के साथ करीब महीने भर पहले शुरू हुए जातीय संघर्ष में 80 से अधिक लोग मारे गए हैं.  

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गहलोत-पायलट विवाद में अब भी सुलग रही चिंगारी? सुलह की कोशिश का होगा असर या फिर होगा घमासान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के साथ बैठक के बाद कांग्रेस की एकता प्रदर्शित करने की कोशिश कई सवाल अनसुलझे सवाल छोड़ गई है. यह दर्शाता है कि कांग्रेस को इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी संभावनाओं को खतरे में डालने वाले झगड़े को सुलझाना बाकी है. सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बीच चार घंटे की बैठक में सत्ता साझा करने के फॉर्मूले पर कोई सहमति नहीं बन पाई. 

बैठक के बाद अशोक गहलोत के बाहर निकलने वाले दृश्‍यों ने उन खबरों की पुष्टि की है, जिनमें पायलट के साथ उनकी अनबन हमेशा की तरह मजबूत है. 

गहलोत ने आज सुबह संवाददाताओं से कहा कि वह पायलट के साथ काम करेंगे और चुनाव जीतेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को "धैर्य" रखना चाहिए और सेवा के अवसर की प्रतीक्षा करनी चाहिए.

गहलोत ने कहा, "मुझे सोनिया गांधी के शब्द याद हैं, जिन्होंने कांग्रेस के अधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं को धैर्य रखने के लिए कहा था और वे किसी न किसी तरह से पार्टी की सेवा करेंगे. मैं इसे अपने दिल में रखता हूं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहता हूं कि धैर्य रखें. उन्हें किसी न किसी रूप में पार्टी की सेवा करने का अवसर मिलेगा. इसलिए मैं धैर्य, धैर्य, धैर्य का आह्वान करता हूं."

यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट उनके साथ काम करेंगे, उन्होंने कहा: "अगर वह पार्टी में हैं तो क्यों नहीं? यह आलाकमान को तय करना है कि कोई क्या भूमिका निभाता है. यह हमारे ऊपर नहीं है, यह आलाकमान के ऊपर है.  मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है. मैं राजस्थान में तीन बार मुख्यमंत्री और इतनी बार ही केंद्रीय मंत्री रह चुका हूं. यह मेरा कर्तव्य है कि मैं वह करूं जो आलाकमान मुझसे चाहता है और वह है जीतना चुनाव."

सोमवार को खरगे के घर हुई बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि दोनों नेताओं ने पार्टी के 'प्रस्ताव' पर सहमति जताई है और मिलकर चुनाव लड़ेंगे. 

'आलाकमान पर छोड़ा फैसला' 
पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने आगामी चुनावों के लिए 'शांति समझौते' या जिम्मेदारियों के विभाजन का कोई भी विवरण साझा नहीं करते हुए कहा, "दोनों नेताओं ने सर्वसम्मति से एक साथ काम करने का फैसला किया है और आलाकमान पर फैसला छोड़ दिया है."

मुलाकात के बाद की चुप्‍पी 
सूत्रों ने कहा कि खरगे और राहुल गांधी ने पहले गहलोत के साथ दो घंटे तक बातचीत की और फिर पायलट से अलग से मुलाकात की. बाद में सभी एक साथ बैठकर फोटो खिंचवाने लगे. हालांकि गहलोत और पायलट, वेणुगोपाल के साथ बाहर चले गए और चुप रहे. 

असहज करने वाली मांगें 
अपनी ही पार्टी को असहज करने वाली स्थिति में डालते हुए पायलट ने राजस्थान में कई मांगें की हैं, जिसमें गहलोत के भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने की मांग भी शामिल है. 

पीछे हटने से पायलट का इनकार!
पायलट ने कांग्रेस को यह घोषणा करते हुए नोटिस दिया है कि यदि इस महीने के अंत तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. बताया जा रहा है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री ने बैठक में अपनी मांगों से पीछे हटने से इनकार कर दिया है.

'पद की पेशकश नहीं करेगा आलाकमान' 
गहलोत की कल की टिप्पणी भी कांग्रेस की मदद नहीं करेगी. गहलोत ने कल कहा था कि कांग्रेस आलाकमान मजबूत है और किसी नेता को शांत करने के लिए कभी भी किसी पद की पेशकश नहीं करेगा. 

2018 के बाद से जारी है घमासान 
राजस्‍थान में 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर घमासान जारी है.  हालांकि पायलट दूसरी भूमिका निभाने के लिए सहमत हुए, उन्होंने 2020 में बगावत कर दी और दिल्ली के पास कई दिनों तक डेरा डाले रखा. हालांकि गांधी परिवार के समाधान का आश्वासन देने के बाद यह मामला शांत हुआ. 80 से अधिक विधायकों ने गहलोत के साथ रहना चुना, जिसके कारण बगावत विफल हो गई. किसी भी वक्‍त पर पायलट अपने समर्थन में 20 से अधिक विधायक नहीं जुटा सके, जिससे पार्टी के लिए एक पक्ष चुनना कठिन हो गया है. पिछले साल करीब 72 विधायकों ने गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनाने के कांग्रेस के कदम के विरोध में इस्तीफा दे दिया. पार्टी के इस कदम का अर्थ था कि राजस्थान में उनकी जगह कोई और लेगा, शायद पायलट. 

अकेले ही शुरू कर दिया था अभियान 
इस साल की शुरुआत में पायलट ने राज्य में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के तुरंत बाद राजस्थान चुनाव के लिए एक अकेले ही अभियान शुरू किया. 

गहलोत ने पायलट पर बोला था तीखा हमला  
गहलोत ने पायलट पर लगातार हमलों के साथ यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पीछे नहीं हटेंगे. मुख्यमंत्री उन्‍हें गद्दार, निकम्मा और कोरोना वायरस तक बता चुके हैं. 
 



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Monday, 29 May 2023

ऑडी कार में चाय की दुकान लगाता है ये शख्स, चायवाले का स्वैग देख लोग हैरान, बोले- गरीब के लिए कुछ तो छोड़ दो...

ऐसा लगता है कि चाय बेचना बहुत सारे लोगों के लिए एक वैकल्पिक करियर विकल्प बन गया है. आपने शायद एमबीए चायवाला (MBA Chaiwala), बीटेक चायवाली (BTech Chaiwali) और यहां तक ​​कि क्रिप्टोकरंसी स्वीकार करने वाले चायवाले के बारे में भी सुना होगा. लेकिन क्या आपने किसी ऐसे चायवाले के बारे में सुना है जिसका स्टॉल एक महंगी लग्जरी कार से चलता है?

हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है. मुंबई की ऑडी चायवाला (Audi Chaiwala) का एक वीडियो इंटरनेट पर खूब चर्चा में है. स्टॉल की शुरुआत अमित कश्यप और मन्नू शर्मा ने की. मुंबई (Mumbai) के लोखंडवाला बैकरोड पर हर रोज उनकी दुकान लगती है.

क्लिप में, दोनों को उनके निर्धारित स्थान तक ड्राइव करते और ऑन ड्राइव टी नाम से अपना स्टॉल लगाते हुए देखा जा सकता है.

देखें Video:

पोस्ट को कई हजार व्यूज और कई रिएक्शन मिले हैं. ऑन ड्राइव टी का अपना इंस्टाग्राम है जहां वे ग्राहकों से नियमित पोस्ट और रिव्यू शेयर करते हैं.

लीक से हटकर बिजनेस के बारे में लोगों के पास कहने के लिए बहुत कुछ था. जहां कुछ लोगों ने ऑडी से चाय बेचने वाले पुरुषों की काफी आलोचना की, वहीं बाकी लोगों को यह काफी दिलचस्प लगा.
 

वन विभाग, पुलिस अधिकारी मिलकर अरिकोम्बन हाथी को किया रेस्क्यू



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Delhi Murder Case: जानें कैसे एक फोन कॉल ने पकड़वाया प्रेमिका की हत्या के आरोपी साहिल को

पुलिस ने सोमवार को कहा कि नई दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में एक नाबालिग लड़की की जघन्य हत्या के आरोपी को उसके पिता को फोन करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने साहिल को कैसे गिरफ्तार किया, इसका खुलासा करते हुए कहा गया है कि आरोपी फोन बंद करने के बाद छिप गया था.हालांकि आरोपी द्वारा अपने पिता को फोन करने के बाद उस पर तकनीकी निगरानी रखी गई. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद आरोपी भाग गया था और छिपने के लिए बुलंदशहर में अपने रिश्तेदार के यहां चला गया था. 

पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी साहिल ने हत्या करने के बाद अपना मोबाइल बंद कर लिया था.पुलिस के मुताबिक, शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लड़की के सिर पर किसी मजबूत वस्तु से हमला किया गया था, जिससे उसे गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई.

इस घटना का लगभग 90 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है, जिसमें आरोपी एक हाथ से लड़की को दीवार की तरफ धकेलकर बार-बार उस पर चाकू से वार करता नजर आ रहा है. वह लड़की के जमीन पर गिरने पर भी नहीं रुकता है, उस पर 20 से अधिक बार चाकू से वार करता है, उसे कई बार लात मारता है और फिर सीमेंट के स्लैब से उस पर कई बार हमला करता है.

इस घटना का लगभग 90 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है, जिसमें आरोपी एक हाथ से लड़की को दीवार की तरफ धकेलकर बार-बार उस पर चाकू से वार करता नजर आ रहा है. वह लड़की के जमीन पर गिरने पर भी नहीं रुकता है, उस पर 20 से अधिक बार चाकू से वार करता है, उसे कई बार लात मारता है और फिर सीमेंट के स्लैब से उस पर कई बार हमला करता है.

घटना के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं. जहां आरोपी को लड़की पर कई बार चाकू से वार करते और फिर उसके सिर पर पत्थर से वार करते देखा जा सकता है. वहां कई स्थानीय लोग मौजूद देखे जा सकते हैं लेकिन किसी ने मामले में हस्तक्षेप नहीं किया. 

पुलिस ने मामले में शाहबाद डेयरी थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया है. सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता के हाथ पर एक टैटू भी था, जिसमें प्रवीण नाम लिखा हुआ था.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘लड़की के 2021 से साहिल से संबंध थे, लेकिन बाद में अक्सर उनकी लड़ाई होने लगी, जिससे उनके रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे. लड़की ने साहिल से बात करना बंद कर दिया था और वह उसके साथ पूरी तरह से संबंध खत्म करना चाहती थी, लेकिन वह लड़की से संपर्क करता रहा और फिर से रिश्ता बनाना चाहता था.'' उन्होंने कहा, ‘‘शनिवार को भी दोनों का झगड़ा हुआ था, जिससे उनके संबंध और खराब हो गए. यह हत्या के पीछे का कारण हो सकता है.''

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दिल्ली में बारिश से मौसम हुआ सुहावना, चार जून तक 'लू' की संभावना नहीं

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को फिर से तेज हवाओं के साथ बारिश होने और आसमान में बादल छाए रहने से मौसम सुहावना हो गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र ने कहा है कि चार जून तक राजधानी में 'लू' की स्थिति लौटने की संभावना नहीं है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी में सोमवार दोपहर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और कई इलाकों में हल्की बारिश हुई.

मौसम विभाग ने 'येलो' अलर्ट जारी किया है, जिसमें लोगों को यातायात बाधित होने और निचले इलाकों में पानी भरने की चेतावनी दी गई है. आईएमडी मौसम की चेतावनी के लिए चार कलर कोड का उपयोग करता है : हरा (कार्रवाई की जरूरत नहीं), पीला (देखें और अपडेट रहें), नारंगी (तैयार रहें) और लाल (कार्रवाई करें). दिल्ली के प्रमुख मौसम विज्ञान केंद्र सफदरजंग वेधशाला के मुताबिक सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. जबकि अधिकतम तापमान के 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

सामान्य रूप से 39.5 डिग्री सेल्सियस के औसत अधिकतम तापमान के साथ मई का महीना दिल्ली में सबसे गर्म महीना रहता है. लेकिन, इस बार मई में सामान्य से कम तापमान और अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है. मौसम विज्ञानियों ने इस घटना के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया - एक ऐसी मौसम प्रणाली जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और इस मौसम में उत्तर-पश्चिम भारत में बेमौसम बारिश लाती है.

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, सफदरजंग वेधशाला ने मई में अब तक 86.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है. आम तौर पर पूरे महीने में राष्ट्रीय राजधानी में औसतन 19.7 मिलीमीटर बारिश होती है. दिल्ली में इस महीने की शुरुआत में घने कोहरे का एक असामान्य घटनाक्रम भी देखा गया. चार मई को न्यूनतम तापमान गिरकर 15.8 डिग्री सेल्सियस हो गया था, जो आईएमडी द्वारा 1901 में रिकॉर्ड रखने की शुरुआत करने के बाद से मई के महीने की तीसरी सबसे ठंडी सुबह थी.

शहर में अप्रैल में 20 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो 2017 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक है. मई में केवल नौ दिनों के लिए दिल्ली में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया. आईएमडी के अनुसार, ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण सोमवार और मंगलवार को कुछ स्थानों पर तेज हवाएं चलने के साथ ही बारिश होने और ओले गिरने की संभावना है.

अधिकतम तापमान के चार जून तक 40 डिग्री सेल्सियस से कम ही रहने के आसार हैं. इस महीने की शुरुआत में, मौसम कार्यालय ने मई में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम अधिकतम तापमान और 'लू' की स्थिति वाले कम दिनों की भविष्यवाणी की थी.

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चुनावी रणनीति में माहिर PM नरेंद्र मोदी कैसे बन गए BJP की जीत की 'गारंटी'?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बारे में कुछ लिखते या बात करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (#9YearsOfPMModi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र एक साथ करना आम बात हो चुकी है. जनता के बीच मोदी की व्यापक लोकप्रियता और कुशल रणनीतिकार के तौर पर शाह की प्रतिभा को एक साथ जोड़कर या एक-दूसरे की पूरक मानकर व्यक्त किया जाता है. 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री  (9 Years of Modi Government) बनने के बाद से बीजेपी के लिए वह चुनाव में एक तरह से जीत की गारंटी बन चुके हैं. 

मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर NDTV खास डॉक्यूमेंट्री सीरीज (PM Modi Documentary Series Episode 6) लेकर आया है. आज सीरीज के छठें एपिसोड में जानें आखिर चुनाव में मोदी फैक्टर (#BJPpollmachinery) इतना मजबूत क्यों है?  ऐसा क्या है कि विपक्ष मोदी फैक्टर का कोई तोड़ नहीं ढूंढ पा रहा है?  (यहां देखिए, डॉक्यूमेंट्री सीरीज के छठें एपिसोड का पूरा वीडियो)

मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडा का अक्षुण्ण रखूंगा. मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेश के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.

नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री

2014 में 17 करोड़ मतदाताओं ने बीजेपी को चुना
26 मई 2014 को जो शुरुआत हुई थी, वो आज तक जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदार दास मोदी सबसे कामयाब राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को 9 साल तक लगातार जीत दिलाते आए हैं. ये सफर अभी थमा नहीं है. 2014 में भारत में 82 करोड़ मतदाता थे. यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया को मिला दे तो, ये संख्या उनकी पूरी आबादी है. इनमें से करीब 55 करोड़ ने वोट डाले. इनमें से 17 करोड़ मतदाताओं ने बीजेपी को चुना. इतने लोग अगर उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक खड़े हो जाए, तो इससे चार सीधी कतारें बन जाएंगी.

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2019 में बीजेपी को मिले 23 करोड़ वोट
2019 में भारत में 91 करोड़ मतदाता थे. यानी यूरोप, रूस और ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी के बराबर मतदाता. 2019 के चुनाव में बीजेपी को अगले 23 करोड़ वोट मिले, जो उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक लोगों की छह कतारों के बराबर है. मोदी के राजनीतिक दल बीजेपी ने आखिर ये कैसे किया? क्या ये अकेले मोदी का जादू है?

निश्चित रूप से ये पीएम मोदी का नेतृत्व बीजेपी की जीत में एक बड़ा और महत्वपूर्ण पड़ाव है.

भूपेंद्र यादव

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री
किताब 'द आर्किटेक्ट ऑफ द न्यू बीजेपी' के लेखक अजय सिंह कहते हैं, "मोदी फैक्टर महत्वपूर्ण है, इसमें तो कोई दोराय नहीं है. हमने जो किताब लिखी-'द आर्किटेक्ट ऑफ द न्यू बीजेपी'... उसमें हमने जिक्र किया है कि ऑर्गनाइजेशन की अहमियत को भी कम करके नहीं देखा जा सकता, क्योंकि ये भी एक बड़ा फैक्टर है. जहां एक इंडिविजुअल चार्म है,वहीं ऑर्गनाइजेशन का प्रभाव भी एक बड़ा फैक्टर है." 

लेखक, राजनयिक और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन के वर्मा कहते हैं, "बीजेपी के पास एक मजबूत नेता, एक करिश्माई नेता और हर ऐतबार से एक लोकप्रिय नेता है. लोग उनसे सहमत हों या न हों... लेकिन वो अपनी पार्टी के निर्णायक नेता हैं."

लोकनीति-सीएसडीएस के सह निदेशक संजय कुमार कहते हैं, "2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह की जीत बीजेपी को मिली. साथ ही अन्य राज्यों के चुनाव में जो जीत बीजेपी को मिली... इसका श्रेय तो पीएम मोदी को जाता है. ऐसे राज्य हैं, जहां ऐसा लगता नहीं था कि बीजेपी जीत पाएगी... पार्टी वहां कमजोर दिखाई पड़ती थी, लेकिन पार्टी को जीत मिल गई. कई राज्यों के चुनाव ऐसे हैं जहां पीएम मोदी के कारण ही बीजेपी को जीत हासिल हुई."

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नई दिल्ली में बीजेपी का मुख्यालय, जहां सभी बड़े निर्णय लिए जाते हैं. जीत चाहे जितनी छोटी हो या जितनी बड़ी... जश्न यहीं मनाया जाता है. जब-जब चुनाव के नतीजे आते हैं, तब-तब शाम को बीजेपी के नेता यहां जमा होते हैं.

लोकनीति-सीएसडीएस के सह निदेशक संजय कुमार कहते हैं, "ये एक मौका होता है, जब पीएम मोदी अपने कार्यकर्ताओं के साथ बात करते हैं. वो अपने कार्यकर्ताओं तक संदेश पहुंचाते हैं. उन्हें धन्यवाद देते हैं. पीएम मोदी यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि बीजेपी के लिए हर जीत अहम है. आपने ध्यान दिया होगा कि जब पीएम मोदी ऐसे संदेश देते हैं, तो वो आने वाले चुनावों का भी जिक्र करते हैं. ये एक तरह से संगठन को मजबूत रखने का एक जरिया है." 

चुनाव दर चुनाव बीजेपी का स्ट्राइक रेट विपक्षी दलों के मुकाबले अच्छा रहा है. पिछले 4 दशकों में बीजेपी की सफलता की तस्वीर देश के नक्शे में देखी जा सकती है. इसीलिए सन 1984 में बीजेपी के पास 2 सांसद थे. 2019 में पार्टी अपने दम पर 300 के पार (303) पहुंच गई.

लोकतंत्र में पहली बात तो हार भी कोई बुरी बात नहीं है. लेकिन हां... हर पार्टी जीतने के लिए चुनाव लड़ती है. बीजेपी में अमित शाह जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, तो उन्होंने पार्टी की सदस्यता के विस्तार के लिए एक बहुत बड़ा कैंपेन चलाया. पार्टी अध्यक्ष के नाते उन्होंने अपने कार्यकाल में लगभग तीन बार पूरे हिंदुस्तान का दौरा किया. देश के जिलों में रात गुजारी. कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं. जब शीर्ष नेतृत्व इतनी सहजता के साथ जिलास्तर पर उपलब्ध होता है,तो कार्यकर्ताओं में नैतिक बल भी खड़ा होता है और लड़ने की ताकत भी खड़ी होती है.

भूपेंद्र यादव

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री

मोदी की पार्टी का दावा है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है.पार्टी को अपने संगठनात्मक ढांचे और कार्यकर्ताओं पर गर्व है. लेकिन अगर मोदी को इससे अलग कर दें, तो क्या भारी जीत का ये सिलसिला जारी रहेगा?

अजय सिंह कहते हैं, "मोदी जी हैं तो जीत है या ऑर्गनाइजेशन है तो जीत है... ये सवाल वैसा ही है कि पहले मुर्गी आई या अंडा. राजनीति में ऐसे सवाल का जवाब देना मुश्किल हो जाता है, लेकिन ज़ाहिर है दोनों की बराबर की महत्ता है. लेकिन, मेरे विचार में अगर आपका संगठन मज़बूत है, तो वो व्यक्तियों से अधिक लंबा चलता है. संगठन अपने समय के आदर्श खुद ईजाद करते हैं." 

लोकनीति-सीएसडीएस के सह निदेशक संजय कुमार बताते हैं, "मेरी राय में अब इस मशीन को मोदी के बिना कुछ करने में बड़ी मुश्किल आएगी. हमने विधानसभा और लोकसभा चुनावों का सर्वेक्षण किया. इस बारे में बहुत चर्चा होती रहती है कि प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी के लिए कितने बेशक़ीमती हैं. हमने उसको परिमाणित करने की कोशिश की. हमने ये पाया कि 2019 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिलने वाले हर 100 वोटों में से 36 प्रधानमंत्री मोदी की वजह से आए. ये मोदी का बीजेपी को तोहफ़ा था. मशीनरी की अहमियत है, गाड़ी की ज़रूरत होती है एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए, लेकिन गाड़ी चलाने के लिए एक अच्छा ड्राइवर चाहिए. मेरे विचार में प्रधानमंत्री मोदी इस मशीन को आगे ले जाने के लिए बहुत अच्छे चालक साबित हुए हैं."

बीजेपी अपनी संगठनात्मक शक्ति और आरएसएस के अलावा संघ परिवार के दूसरे संगठनों की मदद से भी सत्ता में है. मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, जाति की जटिलताओं की समझ और सबसे अहम बीजेपी की प्रमुख विचारधारा हिंदुत्व के बल पर आई. यही कारण है कि इस दल को राम मंदिर आंदोलन के दौरान जो समर्थन मिला, उसके बाद इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. ज़ाहिर है पार्टी अपनी इस ताक़त को और मज़बूत कर रही है. 

क्यों जीतते हैं मोदी- जातिगत गणित
दो साल पहले नलिन मेहता की किताब 'द न्यू बीजेपी' बताती है कि मोदी की चुनावी जीत सिर्फ़ प्रचार और उत्साह के बल पर नहीं बल्कि, जातिगत गणित की गहरी और वैज्ञानिक समझ के हिसाब से उसके प्रबंधन का नतीजा है. इन अध्यायों में राज्य और ज़िले के स्तर पर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के प्रतिनिधित्व की कुल संख्या की चर्चा है. ये हैरानी की बात नहीं कि बीजेपी गैर-जाटव दलितों को लुभाने की कोशिश करती है, जो बीएसपी के पारपंरिक वोटर हैं या यदुवंशियों के एक हिस्से को, जो पारंपरिक तौर पर सपा के वोटर रहे हैं। 2014 में, भारत के सबसे घनी आबादी वाले राज्य यूपी में बीजेपी को 80 में 70 से ज़्यादा सीटें मिलीं. और 2019 में जब सपा-बसपा एक होकर लड़े थे, तब भी बीजेपी 60 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. यही कहानी राज्य दर राज्य दोहराई जा रही है. कुछ राज्यों में पार्टी कामयाब है, कुछ में नहीं.

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संजय कुमार कहते हैं, "ये बीजेपी ने कोई नई बात नहीं की है, लेकिन उसने कई दूसरे दलों से इसे बेहतर तरह से किया है. आंकड़े देखें कि कैसे अलग अलग चुनावों में OBC ने वोट दिए. 2009 चुनावों में बीजेपी को मिलने वाले लगभग 12-14% वोट में से 20% वोट ओबीसी के थे. लेकिन 2019 लोकसभा चुनावों में 44% ओबीसी वोट बीजेपी को मिले, यानी दोगुने. अगर देखें कि ये कौन से ओबीसी हैं जो अब बीजेपी को वोट दे रहे हैं तो ये ज़्यादातर निम्न ओबीसी में से हैं." 

संजय कुमार आगे कहते हैं, "बीजेपी को एहसास हुआ कि ओबीसी के साथ जातिगत तालमेल बनाना होगा. दलित भी अब बीजेपी को समर्थन देने लगे हैं, आदिवासी भी बीजेपी को वोट दे रहे हैं. देखिए जब द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं, तो उन्होंने इसका बड़े ज़ोरशोर से प्रचार किया कि बीजेपी सरकार ने ये काम किया है. तो बीजेपी को ये पता था कि स्थिर समर्थकों का आधार बनाने के लिए जाति गठबंधन बनाना पड़ेगा और ये वो पिछले 10 साल से सफलतापूर्वक करते रहे हैं."

क्या यही वजह है कि विपक्ष अब चाहता है कि सरकार जाति आधारित जनगणना करवाए? ताकि ये पता चल जाए कि ओबीसी और दूसरी जातियों की असल संख्या कितनी है? ये काम पिछली बार 1930 में अंग्रेज़ों के राज में हुआ था...2011 में सुगबुगाहट थी लेकिन कुछ हुआ नहीं. बीजेपी इस मामले पर खुल कर कुछ भी नहीं कह रही. 

मोदी अपने उपलब्धियों को रोज़ाना कई कई बार दोहराते हैं...सड़कों से लेकर हवाई अड्डों और बंदरगाहों का ज़िक्र करते हैं. विकास अहम है, लेकिन बीजेपी ये नहीं भूली है कि कामयाबी के इस नुस्ख़े में उसकी विचारधारा का सबसे बड़ा योगदान है.

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संजय कुमार कहते हैं, "मेरी इस बारे में ज़रा अलग राय है. बीजेपी को इतनी ऊंचाई पर हिंदुत्व ने नहीं पहुंचाया है. हिंदुत्व ने बीजेपी का आधार मज़बूत किया, लेकिव हिंदुत्व से ज़्यादा राष्ट्रवाद है. राष्ट्रवाद बीजेपी को नई ऊंचाइयों पर ले गया है. राष्ट्रवाद एक शब्द है और हिंदुत्व राष्ट्रवाद के साथ जुड़ जाता है. जब हम विश्व में भारत की छवि की बात करते हैं, तो वो भी राष्ट्रवाद के दायरे में आता है. तो हिंदुत्व से ज़्यादा, हिंदुत्व तो बीजेपी का वोट प्रतिशत 30%- 32% तक ले गया, लेकिन जब बीजेपी ने राष्ट्रीय गौरव की बात शुरू की तो उसने पार्टी को उन बुलंदियों पर पहुंचाया जो बीजेपी को हासिल हुई है, 2019 लोकसभा चुनावों में 37% वोट.

मोदी के सामने विपक्ष कैसा है? और अगर वो एकजुट हो गया तो क्या 2024 में उन्हें हरा पाएगा? इस सवाल के जवाब में संजय कुमार कहते हैं, "बीजेपी को तो एकजुट विपक्ष हरा सकता है, लेकिन मोदी को एकजुट विपक्ष नहीं हरा सकता. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि अगर आप लोकप्रियता के पैमाने पर प्रधानमंत्री मोदी का क़द देखें, तो विपक्ष में ऐसा कोई नेता नहीं है, जो प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का मुक़ाबला कर सके." 

संजय कुमार कहते हैं, "अब ये सवाल है कि क्या विपक्ष एक होता है, तो बीजेपी को हराया जा सकता है? अगर आप इस आधार पर ये हिसाब लगाएं कि सभी राजनीतिक दलों को उतने ही वोट मिलेंगे जितने 2019 में मिले थे. और अगर सारी ग़ैर बीजेपी पार्टियां एक साथ आ जाती हैं, तो ये संभावना है कि बीजेपी 220-230 सीटों तक सिमट जाए. स्थानीय दल 300 का आंकड़ा पार कर सकती हैं, लेकिन क्या ये व्यवहारिक लगता है? मुझे तो ऐसा नहीं लगता."

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बहरहाल, लोकसभा चुनाव में एक साल से कम समय बचा है. करिशमाई नेता नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपनी तैयारी कर रहे हैं.

डॉक्यूमेंट्री सीरीज के पहले 5 एपिसोड आप यहां देख सकते हैं:-

एपिसोड 1- कूटनीति

एपिसोड-2 महिला सशक्तीकरण

एपिसोड-3 कल्याणकारी योजनाएं

एपिसोड-4 इंफ्रास्ट्रक्चर

एपिसोड-5 बदल रहा कश्मीर



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चलती मेट्रो की गेट खोल कर कूद रहा था शख्स, फिर ऐसा हुआ कि देख कर दिल दहल जाएगा

Social Media Viral Video: कई बार लोग ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं. शॉर्ट कट के चक्कर में लोग अपनी जान भी दांव पर लगा देते हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स चलती मेट्रो की गेट खोल देता है. गेट खोलने के बाद वो सीधे प्लेटफॉर्म पर गिर जाता है. उसके बाद जो होता है, वो पूरी तरह से हैरान कर देने वाला होता है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखने के बाद लोग दंग हो रहे हैं.

देखें वायरल वीडियो

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक शख्स चलती हुई मेट्रो की गेट को खोलने की कोशिश करता है और वो इसमें सफल भी हो जाता है, मगर गेट खुलने के बाद जो होता है, वो चौंकाने वाला होता है. सोशल मीडिया पर यह वीडियो पूरी तरह से हैरान कर देने वाला होता है. 

वायरल हो रहे इस वीडियो को देखने के बाद आप समझ गए होंगे कि इस धरती पर कितने बेवकूफ लोग होते हैं. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे शख्स गिर जाता है. इस तरह के स्टंट करने से किसी की जान भी जा सकती है. सोशल मीडिया पर यह बहुत ही हैरान कर देने वाला वीडियो है. वायरल हो रहे इस वीडियो को कई लोगों ने शेयर किया है.

इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया गया है. 39 लाख लोगों ने इस वीडियो को देखा है, वहीं इस वीडियो पर कई लोगों के कमेंट्स भी देखने को मिल रहे हैं. एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- ऐसे लोग बेवकूफी के कारण मर जाते हैं. एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- बहुत ही डरावना वीडियो है.

इस वीडियो को भी देखें



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Sunday, 28 May 2023

Surya Grahan 2023: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण किस दिन लगेगा और किन राशियों पर पड़ेगा इसका प्रभाव, जानिए यहां 

Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका विशेष धार्मिक महत्व भी होता है. माना जाता है कि ग्रहण कई तरह से राशियों को प्रभावित करते हैं और जातक के जीवन पर असर डालते हैं. इस साल कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण हैं. इसी क्रम में पहला सूर्य ग्रहण बीते 20 अप्रैल के दिन लग चुका है जिसके बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण 5-6 मई की रात लगा था. अब जल्द ही अक्टूबर के महीने में साल का दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने जा रहा है. 

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साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण | Second Solar Eclipse Of Year 2023

इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार के दिन लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण वह सूर्य ग्रहण होता है जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता है. इस कारण सूर्य आग के रिंग की तरह यानी रिंग ऑफ फायर की तरह प्रतीत होता है और देखने में छोटा नजर आता है. 

इस सूर्य ग्रहण को संसार के कुछ हिस्सों से देखा जा सकता है. इन जगहों में अफ्रीका का पश्चिमी हिस्सा, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक, प्रशांत महासागर और आर्कटिक शामिल हैं. 

राशियों पर पड़ने वाला असर 

इस सूर्य ग्रहण को भारत से नहीं देखा जा सकेगा जिस चलते मान्यतानुसार भारत में इसका सूतक काल (Sutak Kaal) मान्य नहीं होगा. हालांकि, इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कुछ राशियों पर पड़ सकता है. 

कन्या राशि- इस राशि के लिए सूर्य ग्रहण शुभ नहीं माना जा रहा है. कन्या राशि (Virgo) के लोगों के परिवार व दोस्तों से मतभेद हो सकते हैं. इस चलते इन्हें सावधानी बरतने की आवश्यक्ता है. 

मेष राशि - सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव मेष राशि के जातकों पर भी पड़ सकता है. इस राशि के लोगों को करीबियों से धोखा मिलने की संभावना है और साथ ही नौकरी के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. 

तुला राशि - सूर्य ग्रहण के प्रभाव से तुला राशि (Libra) के जातक मानसिक तनाव से गुजर सकते हैं. इससे चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है. ऐसे में संभलकर रहने की सलाह है. 

वृषभ राशि - इस राशि के लोगों को धन हानि झेलनी पड़ सकती है. वाणी पर संयम रखना बेहद जरूरी है. साथ ही, कार्यस्थल पर उतार-चढ़ाव झेलने पड़ सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने तथा रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में लेने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. मालीवाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख हुआ कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों और उनके परिवारों के साथ बदसलूकी की और उन्हें जबरदस्ती हिरासत में ले लिया.

उन्होंने कहा कि एक महीने पहले, एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने सांसद शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे. मालीवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप पर सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गईं. उन्होंने कहा, “ एक नाबालिग लड़की द्वारा आरोपी सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बावजूद दिल्ली पुलिस आज तक उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. इसने महिला पहलवानों को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया है जो पिछले एक महीने से जारी था.

मालीवाल ने कहा, “ दिल्ली में, हर दिन यौन उत्पीड़न के लगभग छह मामले सामने आते हैं और हरेक मामले में, दिल्ली पुलिस आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का प्रयास करती है. फिर बृजभूषण सिंह को आज तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? यह घोर अन्याय नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के इस स्पष्ट पक्षपातपूर्ण रवैये ने न्याय का मखौल उड़ाया है.

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत' के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया . इसके बाद जंतर मंतर से उनका सामान हटाते हुए कहा कि अब उन्हें यहां लौटने नहीं दिया जायेगा . महिला पहलवानों को शाम को छोड़ दिया गया.

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BJP नीत केंद्र सरकार लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रही है: जदयू अध्यक्ष ललन सिंह

जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने और संसदीय लोकतंत्र की भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि भाजपा नये संसद भवन के माध्यम से इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में रविवार को पटना उच्च न्यायालय के समीप स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष आयोजित एकदिवसीय आमरण अनशन कार्यक्रम में ललन ने भाग लिया.

जदयू अध्यक्ष ने कहा कि यह लोकतंत्र के दामन पर गहरा धब्बा है और 28 मई की यह तिथि काले दिन के रूप में सदैव याद की जाएगी. ललन ने कहा, ‘‘हमारे लिए संवैधानिक मूल्यों की रक्षा पहली प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जिस प्रकार एक घिनौने षड्यंत्र के तहत महामहिम राष्ट्रपति जी को संसद भवन के उद्घाटन समारोह से अलग रखा गया, वह संसदीय परंपरा और संविधान की बुनियाद पर बड़ा प्रहार है. इसीलिए हमारी पार्टी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करके डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष अनशन कर रही है.''

ललन ने भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कर्नाटक के चुनाव में प्रधानमंत्री जी ने बजरंग बली के नाम पर वोट मांगने का काम किया, लेकिन बजरंग बली भी इनके गलत कारनामों से नाखुश हैं इसीलिए उन्होंने गदा मारकर कर्नाटक से इनको बाहर भगा दिया. जदयू अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग संघ से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को विदेश भेजकर मोदी-मोदी के नारे लगवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विदेशों में मोदी-मोदी करवाते रहो, लेकिन देश में मोदी युग का अंत कर्नाटक से प्रारंभ हो चुका है.

बिहार में महागठबंधन सरकार की एक अन्य सहयोगी कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के खिलाफ राज्य की राजधानी में विरोध मार्च निकाला. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में विधायक और एमएलसी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बोरिंग रोड चौराहे से पटना उच्च न्यायालय के पास स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च निकाला. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पीड़िता के पिता, दो भाइयों और एक बहन को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों को अपने इस कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है और उनका कहना है कि लड़की ने परिवार के सम्मान को ठेस पहुंचाई है.

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कर्नाटक के कोप्पल जिले में कार और लॉरी की टक्कर में 6 की मौत

कर्नाटक के कोप्पल जिले के कुश्तगी तालुक में रविवार शाम एक कार और लॉरी के बीच हुई टक्कर में दो बच्चों और एक महिला समेत छह लोगों की मौत हो गई. घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि यह हादसा कालकेरी गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सभी मृतक विजयपुरा के रहने वाले थे और वे कार से बेंगलुरु की तरफ जा रहे थे, जबकि लॉरी तमिलनाडु से गुजरात की तरफ रवाना हुई थी.

सूत्रों ने बताया कि आमने-सामने की टक्कर में पूरी कार लॉरी के अगले हिस्से में घुस गई थी. उन्होंने कहा कि कार को क्रेन की मदद से निकाला गया और सभी मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया.

सूत्रों के अनुसार, हादसे के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

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NIA टीम को ड्यूटी करने से रोकने के लिए वकील और उनके परिजनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में पुलिस ने एक वकील, उसके भाई और एक बेटे के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम को उसके घर पर छापेमारी के दौरान ड्यूटी करने से रोकने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. उन्होंने बताया कि यहां उसके घर से कारतूस बरामद होने के बाद शस्त्र अधिनियम के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई.

एनआईए के एक प्रवक्ता ने इससे पहले बताया था कि मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के साथ संयुक्त अभियान में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात को जबलपुर में 13 स्थानों पर छापेमारी की गयी और इस दौरान आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मॉड्यूल के कथित तीनों लोगों को गिरफ्तार किया.

पुलिस अधीक्षक टी.के विद्यार्थी ने कहा कि एनआईए की शिकायत के आधार पर पुलिस ने लोक सेवकों के काम में बाधा डालने और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी ओमती थाने में दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि एनआईए की टीम ने शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात वकील अब्दुल्ला उस्मानी के घर पर छापा मारा और इस दौरान अब्दुल्ला के भाई अमानुद्दीन और बेटे अहरम ने एनआईए टीम के साथ बहस की और उन्होंने एनआईए टीम को ड्यूटी करने से रोका.

उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान उनके घर में अवैध रूप से रखे कारतूस मिले. इसलिए शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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Saturday, 27 May 2023

दादी को बैठाकर गाड़ी को फर्राटेदार स्पीड में भगाता नजर आया बच्चा, वीडियो देख डरे लोग

सड़क दुर्घटना में आए दिन लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं. वहीं कई बार लोग जाने अनजाने हादसे के शिकार भी हो जाते हैं. सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे वीडियो देखने को मिलते रहते हैं, जिसमें लोग यातायात नियमों की अनदेखी कर खुद के साथ-साथ दूसरों की भी जान खतरे में डाल देते हैं. ऐसा ही एक दादी-पोते का चौंकाने वाला वीडियो इंटरनेट पर लोगों के रोंगटे खड़े रहा है, जिसमें एक 10 से 12 साल का बच्चा एक बुजुर्ग महिला को मोपेड बैठाकर स्पीड में सड़क पर गाड़ी दौड़ाता नजर आ रहा है. 

यहां देखें वीडियो

मोपेड को फर्राटेदार स्पीड में भगाता नजर आया बच्चा

वीडियो में एक बच्चा अपनी दादी को तूफानी अंदाज में मोपेड की सवारी करवाता नजर आ रहा है, जिसे देखकर आपके भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. वीडियो में देखा जा सकता है कि, एक बच्चा अपनी उम्र से ज्यादा मोपेड को फर्राटेदार स्पीड में चलाता दिखाई दे रहा है, जिसे देखकर सड़क पर अन्य वाहन सवार हैरत में पड़ गए. वीडियो में आगे देखा जा सकता है कि, कार सवार लोग बच्चे को धीरे गाड़ी चलाने के लिए कह रहे हैं. वीडियो में सुना जा सकता है कि, कार सवार बच्चे से कह रहे हैं धीरे चला बेटा, धीरे चला. यह सुनते ही बच्चा मोपेड की रफ्तार और बढ़ा लेता है. वहीं वीडियो में बच्चे के पीछे बैठी दादी बिना किसी टेंशन के आराम से मोपेड पर राइड का मजा लेती नजर आ रही हैं.

वीडियो देख यूजर्स ने दिए एक से बढ़कर एक रिएक्शन  

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को शेयर किया गया है. वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'बच्चा.' इस वीडियो को पिछले साल 11 दिसंबर को शेयर किया था, जिसे अब तक 11 मिलियन से अधिक लोग देख चुके हैं, जबकि 7 लाख 36 हजार से ज्यादा लोग वीडियो को लाइक कर चुके हैं. वीडियो देख चुके लोग इस पर तरह-तरह के रिएक्शन जता रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'दादी को अपने बच्चे पर पूरा भरोसा है.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'ये लड़का यमराज से रेस लगा रहा है.'

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दोस्तों को छोड़कर जाना नहीं चाहता था दूल्हा, फिर दुल्हन ने विदाई पर जो किया देख सभी के उड़े होश, बोले- घोर कलयुग

शादी की रस्मों से लेकर धूम-धड़ाके तक सोशल मीडिया पर ढेरों वीडियोस अक्सर वायरल होते रहते हैं. इन वीडियो क्लिप्स में मस्ती और धमाल का तड़का कुछ इस तरह लगता है कि लोग भी झूमने पर मजबूर हो जाते हैं. लेकिन फिर आता है शादी का सबसे इमोशनल मोमेंट विदाई, जो हर किसी की आंख है नम कर देता है. पर जो विदाई का वीडियो हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं उसे देखकर आंसू नहीं आएंगे बल्कि आप हंस-हंस कर लोटपोट हो जाएंगे. दरअसल इस विदाई में उल्टी ही गंगा बह रही है, क्योंकि यहां दुल्हन के नहीं बल्कि दूल्हे की विदाई हो रही है. तो चलिए आपको दिखाते हैं इस अनोखी मज़ेदार विदाई का वायरल वीडियो. 

शादी की खूबसूरत रस्मों के बाद भी पीहर से ससुराल जा रही लड़की के लिए सबसे इमोशनल पल होता है उसकी विदाई. ये पल सभी की आंखें नम कर देता है.  लेकिन यह क्या! इस विदाई में तो दुल्हन ठहाके लगा रही है. इतना ही नहीं दूल्हे का हाथ खींचकर दुल्हन उसे आगे भी बढ़ा रही है. बिल्कुल ठीक समझा आपने यहां दुल्हन की नहीं बल्कि दूल्हे की विदाई हो रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखकर लोग हंसी से लोटपोट हो रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि दूल्हा अपने दोस्तों से एक-एक करके गले लगता है, जैसे वो फिर उन्हें कभी देख ही नहीं पाएगा. सूट बूट में सजा दूल्हा अपने दोस्तों से ऐसे मिल रहा है ठीक जिस तरह दुल्हन के विदाई होती है. बैकग्राउंड में सजन घर मैं चली गाना बजता सुनाई दे रहा है. इस वीडियो को देखकर आपका भी उदासी से भरा दिन हंसी में बदल जाएगा. 

इंटरनेट पर इस फनी वीडियो को मज़ीद खान नाम के इंस्टा अकाउंट से शेयर किया गया है. दूल्हे की विदाई के इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, 'यह कुछ नया था'.  वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है और अब तक इससे 1.7 मिलीयन लाइक्स मिल चुके हैं. खासकर इस वीडियो को देखकर लड़कियां काफी खुश नजर आ रही हैं और मजेदार रिएक्शंस भी दे रही हैं. एक इंटरनेट फीमेल यूजर ने कमेंट बॉक्स पर लिखा, कभी यह भी होना चाहिए ताकि उन्हें पता लगे. तो दूसरी लड़की ने लिखा, मैं अपने दूल्हे को ऐसे ही ले जाऊंगी. वहीं एक ने लिखा, अरे भाई अपनी बर्बादी पर रो रहा है और उसके दोस्त उसे तसल्ली दे रहे हैं. 

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वही स्माइल...वही कद-काठी...वही मासूमियत, सुशांत सिंह राजपूत के हमशक्ल इस लड़के को देख फैन्स को हुआ धोखा, बोले- दूसरा जन्म तो नहीं

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत को गुजरे हुए तीन साल गुजर चुके हैं, लेकिन उनके फैन आज भी इस बात पर यकीन नहीं कर पाते हैं कि सुशांत अब इस दुनिया में नहीं है. सुशांत की यादें उनके फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहती हैं. वहीं जब सुशांत के एक हमशक्ल का वीडियो सोशल मीडिया पर अचानक सामने आया तो कुछ लोग सच में कंफ्यूज हो गए कि क्या सुशांत सच में वापस आ गए. सैकी पाड्या नाम के इस शक्स का वीडियो एक बार फिर सोशल मीडिया पर छा गया है.

सुशांत के हमशक्ल सैकी पाड्या ने ये वीडियो सुशांत की मौत के बाद जून 2020 में इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. ये वीडियो एक बार फिर सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और सुशांत सिंह राजपूत के फैंस इसे काफी पसंद कर रहे हैं. सैकी का चेहरा काफी कुछ सुशांत से मिलता-जुलता है, वीडियो में कई जगह वह हूबहू सुशांत से नजर आते हैं. सैकी का ये वीडियो इंस्टाग्राम के अलावा टिक टॉक पर खूब देखा गया था. वहां इसे 7 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है.

सुशांत के हमशक्ल सैकी पाड्या के वीडियो को देख सुशांत सिंह राजपूत के ढेरों फैंस ने इस पर कमेंट किया. एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, सुशांत लौट आया, ऐसा लग रहा है. वहीं दूसरे ने लिखा, सुशांत की जगह तो कोई नहीं ले सकता. तीसरे ने लिखा, कमाल.. आप सच में सुशांत लग रहे हो. चौथे ने लिखा, सुशांत की याद दिला दी. वहीं एक अन्य ने लिखा, ये तो सुशांत का छोटा भाई लग रहा है.

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