Friday, 31 March 2023

'आदिपुरुष' का पोस्टर देख टूट गया प्रभास के फैन्स का दिल, बोले- मत करो सर इसको रिलीज

राम नवमी के मौके पर प्रभास की फिल्म 'आदिपुरुष' का पोस्टर रिलीज कर दिया गया है. इस पोस्टर को रिलीज करने की लंबे समय से तैयारी चल रही थी. लेकिन फैन्स को यह पोस्टर रास नहीं आया है और खासकर प्रभास के फैन्स तो इस पोस्टर को देखकर काफी निराश हुए हैं. फिल्म में राम का किरदार प्रभास निभा रहे हैं जबकि सीता के रोल में कृति सेनन, लक्ष्मण सनी सिंह, रावण के किरदार में सैफ अली खान, हनुमान देवदत्ता नागे और इंद्रजीत वत्सल सेठ बने हैं. फिल्म को ओम राउत ने डायरेक्ट किया है. फिल्म रामायण पर आधारित है और 16 जून को रिलीज होने जा रही है. 

लेकिन ऐसा लगता है कि फिल्म का पोस्टर फैन्स को पसंद नहीं आया है.फैन्स पोस्टर में कई खामियां निकाल रहे हैं और इसे एआई से तैयार किया हुआ बना रहे हैं. एक फैन ने तो प्रभास से गुहार लगाई है कि सर इस फिल्म को रिलीज मत करो. प्रभास के एक फैन ने लिखा है, 'प्रभास के बाहुबली लुक को लंबे बाल के साथ भगवान राम के लुक की कल्पना करो...यह कमाल का होता. इस ओम राउत ने प्रभास की सारी क्षमताओं को ही ग्रहण लगा दिया. इस शख्स की वजह से पहली बार प्रभास ट्रोल हो रहे हैं.'

वहीं एक शख्स ने कमेंट किया है, 'अगर लक्ष्मण की दाढ़ी हो सकती है तो राम दाढ़ी क्यों नहीं रख सकता. ओम राउत प्रभास दाढ़ी के साथ उस लुक में कमाल लगते. तुमने पूरा रायता फैला दिया.'

आदिपुरुष को लेकर एक अन्य कमेंट आया है, 'ऐसा लग रहा है कि पोस्टर पूरी तरह एडिटेड है. बॉडी के ऊपर बाद में चेहरे क्रॉप कर के पेस्ट किए हुए हैं कैनलस में. कृति मैडम के चेहरे पे शैडो हटाना भी भूल गए. बहुत ही खराब एडिटिंग स्किल्स.'



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'आदिपुरुष' का पोस्टर देख टूट गया प्रभास के फैन्स का दिल, बोले- मत करो सर इसको रिलीज

राम नवमी के मौके पर प्रभास की फिल्म 'आदिपुरुष' का पोस्टर रिलीज कर दिया गया है. इस पोस्टर को रिलीज करने की लंबे समय से तैयारी चल रही थी. लेकिन फैन्स को यह पोस्टर रास नहीं आया है और खासकर प्रभास के फैन्स तो इस पोस्टर को देखकर काफी निराश हुए हैं. फिल्म में राम का किरदार प्रभास निभा रहे हैं जबकि सीता के रोल में कृति सेनन, लक्ष्मण सनी सिंह, रावण के किरदार में सैफ अली खान, हनुमान देवदत्ता नागे और इंद्रजीत वत्सल सेठ बने हैं. फिल्म को ओम राउत ने डायरेक्ट किया है. फिल्म रामायण पर आधारित है और 16 जून को रिलीज होने जा रही है. 

लेकिन ऐसा लगता है कि फिल्म का पोस्टर फैन्स को पसंद नहीं आया है.फैन्स पोस्टर में कई खामियां निकाल रहे हैं और इसे एआई से तैयार किया हुआ बना रहे हैं. एक फैन ने तो प्रभास से गुहार लगाई है कि सर इस फिल्म को रिलीज मत करो. प्रभास के एक फैन ने लिखा है, 'प्रभास के बाहुबली लुक को लंबे बाल के साथ भगवान राम के लुक की कल्पना करो...यह कमाल का होता. इस ओम राउत ने प्रभास की सारी क्षमताओं को ही ग्रहण लगा दिया. इस शख्स की वजह से पहली बार प्रभास ट्रोल हो रहे हैं.'

वहीं एक शख्स ने कमेंट किया है, 'अगर लक्ष्मण की दाढ़ी हो सकती है तो राम दाढ़ी क्यों नहीं रख सकता. ओम राउत प्रभास दाढ़ी के साथ उस लुक में कमाल लगते. तुमने पूरा रायता फैला दिया.'

आदिपुरुष को लेकर एक अन्य कमेंट आया है, 'ऐसा लग रहा है कि पोस्टर पूरी तरह एडिटेड है. बॉडी के ऊपर बाद में चेहरे क्रॉप कर के पेस्ट किए हुए हैं कैनलस में. कृति मैडम के चेहरे पे शैडो हटाना भी भूल गए. बहुत ही खराब एडिटिंग स्किल्स.'



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‘‘सरबत खालसा’’ की बैठक बुलाना अकाल तख्त जत्थेदार का विशेषाधिकार: एसजीपीसी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘सरबत खालसा'' की सभा बुलाना केवल अकाल तख्त प्रमुख का विशेषाधिकार है. भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए ‘‘सरबत खालसा'' की सभा बुलाने को कहा है. बुधवार और बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर सामने आए अपने दो वीडियो संदेशों में अमृतपाल सिंह ने सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) को श्रद्धालुओं की सभा ‘‘सरबत खालसा'' के आयोजन के लिए कहा है.

अमृतपाल ने जत्थेदार से अमृतसर में अकाल तख्त से बठिंडा में दमदमा साहिब तक ‘‘खालसा वहीर'' (धार्मिक जुलूस) निकालने और बैसाखी के दिन वहां सभा आयोजित करने की भी अपील की. मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह अमृतपाल सिंह की निजी इच्छा है. सरबत खालसा बुलाना या न बुलाना किसी और का नहीं बल्कि अकाल तख्त का एकमात्र विशेषाधिकार है.''

ग्रेवाल ने कहा कि चूंकि जत्थेदार सिख समुदाय का नेतृत्व करता है, इसलिए वह प्रत्येक निर्णय गहन विचार के साथ लेता है और सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों की राय लेता है. उन्होंने कहा, ‘‘जत्थेदार देखेंगे कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर क्या किया जाना चाहिए. इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमृतपाल सिंह के करीबी कई सिखों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया, जो गंभीर चिंता का विषय है.''

जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने पूर्व में पंजाब सरकार को ‘अल्टीमेटम' दिया था कि अमृतपाल सिंह और उसके ‘वारिस पंजाब दे' संगठन के खिलाफ 18 मार्च से शुरू हुई कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सिख युवकों को रिहा किया जाए. पंजाब सरकार ने अकाल तख्त को सूचित किया था कि कार्रवाई के दौरान एहतियाती हिरासत में लिए गए सभी 360 लोगों में से 348 को अब रिहा कर दिया गया है.
ग्रेवाल ने कहा, ‘‘हाल में 27 मार्च को जत्थेदार के आह्वान पर अकाल तख्त पर 100 सिख संगठनों की एक सभा हुई थी. सभा का एकमात्र एजेंडा पुलिस की कार्रवाई के बाद बनी स्थिति पर चर्चा करना था. गहन बैठक के बाद, जत्थेदार एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचे और पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए सिख युवकों को रिहा करने के लिए पंजाब सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया.''

कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार है. पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थकों ने गिरफ्तार किए गए एक आरोपी की रिहाई के लिए अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. हिंसा में छह पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. अमृतपाल सिंह द्वारा जत्थेदार को ‘‘सरबत खालसा'' के आयोजन के लिए किए गए अनुरोध पर, सिख विद्वान बलजिंदर सिंह ने कहा, ‘‘इसे किसी व्यक्ति की इच्छा पर नहीं बुलाया जा सकता है.'' हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर जत्थेदार को ‘‘सरबत खालसा'' का आयोजन करना है तो उन्हें सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ कई बैठकों के बाद ऐसा करना होगा और देखना होगा कि इसकी जरूरत है या नहीं. उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा जत्थेदार, कार्यवाहक जत्थेदार हैं क्योंकि उन्हें एसजीपीसी ने नियुक्त किया है.''

उल्लेखनीय है कि आखिरी ‘सरबत खालसा' का आयोजन 16 फरवरी 1986 को हुआ था जब ज्ञानी कृपाल सिंह अकाल तख्त के जत्थेदार थे. उससे पहले एसजीपीसी की कार्यकारी समिति ने 28 जनवरी 1986 को अपनी बैठक में इसकी मांग उठाई थी.
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‘‘सरबत खालसा’’ की बैठक बुलाना अकाल तख्त जत्थेदार का विशेषाधिकार: एसजीपीसी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘सरबत खालसा'' की सभा बुलाना केवल अकाल तख्त प्रमुख का विशेषाधिकार है. भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए ‘‘सरबत खालसा'' की सभा बुलाने को कहा है. बुधवार और बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर सामने आए अपने दो वीडियो संदेशों में अमृतपाल सिंह ने सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) को श्रद्धालुओं की सभा ‘‘सरबत खालसा'' के आयोजन के लिए कहा है.

अमृतपाल ने जत्थेदार से अमृतसर में अकाल तख्त से बठिंडा में दमदमा साहिब तक ‘‘खालसा वहीर'' (धार्मिक जुलूस) निकालने और बैसाखी के दिन वहां सभा आयोजित करने की भी अपील की. मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह अमृतपाल सिंह की निजी इच्छा है. सरबत खालसा बुलाना या न बुलाना किसी और का नहीं बल्कि अकाल तख्त का एकमात्र विशेषाधिकार है.''

ग्रेवाल ने कहा कि चूंकि जत्थेदार सिख समुदाय का नेतृत्व करता है, इसलिए वह प्रत्येक निर्णय गहन विचार के साथ लेता है और सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों की राय लेता है. उन्होंने कहा, ‘‘जत्थेदार देखेंगे कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर क्या किया जाना चाहिए. इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमृतपाल सिंह के करीबी कई सिखों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया, जो गंभीर चिंता का विषय है.''

जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने पूर्व में पंजाब सरकार को ‘अल्टीमेटम' दिया था कि अमृतपाल सिंह और उसके ‘वारिस पंजाब दे' संगठन के खिलाफ 18 मार्च से शुरू हुई कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सिख युवकों को रिहा किया जाए. पंजाब सरकार ने अकाल तख्त को सूचित किया था कि कार्रवाई के दौरान एहतियाती हिरासत में लिए गए सभी 360 लोगों में से 348 को अब रिहा कर दिया गया है.
ग्रेवाल ने कहा, ‘‘हाल में 27 मार्च को जत्थेदार के आह्वान पर अकाल तख्त पर 100 सिख संगठनों की एक सभा हुई थी. सभा का एकमात्र एजेंडा पुलिस की कार्रवाई के बाद बनी स्थिति पर चर्चा करना था. गहन बैठक के बाद, जत्थेदार एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचे और पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए सिख युवकों को रिहा करने के लिए पंजाब सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया.''

कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार है. पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थकों ने गिरफ्तार किए गए एक आरोपी की रिहाई के लिए अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था. हिंसा में छह पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. अमृतपाल सिंह द्वारा जत्थेदार को ‘‘सरबत खालसा'' के आयोजन के लिए किए गए अनुरोध पर, सिख विद्वान बलजिंदर सिंह ने कहा, ‘‘इसे किसी व्यक्ति की इच्छा पर नहीं बुलाया जा सकता है.'' हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर जत्थेदार को ‘‘सरबत खालसा'' का आयोजन करना है तो उन्हें सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ कई बैठकों के बाद ऐसा करना होगा और देखना होगा कि इसकी जरूरत है या नहीं. उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा जत्थेदार, कार्यवाहक जत्थेदार हैं क्योंकि उन्हें एसजीपीसी ने नियुक्त किया है.''

उल्लेखनीय है कि आखिरी ‘सरबत खालसा' का आयोजन 16 फरवरी 1986 को हुआ था जब ज्ञानी कृपाल सिंह अकाल तख्त के जत्थेदार थे. उससे पहले एसजीपीसी की कार्यकारी समिति ने 28 जनवरी 1986 को अपनी बैठक में इसकी मांग उठाई थी.
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मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी में कुछ भी गैर-कानूनी जैसा नहीं : कोर्ट 

दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक खास टिप्पणी की. कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी में कुछ भी ऐसा नहीं जिसे गैर-कानूनी या गलत कहा जा सके. कोर्ट ने आगे कहा कि इसके अलावा, भले ही मनीष सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल कंडिशन को जमानत देने के लिए एक आधार बनाने की मांग की गई है. लेकिन यह देखा गया है कि हालांकि मनीष सिसोदिया की पत्नी की न्यूरोलॉजिकल या मानसिक बीमारी को लगभग 20 साल पुराना होने का दावा किया गया है. इसके समर्थन में हमे सिर्फ वर्ष 2022-2023 के ही दिए गए हैं.

बता दें कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया निचली अदालत से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने इस केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ मनीष सिसोदिया दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करेंगे. आबकारी केस में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. वह सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की जांच का भी सामना कर रहे हैं. सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 5 अप्रैल को खत्म हो रही है.

सीबीआई की दलील से पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का मकसद पूरा नहीं होगा. इस मामलें में सभी रिकवरी पहले ही की जा चुकी हैं. सिसोदिया ने कहा था, 'मैंने, सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया. उन्होंने जब बुलाया, उनके पास हाजिर हुआ.'उन्होंने अपनी जमानत याचिका में इस बात का हवाला भी दिया था कि पब्लिक लाइफ में एक्टिव होने की वजह से समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए वह जमानत पाने के हकदार हैं. 

CBI ने किया था जमानत का विरोध
वहीं, सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने पिछले सप्ताह मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उनका प्रभाव और हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर है. सीबीआई ने दावा किया था कि सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने फोन इसलिए तोड़ दिए थे, क्योंकि वो अपग्रेड करना चाहते थे, जो वो बता रहे हैं वो सच नहीं है. हकीकत यह है कि उन्होंने चैट को खत्म करने के लिए ऐसा किया. ऐसे में उन्हें जमानत मिली तो वह सबूतों को नष्ट कर सकते हैं. 



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मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी में कुछ भी गैर-कानूनी जैसा नहीं : कोर्ट 

दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक खास टिप्पणी की. कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी में कुछ भी ऐसा नहीं जिसे गैर-कानूनी या गलत कहा जा सके. कोर्ट ने आगे कहा कि इसके अलावा, भले ही मनीष सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल कंडिशन को जमानत देने के लिए एक आधार बनाने की मांग की गई है. लेकिन यह देखा गया है कि हालांकि मनीष सिसोदिया की पत्नी की न्यूरोलॉजिकल या मानसिक बीमारी को लगभग 20 साल पुराना होने का दावा किया गया है. इसके समर्थन में हमे सिर्फ वर्ष 2022-2023 के ही दिए गए हैं.

बता दें कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया निचली अदालत से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने इस केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ मनीष सिसोदिया दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करेंगे. आबकारी केस में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. वह सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की जांच का भी सामना कर रहे हैं. सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 5 अप्रैल को खत्म हो रही है.

सीबीआई की दलील से पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का मकसद पूरा नहीं होगा. इस मामलें में सभी रिकवरी पहले ही की जा चुकी हैं. सिसोदिया ने कहा था, 'मैंने, सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया. उन्होंने जब बुलाया, उनके पास हाजिर हुआ.'उन्होंने अपनी जमानत याचिका में इस बात का हवाला भी दिया था कि पब्लिक लाइफ में एक्टिव होने की वजह से समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए वह जमानत पाने के हकदार हैं. 

CBI ने किया था जमानत का विरोध
वहीं, सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने पिछले सप्ताह मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उनका प्रभाव और हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर है. सीबीआई ने दावा किया था कि सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने फोन इसलिए तोड़ दिए थे, क्योंकि वो अपग्रेड करना चाहते थे, जो वो बता रहे हैं वो सच नहीं है. हकीकत यह है कि उन्होंने चैट को खत्म करने के लिए ऐसा किया. ऐसे में उन्हें जमानत मिली तो वह सबूतों को नष्ट कर सकते हैं. 



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Thursday, 30 March 2023

UP के इन स्कूलों में बिना परीक्षा दिए प्रमोट होंगे कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्र

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1-8 के सभी छात्रों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. यानी किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाएगा.

आदेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित सभी परिषदीय विद्यालयों एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के किसी भी छात्र की प्रोन्नति नहीं रोकी जाएगी. उन्हें नियमानुसार अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा इसके अलावा वार्षिक परीक्षाओं और मूल्यांकन के आधार पर विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड बांटने के भी निर्देश दिए हैं. 
गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का प्रावधान है. उन्हें किसी भी परिस्थिति में फेल नहीं किया जा सकता है. बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के किसी भी छात्र का प्रमोशन नहीं रोका जाएगा. 

इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा, "राज्य सरकार की कोई प्रतिधारण नीति नहीं है. इसके अनुसार कोई भी बच्चा अनुत्तीर्ण नहीं होगा. यह आदेश उसी आरटीई अधिनियम के अनुसार है. यह हर साल लागू होता है और इस साल भी किसी भी बच्चे को नियमानुसार अनुत्तीर्ण नहीं करने के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. इसका उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिये उन्हें निर्बाध गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ अगली कक्षाओं में प्रोन्नत कर प्रोत्साहित करना है."

आदेश के अनुसार वार्षिक परीक्षा और मूल्यांकन के आधार पर स्कूल के प्राचार्य द्वारा छात्रों को रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. वार्षिक परिणाम घोषित होने के दिन विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक भी आयोजित की जाएगी. छात्रों की मूल्यांकन की गई उत्तर पुस्तिकाएं छात्रों और अभिभावकों को दिखाई जाएंगी और रिपोर्ट कार्ड भी उसी समय प्रदान किए जाएंगे.

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UP के इन स्कूलों में बिना परीक्षा दिए प्रमोट होंगे कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्र

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1-8 के सभी छात्रों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. यानी किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाएगा.

आदेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित सभी परिषदीय विद्यालयों एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के किसी भी छात्र की प्रोन्नति नहीं रोकी जाएगी. उन्हें नियमानुसार अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा इसके अलावा वार्षिक परीक्षाओं और मूल्यांकन के आधार पर विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड बांटने के भी निर्देश दिए हैं. 
गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का प्रावधान है. उन्हें किसी भी परिस्थिति में फेल नहीं किया जा सकता है. बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के किसी भी छात्र का प्रमोशन नहीं रोका जाएगा. 

इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा, "राज्य सरकार की कोई प्रतिधारण नीति नहीं है. इसके अनुसार कोई भी बच्चा अनुत्तीर्ण नहीं होगा. यह आदेश उसी आरटीई अधिनियम के अनुसार है. यह हर साल लागू होता है और इस साल भी किसी भी बच्चे को नियमानुसार अनुत्तीर्ण नहीं करने के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. इसका उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिये उन्हें निर्बाध गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ अगली कक्षाओं में प्रोन्नत कर प्रोत्साहित करना है."

आदेश के अनुसार वार्षिक परीक्षा और मूल्यांकन के आधार पर स्कूल के प्राचार्य द्वारा छात्रों को रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. वार्षिक परिणाम घोषित होने के दिन विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक भी आयोजित की जाएगी. छात्रों की मूल्यांकन की गई उत्तर पुस्तिकाएं छात्रों और अभिभावकों को दिखाई जाएंगी और रिपोर्ट कार्ड भी उसी समय प्रदान किए जाएंगे.

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Exclusive: इंदौर के जिस मंदिर में हुआ हादसा, उसे मिला था अतिक्रमण का नोटिस तो ट्रस्ट ने दिया था ये जवाब

मध्य प्रदेश के इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार को रामनवमी पर हवन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. जिसमें 14 लोगों की जान चली गई. बावड़ी (सीढ़ीनुमा कुआं) पर धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उमड़ी भीड़ के कारण इसकी छत ढह गई थी. इस हादसे में 30 से ज्यादा लोग करीब 40 फीट नीचे गिर गए. रेस्क्यू टीम ने इनमें से 20 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था. फिलहाल घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बेलेश्वर महादेव मंदिर जूनी इंदौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्नेह नगर में पड़ता है. यह इंदौर की सबसे पुरानी आवासीय कॉलोनियों में से एक है. मंदिर की देखरेख निजी ट्रस्ट की ओर से की जाती है. गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे उस समय हादसा हुआ, जब श्रद्धालु रामनवमी पर एक विशेष हवन का हिस्सा बन रहे थे. हवन मंदिर के एक चबूतरे पर किया जा रहा था, जो वास्तव में बावड़ी की छत थी. यह 30-40 लोगों का वजन उठाने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं था. भीड़ ज्यादा होने के कारण बावड़ी की छत अचानक छत ढह गई, जिससे श्रद्धालु 40 फीट गहरे बावड़ी में गिर गए. बताया जा रहा है कि बावड़ी में 9 फीट तक पानी भरा था.

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या मंदिर की बावड़ी में इस हादसे को टाला जा सकता था? इसका जवाब हां है. अगर इंदौर नगर निगम स्थानीय लोगों की शिकायतों पर गौर करती और कार्रवाई करती, तो शायद 14 लोगों की जान जाने से बच सकती थी.

मंदिर में अतिक्रमण की आई थी शिकायत
NDTV को पास 23 अप्रैल 2022 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट को जारी किए गए नोटिस की एक कॉपी है. इसमें कमिश्नर आईडीए को मंदिर के पार्क/बगीचे पर अतिक्रमण की शिकायत मिली है. स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि पार्क पर पहले पानी की टंकी बनाकर और फिर बावड़ी पर मंदिर बनाकर अतिक्रमण किया गया था. इसी जमीन पर अतिक्रमण कर इस मौजूदा मंदिर के करीब एक और मंदिर बनाया जा रहा है.

मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने अतिक्रमण से किया इनकार
हालांकि, मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने 25 अप्रैल 2022 को पार्क-गार्डन पर किसी भी अतिक्रमण से इनकार करते हुए जवाब दिया है. उन्होंने आईएमसी के नोटिस को हिंदू धर्म में हस्तक्षेप करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे नोटिस से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. यह भी कहा गया कि मंदिर 100 साल पुराना है.

शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच के दिए आदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने हादसे में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और प्रत्येक घायलों को 50000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. घायलों के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से भी मदद
इसके अलावा पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रत्येक मृतक के परिजनों को दी जाएगी, जबकि प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये उसी कोष से दिए जाएंगे.

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Exclusive: इंदौर के जिस मंदिर में हुआ हादसा, उसे मिला था अतिक्रमण का नोटिस तो ट्रस्ट ने दिया था ये जवाब

मध्य प्रदेश के इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार को रामनवमी पर हवन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. जिसमें 14 लोगों की जान चली गई. बावड़ी (सीढ़ीनुमा कुआं) पर धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उमड़ी भीड़ के कारण इसकी छत ढह गई थी. इस हादसे में 30 से ज्यादा लोग करीब 40 फीट नीचे गिर गए. रेस्क्यू टीम ने इनमें से 20 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था. फिलहाल घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बेलेश्वर महादेव मंदिर जूनी इंदौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्नेह नगर में पड़ता है. यह इंदौर की सबसे पुरानी आवासीय कॉलोनियों में से एक है. मंदिर की देखरेख निजी ट्रस्ट की ओर से की जाती है. गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे उस समय हादसा हुआ, जब श्रद्धालु रामनवमी पर एक विशेष हवन का हिस्सा बन रहे थे. हवन मंदिर के एक चबूतरे पर किया जा रहा था, जो वास्तव में बावड़ी की छत थी. यह 30-40 लोगों का वजन उठाने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं था. भीड़ ज्यादा होने के कारण बावड़ी की छत अचानक छत ढह गई, जिससे श्रद्धालु 40 फीट गहरे बावड़ी में गिर गए. बताया जा रहा है कि बावड़ी में 9 फीट तक पानी भरा था.

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या मंदिर की बावड़ी में इस हादसे को टाला जा सकता था? इसका जवाब हां है. अगर इंदौर नगर निगम स्थानीय लोगों की शिकायतों पर गौर करती और कार्रवाई करती, तो शायद 14 लोगों की जान जाने से बच सकती थी.

मंदिर में अतिक्रमण की आई थी शिकायत
NDTV को पास 23 अप्रैल 2022 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट को जारी किए गए नोटिस की एक कॉपी है. इसमें कमिश्नर आईडीए को मंदिर के पार्क/बगीचे पर अतिक्रमण की शिकायत मिली है. स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि पार्क पर पहले पानी की टंकी बनाकर और फिर बावड़ी पर मंदिर बनाकर अतिक्रमण किया गया था. इसी जमीन पर अतिक्रमण कर इस मौजूदा मंदिर के करीब एक और मंदिर बनाया जा रहा है.

मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने अतिक्रमण से किया इनकार
हालांकि, मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने 25 अप्रैल 2022 को पार्क-गार्डन पर किसी भी अतिक्रमण से इनकार करते हुए जवाब दिया है. उन्होंने आईएमसी के नोटिस को हिंदू धर्म में हस्तक्षेप करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे नोटिस से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. यह भी कहा गया कि मंदिर 100 साल पुराना है.

शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच के दिए आदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने हादसे में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और प्रत्येक घायलों को 50000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. घायलों के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से भी मदद
इसके अलावा पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रत्येक मृतक के परिजनों को दी जाएगी, जबकि प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये उसी कोष से दिए जाएंगे.

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"इसे बंद कर रहा था, लेकिन...": त्रिपुरा असेंबली में पोर्न देखते पकड़े जाने पर बोले BJP विधायक

त्रिपुरा में बीजेपी विधायक जादब लाल नाथ (Jadav Lal Nath) का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उनपर विधानसभा सत्र चलने के दौरान मोबाइल पर कथित तौर पर एडल्ड वीडियो (पोर्न) देखने का आरोप है. इस घटना के बाद बीजेपी विधायक ने सफाई भी दी है. उत्तरी त्रिपुरा जिले के बागबासा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक जादब लाल नाथ ने दावा किया कि जब उन्होंने मोबाइल पर आया कॉल रिसीव किया, तो एडल्ट वीडियो अपने आप चलने लगा.

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में जादव लाल नाथ ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ. मैं एडल्ट वीडियो नहीं देख रहा था. मुझे अचानक एक कॉल आया. जब मैंने इसे चेक करने के लिए मोबाइल खोला तो वीडियो चलने लगा. मैंने वीडियो को बंद करने की कोशिश की, लेकिन इसे बंद करने में समय लगता है.'

'पार्टी अध्यक्ष जो निर्णय लेंगे, उसे मानूंगा'
बीजेपी विधायक ने यह भी कहा कि उन्होंने जानबूझकर वीडियो नहीं चलाया. मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष जो भी निर्णय लेंगे, वह उसे स्वीकार करेंगे". सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जादब लाल नाथ को मोबाइल पर कई वीडियो स्क्रॉल करते हुए और एक क्लिप को ध्यान से देखते हुए देखा जा सकता है. ये क्लिक एडल्ड वीडियो जैसी दिख रही है. वहीं, बैकग्राउंड में स्पीकर और अन्य विधायकों की आवाज सुनी जा सकती है. बुधवार को बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में चल रही कार्यवाही के दौरान यह घटना हुई.

विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटना से विपक्ष में आक्रोश फैल गया है. विपक्ष ने विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने कहा, 'इस घटना ने सभी विधायकों की छवि को नुकसान पहुंचाया है. विधायक को उचित सजा मिलनी चाहिए. विधानसभा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है. विधायक ऐसे एडल्ट वीडियो कैसे देख सकते हैं.'

नेता प्रतिपक्ष की एक्शन की मांग
वहीं, नेता प्रतिपक्ष अनिमेष देबबर्मा ने भी जादब लाल नाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, "स्पीकर को इस तरह के काम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए."

विधानसभा अध्यक्ष बोले- नहीं मिली शिकायत
उधर, विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन ने कहा कि उन्हें अभी तक इस मुद्दे पर कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कहा- "मुझे कोई शिकायत नहीं मिली है. यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, लेकिन बहुत सारी चीजें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. जब तक कोई उचित शिकायत नहीं होती है, मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. जब यह किया जाता है, तो मैं विधानसभा नियमों के अनुसार जांच करूंगा और कार्रवाई करूंगा."  

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बीजेपी विधायक ने यह भी कहा कि उन्होंने जानबूझकर वीडियो नहीं चलाया. मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष जो भी निर्णय लेंगे, वह उसे स्वीकार करेंगे". सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जादब लाल नाथ को मोबाइल पर कई वीडियो स्क्रॉल करते हुए और एक क्लिप को ध्यान से देखते हुए देखा जा सकता है. ये क्लिक एडल्ड वीडियो जैसी दिख रही है. वहीं, बैकग्राउंड में स्पीकर और अन्य विधायकों की आवाज सुनी जा सकती है. बुधवार को बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में चल रही कार्यवाही के दौरान यह घटना हुई.

विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटना से विपक्ष में आक्रोश फैल गया है. विपक्ष ने विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने कहा, 'इस घटना ने सभी विधायकों की छवि को नुकसान पहुंचाया है. विधायक को उचित सजा मिलनी चाहिए. विधानसभा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है. विधायक ऐसे एडल्ट वीडियो कैसे देख सकते हैं.'

नेता प्रतिपक्ष की एक्शन की मांग
वहीं, नेता प्रतिपक्ष अनिमेष देबबर्मा ने भी जादब लाल नाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, "स्पीकर को इस तरह के काम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए."

विधानसभा अध्यक्ष बोले- नहीं मिली शिकायत
उधर, विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन ने कहा कि उन्हें अभी तक इस मुद्दे पर कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कहा- "मुझे कोई शिकायत नहीं मिली है. यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, लेकिन बहुत सारी चीजें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. जब तक कोई उचित शिकायत नहीं होती है, मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. जब यह किया जाता है, तो मैं विधानसभा नियमों के अनुसार जांच करूंगा और कार्रवाई करूंगा."  

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Wednesday, 29 March 2023

महाराष्ट्र के चंद्रपुर की सागौन के पेड़ से बनेंगे राम मंदिर के दरवाजे, पूर्जा-अर्चना के बाद अयोध्या के लिए रवाना

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदि का निर्माण कार्य जारी है. महाराष्ट्र के चन्द्रपुर जिले से पूजा और सैकड़ों कलाकारों की प्रस्तुति के बाद उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लड़की की एक खेप ने अयोध्या के राम मंदिर के लिए अपनी यात्रा शुरू की है.

वन एवं सांस्कृतिक मामलों तथा मत्स्य पालन राज्य मंत्री सुधीर मुंगंटीवार ने बताया कि रामायण में वर्णित दंडकारण्य और वर्तमान चन्द्रपुर से बेहद उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी भेजी जा रही है. मंत्री ने बताया कि करीब 1,855 क्यूबिक फुट लकड़ी का यह खेप अयोध्या रवाना हुआ है, जहां इसका उपयोग मंदिर का मुख्य द्वार, गर्भगृह का द्वार और मंदिर के अन्य दरवारों के निर्माण में किया जाएगा.

लकड़ी की यह खेप 1,946 कलाकारों की प्रस्तुति के बाद पूरे धूमधाम से रवाना हुई. कई फिल्मी हस्तियां भी इस दौरान मौके पर उपस्थित थीं. अधिकारियों ने बताया कि सर्वोत्तम गुणवत्ता और पौराणिक महत्व वाली सामग्री यहां से उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे मंदिर में भेजी जा रही है. मंत्री ने बताया कि भगवान राम की प्रतिमा बनाने के लिए नेपाल से दो विशाल शालिग्राम पत्थर लाए गए हैं.

मुंगंटीवार ने बताया कि अयोध्या मंदिर के न्यासियों ने देहरादून में स्थित वन अनुसंधान संस्थान से संपर्क किया था और उन्हें बताया गया कि सागौन की लकड़ी सबसे अच्छी चन्द्रपुर में मिलती है. उन्होंने कहा, ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय के अनुरोध पर हमने उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी भेजने का फैसला लिया है. यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि हम भगवान राम के मंदिर के लिए सागौन की लकड़ी अयोध्या भेज रहे हैं.''

मुंगंटीवार ने कहा कि मंत्री ने कहा कि भगवान राम की दादी इंदुमति विदर्भ क्षेत्र, वर्तमान महाराष्ट्र, की थीं. उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक क्षण है कि दादी की जन्मधरती से पोते का मंदिर बनाने के लिए सागौन की लकड़ी भेजी जा रही है.''

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने पिछले सप्ताह बताया था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य तय समय से महीनों पहले पूरा होने की संभावना है. राम जन्मभूमि में न्यास कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया, ‘‘हमें विश्वास है कि मंदिर का निर्माण कार्य तय समय से तीन महीने पहले पूरा हो जाएगा. इसलिए हमने उसकी समय सीमा दिसंबर 2023 से घटाकर सितंबर 2023 कर दी है. अब मंदिर को उसका अंतिम रूप सितंबर में मिल जाएगा.''

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गाजियाबाद में मांस की दुकानों के अवैध संचालन पर नोटिस

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजियाबाद में मांस की दुकानों और बूचड़खानों के अवैध परिचालन पर उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त, गाजियाबाद नगर निगम, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य को बुधवार को नोटिस जारी किया.

गाजियाबाद के पार्षद हिमांशु मित्तल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने उपरोक्त प्रतिवादियों को तीन मई, 2023 तक अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

इस जनहित याचिका में पूरे राज्य में खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून, 2006, पशु क्रूरता निषेध कानून, 1960, पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 और अन्य संबंधित कानूनों और उच्चतम न्यायालय के विभिन्न आदेशों की अनदेखी किए जाने का मुद्दा उठाया गया है.

याचिकाकर्ता की ओर से उनके वकील आकाश वशिष्ठ ने अदालत को बताया कि गाजियाबाद में मांस की करीब 3,000 दुकानों और बूचड़खानों में से केवल 17 के पास खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 31 के तहत लाइसेंस है. वहीं मांस की केवल 215 दुकानें खाद्य सुरक्षा विभाग में पंजीकृत हैं. उन्होंने बताया कि लक्ष्मी नारायण मोदी के मामले में उच्चतम न्यायालय ने प्रत्येक राज्य के लिए बूचड़खानों पर समिति गठित की. पूरे प्रदेश में इस तरह की समिति पूरी तरह से निष्क्रिय है.

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'सहारा' में निवेश करने वालों को मिली बड़ी राहत!, SC ने जब्त फंड से रिलीज किए 500 करोड़

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की ओर से बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराए गए 24000 करोड़ रुपये में से 5,000 हजार करोड़ रुपये अलॉट करने की मंजूरी दे दी है. इस रकम से 1.1 करोड़ निवेशकों के पैसों का भुगतान किया जा सकेगा. कोर्ट ने यह निर्देश पिनाक पानी मोहंती नामक एक व्यक्ति की जनहित याचिका पर केंद्र की ओर से दायर एक आवेदन पर दिया है. मोहंती ने चिट फंड कंपनियों और सहारा क्रेडिट फर्मों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की थी.

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि सहारा समूह की सहकारी समितियों द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं के बीच इस राशि का वितरण किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया कि इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी करेंगे. केंद्र ने यह राशि सेबी-सहारा सहारा-सेबी एस्क्रो खाते से देने की मांग की थी.

जनहित याचिका में सहारा फर्मों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की मांग भी की गई थी और चिट-फंड कंपनियों के खिलाफ मामले की जांच के दौरान एजेंसी द्वारा अब तक जब्त की गई राशि की मांग की गई थी. जिसका उपयोग निवेशकों को वापस देने के लिए किया जाए. 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से अगस्त 2012 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को निवेशकों का पैसा लौटाने का निर्देश देने के बाद सेबी सहारा-सहारा सेबी एसक्रो अकाउंट खोले गए थे, जिसमें सहारा समूह की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे. केंद्र सरकार ने उसी खाते से राशि जारी करने की सु्प्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.

फरवरी, 2014 में सुब्रत रॉय गिरफ्तार कर लिए गए. दो साल बाद उन्हें परोल मिल पाई. तब से वो जेल से बाहर हैं. लेकिन सभी निवेशकों को उनके पैसे अभी तक नहीं मिले हैं.

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जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि सहारा समूह की सहकारी समितियों द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं के बीच इस राशि का वितरण किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया कि इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी करेंगे. केंद्र ने यह राशि सेबी-सहारा सहारा-सेबी एस्क्रो खाते से देने की मांग की थी.

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Tuesday, 28 March 2023

भारत देश में टीबी के मामलों के आकलन के लिए अपना मॉडल किया विकसित

भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने क्षय रोग (टीबी) के मामलों की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए एक देश-स्तरीय गणितीय मॉडल विकसित किया. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि इस मॉडल का उपयोग करते हुए भारत के लिए टीबी के मामले और मृत्यु दर का अनुमान अक्टूबर में वार्षिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमान जारी होने से महीनों पहले हर साल मार्च तक उपलब्ध होगा.

उन्होंने बताया कि भविष्य में भारत भी इसी तरह का अनुमान राज्य स्तर पर तैयार कर सकता है. सूत्रों ने बताया कि यह मॉडल पिछले सप्ताह वाराणसी में 36वीं ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड' की बैठक में भाग लेने वाले 40 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया. उनमें से अधिकांश ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि वे इसे अपने देशों में लागू करना चाहेंगे.

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उत्तर प्रदेश : ऑटो रिक्शा और कार में टक्कर, पांच लोगों की मौत

जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र में लखनऊ-हरदोई मार्ग पर मंगलवार को हुई सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य जख्मी हो गए. पुलिस ने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि शव क्षत-विक्षत हो गए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि देहात कोतवाली क्षेत्र के नया गांव के पास लखनऊ-हरदोई मार्ग पर एक तेज रफ्तार ऑटो रिक्शा और सामने से तेज गति से आ रही एक कार के बीच भीषण टक्कर हो गई. हादसे में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए.

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में कुल पांच लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. एक मृतक की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश द्विवेदी ने बताया कि हादसे में ऑटो रिक्शा सवार बघौली थाना क्षेत्र की रामदुलारी (38) और उसकी तीन वर्षीय बेटी हर्षिता और कार सवार श्याम सिंह (40) निवासी भटपुरवा, थाना सुरसा, अंकुर सिंह (17) निवासी सांडी चुंगी कोतवाली शहर और एक 40 वर्षीय अज्ञात की मौके पर ही मौत हो गई. उन्होंने बताया कि घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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उत्तर प्रदेश : ऑटो रिक्शा और कार में टक्कर, पांच लोगों की मौत

जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र में लखनऊ-हरदोई मार्ग पर मंगलवार को हुई सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य जख्मी हो गए. पुलिस ने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि शव क्षत-विक्षत हो गए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि देहात कोतवाली क्षेत्र के नया गांव के पास लखनऊ-हरदोई मार्ग पर एक तेज रफ्तार ऑटो रिक्शा और सामने से तेज गति से आ रही एक कार के बीच भीषण टक्कर हो गई. हादसे में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए.

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में कुल पांच लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. एक मृतक की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश द्विवेदी ने बताया कि हादसे में ऑटो रिक्शा सवार बघौली थाना क्षेत्र की रामदुलारी (38) और उसकी तीन वर्षीय बेटी हर्षिता और कार सवार श्याम सिंह (40) निवासी भटपुरवा, थाना सुरसा, अंकुर सिंह (17) निवासी सांडी चुंगी कोतवाली शहर और एक 40 वर्षीय अज्ञात की मौके पर ही मौत हो गई. उन्होंने बताया कि घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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राजधानी के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी को कोर्ट से झटका

अमरावती को राजधानी के तौर पर विकसित करने के मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च महीने में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है. हाईकोर्ट ने सरकार से 6 महीने के भीतर अमरावती को राजधानी के तौर पर तैयार करने का आदेश दिया था.  न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न ने कहा कि अदालत 11 जुलाई को इस मुद्दे से जुड़ी अन्य याचिकाओं के साथ अनुरोध पर सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य विधानसभा में घोषणा की थी कि वह जुलाई से विशाखापत्तनम में शिफ्ट होंगे और वहीं से राज काज देखेंगे. 

बताते चलें कि 2014 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्रप्रदेश को 10 साल के अंदर नई राजधानी बनाने के आदेश दिए गए थे. 10 सालों तक दोनों ही राज्य हैदराबाद को राजधानी के तौर पर उपयोग करने वाले थे.उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में एक विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड राजधानी के निर्माण की योजना बनाई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था. राजधानी के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था और नई राजधानी के निर्माण के साथ बड़ी योजनाएं तैयार की गई थी. मई 2019 में जब रेड्डी मुख्यमंत्री बने, तो उनकी सरकार ने भूमि अधिग्रहण में बड़े रियल एस्टेट घोटाले का आरोप लगाया और अमरावती में नई राजधानी की योजना भी बनाई और एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी को खत्म कर दिया.

बाद में रेड्डी विकेंद्रीकरण की घोषणा करते हुए एक नया कानून पारित किया और कहा कि राज्य की तीन राजधानियां होंगी - कुरनूल में एक न्यायिक राजधानी, अमरावती में एक विधायी राजधानी और विजाग में एक कार्यकारी राजधानी बनाई जाएगी. कानूनी  मुसीबत के बाद सरकार ने तब अपना विकेंद्रीकरण बिल वापस ले लिया और नवंबर में एपीसीआरडीए को रद्द कर दिया. 

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मार्च 2022 में अमरावती के किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें छह महीने में राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम में दिए गए मास्टर प्लान के अनुसार अमरावती में राजधानी बनाने के लिए कहा गया था. जिसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां से एक बार फिर राज्य सरकार को झटका लगा. 

अदालत का फैसला किसानों द्वारा दायर कई याचिकाओं के जवाब में आया है. किसानों ने अमरावती में एक भव्य राजधानी विकसित करने के लिए चंद्रबाबू नायडू सरकार द्वारा पारित सीआरडीए अधिनियम को रद्द करने को चुनौती दी थी, और जिसके लिए उन्होंने भूमि दिया था.  मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने विकेंद्रीकरण अधिनियम और आंध्र प्रदेश सीआरडीए अधिनियम को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर अपना अंतिम फैसला सुनाया था. 

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राजधानी के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी को कोर्ट से झटका

अमरावती को राजधानी के तौर पर विकसित करने के मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च महीने में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है. हाईकोर्ट ने सरकार से 6 महीने के भीतर अमरावती को राजधानी के तौर पर तैयार करने का आदेश दिया था.  न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न ने कहा कि अदालत 11 जुलाई को इस मुद्दे से जुड़ी अन्य याचिकाओं के साथ अनुरोध पर सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य विधानसभा में घोषणा की थी कि वह जुलाई से विशाखापत्तनम में शिफ्ट होंगे और वहीं से राज काज देखेंगे. 

बताते चलें कि 2014 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्रप्रदेश को 10 साल के अंदर नई राजधानी बनाने के आदेश दिए गए थे. 10 सालों तक दोनों ही राज्य हैदराबाद को राजधानी के तौर पर उपयोग करने वाले थे.उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में एक विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड राजधानी के निर्माण की योजना बनाई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था. राजधानी के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था और नई राजधानी के निर्माण के साथ बड़ी योजनाएं तैयार की गई थी. मई 2019 में जब रेड्डी मुख्यमंत्री बने, तो उनकी सरकार ने भूमि अधिग्रहण में बड़े रियल एस्टेट घोटाले का आरोप लगाया और अमरावती में नई राजधानी की योजना भी बनाई और एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी को खत्म कर दिया.

बाद में रेड्डी विकेंद्रीकरण की घोषणा करते हुए एक नया कानून पारित किया और कहा कि राज्य की तीन राजधानियां होंगी - कुरनूल में एक न्यायिक राजधानी, अमरावती में एक विधायी राजधानी और विजाग में एक कार्यकारी राजधानी बनाई जाएगी. कानूनी  मुसीबत के बाद सरकार ने तब अपना विकेंद्रीकरण बिल वापस ले लिया और नवंबर में एपीसीआरडीए को रद्द कर दिया. 

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मार्च 2022 में अमरावती के किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें छह महीने में राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम में दिए गए मास्टर प्लान के अनुसार अमरावती में राजधानी बनाने के लिए कहा गया था. जिसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां से एक बार फिर राज्य सरकार को झटका लगा. 

अदालत का फैसला किसानों द्वारा दायर कई याचिकाओं के जवाब में आया है. किसानों ने अमरावती में एक भव्य राजधानी विकसित करने के लिए चंद्रबाबू नायडू सरकार द्वारा पारित सीआरडीए अधिनियम को रद्द करने को चुनौती दी थी, और जिसके लिए उन्होंने भूमि दिया था.  मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने विकेंद्रीकरण अधिनियम और आंध्र प्रदेश सीआरडीए अधिनियम को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर अपना अंतिम फैसला सुनाया था. 

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Monday, 27 March 2023

गर्भ से निकलते ही मां से लिपट गया बच्चा, VIDEO देख सोशल मीडिया यूजर्स हुए इमोशनल

Mother Son Viral Video: मां बनने की खुशी दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है और मां-बच्चे का ये रिश्ता सभी रिश्तों से ज्यादा करीबी होता है. यूं तो मां बनने का अहसास बेहद खास होता है. एक मां ही है, जो अपनी अंदर एक नई जिंदगी को पालकर उसे इस दुनिया में लाती है. मां बनने की खुशी शायद दुनिया की हर खुशी से काफी खास है, जैसा कि हाल ही में वायरल इस वीडियो को देखकर समझा जा सकता है. वीडियो में मां और बच्चे के मिलन का ये खूबसूरत पल देखकर आप भी अपना दिल हार बैठेंगे.

यहां देखें वीडियो

बच्चे के जन्म के बाद उसकी एक झलक पाते ही मां के सुकून और खुशी का ठिकाना नहीं रहता. इस खुशी को शब्दों में बयां कर पाना भी बेहद मुश्किल है, जैसा कि वीडियो में देखने को मिल रहा है. अपने कलेजे के टुकेड़े को अपने सीने से लगाकर हर मां की खुशी को जाहिर कर पाना आसान नहीं है. वीडियो में देखा जा सकता है कि, जैसे ही डॉक्टर्स बच्चे को मां के पास ले जाते हैं, वैसे ही बच्चा अपनी मां के चेहरे से चिपक जाता है. इस दौरान अपनी नन्हीं सी जान को पहली झलक देखते ही मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़ते हैं.

महज 22 सेकंड का दिल छू लेने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर @TheFigen_ नाम की आईडी से शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'न्यूबॉर्न बेबी अपनी मां को छोड़ना नहीं चाहता.' इस वीडियो को अब तक 678.4K व्यूज मिल चुके हैं, जबकि 18 हजार से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया है. इस वीडियो को यूजर्स बार-बार लूप में देख रहे हैं और वीडियो पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देते हुए अपना प्यार लुटा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'इससे ज्यादा खूबसूरत अहसास जिंदगी में और कुछ हो ही नहीं सकता.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'ये शानदार और दिल को छू लेने वाला वीडियो है.'



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गर्भ से निकलते ही मां से लिपट गया बच्चा, VIDEO देख सोशल मीडिया यूजर्स हुए इमोशनल

Mother Son Viral Video: मां बनने की खुशी दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है और मां-बच्चे का ये रिश्ता सभी रिश्तों से ज्यादा करीबी होता है. यूं तो मां बनने का अहसास बेहद खास होता है. एक मां ही है, जो अपनी अंदर एक नई जिंदगी को पालकर उसे इस दुनिया में लाती है. मां बनने की खुशी शायद दुनिया की हर खुशी से काफी खास है, जैसा कि हाल ही में वायरल इस वीडियो को देखकर समझा जा सकता है. वीडियो में मां और बच्चे के मिलन का ये खूबसूरत पल देखकर आप भी अपना दिल हार बैठेंगे.

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बच्चे के जन्म के बाद उसकी एक झलक पाते ही मां के सुकून और खुशी का ठिकाना नहीं रहता. इस खुशी को शब्दों में बयां कर पाना भी बेहद मुश्किल है, जैसा कि वीडियो में देखने को मिल रहा है. अपने कलेजे के टुकेड़े को अपने सीने से लगाकर हर मां की खुशी को जाहिर कर पाना आसान नहीं है. वीडियो में देखा जा सकता है कि, जैसे ही डॉक्टर्स बच्चे को मां के पास ले जाते हैं, वैसे ही बच्चा अपनी मां के चेहरे से चिपक जाता है. इस दौरान अपनी नन्हीं सी जान को पहली झलक देखते ही मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़ते हैं.

महज 22 सेकंड का दिल छू लेने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर @TheFigen_ नाम की आईडी से शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'न्यूबॉर्न बेबी अपनी मां को छोड़ना नहीं चाहता.' इस वीडियो को अब तक 678.4K व्यूज मिल चुके हैं, जबकि 18 हजार से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया है. इस वीडियो को यूजर्स बार-बार लूप में देख रहे हैं और वीडियो पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देते हुए अपना प्यार लुटा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'इससे ज्यादा खूबसूरत अहसास जिंदगी में और कुछ हो ही नहीं सकता.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'ये शानदार और दिल को छू लेने वाला वीडियो है.'



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"ऐसी स्पीड देखकर तो उसेन बोल्ट भी..."राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर NDTV से बोले पी चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने को लेकर यूपीए सरकार में मंत्री रहे पी चिदंबरम ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने NDTV से की खास बातचीत में कहा कि जिस गति के साथ इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने कार्रवाई की और बाद में राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किया गया, उसे देखकर तो उसेन बोल्ड भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे. मुझे लगता है कि ऐसे मामलों में ये आज तक की सबसे कठोर सजा है. 

पी चीदंबरम ने NDTV से कहा कि पीयूष गोयल या सरकार इसे समझाने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है. किसी की निंदा करने के लिए किसी को आज तक दो साल की सजा कब हुई है? यह दर्शाता है कि आप एक कानून का सहारा लेकर विपक्ष के एक सदस्य को चुप करा सकते हैं. 

गौरतलब है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ तकरीबन सभी विपक्षी पार्टियां खड़ी दिख रही है.इस फैसले के विरोध में सोमवार को तृणमूल की अचानक एंट्री हुई, जिसने सभी को चौंका दिया. इसे विपक्षी एकता की एक दुर्लभ उपलब्धि में से एक माना जा रहा है, क्‍योंकि  तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि वह भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखेगी. आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बड़ी रणनीति बैठक हुई, जिसमें प्रसून बनर्जी और जवाहर सरकार ने टीएमसी का प्रतिनिधित्व किया.

बताया जा रहा है कि इस बैठक में संसद से राहुल गांधी की अयोग्यता पर विपक्ष की रणनीति पर चर्चा हुई. पार्टी ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना चाहिए, भले ही वे अन्य मुद्दों पर संयुक्त मोर्चे से खुद को दूर कर रहे हों.

राहुल गांधी की अयोग्यता पर विरोध स्‍वरूप कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहने थे. तेलंगाना में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ "काले कपड़े" विरोध में शामिल हुई. माफी की मांग को लेकर भाजपा पर राहुल गांधी के "सावरकर नहीं" तंज कसने के बाद, उद्धव ठाकरे ने रविवार को उन्हें चेतावनी दी थी कि सावरकर को नीचा दिखाने से विपक्षी गठबंधन में "दरार" पैदा होगी.



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"ऐसी स्पीड देखकर तो उसेन बोल्ट भी..."राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर NDTV से बोले पी चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने को लेकर यूपीए सरकार में मंत्री रहे पी चिदंबरम ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने NDTV से की खास बातचीत में कहा कि जिस गति के साथ इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने कार्रवाई की और बाद में राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किया गया, उसे देखकर तो उसेन बोल्ड भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे. मुझे लगता है कि ऐसे मामलों में ये आज तक की सबसे कठोर सजा है. 

पी चीदंबरम ने NDTV से कहा कि पीयूष गोयल या सरकार इसे समझाने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है. किसी की निंदा करने के लिए किसी को आज तक दो साल की सजा कब हुई है? यह दर्शाता है कि आप एक कानून का सहारा लेकर विपक्ष के एक सदस्य को चुप करा सकते हैं. 

गौरतलब है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ तकरीबन सभी विपक्षी पार्टियां खड़ी दिख रही है.इस फैसले के विरोध में सोमवार को तृणमूल की अचानक एंट्री हुई, जिसने सभी को चौंका दिया. इसे विपक्षी एकता की एक दुर्लभ उपलब्धि में से एक माना जा रहा है, क्‍योंकि  तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि वह भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखेगी. आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बड़ी रणनीति बैठक हुई, जिसमें प्रसून बनर्जी और जवाहर सरकार ने टीएमसी का प्रतिनिधित्व किया.

बताया जा रहा है कि इस बैठक में संसद से राहुल गांधी की अयोग्यता पर विपक्ष की रणनीति पर चर्चा हुई. पार्टी ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना चाहिए, भले ही वे अन्य मुद्दों पर संयुक्त मोर्चे से खुद को दूर कर रहे हों.

राहुल गांधी की अयोग्यता पर विरोध स्‍वरूप कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहने थे. तेलंगाना में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ "काले कपड़े" विरोध में शामिल हुई. माफी की मांग को लेकर भाजपा पर राहुल गांधी के "सावरकर नहीं" तंज कसने के बाद, उद्धव ठाकरे ने रविवार को उन्हें चेतावनी दी थी कि सावरकर को नीचा दिखाने से विपक्षी गठबंधन में "दरार" पैदा होगी.



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Sunday, 26 March 2023

बांसुरी स्वराज को दिल्ली बीजेपी के कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक किया गया नियुक्त

दिवंगत बीजेपी नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की दिल्ली इकाई के कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया गया है, जिससे उनका सक्रिय राजनीति में प्रवेश सुनिश्चित हो गया है. 

बांसुरी सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद प्रदेश इकाई में अपनी पहली नियुक्ति में बांसुरी को कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया. 

शुक्रवार को जारी एक पत्र में सचदेवा ने कहा कि बांसुरी की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और उम्मीद है कि वह बीजेपी को मजबूत करेंगी. इधर, बांसुरी ने कहा कि वो पहले भी कानूनी मामलों में पार्टी की मदद करती रही हैं.

बांसुरी ने कहा, ‘‘बात बस इतनी है कि मुझे औपचारिक रूप से दिल्ली बीजेपी के कानूनी विभाग की सह-संयोजक के रूप में अधिक सक्रिय रूप से पार्टी की सेवा करने का अवसर दिया गया है.''

बांसुरी ने अपनी नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं को धन्यवाद दिया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘बीजेपी दिल्ली प्रदेश के विधि प्रकोष्ठ का प्रदेश सह-संयोजक के रूप में पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, जे पी नड्डा, बी एल संतोष, वीरेंद्र सचदेवा, बीजेपी की अत्यंत आभारी हूं.''

बीजेपी की दिल्ली इकाई के एक बयान के अनुसार, बांसुरी ने 2007 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में पंजीकरण कराया और कानूनी पेशे में 16 साल का अनुभव है. 

यह भी पढ़ें -

-- राहुल गांधी को सांसद पद के अयोग्य ठहराना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं : सुखबीर बादल
-- राजस्थान पुलिस ने जयपुर, कोटा रेंज और चूरू जिले से 2,051 अपराधियों को किया गिरफ्तार



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बांसुरी स्वराज को दिल्ली बीजेपी के कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक किया गया नियुक्त

दिवंगत बीजेपी नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की दिल्ली इकाई के कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया गया है, जिससे उनका सक्रिय राजनीति में प्रवेश सुनिश्चित हो गया है. 

बांसुरी सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद प्रदेश इकाई में अपनी पहली नियुक्ति में बांसुरी को कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया. 

शुक्रवार को जारी एक पत्र में सचदेवा ने कहा कि बांसुरी की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और उम्मीद है कि वह बीजेपी को मजबूत करेंगी. इधर, बांसुरी ने कहा कि वो पहले भी कानूनी मामलों में पार्टी की मदद करती रही हैं.

बांसुरी ने कहा, ‘‘बात बस इतनी है कि मुझे औपचारिक रूप से दिल्ली बीजेपी के कानूनी विभाग की सह-संयोजक के रूप में अधिक सक्रिय रूप से पार्टी की सेवा करने का अवसर दिया गया है.''

बांसुरी ने अपनी नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं को धन्यवाद दिया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘बीजेपी दिल्ली प्रदेश के विधि प्रकोष्ठ का प्रदेश सह-संयोजक के रूप में पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, जे पी नड्डा, बी एल संतोष, वीरेंद्र सचदेवा, बीजेपी की अत्यंत आभारी हूं.''

बीजेपी की दिल्ली इकाई के एक बयान के अनुसार, बांसुरी ने 2007 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में पंजीकरण कराया और कानूनी पेशे में 16 साल का अनुभव है. 

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सलमान खान को धमकी का मामला : मुंबई पुलिस ने एक व्यक्ति को राजस्थान से पकड़ा

मुंबई पुलिस ने अभिनेता सलमान खान को हाल में यहां उनके कार्यालय में धमकी भरा ईमेल भेजने के सिलसिले में राजस्थान से एक व्यक्ति को पकड़ा है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान के रहने वाले व्यक्ति को बांद्रा थाने की टीम ने पकड़ा और उसे मुंबई लाया जा रहा है. पुलिस ने कहा कि आरोपी धाकड़ राम बिश्नोई (21) जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र के रोहिचा कलां गांव का रहने वाला है. उन्होंने कहा कि वह शस्त्र अधिनियम के एक मामले में जमानत पर है. जोधपुर के पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) गौरव यादव ने कहा कि रविवार को मुंबई के बांद्रा थाने से एक टीम बिश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची. 

यादव ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें बिश्नोई को हिरासत में लेने में मदद करने के लिए कहा. हमने उन्हें सहयोग दिया और बिश्नोई को मुंबई पुलिस को सौंप दिया.''

यादव ने कहा कि बिश्नोई को पिछले साल सितंबर में सरदारपुरा पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर बाहर था. 

जोधपुर पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि मारे गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता को इसी तरह का धमकी भरा ईमेल भेजने के लिए 24 मार्च को बिश्नोई के खिलाफ पंजाब के मानसा में मामला दर्ज किया गया था. 

उन्होंने कहा कि रविवार को बिश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस की एक टीम भी जोधपुर पहुंची थी. 

धमकी भरे ई-मेल के बारे में हाल में बांद्रा थाने में प्रशांत गुंजालकर द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस के अनुसार, गुंजालकर अक्सर सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास पर जाते हैं और फिल्म क्षेत्र से जुड़ी एक कंपनी चलाते हैं. 

पुलिस ने कहा था कि जब गुंजालकर हाल में गैलेक्सी अपार्टमेंट में खान के कार्यालय में मौजूद थे, तो उन्होंने देखा कि ‘रोहित गर्ग' नामक आईडी से एक ईमेल प्राप्त हुआ. ईमेल भेजने वाले ने हिंदी में लिखा, ‘‘गोल्डी भाई (गैंगस्टर गोल्डी बराड़) मामले को बंद करने के लिए सलमान खान से आमने-सामने बात करना चाहते थे. अगली बार, झटका देखने को मिलेगा.''

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मामले की विस्तृत तकनीकी जांच के बाद, पुलिस को आरोपी व्यक्ति के ठिकाने के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद एक टीम राजस्थान भेजी गई और उस व्यक्ति को पकड़ लिया गया.''

उन्होंने बताया कि पुलिस की एक टीम अभिनेता को धमकी देने के संबंध में आरोपी से पूछताछ कर रही है. 

पुलिस के मुताबिक, धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. 

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* 'हम आपके हैं कौन' में सलमान खान की बीवी बनना चाहती थीं रीटा, आज का बदला लुक देख आप भी हो जाएंगे हैरान
* इस बॉलीवुड सुपरस्टार पर जान छिड़कती थीं श्वेता बच्चन, दीवानगी ऐसी कि रात में उसका कैप लेकर सोती थीं
* जब गाड़ी से उतरते ही सलमान खान ने मीडिया से छुपाया था अपना गिलास, वायरल हुआ ये पुराना VIDEO



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Video: वसंत आते ही खिल उठी गुलाबी फूलों की बहार, बिल्लियों पर हुई कुदरत मेहरबान

Viral Video: कहते हैं कि कुदरत को रंग बदलने के लिए किसी के अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती. वो हर मौसम में अपना अंदाज बदलती है. गर्मी के बाद सर्दी और सर्दियों के बाद वसंत में फूलों की बरसात होती नजर आती है. इंसान तो इंसान, वसंत में तो जानवर भी इसके सुरूर में खो जाते हैं. ऐसा ही एक खुश कर देने वाला वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जहां दो बिल्लियां कार पर वसंत का लुत्फ उठाती नजर आ रही हैं.

यूं तो चेरी ब्लॉसम जैसे फूलों से लदे पेड़ों का नाम लेते ही, जहन में सबसे पहले जापान का नाम याद आता है, लेकिन हाल ही में ऐसी ही खूबसूरत फूलों का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. वीडियो में इन खूबसूरत फूलों को देखकर आप भी अपना दिल हार बैठेंगे. दरअसल, जनवरी से मार्च के महीने के बीच कुछ देशों में तबेबुइया रोजिया के पेड़ अपनी चेरी ब्लॉसम वाली रंगत के साथ कब्जा जमा लेते हैं. 

यहां देखें वीडियो

बिल्लियों पर मेहरबान हुई कुदरत 

इस बेहद प्यारे और दिल खुश कर देने वाले वीडियो को नेचर नाम के अकाउंट से इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है. बैकग्राउंड में एक गाना चल रहा है. वहीं वीडियो में दिख रहे फूल वाकई दिल को सुकून पहुंचा रहे हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं कि, वसंत का आगमन हो चुका है. वहीं चेरी के पेड़ से गिरते खूबसूरत गुलाबी फूलों की बारिश में पोर्श कार के बोनट पर पसरी पड़ी बिल्लियां इसका लुत्फ उठा रही हैं. कार के बोनट पर अलसाई पड़ी बिल्लियों पर होती फूलों की बारिश का नजारा लोगों को बेहद पसंद आ रहा है.

लोगों ने कहा 'इससे खूबसूरत नज़ारा कभी नहीं देखा' 

वीडियो कहां का है, ये पता नहीं चल सका है, लेकिन कमेंट्स में लोग कह रहे हैं कि, ये चीन का हो सकता है. बहरहाल इस वीडियो में कुदरत की खूबसूरती को यूजर्स बार-बार लूप में देख रहे हैं. इस वीडियो को काफी पसंद किया जा रहा है और ढेर सारे कमेंट्स बता रहे हैं कि, लोग कुदरत के इस नजारे को कितना पसंद कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है, 'कुदरत रंग बदलती रहती है'. एक अन्य यूजर ने लिखा है कि, 'इससे खूबसूरत नजारा कहीं और नहीं हो सकता'. इस वीडियो को अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने पसंद किया है और लाइक का ये सिलसिला अब भी जारी है.



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सलमान खान को धमकी का मामला : मुंबई पुलिस ने एक व्यक्ति को राजस्थान से पकड़ा

मुंबई पुलिस ने अभिनेता सलमान खान को हाल में यहां उनके कार्यालय में धमकी भरा ईमेल भेजने के सिलसिले में राजस्थान से एक व्यक्ति को पकड़ा है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान के रहने वाले व्यक्ति को बांद्रा थाने की टीम ने पकड़ा और उसे मुंबई लाया जा रहा है. पुलिस ने कहा कि आरोपी धाकड़ राम बिश्नोई (21) जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र के रोहिचा कलां गांव का रहने वाला है. उन्होंने कहा कि वह शस्त्र अधिनियम के एक मामले में जमानत पर है. जोधपुर के पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) गौरव यादव ने कहा कि रविवार को मुंबई के बांद्रा थाने से एक टीम बिश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची. 

यादव ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें बिश्नोई को हिरासत में लेने में मदद करने के लिए कहा. हमने उन्हें सहयोग दिया और बिश्नोई को मुंबई पुलिस को सौंप दिया.''

यादव ने कहा कि बिश्नोई को पिछले साल सितंबर में सरदारपुरा पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर बाहर था. 

जोधपुर पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि मारे गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के पिता को इसी तरह का धमकी भरा ईमेल भेजने के लिए 24 मार्च को बिश्नोई के खिलाफ पंजाब के मानसा में मामला दर्ज किया गया था. 

उन्होंने कहा कि रविवार को बिश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस की एक टीम भी जोधपुर पहुंची थी. 

धमकी भरे ई-मेल के बारे में हाल में बांद्रा थाने में प्रशांत गुंजालकर द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस के अनुसार, गुंजालकर अक्सर सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास पर जाते हैं और फिल्म क्षेत्र से जुड़ी एक कंपनी चलाते हैं. 

पुलिस ने कहा था कि जब गुंजालकर हाल में गैलेक्सी अपार्टमेंट में खान के कार्यालय में मौजूद थे, तो उन्होंने देखा कि ‘रोहित गर्ग' नामक आईडी से एक ईमेल प्राप्त हुआ. ईमेल भेजने वाले ने हिंदी में लिखा, ‘‘गोल्डी भाई (गैंगस्टर गोल्डी बराड़) मामले को बंद करने के लिए सलमान खान से आमने-सामने बात करना चाहते थे. अगली बार, झटका देखने को मिलेगा.''

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मामले की विस्तृत तकनीकी जांच के बाद, पुलिस को आरोपी व्यक्ति के ठिकाने के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद एक टीम राजस्थान भेजी गई और उस व्यक्ति को पकड़ लिया गया.''

उन्होंने बताया कि पुलिस की एक टीम अभिनेता को धमकी देने के संबंध में आरोपी से पूछताछ कर रही है. 

पुलिस के मुताबिक, धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. 

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